केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर विजयपुरम किया

डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर विजयपुरम कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में पोर्ट ब्लेयर के नए नाम का एलान किया गया। अमित शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी विजन के तहत देश को औपनिवेशिक पहचान से मुक्त करने के लिए हमने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम करने का निर्णय लिया है। अब गुलामी का एक और निशान मिटा दिया गया है।

उन्होंने लिखा कि पहले के नाम में औपनिवेशिक विरासत थी। विजय पुरम स्वतंत्रता संग्राम में हासिल की गई जीत और उसमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की अद्वितीय भूमिका का प्रतीक है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का हमारे स्वतंत्रता संग्राम और इतिहास में अद्वितीय स्थान है। यह द्वीप क्षेत्र जो कभी चोल साम्राज्य के नौसैनिक अड्डे के रूप में कार्य करता था, आज हमारी रणनीतिक और विकास आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण आधार बनने के लिए तैयार है।

यह वह स्थान भी है जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तिरंगे को पहली बार फहराया था और वह सेल्युलर जेल भी है जहां वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के लिए संघर्ष किया था।

संदेह का मिल गया लाभ..! शाहरुख़-शहनावाज सहित दिल्ली दंगों के 10 आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के गोकुलपुरी दंगा मामले में संदेह का लाभ देते हुए 10 आरोपियों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) पुलस्त्य प्रमाचला ने 12 सितंबर को इस फैसले की घोषणा की। बरी किए गए आरोपियों में मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख पठान, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल, राशिद उर्फ मोनू और मोहम्मद ताहिर शामिल हैं। मजे की बात ये भी है कि, सरेआम पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानने वाले दंगाई शाहरुख़ पठान को भी कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया, जिसकी तस्वीर दंगों के समय काफी वायरल हुई थी। 

जज प्रमाचला ने अपने आदेश में कहा, "मुझे लगता है कि इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप उचित संदेह से परे साबित नहीं हुए हैं। इसलिए, आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए उन्हें बरी किया जाता है।" इन व्यक्तियों पर पुलिस ने धारा 147/148/149/436/454/392/452/188/153-ए/427/506 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध करने के आरोप लगाए थे। मामले की शुरुआत 24 फरवरी 2020 को हुई, जब शिकायतकर्ता नरेंद्र कुमार ने गोकुलपुरी थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 1500 दंगाई हथियारों से लैस होकर उनकी पिज्जा दुकान में तोड़फोड़ करने लगे और फिर उनके घर की ऊपरी मंजिलों पर चढ़ गए। दंगाइयों ने उन्हें धमकी दी कि वे घर खाली करें, अन्यथा जलाकर मार डालेंगे। इसके बाद, दंगाइयों ने घर से सोना, चांदी और नकद लूट लिया, घर के फर्नीचर में आग लगा दी, और अन्य दस्तावेजों को जला दिया।

 

इस मामले में पहली पूरक चार्जशीट 09 जनवरी 2023 को दायर की गई, जिसमें शिकायत, दस्तावेज और बयान शामिल थे। दूसरी पूरक चार्जशीट 25 सितंबर 2023 को दायर की गई। हालांकि, 09 अक्टूबर 2023 के आदेश के अनुसार, अदालत ने पाया कि रिंकू की शिकायत को इस मामले में नहीं जोड़ा जा सकता था और केवल धारा 196 सीआरपीसी के तहत मंजूरी और दो पुलिस अधिकारियों के बयानों पर विचार किया गया था। 

