आदिवासी समन्वय समिति का गठन!


गुमला। घाघरा के बेलागढ़ा में आदिवासी समन्वय समिति की का गठन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता बलवीर भगत ने किया।

बैठक में सुखदेव उरांव को ग्राम प्रभारी, बलबीर भगत को संजोजक, सोमरा उरांव को सचिव, सुषमा उरांव को कोषाध्यक्ष, और लल्लू उरांव को बनाया गया है। इस बैठक में आगामी दुर्गा पूजा को लेकर भी चर्चा की गई और पानी बिजली की समस्या को देखते हुए इसके समाधान की दिशा में कारवाई करने का निर्णय लिया गया।

इस मौके पर महेंद्र उरांव, खेमा भगत, नवीन कुजूर, पंकज भगत, देशाई भगत, जामुनी उरांव, आशा उरांव, सहमतियां उरांव सहित बडी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
नशा मुक्त भारत अभियान का हुआ शुभारंभ!
प्रमोद दास




गुमला। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में नशा मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम आज से गुमला के विभिन्न क्षेत्रों से प्रारंभ होकर झारखंड के लोहरदगा, सिमडेगा खूंटी लातेहार डाल्टनगंज सहित छत्तीसगढ़ के कई इलाकों तक जाएगा। ब्रम्हकुमारी की संचालिका शांति दीदी ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान गांव गांव जाकर लोगों को जागरुक करेगा। जिसमें नशा से होनेवाले नुकसान के संबंध में अवगत कराया जायेगा। इज मौके पर माउंट आबू से आए डॉ बनारसी लाल भाई और मेडिकल विंग के राष्ट्रीय संजोजक ने भी नशा मुक्त भारत अभियान के उद्देश्यों से सभी को अवगत कराया। मौके पर एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने भी अपने विचार व्यक्त कर कहा कि ब्रम्हकुमारी संस्था लोगों को श्रेष्ठ जीवन जीने के लिए लोगों को जागरुक कर रही है। इस मौके पर पूर्व डीजे ओम प्रकाश पांडे, बहन नमिता, डॉ नीलम सिन्हा, डॉ कृष्ण कुमार, बहन ममता, बहन मंजू, कंचन भाई सुधीर, मंगल, शिव, संजय, शिव सहित बडी संख्या में लोग मौजूद थे।

आखिर कचड़ा क्यों फैला रहा है नगर परिषद्?


प्रमोद दास



गुमला।आज हम जो खबर आपके बताने जा रहे हैं वह लोगों की सेहत से जुड़ी है और इसके लिए जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि नगर परिषद् है। जी हां आपने सही सुना! अब हम आपके बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।दरअसल शहर का रोज जमा हजारों टन कचड़ा उठाकर डंपिंग यार्ड में फेंकने के लिए डंपिंग यार्ड का निर्माण किया गया है लेकिन नगर परिषद् के कर्मियों की लापरवाही से डपिंग यार्ड का कचड़ा डपिंग यार्ड में नहीं डालकर बाहर फेंक दिया जा रहा है। जिसके चलते आसपास रहने वाले लोगों और वहां से गुजरने वाले लोगों को दूषित वातावरण में जीवन बिताना पड़ रहा है। लेकिन विभाग सबकुछ जानकार भी कान में तेल डाले चैन की नींद सो रहा है।




गौरतलब है कि नगर परिषद् ने शहर से निकलने वाले कचड़े को डंप करने के लिए दुनदुरिया इलाके में डंपिंग यार्ड का निर्माण कराया है। इसी यार्ड में प्रतिदिन का कचड़ा उठाकर नगर परिषद् को डंपिंग यार्ड में डालना है। लेकिन ऐसा नहीं कर नगर परिषद् के सफाई कर्मी कचड़े को बाहर ही फेंक रहे हैं। जिससे पूरा कचड़ा सड़क पर फैल रहा है और उससे दुर्गंध आ रही है। चूंकि इस कचड़े में छोटे मोटे वैसे मरे हुए जानवरो को भी फेक दिया जाता है जो सड़कों पर या किसी हादसे के शिकार हो जाते हैं।जिसके दुर्गंध के कारण लोगों को घरों में रहना मुश्किल हो रहा है।




