छत्तीसगढ़ में एनसीपी नेता रामावती जग्गी की हत्या के मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपी अभय गोयल और फिरोज सिद्दीकी को मिली जमानत !

छत्तीसगढ़ में एनसीपी नेता की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी अभय गोयल और फिरोज सिद्दीकी को राहत देते हुए जमानत दे दी. कोर्ट ने मुख्य आरोपी याह्या ढेबर की जमानत याचिका खारिज कर दी. अन्य आरोपियों की याचिका पर 9 दिसंबर को सुनवाई होगी.

एनसीपी नेता रामावती जग्गी की 4 जून 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 31 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 28 को कोर्ट ने दोषी करार दिया. दो लोग सरकारी गवाह बने थे, जबकि अमित जोगी को कोर्ट ने बरी कर दिया.

कौन थे रामावती जग्गी?

बिजनेस बैकग्राउंड वाले रामावती जग्गी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता थे. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के करीबी माने जाते थे. जब शुक्ल ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए, तो जग्गी भी एनसीपी में शामिल हो गए. एनसीपी ने उन्हें कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी.

कांग्रेस से अलग होने के बाद विद्याचरण शुक्ल ने एनसीपी को राज्य में विस्तार देने का काम किया और इस कार्य में उनका साथ रामावती जग्गी भी दे रहे थे. राज्य में एनसीपी की एक प्रस्तावित रैली से पहले जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

सीबीआई को सौंपी गई थी जांच

शुरुआत में इस मामले की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस ने की, लेकिन कुछ दिनों बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था. सीबीआई ने जांच में बताया कि हत्या भाड़े के अपराधियों द्वारा की गई थी और यह भी सामने आया कि राज्य पुलिस ने आरोपी को बचाने के प्रयास किए थे.

सीएम पर लगे थे आरोप

घटना की सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने माना कि यह हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण हुई थी. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि राज्य में एनसीपी के बढ़ते प्रभाव के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री अमित जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी ने हत्या की साजिश रची थी.

हाईकोर्ट ने यह भी माना कि आरोपियों के बीच मुख्यमंत्री के आवास और होटलों में कई बैठकें हुई थीं. इस मामले में तीन पुलिस अधिकारियों वीके पांडे, अमरीक सिंह गील और राकेश चंद्र त्रिवेदी पर आरोप था कि उन्होंने सबूत छिपाने के लिए कुछ लोगों को फंसाया था.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट काटने की रणनीति अपनाई जा रही है!

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. आतिशी ने कहा है कि दिल्ली की जनता के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है. आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव लेकर को गलत हथकंडा अपनाया जा रहा है. लोकतंत्र का हनन करने का षडयंतत्र रचा जा रहा है. दिल्ली वालों के वोट काटने की रणनीति अभी से अपनाई जा रही है.

मुख्यमंत्री आतिशी ने दावा किया कि इस क्रम में सबसे पहले 28 अक्टूबर को जारी दिल्ली में 29 SDM बदलने का आदेश है. SDM, ADM की ट्रांसफर और पोस्टिंग GNCTD अमेंडमेंट एक्ट के तहत पूरी तरीके से केंद्र सरकार और एलजी साहब के हाथों में है.

बूथ लेवल ऑफिसर्स का फीड बैक

सीएम का कहना है कि हम पिछले कुछ दिनों में बूथ लेवल के ऑफिसर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स, आशा वर्कर्स और स्कूल टीचर्स से भेंट, मुलाकात कर रहे हैं. दिल्ली के अलग-अलग हिस्से से बूथ लेवल ऑफिसर्स ने हमें संपर्क किया है. सबने हमें बताया है कि उन पर वोट काटने का दबाव बनाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि एक DM के अंदर 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. आतिशी के दावे के मुताबिक एक SDM ने अपने सभी बूथ लेवल ऑफिसर्स को बुलाकर कहा कि जो वोटर आम आदमी पार्टी के हैं, उनके नामों को वोटर लिस्ट से काटना है.

