पूर्व एमएलसी डॉ हरिओम पाण्डेय व विद्द्यावती राजभर को साहित्य सम्राट पत्रिका आवलोकनार्थ किया समर्पित

अयोध्या lनिज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति कै मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के मिटत न हिय कै सूल l हिंदी हमारी शान है, देश का अभिमान है, "ना करो हिंदी की चिंदी क्योंकि हिंदी तो है देश की बिंदी" l मातृ भाषा हिन्दी जागरूकता अभियान के तहत "हिन्दी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान"अयोध्या द्वारा प्रकाशित लोकप्रिय पत्रिका "साहित्य सम्राट" का नवीनतम अंक अम्बेडकर नगर सर्किट हाउस में लोकप्रिय एम0एल0सी0 डा0 हरिओम पांडेय व पूर्व महिला कल्याण आयोग सदस्य विद्द्यावती राजभर और अन्य राजनैतिक समाज सेवियों को आवलोकनार्थ समर्पित करते हुए हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री/सम्पादक "साहित्य सम्राट"डॉo सम्राट अशोक मौर्य व संस्थान के संरक्षक मंडल सदस्य व ब्यूरो प्रभारी हिन्दी दैनिक जनहित सत्ता राम केर सिंह तथा वरिष्ठ पत्रकार आचार्य स्कंददास उपस्थित रहे l

राजधानी दिल्ली में करेंगे लगातार 264 घंटे तक अनवरत कपालभाति प्राणायाम की साधना

अयोध्या धाम । हनुमानगढ़ी के प्रमुख संत, श्री हनुमान जी के परम उपासक डा. महेश दास उर्फ स्वामी महेश योगी ने राजधानी दिल्ली में 11 दिवस तक अनवरत कपालभाति की साधना के संकल्प व्रत को पूर्ण करने हेतु 24 नवंबर प्रातः 7:00 बजे राजधानी में श्री हनुमान चालीसा का अनवरत 1111 पाठ करने का एक बृहद अनुष्ठान आरंभ किया जिसका समापन 26 नवंबर प्रातः 6:00 बजे लगभग 47 घंटे में 1111 हनुमान चालीसा का पाठ पूर्ण कर इस दिव्य अनुष्ठान की पूर्णाहुति किया। अयोध्या सिद्धपीठ श्री हनुमानगढ़ी में छ: माह से श्री हनुमान जी के सानिध्य में अष्टसिद्धि साधना व रुद्र राज योग की साधना कर रहे स्वामी महेश योगी जी सम्पूर्ण भारत वर्ष में श्री हनुमान भक्ति आन्दोलन संचालित कर सनातन धर्म के अभ्युदय तथा योगमय भारत बनाने जैसे अनेकों महनीय उद्देश्यों की प्राप्ति के लिय साधना रत हैं। जन जन में योग शक्ति की ऊर्जा पुंज को स्थपित करने हेतू स्वामी जी ने अनेकों अभियान चलाया तथा भारत के चारों दिशाओं में चार दिव्य योग धाम की स्थापना के लिए कार्य कर रहे हैं। अपनी कठोर दृढ़ साधना से महेश योगी ने पहले भी अनेकों आश्चर्य जनक विश्व कीर्तिमान बनाकर विश्व पटल पर भारत का गौरव बढ़ाया है।

जिसमें अनवरत 2 करोड़ 18 लाख 26800 कपालभाति करने का विश्व रिकॉर्ड, अनवरत 76 घंटे तक योग मैराथन करने का विश्व रिकॉर्ड, अनवरत 51 घंटे कपालभाति करने का विश्व रिकॉर्ड, 1 मिनट में 21 बार सूर्य नमस्कार करने का विश्व रिकॉर्ड, अयोध्या मां सरयू की गोद में लगातार 13100 बार डुबकियां लगाने का विश्व रिकॉर्ड, चित्रकला के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी व्यक्ति चित्र श्रृंखला बनाने तथा भारत ऋषि ज्ञान एनसाइक्लोपीडिया के लेखन कार्य जैसे अनेकों विशिष्ठ विश्व कीर्तिमान महेश योगी जी के नाम से दर्ज है l

