पयागपुर एवं रिसिया में आयोजित हुआ कृषक जागरूकता कार्यक्रम

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। प्रदेश में बढ़ती आबादी को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के दृष्टिगत कृषि सूचना तन्त्र के सुदृढीकरण एवं कृषक जागरुकता कार्यक्रम खरीफ 2024 के अन्तर्गत ब्लाक पयागपुर मे ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि एवं सदस्य जिला पंचायत समय प्रसाद मिश्र की अध्यक्षता में तथा ब्लाक रिसिया में बीडीओ रिसिया सुरेश कुमार गौतम की अध्यक्षता में विकास खण्ड स्तरीय कृषि निवेश मेला/किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।

पयागपुर में आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री मिश्र ने कृषकों का आहवान किया कि उत्पादन लागत कमी लाने तथा कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिये आधुनिक कृषि यन्त्रों एवं प्रमाणित बीजों का उपयोग किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए हमें कृषि वैज्ञानिकों के सुझावों पर भी अमल करना होगा। कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच के वैज्ञानिक डॉ. अरुण कुमार राजभर ने किसानों को जैविक खेती करने तथा फसलों में लगने वाले कीटों एवं रोगों से बचाव के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की।

उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर उदय शंकर सिंह ने विभाग द्वारा संचालित फ्लेक्सी योजनाओं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पराली प्रबन्धन के महत्व पर भी प्रकाश डाला। सुहेलदेव एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कं.लि. के प्रतिनिधि मुन्ना लाल वर्मा ने किसानों को मशरूम की खेती के बारे में जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर प्रभारी राजकीय कृषि बीज भण्डार पयागपुर ओम प्रकाश दुबे, तकनीकी सहायक सुनील कुमार, शेषराम मौर्य व बसन्त कुमार गुप्ता, बीटीएम सुभाष चन्द्र, एटीएम राहुल पाण्डेय व बालचन्द्र सहित क्षेत्रीय किसान, ग्राम प्रधान बराती लाल वर्मा सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

इसी प्रकार ब्लाक रिसिया में बीडीओ रिसिया की अध्यक्षता में आयोजित विकास खण्ड स्तरीय कृषि निवेश मेला/किसान गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा आसन्न रबी सीज़न के लिए लाही, सरसों, मसूर, गेहूं आदि फसलों के लिए खेत की तैयारी तथा बुआई के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। गोष्ठी के दौरान कृषकों को खरीफ फसलों में लगने वाले कीटों एवं रोगों से सुरक्षा एवं अन्नभंडारण आदि के सम्बन्ध में भी उपयोगी जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम के अन्त में कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी नानपारा सुधीर कुमार मिश्र, कृषि वैज्ञानिक डॉ. राम लखन प्रजापति, डॉ. नंदन सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारी, भाजपा माडल प्रभारी विश्वनाथ श्रीवास्तव तथा बड़ी संख्या में कृषक मौजूद रहे।

घटना स्थल के निरीक्षण में नहीं मिले भेड़िया के पगचिन्ह: डीएफओ

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच ने बताया कि तहसील महसी व थाना खैरीघाट अन्तर्गत ग्राम-कोरियनपुरवा, दाखिला भवानीपुर, पोस्ट-गरेठी गुरुदत्त सिंह में 11 सितम्बर 2024 को रात्रि लगभग 10:30 बजे श्रीमती पुष्पा पत्नी प्रताप आयु लगभग 50 वर्ष को किसी अज्ञात जानवर द्वारा घायल किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। घायल महिला का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, महसी में उपचार के पश्चात् जिला अस्पताल बहराइच रेफर कर दिया गया है।

डीएफओ ने बताया कि उक्त घटना के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त होने पर क्षेत्रीय वनाधिकारी, बहराइच द्वारा तत्काल मौके का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मौके पर कहीं भी भेड़िया का पगचिन्ह नहीं पाया गया। जो पगचिन्ह पाया गया वह भेड़िया के पगचिन्ह से मेल नहीं खाता है। इस सम्बन्ध में डब्लू.टी.आई. के विशेषज्ञ शहीर खान ने भी बताया कि प्राप्त पदचिन्ह भेड़िया का पगचिन्ह नहीं है। घटना स्थल व आसपास के क्षेत्र का ड्रोन से निरीक्षण करने पर कोई जानवर नहीं पाया गया।