रिकॉर्डिंग सीधा मुझे भेजें- सीएम

सीएम आतिशी ने कहा कि बीजेपी को पता है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव हार रही है. इसलिए बड़ी साजिश रची जा रही है. अफसरों को डराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज मैं दिल्ली के सभी SDM, ADM, AERO और बूथ लेवल ऑफिसर्स से अपील करना चाहती हूं. दिल्ली में जो सैकड़ों AERO हैं, उनसे अपील है अगर कोई भी अफसर गलत तरीके से वोट काटने को कहे, उनकी रिकॉर्डिंग कर लें और वह रिकॉर्डिंग सीधा मुझे भेज दें.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिश ने कहा कि सभी बूथ लेवल ऑफिसर्स से हमारी अपील है कि वो देश का संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए आगे आएं. हर षड्यंत्र का पर्दाफाश करें.

लैंड फॉर जॉब केस: 30 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ चलेगा केस, CBI को मिली अनुमति

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित घोटाले के मामले में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान CBI ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 30 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी संबंधित अथॉरिटी से मिल चुकी है. जांच एजेंसी ने ये भी बताया कि एक आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिलने का अभी भी इंतजार है. वहीं इस मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पहले ही CBI को मिल चुकी है. मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी.

लालू प्रसाद यादव को जमीन के बदले नौकरी के जिस मामले में आरोपी बनाया गया है वह साल 2004 से 2009 का मामला है. उस समय लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे. लालू के अलावा मामले में उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियां (मीसा भारती और हेमा यादव) के अलावा 12 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए थे. सीबीआई के आरोप के मुताबिक लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए बड़े पैमाने पर रेलवे में नौकरी देने में गड़बड़ी की गई थी.

क्या है मामला

आरोप के मुताबिक लालू यादव के मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे. आरोप यह भी लगा कि आवेदकों से जो जमीनें ली गई हैं उसे लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारत के नाम पर लिया गया.केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस घोटाले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांगी थी, गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी.

आरोपियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी

राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीते 7 नवंबर को सुनवाई के दौरान सक्षम प्राधिकारी को लैंड फॉर जॉब मामले से जुड़े मामले में आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक सप्ताह के भीतर मंजूरी देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने यह निर्देश तब दिया था जब उन्हें सीबीआई ने बताया था कि मंजूरी रेलवे बोर्ड में सक्षम प्राधिकारी के पास लंबित है. मंजूरी मिलने में दो हफ्ते लग सकते हैं.

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया था कि उन्हें सूचित किया गया है कि मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने में दो सप्ताह और लग सकते हैं. उस दौरान कोर्ट ने कहा कि इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सक्षम प्राधिकारी पर दबाव डाला गया है. कोर्ट में तीन आरोपपत्र और दो पूरक आरोपपत्र दाखिल किए गए थे. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सक्षम प्राधिकारी एक सप्ताह के भीतर मंजूरी दे दें. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर के लिए तय की थी.

शहीद की बेटी की शादी में सीआरपीएफ जवानों ने किया कन्यादान,जिसने भी देखा हो गया भावुक

हरियाणा के जींद का एक छोटा सा गांव छातर… यहां रहने वाले CRPF के जवान सतीश कुमार साल 2015 को देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे. 9 साल बाद जब उनकी बेटी की शादी हुई तो CRPF के जवान गांव पहुंचे. उन्होंने सतीश कुमार की बेटी का कन्यादान किया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है. जिसने भी इस वीडियो को देखा वो भावुक हो उठा.

इंटरनेट पर यूजर्स CRPF के जवानों की जमकर तारीफ कर रहे हैं. जवानों का कहना था कि सतीश कुमार उनके साथी थे. वो कभी भी उनकी शहादत को नहीं भुला सकते. सतीश की बेटी को पापा की कमी न खले इसलिए CRPF के जवानों ने उसका कन्यादान किया. वीडियो में दिख रहा है कि शहीद की बेटी निशा की शादी में कई CRPF जवान मौजूद हैं.

दुल्हन और दूल्हा सोफे पर बैठकर अपने शहीद पिता की तस्वीर पकड़े हुए हैं. दूल्हा-दुल्हन के पीछे खड़े जवान उन्हें आशीर्वाद देते नजर आ रहे हैं. शादी में मौजूद सभी लोगों की आंखें भी उस वक्त भर आईं जब उन्होंने कन्यादान का दृश्य देखा.

जानकारी के मुताबिक, सतीश कुमार 20 मार्च 2015 को जम्मू-कश्मीर के कठुआ में शहीद हो गए थे. वह उचाना के छातर गांव के रहने वाले थे. शनिवार को शहीद सतीश कुमार की बेटी निशा की शादी हुई. वधू पक्ष की ओर से सीआरपीएफ जवानों ने ही बारात का जोरदार स्वागत किया. सीआरपीएफ अफसर ने पिता का फर्ज निभाते हुए कन्यादान किया और पूरे गांव ने अपनी बेटी को आशीर्वाद देकर विदा किया.

