छठ महापर्व : पटना के उल्लारधाम में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, लाखों की संख्या में व्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया। पटना के विभिन्न छठ घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। वहीं कल शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ इस महापर्व का समापन होगा। छठ महापर्व के उमंग में पूरा बिहार डूबा हुआ है। रंगीन रोशनी से नहा उठे पटना के गंगा घाटों की नयनाभिराम सुंदरता देखते ही बन रही है। हर गली, हर घर में छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं।

वहीं पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के दुल्हन बाजार प्रखंड स्थित भगवान भास्कर की नगरी उल्लारधाम में आस्था का जनसैलाब उमड़ा। लाखों श्रद्धालु छठव्रतियों ने अस्तचलगामी सूर्य (डूबते सूर्य) की पहली आर्ग देकर भगवान भास्कर और छठी मईया की सूर्य उपासना करते हुए भगवान भास्कर और छठी मइया की दरबार में हाजरी लगाते हुए पूजा अर्चना कर अपने परिवार की सुख शांति और समृद्धि की मंगलकामना करते हुए अपने मनोवांक्षित मनोकामनाएं पूर्ण करने की आशीर्वाद लिया।

गौरतलब है कि पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के दुल्हन बाजार प्रखंड के उल्लारधाम स्थित द्वापर कालीन पौराणिक और ऐतिहासिक विश्व विख्यात सूर्य उपासना की बारह सूर्य पीठों में से एक मुख्य केंद्र स्थलियों में एक उल्लार्क सूर्य मंदिर है। जिसको द्वापरयुग भगवान श्रीकृष्ण के जामवंती पुत्र राजा शांब द्वारा स्थापित किया गया था।

ऐसी मान्यता है राजा शांब को दुर्वासा ऋषि की श्राप से पूरे शरीर में भयंकर कुष्ठ व्याधि हो गई थी। जिससे निजात पाने के लिए ऋषि दुर्वासा ने राजा शांब को कुष्ठ व्याधि से मुक्ति के लिए बारह अलग अलग जगहों पर बाहर सूर्य पीठों की स्थापना कर वहां बारह वर्ष सूर्य उपासना करने की उपाय बताए थे। जिसके बाद राजा शांब ने देश विभिन्न हिस्सों में कोणार्क, लोलार्क, पंडारक, देवार्क, अंगारक के साथ साथ बारह सूर्य पीठों में से एक उल्लार्क सूर्य मंदिर और एक तलाब की निर्माण कर यहां सूर्य उपासना किया था। जोकि अब उल्लारधाम के नाम से विश्व विख्यात और सुप्रसिद्ध है।

सीएम आवास एक अणे मार्ग में हो रहा महापर्व छठ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिए अर्ध्य

डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज डूबते सूर्य को पहला अर्ध्य देने के लिए छठ महापर्व करने वाले व्रती छठ घाट पर पूरे परिवार के साथ पहुंच चुके है। पटना के विभिन्न छठ घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा है और अर्घ्य देने सिलसिला शुरु हो चुका है। वहीं कल शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ इस महापर्व का समापन होगा।

इधर पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में भी पूरे धूमधाम से महापर्व छठ किया जा रहा है। जहां सीएम नीतीश कुमार ने भी डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया।

बता दें कि मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार के परिवार के सदस्य छठ पूजा कर रहे हैं। पटना के गंगा घाटों का जायजा लेने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद मुख्यमंत्री स्टीमर से पटना के विभिन्न छठ घाटों का जायजा लेने निकल गये।

स्मृति शेष : पंचतत्व में विलिन हुई स्वर कोकिला शारदा सिन्हा, पूरे राजकीय सम्मान के साथ पटना के गुलबी घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

डेस्क : बिहार कोकिला शारदा सिन्हा आज पंचतत्व में विलीन हो गई। पटना के गुलबी घाट पर आज उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पुलिस जवानों द्वारा उन्हें सलामी दी गई। अंतिम संस्कार के दौरान पुत्र अंशुमान के साथ वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे नम हो गई।

उनके अंतिम संस्कार के दौरान पूर्व सांसद रामकृपाल यादव ने अर्थी को कंधा दिया, वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान के साथ चिता के लिए लकड़ियों को सहजते नजर आए। वहीं घाट पर पुलिस जवानों ने उन्हें सलामी देकर विदा किया।

