आवास के साथ-साथ अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रही मुख्यमंत्री विष्णुदेव की सरकार: प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन

रायपुर-   वाणिज्य और उद्योग एवं श्रम मंत्री एवं खैरागढ़ जिले के प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन ने खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत सिंघौरी में जिला स्तरीय आवास मेला एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्य अतिथि मंत्री श्री देवांगन सहित अन्य अतिथियों के द्वारा ज़िला में नवीन स्वीकृत 9520 आवासों का भूमिपूजन किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा गर्भवती महिलाओं को पोषण कीट का वितरण किया गया। साथ ही नन्हें बच्चों का अन्नप्रासन कराया गया।

मुख्य अतिथि एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की शुरूआत 1 अप्रैल 2016 से की गई थी। तब से लेकर आज पर्यंत तक लगातार गरीबों को पक्का आवास का लाभ मिल रहा है। प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आवास के अलावा अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं पर सरकार काम कर रही है। गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को मुफ्त चावल दिया जा रहा है जो आगामी पांच साल तक लगातार दिया जाएगा। साथ ही घर-घर पेयजल पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश में साय सरकार महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं के खातों में हर माह 1 हजार रूपये दे रही है। किसानों को दो साल का बोनस, समर्थन मूल्य 31 सौ रूपये में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने सहित अन्य वादा पूरा किया है। मंत्री श्री देवांगन ने प्रभारी मंत्री मद से सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रूपये की स्वीकृति देने की घोषणा की। उन्होंने सहाड़ादेव से अवंती स्कूल तक सीसी रोड निर्माण के लिए 5 लाख रूपए और मुख्य सड़क से पुरूषोत्तम के घर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 5 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की।

लोकसभा सांसद संतोष पांडेय ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार गरीब, किसान, खेतीहर मजदूरों के लिए काम कर रही है। उनके उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत हैं। हमारी सरकार बनते ही प्रदेश के 18 लाख परिवारों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया। विष्णुदेव सरकार ने अपना वादा निभाया है। प्रदेश की सरकार जनता के हित में काम कर रही है।

खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष गीता घासी साहू ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान कलेक्टर चन्द्रकांत वर्मा ने आवास मेला कार्यक्रम में प्रतिवेदन का वाचन किया। इस अवसर पर जिपं सभापति घम्मन साहू, छुईखदान जनपद अध्यक्ष नीना विनोद ताम्रकार, गणमान्य नागरिक सहित जिला स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

साढ़े 9 हजार आवासों का हुआ भूमिपूजन

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय आवास मेला एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिले के प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन ने सितंबर 2024 में स्वीकृत आवासों का भूमिपूजन किया। जिले में स्वीकृत आवास में से 18240 आवास पूर्ण कर लिया गया है। सितम्बर 2024 में प्राप्त लक्ष्य 13559 में 9520 आवासों का एक साथ भूमिपूजन कार्यक्रम प्रभारी मंत्री के करकमलों से किया गया।

20 हितग्राहियों को मिली पक्के मकान की चाबी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गरीबों को पक्का आवास देने का काम निरंतर जारी है। इसी कड़ी में जिला स्तरीय आवास मेला एवं उन्मुखीकरण कार्य्रक्रम में आवास निवास पूर्ण करने वाले क्षेत्र के 20 हितग्राहियों को चाबी प्रदान कर गृह प्रवेश कराया गया। इसके अलावा आवास निर्माण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हितग्राही, सरपंच, सचिव, तकनीकी सहायक एवं रोजगार सहायकों को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कृषि विभाग, मत्स्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलगकृअलग हितग्राहियों को प्रमाण पत्र, कीट एवं अन्य सामानों का वितरण किया गया।