डीएफओ ने बताया कि 11/12 को महसी तहसील अन्तर्गत घाघरा नदी के कछारी क्षेत्रों में उपद्रवी भेड़िया के सक्रियता प्रभावित क्षेत्र को निगरानी की दृष्टि से 03 सेक्टरों में बॉटकर सेक्टर प्रभारियों को तैनात किया गया है। जिनके नेतृत्व उपद्रवी भेड़िया को रेस्क्यू करने हेतु रेस्क्यू टीमों द्वारा 04 थर्मल ड्रोनों की सहायता से उपद्रवी भेडिया को ग्रामीणों द्वारा बताये गये स्थानों पर खोजने की कार्यवाही की गयी तथा संवेदनशील क्षेत्रों में भी ड्रोन चलाकर उपद्रवी भेड़िया को खोजने की कार्यवाही की गयी, किन्तु उपद्रवी भेड़िया ड्रोन कैमरों द्वारा लोकेट नहीं हो सका।

डीएफओ ने बताया कि रेस्क्यू टीमों द्वारा कैमरा ट्रैपस को संवेदनशील क्षेत्रों में स्थापित कर उपद्रवी भेड़िया के आवागमन को खोजने की कार्यवाही की गयी, किन्तु उपद्रवी भेडिया कैमरा ट्रैपस द्वारा लोकेट नहीं हो सका। गश्ती टीमों द्वारा पैदल चलकर उपद्रवी भेड़िया के पगमार्क खोजने की कार्यवाही की गयी, परन्तु उपद्रवी भेडिया के पगमार्क नहीं मिल सके। डीएफओ ने बताया कि जन जागरूता टीमों द्वारा गाँवों में पोस्टर व बैनर लगाकर संगोष्ठी/बैठकों के माध्यम से ग्रामीण जनों को उपद्रवी भेडिया से बचाव हेतु जागरूक करने की कार्यवाही की गयी।

इसके अलावा प्रभाग स्तर पर स्थापित कमांड सेंटर द्वारा दिवारात्रि टीमों एवं गश्ती दलों से सूचनाओं को प्राप्त कर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए उनसे प्राप्त दिशा निदेर्शों को गश्ती टीमों को अनुपालनार्थ प्रेषण की कार्यवाहियों की गयी। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी उपद्रवी भेड़िया के सक्रियता प्रभावित क्षेत्र का दिवारात्रि गश्त करने की कार्यवाही की गयी। गश्ती टीमों द्वारा अति संवेदनशील प्रभावित ग्रामों के बाहरी क्षेत्रों में पटाखों को दगाकर उपद्रवी भेड़िया के गाँवों में प्रवेश से रोकने की कार्यवाही के साथ-साथ जन जागरूकता के तहत प्रभावित क्षेत्रों के समस्त ग्रामवासियों को रात्रि में अपने घरों के अन्दर दरवाजा बन्द करके सुरक्षित सोने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

बहराइच में कृषि विभाग के अधिकारियों की छापेमारी से मचा हड़कंप, दो खाद दुकान का लाइसेंस निलंबित

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच जिले के 55 खाद की दुकानों पर बुधवार को कृषि विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी की। उर्वरक बिक्री में रजिस्टर सही न मिलने और अन्य खामियों पर दो खाद के दुकानों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।

शासन के निर्देश पर बुधवार को कृषि विभाग की पांच टीम ने खाद के दुकानों पर छापेमारी की।

उप कृषि निदेशक टीपी शाही ने पयागपुर तहसील में, जिला कृषि अधिकारी डां.सुबेदार यादव द्वारा नानपारा एवं मिहीपुरवा (मोतीपुर) तहसील, जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रिया नंदा द्वारा महसी तहसील, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी उदय प्रताप सिंह ने सदर तहसील और अपर जिला कृषि अधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने कैसरगंज तहसील में संचालित खाद की दुकानों पर छापेमारी की। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि कुल 52 दुकानों पर छापेमारी कर 21 नमूने एकत्रित कर प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजा गया।