सेकुलर शब्द धर्महीनता का घोतक-मनीष पांडेय

अयोध्या । हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता मनीष पांडेय ने संविधान दिवस के अवसर पर कहा कि आज संविधान दिवस है, 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया, सवाल यह उठता है कि इस संविधान के लागू होने की तिथि के 71 वर्ष बीत जाने के बाद भी क्या संविधान अपने सिद्धांतों पर खरा उतरा? क्या वह भारत की आत्मा को आत्मसात कर पाया? और क्या कहीं ऐसा तो नहीं है कि संविधान दिवस एक षड्यंत्र कारी राजनैतिक इच्छाओं का शिकार हो गया।

कहीं ईंट कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा यह कहावत संविधान पर पूरी तरह से चरितार्थ होती है और इसी का फायदा उठाकर ना सिर्फ और राजनैतिक दलों ने बल्कि न्यायपालिका ने भी समय-समय पर इसे अपने अनुसार तोड़ मरोड़ कर भरपूर इस्तेमाल किया विशेषकर राजनीतिक दलों द्वारा चीन के दबाव में कहीं ना कहीं न्यायपालिका ने भी संविधान को ताक पर रखते हुए अपने निर्णय इस देश की जनता पर थोपे, यह कैसी विडंबना है यह कैसा संविधान है जो आज तक इस देश को मकड़जाल की तरह लपेट चुके भ्रष्टाचार जातिवाद भाषावाद प्रांतवाद, और सामाजिक विखंडिताओ को समाप्त नहीं कर पाया, अधिवक्ता मनीष पांडेय ने संविधान दिवस पर अपने विचार रखते हुए आगे कहा कि इतिहास गवाह रहा है कि ना जाने कितने सैकड़ों मौकों पर राजनीतिक दलों द्वारा इसी संविधान का सहारा लेकर उसे तोड़ मरोड़ कर अपने अनुसार अपनी व्याख्या के अनुसार निर्णय अपने पक्ष में किए गए हैं संविधान पर ही चर्चा चल पड़ी है तो ऐसे में हमें बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संविधान को नहीं भूलना चाहिए।

जिसमें संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में पढ़ाने एवं कर्मकांड कराने हेतु किसी हिंदू को ही रखनी की संस्तुति की गई है पर दुर्भाग्य से अपनी स्वार्थ पर राजनीति एवं वोट बैंक के चलते पंडित महामना मदन मोहन मालवीय की आत्मा को घायल करते हुए उनके द्वारा प्रदत्त संविधान कि एक तरह से होली ही जला दी गई अगर अपनी राष्ट्रीय संविधान की बात की जाए तो उसका उपयोग भी राजनीतिक दलों ने समय-समय पर अपने अपने अनुसार किया है, इसका प्रयोग किस तरह हुआ इसे समझने की आवश्यकता है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान का लेखक माना जाता है वास्तव में वे प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे राजनीतिक दलों ने डॉक्टर अंबेडकर की आड़ लेकर और दलित वोट बैंक को साधने की फिराक में उन्हें संविधान का रचयिता बना दिया, और संविधान की मूल लेखक प्रेम बिहारी नारायण रायजादा को नेपथ्य में ढकेल दिया गया आज संविधान दलित आरक्षण की तो बात करता है किंतु सवर्ण आरक्षण पर मौन था? मौन है और शायद इस देश के स्वार्थी राजनीतिज्ञों की चलती रही तो हमेशा मौन ही रहेगा, जिस संविधान ने 10 वर्ष के अंदर से आरक्षण को समाप्त करने की बात कही थी उसे हमारे स्वार्थी राजनेताओं ने हर 10 वर्ष बढ़ाकर उसे जैसे स्थाई कर दिया है, 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन में बने संविधान में विदेशी आत्मा का प्रभाव तो पूरे संविधान में दिखलाई पड़ता है पर भारतीय आत्मा का दर्शन इसमें कहीं नहीं होता है स्पष्ट कहूं तो पूरे संविधान पर विदेशी प्रभाव ज्यादा दिखाई देता है जबकि भारतीय प्रभाव इसमें पूरी तरह से नगण्य है, संविधान अपने आप में पूर्ण नहीं था।

