औरंगाबाद: सूर्य मंदिर पर जल्द ही आएगा नया एल्बम, देव नगरी में पूजा के बाद पवन सिंह का ऐलान
औरंगाबाद बिहार के काराकाट लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी रहे पावर स्टार पवन सिंह चुनाव में शिकस्त पाने के बाद भी अपने प्रशंसकों के बीच प्रसिद्ध हैं. उनकी एक झलक पाने के लिए युवा बेताब रहते हैं. इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब पावर स्टार ने शुक्रवार की शाम भगवान भास्कर की नगरी देव स्थित सूर्य मंदिर औरंगाबाद पहुंचे और पूजा अर्चना की. *सूर्य मंदिर के गर्भगृह में की पूजा अर्चना* चार दिवसीय छठ को लेकर जिला प्रशासन ने मंदिर के गर्भगृह की बैरिकेडिंग कर दी गई है और पावर स्टार एक बच्चे की तरह अपने सहयोगियों के साथ बांस की बल्ली को कूदकर भगवान के गर्भगृह में पहुंचे. बता दें कि कल मंगलवार से छठ पूजा नहाय खाय के साथ शुरू हो रही है. मंदिर के मुख्य पुजारी राजेश पाठक ने उन्हें पूजा कराई और भगवान सूर्य का मंत्रोच्चार कराया. इस दौरान मंदिर परिसर के अंदर और बाहर पावर स्टार के समर्थकों की भीड़ लगी रही. मंदिर में पूजा अर्चना के बाद पावर स्टार ने मंदिर परिसर में अपने प्रशंसकों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया. इस दौरान मंदिर परिसर एवं बाहर उमड़ी भीड़ ने भगवान भास्कर का जोरदार जयकारा लगाया. गौरतलब है कि चार दिवसीय छठ पर्व के अनुष्ठान को लेकर जिला प्रशासन ने देव में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. लेकिन पवन सिंह के आगमन की जानकारी मिलते ही दो किलोमीटर पहले से ही उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों समर्थक सड़कों पर पलके बिछाए खड़े रहे और जैसे ही पावर स्टार का काफिला पहुंचा वैसे ही भीड़ ने उनका जबरदस्त स्वागत किया.
*इस नए एल्बम का किया ऐलान*

सूर्य दर्शन के बाद पावर स्टार मीडिया के जरिए किए जाने वाले राजनीतिक सवालों से बचते नजर आए, लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि भगवान भास्कर की उन पर कृपा रही है. इसलिए जल्द ही सूर्य मंदिर पर उनका एक नया एल्बम आएगा. पूजा अर्चना के बाद पावर स्टार काराकाट लोकसभा क्षेत्र के नबीनगर विधानसभा रवाना हो गए, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर रही कि वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में भी उनका जलवा बरकरार रहेगा.

औरंगाबाद से धिरेन्द्र कुमार पाण्डेय


 
						



 । गोह से श्रवण कुमार के रिपोर्ट
। गोह से श्रवण कुमार के रिपोर्ट
 
 
   औरंगाबाद: ओबरा प्रखंड क्षेत्र के ग्राम महुआ बिगहा में गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाया गया। मुख्य यजमान के रूप में सौरभ यादव ने विधि विधान से गोवर्धन पहाड़ का पूजा करने का काम किया। मुख्य रूप से ग्रामीण सेवानिवृत शिक्षक जनेश्वर सिंह यादव यदुनंदन सिंह, दिनेश सिंह ,सकलदीप सिंह, सुदामा सिंह, बाबुनंद सिंह, शिवनंदन सिंह, कौशल यादव राम एकबाल सिंह संतोष कुमार यादव सुनील यादव अमरेंद्र यादव बृहस्पति यादव मनोज यादव अरविंद यादव कुणाल यादव आशू यादव,मिथलेश शर्मा सहित समस्त ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर पूजा में भाग लिया। ग्रामीण जनार्दन सिंह यादव ने बताया कि जब इंद्र भगवान क्रोधित होकर मथुरा गोकुल वृंदावन आदि के लोगों को मूसलाधार बारिश से परेशान कर रहे थे उसे समय श्री कृष्ण भगवान ने अपनी एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर अपना भक्तों का सुरक्षा प्रदान किया था। इधर सरपंच प्रतिनिधि संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष समस्त ग्रामीणों के द्वारा एकजुटता के साथ पूजा होती है जिसमें गांव के सभी लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। पूजा के बाद प्रसाद के रूप में केवल दूध में बना हुआ खीर प्रसाद के रूप में पूरे गांव में बांटने का काम किया जाता है। इस तरह के एकजुटता बहुत कम गांव में देखने को मिलता है। जिस तरह का गोवर्धन पर्वत का रूप रेखा तैयार किया गया है साफ तौर पर यह गांव के एकजुटता का मिशाल पेश करता है। ओबरा से नंदनी कुमारी
 औरंगाबाद: ओबरा प्रखंड क्षेत्र के ग्राम महुआ बिगहा में गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाया गया। मुख्य यजमान के रूप में सौरभ यादव ने विधि विधान से गोवर्धन पहाड़ का पूजा करने का काम किया। मुख्य रूप से ग्रामीण सेवानिवृत शिक्षक जनेश्वर सिंह यादव यदुनंदन सिंह, दिनेश सिंह ,सकलदीप सिंह, सुदामा सिंह, बाबुनंद सिंह, शिवनंदन सिंह, कौशल यादव राम एकबाल सिंह संतोष कुमार यादव सुनील यादव अमरेंद्र यादव बृहस्पति यादव मनोज यादव अरविंद यादव कुणाल यादव आशू यादव,मिथलेश शर्मा सहित समस्त ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर पूजा में भाग लिया। ग्रामीण जनार्दन सिंह यादव ने बताया कि जब इंद्र भगवान क्रोधित होकर मथुरा गोकुल वृंदावन आदि के लोगों को मूसलाधार बारिश से परेशान कर रहे थे उसे समय श्री कृष्ण भगवान ने अपनी एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर अपना भक्तों का सुरक्षा प्रदान किया था। इधर सरपंच प्रतिनिधि संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष समस्त ग्रामीणों के द्वारा एकजुटता के साथ पूजा होती है जिसमें गांव के सभी लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। पूजा के बाद प्रसाद के रूप में केवल दूध में बना हुआ खीर प्रसाद के रूप में पूरे गांव में बांटने का काम किया जाता है। इस तरह के एकजुटता बहुत कम गांव में देखने को मिलता है। जिस तरह का गोवर्धन पर्वत का रूप रेखा तैयार किया गया है साफ तौर पर यह गांव के एकजुटता का मिशाल पेश करता है। ओबरा से नंदनी कुमारी
 
 
   
   
   
   
   
  
Nov 05 2024, 08:32
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