बता दें कि, 2020 दंगों का मुख्य आरोपी और आम आदमी पार्टी (AAP) का पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन खुद कबूल चुका है कि, उसने हिन्दुओं को सबक सीखाने के लिए यह साजिश रची थी। इस ताहिर हुसैन को बचाने के लिए भी ऑल्टन्यूज़, राणा अय्यूब, संजुक्ता बसु (राहुल गांधी की करीबी) ने सोशल मीडिया पर काफी भ्रम फैलाया था, लेकिन जब कोर्ट में ट्रायल चला, तो ताहिर हुसैन ने खुद कबूल किया कि उसके द्वारा जुटाई गई भीड़ अधिक से अधिक हिन्दुओं को मारना चाहती थी। ताहिर ने कोर्ट में कबूला कि, उसने इलाके के CCTV तुड़वा दिए थे और अपने लोगों को लाठी-डंडों और हथियारों को इकठ्ठा करने के लिए कहा था। जबकि, दूसरी तरफ हिन्दुओं को यह पता ही नहीं था, कि उन पर हमला करने के लिए कई दिनों से तैयारी चल रही है। किसी भी अनहोनी की आशंका से बेफिक्र हिन्दुओं पर जब हमला हुआ, तो वे खुद को बचा भी न सके। कोर्ट ने यह भी माना है कि सबूतों से यह पता चला है कि तमाम आरोपित हिंदुओं को निशाना बनाने, उन्हें मारने और संपत्तियों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुँचाने में लिप्त थे। हिंदुओं पर अंधाधुंध फायरिंग यह स्पष्ट करती है कि यह भीड़ जानबूझकर हिंदुओं की हत्या चाहती थी। हिंदुओं की दुकानों को आग के हवाले किया जाने लगा, लूटा जाने लगा और पत्थरबाजी चालू हो गई। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 से अधिक घायल हुए थे।  

 

इसी हिन्दू विरोधी दंगे में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अफसर अंकित शर्मा की भी हत्या की गई थी, उनके शरीर पर चाक़ू के 51 जख्म निशान मिले थे। यानी नफरत इस हद तक थी कि, मौत होने के बाद भी अंकित को लगातार चाक़ू मारे जा रहे थे, उनकी लाश AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर के पास स्थित एक नाले से मिली थी। यहाँ तक कि, ताहिर हुसैन पर आरोप तय करने वाली कोर्ट खुद यह कह चुकी है कि, दंगाई भीड़ का मकसद केवल और केवल हिन्दुओं को मरना और उन्हें नुकसान पहुँचाना था। वहीं, तत्कालीन AAP पार्षद खुद यह कबूल चुका है कि, उनका मकसद हिन्दुओं को सबक सिखाना ही था।

भारी प्रदर्शन के बीच हिमाचल प्रदेश के मंडी में मस्जिद की 2 अवैध फ्लोर तोड़ने के आदेश, मिला 30 दिन का वक्त

डेस्क: हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मस्जिद को ढहाने की मांग को लेकर भारी प्रदर्शन के बीच नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। दो मंजिला अवैध मस्जिद को तोड़ने का आदेश दिया गया है। नगर निगम कमिश्नर एचएस राणा की कोर्ट ने इसके लिए एक महीने (30 दिन) का वक्त दिया है। इससे पहले मंडी प्रशासन ने ऐलान किया था कि मंडी अवैध मस्जिद को सील किया जाएगा, मगर प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं।

मंडी नगर निगम के आयुक्त एचएस राणा ने कहा कि इस मामले की सुनवाई हमने तीन महीने में पूरी की है। सुनवाई के दौरान हमने पाया की मस्जिद में अवैध निर्माण किया गया है क्योंकि जो निर्माण किया गया था उसकी मंजूरी नहीं ली गई थी। कोई नक्शा पास नहीं कराया गया था। इसलिए हमने 30 दिन के अंदर अवैध निर्माण को गिरने का आदेश दिया है। मस्जिद को उसके पुराने स्वरूप में लाना होगा अगर मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध निर्माण नहीं गिराया तो इस निर्माण को नगर निगम गिराएगा। 30 दिन के अंदर मस्जिद कमेटी ऊपरी अदालत में भी अपील कर सकती है।

मंडी शहर में जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मस्जिद को ढहाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को पानी की बौछारें की। प्रदर्शनकारियों ने पहले मंडी बाजार इलाके में मार्च निकाला और फिर वे सेरी मंच पर धरने पर बैठ गए। बाद में जब उन्होंने मस्जिद की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया और स्थिति को काबू में करने के लिए पानी की बौछार की। हिंदू संगठनों की ओर से विरोध मार्च का आह्वान किए जाने के बाद पुलिस ने मंडी में भारी बल तैनात कर सुरक्षा बढ़ा दी है।  