शहीद सतीश की बेटी को शादी में अपने पिता की कमी महसूस न हो, इसकी जवानों ने पूरी कोशिश की. ग्रुप सेंटर सोनीपत से डीआईजी कोमल सिंह, डिप्टी कमांडेंट वेदपाल, अस्सिटेंट कमाडेंट कृष्ण कुमार और अन्य जवान पहुंचे थे.

क्या बोले शहीद के साथी?

सुबह से ही सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. इन्होंने गांव वालों के साथ मिलकर शादी की पूरी तैयारी की. सीआरपीएफ के डीआइजी कोमल सिंह ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘निशा हमारे शहीद सतीश की बेटी है. उससे हमारा खून का रिश्ता तो नहीं है मगर वह हमारे परिवार की बेटी है. वह सीआरपीएफ फैमिली का हिस्सा है. हम लोग यहां पर उसका सम्मान बढ़ाने के लिए आए हैं. हम उसे इस बात पर गर्व महसूस कराने आए हैं कि उसके पिता ने सर्वोच्च बलिदान दिया है.

बागेश्वर बाबा पर हमले की खबरों का खुद बाबा ने किया खंडन, बताया घटना का कारण

मशहूर कथावाचक बाबा बागेश्नर पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों 9 दिवसीय पदयात्रा पर निकले हैं. हिंदुओं को जागरूक करने के लिए यह यात्रा निकाली गई है. लेकिन यात्रा के दौरान झांसी में किसी ने बाबा बागेश्वर पर हमला कर दिया. फूलों से स्वागत करने के दौरान किसी ने उनके ऊपर मोबाइल फेंक दिया. इस कारण उनके चेहरे पर चोट आई. लेकिन अब इस पर बाबा बागेश्वर ने सफाई दी है.

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- मुझ पर किसी प्रकार का हमला नहीं हुआ. किसी से भक्त के द्वारा फूल फेंकने के साथ मोबाइल जाकर के चेहरे पर लगा था, भक्त को उसका मोबाइल वापिस दे दिया गया है. बाबा पर हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जानकारी के मुताबिक, पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा झांसी से ओरछा की ओर जा रही थी. तभी किसी ने फूलों के साथ उनके ऊपर मोबाइल फेंक दिया. इसे लेकर बागेश्वर बाबा की सुरक्षा पर कई सवाल उठने लगे. लेकिन बाबा ने खुद इस पर सफाई दी है. बोले- मोबाइल गलती से फेंका गया था.

पदयात्रा का छठवां दिन

आज बागेश्वर बाबा की यात्रा का छठवां दिन है. हिंदू एकता यात्रा बागेश्वर धाम से ओरछा तक जारी है. यात्रा को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. हजारों लोग बाबा के साथ पदयात्रा में शामिल हो रहे हैं. जहां-जहां से यात्रा गुजर रही है, वहां फूलों से स्वागत किया जा रहा है. इस दौरान बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त भी बागेश्वर बाबा के साथ जुड़े थे. इसके अलावा द ग्रेट खाली भी शामिल हुए थे.

9 दिवसीय पदयात्रा

9 दिनों तक चलने वाली बागेश्वर बाबा की इस यात्रा में लाखों की संख्या में भक्त शामिल होकर जिस रास्ते से निकल रहे हैं वह भगवामय होता जा रहा है. एमपी, यूपी से लेकर बिहार, राजस्थान और दिल्ली तक से श्रद्धालुओं का जमघट बाबा बागेश्वर के समर्थन में पहुंच रहा है.

JMM छोड़ने वाले नेता एक बार फिर फ्लॉप, बाबूलाल सोरेन और सीता सोरेन समेत इन नेता हारे!

झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 में JMM के कई बागी नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. इसमें सीता सोरेन से लेकर बाबू लाल सोरेन तक शामिल हैं. शिकस्त झेलने वालों में कुल 4 नेता हैं. इन नेताओं को चुनाव से पहले JMM से इस्तीफा देना भारी पड़ा है.

बाबूलाल सोरेन- ये पूर्व सीएम चंपई सोरेन के बेटे हैं. घाटशीला सीट से बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था. उन्हें JMM के रामदास सोरेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा. बाबूलाल को 75 हजार 910 वोट मिले तो रामदास को 98 हजार 356 वोट मिले. यानी बाबूलाल को 20 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा.