बता दें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराने की घोषणा की है। उन्होंने पटना के जिलाधिकारी को इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है। वहीं शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने बताया कि गुरुवार की सुबह राजेंद्रनगर आवास से गुलबी घाट के लिए अंतिम यात्रा निकलेगी। उन्होंने अंतिम इच्छा जाहिर की थी कि उनका अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर हो।

बीते बुधवार को शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना पहुंचा। मुख्यमंत्री ने शारदा सिन्हा के राजेंद्रनगर स्थित आवास पर जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प-चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और सांत्वना दी। इस दौरान जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा सांसद संजय कुमार झा आदि मौजूद रहे।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली को शरदा सिन्हा के परिवार के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर उनका पार्थिव शरीर वायुयान से पटना भिजवाने का निर्देश दिया।

पार्थिव शरीर के पटना एयरपोर्ट पहुंचने पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री माहेश्वर हजारी, नगर विकास मंत्री नितिन नवीन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सहित अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पार्थिव शरीर राजेंद्र नगर रोड नंबर छह स्थित उनके आवास पर ले जाया गया जहां तमाम गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

स्मृति शेष : आज पंचतत्व में विलिन होगी स्वर कोकिला शारदा सिन्हा, पूरे राजकीय सम्मान के साथ पटना के गुलबी घाट पर होगा अंतिम संस्कार

डेस्क : बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा आज गुरुवार को पंचतत्व में विलिन हो जाएगी। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ पटना के गुलबी घाट पर होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराने की घोषणा की है। उन्होंने पटना के जिलाधिकारी को इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है। वहीं शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने बताया कि गुरुवार की सुबह राजेंद्रनगर आवास से गुलबी घाट के लिए अंतिम यात्रा निकलेगी। उन्होंने अंतिम इच्छा जाहिर की थी कि उनका अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर हो।

बीते बुधवार को शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना पहुंचा। मुख्यमंत्री ने शारदा सिन्हा के राजेंद्रनगर स्थित आवास पर जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प-चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और सांत्वना दी। इस दौरान जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा सांसद संजय कुमार झा आदि मौजूद रहे।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली को शरदा सिन्हा के परिवार के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर उनका पार्थिव शरीर वायुयान से पटना भिजवाने का निर्देश दिया।

पार्थिव शरीर के पटना एयरपोर्ट पहुंचने पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री माहेश्वर हजारी, नगर विकास मंत्री नितिन नवीन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सहित अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पार्थिव शरीर राजेंद्र नगर रोड नंबर छह स्थित उनके आवास पर ले जाया गया जहां तमाम गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

छठ महापर्व : अर्घ्य के लिए पटना के घाट सज-धजकर तैयार, प्रशासन की ओर से किए गए है सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

* डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज डूबते सूर्य को पहला अर्ध्य दिया जायेगा। वहीं कल शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ इस महापर्व का समापन होगा। इधर छठ महापर्व के उमंग में पूरा बिहार डूबा हुआ है। हर ओर उत्सवी माहौल है। साफ-सफाई के बाद सूर्य मंदिरों से लेकर नदी-तालाब के घाट अर्घ्य के लिए सजकर तैयार हैं। रंगीन रोशनी से नहा उठे पटना के गंगा घाटों की नयनाभिराम सुंदरता देखते ही बन रही है। हर गली, हर घर में छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं। इधर पटना जिले के घाट अर्घ्य के लिए सज-धजकर तैयार हो गए हैं। गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के साथ तालाब और पार्कों में लगभग 550 घाटों पर छठव्रतियों के लिए नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है। जिला प्रशासन, नगर निगम और नगर परिषदों ने गंगा किनारे घाटों, पार्कों और तालाबों को तैयार कर लिया है। सुरक्षित, खतरनाक और अनुपयुक्त घाटों को भी चिह्नित कर उनकी सूची जारी कर दी गई है। बुधावार तक सभी घाटों पर छोटी-छोटी कमियों को भी दूर कर लिया गया है। छठ व्रतियों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए सभी घाटों पर पदाधिकारी और सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। गुरुवार को पहले अर्घ्य की तैयारी पूरी हो गई है। छठ व्रतियों के लिए कलेक्ट्रेट घाट पर रेड कारपेट बिछाया गया है। कच्चे संपर्क पथों पर धूलकण न उड़े इसके लिए नियमित तौर पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। छठ व्रतियों को किसी भी तरह का दिक्कत नहीं हो इसका पूरा ध्यान रखा गया है। *डीएम ने दिए है यह सख्त निर्देश* जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा और नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कर्मियों और पदाधिकारियों को छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं के साथ विनम्र व्यवहार रखने का निर्देश दिया है। सफाई कार्य में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबंध में नगर आयुक्त ने सभी सफाई कर्मियों और कार्यपालक पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है। *नियंत्रण कक्ष को दें सूचना* किसी भी प्रकार की संदेहास्पद सूचना जिला नियंत्रण कक्ष की दूरभाष संख्या 0612-2219810/ 2219234, डायल-112 और पुलिस नियंत्रण कक्ष के मोबाइल नम्बर 9470001389 पर तुरंत दें। किसी भी प्रकार की लावारिस वस्तु या संदिग्ध वस्तु अगर आपको दिखाई पड़े, तो इसकी सूचना तुरंत डायल 112 या वहां पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, थानाध्यक्ष या नियंत्रण कक्ष को दें और उस संदिग्ध वस्तु को बिल्कुल ना छुएं।
बिहार में छठ महापर्व की धूम : जगमग लाइट से रौशन हुआ पटना का छठ घाट और शहर, छठ मइया के गीत से पूरा माहौल हुआ भक्तिमय

* डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज डूबते सूर्य को पहला अर्ध्य दिया जायेगा। वहीं कल शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ इस महापर्व का समापन होगा। इधर छठ महापर्व के उमंग में पूरा बिहार डूबा हुआ है। हर ओर उत्सवी माहौल है। साफ-सफाई के बाद सूर्य मंदिरों से लेकर नदी-तालाब के घाट अर्घ्य के लिए सजकर तैयार हैं। रंगीन रोशनी से नहा उठे पटना के गंगा घाटों की नयनाभिराम सुंदरता देखते ही बन रही है। हर गली, हर घर में छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं। प्रदेश के औरंगाबाद जिले के देव, नालंदा के बड़गांव, पटना के उलार, पुण्यार्क सहित राज्य के सभी सूर्य मंदिरों पर बुधवार से ही श्रद्धालु जुटने लगे हैं। बड़गांव(पुराना नाम बराक) धाम में श्रद्धालु बांस के सहारे प्लास्टिक सीट, धोती व साड़ी से तम्बू बनाकर रह रहे हैं। यहां का नजारा ऐसा है कि जहां तक नजर जा रही है, वहां तक तम्बू ही तम्बू नजर आ रहे हैं। बुधवार शाम तक तालाब के आसपास करीब 800 तम्बू लग गये थे। भोजपुर के प्रसिद्ध बेलाउर गांव स्थित सूर्य मंदिर छठ घाट पर व्रतियों की सुविधा के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। इस बार भी यहां करीब दो से ढाई लाख लोगों के आने की संभावना है।
बेगूसराय के सिमरिया गंगा घाट और छठ घाट का सीएम ने किया निरीक्षण, दिए कई जरुरी निर्देश*

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बेगूसराय का दौरा किया। जहां उन्होंने बेगूसराय के प्रसिद्ध सिमरिया गंगा घाट पर कल्पवासियों से मुलाकात की एवं गंगा घाट तथा छठ घाट का निरीक्षण किया। इस दौरान बेगूसराय के डीएम तुषार सिंगला, एसपी मनीष सहित बड़ी संख्या में वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे। वही इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने सिमरिया में नवनिर्मित धर्मशाला और निर्माणाधीन सिक्स लेन पुल का भी निरीक्षण किया तथा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द सिक्स लेन पुल का कार्य पूरा किया जाए जिससे कि इसे आम लोगों के लिए सुचारु किया जा सके। बिहार के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने बताया कि मुख्यमंत्री के द्वारा आज सिमरिया में विकास कार्यों का निरीक्षण किया गया है और पदाधिकारी को निर्देशित भी किया गया है। उन्होंने बताया कि सीएम ने सिमरिया में चल रहे विकास कार्यों को लेकर संतुष्टि जताई है तथा कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश भी दिया है। बता दें सिमरिया में 118 करोड़ की लागत से सिमरिया के जीर्णोद्धार का काम लगभग अंतिम चरण में है जहां प्रशासन के द्वारा दावा किया जा रहा है कि सिमरिया को हरिद्वार की तर्ज पर सजाया जा रहा है।
सीएम नीतीश कुमार ने किया एलान, पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा बिहार की स्वर कोकिला डॉ. शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार

* डेस्क : बिहार कोकिला के नाम से मशहूर लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा का बीते मंगलवार की रात दिल्ली एम्स में निधन हो गया। 72 वर्षीय लोक गायिका शारदा सिन्हा को पिछले 3 अक्टूबर को एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था। एम्स में उन्हें कृत्रिम सांसें दी जा रही थीं। छठी मइया अपनी इस लाडली बेटी पर कृपा करेंगी और वह हम सबों के बीच होंगी पर वह दुखदायी खबर आ ही गई। चार दिवसीय पावन महापर्व छठ पर ही छठी मइया की इस दुलारी बेटी इहलोक से प्रस्थान कर गयी। इधर उनके निधन पर बिहार के साथ-साथ देश भर के संगीत प्रेमियों में शोक का लहर व्याप्त है। उनका पार्थिव शरीर आज दिल्ली से पटना लाया जाएगा। वहीं उनके निधन पर सीएम नीतीश कुमार ने गहरा शोक प्रकट करते हुए उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किये जाने का एलान किया है। डॉ. शारदा सिन्हा पिछले पांच दशकों से बिहार की लोकगायन परम्परा की सशक्त हस्ताक्षर रहीं। उन्होंने भोजपुरी, मैथिली और मगही लोक संगीत को न सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश और विश्व में पहचान दिलाई। उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश के गांवों में गाये जाने वाले पारंपरिक गीतों नए अंदाज में पेश कर उन्हें राष्टीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया। उनके निधन से जहां बिहार का हर तबका शोकाकुल है वहीं पूरे देश के संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। उनका निधन ऐसे समय में हुआ है जबकि पूरे देश में छठ की छटा के बीच शारदा सिन्हा के गीत गूंज रहे हैं।
छठ को लेकर पटना जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी, जानिए पूरा डिटेल*

डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ पर गंगा घाटों पर भारी भीड़ उमड़ती है। लाखों लाख की संख्या में लोग पटना के गंगा घाटों पर छठ करने को पहुंचते है। व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से जिला प्रशासन ने इस संबंध में जिला प्रशासन ने पटना वासियों के लिए एडवाजरी जारी की है। जिला प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार नदी में 8 नवंबर तक निजी नाव का बिना अनुमति परिचालन पर रोक लगा दी गई है। गंगा किनारे छठ घाटों, तालाबों और पार्कों में आतिशाबाजी पर भी रोक होगी। घाटों पर अत्यधिक भीड़ होती है। ऐसे में पटाखा फोड़ने से भगदड़ या किसी तरह की अनहोनी होने की संभावना बनी रहती है। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से भी छठ महापर्व के सुरक्षित आयोजन के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। जनसुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन सभी छठव्रतियों, श्रद्धालुओं और आम जनता से इन सलाह का अनुपालन करने की अपील की है। जिला प्रशासन ने पटना के लोगों से अपील की है कि पूजा के लिए घर से निकलते समय अपने बच्चों के पॉकेट में नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखकर अवश्य रखें। बच्चों का हाथ कभी न छोड़ें, उन्हें इधर-उधर जाने न दें। महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखें। किसी भी प्रकार का अफवाह न फैलाएं और न ही उस पर ध्यान दें। पटाखे और ज्वलनशील पदार्थ साथ न ले जाएं। धूम्रपान और किसी भी नशे का सेवन न करें। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैलाएं। सड़क पर धीरे-धीरे जाएं, कतारबद्ध होकर जाएं, जल्दबाज़ी बिल्कुल न करें। सुरक्षा मानकों का अनुपालन करें, स्वयं भी सुरक्षित रहें तथा अन्य लोगों को भी सुरक्षित रखें। सुरक्षा जांच आपके और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
स्मृति शेष : अपने छठ गीतों से हमेशा जीवित रहेंगी बिहार की स्वर कोकिला डॉ. शारदा सिन्हा

