हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ने डिप्टी मैनेजर समेत अन्य पदों पर निकाली भर्ती, 14 अक्टूबर से करें आवेदन


नई दिल्ली:- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) ने विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली है। इनमें डिप्टी जनरल मैनेजर, डिप्टी मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर पोस्ट शामिल हैं। इस वैकेंसी प्रक्रिया के माध्यम से कुल 19 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इन पदों के लिए आवेदन की प्रक्रिया आज से दो तीन दिन बाद यानी कि 14 अक्टूबर से शुरू हो रही है और उम्मीदवारों को 4 नवंबर, 2024 तक अप्लाई करने का मौका दिया जाएगा। इच्छुक और योग्य कैंडिडेट्स आधिकारिक वेबसाइट hindustancopper.com पर जाकर पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) की ओर से जारी सूचना के अनुसार, इस वैकेंसी के लिए अप्लाई करने वाले सामान्य/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवारों को 500 रुपये फीस देनी होगी। यह शुल्क नॉन-रिफंडबेल होगा। अन्य सभी कैटेगिरी के उम्मीदवारों को शुल्क के भुगतान करने से छूट दी गई है। 

इन पदों के लिए आवेदन करने वाले 

इच्छुक कैंडिडेट्स को सलाह दी जाती है कि आवेदन करने के लिए अंतिम तिथि का इंतजार न करें, बल्कि समय रहते ही ऑनलाइन एप्लीकेशन फाॅर्म भर दें, क्योंकि कई बार अंतिम समय में पोर्टल पर लोड बढ़ जाता है इसलिए आवेदन करने में समस्या होती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें। इसके साथ ही आवेदन करते समय शर्तें और नियमों को ध्यान से पढ़ लें। 

HCL Executive Recruitment 2024: ऐसे होगा सेलेक्शन

डिप्टी जनरल मैनेजर और डिप्टी मैनेजर के पदों पर उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। असिस्टेंट मैनेजर और मैनेजमेंट ट्रेनी पदों के लिए अभ्यर्थियों का सेलेक्शन कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा।

HCL Executive Recruitment 2024: हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड भर्ती के लिए ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन 

हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड भर्ती के लिए सबसे पहले उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट www.hindustancopper.com पर जाएं। अब होमपेज पर एचसीएल भर्ती 2024 लिंक पर क्लिक करें।आवश्यक विवरण प्रदान करें।आवेदन पत्र जमा करें। आवश्यक दस्तावेज जमा करें। भविष्य के संदर्भ के लिए उसका प्रिंटआउट अपने पास रखें।

इंडियन आर्मी 10+2 TES-53 भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन स्टार्ट, बिना आवेदन शुल्क के कर सकते हैं अप्लाई

नई दिल्ली:- इंडियन आर्मी में शामिल होने का सपना देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खबर है। भारतीय सेना की ओर से आर्मी टेक्निकल एंट्री स्कीम (Indian Army 10+2 TES 53 Entry- July 2025 Batch) के पदों पर भर्ती निकाली है। 

इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 अक्टूबर से शुरू हो गई है जो निर्धारित अंतिम तिथि 5 नवंबर 2024 तक जारी रहेगी। इच्छुक एवं इस भर्ती के लिए योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी तय तिथियों के अंदर ऑनलाइन माध्यम से एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं।

बिना एप्लीकेशन फीस के साथ कर सकते हैं आवेदन

अभ्यर्थियों को बता दें कि अगर वे इस भर्ती के लिए पात्रता पूरी करते हैं तो वे बिना आवेदन शुल्क के आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं। किसी भी वर्ग के अभ्यर्थियों को आवेदन के साथ शुल्क जमा नहीं करना होगा।

कैसे करें आवेदन

अभ्यर्थी भर्ती में शामिल होने के लिए स्वयं ही आवेदन कर सकते हैं और इससे कैफे के चार्ज से बच सकते हैं। फॉर्म भरने की स्टेप्स निम्नलिखित हैं-

