यूपी को एक और मिलने जा रहा फरेंदा नाम से नया जिला, शासन ने नया जिला बनाने के लिए गोरखपुर कमिश्नर से मांगी रिपोर्ट
लखनऊ। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में यूपी को एक और जिला मिल सकता हैै। जिसका नाम फरेंदा होगा। अभी यूपी में 75 जिला है लेकिन एक और जिला के बढ़ जाने पर 76 जिला हो जाएगा। यह नया जिला गोरखपुर मंडल में बनाया जा रहा है। मंडल के दो जिलों की तहसीलों को काटकर नया जिला बनाने की बात की जा रही है। बताया जा रहा है कि जहां पर नया जिला बनाने की मांग की जा रही है वहां पर सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। साथ ही विकास की रफ्तार भी बहुत धीमी है। वहां के लोगों व जनप्रतिनिधियों की मांग पर ऐसा किया जा रहा है। इसी के क्रम में फरेंदा को जिला बनाने के लिए शासन स्तर से गोरखपुर कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी गई है।
जानकारी के लिए के बता दें कि यूपी को एक और जिला मिल सकता है। अगर यह जिला बनता है तो प्रदेश में जिलों की संख्या 76 हो जाएगी। प्रदेश में फरेंदा को नया जिला बनाने के लिए गोरखपुर के कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी गई है। इस संबंध में राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव की ओर से गोरखपुर के डीएम को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि महराजगंज की तहसील फरेंदा व नौतनवा और गोरखपुर की तहसील कैंम्पियरगंज को मिलाकर फरेंदा बनाए जाने के संबंध में अपनी रिपोर्ट स्पष्ट संस्तुति के साथ दें। डीएम को यह रिपोर्ट गोरखपुर के मंडलायुक्त के जरिये राजस्व परिषद को भेजनी है। वहीं, राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है कि सामान्य प्रक्रिया के तहत जिलों से रायशुमारी के लिए पत्र जारी हुआ है। फिलहाल शासन स्तर पर कोई नया जिला बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।महराजगंज जिला प्रशासन ने इस प्रस्ताव को लेकर असमहित जाहिर की है। उनका कहना है कि नया जिला बनने पर महराजगंज में सिर्फ दो तहसीलें महराजगंज सदर और निचलौल बची रहेंगी। जो कि शासन के अनुरूप नहीं होगा। एक जिले में कम से कम तीन तहसीलें होनी चाहिए।
1989 में बना था महाराजगंज
अगर ऐसा हुआ तो तीन तहसील नौतनवा, फरेंदा और कैंपियरगंज को मिलाकर नया जिला फरेंदा बना दिया जाएगा। बता दें कि 2 अक्टूबर सन 1989 को गोरखपुर जिले को तोड़कर नया जिला महाराजगंज बनाया गया था।हालांकि इस बारे में महाराजगंज के अपर जिला अधिकारी पंकज कुमार वर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि नए जिले के गठन से महाराजगंज जिले में सिर्फ दो तहसील निचनौल और सदर बचेंगी। उन्होंने बताया कि जिले के निर्माण के लिए कम से कम तीन तहसील का होना जरूरी होता है। वर्तमान में महाराजगंज जिले में चार तहसील हैं। सदर, निचनौल, फरेंदा और नौतनवा। महाराजगंज के फरेंदा को आनंदनगर भी कहा जाता है. यह नगर पंचायत है। इस कारण यह तहसील का दर्जा भी रखता है। यह जिला नेपाल से सटा होने के कारण बेहद खास है। नेपाल से सटा होने के कारण यह कस्बा सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यहां एक रेलवे स्टेशन भी है जिसे आनंदनगर जंक्शन के नाम से जाना जाता है। यहां से एक रेलवे लाइन नौतनवा भा जाती है। यहां से दिल्ली, जयपुर समेत कई बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेन मिल जाती है। यह तहसील महाराजगंज की प्रमुख तहसीलों में एक है।
यूपी के पूर्व सीएम की राजनीति स्थली रहा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह का यह राजनीतिक क्षेत्र है जो कि फिलहाल उत्तर प्रदेश की महाराजगंज तहसील में आता है।यहां विकास को बढ़ावा देने के लिए इसको जिला बनाए जाने की तैयारी है. उत्तर प्रदेश राजस्व आयुक्त की ओर से अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्म लाल वर्मा ने बताया कि महाराजगंज की फरेंदा और गोरखपुर की कैंपियरगंज तहसील को मिलाकर फरेंदा जिला बनाए जाने की तैयारी की जा रही है।
बीजेपी प्रवक्ता ने क्या कुछ कहा
उत्तर प्रदेश में 76 वें जिले के तौर पर फरेंदा को विकसित करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी का हमेशा से यह एक लक्ष्य रहा है की शक्ति का विकेंद्रीकरण किया जाए।छोटी इकाइयां होने से बेहतर विकास में मदद मिलती है। ऐसे में फरेंदा के विकास को गति देने के लिए यह प्रस्ताव अभी प्राथमिक स्तर पर है। इस तरह की रिपोर्ट अधिकारी देंगे उस पर फीजिबिलिटी को देखते हुए नए जिले के गठन किया जा सकता है।
इससे पहले भी बन चुके कई नए जिले
जिस वक्त उत्तर प्रदेश का गठन हुआ था तब उत्तर प्रदेश में 65 के करीब जिले थे. इसके बाद में लगातार नए जिले विकसित किए जाते रहे।कानपुर यूपी उत्तर प्रदेश का कभी सबसे बड़ा जिला था आज भी है उसको दो भागों में विभाजित किया गया था कानपुर नगर और कानपुर देहात. इसी के साथ कानपुर देहात से बाद में औरैया एक अलग जिला विकसित किया गया।ऐसे ही संतकबीर नगर, अमेठी, हापुड़, कुशीनगर, संभल ऐसे ही कई अन्य जिले विकसित किए गए।
संभल हाल का सबसे नया जिला
प्रदेश में कुल 75 जिले हैं. इनमें सबसे नवीनमत जिला संभल है। इसके अतिरिक्त यहां 826 सामुदायिक विकास खंड, 200 नगर पालिका परिषद्, 17 नगर निगम, 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, 546 नगर पंचायत और 75 जिला पंचायत मौजूद हैं. वहीं, ग्राम पंचायत की बात करें, तो इनकी संख्या 58 हजार से अधिक हैं। यूपी का सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी है। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा जिला भदोही है।इसके साथ ही यूपी में सबसे ज्यादा आबादी वाला जिला प्रयागराज है। इसी के साथ आपको बता दें कि यूपी का सबसे बड़ा मंडल लखनऊ मंडल है। वहीं, सबसे छोटा मंडल बस्ती मंडल है।यूपी में कुल 18 मंडल हैं।












Sep 16 2024, 19:53
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