राज्य में अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहनों पर एचएसआरपी चिन्ह लगाना अनिवार्य

रायपुर-   छत्तीसगढ़ राज्य में अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत सभी श्रेणी के मोटर वाहनों पर वाहन स्वामी द्वारा 120 दिवस के भीतर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (एचएसआरपी) लगवाया जाना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा दो वेंडर क्रमशः मेसर्स रीयल मेजॉन इंडिया लिमिटेड और रोसमर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड को निर्धारित दर पर एचएसआरपी चिन्ह लगाने के लिए अधिकृत किया गया है।

परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश की अध्यक्षता में आज महानदी मंत्रालय भवन में आयोजित बैठक में अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर, उक्त परिवहन आयुक्त मनोज ध्रुव, उप परिवहन आयुक्त युगेश्वरी वर्मा, एआरटीओ वाय.व्ही. श्रीनिवास, वरिष्ठ वैज्ञानिक अमित देवांगन, एन.आई.सी कंपनी प्रतिनिधि मुकेश मल्होत्रा चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, मेसर्स रोसमर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमि.,  विश्वजीत मुखर्जी, डायरेक्टर मेसर्स रियल मेजॉन इंडिया लिमि., कौशल नियाज एवं अनुराग चौधरी उपस्थित थे।

परिवहन विभाग द्वारा समस्त आरटीओ कार्यालयों को जोन-ए और जोन-बी में बांटा गया है। जोन-ए के अंतर्गत शामिल आरटीओ कार्यालयों में अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहनों में एचएसआरपी चिन्ह लगाने की जिम्मेदारी मेसर्स रियल मेजॉन इंडिया लिमिटेड को दी गई है। जोन-ए के अंतर्गत गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोण्डागांव, मुंगेली, बेमेतरा, कवर्धा, केारबा, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर एवं रायपुर आरटीओ कार्यालय शामिल हैं। इसी तरह जोन-बी के अंतर्गत आरटीओ कार्यालय रायगढ़, गरियाबंद, जशपुर, धमतरी, बलौदाबाजार, महासमुंद, राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, दंतेवाड़ा, कांकेर, अम्बिकापुर, बैकुण्ठपुर, जदलपुर में पंजीकृत वाहनों पर एचएसआरपी चिन्ह लगाने की जिम्मेदारी मेसर्स रोसमर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड को सौंपी गई है। उक्त दोनों कम्पनियां निर्धारित दर पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाएंगी। टू-व्हीलर मोटर सायकिल, स्कूटर, मोपेड के अलावा ट्रैक्टर, पॉवर टीलर एवं ट्रेलर पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने के लिए जीएसटी सहित 365.80 रूपए, 3-व्हीलर के लिए 427.16 रूपए, लाईट मोटर व्हीकल/पैसेंजर कार के लिए 656.08 रूपए एवं 705.64 रूपए की दर निर्धारित की गई है। सभी भुगतान केवल डिजिटल मोड के माध्यम से किए जाएंगे। आटोमोबाइल डीलरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत मोटरवाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (आवश्यक तीसरी पंजीकरण प्लेट सहित) प्रत्येक इंस्टालेशन हेतु 100/- अतिरिक्त चार्ज के साथ लगाया जावेगा। घर पहुंच सेवा हेतु अतिरिक्त राशि देनी होगी।

गौरतलब है कि सर्वाेच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों, केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के प्रावधानों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य में अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत प्रत्येक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाए जाने के संबंध में आदेश जारी किया जा चुका है।

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह हेतु जारी निर्देशों का पालन नहीं होने पर केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम एवं नियमों के अनुसार जुर्माना किया जाएगा। मोटरयान अधिनियम 1988 में दिये गये प्रावधान अंतर्गत दिए गए पेनाल्टी से बचने के लिए केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 50 के तहत नकली हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह समान दिखने वाली प्लेटे/स्मार्ट नंबर प्लेट जैसे होलोग्राम/इंडिया मार्क/इंडिया शिलालेख आदि से लैस सड़क पर चलने वाले वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह प्लेट से बदलना होगा अनिवार्य होगा। अनाधिकृत रूप से हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह की बिकी और आपूर्ति करते पाए जाने वाले डीलरों या अन्य व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जावेगी। आम नागरिकों की सुविधा हेतु हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह आवेदन की प्रक्रिया वेबसाईट में उपलब्ध होगी।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने डॉ. यास्मीन सिंह की पुस्तकों का किया विमोचन, प्रीति अदाणी सहित कई गणमान्य हस्तियां रहीं मौजूद
नई दिल्ली- केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी एवं कलाधर्मी डॉ यास्मीन सिंह की दो पुस्तकों ‘कथक रचनाओं का सौंदर्यबोध’ और ‘राजा चक्रधर सिंह’ का विमोचन किया. यह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित किया गया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने की. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत, भाजपा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष वी.डी. शर्मा और अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ प्रीति अदाणी मौजूद थीं.