जिला कृषि अधिकारी ने उर्वरक विक्री में अनियमितता मिलने पर बर्मा ट्रेडर्स नानपारा प्रोपराइटर दुन्दी लाल वर्मा एवं उर्वरक विक्रेता विजय मौर्य नानपारा के उर्वरक स्टॉक में अनियमिता, स्टॉक एव वितरण रजिस्टर न प्रदर्शित करने एव POS मशीन द्वारा उर्वरक ना बिक्री करने के कारण का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। तीन उर्वरक विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

शेखदहीर-माधवरेती मार्ग के जर्जर हालत की सीएम पोर्टल पर शिकायत

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। विकास भवन से शेखदहीर मार्ग की जर्जर हालत को देखते हुए स्थानीय लोगों द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई है । शिकायत में जल्द से जल्द मार्ग के मरम्मत की मांग की गई है। स्थानीय निवासी कुंवर प्रभाकर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर जल्द से जल्द सड़क मरम्मत की मांग की गई है। सड़क पर भीषण गड्ढ़े हो गए है तथा घुटनों तक जलभराव बना हुआ है। ज्ञातव्य हो कि शहर के डीएम आवास के बगल से माधवरेती शेखदहीर मार्ग गुजरता है। जो कि कई गांवों का मुख्य सम्पर्क मार्ग है। प्रतिदिन इस पर हजारों लोगों का आवागमन रहता है।

बच्चे स्कूल जाते है पर सड़क की हालत इस तरह दयनीय हो गई है कि इस पर चलना दूभर हो गया है। लोग प्रतिदिन गिरकर चोटिल हो रहे है। बावजूद इसके न तो प्रशासनिक अधिकारियों और न ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस सड़क की दयनीय हालत पर तरस आता है। विभागीय अधिकारियों की हीला हवाली से पिछले एक वर्ष से सड़क की मरम्मत नही हो सकी है। जिस पर कुछ क्षेत्रीय लोगों ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर सड़क मरम्मत की मांग की थी। जिस पर जिलाधिकारी द्वारा मामले को संज्ञान मे लेते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था पर मामला ढाक के तीन पात ही रहा। न तो सडक की मरम्मत हो पायी और न ही किसी अधिकारी ने उसको संज्ञान ही लिया।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही सड़क का निर्माण शुरू न हुआ तो कलेक्टेट पर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश है कि लोगों को बेहतर सड़के मुहैया करायी जाये। बावजूद इसके शहर के डीएम आवास से कई गांवों को जोड़ने वाला शेखदहीर के मुख्य मार्ग की हालत दयनीय है।

बहराइच: बाबा से झाड़ फूंक करवाने गई महिला ने की आत्महत्या, इस वजह से उठाया यह कदम

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। दरगाह थाना क्षेत्र के रहवा गांव निवासी एक महिला को बाबा ने झाड़ फूंक के बहाने अपना बनाया। महिला को आठ दिन अपने पास रखा। महिला ने थाने पहुंचकर तहरीर दी। इसके तीन दिन बाद आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

दरगाह थाना क्षेत्र के ग्राम रहवा निवासी मनोरानी (40) पत्नी जगराम बीमार रहती थी। महिला के बेटे अर्जुन ने बताया कि श्रावस्ती जिले के चौराहा निवासी राम अचल ने साबिर नामक बाबा से झाड़ फूंक करवाने की बात कही। जिस पर महीला आठ दिन पहले बाबा के यहां चली गई।

राम अचल के घर रह रहे बाबा के पास महिला आठ दिन रही। इसके बाद वापस आई। उसने बाबा दरगाह थाने में बाबा और राम अचल को नामजद करते हुए तहरीर दी। इसके बाद उसने मंगलवार को फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि महिला स्वयं बाबा के साथ रहना चाहती थी। जबकि वह चार बच्चों की मां थी। महिला को समझाया भी गया था। अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर जांच की जायेगी।

बहराइच में 50 लाख की अफीम के साथ नेपाली दपंती गिरफ्तार

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। भारत नेपाल सीमा पर एसएसबी और पुलिस की टीम ने नेपाली दंपती को अफीम के साथ पकड़ा है। दोनों के विरुद्ध केस दर्ज कर जेल भेज दिया है। बरामद अफीम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 50 लाख रुपये बताई जा रही है।

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला और एसएसबी कमांडेंट के निर्देशन में संयुक्त टीम भारत नेपाल सीमा पर जांच कर रही थी। प्रभारी निरीक्षक शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि एसएसबी चेक पोस्ट से 100 मीटर की दूरी पर एक महिला और पुरुष आते दिखे। उन्हें रोक कर तलाशी ली गई तो उनके पास से अफीम बरामद हुई।