तीस साल पुरानी 3 मंजिला यह मस्जिद मंडी शहर के जेल रोड पर है। आरोप है कि इसकी 2 मंजिल अवैध रूप से बनाई गई थी। मस्जिद के साथ ही एक दीवार बनाकर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का भी आरोप है। हालांकि इस दीवार को मस्जिद कमेटी ने खुद ही गिरा दिया है। आरोप है कि मंडी के जेल रोड पर मस्जिद में 2 मंजिल बिना अनुमति बनाई गई हैं। इसे लेकर जून 2024 से ही नगर निगम आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। इस मस्जिद की जमीन मुस्लिम महिला के नाम है। करीब तीस साल पहले बनी एक मंजिला मस्जिद पर इस साल मार्च में 2 मंजिल बनाई गईं। 

नगर निगम ने जून में काम रोकने का नोटिस दिया था। जांच की गई तो कुछ जमीन PWD की निकली। सड़क से लगी दीवार भी अवैध रूप से बनाई गई थी। स्थानीय लोगों को अवैध निर्माण और अतिक्रमण के अलावा इस मस्जिद में बाहर से आकर रहने वाले लोगों पर ऐतराज है। स्थानीय लोगों का आरोप है की मस्जिद के आसपास बाहरी लोग आकर रहने लगे हैं और ऐसे में इलाके की डेमोग्राफी भी प्रभावित हो रही है।

मध्यप्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात, CM ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, अधिकारियों को हेलिकॉप्टर रेस्क्यू के आदेश, इन जिलों में स्कूलों की छुट्

 मध्य प्रदेश बीते दो दिन से जारी भारी वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बारिश से बाढ़ के हालातों के बीच मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गुरुवार को आपात बैठक बुलाई है. मुख्यमंत्री ने अतिवर्षा की स्थिति से निबटने के कार्यों की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई. आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय समत्व में बैठक होगी.

बैठक में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति से बचाव के लिए किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा होगी. इसमें वीसी के माध्यम से सभी संभागीय आयुक्त, आईजी, कमिश्नर आफ पुलिस, जिला कलेक्टर और एसपी जुड़ेंगे. इसके अलावा डीजीपी/ डी.जी होम गार्ड/ अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव, जल संसाधन, गृह, पंचायत एवम ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, राजस्व, लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जनसंपर्क की प्रत्यक्ष में उपस्थिति होगी.

मध्य प्रदेश में अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है. इस वजह से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बांधो में ज्यादा बारिश होने प्रशासन हाई अलर्ट पर है. 282 बांधों में से 199 में 90 प्रतिशत से अधिक जल भराव हो गया है. प्रदेश के 282 बांधों में से 199 बांध के गेट खोल दिए गए हैं. सीजन में हुई बारिश से लबालब बांधों में 90 प्रतिशत से अधिक जलभराव हो चुका है. प्रदेश की औसत वर्षा से 9 प्रतिशत अधिक है.

लगातर बारिश से बांधो से पानी छोड़ा जा रहा है. भारी बारिश के चलते कई जिलों के स्कूलों की आज छुट्टी घोषित कर दी गई है. राजधानी भोपाल में आज भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए 1 से 5 वीं क्लास तक के स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई. कलेक्टर के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी किया. महिला बाल विकास विभाग ने सभी आंगनवाड़ी केंद्रों का भी अवकाश घोषित किया.

ग्वालियर जिले की डबरा भीतरवार तहसील में कल से हो रही लगातार बारिश ने शहर और गावों में किए बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. डबरा में नंदू का डेरा सराफा बाजार, चिनोर रोड में पानी भरा, डबरा के वार्ड नंबर 22 में रह रहे आदिवासी दफायी लोगों के कई मकान ढह गए हैं. लोग खुले में बैठने को मजबूर हैं. कोई भी प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा है.

अजान और नमाज के वक्त हिंदू बंद करें पूजा-पाठ…हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेश सरकार का नया फरमान

बंगला देश में सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदुओं की हालत खराब हो गई है. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार जाने के बाद पहले हिंदुओं पर हमले हुए और अब उन्हें धार्मिक स्तर पर भी टारगेट किया जा रहा. मोहम्मद युनूस की सरकार हिंदुओं के खिलाफ लगातार कदम उठा रही है. अब एक और नया फरमान जारी कर दिया गया है. बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार ने कहा कि स्थानीय पूजा समितियों को अजान और नमाज के दौरान लाउडस्पीकरों बजाने से बचने के लिए कहा गया है.