सीता सोरेन- सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को जामताड़ा सीट पर कांग्रेस के इरफान अंसारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इरफान अंसारी को 1 लाख 33 हजार 266 वोट मिले तो सीता सोरेन को 89 हजार 590 वोट मिले.

सूरज मंडल- ये कभी शिबू सोरेन का दाहिना हाथ हुए करते थे. बीजेपी में अपना सियासी भविष्य देख रहे थे, लेकिन कुछ कर नहीं पाए.

लोबिन हेम्बर्म- लोबिन JMM से बीजेपी में शामिल हुए थे. पार्टी ने उन्हें बोरियो से टिकट मिला था. लेकिन वो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. उन्हें JMM के धनंजय सोरेन के हाथों शिकस्त मिली. लोबिन के खाते में 78 हजार 044 वोट आए तो धनंजय को 97 हजार 317 वोट मिले.

लगातार दूसरी बार सीएम बनेंगे सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन 81 सदस्यीय विधानसभा की 56 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार झारखंड की सत्ता पर काबिज हुआ. वहीं, चुनाव अभियान के दौरान एड़ी-चोटी का जोर लगाने वाला NDA महज 24 सीटें हासिल कर सका. विधानसभा चुनावों में JMM और कांग्रेस ने आदिवासी बेल्ट की 27 सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि बीजेपी महज सरायकेला में जीत दर्ज करने में सफल रही, जहां उसने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को मैदान में उतारा था.

चंपई विधानसभा चुनावों से पहले JMM छोड़ BJP में शामिल हो गए थे. उन्होंने हेमंत सोरेन नीत पार्टी पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था. हालिया विधानसभा चुनावों में आदिवासी बेल्ट की 20 सीटें अकेले JMM की झोली में गईं. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पार्टी को लोकलुभावन योजनाओं के अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ कथित अन्याय का मुद्दा उठाने से पैदा हुई सहानुभूति लहर का फायदा मिला.

वहीं, JMM की सहयोगी कांग्रेस सात सीटों पर विजयी रही. जबकि, 2014 के विधानसभा चुनावों में पार्टी आदिवासी बेल्ट में खाता तक खोलने में नाकाम रही थी. वहीं, 2019 के लोकसभा चुनावों में उसने छह सीटों पर कब्जा जमाया था.

सपा नेताओं का डेलिगेशन आज नहीं जाएगा संभल, राहुल गांधी जल्द करेंगे दौरा

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा की घटना के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अगले एक-दो दिन के अंदर हिंसा की आग में झुलसे संभल का दौरा करने वाले हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने अपना आज (मंगलवार) का संभल दौरा स्थगित कर दिया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी जल्द ही संभल जाने की योजना बना रहे हैं. उत्तर प्रदेश से सहारनपुर से लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने बताया कि वह (राहुल गांधी) कल या परसों संभल जाएंगे. इस बीच संभल जाने वाला समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने का कार्यक्रम टल गया है. पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, सपा के प्रतिनिधिमंडल को आज संभल जाना था.

अखिलेश से मुलाकात के बाद संभल की यात्रा

लेकिन प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्य अब दिल्ली के लिए रवाना होंगे. राजधानी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सलाह मशविरे के बाद ही प्रतिनिधिमंडल संभल जाएगा. नई तारीखों का अभी ऐलान नहीं किया गया है.

इससे पहले समाजवादी पार्टी के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के संभल दौरे पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा, “हम वहां पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार को देखने जाएंगे. हम घटना में मारे गए युवाओं के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे. क्या पुलिस कभी अपने किए की जिम्मेदारी लेती है?. आजकल पुलिस के पास अवैध हथियार और सरकारी हथियार दोनों होते हैं. पुलिस फायरिंग के लिए दूसरे (अवैध) हथियार का इस्तेमाल करती है.”

सांसद बर्क समेत कई पर केस दर्ज

दूसरी ओर, संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के क्षेत्रीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. अब तक कुल 7 केस दर्ज किए जा चुके हैं जबकि 25 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है.

संभल के पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण कुमार विश्नोई ने कल सोमवार को जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ बताया कि हिंसा में घायल दारोगा दीपक राठी ने करीब 800 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है जिनमें सांसद बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को भी नामजद किया गया है. उन्होंने बताया, “केस में इन पर ऐसे आरोप लगे हैं कि इन लोगों ने भीड़ को भड़काकर हिंसा भड़का दी.”

