इन रीति-रिवाजों के बिना अधूरी है दिवाली की रोशनी…

डेस्क:– दिवाली के दिन कुछ विशेष परंपराएं और रीति-रिवाज पूरे होते हैं, जिनके बिना यह त्योहार अधूरा माना जाता है। हालाँकि, ये परंपराएँ अलग-अलग स्थानों और परिवारों के आधार पर भिन्न-भिन्न भी होती हैं। आइए जानते हैं दिवाली से जुड़ी कुछ परंपराओं और रीति-रिवाजों के बारे में…

दिवाली के दिन घरों को दीयों, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है। दिवाली के दिन दीयों और लाइटों की यह सजावट न सिर्फ घर की खूबसूरती बढ़ाती है बल्कि इसे अंधकार से प्रकाश की ओर संक्रमण का प्रतीक भी माना जाता है।

दिवाली के दिन ज्यादातर घरों में रंगोली बनाने की परंपरा है।लक्ष्मी की पूजा करके घर के आंगन और दरवाजों पर विशेष रंगों से सुंदर डिजाइन और पेंटिंग भी बनाई जाती है। घर में रंगोली बनाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और इसे देवी लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक भी माना जाता है।

दिवाली की रात पटाखे और पटाखे फोड़े जाते हैं, जिससे इस त्योहार की खुशी दोगुनी हो जाती है। हालांकि, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पटाखे न जलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि पटाखों से बच्चों, बुजुर्गों और जानवरों को कई परेशानियां होती हैं और कई बीमारियां होने लगती हैं।

दिवाली के दिन ज्यादातर घरों में पारंपरिक मिठाइयां भी बनाई जाती हैं और इन्हें लक्ष्मी पूजा के दौरान भी चढ़ाया जाता है। परिवार के सदस्य घर में बनी मिठाइयों जैसे लड्डू, जलेबी, गुलाब जामुन आदि का आनंद लेते हैं। दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों के बीच दिवाली की मिठाइयों का आदान-प्रदान भी किया जाता है।


दिवाली पर नवविवाहित जोड़ों और बच्चों को विशेष गिफ्ट दिए  जाते हैं और बड़ों का आशीर्वाद मिलता है। यह परंपरा रिश्तों को मजबूत करने और खुशियां बांटने का एक तरीका है
दिवाली के दीए सोख रहें हैं बहुत ज़्यादा तेल, तो इस तरह से जालाएँ दीया

डेस्क:–दिवाली पर मिट्टी के ही दीये जलाए जाते हैं. यह परंपरा युगों से चली आ रही है, या यूं कहें कि यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर आयोध्या लौटे थे। यह परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होती आ रही है। हमें मिट्टी से जोड़े रखे हुए है। यह प्रकाश का पर्व तो है ही, साथ ही पर्यावरण के प्रति हमें हमारे दायित्व की याद दिलाता है।

कई लोग परेशान होते हैं कि मिट्टी के दीये बहुत जल्दी तेल सोख लेते हैं। आज इस परेशानी से निजात दिलाने की उपाए जानिएं।

गांव हो या शहर, मिट्टी के दीये ही जलाए जाते हैं। बस इन्हें जलाने से पहले दीयों को अच्छे से साफ कर लें। इनमें जमी मिट्टी, गदंगी को हटा दें। इसके बाद कुछ घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें. इससे दीये की मिट्टी पानी सोख लेगी और जलाने के समय तेल कम सोखेगी। इससे न सिर्फ तेल की खपत कम होगी, साथ ही दीया लंबे समय तक जलेगा।

दीये में सरसों का तेल ही डालें, क्योंकि यह तेल धीमे जलता है। साथ ही सरसों तेल के जलने से जो धुआं निकलता है वो वातावरण को शुद्ध करता है.यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा है। दीये में तेल डालते वक्त थोड़ा नमक मिला दें। यह उपाए इसलिए क्योंकि नमक दीये की मिट्टी को तेल सोखने से रोकता है। दीया देर तक जलता है। लौ को स्थिर रखता है।दीया जल्दी नहीं बुझता ।

दीये में सरसों के तेल के साथ अगर शुद्ध घी मिला दें तो लौ स्थिर और धीमी रहेगी। तेल की खपत कम होगी।