ऐसा भी नहीं है कि इसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों को नहीं है लेकिन अधिकारी मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन हम जनता की ओर से यह अपील करना चाहते हैं कि नगर परिषद् का काम कचड़ा साफ करना है ना कि कचड़ा फैलाना। इसलिए इस समस्या का समाधान अविलंब करने की जरुरत है!
व्हाइट लाइन के अंदर गाड़ी खड़ी की तो लगेगा जुर्माना!
प्रमोद दास



गुमला। यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन ने नए नियम जारी किया है। इसके अनुसार अब सड़क पर व्हाइट लाइन के अंदर गाड़ी खड़ी करने पर अब वाहन मालिक से जुर्माना वसूला जाएगा। लेकिन प्रशाशन के इस नए नियम का लोग विरोध कर रहे हैं। ऐसे में इस नए नियम की सफलता पर सवाल खड़े हो गए हैं। मालूम हो कि इस नए नियम को लेकर एसडीएम ने वाहन मालिक,परिवहन विभाग, चैंबर ऑफ कॉमर्स और नगर परिषद् के लोगों के साथ बैठक कर नियम का सख्ती पालन करने का निर्देश दिया है। इसके तहत् सड़क पर व्हाइट लाइन के अंदर गाड़ी खड़ी करने पर वाहन मालिक से परिवहन विभाग जुर्माना वसूलेगा। इसके अलावा सब्जी मार्केट, ऑटो स्टैंड, बसों के ठहराव को लेकर भी नए नियम लागू किया है। लेकिन इस नियम से लोग नाराज हैं। आपको बताते चलें कि यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह का आदेश प्रशासन ने जारी किया है बल्कि पहले भी यह नियम बनाए गए हैं ।लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हुआ है। एक बार फिर प्रशासन इस नियम को लागू करने की कोशिश में है और इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।
आखिर क्यों फिरा परिवर्तन यात्रा पर पानी!
प्रमोद दास.




गुमला। भाजपा की परिर्वतन यात्रा पर उस समय पानी फिर गया जब पार्टी के नेता और सांसद रवि किशन का गुमला कार्यक्रम अचानक रद्द हो गया। उसके बाद परिवर्तन रथ पर पहुंचे स्थानीय नेताओं ने कार्यक्रम में मंच साझा किया। यह देख सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोगों में निराशा हो गई। लोग अपने नेता के नहीं आने से कार्यक्रम छोड़ जाते देखे गए। क्यूंकि अभिनेता और सांसद रवि किशन को देखने के लिए लोग कई दिनों से इंतजार में थे। पार्टी ने भी अपने नेता के आगमन को लेकर कई दिनों से तैयारी की थी। प्रचार प्रसार किया गया था। यह सुनकर स्टार प्रचारक रवि किशन को देखने के लिए लोगों की भीड़ शंख नदी तट पर जुटी थी।लेकिन अचानक सूचना मिली कि उनके नेता का कार्यक्रम रद्द हो गया है लोग निराश हो गए। लोगों ने यहां तक कह डाला कि अगर नेताओं का कार्यक्रम फाइनल नहीं रहता है तो उन्हें कार्यक्रम में बुलाकर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। हालाकि पार्टी के नेताओं ने अपनी सफाई देते हुए किन्ही कारणों से अपने नेता का कार्यक्रम रद्द होने की बात कही! लेकिन भाजपा की परिवर्तन यात्रा से पहले जिस तरह लोगों के मन में मायूसी है उससे पार्टी को झटका लग सकता है।अब देखना है कि इसका कितना नुकसान पार्टी को होता है!
परिवर्तन के बहाने शिवराज ने लगाई घोषणाओं की झड़ी!