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि नेपाल के वार्ड नंबर पांच जिला रूकुम निवासी वरीलाल घारती पुत्र शेर बहादुर और नरमाया पत्नी वरीलाल के पास से दो किलो 160 ग्राम अफीम बरामद हुई है। दोनों के विरुद्ध केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

बरामद अफीम को सीज कर दिया गया है। बरामद अफीम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 50 लाख रूपये बताई जा रही है। टीम में चौकी इंचार्ज राम गोविंद चौधरी, मनोज कुमार यादव, अजय राणा, रोशनी वर्मा, जयचंद्र गौड़, आशीष सिंह शामिल रहे।

महिला कल्याण मंत्री ने वन स्टाफ सेन्टर का किया निरीक्षण

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। प्रदेश की मा. मंत्री, महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने नगर के मोहल्ला सलारगंज स्थित महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित वन स्टाफ सेन्टर का निरीक्षण कर हिंसा से पीड़ित बालिकाओं एवं महिलाओं के रहने के लिए उपलब्ध व्यवस्थाओं का जायज़ा लेते हुए पर्याप्त साफ-सफाई न पाये जाने पर नाराज़गी जताते हुए प्रबन्धक को निर्देष दिया कि वन स्टाफ सेन्टर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय। वन स्टाफ सेन्टर पर तैनात महिला आरक्षियों को निर्देश दिया गया कि ड्यूटी के दौरान ड्रेस कोड का पालन करें।

निरीक्षण के दौरान मा. मंत्री श्रीमती मौर्य ने सेन्टर में रह रही महिलाओं एवं बालिकाओं से यहां की व्यवस्थाओं, सुरक्षा, खान-पान इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। मंत्री श्रीमती मौर्य ने निर्देश दिया वन स्टाफ सेन्टर की बाउण्ड्रीवाल की ऊचाई को बढ़ा दिया जाय। मा. मंत्री ने प्रबन्धक को निर्देश दिया कि शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार सेन्टर में आने वाली महिलाओं एवं बालिकाओं को सभी सुविधाएं प्रदान की जायें। इस अवसर पर उप निदेशक महिला कल्याण एन.बी. सिंह व जिला कार्यक्रम अधिकारी राज कपूर सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

महिला कल्याण मंत्री ने विभाग के मण्डलीय अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। प्रदेश की मंत्री, महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार बेबी रानी मौर्य ने विकास भवन सभागार में देवीपाटन मण्डल के विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में निर्देश दिया कि विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु विभागीय अधिकारी अपने सुझावों से भी अवगत करा सकते हैं। श्रीमती मौर्य ने कहा कि सरकार की मंशा है कि सभी पात्र लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। तहसील महसी अन्तर्गत मानव वन्यजीव संघर्ष की समस्या के दृष्टिगत मा. मंत्री ने ग्रामस्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुझाव दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक करें ताकि हिंसक जीव के हमलों में जनहानि को नगण्य किया जा सके।

मण्डीय समीक्षा बैठक के दौरान देवीपाटन मण्डल के उप निदेशक महिला कल्याण एन.बी. सिंह ने बताया कि पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला (विधवा) पेंशन योजना के तहत 173486 महिलाओं को पेंशन का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बिल जनरेटेड आवेदनों की संख्या 85501 है। जबकि उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड-19) अन्तर्गत 355 तथा उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत 2207 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है। स्पांसरशिप योजना के तहत 539 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। उप निदेशक श्री सिंह ने बताया कि वन स्टाप सेंटर के माध्यम से 635 लोगों को परामर्श सेवा, 07 को नि:शुल्क लीगल एड, 536 को आश्रय, 453 को चिकित्सा सुविधा तथा 256 लोगों को अन्य सेवाओं से लाभान्वित किया गया है। श्री सिंह ने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) पर 334 कालें प्राप्त हुईं है तथा माह अप्रैल से अगस्त 2024 तक 138 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की मण्डलीय समीक्षा बैठक के दौरान प्रभारी उप निदेशक मनोज कुमार मौर्या ने बताया कि कुल 9377 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जबकि मण्डल में 106 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उप निदेशक ने बताया कि प्रथम चरण अन्तर्गत 44 केन्द्रों कों 18 मूल भूत सुविधाओं से आच्छादित किया जा रहा है तथा द्वितीय चरण में 305 केन्द्रों का कार्य प्रगति पर है। उप निदेशक ने बताया कि बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित ईसीसीई (शाला पूर्व शिक्षा) निपुण भारत लक्ष्य अन्तर्गत 5-6 वर्ष के बच्चों का नामांकन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