Indian Army 10+2 TES 53 Application Form भरने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर विजिट करें।

वेबसाइट के होम पेज पर आपको आपको अप्लाई लिंक पर क्लिक करना होगा और मांगी गई डिटेल भरकर पंजीकरण करना होगा।

इसके बाद अभ्यर्थी लॉग इन के माध्यम से अन्य डिटेल भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर लें।

अंत में उम्मीदवार पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म को सबमिट कर दें और उसका एक प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में आवेदन के लिए अभ्यर्थी का 10+2 या इसके समकक्ष न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण किया हो। इंटरमीडिएट में अभ्यर्थी के पास फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथमेटिक्स विषय होने अनिवार्य हैं। इसके अलावा अभ्यर्थी ने JEE (Mains) 2024 में भाग लिया हो।

आयु सीमा

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 16 साल 6 माह एवं और अधिकतम आयु 19 साल 6 माह से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आयु की गणना 1 जुलाई 2025 को ध्यान में रखकर की जाएगी। भर्ती से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं या नोटिफिकेशन का अवलोकन कर सकते हैं।

एसएससी जीडी भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक, 10th उत्तीर्ण अभ्यर्थी जल्द कर लें अप्लाई

नई दिल्ली:- स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और एसएसएफ (SSF) में कांस्टेबल (जीडी), असम राइफल्स में राइफलमैन (जीडी), और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में कॉन्स्टेबल के 39481 पदों पर भर्ती निकाली गई है जिसमें शामिल होने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक है। 

चूंकि इस भर्ती में लाखों उम्मीदवार आवेदन करते हैं ऐसे में कई बार रजिस्ट्रेशन के अंतिम दिनों में वेबसाइट सही से काम नहीं करती है। इसलिए इच्छुक अभ्यर्थी बिना देरी करते हुए एसएससी की ऑफिशियल वेबसाइट ssc.gov.in पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं।

इसके साथ ही आपकी सहूलियत के लिए इस पेज पर फॉर्म का डायरेक्ट लिंक उपलब्ध करवा दिया गया है जिस पर क्लिक करके आप फॉर्म भर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट 14 अक्टूबर एवं फीस जमा करने की लास्ट डेट 15 अक्टूबर निर्धारित है।

10वीं पास अभ्यर्थियों के है सुनहरा मौका

इस भर्ती में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को मान्यता प्राप्त बोर्ड/ संस्थान से 10वीं/ मैट्रिक उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसके साथ ही अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से कम और अधिकतम आयु 23 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। एसटी/ एससी वर्ग से आने वाले अभ्यर्थियों को 5 वर्ष एवं ओबीसी कैटेगरी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु में 3 वर्ष तक छूट दी जाएगी। उम्र की गणना 1 जनवरी 2025 को ध्यान में रखकर की जाएगी।

आवेदन की स्टेप्स

इस भर्ती में आवेदन के लिए सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करें।

वेबसाइट के होम पेज पर आपको अप्लाई के लिंक पर क्लिक करना होगा।

इसके बाद Register Now पर क्लिक करके मांगी गई डिटेल भरें और पंजीकरण कर लें।

अब Login के माध्यम से अन्य डिटेल, हस्तक्षर, फोटोग्राफ आदि अपलोड करके आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करें।

अंत में उम्मीदवार तय शुल्क जमा करके फॉर्म को सबमिट कर दें।

आवेदन फीस

एसएससी जीडी भर्ती 2025 में आवेदन के साथ जनरल, ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग को कुल 100 रुपये का भुगतान करना होगा। एप्लीकेशन फीस डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, ई-चालान के द्वारा जमा की जा सकती है। 

एससी, एसटी एवं महिला वर्ग को फॉर्म भरने के साथ किसी भी प्रकार का शुल्क जमा नहीं करना होगा। इस श्रेणी के अभ्यर्थी निशुल्क आवेदन कर सकते हैं।