* डेस्क : बिहार कोकिला के नाम से मशहूर लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा का बीते मंगलवार की रात दिल्ली एम्स में निधन हो गया। 72 वर्षीय लोक गायिका शारदा सिन्हा को पिछले 3 अक्टूबर को एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था। एम्स में उन्हें कृत्रिम सांसें दी जा रही थीं। छठी मइया अपनी इस लाडली बेटी पर कृपा करेंगी और वह हम सबों के बीच होंगी। पर वह दुखदायी खबर आ ही गई। चार दिवसीय पावन महापर्व छठ पर ही छठी मइया की इस दुलारी बेटी इहलोक से प्रस्थान कर गयी। डॉ. शारदा सिन्हा पिछले पांच दशकों से बिहार की लोकगायन परम्परा की सशक्त हस्ताक्षर रहीं। उन्होंने भोजपुरी, मैथिली और मगही लोक संगीत को न सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश और विश्व में पहचान दिलाई। उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश के गांवों में गाये जाने वाले पारंपरिक गीतों नए अंदाज में पेश कर उन्हें राष्टीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया। उनके निधन से जहां बिहार का हर तबका शोकाकुल है वहीं पूरे देश के संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। उनका निधन ऐसे समय में हुआ है जबकि पूरे देश में छठ की छटा के बीच शारदा सिन्हा के गीत गूंज रहे हैं। बेगूसराय जिले के सिंहमा गांव (अपनी ससुराल) से एक प्रतिभाशाली महिला शारदा सिन्हा की संगीत यात्रा सन् 1971 से शुरू हुई जो आकाशवाणी और मंच से होते हुए सोशल मीडिया के तमाम माध्यमों से विस्तृत तथा सुदीर्घ होती चली गई। अपनी समृद्ध संगीत यात्रा में उन्होंने टी सीरीज, एचएमवी और टिप्स आदि कंपनियों से जारी कुल 9 एलबमों में पांच दर्जन से अधिक छठ गीतों को गाया और एक-एक कर इनके गाये छठ गीत इस महापर्व के साथ जुड़ते-विस्तारित होते चले गये। पहले इन गीतों ने राज्य, फिर देश की सीमा लांघी और अब वे सभी वैश्विक पहचान रखते हैं। आलम यह है कि दुनियाभर के व्रती शारदा सिन्हा के छठ गीत के बिना इस महापर्व की कल्पना भी नहीं कर सकते। पर यह पहला छठ पर्व है जिस अवसर पर स्वर कोकिला की कूक मूक हो गयी। देश-दुनिया में मैथिली और भोजपुरी के पारंपरिक गीतों की बेमिसाल गायिकी से अपनी बड़ी पहचान बनाने वाली वह पूर्वी प्रदेश की पहली महिला हैं, जिनके गीत और जिनकी खनकती आवाज जनमानस में रच-बस गये हैं। शादी, विवाह, जनेऊ, मुंडन, बेटी विदाई जैसे संस्कार समाज में उनकी आवाज और गाये गीतों के बगैर पूर्ण नहीं होते। छठ के अवसर पर तो एक पखवारा पूर्व से ही उनके गाये दर्जनों गीत हर गांव-गली गूंजने लगते हैं। देश-विदेश में जहां भी छठ पर्व पर छठी मइया और भगवान भास्कर की आराधना होती है, वहां इस पर्व को पावन बनाने में शारदा सिन्हा के गीतों का अमूल्य योगदान होता है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं कि महापर्व छठ में शारदा दीदी के गाये गीत मंत्र से कम नहीं हैं। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि उनके गीतों के बिना अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य अर्घ्य ग्रहण करने में भी संभवत झिझक महसूस करें। भले ही शारदा सिन्हा अब सदेह हमारे बीच नही रहीं, लेकिन इस जबतक छठ महापर्व होता रहेगा, उनके गाये गीत चहुँओर गूंजते रहेंगे और इसी रूप में वह समाज में मौजूद रहेंगी।