आज हालात में सुधार, स्कूल-दुकानें खुलीं

विश्नोई ने बताया कि संभल हिंसा मामले में पुलिस की ओर से अब तक कुल 7 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें 6 नामजद किए गए हैं जबकि 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही 5 केस कोतवाली थाने में और 2 नखासा थाने में दर्ज कराए गए हैं.

इस बीच संभल की जामा मस्जिद परिसर में 2 दिन पहले रविवार को सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद आज मंगलवार को हालात में थोड़ा सुधार दिखा. स्कूल भी खुले. रविवार की हिंसा के बाद सोमवार को संभल में बाजार बंद था लेकिन कई इलाकों में दुकानें खुली देखी गईं. आज सुबह भी स्थिति सामान्य नजर आ रही है. आज स्कूल भी खुले हैं और रोजमर्रा की जरूरतों की दुकान खुली नजर आ रही है, हालांकि जिले में इंटरनेट सेवा आज भी बंद है. इसकी वजह से लोगों की खासी दिक्कत हो रही है.

संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान स्थिति बेहद खराब हो गई, जिसमें पत्थरबाजी और आगजनी की घटना में चार लोगों की जान चली गई और करीब 20 लोग घायल हो गए.

उज्जैन के बाबा महाकाल के दरबार में 9 भारतीय क्रिकेटर ने लिया आशीर्वाद, अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई ने की बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना!

उज्जैन के बाबा महाकाल के दरबार में प्रतिदिन सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती में मंगलवार सुबह एक दो नहीं बल्कि पूरे 9 भारतीय क्रिकेटर ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. इस दौरान सभी खिलाड़ियों ने नंदी हॉल के पास बैठकर बाबा महाकाल के दर्शन किए. साथ ही उन्होंने चांदी द्वार पर बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की. भारतीय क्रिकेटर को देखते ही लोगों की भारी भीड़ मंदिर में उन्हें देखने के लिए पहुंच गई.

महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित विपुल चतुर्वेदी में जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार सुबह भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अक्षर पटेल, रवि बिश्नोई, आकाश सिंह, अभिषेक देसाई, ऋषभ चौहान, चिंतन गाजा, उमंग टांडेल, विशाल जायसवाल और भानु पनिया बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचे थे. यहां उन्होंने लगभग 2 घंटे तक बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने यहां बाबा महाकाल का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना किया.

सभी ने मांगी मनोकामनाएं

इसके बाद सभी खिलाड़ियों ने नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामनाएं मांगी. मीडिया से बात करते हुए अक्षर पटेल ने कहा कि बाबा महाकाल हमें हर साल बुलाते रहते हैं इसलिए हम यहां पर आते हैं. बाबा महाकाल जानते हैं कि हमें क्या देना है और क्या नहीं देना है. खिलाड़ी रवि बिश्नोई ने बताया कि आज बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने के लिए दूसरी बार यहां आया हूं. बाबा महाकाल की कृपा आप और हम पर बनी रहे बस यही कामना है.

खिलाड़ियों ने की मंदिर में पूजा

बाबा महाकाल की पूजा अर्चना करने बाद सभी भारतीय क्रिकेटर मंदिर में कुंड के पास स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान श्री कोटेश्वर महादेव का पूजा-अर्चना और जलाभिषेक किया. वैसे तो बाबा महाकाल की ख्याति देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद लगातार बॉलीवुड के सितारे ही नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी मंदिर में प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती और बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

कब-कब हो सकते है आरती में शामिल

एक साल पहले विराट कोहली भी बाबा महाकाल के दर्शन करने आए थे. जिसके बाद अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई लगभग दो से तीन बार बाबा महाकाल के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेना आ चुके हैं. भस्म आरती वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए सबसे पसंदीदा समय है, लेकिन अगर कोई वीआईपी इस समय नहीं आ पाता तो ,वह भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती तक बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर में पहुंचता है.

मध्य प्रदेश के मुरैना में बड़ा हादसा: मकान में ब्लास्ट से 2 महिलाओं की मौत, 4 से 5 लोग घायल!