इसका सबसे अच्छा उदाहरण यही है कि संविधान में अब तक 103 संशोधन होने के बावजूद भी इसे पूरी तरह से शुद्ध नहीं किया जा सका है बल्कि अपने स्वार्थ की वजह से इसे निरंतर अशुद्ध किया जाता रहा 1976 मैं 42 वें संविधान संशोधन मैं इसमें समाजवाद पंथनिरपेक्ष और अखंडता शब्द को जोड़ा गया था जिसमें सेकुलर शब्द अर्थात पंथनिरपेक्षता को लेकर आज तक विवाद है और जिसका समाधान किए जाने की परम आवश्यकता है, श्री पांडेय ने यह भी कहा है कि पंथनिरपेक्षता का अर्थ होता है पंथ से निरपेक्ष अर्थात पंथ से विरक्त अगर इसे अंग्रेजी में कहें तो सेकुलर कहा जाता है अंग्रेजी डिक्शनरी आॅक्सफोर्ड के अनुसार सेकुलर शब्द का अर्थ धर्म हीनता है क्या संविधान के माध्यम से भारत को एक धर्म हीन राष्ट्र के रूप में प्रतिपादित करने का यह षड्यंत्र मात्र तो नहीं है सवाल यह है कि क्या हमें एक ऐसे संविधान की आवश्यकता है जो हमें धर्म से विहीन या पंथ से निरपेक्ष दिखलाता हो, अधिवक्ता मनीष पांडेय ने यह भी कहा है कि सवाल यह भी उठता है कि क्या हमें आज एक ऐसे वैदिक सनातनी संविधान की आवश्यकता है जो भारतीय आत्मा, भारतीय संस्कृति, और सभ्यता के अनुरूप हो जो अंग्रेजों द्वारा प्रदत संविधान ना हो बल्कि पूर्ण रूप से भारतीय आत्मा में रचा बसा एक ऐसे संविधान, जिस पर पूर्ण रूप से गर्व कहते हुए हम यह कह सकें कि हां यही है हमारा असली संविधान ।

जनसेवा ही संस्था का उद्देश्य है-आकाश गुप्त

अयोध्या। जिले में शीतलहर शुरू हो चूका है। लोग ठण्ड से बचे रहे, लिहाजा अब प्रत्येक रविवार को राम कृष्ण सेवा फाउंडेशन के तत्वावधान में जरुरतमंदों को गर्म कंबल वितरित किया जायेगा। जिसकी शुरूवात एक दिसम्बर से होगा। इस दौरान अयोध्या के बिभिन्न घाटों पर रहने वाले जरुरतमंदों को चिन्हित करके उन्हें कंबल मुहैया कराया जायेगा। संस्था द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में संस्था अध्यक्ष आकाश गुप्त ने कहा कि संस्था का उद्देश्य जनसेवा है और संस्था द्वारा जनहित कार्यों के अंतर्गत निरंतर रक्तदान शिविर, भोजन वितरण, पौधरोपण व स्वास्थ्य शिविर के साथ साथ अन्य सामाजिक कार्य निरंतर किये जा रहें है।

इसी क्रम में अब हर रविवार को जरुरतमंदो को कंबल दिया जायेगा जिससे वो इस ठण्ड में सुरक्षित रह सके। यह वितरण कार्य ठण्ड के मौसम में हर रविवार को रात्रि में होगा। आगे उन्होंने कहा है कि समय समय पर संस्था द्वारा गाँव व कस्बे में शिविर के माध्यम से कम्बल बांटे जाते है लेकिन शिविर में वास्तविक जरुरतमंद नहीं पहुंच पाते है इसलिए संस्था की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब संस्था के सदस्य रात्रि में हर रविवार को रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, सरयू के विभिन्न घाटों व मलिन बस्तियों में चिन्हित करके उन्हें कंबल मुहैया कराएंगी ,जिससे पात्र लोगों तक कंबल पहुंच सकें।

