सनातन धर्म के उदय का समय आ गया है', वैदिक जीवन अपनाने का भी किया आह्वान, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, वेद और भारत एक ही है

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को लोगों से वैदिक जीवन अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि 'सनातन धर्म' के पुनर्जागरण का वक़्त आ गया है तथा दुनिया का दृष्टिकोण भी इसके प्रति बदल रहा है। उन्होंने कहा कि वेद भौतिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान की धरोहर हैं और सम्पूर्ण ब्रह्मांड के मूल सिद्धांतों को समाहित करते हैं। भागवत के अनुसार, ऋषियों ने 'विश्व कल्याण' के उद्देश्य से वेदों की रचना की थी।

भागवत ने कहा, "यही वजह है कि मैं कहता हूं कि वेद और भारत एक ही हैं। हमारे पास वेदों का अपार ज्ञान है। हमें इसका अध्ययन करना चाहिए, इसे अपने जीवन में लागू करना चाहिए तथा जितने ज्यादा लोगों तक संभव हो, इसे पहुंचाना चाहिए ताकि वे भी इसके ज्ञान का लाभ उठा सकें।" RSS प्रमुख भागवत यह बातें श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा रचित वेदों के हिंदी भाष्य के तीसरे संस्करण के लोकार्पण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म के उदय का वक़्त आ चुका है, और हम इस परिवर्तन के साक्षी हैं। योगी अरविंद ने इसकी भविष्यवाणी की थी, और अब हम देख रहे हैं कि विश्व का दृष्टिकोण भी इस दिशा में बदल रहा है।"

भागवत ने आगे कहा कि श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा लिखित वेदों के हिंदी भाष्य का प्रकाशन इस परिवर्तन की दिशा का संकेत है। उन्होंने कहा कि वेदों से धर्म का ज्ञान प्राप्त होता है क्योंकि वेद सम्पूर्ण मानवता को एकता की तरफ ले जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विभाजन और पाप-पुण्य की लड़ाई अस्थायी है। उन्होंने कहा, "धर्म सभी को एक साथ लाता है, सबको गले लगाता है, तथा उन्हें उन्नति की ओर ले जाता है। इसलिए धर्म जीवन का आधार है। जीवन की धारणा धर्म पर ही आधारित होती है। यदि शरीर, मस्तिष्क, बुद्धि और आत्मा में सामंजस्य है, तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है। किन्तु अगर यह संतुलन बिगड़ता है, तो व्यक्ति अस्वस्थ हो जाता है और यदि यह खत्म हो जाता है, तो व्यक्ति का अंत हो जाता है। धर्म संतुलन प्रदान करता है और मुक्ति की राह दिखाता है।"

भागवत ने कहा कि वेदों में सम्पूर्ण ज्ञान समाहित है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "हो सकता है कि वेदों में सीटी स्कैन का सीधा उल्लेख न हो, किन्तु वे 'सिटी स्कैन' जैसे विज्ञान के मूल सिद्धांतों को जानते हैं। आधुनिक विज्ञान के आने से हजारों वर्ष पहले ही वेदों में बताया गया था कि पृथ्वी सूर्य से कितनी दूरी पर है और सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में कितना समय लगता है। वेदों में गणित के गहन ज्ञान का भी वर्णन प्राप्त होता है।"

उत्तरप्रदेश के अमरोहा में सरेआम BJP विधायक के मामा की हत्या, मची सनसनी, हत्यारों का अब तक नहीं चला पता

उत्तर प्रदेश के अमरोहा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ बदमाशों ने भाजपा MLA महेंद्र सिंह खड़गवंशी के मामा सत्यप्रकाश (70) का गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है परिजनों का हाल बुरा है और वे लगातार रो रहे हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, किन्तु हत्यारों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

घटना के अनुसार, सत्यप्रकाश बुधवार रात हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के घंसूरपुर गांव स्थित अपने घर के बाहर बनी गोशाला में सो रहे थे। तभी बदमाशों ने सोते वक़्त उनके सीने में गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर परिवार के लोग मौके पर पहुंचे, जहां सत्यप्रकाश चारपाई पर खून से लथपथ पड़े थे। उन्हें तुरंत उपचार के लिए चिकित्सालय ले जाया गया, किन्तु उपचार के चलते उनकी मौत हो गई। चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, जिससे उनके परिवार में कोहराम मच गया। खबर प्राप्त होते ही पुलिस एवं प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। भाजपा MLA के मामा की हत्या से इलाके में आक्रोश है। स्थिति को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की गई है एवं हत्यारों की तलाश आरम्भ कर दी गई है। हत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं है एवं तहकीकात जारी है।