कार्यक्रम में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त, छत्तीसगढ़ के प्रथम महाधिवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट के ख्यातिलब्ध वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र श्रीवास्तव समेत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और देश के जाने-माने गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. 

31 मार्च 2030 तक लागू रहेगी प्रदेश में नई औद्योगिक नीति, मंत्री देवांगन ने कहा- इससे प्रदेश में बेहतर वातारण का होगा निर्माण
रायपुर-  वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि प्रदेश की नवीन औद्योगिक नीति में उद्यमियों और युवाओं के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने वाली है. इससे प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातारण का निर्माण होगा और प्रदेश के निवासियों को रोजगार उपलब्ध होंगे.

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा 14 नवंबर को प्रदेश में नवीन औद्योगिक नीति लॉन्च की गई थी. छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने तथा राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कई प्रावधान किए हैं. राज्य के प्रशिक्षित व्यक्तियों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए उद्योगों के लिए प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है. यह नीति 31 मार्च 2030 तक के लिए होगी.

उद्योग मंत्री देवांगन ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, लागत पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट. मूल्य संवर्धित कर प्रतिपूर्ति का प्रावधान है. नई नीति में मंडी शुल्क छूट, दिव्यांग (निःशक्त) रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर की प्रतिपूर्ति के भी प्रावधान किये गये हैं. इस नीति में राज्य के युवाओं के लिये रोजगार सृजन को लक्ष्य में रखकर एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर बी-स्पोक पैकेज विशिष्ट क्षेत्र के उद्योगों के लिये प्रावधानित है. राज्य के निवासियों विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों, जिनमें पैरामिलिट्री भी शामिल है, को नई औद्योगिक नीति के तहत अधिक प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है. नक्सल प्रभावित लोगों, कमजोर वर्ग, तृतीय लिंग के उद्यमियों के लिए नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत विशेष प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है. नई औद्योगिक नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिये पृथक-पृथक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है.

इस नीति में फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा गैर काष्ठ वनोत्पाद (एनटीएफपी) प्रसंस्करण, कम्प्रेस्ड बॉयो गैस, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (ए.आई), रोबोटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग (जी.पी.यू), आई.टी., आई.टी.ई.एस., डेटा सेंटर, जल विद्युत परियोजनाओं, सौर ऊर्जा परियोजनाओं आदि के लिए आकर्षक पृथक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान है. राज्य के कोरबा-बिलासपुर-रायपुर को देश के औद्योगिक मानचित्र में स्थान दिलाने के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना का प्रावधान है. नई औद्योगिक नीति के निर्माण के लिए उद्योग विभाग द्वारा संबंधित सभी हितपक्षों, औद्योगिक संगठन, औद्योगिक समूहों, संबंधित विभागों के साथ एक वर्ष तक संवाद एवं गहन विचार-विमर्श कर तैयार किया गया है.

4 आईपीएस अफसरों का तबादला, इन जिलों के बदले गए एसपी
रायपुर- राज्य सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के चार अधिकारियों का तबादला किया है, जिसमें राजेश अग्रवाल, धर्मेंद्र सिंह छवई, मयंक गुर्जर और पूजा कुमार को इधर से उधर किया गया है. इन तबादलों में कबीरधाम और बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षकों के पद भी बदले गए हैं. इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया है.
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना : रायपुर में 100 ई-बसें चलाने की तैयारी, राज्य सरकार ने प्रशासकीय स्वीकृति और निविदा आमंत्रण की दी अनुमति

रायपुर-   राजधानी रायपुर में प्रधानमंत्री ई बस योजना के अंतर्गत 100 ई बसें शीघ्र चलेगी. राज्य शासन ने निर्धारित क्रियान्वयन एजेंसी रायपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी को बस डिपो सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जारी केन्द्रांश राशि 8 करोड़ 60 लाख के अनुपातिक राज्यांश राशि 5 करोड़ 73 लाख एवं बीटीएम पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केन्द्रांश राशि 12 करोड़ 90 लाख इस प्रकार कुल 27 करोड़ 23 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रण की अनुमति प्रदान की है.

