*अब निजी अस्पताल के डॉक्टर भी करेंगे ओपीडी रजिस्टर मेंटेन, सीएमओ ने जारी किया निर्देश*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही- अब सरकारी अस्पतालों की तरह ही निजी अस्पताल के संचालक भी ओपीडी रजिस्टर मेंटेन करेंगे। इसमें मरीज का नाम मोबाइल नंबर और पता अंकित होगा। जरूरत पड़ने पर भविष्य में मरीज से संपर्क किया जा सके, इसके अलावा अस्पताल में उनका रिकॉर्ड भी रहे। सीएमओ ने सभी निजी अस्पताल के संचालकों को पत्र जारी कर इसे प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।
जिले में कुल 138 निजी नर्सिंग होम और अस्पताल संचालित है। इसमें प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज अपना इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। अक्सर निजी अस्पताल में डॉक्टर पर्चे पर मरीज को दवा लिखकर छोड़ देते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। डॉक्टरों को अब रजिस्टर मेंटेन करना पड़ेगा। इसमें मरीज का नाम, मोबाइल नंबर सहित पता अंकित होगा।नर्सिंग होम के शिवाय नीम हकीम डॉक्टर जिस पर्चे पर दवा लिखते हैं, उस पर उनका नाम तक नहीं अंकित होता है। अस्पताल के नवीनीकरण के दौरान ये बाते संचाकलों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बता रहे हैं। ओपीडी रजिस्टर स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी किसी समय देख सकते हैं। रजिस्टर मेंटेन कराने का मुख्य उद्देश्य है कि अस्पताल में मरीजों की सही जानकारी मिल सके।
बताते चलें कि जिले की संभावित 20 लाख आबादी है। दो बड़े राजकीय अस्पतालों संग, छह सीएचसी और 17 पीएचसी है। जबकि ग्रामीण अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के दृष्टिकोण से 206 उपकेंद्र हैं। इसके अलावा 138 निजी अस्पताल संचालित हैं। सीएमओ डॉ. एसके चक ने बताया कि निजी अस्पताल संचालकों को ओपीडी रजिस्टर मेंटेन करने के लिए निर्देशित किया गया है। रजिस्टर किसी भी समय देखा जा सकता है।
Aug 25 2024, 17:01