कोडरमा सीट पर JLKM प्रत्याशी समेत तीन का नामांकन रद्द हो गया है.


झारखंड डेस्क 

झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए कोडरमा सीट पर JLKM प्रत्याशी समेत तीन का नामांकन रद्द हो गया है.

आज नामांकन पत्रों की जांच के बाद निर्वाची पदाधिकारी सह कोडरमा SDO रिया सिंह ने प्रेम नायक, लक्ष्मण यादव और जेएलकेएम के मनोज कुमार का नामांकन रद्द होने की जानकारी दी.

साथ ही भाजपा की डॉ. नीरा यादव, राजद के सुभाष यादव, निर्दलीय शालिनी गुप्ता समेत 16 उम्मीदवारों के नामांकन वैध पाए गए हैं।

चुनावी संग्राम में जयराम महतो की इंट्री, किसका होगा नुकसान..?कौन करेगा बैतरणी पार

झारखण्ड डेस्क 

झारखंड में सत्ता का संग्राम शुरू हो चुका है. सभी दल अपनी-अपनी गोटियां बिठाने में लगे हुए हैं. इस बार का मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ महागठबंधन और एनडीए के बीच माना जा रहा है.

 इन दोनों गठबंधनों को चुनौती देने के लिए कुछ छोटे दल भी चुनाव मैदान में हैं.इन छोटे दलों में से एक है झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा जेकेएलएम, यानी जयराम महतो की पार्टी.पिछले दिनों जिस तरह से जयराम महतो की सभाओं में भीड़ जूट रही है और जिस तरह पिछले लोकसभा में उसका प्रदर्शन रहा उसमे यह तय है कि दोनों दलों को जयराम महतो से कड़ी चुनौती मिलेगी.

 जयराम महतो. कुड़मी जाति के हैं. झारखंड में कुड़मी जाति की आबादी 15 फीसदी से अधिक है.यह राज्य में 26 फीसदी से अधिक आदिवासियों के बाद सबसे बड़ा जातीय समूह है. 

जेकेएलएम ने अपने इरादे लोकसभा चुनाव में ही साफ कर दिए थे. जेकेएलएम ने लोकसभा चुनाव में राज्य की 14 में से आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था. जेकेएलएम की इन सीटों पर अपनी तगड़ी मौजूदगी दर्ज कराई थी. जेकेएलएम ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें रांची, हजारीबाग,गिरीडीह, कोडरमा और धनबाद.है जहाँ उन्हें अच्छा मत मिला था.

रांची सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस को एक लाख 20 हजार से अधिक वोटों से हराया था.इस सीट पर जेकेएलएम के देवेंद्र नाथ महतो को 1 लाख 32 हजार से अधिक वोट मिले थे.जेकेएलएम प्रमुख जयराम महतो ने गिरिडीह सीट से चुनाव लड़ा था. वहां उन्होंने तीन लाख 47 हजार 322 वोट हासिल किए थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के मथुरा प्रसाद महतो को तीन लाख 70 हजार 259 वोट मिले थे.

लोकसभा चुनाव में जयराम महतो ने गिरिडीह सीट में आने वाली गोमिया और डुमरी में झारखंड मुक्तिमोर्चा और बीजेपी के उम्मीदवारों से अधिक वोट हासिल किए थे. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में ये दोनों सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीती थीं.

लोकसभा चुनाव में जेकेएलएम भले ही कोई सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन उसने हर सीट पर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी.जेकेएलएम ने जिस तरह का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में किया, वैसा ही अगर विधानसभा चुनाव में किया तो दोनों गठबंधनों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है. 

माना जा रहा है कि झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने अगर अच्छा प्रदर्शन किया तो, इसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ेगा, क्योंकि यह मोर्चा सुदेश महतो के आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) का ही वोट काटेगा.इससे झारखंड में बीजेपी का वही हाल हो सकता है, जो हरियाणा में कांग्रेस का हुआ है. 

आजसू झारखंड में बीजेपी की सहयोगी है. बीजेपी ने 2019 का विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था. इसमें बीजेपी को 33.8 फीसदी वोट और 25 सीटें मिली थीं. वहीं आजसू ने 8.2 फीसदी वोट हासिल किए थे और दो सीटें जीती थीं. वैसे स्थानीयता और भाषा संस्कृति के नाम पर जयराम महतो के साथ अब आदिवासी और अन्य जाति के युवा भी जूट रहे हैं ऐसे हालात में नुकसान झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को भी उठाना पड़ेगा.