मुंगेली में एक दिवसीय प्रधानमंत्री आवास मेला का हुआ आयोजन

रायपुर-      केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब के सपने को साकार करने का संकल्प लिया है। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने सबसे पहले 03 करोड़ आवास की स्वीकृति प्रदान की है। श्री साहू ने कहा कि मुंगेली जिले में 20 हजार से अधिक हितग्राहियों को पक्का आवास मिलेगा। वे आज मुंगेली में ‘‘हमर आवास हमर विकास’’ की थीम पर आयोजित आवास मेला को सम्बोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरूण साव, जिले के प्रभारी मंत्री लखन लाल देवांगन और विधायक पुन्नूलाल मोहले सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में हितग्राही शामिल हुए। आवास मेले में अतिथियों द्वारा आवास योजना के 10 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र तथा 10 लाभार्थियों को गृह प्रवेश के लिए चाबी सौंपी गई। कार्यक्रम में 09 लखपति दीदीयों को सम्मानित किया गया। मेले में सामुदायिक निवेश कोष अंतर्गत 09, चक्रीय निधि अंतर्गत 09, एन.आर.एल.एल बैंक लिंकेज अंतर्गत 09 तथा पीएम विश्वकर्मा योजनांतर्गत 05 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि हर गरीब का सपना होता है, कि उसका खुद का पक्का मकान हो। इस सपने को साकार करने का बीड़ा देश के प्रधानमंत्री ने उठाया। छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 14 दिसंबर को पहली केबिनेट की बैठक में 18 लाख आवास को स्वीकृति प्रदान की। उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि मुंगेली जिले में 2024 में 20551 आवास निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार मोदी के एक-एक गारंटी को पूरा कर रही है। कार्यक्रम को विधायक पुन्नूलाल मोहले ने भी सम्बोधित किया।

मुंगेली जिले में 49 हजार 225 आवासों के लक्ष्य के विरुद्ध 47 हजार 100 से अधिक आवासों को पूर्ण कर लिया गया है। आवास योजना में राज्य स्तरीय रैंकिंग में मुंगेली जिला शीर्ष से चौथे स्थान पर है। जिले में पूर्ण आवासों के विरुद्ध कल 565 करोड़ 26 लाख रुपए एवं नए स्वीकृत आवासों में प्रथम किस्त की राशि 33 करोड़ 23 लाख 20 हजार रूपए हितग्राहियों के खाते में हस्तांतरित की जा चुकी है।

केंद्रीय राज्य मंत्री, उप मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री ने 125 कन्याओं को कराया कन्या भोज

रायपुर-   शारदीय नवरात्र में आज अष्टमी-नवमी के दिन जिला मुख्यालय स्थित मंडी परिसर में आयोजित आवास मेले अंतर्गत कन्या भोज का भी आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और जिले के प्रभारी मंत्री लखन लाल देवांगन ने 125 कुंवारी कन्याओं को भोज कराया। उन्होंने सभी कन्याओं को अपने हाथों से खीर पूड़ी, हलवा सहित विभिन्न प्रकार का मिष्टान्न परोसा और उपहार भेंट किया। साथ ही कन्याओं की मां देवी के रूप में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

बता दें कि शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक जिस तरह से माता दुर्गा की आवभगत और पूजा-अर्चना की जाती है। उसी तरह से नवरात्रि में सप्तमी तिथि से कन्या पूजन का दौर शुरू हो जाता है। अष्टमी और नवमी तिथि पर कुंवारी कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर उनका स्वागत सत्कार किया जाता है। नवरात्र में कुंवारी कन्याओं के भोजन कराने से पुण्य और कल्याण की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, कलेक्टर राहुल देव, पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, वन मंडलाधिकारी संजय यादव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभाकर पाण्डेय सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

दीपावली से पहले सरकार ने दी सौगात, 45 सब इंस्पेक्टर बने इंस्पेक्टर, देखें पूरी लिस्ट…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में दीपावली से पहले साय सरकार ने पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर प्रमोशन किया है. 45 सहायक उपनिरीक्षकों (एसआई) को निरीक्षक (TI) के पद पर पदोन्नति मिली है.

देखें लिस्ट –

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के छत्तीसगढ़ प्रवास की तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये

रायपुर-    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के छत्तीसगढ़ के 25 और 26 अक्टूबर, दो दिवसीय प्रवास के मद्देनजर राज्यपाल रमेन डेका के निर्देशानुसार आज यहां राजभवन में राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार ने बैठक लेकर सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राष्ट्रपति के प्रवास के दौरान सभी तैयारियां निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाना सुनिश्चित करें।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु 25 और 26 अक्टूबर को एम्स रायपुर, एन. आई. टी. रायपुर, आई. आई. टी. भिलाई और पं. दीनदयाल स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान आयुष विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। सचिव यशवंत कुमार ने इस दौरान सभी शैक्षणिक संस्थानों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इसके अलावा रायपुर एवं दुर्ग जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, राज्य प्रोटोकॉल के अधिकारियों को भी सभी आवश्यक तैयारियां निर्धारित समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।

इस अवसर पर राज्यपाल की संयुक्त सचिव हिना अनिमेष नेताम, पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