अगर, आप इन उपायों को करते हैं तो निश्चित है कि दीया लंबा जलेगा। साथ ही आप बिना किसी परेशानी के त्यौहार का पूरा आनंद उठा पाएंगे।

मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली के बाद ठंड में आ सकती तेजी,इन जिलों में होगी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
डेस्क :–मध्य प्रदेश में हल्की ठंड का आगाज हो गया है। सुबह-सुबह लोग ठंड का अनुभव करने लगे हैं और रात के तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, दोपहर में अच्छी धूप निकलने से गर्मी महसूस होती है। सुबह से धुंध भी छाने लगी है, जिससे कई जिलों में दृश्यता में कमी आई है। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रात का तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।

मौसम विभाग के अनुसार, हवा का रुख उत्तर-पूर्वी से दक्षिणी दिशा में बदल गया है, जिससे हवा की गति कम हो गई है। इस वजह से दिन के समय तापमान बढ़ रहा है, लेकिन रात के समय ठंड का एहसास हो रहा है। राज्य के अधिकांश जिलों में रात का तापमान 20 डिग्री के आसपास है, जिससे शहरों में गुलाबी ठंड का अनुभव हो रहा है। पचमढ़ी का तापमान सबसे ठंडा, 14 डिग्री सेल्सियस, दर्ज किया गया।

हालांकि, वर्तमान में बारिश की कोई संभावना नहीं है, लेकिन कुछ जिलों में बादल छाए रहने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली तक मौसम सामान्य रहेगा, लेकिन उसके बाद रात के तापमान में और गिरावट देखी जा सकती है।

दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के ऊपर एक चक्रवाती घेरा बना हुआ है, जिसके कारण पूर्वी और दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की बारिश की संभावनाएं बनी हुई हैं। यह चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है और दक्षिण दिशा की ओर झुका हुआ है।

मौसम विभाग का कहना है कि ठंड की शुरुआत ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से होगी। जैसे ही पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी शुरू होगी, ठंडी हवाएं ग्वालियर-चंबल की ओर बढ़ेंगी। वर्तमान में ग्वालियर, जबलपुर, सागर और दमोह जैसे जिलों में हल्की ठंड का अनुभव हो रहा है, और आने वाले दिनों में ठंड में वृद्धि की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली के बाद ठंड में तेजी आ सकती है। दिन का तापमान सामान्य रहेगा, लेकिन तेज धूप के कारण गर्मी का एहसास होगा। मंगलवार को कई जिलों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया, और भोपाल में दिन का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे सर्दी का अनुभव और बढ़ सकता है।
जम्मू-कश्मीर के अखनूर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना का बहादुर खोजी कुत्ता ‘फैंटम’ शहीद


डेस्क:– भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तीन आतंकियों को मार गिराया। सेना के वाहन पर इन आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था।सेना ने उन्हें चारों ओर से घेरते हुए एक विशेष ऑपरेशन चलाया, जिसमें भारतीय सेना के कुत्ते फैंटम ने अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया।

सोमवार को जम्मू-कश्मीर के अखनूर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना का बहादुर खोजी कुत्ता ‘फैंटम’ शहीद हो गया। फैंटम ने आतंकियों का डटकर मुकाबला किया और अदम्य साहस का परिचय दिया। आतंकियों ने सुबह के समय एक एंबुलेंस पर हमला किया, जिसके बाद भारतीय सेना ने क्षेत्र को घेरकर आतंकियों की खोज में अभियान शुरू किया। इसके बाद आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। सेना के खोजी कुत्ते ‘फैंटम’ को इसी मुठभेड़ में गोली लग गई।

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने एक पोस्ट अपलोड की है। इसमें उन्होंने लिखा की ‘जब हमारे सैनिक आतंकियों की ओर बढ़ रहे थे, तब फैंटम ने दुश्मन की गोलियों का सामना किया और अपने ऊपर वार सहन किया। गंभीर रूप से घायल होने के बाद, सेना ने बहादुर फैंटम को खो दिया’। डॉक्टरों की कोशिश के बाद भी फैंटम को नहीं बचाया जा सका। बता दें की फैंटम 25 मई 2020 को पैदा हुआ था। चार साल की उम्र में ही ‘फैंटम’ देश के लिए कुर्बान हो गया।
आईए जानते हैं कब हैं देव दीपावली ?आखिर इस दिन देवता क्यों मानते हैं दिवाली
डेस्क : – दीपों का पर्व दिवाली, जो प्रकाश का उत्सव है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही, देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है। ये दोनों त्योहार भारत में धूमधाम से मनाए जाते हैं। कुछ ही दिनों में पांच दिवसीय दीपोत्सव का आरंभ होने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का पर्व मनाया जाता है, जबकि देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के दिन होती है।