2000 करोड़ रुपये की कोकीन जब्त,दिल्ली पुलिस का इंटरनेशनल ड्रग रैकेट पर बड़ा हमला


नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने पश्चिमी दिल्ली से 2,000 करोड़ रुपये की 200 किलोग्राम कोकीन जब्त की. यह एक सप्ताह में दूसरी बड़ी खेप है. गुरुवार शाम एक अधिकारी ने बताया कि इस जब्ती का संबंध दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के महिपालपुर से 5,000 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की 562 किलोग्राम ड्रग्स की बरामदगी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी दिल्ली के रमेश नगर इलाके में छापेमारी चल रही है. बताया जा रहा है कि ड्रग नमकीन के पैकेट में रखी गई थी.

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों के अनुसार, गोदाम में ड्रग्स रखने वाला व्यक्ति यूके का नागरिक है और कोकीन को वहां रखने के बाद फरार हो गया. पुलिस को इस यूके नागरिक के बारे में जानकारी अखलाक (5,000 करोड़ रुपये के ड्रग मामले में गिरफ्तार) से पूछताछ के बाद ही मिली थी. 

बता दें, इससे पहले हुई छापेमारी में पुलिस ने अमृतसर से जितेंद्र प्रीत गिल को भी गिरफ्तार किया था. गिल ब्रिटेन का निवासी है, लेकिन भारतीय नागरिक है.

5000 करोड़ रुपये ड्रग्स केस में सातवां आरोपी गिरफ्तारः दिल्ली पुलिस ने बताया कि 5000 करोड़ रुपये ड्रग्स केस में इस सिंडिकेट से जुड़े सातवें आरोपी अखलाख को गिरफ्तार किया गया है. 

वह उत्तर प्रदेश के हापुड़ का रहने वाला है. स्पेशल सेल इस पूरे सिंडिकेट से जुड़े सभी एंगल की जांच कर रही है. कार्गो रूट से लेकर सड़क तक की जांच की जा रही है. 

ड्रग सिंडिकेट में अखलाख की भूमिका ट्रांसपोर्टेशन को लेकर है. ड्रग्स रैकेट से बनी आरोपी तुषार गोयल की संपत्ति की भी जांच की जा रही है ताकि उस संपत्ति पर कार्रवाई की जा सके.

बीते दिनों हुआ था इंटरनेशनल ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ः कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंटरनेशनल ड्रग रैकेट गिरोह का पर्दाफाश किया था. तस्करी से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनके नाम तुषार गोयल, भारत कुमार जैन, औरंगजेब सिद्दीकी और हिमांशु कुमार था.

भारतीय नौसेना को मिलेंगी दो परमाणु पनडुब्बियां, अमेरिका से खरीदे जाएंगे 31 प्रीडेटर ड्रोन

नई दिल्ली:- भारतीय नौसेना और रक्षा बलों की निगरानी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने स्वदेशी रूप से दो परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण और अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने के लिए प्रमुख सौदों को बुधवार को मंजूरी दे दी। रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने कुल 80,000 करोड़ के सोदों को मंजूरी दी।

भारतीय नौसेना को दो परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियां मिलेंगी जोकि हिंद महासागर क्षेत्र में इसकी क्षमताओं को कई गुना बढ़ाने में मदद करेंगी। 

सूत्रों के अनुसार विशाखापत्तनम में शिप बिल्डिंग सेंटर में दो पनडुब्बियों के निर्माण का सौदा लगभग 45,000 करोड़ रुपये का है और इसमें लार्सन एंड टूब्रो जैसी निजी क्षेत्र की फर्मों की प्रमुख भागीदारी होगी।

सौदा लंबे समय से लटका हुआ था

यह सौदा लंबे समय से लटका हुआ था और भारतीय नौसेना इस पर जोर दे रही थी क्योंकि यह पानी के नीचे की क्षमता की कमी को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता थी। भारत की स्वदेशी पनडुब्बी शामिल करने की योजना के तहत दीर्घावधि में ऐसी छह पनडुब्बियां अपने बेड़े में शामिल करने की योजना है।