अब देखना है कि 2024,के विधान सभा चुनाव में जयराम महतो किस पार्टी को कितना नुकसान पहुँचाती है और कितना सीट हासिल कर अपने भविष्य की बुनियाद मज़बूत कर पाते हैं.

धनबाद के मैथन पुलिस ने 43 गौवंश लदे कंटेनर को किया जब्त, तीन हिरासत में

झारखंड डेस्क

धनबाद :मैथन पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर सोमवार सुबह करीब 5 बजे मैथन टोल प्लाजा के समीप गोवंश लदे एक कंटेनर संख्या(आरजे 32 जीडी 5478) को जब्त किया है। इस दौरान कंटेनर में मौजूद तीन लोगों ने पुलिस को देख भागने लगे। जिन्हें पुलिस ने खदेड़कर पकड़ा। 

पकड़े गए लोगों में फहेद आलम, नसीम अहमद एवं कैलाश कुमार शामिल है। जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। तीनों से मैथन पुलिस गहन पूछताछ कर रही है। मैथन पुलिस ने बताया कि कंटेनर में लदे 43 गोवंशों में सात गोवंश मरे हुए मिले। पुलिस के अनुसार गोवंश से भरे कंटेनर बिहार के गया से पश्चिम बंगाल कोलकाता ले जाया जा रहा था। 

इसी दौरान गुप्त सूचना के आधार पर मैथन पुलिस ने मैथन टोल प्लाजा के समीप कंटेनर को रोक कर जांच किया, तो कंटेनर में कुल 43 गोवंश ठूस-ठूसकर लादे हुए थे। सभी गौवंश को मैथन पुलिस ने बाहर निकालकर उनकी स्वास्थ्य जांच करवाया। इस संबंध में मैथन ओपी प्रभारी आकृष्ट अमन ने कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर गोवंशों से लदे कंटेनर को पकड़ा गया है। इस दौरान चालक सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। सभी गोवंशों को कतरास गौशाला भेजा जाएगा।

इस बार झारखंड विंधानसभा में महिला वोटर की भूमिका होगी किंग मेकर की,

यहां के 81 विंधानसभा सीट में से 32 पर महिला मतदाता की संख्यां ज्यादा,


झारखंड डेस्क 

झारखंड के 81 विंधानसभा क्षेत्र में से 32 सीट ऐसा है जहां मतदाता सूची में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या  अधिक है.अगर हम इस पर नज़र डालें तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की सीट सहित 32 विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की भूमिका निर्णायक हो सकती है. 

आंकड़े के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं की अधिक संख्या वाले 32 निर्वाचन क्षेत्रों में से 26 अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षित हैं.

81 सीट वाली झारखंड 

विधानसभा के लिए चुनाव 13 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में होने हैं. मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है. 

इस निर्वाचन क्षेत्र में 2.25 लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें 1.15 लाख महिलाएं और 1.09 लाख पुरुष मतदाता हैं. 

इसी तरह, सरायकेला विधानसभा क्षेत्र में 3.69 लाख से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 1.83 लाख पुरुष और 1.85 लाख महिला मतदाता शामिल हैं.

कोल्हान के सरायकेला, मझगांव विधान सभा सीट पर पुरुष से अधिक महिला मतदाताओं की संख्यां है.

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा उम्मीदवार चंपई सोरेन सरायकेला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेताओं के हाथों ‘अपमान’ और ‘बेइज्जती’ किये जाने का हवाला देते हुए 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा था. बरहेट और सरायकेला उन 32 विधानसभा सीट में शामिल हैं, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है. झारखंड में कुल 81 निर्वाचन क्षेत्रों में से 28 सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं नौ अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित और बाकी सामान्य श्रेणी की सीट हैं. 

पश्चिमी सिंहभूम जिले के मझगांव विधानसभा क्षेत्र में पुरुष मतदाताओं की तुलना में सबसे अधिक महिला मतदाता पंजीकृत हैं. मतदाता सूची के अनुसार इस निर्वाचन क्षेत्र में 1.12 लाख पुरुष मतदाताओं की तुलना में 1.21 लाख महिला मतदाताएं पंजीकृत हैं.

2.60 करोड़ मतदाता, जिनमें 1.29 करोड़ महिलाएं


झारखंड में करीब 2.60 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 1.31 करोड़ पुरुष और 1.29 करोड़ महिला मतदाता हैं, जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में यह संख्या 2.23 करोड़ थी. ग्यारह लाख 84 हजार मतदाता पहली बार मतदान करेंगे और 1.13 लाख विकलांग और थर्ड जेंडर के वरिष्ठ नागरिक मतदान करेंगे.