गुमला।सिसई में आयोजित परिवर्तन महासभा को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज परिवर्तन का संदेश देने परिवर्तन यात्रा आई है। राज्य में हेमंत सोरेन की जो सरकार चल रही है, उससे हम सब बेहाल हैं। 2014 के पहले देश में आतंक और भय का माहौल था। भाजपा की सरकार बनने के बाद हमने उग्रवाद समाप्त किया, आतंक का अंत किया। आज इस सरकार में फिर से चारों तरफ आतंक का राज है। उन्होंने कहा कि आज मकान बनाने के लिये बालू नहीं मिल रही है, बालू सीमेंट की तरह बाल्टी में बिक रही है। गरीब आदमी को मकान बनाना मुश्किल हो गया है। आज झारखंड की हालत ये है कि पिछले 5 साल में 7,400 से ज्यादा बलात्कार, 6,000 से ज्यादा अपहरण, 7,000 से ज्यादा हत्याएँ हुई हैं। रुबिका पहड़िया जैसी हमारी बेटियां, उन्हें पहले प्रेम जाल में फँसाया जाता है और बाद में उनकी हत्या कर दी जाती है। राज्य में अपराधी खुलकर खेल, खेल रहे हैं, आम आदमी की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। राज्य में माँ, बहन और बेटियों का सम्मान सुरक्षित नहीं है। पूर्व की भाजपा सरकार पर मंत्री ने कहा कि रघुवर दास की सरकार ने फैसला किया था कि जिनके पास खेती की जमीन है, उनको एक एकड़ पर 5,000 रुपये सालाना दिए जाएंगे। वर्तमान राज्य सरकार ने उन्हें वह रुपया देना बंद कर दिया। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही यह योजना चालू कर दी जाएगी। बालू को लेकर आश्वस्त करता हूँ कि भाजपा की सरकार बनते ही मकान बनाने के लिए बालू मुफ़्त कर दी जायेगी। हर गरीब के पास पक्का मकान होना चाहिए, हम सर्वे चालू कर रहे हैं। हेमंत सोरेन की सरकार में मकान नहीं बने। मोदी जी के आशीर्वाद से हर गरीब का पक्का मकान बनेगा। किसानों की चिंता करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धान की फसल यहाँ मिट्टी के मोल बिक रही है। बगल में छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में भाजपा की सरकार है। यहाँ हेमंत सोरेन की सरकार मिट्टी के मोल धान खरीद रही है। आप भाजपा की सरकार लाइये, 3,100 रुपये प्रति क्विंटल आपका धान खरीदा जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में हमने लाडली बहना योजना बनाई। गरीब बहनों की जिंदगी बदलने की कोशिश की थी। अगर 500-1000 रुपये की जरूरत पड़ जाए, तो गरीब बहन मजबूर हो जाती थी, तब हमारे मन में ये विचार आया कि हर बहन का एक बैंक खाता हो और उसमें हर महीने पैसे आयें। मध्यप्रदेश में कई महीने से बहनों के खातों में पैसे भेजे जा रहे हैं, इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये करेंगे। उन्होंने कहा कि इन पैसों से किसी ने सिलाई मशीन लगाई, किसी ने चाय की गुमटी खोली, इससे उनकी आमदनी बढ़ी। आज कई राज्य इस योजना को अपना रहे हैं। राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हेमंत सोरेन ने पिछले चुनाव में 2,000 रुपया चूल्हा खर्च देने का वादा किया। जब चुनाव आया, तब बहनें याद आईं और एक महीने पहले से 1,000 रुपये डालना चालू कर दिया। मंइयां सम्मान योजना है... लेकिन इससे बड़ा अपमान बहनों का नहीं हो सकता है। बहनों को एक साल में 1.20 लाख रुपये मिलना चाहिए लेकिन ये पैसे हेमंत सोरेन खा गए। चार साल से क्या कर रहे थे हेमंत सोरेन। हेमंत सोरेन उस शिकारी की तरह है जो पहले दाना डालेगा और उसके बाद जनता को अपने जाल में फँसा लेगा। हम छत्तीसगढ़, उड़ीसा और महाराष्ट्र में बहनों के खातों में पैसे डाल रहे हैं। त्योहार के समय अलग से पैसे डालते हैं। प्रधानमंत्री जी ने लखपति दीदी योजना भी बनाई है जिसका विभाग मेरे पास है। हर गरीब बहन की आमदनी एक साल में कम से कम एक लाख होना चाहिए। हम किसी बहन को गरीब नहीं रहने देंगे। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना है, मैं विश्वास दिलाता हूँ कि हम इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने कहा था कि 5 लाख नौकरी दूंगा नहीं तो बेरोजगारी भत्ता दूंगा। किसी को नौकरी नहीं मिली और न ही बेरोजगारी भत्ता दिया। 4 साल भर्ती नहीं हुई लेकिन चुनाव नजदीक है तो बच्चों को सिपाही भर्ती के नाम पर 10 किमी दौड़ा दिया। ऐसा दौड़ाया कि घर से तो अपनी माँ से सिपाही भर्ती कहकर आये थे, उन्हें पुलिस की वर्दी तो नहीं मिली, कफन ओढ़कर वापस लौटे। ये हत्याएँ हैं और इस पाप से हेमंत सोरेन बच नहीं सकते। उन्होंने कहा कि राज्य के परीक्षाओं में पेपर लीक हो रहे हैं। ये जेएमएम झारखंड मुक्ति मोर्चा नहीं पेपर लीक मोर्चा है। राज्य में 2.87 लाख सरकारी पद रिक्त हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद ये सभी पद भरने का निर्णय कैबीनेट की पहली बैठक में ही ली जाएगी और कैलेंडर बनाया जाएगा। कॉलेज की डिग्री पूरी करने के बाद रोजगार प्राप्त करने में 2 साल लगती है। हम 2 साल तक 2,000 रुपये प्रतिमाह बच्चों को देंगे। हम केवल सत्ता परिवर्तन नहीं करेंगे, सम्पूर्ण व्यवस्था में परिवर्तन करेंगे, जिससे आपका कल्याण हो।
गुमला
व्हाइट लाइन के अंदर गाड़ी खड़ी की तो लगेगा जुर्माना!
गुमला में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन ने नए नियम जारी किया है। इसके अनुसार अब सड़क पर व्हाइट लाइन के अंदर गाड़ी खड़ी करने पर अब वाहन मालिक से जुर्मान