परिजनों के अनुसार, सत्यप्रकाश घंसूरपुर गांव में घर के बाहर बने गोशाला के पास सो रहे थे। पिछली रात लगभग 12 बजे गोली की आवाज सुनकर परिजन दौड़कर मौके पर पहुंचे तथा देखा कि सत्यप्रकाश लहूलुहान पड़े थे। पहले उन्हें सीएचसी ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उनकी गंभीर हालत देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। फिर परिजन उन्हें मुरादाबाद के निजी अस्पताल ले गए, जहां उपचार के चलते उनकी मौत हो गई। सत्यप्रकाश के तीन बेटे और दो बेटियां हैं, जिनमें से बेटे किसानी का कार्य करते हैं।

इन्हे हरियाणा की अपनी दलित बेटी बर्दाश्त नहीं...चुनावी सभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर बरसे आकाश आनंद

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय संयोजक और सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने हरियाणा में अपनी पहली चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला किया, खासतौर पर राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। आकाश आनंद ने सभा में जोर देकर कहा कि संविधान उनकी पहचान है और वे आरक्षण को खत्म नहीं होने देंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आकाश आनंद ने कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा का भी जिक्र किया और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों ने शैलजा के खिलाफ अपमानजनक बातें कही हैं। उन्होंने कहा, "शैलजा एक बड़ी दलित नेता हैं, और हम उनका सम्मान करते हैं।" साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस में दलितों का सम्मान नहीं किया जाता और न ही भविष्य में कभी किया जाएगा। उन्होंने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, 'हरियाणा की अपनी दलित बेटी इनसे बर्दाश्त नहीं होती है, हमारा सम्मान तो ये लोग क्या ही करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा, "कुमारी शैलजा के खिलाफ हुड्डा समर्थकों ने जो कुछ कहा, उस पर कांग्रेस के नेता चुप रहे। यह दर्शाता है कि कांग्रेस दलित विरोधी रही है और रहेगी।" बसपा ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए इनेलो के साथ गठबंधन किया है, जिसमें बसपा 90 में से 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि इनेलो 53 सीटों पर। आकाश आनंद के लिए एक खास रणनीति बनाई गई है, जिसके तहत वे हरियाणा के गांवों में जाकर चौपाल लगाएंगे और लोगों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जारी किया घोषणापत्र जारी, पढ़िए, पूरे 20 वादे

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है। इस संकल्प पत्र को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जारी किया। इसमें पार्टी ने सरकार बनने पर हर महीने महिलाओं को "लाडो लक्ष्मी योजना" के तहत ₹2,100 देने का वादा किया है। इसके अलावा सरकार द्वारा 24 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की जाएगी।

संकल्प पत्र में कुल 20 प्रमुख वादे किए गए हैं। घोषणा पत्र जारी करने के मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, और संकल्प पत्र कमिटी के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ उपस्थित थे। इस घोषणा पत्र को पहले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जारी किया जाना था, लेकिन आखिरी समय में यह जिम्मेदारी जेपी नड्डा को दी गई और तारीख बदलकर मंगलवार कर दी गई।

भाजपा के सभी 20 वादे

1- सभी महिलाओं को "लाडो लक्ष्मी योजना" के तहत प्रतिमाह ₹2,100 दिए जाएंगे।

2- IMT खरखौटा की तर्ज पर 10 औद्योगिक शहरों का निर्माण किया जाएगा, जिससे प्रत्येक शहर में 50,000 युवाओं को रोजगार मिलेगा।

3- "चिरायु-आयुष्मान योजना" के तहत प्रत्येक परिवार को ₹10 लाख तक का मुफ्त इलाज और 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए ₹5 लाख तक की अतिरिक्त चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

4- 24 फसलों की MSP पर खरीद की जाएगी।

5- 2 लाख युवाओं को बिना किसी खर्च और सिफारिश के सरकारी नौकरी दी जाएगी।

6- 5 लाख युवाओं के लिए अन्य रोजगार अवसर और "नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन योजना" के तहत मासिक स्टाइपेंड दिया जाएगा।

7- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 लाख आवास बनाए जाएंगे।

8- सरकारी अस्पतालों में मुफ्त डायलिसिस और सभी अस्पतालों में मुफ्त डायग्नोसिस की सुविधा।

9- हर जिले में ओलंपिक खेलों की नर्सरी खोली जाएगी।

10- हर घर "गृहणी योजना" के तहत ₹500 में सिलेंडर दिया जाएगा।

11- "अव्वल बालिका योजना" के तहत ग्रामीण क्षेत्र की कॉलेज जाने वाली हर छात्रा को स्कूटी दी जाएगी।

12-हरियाणा के प्रत्येक अग्निवीर को सरकारी नौकरी की गारंटी दी जाएगी।

13-केंद्र सरकार के सहयोग से केएमपी ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर और नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत होगी।

14- फरीदाबाद से गुरुग्राम के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस मेट्रो सेवा की शुरुआत की जाएगी।

15- पिछड़ी जातियों के लिए पर्याप्त बजट के साथ अलग-अलग कल्याण बोर्ड का गठन।

16- सभी सामाजिक मासिक पेंशनों में वैज्ञानिक फॉर्मूले के आधार पर वृद्धि।

17- ओबीसी और एससी जातियों के विद्यार्थियों को पूर्ण छात्रवृत्ति दी जाएगी, जो भारत के किसी भी सरकारी कॉलेज से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।

18- ओबीसी वर्ग के उद्यमियों को 25 लाख रुपये तक के ऋण की गारंटी हरियाणा सरकार देगी।

19- हरियाणा को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाकर आधुनिक स्किल्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

20- दक्षिण हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय स्तर का "अरावली जंगल सफारी पार्क" बनाया जाएगा।

इस संकल्प पत्र के साथ, भाजपा ने हरियाणा के लोगों के लिए रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और विकास पर विशेष ध्यान देने का वादा किया है।

10 साल बाद जम्मू कश्मीर में मतदान, पहले चरण में दांव पर 24 सीटें, डिटेल में जानिए, किनके किनके बीच होने जा रही टक्कर


जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण का मतदान शुरू हो गया है। प्रथम चरण में 24 सीटों पर प्रातः 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। जम्मू-कश्मीर में कुल 90 सीटें हैं, जिनमें 47 घाटी में एवं 43 जम्मू संभाग में स्थित हैं। इनमें 9 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 7 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं। मतदान तीन चरणों में होगा, जिसमें दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और तीसरे व अंतिम चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक, केंद्रशासित प्रदेश के 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं सम्मिलित हैं। पहली बार मतदान करने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है, जबकि 20 से 29 वर्ष के बीच कुल 20.7 लाख मतदाता हैं। बिजबेहरा से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद वीरी एवं बीजेपी के सोफी मोहम्मद यूसुफ से हो रहा है। इल्तिजा के उम्मीदवार बनने के बाद पीडीपी में बगावत हो गई थी, क्योंकि इस क्षेत्र से पार्टी के उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान भट चुनाव लड़ते रहे हैं। अब्दुल रहमान ने 1998 के उपचुनावों के पश्चात् से चार बार यह सीट जीती थी। भाजपा ने यहां से पूर्व एमएलसी सोफी यूसुफ को मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि इस निर्वाचन क्षेत्र में इल्तिजा और बशीर वीरी के बीच कड़ा मुकाबला है।

पुलवामा सीट पर पीडीपी के वहीद पारा चुनाव लड़ रहे हैं, जो आतंकवाद के एक मामले में आरोपी हैं। उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद खलील बंद से है, जो तीन बार विधायक रह चुके हैं। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है क्योंकि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्य तलत मजीद अली भी मैदान में हैं। कुलगाम को जम्मू-कश्मीर में वामपंथ का गढ़ माना जाता है, जहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी निरंतर पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। यहां जमात-ए-इस्लामी भी सक्रिय है और उन्होंने अपने पूर्व सदस्य सयार अहमद रेशी को समर्थन दिया है।

इसके अतिरिक्त, कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर डूरू से, और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सकीना इटू दमहाल हाजीपोरा से चुनाव लड़ रही हैं। त्राल विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने सुरेंद्र सिंह और पीडीपी ने रफीक अहमद नायक को उम्मीदवार बनाया है। अन्य सीटों पर भी दिलचस्प मुकाबले हैं, जैसे बनिहाल और जैनापोरा विधानसभा क्षेत्रों में, जहां बनिहाल में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।

