नवाचार के माध्यम से नर्सिंग क्षेत्र के रोजगार की अपार संभावनाएं : डॉ. संजय माहेश्वरी
गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के तृतीय स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक समारोह के तहत युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज स्मृति व्याख्यानमाला में मंगलवार को डॉ. संजय माहेश्वरी (सीईओ इनोवेशन, रिसर्च एंड इंटरनेशनल रिलेशंस एमजीवाई मेडिकल यूनिवर्सिटी) और कर्नल डॉ. आरके चतुर्वेदी (पूर्व निदेशक, जेएसएस अस्पताल, मैसूर) ने नर्सिंग के अतीत, वर्तमान और भविष्य विषय पर नर्सिंग के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
डॉ. संजय माहेश्वरी ने कहा कि नर्सिंग का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। नर्सिंग का आधुनिक स्वरूप फ्लोरेंस नाइटिंगेल के काम से विकसित हुआ, जिन्होंने 1850 के दशक में क्राइमियन युद्ध के दौरान नर्सिंग को एक पेशेवर मान्यता दिलाई और इसे वैज्ञानिक और अनुशासित दृष्टिकोण से देखा गया।
नर्सिंग पेशेवर क्षेत्र है जो समाज में स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। नर्सिंग नवाचार के माध्यम से इस पेशे में रोजगार के अपार संभावनाएं हैं। आज के समय में, नर्सिंग एक व्यापक और विविध पेशेवर क्षेत्र बन गया है। इसमें बुनियादी देखभाल से लेकर विशेष क्षेत्रों जैसे कि प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, और पेडियाट्रिक्स में नर्सों की जिम्मेदारियों में रोगियों की देखभाल, निदान, चिकित्सा प्रक्रियाओं के प्रबंधन से अच्छे परिणाम आ रहे हैं।
नर्सिंग के भविष्य पर डॉ. संजय माहेश्वरी ने विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि भविष्य में नर्सिंग की दिशा में कई संभावनाएँ और चुनौतियाँ हैं। चिकित्सा प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, नर्सों को अधिक उन्नत तकनीकी कौशल की आवश्यकता होगी। रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे उन्नत तकनीको से नर्सेज स्वयं को तैयार रखना होगा। नर्सिंग में नवाचारों से आधुनिक शिक्षा और चिकित्सा सेवा को समृद्ध किया जा सकता है। भविष्य में नर्सिंग के क्षेत्र मे रोबोटिक्स तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है।
व्याख्यान श्रृंखला में कर्नल डॉ. आरके चतुर्वेदी ने नर्सेज को मूल मंत्र देते हुए कहा की नर्सों की पहली जिम्मेदारी धैर्य, दूसरी चिकित्सकीय दृष्टि से, तीसरी लक्ष्य और चौथी जिम्मेदारी सुखद मुस्कान के साथ कार्य को पूर्ण करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा में नर्सेज मां का रूप हैं। जिस तरह मां अपने बच्चे के प्रति समर्पित रहती है उसी तरह नर्सेज धाय मां की भांति रोगी की सेवा करें। इस अवसर पर नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा ने दोनों अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से पैरामेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रोहित श्रीवास्तव, फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शशिकांत सिंह, नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसी जी., रजीथा आरएम, ममता रावत, रिंकी सिंह, श्वेता अल्बर्ट, सोसन डेन, संगीता, अक्षय एडवर्ड, सुमिता त्रिपाठी, प्रिया सिंह, कविता साहनी, नैंसी मिश्रा, ममता चौरसिया, शांति कुमारी, निधि मिश्रा, काजल मौर्य, पूनम गोंड, शक्ति जायसवाल, निधि राय, मानसी पांडेय, सुमन यादव, केशव अधिकारी, श्रद्धा, प्राची यादव, डॉ .अभिनव सिंह सहित सभी शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Aug 28 2024, 18:24