श्री मौर्य ने बताया कि मण्डल में कुल 1176087 पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष सैम बच्चों की संख्या 15857, मैम बच्चों की संख्या 49587 तथा एनआरसी में भर्ती बच्चों की संख्या 331 है। उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच कर दवाएं, दोगुना अनुपूरक पुष्टाहार राशन, आंगनबाड़ी, आशा व एएनएम द्वारा गृह भ्रमण के साथ ही अभिभावकों को जागरूक भी किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बैठक से पूर्व मंत्री श्रीमती मौर्य द्वारा 05 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई तथा 05 बच्चों को अन्नप्रासन कराया तथा आगा खां फाउण्डेशन के सौजन्य से 11 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो को ईसीसीई किट का वितरण किया गया। बैठक के उपरान्त मा. मंत्री ने विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को उपलब्ध करायी जाने वाली किट का अवलोकन भी किया।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी बहराइच राज कपूर, श्रावस्ती के पी.के. दास, बलरामपुर की सुश्री निहारिका सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी गोण्डा संतोष कुमार सोनी, श्रावस्ती के सुबोध कुमार सिंह, बलरामपुर के सुशील कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

जिले के मतदेय स्थलों की सूचियों का आलेख्य प्रकाशित

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-25 के उपबन्धों के अधीन भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जनपद बहराइच में समाविष्ट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों 282-बलहा (अ.जा.), 283-नानपारा, 284-मटेरा, 285-महसी, 286-बहराइच, 287-पयागपुर एवं 288-कैसरगंज के मतदेय स्थलों की सूची के आलेख्य का प्रकाशन कर दिया गया है।

यह जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि आलेख्य प्रकाशित मतदेय स्थलों की सूची निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/उप जिलाधिकारी मिहींपुरवा (मोतीपुर), नानपारा, मटेरा (तहसील सदर बहराइच), महसी, बहराइच, पयागपुर एवं कैसरगंज तथा जिला निर्वाचन कार्यालय, बहराइच में निरीक्षण हेतु निःशुल्क उपलब्ध रहेगी। जिसका किसी भी कार्य दिवस में अवलोकन किया जा सकता है। इच्छुक व्यक्ति 17 सितम्बर 2024 तक अपने सुझाव या आपत्तियॉ निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/उप जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं।

धान की फसल में कीट/रोग प्रबन्धन के समय से उपाय करें किसान

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने बताया कि वर्तमान समय में वातावरण की नमी और तापमान को देखते हुए धान की फसल में कीट/रोग के प्रकोप के कारण भारी क्षति होती है। इसलिए यह आवश्यक है कि इन कीट/रोगों की पहचान करते हुए इनसे होने वाली क्षति से बचाव हेतु समय से निदान करना आवश्यक है।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने किसानों को सुझाव दिया है कि शीथ ब्लाइट रोग धान की पत्ती एवं शीथ पर 1-3 सेमी0 लम्बे अण्डकार हरे धूसर रंग के धब्बे दिखाई पड़ते है, जिसके किनारे कत्थई रंग के हो जाते है। इस रोग के नियंत्रण हेतु प्रोपीकोनाजोल 25 प्रतिशत ई.सी. 500 मिली प्रति हेक्टेयर अथवा कार्बेण्डाजिम 12 प्रति0 $ मैनकोजेब 63 प्रतिशत डब्लू.पी. 750 ग्राम प्रति हेक्टेयर 500-750 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें।

कण्डुआ रोग इस रोग की दशा धान की बाली के दाने नीले और काले रंग के आवरण से ढक जाते है, इनको हाथ से छूने पर पीले एवं काले अथवा हरें रंग के पाउडर जैसे रोग के स्पोर लग जाते है। इस रोग के नियंत्रण हेतु कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डबलू.पी. 500 ग्राम प्रति हेक्टर अथवा कॉपर हाइड्राक्साइड 77 प्रतिशत डब्लू.पी. 2.0 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर को 500-750 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिए।