जम्मू-कश्मीर को वापस से राज्य का दर्जा मिलेगा, पीएम मोदी ने किया वादा

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जम्मू-कश्मीर में चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर में पहली चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों के उत्साह की तारीफ की। साथ ही पीएम मोदी ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में कहा, हमने देश की संसद में कहा है कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा दिलाएंगे। भाजपा ही इसे पूरा करेगी। इसलिए मेरी आपसे अपील है कि 25 सितंबर को वोटिंग के सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए। वहीं, उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी पर जमकर प्रहार किए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को श्रीनगर में अपनी पहली चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस समय जम्हूरियत का त्यौहार चल रहा है। लोग इतनी बड़ी तादाद में घर से वोट करने के लिए निकले। सभी ने खुले मन से वोट भी दिया। कई सीटों पर वोटिंग के रिकॉर्ड टूट गए। आप लोगों ने एक नया इतिहास रचा है। एक नया इतिहास जम्मू कश्मीर के लोगों ने रचा है। उन्होंने आगे कहा कि कल ही यहां 7 जिलों में पहले दौर की वोटिंग हुई। पहली बार दहशतगर्दी के साए के बिना ये वोटिंग हुई। हम सभी के लिए यह बहुत खुशी और गर्व की बात है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग वोटिंग के लिए अपने घरों से बाहर निकले।

बर्बादी के लिए तीन खानदान जिम्मेदार- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले जब जम्मू-कश्मीर आया था तो कहा था कि यहां की बर्बादी के लिए तीन खानदान जिम्मेदार हैं। तब से दिल्ली से लेकर कश्मीर तक ये लोग बोखलाए हुए हैं। तीन खानदानों को लगता है कि इनपर कोई कैसे सवाल उठा सकता है। इन्हें लगता है जैसे तैसे कुर्सी पर कब्जा करना और लोगों को लूटना इनका पैदायशी हक है। जम्मू कश्मीर की आवाम को जायज हक से अलग रखना ही इनका सियासी एजेंडा रहा है। इन्होंने जम्मू कश्मीर को केवल डर और अराजकता ही दी है। पीएम मोदी ने कहा कि इन तीन खानदानों के राज में जम्मू कश्मीर के नौजवानों ने जो भोगा है जो तकलीफ सही वो अक्सर बाहर नहीं पाती है।

बच्चों का भविष्य बर्बाद किया गया- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आज वादी में जो नौजवान 30 साल का है उनमें से कई पढ़ाई लिखाई से महरूम रह गए। बहुत लोग ऐसे हैं जिन्हें 10वीं-12वीं या कॉलेज पहुंचने में देश के बाकी बच्चों से देर लगी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस, एनसी और पीडीपी के तीन खानदान फेल हुए है। इन्होंने दशकों तक नफरत का सामान बेचा। कश्मीर में जो स्कूल जलाए गए वो आग भी इनके नफरत के बाजार में बिकती थी। इन्होंने नए स्कूल नहीं बनाए लेकिन स्कूल को आग के हवाले करने वालों को शह देते थे। जो स्कूल कॉलेज बच गए वहां भी कई महीनों तक पढाई नहीं हो पाती थी। हमारे नौजवान पढ़ाई से दूर थे और ये तीन खानदान उनके हाथों में पत्थर थमा कर महफूज रहते थे। इन्होंने अपने फायदे के लिए हमारे बच्चों का भविष्य बर्बाद किया है।

बच्चों के हाथ में पत्थर नहीं बल्कि पेन-किताब

पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को टेरर से आजाद कराना। साजिश करने वालों को हराना, यहां के नौजवानों को यहीं नौकरी का अवसर दिलाना ये मोदी का वादा है। हमारी एक और पीढ़ी-नस्ल को इन तीन खानदानों के हाथों में तबाह नहीं होने दूंगा। यहां अमन की बहाली के लिए मैं पूरी इमानदारी से जुटा हूं। देखिए पूरे जम्मू-कश्मीर में स्कूल-कॉलेज आराम से चल रहे हैं, बच्चों के हाथ में पत्थर नहीं बल्कि पेन-किताब और लैपटॉप हैं। आज स्कूलों में आग लगने की खबरें नहीं आती। आज यहां नए स्कूल-कॉलेज, एम्स, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी बनने की खबरें आ रही हैं। मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे पढ़ें लिखें आगे बढ़ें और यहीं पर उनके लिए मौके मिले।