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार ने हिंदू समुदाय से नमाज और अज़ान के दौरान दुर्गा पूजा समारोह में लाउडस्पीकर बजाने से बचने के लिए कहा है. बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एमडी जहांगीर आलम चौधरी ने मंगलवार को कहा कि पूजा समितियों को अजान और नमाज के दौरान लाउडस्पीकरों को बंद करने और संगीत वाद्ययंत्र बजाने से बचने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि आयोजकों ने अनुरोध पर सहमति व्यक्त की है.

मीडिया से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि इस साल पूरे बांग्लादेश में कुल 32 हजार 666 पूजा पंडाल स्थापित किए जाएंगे, जो पिछले साल की संख्या 33 हजार 431 से कम है. सरकार का यह निर्देश बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए शिक्षा और नौकरियों में कोटा के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन और उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के निष्कासन के बाद देश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों के बाद आया है.

तब से, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं. हाल ही में शाह पोरान की दरगाह पर हुई घटना समेत धार्मिक स्थलों पर हमलों के बारे में पूछे जाने पर लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा कि मुझे शाह पोरान दरगाह पर हमले के बारे में कुछ नहीं पता. हालांकि, सुरक्षा सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है ताकि कोई हमला शुरू कर दिया गया है. कानून लागू करने वालों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं.

चौधरी ने आश्वासन दिया कि मूर्तियों के निर्माण के समय से ही पूजा आयोजकों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी. उन्होंने मीडिया से कहा कि हमने चर्चा की है कि पूजा मंडपों में 24 घंटे सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए. बिना किसी बाधा के पूजा मनाने और शरारती तत्वों की बुरी गतिविधियों को रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे. इस बीच, मुहम्मद यूनुस शासन द्वारा उठाए गए कुछ कदमों ने भारत में भौंहें चढ़ा दी हैं.

कुछ दिन पहले, यूनुस की कार्यवाहक सरकार ने भारत में हिल्सा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे दुर्गा पूजा से पहले बांग्लादेशी इलिश (जैसा कि मछली को बंगाली में जाना जाता है) की कमी हो गई है और कीमतें बढ़ गई हैं.यह प्रतिबंध त्योहारी सीज़न के दौरान बांग्लादेश द्वारा भारत, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में पद्मा इलिश की बड़ी खेप भेजने की लंबे समय से चली आ रही प्रथा से हट गया है. यह अवामी लीग नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा अपनाई गई एक सद्भावना प्रथा थी.

राजनीति के दिग्गज नेता का निधन पर देश में शोक, जिसने इंदिरा से कहा था- इस्तीफा दे दो, PM मोदी, राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने जताया दुख

