सुरन या जिमिकंद की सब्जी औषधीय गुण से भरपूर स्वास्थ्य के लिए अमृत और दिवाली पर इसे खाने की है विशेष परंपरा
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सुरन, जिसे जिमिकंद भी कहा जाता है, एक ऐसी सब्जी है जो भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। यह न केवल अपने स्वाद के लिए मशहूर है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी इसे विशेष बनाते हैं। खासकर दिवाली के समय, सुरन की सब्जी खाने की परंपरा सदियों पुरानी है, जिसे विभिन्न संस्कृतियों में खास महत्व दिया जाता है।
सुरन के औषधीय गुण:
1 पाचन तंत्र के लिए लाभकारी: सुरन में मौजूद रेशे और अन्य पोषक तत्व पाचन को बेहतर बनाते हैं। यह कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है और पेट को साफ रखता है।
2 डायबिटीज में सहायक: सुरन का नियमित सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी माना जाता है।
3 हृदय रोगों से बचाव: सुरन में पाया जाने वाला पोटैशियम और फाइबर हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक होता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
4 सूजन और जलन में राहत: सुरन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और शरीर की अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। इसका उपयोग आयुर्वेद में सूजन और गठिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है।
5 वजन घटाने में सहायक: सुरन की सब्जी में कैलोरी की मात्रा कम होती है और यह फाइबर से भरपूर होती है, जो इसे वजन घटाने वाले आहार के लिए उपयुक्त बनाती है।
दिवाली पर सुरन खाने की परंपरा:
दिवाली पर सुरन की सब्जी खाने की परंपरा का एक खास महत्व है। प्राचीन समय से यह माना जाता है कि त्योहारों के समय शरीर को साफ और स्वस्थ रखने के लिए विशेष आहार की जरूरत होती है। सुरन, अपनी पाचन सुधारने और शरीर को डिटॉक्स करने वाली विशेषताओं के कारण, इस समय में खास रूप से खाई जाती है।
कई स्थानों पर दिवाली के दिन इसे खाने का धार्मिक महत्व भी है। ऐसी मान्यता है कि सुरन खाने से नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति मिलती है और यह घर में सुख-समृद्धि लाता है। साथ ही, इसके औषधीय गुण त्योहार के दौरान भारी और मसालेदार भोजन के बाद पेट को आराम देते हैं और पाचन को संतुलित रखते हैं।
कैसे बनती है सुरन की सब्जी:
सुरन की सब्जी को बनाने के कई तरीके होते हैं। सबसे सामान्य विधि में इसे छोटे टुकड़ों में काटकर उबाल लिया जाता है। इसके बाद इसमें हल्दी, धनिया, जीरा, अदरक-लहसुन का पेस्ट और अन्य मसाले डालकर इसे तेल या घी में पकाया जाता है। कुछ लोग इसे छौंक लगाकर या फिर दही में पकाकर भी बनाते हैं। सुरन का स्वाद थोड़ा तीखा और खास होता है, जिसे मसालों के साथ पकाने पर यह और भी स्वादिष्ट बन जाता है।
निष्कर्ष:
सुरन या जिमिकंद सिर्फ एक साधारण सब्जी नहीं है, बल्कि यह एक औषधि की तरह काम करती है। इसके नियमित सेवन से न केवल बीमारियों से बचाव होता है, बल्कि यह दिवाली जैसे त्योहारों पर इसे खाने की परंपरा भी हमारे स्वास्थ्य के प्रति हमारे पूर्वजों की समझदारी को दर्शाती है।



Oct 16 2024, 10:39
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