नक्सलियों द्वारा बिछाए आईईडी में पैर गवाने वाले नक्सल पीड़ितों को मिला कृत्रिम पैर का सम्बल

रायपुर-      वनोपज संग्रहण या खेती कार्य जैसे अपनी दैनिक जीवनचर्या के बीच जंगलों के रास्ते गुजरते समय नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बमों में ब्लास्ट की अलग-अलग घटनाओं में अपना पैर गंवाकर अपाहिज की दर्दभरी जिंदगी जी रहे बस्तर के ग्रामीणों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश व उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर कृत्रिम पैर का संबल मिल रहा है। पहले चरण में नक्सल हिंसा प्रभावित ऐसे 6 लोगों को फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाकर चलने की ट्रेनिंग दी गई। आईईडी ब्लास्ट में पैर खोने के बाद से चलने फिरने के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए ये लोग अब कृत्रिम पैर पाकर इतने उत्साहित हैं कि खुद अपने पैरों से चलकर आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निवास अपनी खुशी व्यक्त करने पहुंचे।

उल्लेखनीय है कि बस्तर क्षेत्र के लगभग 70 नक्सल पीड़ितों ने बस्तर शांति समिति की पहल पर विगत सितंबर माह में दिल्ली जाकर जंतर मंतर में प्रदर्शन करने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें आप बीती बताते हुए बस्तर में शांति की गुहार लगाई थी। वहीं दिल्ली से लौटकर वे आए तो उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने अपने निवास कार्यालय में एक-एक पीड़ितों से बात कर उनका हालचाल जाना था और उनका हौसला बढ़ाया था और आईईडी ब्लास्ट में पैर गवा चुके पीड़ितों के कृत्रिम पैर लगवाने के निर्देश दिए थे।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार आईईडी ब्लास्ट में अपने अंग खोने वाले ग्रामीणों का समाज कल्याण विभाग के सहयोग से ऐसे नक्सल हिंसा पीड़ितों को कृत्रिम अंग लगाने की शुरुआत हो गई है। कृत्रिम पैर लगाने के लिए बस्तर से 9 नक्सल पीड़ित का आना तय हुआ था, किंतु व्यक्तिगत कारणों से 3 पीड़ित अभी नहीं पहुंच पाए। इस प्रकार 6 नक्सल पीड़ित गुड्डू लेकाम बीजापुर, अवलम मारा बीजापुर, सुक्की मड़कम सुकमा, सोमली खत्री बीजापुर, खैरकम जोगा बीजापुर, राजाराम बीजापुर को फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाए गए।

कृत्रिम पैर लगने के बाद इनकी जिंदगी एक नई करवट ले रही है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा के निवास पहुंचे इन नक्सल पीड़ितों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे अच्छा महसूस कर रहे हैं। कदम-कदम पर किसी और के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिंदगी में अब आगे बढ़ने और कुछ हासिल करने की सोच सकते हैं। हालांकि नक्सलियों ने जो छीना है उसकी भरपाई नहीं हो सकती। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता से उन्हें कृत्रिम पैर सुलभ होने के साथ जीवन में नया उत्साह आया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार का आभार व्यक्त किया।

लीज अवधि खत्म होने के बाद किया रेत का अवैध खनन, ठेकेदार के साथ पंचायत प्रतिनिधियों को भेजा 4 करोड़ की वसूली का नोटिस…
गरियाबंद-      वक्त बदल गए, हालात बदल गए. यह बात आपने कई जगह देखी, सुनी होगी, लेकिन यह परसदा जोशी के पंचायत प्रतिनिधियों के लिए हकीकत है. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ठेकेदार ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत कर रेत खदान की लीज अवधि खत्म होने के बाद भी अवैध खनन कर डाला. बीती सरकार ने तो मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन सरकार बदलने के बाद अब जिम्मेदारों को 4 करोड़ 25 हजार रुपए की वसूली का नोटिस थमा दिया है. 

राजिम तहसील के परसदा जोशी पंचायत क्षेत्र के घाट में हुए बहुचर्चित अवैध रेत खनन के मामले में प्रशासन अब दोषियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अवैध खनन के खिलाफ माइनिंग विभाग ने कार्रवाई करते हुए 4 अक्टूबर को खदान के तत्कालीन ठेकेदार संकल्प जनघेल, पूर्व सरपंच परसदा जोशी और सुनीता सोनी, सरपंच पति व पंच बेनराज सोनी, ग्रामीण हार्दिक सोनवानी के नाम नोटिस तामिल किया है. नोटिस में गौण खनिज अधिनियम के उल्लंघन के कारण गरियाबंद कलेक्टर द्वारा 4 करोड़ 25 हजार रुपए अर्थ दंड अधिरोपित किया गया है, जिसे पटाना सुनिश्चित करें.