इस वर्ष दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, और इसके 15 दिन बाद, 15 नवंबर को देव दीपावली का पर्व होगा। यह दिन विशेष रूप से रोशनी का उत्सव माना जाता है। देव दीपावली का महत्व इस तथ्य में निहित है कि इसे देवताओं द्वारा मनाए जाने वाली दिवाली माना जाता है।

देव दीपावली का पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस पौराणिक घटना के बाद सभी देवताओं ने स्वर्गलोक में दीप जलाए थे, और तब से इस दिन को देव दीपावली के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।

इस वर्ष देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 15 नवंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी और 16 नवंबर को शाम 5:10 बजे समाप्त होगी। इसलिए, उदया तिथि के अनुसार, देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन कई स्थानों पर तुलसी विवाह का उत्सव भी मनाया जाता है, जिसमें तुलसी जी का विवाह शालिग्राम भगवान से किया जाता है।

*देव दीपावली पर की जाने वाली रस्में*

देव दीपावली को देवताओं की दिवाली कहा जाता है। इस दिन सभी देवता धरती पर आकर दिवाली मनाते हैं, इसलिए इस अवसर पर उनके लिए दीये जलाने की परंपरा है। वाराणसी में देव दीपावली का विशेष महत्व है। यहां हर साल गंगा के तट पर लाखों दीप जलाए जाते हैं, जिससे अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। लोग जलाशयों के किनारे दीपक जलाकर इस पर्व को मनाते हैं, और यह दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है।

इस प्रकार, देव दीपावली का पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव का भी प्रतीक है, जो प्रकाश और समृद्धि के संदेश को फैलाता है।
एलेक्सा को दिया गया ऐसा अजीब कमांड, देखकर हैरान रह गए लोग
डेस्क :– एलेक्सा को आमतौर पर जब हम कोई कमांड देते हैं, तो वह उसे पूरा करती है, लेकिन इस बार उसे कुछ ऐसी कमांड दी गई है, जिसने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। दो दिनों बाद दिवाली आने वाली है और लोग त्योहार को अपने-अपने तरीके से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच, एक अनोखा वीडियो सामने आया है जिसमें एलेक्सा को रॉकेट लॉन्च करते हुए देखा जा सकता है।

इंस्टाग्राम पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति Amazon Alexa से एक छोटा रॉकेट लॉन्च करने का कमांड दे रहा है। यह रॉकेट बाद में आसमान में जाकर फट जाता है। इस वीडियो पर अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों के लाइक आए हैं। आइए, इस बारे में और जानते हैं।

इस वायरल वीडियो में एक व्यक्ति बिना हाथ लगाए बोतल में रखे रॉकेट को जलाते हुए दिखाई देता है, और इसके लिए वह एलेक्सा की मदद ले रहा है। वह रॉकेट फायर करने का कमांड एलेक्सा को देता है, और एलेक्सा उस कमांड का पालन करते हुए कहती है, “यस बॉस।” हालांकि, उस बोतल के पास आपको दो लाल तार नजर आएंगे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसमें कुछ तकनीकी पहलू शामिल हैं। इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर “manisprojectslab” नामक यूजर ने साझा किया है।
सलमान खान पर लगातार खतरे की आशंका बनी हुई है, फिर मिली मारने की धमकी, मैसेज भेजकर मांगी 2 करोड़ की फिरौती
डेस्क:– सलमान खान पर लगातार खतरे की आशंका बनी हुई है। सुपरस्टार को बार-बार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। यह सिलसिला वर्षों से जारी है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में जब सलमान के गैलेक्सी अपार्टमेंट पर गोलीबारी की गई, तब से यह मामला और गंभीर हो गया है।

हाल ही में, मंगलवार को मुंबई ट्रैफिक पुलिस को एक अज्ञात शख्स से धमकी भरा संदेश प्राप्त हुआ। इस संदेश में उस व्यक्ति ने 2 करोड़ रुपये की मांग की और कहा कि अगर पैसे नहीं मिले, तो वह सलमान खान को जान से मार देगा। इस गंभीर धमकी के बाद, मुंबई के वर्ली पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी है।