संविधान दिवस पर भाजपा कार्यालय में हुई संगोष्ठी*

अयोध्या।संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा संगोष्ठी का आयोजन पार्टी कार्यालय सहादतगंज में किया गया। पार्टी पदाधिकारियों ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर मार्ल्यापर्ण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। आयोजित गोष्ठी में महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव ने कहा कि संविधान दिवस पर बाबा साहब डा भीमराव अम्बेडकर के पथ चिन्हों पर चलने का संकल्प हम लेते है। 26 नवंबर देश के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। देश में संविधान दिवस का महत्व न केवल ऐतिहासिक है बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र, समानता, और न्याय के मूल सिद्धांतों की स्मृति और सम्मान का प्रतीक है।

जिलाध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि संविधान दिवस केवल एक समारोह नहीं है, यह हमारे देश की लोकतांत्रिक विरासत का जश्न है। यह हर भारतीय नागरिक को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाने के साथ-साथ संविधान के आदर्शों को साकार करने का संकल्प लेने का दिन है।

पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश पाण्डेय बादल ने कहा कि 26 नवम्बर की तिथि हमारे लिए महत्वपूर्ण है। क्योकि इस दिन संविधान सभा से संविधान को स्वीकृति प्रदान की गयी थी।

संगोष्ठी में जिला सत्यापन अधिकारी महेश मिश्र ओम, पूर्व जिलाध्यक्ष कमला शंकर पाण्डेय, शक्ति सिंह, शैलेन्द्र कोरी, तिलकराम मौर्या, राघवेन्द्र पाण्डेय, डा राकेश मणि त्रिपाठी, चन्द्र भान सिंह, वरूण चौधरी, अनुराग त्रिपाठी, बालकृष्ण वैश्य, शशि प्रताप सिंह, बब्लू मिश्र, स्वपनिल श्रीवास्तव, धनश्याम अग्रहरि सहित पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहै।

कथा श्रवण में उमड़ रही है भक्तों की भीड़

मुबारकगंज अयोध्या । सोहावल छेत्र के नेपाल मिश्र पुरवा कालफरपुर मे चल रही श्रीमद भागवत कथा वचक पंडित सतीश चन्द्र शास्त्री महाराज के मुख विदु कथा आनंद यजमान श्रीधर मिश्रा व इदंरावती मिश्रा समस्त परिवार के लोगों व समस्त ग्राम वासियों ने आनंद लिया इस अवसर पर मनोज मिश्रा अरुण मिश्रा संदीप मिश्रा अमित तिवारी सुधीर पाण्डेय अनुराग पांडेय राहुल पाण्डेय गशेण शंकर पाण्डेय डां उत्तम वर्मा अक्षत मिश्रा अंश मिश्रा राजू पाण्डेय राजू मिश्रा आदि लोग थे

। हरे दरवाजा कच्चा बाजार अंबाला छावनी से पधारे पंडित विशु शर्मा व श्री शक्ति पीठ के मुख पंडित सुधीर पाण्डेय जी के साथ विकास कुमार मिश्रा विनय कुमार मिश्र आदि ने नेपाल मिश्र पुरवा कालफरपुर मे श्रीमद भगवत कथा वचक पंडित सतीश चन्द्र शास्त्री महाराज के मुख विदु से कथा का आनंद लिया है ।

डॉ. मंजूषा दोबारा चुनी गई आईएमए अध्यक्ष, डॉ दिलीप बने सचिव

अयोध्या।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का चुनाव मंगलवार की देरशाम सिविललाइन स्थित एक होटल में संपन्न हुआ। इस दौरान वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजूषा पांडेय दोबारा निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुईं। वहीं, डॉ. दिलीप कुमार झा को निर्विरोध सचिव चुना गया। निर्वाचित पदाधिकारियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. एफबी सिंह की मौजूदगी में आईएमए के अध्यक्ष और सचिव पद के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। वरिष्ठ सर्जन और पूर्व अध्यक्ष डॉ. रजनीश वर्मा ने अध्यक्ष पद के लिए डॉ. मंजूषा पांडे का नाम प्रस्तावित किया। वरिष्ठ सर्जन और पूर्व अध्यक्ष डॉ. वी.के. गुप्ता ने उनका समर्थन किया। नामांकन पत्र सही होने और इस पद के लिए कोई अन्य नामांकन न होने के कारण डॉ. मंजूषा पांडेय को वर्ष 2024-25 के लिए अध्यक्ष चुना गया।