परिवर्तन यात्रा की सफलता को लेकर उठे सवाल, क्या पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में होगी सफल!
गुमला। परिवर्तन यात्रा की तैयारियों को लेकर गुमला में भाजपा के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई लेकिन कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए कार्यकर्ताओं को समुचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराए जाने से कार्यक्रम की सफलता पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। जिले के तीन विधान सभा क्षेत्र में आगामी 26 सितंबर को यह परिवर्तन यात्रा पहुंचेगी जिसके लिए कार्यक्रताओं के साथ पार्टी पदाधिकारियों ने 24सितंबर को एक साथ बैठक कर कार्यक्रम की तैयारी का जायजा लिया और पार्टी कार्यकर्ताओं को जरूरी निर्देश दिया। इस दौरान भाजपा के जिला प्रभारी मनोज मिश्रा ने पार्टी के कार्यक्रम को लेकर आने वाली भीड़ की समीक्षा की। उन्होंने सभी मंडल अध्यक्ष और मोर्चा अध्यक्षों से बारी बारी से जानकारी ली और पूछा कि इस कार्यक्रम में उनके द्वारा कितने लोगों को कार्यक्रम में शामिल किया जायगा। इसपर पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि वे अपने सामर्थ्य के अनुसार कार्यकर्त्ता लाएंगे साथ ही उन्होंने बताया कि एक मंडल से कम से कम तीन से पांच सौ लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे लेकिन इस दौरान एक बात जो सामने आई कि पार्टी के द्वारा उन्हे कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिसके चलते कार्यकर्ताओं में थोड़ी उत्साह की कमी देखी गई। हालांकि पार्टी के नेता बार बार कार्यक्रम की सफलता को लेकर पार्टी कार्यक्रताओं पर दबाब बनाते रहे। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि इस कार्यक्रम में तीनों सीटों में होने वाली परिर्वतन यात्रा में कम से कम 12 से 15 हजार लोग शामिल होंगे। गौरतलब है कि पार्टी में भागीदारी नहीं मिलने से समाज का एक धड़ा पहले से नाराज है। जो किसी भी दल के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकता है। लेकिन पार्टी ने अभी तक इसबहरहाल अब देखना है कि इस समस्या का हल पार्टी कैसे निकालती है या फिर लोकसभा की तरह ही विधानसभा में पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है!
राजनीतिक दलों में बढ़ी बेचैनी, गठबंधन में टूट के आसार!
प्रमोद दास.
गुमला। विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की चहलकदमी के बाद राजनीतिक दलों में तनाव बढ़ने लगा है और तनाव होना भी लाजमी है। वैसे चुनाव आयोग ने अभी चुनाव को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि आनेवाले 15 दिनों में कभी भी चुनाव आयोग आदर्श चुनाव आचार संहिता की घोषणा कर सकता है। इधर चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में टिकट बंटवारे को लेकर भी घमासान शुरू हो गया है। सताधारी दल जेएमएम जहां टिकटों को लेकर अपनी दावेदारी तेज कर रहा है वहीं लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल कर लोकसभा में पहुंची कांग्रेस अपनी दावेदारी पेश कर जिले की कम से कम दोया फिर सभी विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी की तैयारी में है। जिसमें सिसई , गुमला और विशुनपुर विधानसभा की