आजादी के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके नगर थाना स्थित जिला महिला थाना में थानाध्यक्ष आरती कुमारी ने झंडोतोलन किया। इस मौके पर उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कही कि समस्त देशवासियों को एकता के साथ आपसी सौहार्द के साथ रहने की जरूरत है। देश के इस पावन आजादी के अवसर पर हमसभी एकजुटता के साथ धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। देश की आजादी के लिए अपने जान को न्यौछावर करने वाले उन वीर सपूतों को हम नमन करते हैं, जिनके बदौलत हमारा देश आजाद हुआ था और हम सभी आज स्वतंत्र है। वीर सपूतों की वीरगाथा भी अलग-अलग रहा है। जब हमारा देश अंग्रेजों से गुलाम था, तो गुलामी की जंजीर को तोड़ने के लिए देश के तमाम क्रांतिकारी नेताओं ने अपनी बलिदान देकर देश का आजाद कराया। हम उपस्थित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों व सुरक्षा जवान आपस में मिलजुकर खुशियों के साथ आज आजादी का उत्सव मना रहे हैं।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय
औरंगाबाद धूमधाम से मनाई बाबा गणिनाथ की जयंती
औरंगाबाद: संत शिरोमणि बाबा गणिनाथ जयंती समारोह शनिवार को पुलिस लाईन स्थित सूर्य मंदिर के चहका मैदान में धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर हलवाई कानू समाज के हजारों पुरुष व महिलाओं ने शिरकत किया। समारोह की शुरूआत बाबा गणिनाथ, माता सती व गोविन्द जी के पूजा अर्चना से हुई। पूजा अर्चना के बाद संगीत समारोह का आयोजन किया गया। जिससे हलवाई कानू समाज की लड़कियों ने गीत-संगीत की मनमोहक प्रस्तुति हुई। कई बालाओं ने संगीत के माध्यम से दहेज प्रथा, बाल विवाह पर गीत प्रस्तुत कर लोगों को भाव विह्वल कर दिया। संगीत समारोह के बाद सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें वक्ताओं ने अशिक्षा, बाल विवाह, जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ राजनीतिक सक्रियता भी बढ़ाने की बात कही। उपाध्यक्ष रमेश कुमार गुप्ता ने कहा कि समाज में व्याप्त कुरीति व अशिक्षा को समूल नाश करने पर आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आज अशिक्षा के कारण औरंगाबाद शहर में सबसे बड़ी जनसंख्या के बावजूद हमारा राजनीतिक वजूद बहुत कम बन पा रहा है। समाजसेवी कामता प्रशाद ने कहा कि राजनीतिक ताकत हमें एकजुटता से मिलती है। जाति आधारित राजनीति ने हमें मजबूर कर दिया है कि हम भी अपने शक्ति को समाज में दिखाएं। यह सबकुछ शिक्षित व संगठित रहकर ही संभव है।उन्होंने अपने समाज से आग्रह किया है कि हमारा समाज नशा मुक्त का परिचय दे। डॉ गोपाल प्रशाद ने कहा कि अत्यंत पिछड़ा में शामिल कर दिया है अब राजनीतिक व सामाजिक लड़ाई स्वयं लड़ना होगा। हमारे कुलदेवता से बड़ा सामाजिक सौहार्द की सीख कोई नहीं दे सकता क्योंकि आज भी हम 14 पूजक में सर्वप्रथम उसके शिल्य लाल खां की पूजा करते हैं। समारोह को सफल बनाने में दीपक साह सहित अन्य लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Sep 02 2024, 15:15