इसके बाद श्री राम अस्पताल के पूर्व सीएमएस डॉ. सत्येंद्र सिंह ने सचिव पद के लिए डॉ. दिलीप कुमार झा का नाम प्रस्तावित किया। फिजिशियन डॉ. संजय पांडे ने उनका समर्थन किया। कोई अन्य नामांकन न होने के कारण उन्हें भी निर्विरोध सचिव चुना गया। इसके बाद आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. मंजूषा पांडेय ने कहा कि सभी वरिष्ठ चिकित्सकों के मार्गदर्शन से संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास रहेगा। सभी मतभेदों को बुलाकर जिले के सभी चिकित्सकों को एक साथ लेकर संगठन को सशक्त किया जाएगा। पूर्व की भांति चिकित्सक और समाज के हित में भी तमाम कार्य किए जाएंगे। कार्यक्रम में वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर वीके गुप्ता, वरिष्ठ ऑर्थो सर्जन डॉक्टर जीके पांडे, डॉ. आरएस पांडेय, डॉ. आरके राय, डॉ सुमिता वर्मा, डाॅ मीरा ,डाॅवी पी सिंह, डाॅ आर सी अग्रवाल, डाॅ सुरतानी ,डाॅ कौशल, डाॅ जे पी सिंह. शिशिर वर्मा, डॉ उजैर अहमद अंसारी, डॉ केएस मिश्रा, डॉ. शालिनी चौहान, डॉ. आनंद शुक्ला,डाॅ आनन्द गुपता डॉ. पल्लवी श्रीवास्तव, डॉ. गौरव श्रीवास्तव, डॉ. एसके पाठक, डॉ. आरबी वर्मा, डॉ. अरविंद मिश्रा, डॉ. एसएम द्विवेदी, डॉ. विकास तिवारी, डॉ. प्रभात दत्त त्रिपाठी, डॉ. हरिवंश शुक्ला समेत 80 से अधिक डॉक्टर शामिल रहे।

कमिश्नर गौरव दयाल की अध्यक्षता में हुई बैठक

अयोध्या।मंडलायुक्त गौरव दयाल की अध्यक्षता में सी0एम0 डैश बोर्ड के माध्यम से विकास कार्यो की मंडलीय समीक्षा बैठक हुई । इस दौरान कमिश्नर गौरव दयाल ने मौजूद सभी अधिकारियो को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान सभी प्रमुख अधिकारियो की मौजूदगी रही।

पारंपरिक पहनावे की भव्यता को बढ़ाते हुए देवो ने अयोध्या में लांच किया नया स्टोर

अयोध्या: भारत के प्रमुख कपड़े और फैशन ब्रांड सियाराम्स ने अयोध्या में अपने तीसरे देवो स्टोर का उद्घाटन किया। यह स्टोर भारतीय पारंपरिक पहनावे की खूबसूरती को आधुनिक फैशन के साथ जोड़ते हुए "मेड आॅफ इंडिया" की भावना को दशार्ता है, जो आज के फैशन-प्रेमी भारतीय पुरुषों के लिए सबसे सटीक है। अयोध्या के राम मंदिर की पवित्रता के बीच स्थित यह स्टोर देवो की संस्कृति और आधुनिकता के मेल वाली सोच को पूरी तरह से दशार्ता है।

अयोध्या के इस स्टोर में शाही शेरवानी, जो रॉयल्टी की झलक देती हैं, स्टाइलिश इंडो-वेस्टर्न परिधान, जो सांस्कृतिक सीमाओं को जोड़ते हैं, शानदार जोधपुरी सूट, आकर्षक कुर्ता-पायजामा, और खूबसूरत एक्सेसरीज के साथ तैयार टक्सीडो उपलब्ध होंगे। देवो का हर परिधान कपड़े के जरिए कहानी कहने की कला को दशार्ता है।

इस अवसर पर सियाराम्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गौरव पोद्दार ने कहा, "अयोध्या में देवो स्टोर खोलना केवल एक नया स्टोर शुरू करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की समृद्ध विरासत और राम मंदिर की भव्यता का जश्न मानना है। यह खास जगह हमारी सोच को दशार्ती है।