अमेरिकी जनरल एटॉमिक्स से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदे

महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल परियोजना के तहत बनने जा रही ये पनडुब्बी उसी स्थान पर अरिहंत श्रेणी के तहत बनाई जा रही पांच परमाणु पनडुब्बियों से अलग हैं। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा मंजूर किया गया दूसरा बड़ा सौदा अमेरिकी जनरल एटॉमिक्स से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने का है।यह सौदा भारत-अमेरिका के बीच विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंध के तहत है। इस सौदे को 31 अक्टूबर से पहले मंजूरी मिलनी थी क्योंकि अमेरिकी प्रस्ताव की वैधता तभी तक थी। अब इस पर अगले कुछ दिनों में ही हस्ताक्षर होंगे।

वायु सेना को आठ-आठ ड्रोन मिलेंगे

उन्होंने बताया कि अनुबंध के अनुसार, रक्षा बलों को सौदे पर हस्ताक्षर करने के चार साल बाद ड्रोन मिलने शुरू हो जाएंगे। भारतीय नौसेना को 31 में से 15 ड्रोन मिलेंगे। थल सेना और वायु सेना को आठ-आठ ड्रोन मिलेंगे।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा.-आयुर्वेद के खिलाफ भ्रामक दावे करनेवालों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत

दिल्ली एनसीआर डेस्क

नई दिल्ली :राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पारम्परिक चिकित्सा पद्धति में लोगों की अटूट आस्था का फायदा उठा कर आयुर्वेद के नाम पर झूठे और भ्रामक दावे करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के आठवें स्थापना दिवस समारोह में बुधवार को राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद की प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान में निवेश, दवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार और आयुर्वेद के अध्ययन से सम्बन्धित शैक्षणिक संस्थानों के सशक्तीकरण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक

राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह दुनिया को भारत का अमूल्य उपहार है। आयुर्वेद मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाये रखते हुए समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन पर जोर देता है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम हमेशा से अपने आसपास के पेड़-पौधों के औषधीय महत्त्व के प्रति जागरूक रहे हैं और उनका उपयोग करते रहे हैं। 

आदिवासी समाज में जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों के ज्ञान की परम्परा और भी समृद्ध रही है। लेकिन, जैसे-जैसे समाज आधुनिकता को अपनाता गया और प्रकृति से दूर होता गया, हमने उस पारम्परिक ज्ञान का उपयोग करना बंद कर दिया। घरेलू उपचार अपनाने की तुलना में डॉक्टर से दवा लेना आसान हो गया। अब लोगों में 

जागरूकता बढ़ रही है।

 आज पूरी दुनिया में इंटीग्रेटिव सिस्टम आॅफ मेडिसिन का विचार लोकप्रिय हो रहा है। विभिन्न चिकित्सा प्रणालियां एक-दूसरे की पूरक प्रणालियों के रूप में लोगों को स्वास्थ्य प्रदान करने में मदद कर रही हैं।

आयुर्वेद के प्रति हमारा पीढ़ी दर पीढ़ी का अटूट विश्वास

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के प्रति हमारा पीढ़ी दर पीढ़ी का अटूट विश्वास है। इसी विश्वास का लाभ उठा कर कुछ लोग भोली-भाली जनता का नुकसान करते हैं। भ्रामक प्रचार और झूठे दावे करते हैं। ये लोग न केवल जनता के पैसे और स्वास्थ्य का नुकसान करते हैं, बल्कि आयुर्वेद को भी बदनाम करते हैं। ऐसे लोगों के प्रति कठोर कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। 