एक और पीढ़ी बर्बाद होने नहीं दूं- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को टेरर से, दहशतगर्दी से आजाद कराना, जम्मू-कश्मीर के खिलाफ साजिश करने वाली हर ताकत को हराना, यहां के नौजवानों को, यहीं पर रोजगार के मौके दिलाना है. ये मोदी का इरादा है, मोदी का वादा है। अमन की बहाली की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हमारी एक और पीढ़ी को मैं इन 3 खानदानों के हाथों तबाह नहीं होने दूंगा। यहां अमन की बहाली के लिए मैं पूरी ईमानदारी से जुटा हूं। बच्चों के हाथ में पत्थर नहीं, बल्कि पेन और किताबे हैं, लैपटॉप हैं। आज स्कूलों में आग लगने की खबरें नहीं आती हैं। आज यहां नए स्कूल, नए कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी ये बनने की खबरें आ रही हैं। मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे पढ़े-लिखें और ज्यादा काबिल बनें, उनके लिए यहीं पर नए मौके बने।

जम्मू-कश्मीर में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स बोले

पीएम मोदी ने कहा, मैं सिर्फ बीते 5 साल का हिसाब आपको देता हूं। यहां करीब 50 हजार बच्चे ऐसे थे, जिनका स्कूल छूट गया था। जिनकी पढ़ाई छूट गई थी, उन बच्चों का क्या कसूर था। मोदी ने इन 50 हजार बच्चों का फिर से स्कूल में दाखिला कराया। यहां 15 हजार स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेस शुरू की गईं, इनमें आज डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। आज यहां करीब 250 स्कूलों को पीएम श्री स्कूल्स में अपग्रेड किया जा रहा है। यहां अनेक डिग्री कॉलेज, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज बने हैं।

राज्य में रोजगार के अवसरों पर क्या कहा

यहां मेडिकल की करीब 1100 नई सीटें जोड़ी गई हैं। नर्सिंग में 1500, पैरामेडिकल में 1600 से ज्यादा नई सीटें जोड़ी गई हैं। जम्मू-कश्मीर का नौजवान मजबूर नहीं रहा, वो मोदी सरकार में मजबूत हो रहा है। भाजपा ने भी नौजवानों के रोजगार के लिए बड़े ऐलान किए हैं। स्किल डेवलपमेंट हो, बिना धांधली काबिल लोगों को सरकारी नौकरी मिले, ये सारे काम भाजपा यहां पूरे करके दिखाएगी।

श्रीनगर में नरेंद्र मोदी ने 'तीन परिवारों' पर हमला बोला, युवाओं के हाथों में पत्थर थमाने का लगाया आरोप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी पर आरोप लगाया कि वे 'जम्मू-कश्मीर के युवाओं के हाथों में पत्थर थमा रहे हैं' और राजनीतिक लाभ के लिए उनका भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। श्रीनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कसम खाई कि वे 'जम्मू-कश्मीर के तीन परिवारों' को पूर्ववर्ती राज्य की एक और पीढ़ी को बर्बाद नहीं करने देंगे।

"हमारे युवा स्कूल-कॉलेजों के बाहर पढ़ाई से दूर थे और ये तीन परिवार (कांग्रेस, एनसी और पीडीपी) उनके हाथों में पत्थर थमाकर खुश थे। इन लोगों ने अपने फायदे के लिए हमारे बच्चों का भविष्य बर्बाद कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के खिलाफ साजिश रचने वाली हर ताकत को हराना होगा। यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना मोदी का इरादा है, मोदी का वादा है," पीएम मोदी ने कहा।

भाजपा का दावा है कि तीनों पार्टियां - कांग्रेस, एनसी और पीडीपी - वंशवाद की राजनीति करती हैं।