राज्य में महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए भाजपा ने झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की ‘मईंया सम्मान योजना’ का मुकाबला करने के लिए ‘गोगो दीदी योजना’ शुरू की है. मईंया सम्मान योजना के तहत राज्य की 50 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में 1,000 रुपये प्रतिमाह जमा किए जाते हैं.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो दिसंबर से यह राशि बढ़ाकर 2,500 रुपये मासिक कर दी जाएगी.

दूसरी ओर, भाजपा ने अपने पहले घोषणापत्र में झारखंड में सरकार बनने पर महिलाओं के खातों में 2,100 रुपये प्रति माह डालने का वादा किया है.

आज धनबाद में नामांकन के लिए रहा मेगा डे,झरिया से रागनी सिंह,निरसा से अपर्णा और वाघमरा से शत्रुघ्न महतो ने किया नामांकन

धनबाद :आज धनबाद में नामांकन का मेगा डे रहा ।आज झरिया से भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह, निरसा से भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता, बाघमारा से कांग्रेस प्रत्याशी जलेश्वर महतो, बाघमारा से भाजपा प्रत्याशी शत्रुधन महतो, सिंदरी विधानसभा से माले प्रत्याशी बबलू महतो ने नामांकन दर्ज किया।

 

हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए रोहित यादव टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तथा अन्य दर्ज़नो प्रत्याशी ने आज नामांकन किया है जिससे शहर में आज जाम की स्थिति भी बनी रही।

 बता दें कि 20 नवंबर के चुनाव के लिए नामांकन का कल यानी 29 अक्टूबर को आखिरी दिन होगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा- हेमंत सोरेन के दिल में थोड़ा भी स्वाभिमान है, तो इरफान अंसारी को मंत्रिमंडल से हटायें


सीता सोरेन पर इरफ़ान द्वारा अभद्र टिप्पणी से भड़के मरांडी, कहा जो मुख्यमंत्री अपनी भाभी की रक्षा नहीं कर सकता वह राज्य की बहु-बेटियों की रक्षा कैसे करेगा..?

झारखण्ड डेस्क 

भाजपा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीता सोरेन के खिलाफ अमर्यादित बयान देने वाले मंत्री इरफान अंसारी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है. रविवार को पत्रकारों से श्री मरांडी ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है कि हेमंत सोरेन लाचार और विवश हैं. वोट की खातिर वे किसी भी हद तक गिर सकते हैं. पार्टी भले अलग हो, लेकिन सीता सोरेन उनकी भाभी हैं.

उनके आंदोलनकारी भाई स्व दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं. झारखंड की एक महिला भी हैं. श्री मरांडी ने कहा कि सीता सोरेन के बारे में जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी ने घटिया शब्द का उपयोग किया है. 

अगर हेमंत सोरेन के दिल में थोड़ा सा भी स्वाभिमान है, तो इरफान अंसारी को मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए. श्री मरांडी ने कहा कि सीता सोरेन के बारे में घटिया शब्द का प्रयोग करने के बाद भी हेमंत सोरेन चुप हैं और उन्हें मंत्रिमंडल से नहीं हटा रहे हैं, तो सोच सकते हैं कि उनसे झारखंड की मां बहनों की रक्षा कैसे हो सकती है. झारखंड की जनता इस बात को अच्छी तरह जान रही है.

रविंद्र राय को कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने के पीछे उनकी नाराजगी दूर कर डैमेज कंट्रोल का प्रयास या और कुछ....


जानिए क्या कहा बाबूलाल मरांडी..?

झारखण्ड डेस्क 

पूर्व सांसद रविंद्र राय को भाजपा द्वारा झारखंड का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा के बाद से कई तरह की चर्चा शुरू हो गयी है. कुछ लोग डैमेज कंट्रोल का प्रयास बता रहे है तो कुछ लोग बाबूलाल मरांडी के कद छोटा करने की बात कर रहे हैं.