दरअसल, माइनिंग विभाग द्वारा परसदा जोशी खदान का लीज पट्टा 17/11/21 से16/11/23 तक के लिए जारी किया गया था, लेकिन ठेकेदार व पंचायत प्रतिनिधियों ने मिलीभगत कर लीज अवधि खत्म होने के बावजूद 80 हजार घन मीटर की अवैध खुदाई कर डाली. मामले की शिकायत के बाद राजस्व विभाग की टीम ने 10 जनवरी 2024 को मौका जांच किया था. विभाग के प्रतिवेदन में स्वीकृत रेत खदान क्रमांक1 व 2 के लिए चिन्हांकित रकबा में 80 हजार घन मीटर का अवैध खनन बताया गया.

यह मामला तत्कालीन कांग्रेस सरकार की विदाई बेला में सामने आया था. तब मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई थी. नई सरकार के आने के बाद विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यान आकर्षण सूचना के माध्यम से 13 फरवरी को मामला सदन के पटल में रखा था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में तो आई, लेकिन कार्रवाई करने में आठ माह का वक्त लगा दिया.

कलेक्टर के निर्देश पर भेजा नोटिस

मामले में जिला माइनिंग अधिकारी फागुलाल नागेश ने कहा कि राजस्व विभाग के कार्रवाई में बहुत कुछ स्पष्ट नहीं था, दोबारा पत्राचार किया गया. 24 सितंबर को दोबारा तहसील राजिम का प्रतिवेदन आया, जिसे कलेक्टर के समक्ष रखा गया. उनके निर्देश के आधार पर अर्थ दंड वसूली हेतु संबंधित को नोटिस जारी किया गया है.

महादेव सट्टा एप घोटाला के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद चढ़ा सियासी पारा, भाजपा-कांग्रेस के बीच शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर…

रायपुर-  महादेव सट्टा एप घोटाला मामले में संचालक सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल ने दुबई से गिरफ़्तार किया है. इस पर विधायक राजेश मूणत ने कहा बीजेपी इसके संचालन के पीछे संलिप्त सभी पर कार्रवाई करेगी. वहीं पीसीसी चीफ दीपक बैज सवाल कर रहे हैं कि आखिर किस-किस को कमीशन मिल रहा है.

महादेव सट्टा एप के संचालक सौरभ चंद्राकर की गिरफ़्तारी को लेकर एक बार फिर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने हैं. विधायक राजेश मूणत ने इस बड़ी करवाई को लेकर कहा है कि बीजेपी लगातार इस अभियान में जुटी है, जो इसका बैकसपोर्ट कर संचालन करते थे, उन पर कार्रवाई हो रही है. छत्तीसगढ़ का पुलिस विभाग काम कर रहा है. जितने लोग घोटाले में संलिप्त हैं, सभी पर बीजेपी सरकार कार्रवाई करती रहेगी.

वहीं विधायक राजेश मूणत के बयान पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सवाल किया है डबल इंजन की सरकार 10 महीने के बाद भी महादेव सट्टा एप बंद क्यों नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि सरकार को कार्रवाई करने से किसने रोका है. महादेव सट्टा एप में सबसे ज़्यादा एफआईआर, कार्रवाई और गिरफ़्तारी कांग्रेस की सरकार में हुई, और इसे बंद करने हमने केंद्र सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी. बीजेपी ने अब तक कितने एफआईआर और गिरफ़्तारियां की है.

उन्होंने कहा कि महादेव एप के नाम से चुनाव लड़ने वाली सरकार को शपथ ग्रहण के साथ एप बंद कर देना चाहिए था. लेकिन जिस मुद्दे को लेकर बीजेपी ने चुनाव में विपक्ष के ख़िलाफ़ एजेंडा तैयार किया आज दस महीने के बाद भी महादेव सट्टा एप बंद नहीं करा पाई. बैज ने सवाल उठाया कि किसको-किसको कमीशन मिल रहा है, ये सरकार बताए और आखिर अब तक एप बंद क्यों नहीं हो सका है.