इस संबंध में राज्य शहरी विकास अभिकरण छग ने आदेश जारी कर दिया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व एवं उपमुख्यमंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग अरूण साव के मार्गदर्शन में राजधानी शहर रायपुर में शीघ्र 100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रारंभ करने की शानदार सौगात मिलने जा रही है. इसके लिए आमानाका बस डिपो में चार्जिंग सिस्टम लगाया जाएगा. डिपो में इलेक्ट्रिकल संबंधी कार्य निरंतर प्रगति पर है. प्रधानमंत्री ई बस योजना के शीघ्र क्रियान्वयन से राजधानी शहर रायपुर में वायु प्रदूषण कम होगा एवं लोगो को इसका लाभ मिलेगा. नगर वासियों को नगर में विष्णु के सुशासन का प्रत्यक्ष सकारात्मक प्रभाव प्रधानमंत्री ई बस योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन से शीघ्र देखने को मिलेगा.

कलेक्टर एवं जिला अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी रायपुर के पदेन अध्यक्ष डाॅ. गौरव कुमार सिंह के आदेशानुसार एवं निगम आयुक्त और जिला अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी रायपुर के पदेन सचिव अविनाश मिश्रा के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री ई बस योजना के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा दी गई स्वीकृति के अनुरूप शीघ्र नियमानुसार निविदा बुलवाने के निर्देश दिए गए हैं. कार्य को केन्द्र सरकार एवं छत्तीसगढ शासन की लोकहितैषी मंशा के अनुरूप सर्वोच्च प्राथमिकता देने कहा गया है.

जिला अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी की नियमावली के अनुपालन तथा अन्य आनुशांगिक नियमों का पालन करते हुए आगामी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण की जाएगी. स्वीकृत राशि का उपयोग बस डिपो सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बीटीएम पावर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्य के लिए किया जाएगा. अन्य किसी भी तरह का भुगतान निषेध होगा. कार्य विभाग मैनुअल के प्रावधानों एवं विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कार्यवाही की जाएगी. स्वीकृत राशि से अधिक व्यय होने की दशा में अतिरिक्त राशि का व्यय सोसायटी को स्वयं वहन करना होगा.

भारत सरकार की दिशा निर्देशों का पालन करें : कलेक्टर

कलेक्टन ने कहा है कि भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना अंतर्गत जारी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए. राज्य शासन तथा नोडल एजेंसी सूडा द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा. कार्य प्रारंभ करने से पूर्व सक्षम प्राधिकारी से तकनीकी स्वीकृति एवं अन्य आवश्यक अनुमति, अनापत्ति प्राप्त कर ली जाए, ताकि निर्धारित समय सीमा अंतर्गत कार्य पूर्ण किया जा सके. निर्माण कार्य सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदित डीपीआर नक्शे एवं ले-आऊट अनुसार किया जाए. योजनांतर्गत रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान एवं दक्ष ऊर्जा उपकरणों का उपयोग किया जाना सुनिश्चित किया जाए.

प्रदीप उपाध्याय आत्महत्या मामला : प्रेम प्रसंग के चलते क्लर्क ने किया था सुसाइड, पुलिस ने मोबाइल चैट के जरिये किया बड़ा खुलासा

रायपुर-  कलेक्टर कार्यालय राजस्व विभाग में पदस्थ क्लर्क प्रदीप उपाध्याय की आत्महत्या मामले में पुलिस की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रायपुर पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि प्रदीप ने प्रेम प्रसंग के चलते आत्महत्या की थी. पुलिस ने इस संबंध में जांच प्रतिवेदन कमिश्नर महादेव कावरे को सौंप दिया है.

रायपुर एसएसपी संतोष सिंह ने बताया कि प्रेम प्रसंग चलते क्लर्क ने आत्महत्या की थी. पुलिस को जांच में अन्य लोगों के मोबाइल चैट से यह जानकारी मिली है कि प्रदीप उपाध्याय मानसिक तनाव में थे. हालांकि, मृतक के परिजनों ने जांच में पुलिस का सहयोग नहीं किया. पुलिस ने जांच प्रतिवेदन कमिश्नर को भेज दिया है.

प्रदीप उपाध्याय ने सुसाइड नोट में अधिकारियों पर लगाए थे गंभीर आरोप

बता दें कि क्लर्क प्रदीप उपाध्याय ने 28 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने से पहले प्रदीप उपाध्याय ने एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने विभाग के तीन अधिकारियों तत्कालीन एडीएम गजेंद्र ठाकुर, वीरेंद्र बहादुर सिंह और एडीएम देवेंद्र पटेल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. इस घटना के बाद सर्व ब्राम्हण समाज ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट का हवाला देते हुए वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया. वहीं इस मामले को लेकर सियासत भी गरमाई थी.विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा था. इस मामले में जांच की जिम्मेदारी GAD ने संभाग आयुक्त महादेव कावरे को सौंपी थी.