बाहरहाल उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। रविंद्र राय की नियुक्ति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं और पिछले दिनों उनकी नाराजगी को लेकर चल रही चर्चा को और हवा दे दी है। 

चर्चा इसी बात की है कि क्या किसी नाराजगी के कारण रविंद्र कुमार राय की नियुक्ति हुई है? 2019 में बीजेपी ने रविंद्र राय को लोकसभा का टिकट नहीं दिया था तो उस वक्त भी उनकी नाराजगी सामने आई थी। वह झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। वह कोडरमा से बीजेपी के लोकसभा सांसद रहे हैं। रविंद्र राय ने बीच में बीजेपी छोड़ दी थी लेकिन बाद में वह मतभेद भुलाकर वापस बीजेपी में शामिल हो गए थे।

 उधर, बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची में बाबूलाल मरांडी को धनवार से टिकट दिया है. इस वक्त वह अपने चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।

रविंद्र राय के बारे में ऐसी चर्चा थी कि वह गिरीडीह से टिकट मांग रहे थे। हालांकि नाराजगी के सवाल पर अब बाबूलाल मरांडी का जवाब आ गया है। मरांडी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ''स्वाभाविक है कि अब हम खुद चुनाव लड़ रहे हैं और हमारा अपना व्यस्त कार्यक्रम है, ऐसे में हमारे पुराने साथी को केंद्र द्वारा मनोनीत किए जाने से बेहतर क्या हो सकता है। 

किसी तरह की नाराजगी का कोई सवाल ही नहीं है। यह कोई डैमेज कंट्रोल नहीं है। हम सभी मिलकर झारखंड में 51 से अधिक सीटें जीतेंगे।

आरपीएफ पोस्ट रांची और फ्लाइंग टीम रांची द्वारा ऑपरेशन सतर्क के तहत 38 शराब की बोतलें बरामद

झारखण्ड डेस्क 

राँची मंडल में आरपीएफ मंडल सुरक्षा आयुक्त पवन कुमार के निर्देश पर शराब तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चालू हैl दिनांक 27.10.2024 को, आरपीएफ पोस्ट रांची और फ्लाइंग टीम रांची द्वारा ऑपरेशन सतर्क के तहत निरीक्षक डी. के. सिंह के निर्देशन में ट्रेन संख्या 13403 एक्सप्रेस में गहन जांच के दौरान सीट संख्या 01 के नीचे कोच नंबर S3 में एक काला रंग का बैग और एक सफेद और लाल रंग का बैग पाया गया। 

दोनों बैग्स के मालिक का पता लगाने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई नहीं मिला। शक होने पर बैग को बैगेज स्कैनर से स्कैन किया गया, जिससे उसमें शराब की बोतलें होने का खुलासा हुआ। 

बैग खोलने पर 38 शराब की बोतलों को निकाला गया जिसका अनुमानित कीमत रु. 18,970/- है। बाद मे रांची आरपीएफ के एएसआई शक्ति सिंह ने सभी कानूनी औपचारिकताओं के साथ शराब को जब्त किया जिसे आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए 28.10.2024 को आबकारी विभाग को सौंपा जाएगा।

अभियान में शामिल अधिकारी एवं स्टाफ

निरीक्षक डी. के. सिंह, एएसआई शक्ति सिंह

स्टाफ के. सिंह, शंकर कुमार, आर. के. सिंह, मनीष कुमार

अगर उम्मीदवारों ने नामांकन वापस नहीं लिए, तो झारखंड की इतनी सीटों पर लगाने पड़ेंगे 2-2 ईवीएम


झारखंड डेस्क 

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन का दौर खत्म हो चुका है. 43 विधानसभा सीटों के लिए 804 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं. इनमें से कम से कम 24 ऐसी सीटें हैं, जहां कुछ उम्मीदवारों ने नाम वापस नहीं लिए, तो वहां 2-2 ईवीएम लगानी पड़ेगी.भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 804 उम्मीदवारों में 538 ने इन्हीं 24 सीटों पर उम्मीदवारी की दावेदारी की है.

जमशेदपुर की 2 विधानसभा सीटों पर सबसे अधिक 63 प्रत्याशी

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए जिन विधानसभा सीटों पर सबसे अधिक नामांकन हुए हैं, उसमें सबसे ऊपर जमशेदपुर की 2 विधानसभा सीटें हैं. जमशेदपुर पूर्व असेंबली सीट पर 32 लोगों ने नामांकन दाखिल किए हैं, जबकि जमशेदपुर पश्चिम में 31 प्रत्याशियों ने परचा भरा.

रांची की हटिया विधानसभा सीट पर 30 लोगों ने भरा परचा

राजधानी रांची की हटिया विधानसभा सीट पर 30 उम्मीदवार हैं, तो बरकट्ठा में 29, बड़कागांव में 28, रांची में 26 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिए हैं. हजारीबाग, डालटेनगंज और गढ़वा में 25-25 लोगों ने इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के इरादे जताए हैं. सभी ने नामांकन दाखिल कर दिए हैं.