भारत में वामपंथ की सियासत को करीब 45 साल तक प्रभावित करने वाले सीताराम येचुरी नहीं रहे. येचुरी कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के प्रमुख थे. तेलंगाना आंदोलन के जरिए 17 साल की उम्र में राजनीति में आने वाले येचुरी को आपातकाल के दौरान पहचान मिली. कहा जाता है कि इमरजेंसी में येचुरी की मोर्चेबंदी से मजबूर होकर इंदिरा गांधी ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति पद से इस्तीफा दे दिया था. सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. येचुरी पिछले कुछ दिनों से गंभीर हालत में थे और उन्हें रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर रखा गया था. सीपीआई (एम) ने पहले कहा था कि 72 वर्षीय नेता का दिल्ली के एम्स के ICU में एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के इन्फैक्शन का इलाज किया जा रहा था. सीताराम येचुरी को निमोनिया के इलाज के लिए 19 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत गंभीर थी और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था. सूत्रों के मुताबिक उनके फेफड़ों में फंगल संक्रमण था. सीताराम येचुरी के निधन पर राजनीति के दिग्गजों ने दुख जताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा कि सीताराम येचुरी जी के निधन से दुखी हूं. वे वामपंथ के अग्रणी नेता थे और राजनीतिक स्पेक्ट्रम में लोगों से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे. उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई, इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने X पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. वह आइडिया ऑफ इंडिया के प्रोटेक्टर और देश की गहरी समझ रखने वाले व्यक्ति थे. मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि सीताराम येचुरी कम्युनिस्ट आंदोलन के एक अद्वितीय साहसी नेता थे. मैं सीताराम के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी और व्यथित हूं. छात्र आंदोलन से उठकर उन्होंने 9 साल तक सीपीआई(एम) के महासचिव के रूप में कठिन राजनीतिक दौर में पार्टी का नेतृत्व किया. सीताराम ने पार्टी के नेतृत्व के पदों पर अच्छी स्थिति बनाकर सीपीआई(एम) और वामपंथ के लिए और भारतीय राजनीति के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश और उनके लोग गंभीर संकटों का सामना कर रहे हैं, तब सीताराम का न होना, देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान के हक़ में उठने वाली एक मजबूत आवाज़, सांप्रदायिकता के खिलाफ सबको लामबंद करने वाले अग्रणी नेता सीताराम येचुरी जी ने दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन वो गरीबों, मजदूरों, मजलूमों की आवाज में सदैव जिंदा रहेंगे. उनका जाना भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है. कॉमरेड सीताराम येचुरी जी को सिर झुकाकर लाल सलाम.
CBI को दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं', जानें सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

डेस्क: दिल्ली शराब घोटाला मामले में आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। CBI केस में कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है। केजरीवाल को कोर्ट ने 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी। केजरीवाल को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्जवल भुइयां ने सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करने तक की सलाह दे दी है। आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा है। जस्टिस भुइयां ने केजरीवाल को जमानत देते हुए सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था। जस्टिस भुइयां ने कहा कि ऐसा लगता है कि ईडी मामले में केजरीवाल को निचली अदालत से नियमित जमानत दिए जाने के बाद ही सीबीआई एक्टिव हुई और उनकी हिरासत की मांग की। 22 महीने से अधिक समय तक CBI को उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। इस तरह की कार्रवाई से गिरफ्तारी पर ही गंभीर सवाल उठते हैं। इस पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस उज्जवल भुइयां ने कहा कि CBI को अपने पिंजरे में बंद तोते की छवि को बदलने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं है। जस्टिस भुइयां ने ये भी कहा कि मैं न्यायिक अनुशासन के कारण, केजरीवाल पर लगाई गई शर्तों पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं। जस्टिस भुइयां ने कहा कि जहां तक गिरफ्तारी के आधार का सवाल है, यह गिरफ्तारी की आवश्यकता को पूरा नहीं करती। सीबीआई गोलमोल जवाबों का हवाला देकर गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती और हिरासत जारी नहीं रख सकती। आरोपी को बयान देने के लिए भी मजबूर नहीं किया जा सकता। सीबीआई एक प्राथमिक जांच एजेंसी है। ऐसा कोई संकेत नहीं दिया जाना चाहिए कि जांच ठीक से नहीं की गई। सीबीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की पिंजरे का तोता वाली टिप्पणी पर बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोयला गेट घोटाले के समय भ्रष्ट कांग्रेस ने सीबीआई को पिंजरे का तोता बना दिया था। उन्होंने कहा कि पिंजरे का तोता आज बाज बन चुका है। भ्रष्टाचारियों को नोच रहा है, काट रहा है, इसलिए भ्रष्टाचारियों को दर्द हो रहा है।
सपा विधायक के घर में पंखे से लटका मिला नाबालिग लड़की का शव, अब एक किशोरी भी बरामद, पुलिस जांच में जुटी

डेस्क: यूपी के भदोही में सपा विधायक जाहिद बेग के आवास पर हाल ही में एक 17 साल की लड़की का एक कमरे में पंखे से लटका हुआ शव मिला है। नाजिया नाम की युवती पिछले कई वर्षों से विधायक के घर पर रहकर घरेलू कार्य करती थी। घटना भदोही कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला मालिकाना की है। अब विधायक जाहिद बेग के आवास से श्रम प्रवर्तन विभाग और पुलिस की टीम ने बाल श्रम के आरोप में एक किशोरी को बरामद किया है। आपको बता दें सपा विधायक जाहिद बेग भदोही विधानसभा सीट से विधायक है।