सुसाइड नोट में लिखी ये बातें

मृतक प्रदीप उपाध्याय ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि, ‘मैं प्रदीप उपाध्याय पूरे होश हवास में यह आत्महत्या पत्र लिख रहा हूं. मुझे पूरी उम्मीद है कि जिन अधिकारियों का नाम है. उन्हें भाजपा सरकार या तो कांग्रेस पार्टी जरूर सजा दिलाएगी. मैं पूरी ईमानदारी कर्तव्य निष्ठा से अपना कार्य कर रहा था.’

‘मुझे डायवर्सन शाखा के साथ राजस्व आपदा का काम सौंपा गया था. मुझे परेशान करने के लिए देवेंद्र पटेल तत्कालीन SDO रायपुर आज दिनांक में कलेक्ट्रेट रायपुर में ADM है. गजेंद्र ठाकुर अपर कलेक्टर के साथ मिलकर मुझे नजीर शाखा में अतिरिक्त कार्य सौंपा गया.’

‘मैं अपना काम निष्ठा से कर रहा था, लेकिन अधिकारियों तत्कालीन ADM गजेंद्र ठाकुर, तत्कालीन ADM वीरेंद्र बहादुर और SDO देवेंद्र पटेल ने किसी नेता से मेरी फर्जी शिकायत कराकर मेरा खरोरा ट्रांसफर कर दिया. हर अधिकारी से मेरी बुराई की गई. जिससे कलेक्टर के सामने मेरी छवि खराब की गई.’

‘लेकिन मेरी शिकायत प्राप्त नहीं होने पर देवेंद्र पटेल और गजेंद्र ठाकुर द्वारा भूमिका बनकर किसी नेता से तत्कालीन कलेक्टर को फोन कर शिकायत कराई गई. मुझे खरोरा ट्रांसफर कर दिया गया. देवेंद्र पटेल द्वारा किसी न किसी रूप से मुझे परेशान किया गया. मेरे खिलाफ बार-बार हर अधिकारी के पास मेरी बुराई की.’

डबल इंजन की सरकार में तेज रफ्तार से चल रही है छत्तीसगढ़ में विकास की रेल - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ में अब तेज रफ्तार से विकास की रेल चल रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कल रायपुर से बिलासपुर तक की अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ के तेजी से विकास के संकल्प को पुनः दोहराया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पिछले 10 सालों में रेलवे के क्षेत्र में जो सकारात्मक बदलाव हुए, इसने न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ी हैं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है। उन्होंने कहा रेलवे के आधुनिकीकरण से रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। रेलवे नेटवर्क के विस्तार से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों को बड़े शहरों से जोड़ा जा रहा है, जिससे व्यापार और पर्यटन को प्रोत्साहन मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वंदे भारत, तेजस और गतिमान जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों ने यात्रा समय को काफी घटा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि आधुनिक ट्रेनों में वातानुकूलित डिब्बे, आरामदायक सीटें, वाई-फाई, ऑनबोर्ड कैटरिंग सुविधा मिल रही है। स्टेशन अब आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं, जिसने यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाया है। उन्होंने कहा कि ई-टिकटिंग और डिजिटल भुगतान ने बुकिंग प्रक्रिया को सरल और तेज बना दिया है। सौर ऊर्जा और बायो-टॉयलेट जैसी पहल पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद कर रही हैं। भारतीय रेलवे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन जैसे आधुनिक तकनीकी उपायों के उपयोग की ओर आगे बढ़ रहा है, ताकि दक्षता और सेवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