सियाराम्स के वाईस प्रेजिडेंट विकास मल्होत्रा ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, "अयोध्या में तीसरे देवो स्टोर का उद्घाटन हमारे लिए गर्व का पल है क्योंकि हम इसके साथ ही अपने रिटेल कारोबार को बढ़ा रहे हैं। अयोध्या की सांस्कृतिक महत्ता देवो की भावना के साथ पूरी तरह मेल खाती है, और यह तो बस शुरूआत है, आगे और भी कई उपलब्धियां हासिल होंगी।"

संविधान दिवस पर महाविद्यालय में हुआ भव्य आयोजन

अयोध्या। दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोरखपुर में राजनीति विज्ञान विभाग एवं रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में युग पुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ जी महाराज एवं राष्ट्र संत ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज स्मृति व्याख्यान माला में संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय संविधान और नागरिक दायित्व विषय पर मुख्य अतिथि प्रो. रघुवीर सिंह तोमर, पूर्व विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग, महात्मा गॉधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी ने कहा कि किसी देश की शासन व्यवस्था के लिये संविधान की विशेष भूमिका है।

संविधान सरकार के स्वरूप को निर्धारित करने वाला कानून है। अमेरिकन संविधान में शक्ति पृथक्करण के सिद्धांत के साथ ही शक्ति संतुलन के सिद्धांत को अपनाया गया। जबकि ब्रिटेन में संसद को सर्वोच्चता प्रदान किया गया है। भारतीय संविधान में मध्यम मार्ग को अपनाते हुए संविधान द्वारा संसद को कानून बनाने का अधिकार देने के साथ ही न्यायपालिका को कानूनों से नागरिकों एवं समाज के प्रति होने वाले प्रभावों के प्रति समीक्षा का भी अधिकार दिया गया हैं। भारतीय संविधान में मानव गरिमा को सुरक्षित करने के लिए मौलिक अधिकारों का समावेश किया गया साथ ही नागरिकों को यह भी अधिकार दिया गया जिससे उनका समावेशी विकास हो सके।उन्होंने कहा कि आरक्षण के मामले में आर्थिक पिछड़ेपन को आधार बनाकर सरकार द्वारा उन्हें पिछड़े वर्ग में रखा जाना चाहिए। आज के लोकतांत्रिक परिवेश में समाज में अल्पसंख्यक एवं बहुसंख्य का भेद नहीं होना चाहिए बल्कि सबके लिए एक समान कानून की व्यवस्था होनी चाहिए।

लोकतंत्र यह है कि देश का हर नागरिक अपने अधिकारों व दायित्वों के प्रति सचेत रहें।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. अभय कुमार सिंह प्राचार्य साकेत महाविद्यालय फैजाबाद अयोध्या ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम 10वां संविधान दिवस मना रहे हैं। 2015 मे वर्तमान प्रधानमंत्री ने 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी जिसके बाद से प्रत्येक वर्ष संविधान दिवस मनाया जा रहा है। संविधान दिवस इसलिए मनाए जाने की आवश्यकता हुई क्योंकि हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का पालन करना भी आवश्यक है, बिना संविधान के देश गणतंत्र नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि संविधान केवल दस्तावेज नहीं है, बल्कि राष्ट्र का पथ प्रदर्शक है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना उसके मूल भाव को प्रदर्शित करती है। विद्यार्थियों के लिए ये आवश्यक है कि वे अपने कर्तव्यों को समझें तथा जीवन में सकारात्मक लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। नागरिकों का यह भी दायित्व है कि वह राष्ट्र की एकता तथा अखंडता के प्रति समर्पित रहे। संविधान द्वारा प्राप्त शक्तियों के कारण ही आज प्रत्येक नागरिक के अधिकार सुरक्षित है। उन्होंने नकारात्मकता से बचते हुए सकारात्मक सोच को अपनाने की बात कही जिससे भारत तीव्र गति से अपना विकास कर सके। आज भारत के नागरिकों पर विशेष दायित्व यह है कि भ्रष्टाचार से अपने को बचाएं तभी राष्ट्र प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकता है।इस अवसर पर प्रो. विनोद सिंह, विभागाध्यक्ष, रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर ने कहा कि संविधान निमार्ताओं ने देश के प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए संविधान निर्माण किया।