पुलिस ने मृतका के परिजनों की मौजूदगी में शव को कब्जे में लेकर आवश्यक विधिक कार्यवाही की थी। घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और घटना के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए टीम गठित की है।

भदोही विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। शव मिलने के दूसरे दिन मंगलवार को देर शाम प्रशासन की टीम ने एक नाबालिग किशोरी को बरामद किया है बताया जाता है कि किशोरी लंबे समय से विधायक की आवास पर घरेलू कार्य कर रही थी। प्रशासन की टीम के द्वारा किशोरी का मेडिकल और मामले में अन्य विधिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रशासन की टीम बाल श्रम को लेकर विभिन्न बिदुओं पर जांच में जुटी है वही बरामद की गई किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष आधी रात में पेश किया गया है । बाल कल्याण समिति के अध्यक्षपी सी उपाध्याय ने बताया कि बरामद की गई किशोरी की उम्र 16 वर्ष के करीब है। प्रशासनिक टीम के द्वारा आगे जिस तरह के तथ्य पेश किए जाएंगे उसके अनुसार आगे मामले में कदम उठाए जाएंगे।

न्यूक्लियर बम बनाने में जुटा उत्तर कोरिया, परमाणु निर्माण साइट पर दिखे तानाशाह किम जोंग, खबर से मचा हड़कंप

डेस्क : उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अभी 3 दिनों पहले ही अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने का ऐलान किया था। इसके बाद उत्तर कोरिया की परमाणु बम बनाने की तैयारियों तेज हो गई हैं। इस ऐलान के दूसरे दिन उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट दागे। फिर आज किम जोंग उन ने प्रतिबंधित परमाणु निर्माण स्थल का दौरा करके परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम संवर्धन बढ़ाने का निर्देश दिया है। उत्तर कोरिया ने पहली बार आज शुक्रवार को अपने परमाणु बमों के लिए ईंधन का उत्पादन करने वाले सेंट्रीफ्यूज की तस्वीरें दिखाई हैं। उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन इस यूरेनियम संवर्धन फैक्ट्री का दौरा करते दिख रहे हैं। उन्होंने इसे बढ़ावा देने के लिए अधिक हथियार-ग्रेड सामग्री तैयार करने का आदेश दिया है। किम जोंग की यूरेनियम साइट की तस्वीरें सामने आने से दुनिया में खलबली मच गई है। परमाणु हथियार संस्थान और हथियार-ग्रेड परमाणु सामग्री के उत्पादन आधार की किम की यात्रा के बाद राज्य मीडिया रिपोर्ट में सेंट्रीफ्यूज की पहली तस्वीरें सामने आई हैं, जो उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के अंदर उस दुर्लभ इकाई की हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इन तस्वीरों में किम जोंग को यूरेनियम को समृद्ध करने वाली धातु सेंट्रीफ्यूज की मशीनों की लंबी कतारों के बीच चलते हुए दिखाया गया है। हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि दौरा कब हुआ। किम जोंग उन अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं। कहा जा रहा है कि यूरेनियम संवर्धन साइट का दौरा करते हुए किम ने कार्यकर्ताओं से सामरिक परमाणु हथियारों के लिए अधिक सामग्री का उत्पादन करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि देश का परमाणु शस्त्रागार संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों से खतरों का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि "आत्मरक्षा और पूर्वव्यापी हमले की क्षमता" के लिए हथियारों की आवश्यकता होती है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरियाई नेता ने कहा कि "अमेरिकी साम्राज्यवादियों के नेतृत्व वाली जागीरदार ताकतों" से "डीपीआरके विरोधी परमाणु खतरे" लाल रेखा को पार कर गए हैं। उत्तर कोरिया के पास अभी 50 से ज्यादा परमाणु हथियार होने का अनुमान है। विश्लेषकों के अनुसार उसके पास अभी इतनी यूरेनियम सामग्री है कि वह 70 से 90 परमाणु हथियार और बना सकता है। बता दें कि जिस यूरेनियम संवर्धन इकाई का किम जोंग ने दौरा किया, इस तरह की उत्तर कोरिया के पास कई इकाइयां होने का दावा किया जाता है। विश्लेषकों का कहना है कि वाणिज्यिक उपग्रह इमेजरी ने हाल के वर्षों में मुख्य योंगब्योन परमाणु वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र में इसके यूरेनियम संवर्धन संयंत्र सहित निर्माण को दिखाया है, जो उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों के जखीरे में संभावित विस्तार का सुझाव देता है। यूरेनियम एक रेडियोधर्मी तत्व है जो प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। परमाणु ईंधन बनाने के लिए कच्चे यूरेनियम को प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप आइसोटोप यूरेनियम -235 की बढ़ी हुई सांद्रता वाला पदार्थ बनता है। इससे फिर परमाणु बम और परमाणु मिसाइलें तैयार होती हैं। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था ने एक रिएक्टर के संचालन और योंगब्योन में रिपोर्ट की गई सेंट्रीफ्यूज संवर्धन सुविधा के अनुरूप गतिविधि देखी थी। किम ने सेंट्रीफ्यूज की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है। ताकि परमाणु हथियारों में "तेजी से वृद्धि" की जा सके और हथियार-ग्रेड परमाणु सामग्री के उत्पादन को और मजबूत करने के लिए नए प्रकार के सेंट्रीफ्यूज के उपयोग का विस्तार किया जा सके। अमेरिका स्थित कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के अंकित पांडा ने कहा, नए प्रकार के सेंट्रीफ्यूज से पता चलता है कि उत्तर कोरिया अपनी ईंधन चक्र क्षमताओं को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, "किम का यह भी सुझाव है कि उत्तर कोरियाई सामरिक परमाणु हथियार डिजाइन मुख्य रूप से अपने मूल के लिए यूरेनियम पर निर्भर हो सकते हैं।"उत्तर कोरिया अपने अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम भंडार को बढ़ाने में अधिक सक्षम है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने पर भड़की भाजपा, कहा- जेल वाला सीएम, बेल वाला सीएम हो गया है