जीवाणु पत्ती झुलसा रोग लगने पर पत्तियों सिरे या किनारे से शुरू होकर मध्य भाग तक सूखने लगती है। सूखे किनोर अनियमित व टेढ़े-मेढे या झुलसे हुए दिखायी देते है। संक्रमण की गम्भीर अवस्था में पत्तियां सूख जाती है एवं बालियों में दाना नहीं बनता है। इसके उपचार हेतु स्ट्रैप्टोमाइसीन सल्फेट 90 प्रतिशत $ टैट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10 प्रतिशत की 15 ग्राम मात्रा को 500 ग्राम कॉपर आक्सी क्लोराइड 50 प्रतिशत डब्लूपी के साथ मिलाकर 500-750 लीटर पानी में घोलकर प्रति हे० की दर से छिड़काव करें। आगे से रोपाई से पूर्व बीज शोधन अवश्य करें अगेती फसल में यह रोग पछेती फसल की तुलना में कम लगता है। फसल की कटाई के समय प्रभावित दानों के अलग कर नष्ट कर देना चाहिए।

इसी प्रकार धान की फसल में पत्ती लपेटक कीट के प्रबन्धन हेतु जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को सुझाव दिया है कि इस कीट की सूड़ियां प्रारम्भ में पीले रंग की तथा बाद में हरे रंग की हो जाती हैं, जो पत्तियों को लम्बाई में मोड़कर अन्दर से उसके हरे भाग को खुरच कर खा जाते है। इस कीट के प्रकोप की दशा में क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत ई.सी. 1.25 ली./हे. की दर से छिड़काव करें।

कृषि रक्षा अधिकारी ने धान की फसल में तना वेधक कीट प्रबन्धन के लिए किसानों को सुझाव दिया है कि कीट के प्रकोप की दशा में कार्बोफ्यूरान 03 प्रति 20 किग्रा. अथवा कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 4 प्रति. की 25 किग्रा. मात्रा को प्रति हे. की दर से 3-5 सेमी. पानी में बुरकाव करें। उन्होंने बताया कि तना वेधक कीट की मादा पत्तियों पर समूह में अण्डा देती है। अण्डों से सूडियां निकल कर तनों में घूस कर मुख्य शूट को क्षति पहुचाती है। जिससे बढ़वार की स्थिति में मृतभोग दिखाई देता है।

धान की फसल में भूरा फुदका रोग के निदान हेतु जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को सुझाव दिया है कि इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रति. एस.एल. की 250-350 मिली./हे. मात्रा को 800-1000 ली. पानी में घोलकर छिड़काव करें अथवा फिप्रोनिल 0.3 जी 20 किग्रा. प्रति हे. की दर से 3-5 सेमी. स्थिर पानी में बुरकाव करें। उन्होंने बताया कि भूरा फुदका रोग के कीट के प्रौढ़ भूरे रंग के पंखयुक्त तथा शिशु पंखहीन होते है। इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ दोनो ही पत्तियों एवं कल्लों के मध्य रस चूस कर फसल को हानि पहुंचाते है।

उन्होंने किसानों को सुझाव दिया है कि गन्धी बग कीट के निदान हेतु एजाडिरैक्टिन 0.15 प्रति. ईसी की 2.5 ली. मात्रा को प्रति हे. 800-1000 ली. पानी में घोलकर छिड़काव करें अथव मैलाथियॉन 5 प्रति धूल प्रति हे. 20-25 किग्रा. सुबह के समय बुरकाव करें। उन्होंने बताया कि इस कीट के शिशु एवं पौढ़ लम्बी टांगो वाले भूरे रंग के विशेष गंध वाले होते है। जो बालियों की दुग्धावस्था में दोनो में बन रहे रस को चूस कर क्षति पहुंचाते है।

जिला कृषि रक्षा प्रियानन्दा ने बताया कि कीट/रोग के लगने की दशा में रोगग्रस्त फसल/पौधे के फोटो के साथ विभागीय सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पीसीएसआरएस) के मोबाइल नम्बर 9452247111 एवं 9452257111 पर व्हाटसअप या टेक्सट मैसेज कर समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।