सीट शामिल है। हालाकि जेएमएम अपनी किसी भी सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और हो भी क्यों उसके पास पहले से तीनों सीट जो है। फिर भी इंडिया गठबंधन का फैसला अंतिम फैसला होगा ऐसा कॉन्ग्रेस के बड़े नेता कहते हैं। लेकिन जेएमएम ने इस तरह की किसी संभावना से इंकार किया है और कॉन्ग्रेस के दावे को खारिज कर दिया है। ऐसे में इंडिया गठबंधन में भी विवाद खड़ा हो गया है। उधर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों के नामों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की है। जिसमें पार्टी को क्रमशः तीन नामों को प्राथमिकता देकर प्रदेश समिति को भेजा जाना था हालाकि ये तीन नाम कौन हैं ये अभी संशय बना हुआ है। लेकिन चर्चा है कि गुमला विधानसभा से निवर्तमान सांसद सुदर्शन भगत पर पार्टी एक बार दांव लगा सकती है।वहीं दुसरे, तीसरे चौथे, पांचवें नंबर पर शिवशंकर उरांव, कमलेश उरांव,शकुंतला उरांव, गौरी किंडो, मिसिर कुजूर जैसे करीब दस लोगों के नाम हैं जो चुनाव की दौड़ में शामिल हैं। जिनमें एक का चुनाव पार्टी को करना है। वहीं सिसई विधानसभा से अरुण उरांव, किरण बाड़ा दिनेश उरांव और विशुनपुर विधानसभा से समीर उरांव, भिखारी भगत, रामप्रसाद बड़ाइक अशोक उरांव जैसे कुछ नाम शामिल हैं। वहीं कांग्रेस से विशुनपुर विधानसभा के लिए चैतू उरांव बॉबी भगत शिवकुमार भगत और सिसई विधानसभा के लिए पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, चैतु उरांव रोशन बरवा के नाम चर्चा में हैं। इधर गुमला सीट पर भी कांग्रेस अपनी दावेदारी को लेकर हमलावर नजर आ रही है। राजनितिक सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में जेएमएम जिस तरह दावा कर रही है। अब की परिस्थिति पहले से अलग है। इसलिए अगर कांग्रेस इन सीटों पर दावा करती है तो गलत नहीं है।इस सीट पर भी अपनी दावेदारी को लेकर रोहित उरांव, दीपनारायण उरांव, राजनिल तिग्गा, अलबर्ट तिग्गा, अमृता भगत के नामों की चर्चा है।हालाकि अभी यह तय नहीं है कि इंडिया गठबंधन किन किन सीटों में अपने उम्मीदवार उतारेगी और उतारेगी तो क्या आपसी सहमति बन पाएगी या फिर जिस तरह सीटो को लेकर गठबंधन में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है कहीं इसका असर तो गठबंधन पर नहीं पड़ेगा यह बड़ा सवाल है? इधर एक बात तो तय है कि भाजपा लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन से सीख लेकर विधानसभा में फूंक फूंक कर कदम रखना चाहती है। वैसे बताया जा रहा है कि पार्टी पहले चुनाव लड़ चुके वैसे किसी उम्मीदवार पर दाव लगाना नहीं चाह रही है। जिससे पार्टी को खतरा हो।चूंकि जनता ने इन उम्मीदवारों को पहले ही खारिज कर दिया है। उधर दूसरी ओर आधी आबादी में भी दावेदारी को लेकर आवाज उठने लगी है। जिस तरह महिलाओं को लेकर सरकार उनके सम्मान की बात लगातार कर रही है। वैसे में महिलाओं का कहना है कि उन्हें भी सरकार में प्रतिनिधित्व का मौका मिलना चाहिए। बहरहाल टिकट को लेकर पार्टियों में घमासान शुरू हो गया है अब देखना है कि प्रारंभ से इन सीटों में कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस ने अबतक अपनी पकड़ मजबूत रही थी क्या आनेवाले चुनाव में भी अपनी पकड़ बरकरार रखने में सफल हो पाएगी यह बड़ा सवाल है! .