डेस्क: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। CBI मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह अपना फैसला सुनाया। केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद अब भाजपा की प्रतिक्रिया आई है। इसे लेकर भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि दो केस चल रहे हैं। सीबीआई केस में आज सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आया है। वहीं दूसरा केस ईडी का है। ईडी वाले मामले में कंडीशन बी में लिखा गया है कि ये वो कट्टर बेईमान मुख्यमंत्री हैं, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के दफ्तर में नहीं जाते हैं। ये कैसा मुख्यमंत्री है जो खुद मुख्यमंत्री के दफ्तर नहीं जाता। किस निम्न स्तर पर भारतीय राजनीति में ले आया है। मुख्यमंत्री का जो चरित्र होता है, उसे दागदार माना जाए तो कोई बात नहीं।

उन्होंने कहा कि शराब नीति की जो काली कमाई है, उसे अपने इस्तेमाल में लगाया जाए और कैसे और भ्रष्टाचार किया जाए। एक कंडीशन और है कि अगर कोई संवैधानिक पद पर मुख्यमंत्री है और उसपर इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, इसपर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक पद पर जो व्यक्ति बैठा है, उसमें इतनी नैतिकता, इतनी शर्म बची होगी कि वह संविधान की दृष्टि से दिल्ली की जनता के हित के लिए इस्तीफा देगा। लेकिन जैसे कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल से नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस आदेश के आने के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि वह 6 महीने तक जेल में रहे, फिर भी इस्तीफा नहीं दिया। जेल वाला सीएम अब बेल वाला सीएम हो गया है। गौरव भाटिया ने आगे कहा कि हम पुन: मांग करते हैं कि कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दें। जब शराब घोटाले का किंगपिन निकला है और उसे बेल मिली है तो क्वीन पिन क्या कहेंगी। यही कहेंगी एक और भ्रष्टाचारी पूर्व मुख्यमंत्री बेल पर बाहर है। मैं ये जरूर कहना चाहूंगा ये सब भ्रष्टाचारी हैं और पापी हैं, जिन्होंने जनता को लूट रखा है। हमारा एक ही लक्ष्य है कि जांच एजेंसियां जनता का एक एक रुपया इनसे वसूल करे।