इस चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है कि प्रदेश की आर्थिक तरक्की के लिए रेल परिवहन के समुचित उपयोग की ओर तेजी से आगे बढ़ा जाए। इसी क्रम में केंद्र सरकार के सहयोग से कई रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है और कई ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनको विस्तार दिए जाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा है कि डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना के लिए रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है। यह परियोजना लगभग 295 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 4021 करोड़ रुपये है। इस रेल लाइन का निर्माण छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन द्वारा किया जाएगा। वर्तमान में भूमि अधिग्रहण और प्रारंभिक निर्माण कार्यों के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस रेल लाइन में डोंगरगढ़ से कवर्धा के बीच 12 और कवर्धा से कटघोरा के बीच 15 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना न केवल क्षेत्र में यात्री सुविधा बढ़ाएगी बल्कि खनिजों के परिवहन और रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत सरकार और रेल मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में कई नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनका उद्देश्य राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और कनेक्टिविटी बढ़ाना है। कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन 180 किलोमीटर लंबी परियोजना है, जिसके सर्वेक्षण और डीपीआर के लिए 16.75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह परियोजना सरगुजा क्षेत्र में विकास को गति देगी। उसी प्रकार गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली तक 490 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। यह परियोजना सुदूर क्षेत्रों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों से जोड़ने में मदद करेगी। सरडेगा-भालुमुडा डबल लाइन 37 किलोमीटर लंबी परियोजना ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी। इस परियोजना के लिए 1360 करोड़ रुपये का प्रावधान है।छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर-बरवाडीह, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा, रावघाट-जगदलपुर और धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार हो रहा है। धरमजयगढ़-लोहरदगा परियोजना के लिए रेलवे द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल यात्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगी, बल्कि औद्योगिक और खनिज संसाधनों के परिवहन को भी सुगम बनाएंगी। इनके अलावा, राज्य में कई अन्य छोटी रेल लाइन और मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं भी योजना में हैं, जो क्षेत्रीय विकास और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में जहां-जहां रेल परिवहन की आवश्यकता महसूस की जाएगी, उस दिशा में तेजी से पहल की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस यात्रा से मुझे बहुत कुछ जानने समझने का सुंदर अवसर मिला था। हम यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने और उनके समस्याओं के समाधान की दिशा में केंद्र सरकार के सहयोग से आवश्यक कदम उठाएंगे।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-    उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज मुंगेली जिले के लोरमी में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए। उन्होंने समारोह में 14 नव दंपत्तियों को उपहार और विवाह प्रमाण पत्र प्रदान कर शादी की बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी के सुखमय दाम्पत्य जीवन की कामना की। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लोरमी के मंगल भवन में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 14 जोड़ों की पारम्परिक रीति-रिवाज से शादी सम्पन्न कराई गई।उप मुख्यमंत्री श्री साव ने सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना गरीब परिवार की बेटियों के लिए वरदान है। बेटियों का विवाह बिना किसी पारिवारिक खर्च के आसानी से हो, इसके लिए शासन द्वारा 50 हजार रुपए प्रदान किया जाता है। योजना के तहत सभी रीति-रिवाजों और परम्परा का पालन करते हुए विवाह संपन्न कराया जाता है। इस योजना से गरीब परिवारों को अपनी बेटियों के विवाह की चिंता से मुक्ति मिली है।

राज्य शासन की मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना में कन्या के वैवाहिक आयोजन के लिए आठ हजार रुपए, वर-वधू के कपड़े, श्रृंगार सामग्री, जूते-चप्पल, चुनरी, साफा, मंगलसूत्र सहित अन्य आवश्यक सामाग्रियों के लिए सात हजार रुपए और वधू को बैंक से भुगतान के लिए 35 हजार रुपए का ड्रॉफ्ट दिया जाता है। समारोह में स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ में 8.95 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी, किसानों को 1575.16 करोड़ रूपए का भुगतान

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का सिलसिला अनवरत जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 8.95 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.91 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 1575 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। अधिकारियों ने बताया कि 25 नवम्बर को 47296 किसानों से 2.17 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। इसके लिए 51170 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 53439 टोकन जारी किए गए हैं।

कस्टम मिलिंग का चावल जमा नहीं कराने पर 4 मिलर्स को नोटिस जारी, कलेक्टर ने बैंक गारंटी जब्त करने की दी चेतावनी

बिलासपुर-  खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान का उठाव जिले के मिलर्स द्वारा किया गया है. उपार्जित धान के अनुसार मिलर्स को नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. शासन द्वारा समस्त मिलर्स द्वारा अनुबंध अनुसार शत्-प्रतिशत चावल जमा कराये जाने के निर्देश दिये गए हैं. बावजूद इसके जिले के चार मिलर्स अब तक चावल जमा नहीं कर सके हैं.

जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने इस लापरवाही पर सख्ती दिखाते हुए चारों मिलर्स को नोटिस जारी किया है. इन मिलर्स को 30 नवंबर 2024 तक चावल जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा नहीं करने की स्थिति में उनके द्वारा शासकीय धान उठाव के लिए जमा की गई प्रतिभूति राशि (बैंक गारंटी) को जब्त करते हुए वसूली की कार्रवाई की जाएगी. जिन मिलर्स को नोटिस जारी किया गया है, उनमें श्याम जी राइस इंडस्ट्रीज मोहतराई, सरदार एग्रो इंडस्ट्रीज, एस.डी. एग्रो फूड प्रोडक्ट और जेठू बाबा इंडस्ट्रीज बहतराई शामिल हैं.