"मैं इन तीन परिवारों के हाथों अपनी एक और पीढ़ी को बर्बाद नहीं होने दूंगा। इसलिए मैं यहां शांति बहाल करने के लिए ईमानदारी से काम कर रहा हूं। आज पूरे जम्मू-कश्मीर में स्कूल-कॉलेज सुचारू रूप से चल रहे हैं। बच्चों के हाथों में कलम, किताबें और लैपटॉप हैं। आज स्कूलों में आग लगने की कोई खबर नहीं है, बल्कि नए स्कूल, नए कॉलेज, एम्स, मेडिकल कॉलेज और आईआईटी बनने की खबरें हैं।" उन्होंने कहा कि तीनों परिवार सोचते हैं कि किसी भी तरह से सत्ता हथियाना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। उन्होंने उन पर जम्मू-कश्मीर में भय और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया। "उनका राजनीतिक एजेंडा जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके वैध अधिकारों से वंचित करना रहा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को केवल भय और अराजकता दी है, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर इन तीन परिवारों की गिरफ्त में नहीं रहेगा...अब यहां का हमारा युवा उन्हें चुनौती दे रहा है। जिन युवाओं को उन्होंने आगे नहीं बढ़ने दिया, वे उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इन तीन परिवारों के शासन में जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने जो पीड़ा झेली है, वह अक्सर सामने नहीं आ पाती है।

पीएम मोदी ने दावा किया कि केंद्र शासित प्रदेश के युवा शिक्षा और रोजगार से वंचित हैं।

उन्होंने कहा, "ऐसा इसलिए नहीं हुआ क्योंकि जम्मू-कश्मीर के हमारे युवा असफल रहे, बल्कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस, एनसी और पीडीपी के तीन परिवार असफल रहे।"

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 10 साल के बड़े अंतराल के बाद हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को हुआ था और अन्य दो दौर 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।

अनुच्छेद 370 पर उमर अब्‍दुल्‍ला-कांग्रेस गठबंधन के साथ पाकिस्तान, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का बड़ा बयान

#pakistan_defence_minister_khawaja_asif_says_pak_and_ns_cong_alliance_on_same_article_370

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उनका देश जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस गठबंधन के रुख से सहमत है।जियो न्यूज पर बातचीत में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A बहाल करने के लिए पाकिस्तान और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन एक साथ हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव की चर्चा पाकिस्तान में भी है। बुधवार को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान हुआ। मतदान के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस बीच पाकिस्तान के एक टीवी कार्यक्रम में वहां के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ शामिल हुए। इस दौरान एंकर ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल किया और कहा कि 'जम्मू कश्मीर चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए जब लागू किया गया था तो उस वक्त केंद्र में कांग्रेस क पंडित नेहरू और जम्मू कश्मीर में शेख अब्दुल्ला सत्ता में थे। अब एक बार फिर दोनों साथ आए हैं और दोनों ने कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए लागू करने का वादा किया है।' इसे लेकर ख्वाजा आसिफ की प्रतिक्रिया मांगी गई। जिस पर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि 'अगर ऐसा होता है तो बहुत अच्छा होगा और हम आर्टिकल 370 और 35ए पर कांग्रेस और उसके सहयोगियों के रुख के साथ हैं।'

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन में हैं। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस अनुच्छेद 370 को लेकर बिल्कुल चुप है। अपने घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र नहीं किया है। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने से जुड़ी बात कही है। हालांकि कांग्रेस के साथ गठबंधन के साथी फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का जोर-शोर से वादा कर रही है। इसे लेकर बीजेपी की ओर से लगातार कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधा जा रहा है। अब, ख्वाजा आसिफ के इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर क बार फिर हमला बोला है।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा देशविरोधियों के साथ रही है। पाकिस्तान 370 पर कांग्रेस-एनसी के रुख का समर्थन कर रहा है। मालवीय ने कहा कि ऐसा कैसे कि पन्नू से लेकर पाकिस्तान तक, राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस, हमेशा भारत के हितों के प्रतिकूल लोगों के पक्ष में दिखाई देती है?