साथ ही, बड़ी संख्या में चिकित्सकों की आवश्यकता है, जिससे सामान्य लोगों को अशिक्षित चिकित्सकों के पास न जाना पड़े। इस संदर्भ में ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ एक महत्त्वपूर्ण पहल है। पिछले कुछ वर्षों में देश में आयुर्वेद कॉलेजों और उनमें पढ़नेवाले विद्यार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में योग्य आयुर्वेदिक डॉक्टरों की उपलब्धता और बढ़ेगी। 

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का विकास न केवल मनुष्यों के लिए, बल्कि पशुओं और पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होगा। बहुत से पेड़-पौधे इसलिए विलुप्त हो रहे हैं, क्योंकि हमें उनकी उपयोगिता के बारे में पता नहीं है। जब हम उनका महत्त्व जानेंगे, तो उनका संरक्षण करेंगे।

आपस में स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा होना अच्छी बात

राष्ट्रपति ने कहा कि अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े लोग अक्सर दावा करते हैं कि उनकी पद्धति सबसे अच्छी है। आपस में स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा होना अच्छी बात है, लेकिन एक-दूसरे की आलोचना करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। 

अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े लोगों के बीच सहयोग की भावना होनी चाहिए। सभी का उद्देश्य रोगियों को ठीक करके मानवता का भला करना है। हम सभी ‘सर्वे सन्तु निरामया:’ की प्रार्थना करते हैं – सभी को रोग मुक्त होना चाहिए।

गुणवत्ता में निरंतर सुधार पर ध्यान केन्द्रित करना होगा

राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद की प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए हमें अनुसंधान और औषधियों की गुणवत्ता में निरंतर सुधार पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। हमें आयुर्वेद शिक्षण संस्थानों को भी सशक्त बनाने की आवश्यकता है। उन्हें यह जान कर खुशी हुई कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने पारम्परिक शिक्षा को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ कर कम समय में ही आयुर्वेदिक चिकित्सा, शिक्षा, अनुसंधान और समग्र स्वास्थ्य सेवा में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान बना लिया है।

रतन टाटा का राजकीय सम्मान के साथ होगी विदाई, सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक होंगे अंतिम दर्शन

 टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार देर रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।

निधन की जानकारी उद्योगपति हर्ष गोयनका ने सबसे पहले दी। 

उन्होंने रात 11:24 बजे सोशल मीडिया पर लिखा, ‘घड़ी की टिक-टिक बंद हो गई। टाइटन नहीं रहे। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार के प्रतीक थे।'

रात करीब 2 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से उनके घर ले जाया गया। टाटा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक साउथ मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स के हॉल में रखा जाएगा। यहां लोग उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे।

पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा 2 दिन पहले 17 अक्टूबर को भी टाटा को ICU में भर्ती किए जाने की खबर थी। हालांकि, उन्होंने ही इसका खंडन करते हुए कहा था कि वे ठीक हैं, रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे हैं।

देर रात करीब 2 बजे टाटा के पार्थिव शरीर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से कोलाबा ले जाया गया। निधन की खबर मिलने के बाद अस्पताल में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी। 

देर रात करीब 2 बजे टाटा के पार्थिव शरीर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से कोलाबा ले जाया गया। निधन की खबर मिलने के बाद अस्पताल में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी।

रतन टाटा की राजकीय सम्मान के साथ होगी विदाई, सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक होंगे अंतिम दर्शन

टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार देर रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।निधन की जानकारी उद्योगपति हर्ष गोयनका ने सबसे पहले दी। 

उन्होंने रात 11:24 बजे सोशल मीडिया पर लिखा, ‘घड़ी की टिक-टिक बंद हो गई। टाइटन नहीं रहे। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार के प्रतीक थे।'

रात करीब 2 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से उनके घर ले जाया गया। टाटा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक साउथ मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स के हॉल में रखा जाएगा। यहां लोग उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे।

पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा 2 दिन पहले 17 अक्टूबर को भी टाटा को ICU में भर्ती किए जाने की खबर थी। हालांकि, उन्होंने ही इसका खंडन करते हुए कहा था कि वे ठीक हैं, रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे हैं।