सलमान खान और उनके परिवार को पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। हाल ही में, उनके करीबी सहयोगी और नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। अब सुपरस्टार जहां भी जाते हैं, अपने बड़े काफिले के साथ ही जाते हैं।

सलमान खान और उनके पिता, सलीम खान को धमकियां देने वाले कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। धमकियों की जिम्मेदारी अक्सर लॉरेंस बिश्नोई के साथियों द्वारा सोशल मीडिया पर ली जाती है। इस बढ़ते खतरे ने सलमान की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखा है और उनके आस-पास के माहौल को गंभीर बना दिया है।

इस प्रकार, सलमान खान को लगातार मिल रही धमकियों ने उनके प्रशंसकों और परिवार को चिंता में डाल दिया है, और पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
आईए जानते हैं धनतेरस और दिवाली पर पूजा में क्या चढ़ाना चाहिए?


डेस्क :– धनतेरस और दिवाली पर मां लक्ष्मी, गणेश और कुबेर देव की पूजा करने से घर में बरकत आती है. आज हम आपको इस बात की जानकारी दे रहे हैं कि इस दिन पूजा में कौन सी सामग्री शामिल करनी चाहिए


*धनतेरस पूजा सामग्री सूची*

माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की मूर्ति या चित्र

इस दिन पूजा के लिए लक्ष्मी और गणेश की अलग-अलग मूर्ति लेनी चाहिए (लक्ष्मी और गणेश को विराजमान करना चाहिए)

पूजा के लिए लकड़ी का स्टूल
लाल या पीला कपड़ा
गंगाजल
चिराग
कपास
पूजा की लय
पूजा के लिए कलश
पतुरिया
रोली
अखंड
गाय का घी
चीनी या गुड़
सूरज की रोशनी
कपूर
अगरबत्ती
फूल

*दिवाली पूजा सामग्री सूची*
  • लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
  • लाल कपड़ा
  • एक लकड़ी का स्टूल
  • रोली
  • कुमकुम
  • हल्दी की गांठ
  • पान सुपारी
  • कड़ाही
  • लौंग
  • अगरबत्ती
  • धूप दीप
  • .माचिस
  • घी, गंगाजल,
  • पंचामृत
  • फल और फूल
  • कपूर
  • गेहूँ
  • कलावा
  • सिन्दूर, अक्षत
  • नारियल
  • कमल गट्टे
  • हवन कुंड
  • हवन सामग्री
  • आरती थाली
  • कुशा और चंदन

भाजपा नेता ने गोली मारकर की आत्महत्या, मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस

डेस्क :–जिले में भाजपा नेता दीपक अग्रवाल ने खुद को गोली मारकर जान दे दी है. घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। मामले की जांच की जा रही है।फिहलाल मौत का कारण स्पष्ट नहीं है।

बता दें कि पूरा मामला काशीपुर क्षेत्र का है। जहां प्रतिष्ठित व्यापारी और भाजपा नेता दीपक अग्रवाल मैंथा ने अपने घर के गार्डन में अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से कनपटी पर गोली मारकर जान दे दी। भाजपा नेता ने ये कदम क्यों उठाया इसकी जांच पुलिस कर रही है।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में हजारों की संख्या में दर्शन करने पहुंचे रहे श्रद्धालु, जानें अब तक का आंकड़ा
डेस्क:–गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे रहे हैं. यह आंकड़ा अब 15 लाख से पार पहुंच गया है. जानकारी के मुताबिक, अभी तक 8 लाख श्रद्धालु गंगोत्री और 7 लाख श्रद्धालु यमुनोत्री धाम पहुंच चुके हैं।

बता दें कि गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए 2 नवंबर को बंद हो जाएंगे। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट 3 नवंबर को बंद होंगे।जबकि तुंगनाथ धाम के कपाट 4 नवंबर को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे। रविवार शाम तक ही दोनों धामों में कुल 1501563 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

इसमें यमुनोत्री धाम में 700828 श्रद्धालु पहुंचे हैं। वहीं गंगोत्री धाम में यह संख्या 800735 रही है। इस तरह दोनों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की एक दिन की औसत संख्या 8781 है। जबकि पिछले साल यह संख्या 7907 थी।