खरगे के पीएम मोदी को लिखे खत पर जेपी नड्डा का जवाब, राहुल से लेकर पूरी कांग्रेस को लपेटा

#bjp_chief_jp_nadda_reply_congress_president_kharge_letter_to_pm_modi

भाजपा और कांग्रेस के बीच चिट्ठी के जरिए आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया है। पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख राहुल गांधी के खिलाफ की जा रहीं विवादित टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी। अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खरगे को पत्र के जरिए पलटवार किया है।

खरगे की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे पत्र के जवाब में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पत्र लिखा है। अपने पत्र में नड्डा ने कहा है कि राहुल ने बार-बार पीएम मोदी का अपमान किया है। यहां तक सोनिया गांधी ने पीएम मोदी के लिए ‘मौत का सौदागर’ शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने पिछले 10 सालों में पीएम मोदी को 110 से अधिक गालियां दी हैं।

नड्डा ने अपने जवाब में कहा, आपकी ओर से भेजे गए पत्र में जिस तरीके से राहुल गांधी को लेकर बात की गई है, इसीलिए मैं उसी से अपनी बात शुरू करूंगा। जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के पीएम समेत पूरी ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, पीएम के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो। जिसने संसद में प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उन राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के तहत कर रहे हैं।

अपने जवाबी खत में जेपी नड्डा ने लिखा, मल्लिकार्जुन खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल्ड प्रोडक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गांधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझ कर नजरअंदाज किया है, इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है।

जेपी नड्डा ने लिखा, 'ये राहुल गांधी की माताजी सोनिया गांधी ही थी न खरगे जी, जिन्होंने मोदी जी के लिए 'मौत का सौदागर' जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था? इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बयानों का तो आप और आपकी पार्टी के नेता महिमामंडन करते रहे! क्यों तब राजनीतिक शुचिता की बातें कांग्रेस भूल गई थी? जब राहुल गांधी ने सरेआम 'मोदी की छवि को खराब कर देंगे' वाली बात कही थी तो राजनीतिक मर्यादा को किसने खंड-खंड किया था खड़गे जी?

बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने खरगे को याद दिलाया कि ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’, नीच, ‘कमीना, कभी मौत का सौदागर’, ‘जहरीला सांप’, बिच्छू’, ‘चूहा’, ‘रावण’, ‘भस्मासुर’, ‘नालायक’, कुत्ते की मौत मरेगा’, ‘मोदी को जमीन में गाड़ देंगे, ‘राक्षस’, ‘दुष्ट’, ‘कातिल’, ‘हिंदू जिन्ना’, जनरल डायर, ‘मोतियाबिंद का मरीज’, ‘जेबकतरा’, ‘गंदी नाली’, ‘काला अंग्रेज’, ‘कायर’, ‘औरंगजेब का आधुनिक अवतार’, ‘दुर्योधन’, हिंदू आतंकवादी, गदहा, नामर्द’, ‘चौकीदार चोर है, ‘तुगलक’, ‘मोदी की बोटी-बोटी काट देंगे, ‘साला मोदी’,नमक हराम’, ‘गंवार और ‘निकम्मा’ जैसे शब्द का इस्तेमाल हुए. नड्डा ने यह भी कहा पीएम मोदी के माता-पिता को भी नहीं छोड़ा गया, उनका भी अपमान किया गया।

उन्होंने लिखा, कांग्रेस नेताओं ने तो पीएम मोदी के माता-पिता को भी नहीं छोड़ा, उनका भी अपमान किया गया। आजाद भारत के इतिहास में किसी भी जननेता का अपमान कभी नहीं किया गया, जितना आपकी पार्टी के नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री का किया। इतना ही नहीं, आपकी पार्टी के जिन नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री को जितनी बड़ी गाली दी, उसे कांग्रेस में उतने बड़े-बड़े पद दे दिए गए। अगर मैं ऐसे उदाहरण गिनाने लग जाऊं, तो आपको भी पता है कि उसके लिए अलग से किताब लिखनी पड़ेगी। क्या ऐसे बयानों और हरकतों ने देश को शर्मसार नहीं किया, राजनीतिक मर्यादा को तार- तार नहीं किया? आप इसे कैसे भूल गए खड़गे जी?

अपने 3 पेज लंबे जवाब में नड्डा ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर जमकर निशाना साधा। पत्र के अंत में राहुल गांधी की ‘मोहब्बत की दुकान’ का जिक्र करते हुए कहा, “स्वार्थ सत्ता में डुबी कांग्रेस पार्टी की कथित ‘मोहब्बत की दुकान’ में जो प्रोडक्ट बेचा जा रहा है, वह जातिवाद का जहर है, वैमनस्यता का बीज है, राष्ट्रविरोध का मसाला है और देश को तोड़ने का हथौड़ा है। उम्मीद है कि आपको, आपकी पार्टी और आपके नेता को उनके प्रश्नों के जवाब मिल गए होंगे।

एक देश, एक चुनावः बिल पास कैसे कराएगी मोदी सरकार, संविधान में करने होंगे 2 संशोधन?

