गया में उगते सूर्य को अर्घ्य देते ही छठ पूजा संपन्न: छठ घाटों पर पहुंचकर भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य, विदेशी मेहमानों ने भी की छठ पूजा
गया। गया में चार दिवसीय छठ पूजा शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देते ही संपन्न हो गया। गया शहर के पिता महेश्वर घाट, फल्गु नदी घाट, आयुर्वेदिक घाट, केंदुई घाट सहित अन्य घाटों पर जाकर छठ व्रतियों ने छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का अपना निर्जला उपवास का पारण किया। सभी के बीच ठेकुआ प्रसाद का वितरण किया गया।
वहीं, बोधगया में विदेशी मेहमानों के बीच छठ पर्व का क्रेज देखने को मिला है। विदेशी मेहमानों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया से पहुंचे विदेशियों ने सिर पर सूप और सभी भगवा रंग का वस्त्र धारण कर छठ घाट पहुंच कर भगवान और को अर्घ्य दिया।
यह विदेशी पर्यटकों का भारतीय सनातनी पर्वों से काफी लगाव देखा जा रहा है। विदेशी मेहमानों का कहना है कि भगवान सूर्य के प्रति सनातनी धर्म के लोगों की आस्था अद्भुत है। हम लोग इस तरह की आस्था देखकर काफी प्रभावित हुए हैं। यही वजह रहे की छठ पर्व में पूरी श्रद्धा के साथ शामिल हुए और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और गुरुवार की संध्या को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को भी अर्घ्य दिया था।
बता दें कि उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे पौराणिक मान्यताएं हैं। मान्यताओं के अनुसार, सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्य की प्राप्ति, सौभाग्य और संतान के लिए रखा जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, राजा प्रियव्रत ने भी छठ व्रत रखा था। उन्हें कुष्ट रोग हो गया था। इस रोग से मुक्ति के लिए भगवान भास्कर ने भी छठ व्रत किया था।
रिपोर्ट: मनीष कुमार।
Nov 08 2024, 18:07