देर रात करीब 2 बजे टाटा के पार्थिव शरीर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से कोलाबा ले जाया गया। निधन की खबर मिलने के बाद अस्पताल में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी। 

देर रात करीब 2 बजे टाटा के पार्थिव शरीर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से कोलाबा ले जाया गया। निधन की खबर मिलने के बाद अस्पताल में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी।

देश के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल के उम्र में निधन, अंतिम सांस ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली, देश भर में शोक की लहर

दिल्ली डेस्क 

नई दिल्ली : देश के बड़े उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांसे ली। बढ़ती उम्र से जुड़ी तकलीफों के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा ने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक टाटा समूह की अगुवाई की। टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 

उन्होंने टाटा ग्रुप को नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाली कंपनी बनाया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया। टाटा समूह आज देश के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है।

 

अस्पताल में भर्ती के बाद कहा sb ठीक है, अफवाह नहीं फैलायें 

दो दिन पहले ही रतन टाटा ने अपनी सेहत को लेकर चल रही अटकलों को खारिज किया था। सोमवार को खबरें आई थीं कि टाटा को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

टाटा ने बताया था कि वह अपनी उम्र संबंधी परेशानियों के इलाज के लिए अस्पताल गए हैं। उन्होंने लोगों से कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है। टाटा ने एक बयान में कहा था, 'मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण नियमित मेडिकल जांच करवा रहा हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मेरा मनोबल ऊंचा है।' उन्होंने लोगों और मीडिया से अपील की थी कि वे अफवाहें न फैलाएं।

1937 में हुआ था जन्‍म

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। 1962 में टाटा समूह में शामिल होने से पहले रतन टाटा ने अमेरिका में कुछ समय तक काम किया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया। 1991 में जेआरडी टाटा के रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला।

कई बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण

रतन टाटा ने अपने नेतृत्व में टाटा समूह को एक नई पहचान दी। उन्होंने कई बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिसमें टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियां शामिल हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गया।

रतन टाटा को उनके सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता था। वह टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। रतन टाटा को उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

देश के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल के उम्र में निधन, अंतिम सांस ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली, देश भ्र ने शोक की लहर


दिल्ली डेस्क 

नई दिल्ली : देश के बड़े उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांसे ली। बढ़ती उम्र से जुड़ी तकलीफों के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा ने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक टाटा समूह की अगुवाई की। टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 

उन्होंने टाटा ग्रुप को नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाली कंपनी बनाया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया। टाटा समूह आज देश के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है।

 

उन्होंने अस्पताल में भर्ती के बाद कहा सब कुछ ठीक है, अफवाह नहीं फैलायें 


दो दिन पहले ही रतन टाटा ने अपनी सेहत को लेकर चल रही अटकलों को खारिज किया था। सोमवार को खबरें आई थीं कि टाटा को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

टाटा ने बताया था कि वह अपनी उम्र संबंधी परेशानियों के इलाज के लिए अस्पताल गए हैं। उन्होंने लोगों से कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है। टाटा ने एक बयान में कहा था, 'मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण नियमित मेडिकल जांच करवा रहा हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मेरा मनोबल ऊंचा है।' उन्होंने लोगों और मीडिया से अपील की थी कि वे अफवाहें न फैलाएं।

1937 में हुआ था जन्‍म


रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। 1962 में टाटा समूह में शामिल होने से पहले रतन टाटा ने अमेरिका में कुछ समय तक काम किया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया। 1991 में जेआरडी टाटा के रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला।

उन्होंने टाटा समूह का बढ़ाया सम्राज्य


रतन टाटा ने अपने नेतृत्व में टाटा समूह को एक नई पहचान दी। उन्होंने कई बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिसमें टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियां शामिल हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गया।

रतन टाटा को उनके सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता था। वह टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। रतन टाटा को उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।