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देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन) करवाने के प्रस्ताव को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। बिल शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में संसद में पेश किया जाएगा। चूंकि, वन नेशन, वन इलेक्‍शन के तहत लोकसभा, विधानसभा, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की मंशा है, इसलिए यह मामला पेंचीदा हो जाता है। वन नेशन-वन इलेक्शन पर केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन करने पड़ेंगे, जिसके लिए इसे संसद में बिल के तौर पर पेश करना होगा। इसके बाद केंद्र सरकार को लोकसभा और राज्यसभा से इसे पास कराना होगा। इतना ही नहीं, संसद से पास होने के बाद इस बिल को 15 राज्यों की विधानसभा से भी पास कराना होगा। ये सब होने के बाद राष्ट्रपति इस बिल पर मुहर लगाएंगे।सवाल यह है कि क्या यह इतनी आसानी से लागू हो जाएगा?

वन नेशन वन इलेक्शन पर कोविंद समिति के प्रस्ताव को बुधवार को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी। प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद सरकार अब संसद में विधेयक लाएगी और वहीं पर उसका असली टेस्ट होगा। बिल को संसद के ऊपरी सदन यानी राज्यसभा से पास कराने में सरकार को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन लोकसभा में लड़ाई मुश्किल दिख रही है। निचले सदन में जब बिल पर वोटिंग की बारी आएगी तो सरकार विपक्षी दलों के समर्थन की आवश्यकता होगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में बीजेपी के पास अकेले बहुमत नहीं है। केन्द्र में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है।

क्या है संसद में नंबर गेम?

लोकसभा चुनाव-2024 के बाद 271 सांसदों ने कोविंद समिति की सिफारिशों का समर्थन किया। इसमें से 240 सांसद बीजेपी के हैं। लोकसभा में एनडीए के आंकड़े की बात करें तो ये 293 है। जब ये बिल लोकसभा में पेश होगा और वोटिंग की बारी आएगी तो उसे पास कराने के लिए सरकार को 362 वोट या दो तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ेगी। संवैधानिक विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को अगर वाईएसआरसीपी, बीजेडी और गैर-एनडीए दलों का साथ मिल जाता है तो भी 362 का आंकड़ा छूने की संभावना नहीं है। बीजेपी को 69 सांसदों की जरूरत पड़ेगी जो उसके साथ खड़े रहें।हालांकि ये स्थिति तब होगी जब वोटिंग के दौरान लोकसभा में फुल स्ट्रेंथ रहती है। लेकिन 439 सांसद (अगर 100 सांसद उपस्थित नहीं रहते हैं) ही वोटिंग के दौरान लोकसभा में रहते हैं तो 293 वोटों की जरूरत होगी। ये संख्या एनडीए के पास है। इसका मतलब है कि अगर विपक्षी पार्टियों के सभी सांसद वोटिंग के दौरान लोकसभा में मौजूद रहते हैं तो संविधान संशोधन बिल गिर जाएगा।

एक देश एक चुनाव का 15 दलों ने किया विरोध

बता दें कि कोविंद समिति ने कुल 62 राजनीतिक दलों से एक राष्ट्र एक चुनाव पर राय मांगी थी, जिनमें से 47 ने अपने जवाब भेजे, जबकि 15 ने जवाब नहीं दिया। 47 राजनीतिक पार्टियों में से 32 पार्टियों ने कोविंद समिति की सिफारियों का समर्थन किया, जबकि 15 दल विरोध में रहे। जिन 32 पार्टियों ने कोविंद समिति की सिफारिशों का समर्थन किया उसमें ज्यादातर बीजेपी की सहयोगी पार्टियां हैं और या तो उनका उसके प्रति नरम रुख रहा है। नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी जो मोदी सरकार 2.0 में साथ खड़ी रहती थी उसका रुख भी अब बदल गया है। वहीं, जिन 15 पार्टियों ने पैनल की सिफारिशों का विरोध किया उसमें कांग्रेस, सपा, आप जैसी पार्टियां हैं।

क्या है वन नेशन वन इलेक्शन

भारत में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एकसाथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव हों। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपना वोट डालेंगे।

आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।