इन विधानसभा सीटों पर 17 से 23 उम्मीदवार

ईचागढ़ विधानसभा सीट पर 23, हुसैनाबाद में 22, चाईबासा (एसटी) और विश्रामपुर में 21-21, बरही, तमाड़ (एसटी), गुमला (एसटी) और कोलेबिरा (एसटी) में 19-19 उम्मीदवार सामने आए हैं. पोटका (एसटी), लोहरदगा (एसटी), भवनाथपुर, बिशुनपुर (एसटी) और सिसई (एसटी) सीट से 18-18, तो मांडर (एसटी) और पांकी में 17-17 प्रत्याशियों ने उम्मीदवारी का परचा भर दिया है.

43 सीट पर 804 लोगों ने भरा है नामांकन

इन सभी सीटों पर 2-2 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) लगानी पड़ेगी, क्योंकि एक ईवीएम में सिर्फ 16 उम्मीदवारों के ही नाम अंकित हो सकते हैं. इसलिए अगर इन सीटों पर उम्मीदवारों ने नाम वापस नहीं लिए, तो इन 24 सीटों पर 2-2 ईवीएम लगाना पड़ेगा. सोमवार (28 अक्टूबर) को इन सभी 804 परचों की जांच होगी. इसके बाद 30 अक्टूबर तक नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है. उसी दिन तय होगा कि 13 नवंबर को 43 विधानसभा सीटों पर वोटिंग के दौरान कितनी सीटों पर 1 ईवीएम लगेंगे और कितनी सीटों पर 2 ईवीएम की व्यवस्था करनी होगी.

वो कौन-सी 24 सीटें हैं, जहां लगाने पड़ सकते हैं 2-2 EVM

जमशेदपुर-पूर्व में 32

जमशेदपुर-पश्चिम में 31

हटिया में 30

बरकट्ठा में 29

बड़कागांव में 28

रांची में 26

हजारीबाग में 25

डालटेनगंज में 25

गढ़वा में 25

ईचागढ़ में 23

हुसैनाबाद में 22

चाईबासा (एसटी) में 21

विश्रामपुर में 21

बरही में 19

तमाड़ (एसटी) में 19

गुमला (एसटी) में 19

कोलेबिरा (एसटी) में 19

पोटका (एसटी) में 18

लोहरदगा (एसटी) में 18

भवनाथपुर में 18

बिशुनपुर (एसटी) में 18

सिसई (एसटी) में 18

मांडर (एसटी) में 17

पांकी में 17

इरफ़ान अंसारी द्वारा सीता सोरेन पर की गयी अभद्र टिप्पणी पर चुनाव आयोग ने लिया सज्ञान, जानिये क्या कहा निर्वाचन पदाधिकारी


चुनाव के इस मौसम में नेताओं की बदजूवानी एक ऐसी समस्या बन गयी है जिससे जनता के साथ प्रशासन भी परेशान है. 

झारखण्ड सरकार में मंत्री रहे जामताड़ा विधायक ने जिस तरह अपने प्रतिद्वाँधी सीता सोरेन के लिए जिस तरह शब्दों का प्रयोग किया वह ना सिर्फ जनता को नागवार लगा बल्कि प्रशासनिक अधिकारी भी अचंभित हैं.

इधर इस पुरे प्रकारण को चुनाव आयोग तक भाजपा ने पहुंचा दिया है.

इस मामले पर राज्य की अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा है कि विस चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों या प्रत्याशियों को किसी की भावना आहत करनेवाले बयान से बचना चाहिए. 

किसी की भावना आहत करनेवाला बयान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा. ऐसा बयान देनेवालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई का प्रावधान है. 

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की एडवाइजरी दोबारा राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को दी जा रही है. बगैर तथ्य के गलत बयानबाजी न करें : 

श्रीमती अरोड़ा ने कहा कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को महिलाओं के सम्मान व प्रतिष्ठा के प्रतिकूल माने जाने वाले किसी भी कार्य या बयान से परहेज करना है. 

उनका संकेत इरफ़ान अंसारी के बयान पर था. इधर इस बयान से ना मात्र सीता सोरेन आहत हैं बल्कि आदिवासी समाज भी आहत है जिसका सीधा असर मतदान पर भी पड़ेगा.

इस पुरे मामले पर बाबूलाल मरांडी ने भी कहा है की राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपनी भाभी के सम्मान का भी ख्याल नहीं रहा. इस तरह की अभद्र बयांन पर कारबाई करने की जरूरत है.

फिलहाल सोरेन परिबार की इस पर चुपी से जनता पे क्या असर परता है यह तो मतदान के समय पता चलेगा लेकिन इस इरफ़ान अंसारी के इस कथित बयांन से सियासी गलियारी में चर्चा का इन दिनों विषय बना हुआ है.