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से दिल दहलाने वाला एक मामला सामने आया है. यहां मंगलवार रात एक मकान में ब्लास्ट होने से दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई है. जबकि, इस पूरे हादसे में 4 से 5 लोग घायल हो गए हैं. सभी घायल लोगों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल धमाके के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.

घटना मुरैना शहर के कोतवाली थाने के तहत आने वाली टंच रोड स्थित राठौर कॉलोनी की है, जहां मंगलवार रात करीब 12 से 1 के बीच अचानक से 2 मंजिला मकान में जोरदार ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट में तीन मकान धराशायी हो गए हैं. जिस मकान में ब्लास्ट हुआ उससे चिपके हुए दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ब्लास्ट होते ही पूरी कॉलोनी में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए.

2 महिला की मौत

पड़ोसियों ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू टीम और एंबुलेंस को मामले की जानकारी दी. पुलिस और रेस्क्यू टीम ने ब्लास्ट हुए मकान से 2 महिलाओं के शव और 4 से 5 घायल लोगों को बाहर निकाला. आशंका है कि मकान में रखे पटाखों में विस्फोट हुआ था. हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं की है. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक (SP) समीर सौरभ ने बताया कि मामले की जांच की जा रहा है.

तीम मकान हुए क्षतिग्रस्त

अभी कुछ भी कहना मुश्किल है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. बताया जा रहा है कि जिस मकान में ब्लास्ट हुआ है, वह राकेश राठौर नाम के व्यक्ति का है. घटना के समय उसकी पत्नी विद्या राठौर (55) मकान में अंदर फंसी रह गई. जिससे उसकी मौत हो गई है. साथ ही पूजा राठौर नाम की महिला की भी इस ब्लास्ट में मौके पर ही मौत हो गई है.ब्लास्ट होने वाले मकान के पास रहने वाले आकाश राठौर के दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. आकाश राठौर ने बताया जैसे ही विस्फोट हुआ चारों तरफ धुआं छा गया . मलबा काफी दूर तक उछल कर गिरा.

हरियाणा सरकार ने खरीदा 80 करोड़ रुपये का नया हेलीकॉप्टर, कांग्रेस ने लगाया 4 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का आरोप

हरियाणा सरकार ने राज्य में करीब 80 करोड़ रुपए का हेलीकॉप्टर खरीदा है. इस हेलीकॉप्टर को जर्मनी से हरियाणा में लाया गया. सरकार के मुताबिक, वो हेलीकॉप्टर 15 साल पुराना था. नया खरीदा गया हेलीकॉप्टर Airbus H145-D3 है. हेलीकॉप्टर के आने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसकी पूजा अर्चना की है. मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पहले वाले हेलीकॉप्टर में दिक्कत हो गई थी, ऐसे में सुरक्षा कारणों की वजह से उन्हें परेशानी हो रही थी.

इस वजह से नया हेलीकॉप्टर खरीदा गया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि हरियाणा टीम के अपने परिवार के लोगों के साथ नए हेलीकॉप्टर की पूजा की. इन नए हेलीकॉप्टर की मदद से राज्य सरकार नॉन-स्टॉप हेलीकाप्टर से हरियाणा के विकास को रफ्तार देगी. हेलीकॉप्टर के खरीदने पर कांग्रेस पार्टी ने राज्य पर 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज होने का आरोप लगाया है.

क्या बोले नागरिक उड्डयन मंत्री?

कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए हरियाणा सरकार में मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि नागरिक उड्डयन विभाग की तरफ से इस हेलीकॉप्टर के लिए काफी समय पहले ही खरीदने की योजना बनाई गई थी. वर्तमान में सरकार जिस हेलीकॉप्टर को इस्तेमाल कर रही है, वो सालों पुराना है. बीजेपी सरकार में नागरिक उड्डयन विभाग के मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि, पुराने हेलीकॉप्टर की वजह से काफी समस्या हो रही थी. ऐसे में पुराने हेलीकॉप्टर को बदलने के लिए साल भर पहले ही नए हेलीकॉप्टर के लिए ऑर्डर भेजा गया था.

उन्होंने कहा की अभी से हेलीकॉप्टर की कीमत को तय नहीं किया जा सकता है, जब पुराने हेलीकॉप्टर की बिक्री हो जाएगी, उसके बाद ही गणना के बाद इसकी सही लागत तय होगी. हालांकि, नए हेलीकॉप्टर को 80 करोड़ रुपये की लागत से खरीदने की बात कही गई है. पुराने हेलीकॉप्टर को 33 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया था.