सोनपुर मेले में आकर्षण का केंद्र बनी रेलवे की प्रदर्शनी,
बतायी जा रही हैं कई उपलब्धियां
सोनपुर मेले में आकर्षण का केंद्र बनी रेलवे की प्रदर्शनी, बतायी जा रही हैं कई उपलब्धियां
सोनपुर मेले में इस बार भारतीय रेलवे द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। रेलवे विभाग के रेल ग्राम में प्रदर्शनी को एक नये और आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण पेड़ पर टंगा हुआ एक इंजन है, जो आगंतुकों का ध्यान खींच रहा है।
यह प्रदर्शनी न केवल रेलवे के ऐतिहासिक पहलुओं को दिखाती है, बल्कि इसके विकास और कार्य प्रणाली की झलक भी पेश करती है। यहां 1863 से लेकर वर्तमान तक रेलवे की प्रगति, नई तकनीकों और इसके इतिहास को शानदार तरीके से दर्शाया गया है जो दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
बच्चों और युवाओं को जागरूक करने की पहल, रेलवे के आधुनिक तकनीकों से हो रहे हैं रूबरू
इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण पेड़ पर लटकाया गया उद्देश्य बच्चों और युवाओं को रेलवे के महत्व और इसकी आधुनिक तकनीकों से परिचित कराना है। साथ ही इसमें रेलवे के नियमों के उल्लंघन पर मिलने वाली सजा की जानकारी भी दी गई है।
प्रदर्शनी में दिखाया गया है कि बिना टिकट यात्रा करने वालों के लिए क्या प्रावधान हैं और रेलवे के नियमों का पालन करना क्यों आवश्यक है?
पेड़ पर लटका इंजन बना है आकर्षण का मुख्य केंद्र, खूब तस्वीर खींच रहे रेल हैं लोग :
प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण पेड़ पर लटकाया गया एक पुराना भाप इंजन है। जिसे एलईडी लाइट्स से सजाया गया है। यह इंजन सोनपुर रेल मंडल और अन्य रेलवे परिसरों में लगे वाष्प इंजनों की नकल तैयार किया गया है हल्के डिजाइन के कारण इसे पेड़ पर लटकाया गया है। इसे देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ जुट रही है और लोग इसे कैमरे में कैद कर रहे हैं। मेले के बगल से ट्रेन से गुजरने वाले यात्री भी इस टंगी ट्रेन को देखकर रोमांचित हो जाते हैं।
विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी भी शामिल लोगों को किया जा रहा है जागरूक
प्रदर्शनी में रेलवे के विभिन्न विभागों जैसे सिग्नल, सुरक्षा इंजीनियरिंग की भी जानकारी गयी है। इसमें रेलवे की पुरानी व्यवस्था को भी जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है, जैसे घोड़े और हाथी के जरिए बोगियों को खींचने का पुराना तरीका यहां तक कि बैल द्वारा ट्रेन को खीचने की प्रक्रिया को भी दर्शाया गया है। रेलवे के सुरक्षा विभागों, जैसे जीआरपी और आरपीएफ के कार्य और उनकी भूमिकाओं को भी प्रदर्शनी में जगह दी गई है। यह प्रदर्शनी मनोरंजन के साथ- साथ ज्ञानवर्धक जानकारी का जरिया बन गई है और सोनपुर मेले के आकर्षण में एक नया आयाम जोड़ रही है।
प्रदर्शनी में भारतीय रेलवे का 170 साल का सफर दिख रहा हैं। भारतीय रेलवे की अनूठी प्रदर्शनी ने लोगों का ध्यान खींचा है। रेलवे के इतिहास और प्रगति को दर्शाने वाली इस प्रदर्शनी में 22 दिसंबर 1851 को पहली बार रेल के पटरी पर दौड़ने से लेकर आधुनिक इलेक्ट्रिक और डीजल इंजन तक का सफर पेश किया गया है। प्रदर्शनी में बताया गया कि भारत में पहली यात्री ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच चली थी, जिसमें वाष्प इंजन के साथ 14 छोटे डिब्बे शामिल थे, इसके बाद 1936 में डिब्बों को वातानुकूलित करने की शुरुआत हुई । भारतीय रेलवे अधिनियम 1890 पारित हुआ और इसका राष्ट्रीयकरण 1950 में हुआ था।
Nov 22 2024, 19:41