छत्तीसगढ़ के विधायकों को अब मिलेगा दोगुना यात्रा भत्ता, संसदीय कार्य विभाग ने जारी की अधिसूचना…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के विधायकों को अब प्रति किलोमीटर यात्रा भत्ता 20 रुपए मिला करेगा. अब तक विधायकों को प्रति किलोमीटर 10 रुपए यात्रा भत्ता मिला करता है. इस संबंध में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ विधान मण्डल यात्रा-भत्ता नियम 1957 में संशोधन किया गया है. 

बता दें कि छत्तीसगढ़ विधान मंडल यात्रा भत्ता नियम, 1957 के तहत किसी विधायक का निवास स्थान राजधानी रायपुर से 8 किलोमीटर से ज्‍यादा दूर है, तो विधानसभा सत्र या सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपने वाहन से यात्रा करने पर उन्हें भत्ता दिया जाता है. ताजा अधिसूचना के बाद अब विधायकों को 10 रुपए की बजाए 20 रुपए प्रति किलोमीटर यात्रा भत्ता दिया जायेगा.

हाईकोर्ट का फैसला, स्टाफ नर्स के तबादले पर लगाई रोक, कोर्ट ने कहा- बच्चों के शैक्षणिक सत्र के बीच न हो स्थानांतरण

रायपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच ने स्टाफ नर्स सरस्वती साहू की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस पीपी साहू ने फैसले में कहा कि यदि बहुत जरुरी ना हो तो शैक्षणिक सत्र के बीच में ऐसे कर्मचारी और अधिकारी जिनके बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, उनका स्थानांतरण ना किया जाए. इस फैसले से उन सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है, जिनके बच्चे शैक्षणिक सत्र के दौरान पढ़ाई कर रहे हैं.

सरस्वती साहू, जो बालोद जिले के पीपरछेड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ नर्स के रूप में कार्यरत हैं. जिनका डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल, रायपुर में स्थानांतरित कर दिया है. जिसको लेकर नर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई. याचिकाकर्ता के वकील संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता स्टाफ नर्स के दो पदों में से वर्तमान पदस्थापना स्थान पर कार्यरत एकमात्र स्टाफ नर्स है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बालोद ने 7.10.2024 को संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय को पत्र लिखा जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता के स्थानांतरण के बाद उसके स्थान पर किसी अन्य स्टाफ को नहीं रखा गया है. इससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उचित और सुचारू संचालन प्रभावित हो रहा है.

बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा असर

याचिकाकर्ता के दो बच्चे स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल, बालोद, जिला-बालोद में कक्षा-10 वीं और 6 वीं में पढ़ रहे हैं. याचिकाकर्ता का स्थानांतरण शैक्षणिक सत्र के मध्य में हुआ है, इसलिए उन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता का एक बच्चा कक्षा-10वीं में पढ़ रहा है, जो कि बोर्ड परीक्षा है. अधिवक्ता संदीप दुबे ने स्कूल शिक्षा निदेशक बनाम ओ. करुप्पा थेवन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसकी रिपोर्ट 1994 एससीसी सप्लीमेंट (2) 666 में दी गई है.

राज्य शासन के अधिवक्ता ने दिया ये तर्क

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने कहा कि याचिकाकर्ता मेडिकल कॉलेज का कर्मचारी है. उसे शिक्षा विभाग में पदस्थ किया गया था. याचिकाकर्ता के अनुरोध पर उन्हें स्वास्थ्य सेवा विभाग में पदस्थ किया गया था. अब उन्हें उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुबे ने कोर्ट से मांग की कि याचिकाकर्ता ने 4.10.2024 को भी अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है. लिहाजा अभ्यावेदन पर निर्णय होने तक याचिकाकर्ता का स्थानांतरण ना किया जाए.

कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा

मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि स्थानांतरण करते समय, इस तथ्य को उचित महत्व दिया जाना चाहिए कि कर्मचारी के बच्चे पढ़ रहे हैं, यदि सेवा की अनिवार्यताएं तत्काल नहीं हैं. इस टिप्पणी के साथ स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सचिव स्वास्थ्य सेवाएं के समक्ष 10 दिनों की अवधि के भीतर नया अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. यदि याचिकाकर्ता अभ्यावेदन प्रस्तुत करता है, तब सचिव स्वास्थ्य सेवाएं को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को ध्यान में रखते हुए, कानून के अनुसार चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेना होगा. अभ्यावेदन के निराकरण तक स्थानांतरण आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा दी है.