सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड की बहनो को मुख्यमंत्री मंइयाँ सम्मान योजना की पहली किस्त की राशि प्रदान की

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 187 करोड़ 15 लाख रुपए की 151 योजनाओं का गोड्डा वासियों को दिया तोहफा

रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : पाकुड़ में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत पहली किस्त की राशि महिलाओं के खाते में पहुंच गई है। इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, राज्य की मेरी बहनों के खाते में सम्मान राशि पहुंचने लगी है। हमारी सरकार हर कदम पर आपके साथ है। हम आपकी भावनाओं से भली- भांति वाकिफ हैं। यही वजह है कि हमारी सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ आदिवासी, दलित, शोषित, वंचित, गरीब और किसानों- मजदूरों   को मजबूत बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत हेमंत सोरेन ने कहा कि नारी सशक्तिकरण हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि यहां की महिलाएं काफी मेहनतकश हैं। वे घर- परिवार भी चलाती हैं और आमदनी के लिए काम भी करती हैं।  इसी क्रम में झारखंड मुख्यमंत्री मंइयाँ सम्मान योजना नाम से एक और ऐतिहासिक कड़ी आज से जुड़ रही है। इस योजना के तहत  महिलाओं और बहन- बेटियों को हर वर्ष 12 हज़ार रुपए सम्मान राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य की बच्चियां पैसे के अभाव में पढ़ाई से वंचित न रहे, इसके लिए उन्हें सावित्रीबाई किशोरी समृद्धि योजना के तहत 40 हज़ार रुपए दिया जा रहा है। इस योजना के अब तक 9 लाख से ज्यादा बच्चियां जोड़ी जा चुकी हैं। वहीं, 50 वर्ष से अधिक की महिलाओं को भी पेंशन योजना का लाभ दे रहे हैं ।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हर चेहरे पर मुस्कान लाने का काम कर रही है। सरकार की अनेकों योजनाएं हैं, जिससे जुड़कर लोग स्वावलंबी बन रहे हैं।


सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्षियों पर तंज करते हुए कहा कि झारखंड अलग राज्य बनने से पहले और अलग राज्य बनने के बाद भी हमेशा हाशिये पर रहा।  नीति- निर्धारकों द्वारा इस राज्य और यहां की गरीब जनता की सुध नहीं ली गयी। यही वजह है कि विकास के मामले में झारखंड पिछड़ता रहा। लेकिन, हमारी सरकार के गठन के बाद से राज्य को विकास की दहलीज़ पर ले जाने और यहां की जनता के उत्थान के लिए लगातार निर्णायक फैसले ले रही है। वह दिन दूर नहीं, जब झारखंड अग्रणी राज्यों की श्रेणी में गिना जाएगा।



वही इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लगभग 187 करोड़ 15 लाख रुपए की 151 योजनाओं का तोहफा दिया। इसमें 58 करोड़ 62 लाख रुपए की 73 योजनाओं का उद्घाटन एवं  128 करोड़ 53 लाख रुपये की 78 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। वहीं, विभिन्न योजनाओं के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का  वितरण किया गया। इस विशेष मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्य की बहन- बेटियों को झारखंड मंईंयां सम्मान योजना की सम्मान राशि प्रदान कर रक्षा बंधन की सौगात दी।
अपडेट न्यूज़: पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलें हुई तेज, झारखंड की सियासत पर क्या पड़ेगा असर?

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। मीडिया में कई दिनों से यह अटकलें लगाई जा रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हो रहे हैं उनके साथ और कई अध्यक्ष के विधायक व नेता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार झामुमो के तीन विधायकों के साथ चंपई सोरेन दिल्ली गए है। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि दिल्ली में यह सभी भाजपा मुख्यालय में 3 बजे बीजेपी का दामन थामेंगे। 

 

सूत्रों के अनुसार वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ दसरथ गगराई, रामदास सोरेन, चमरा लिंडा, लोबिन हेमब्रोम और समीर मोहनती है। वही विधायक चंपई सोरेन ने पत्रकारों से बात करते हुए, भाजपा में शामिल होने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। चंपाई सोरेन ने कहा कि उन्हें इन अफवाहों के बारे में कुछ नहीं पता। 

दूसरी ओर देखा गया है कि इन दिनों भाजपा भी लगातार चौपाई सोरेन की तारीफ करते नजर आई है। वहीं असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि झामुमो के पांच साल के कार्यकाल में सबसे अच्छा काम चंपई सोरेन के छह महीने के मुख्यमंत्री काल में ही हुआ।इसके अलावा, भाजपा में चंपई सोरेन के शामिल होने के सवाल पर हेमंता ने कहा था कि कोई भी उनके संपर्क में नहीं है। वह वरिष्ठ नेता है, उनके बारे में कोई भी अगंभीर बात नहीं होनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की खबर से ही राज्य में सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। इस खबर ने झामुमो खेमे में हड़कंप मचा दी है, वहीं इंडी गठबंधन की भी चिंताएं बढ़ गई हैं।

चंपई सोरेन झारखंड के कोल्हान इलाके से आते हैं और उन्हें झारखंड में कोल्हान टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। कोल्हान में विधानसभा की 14 और लोकसभा की 2 सीटें आती हैं। इसे में यदि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन BJP मे शामिल होते हैं तो विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम को बड़ा झटका लग सकता है।

अगले दो-तीन दिन में झारखंड में भारी बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट


रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड में अभी मॉनसून सक्रिय रहेगा। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश होगी। आज भी अधिकांश इलाकों में बारिश का अनुमान है। बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुकेशन निम्न दवाब क्षेत्र में बदल कर उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। यह धीरे-धीरे उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। दो दिन बाद यह निम्न दवाब पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा। इसके साथ साथ इन दिनों मानसूनी टर्फ लाइन रांची होकर गुजरेगा। इन दोनों सिस्टम के प्रभाव से झारखंड के कई इलाके में 18 और 19 अगस्त को भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

झारखंड के मौसम की पूर्वानुमान की जानकारी देते हुए रांची मौसम विभाग ने बताया कि 17 से 20 अगस्त तक राज्य भर में वर्षा होगी, कहीं-कहीं भारी बारिश की भी चेतावनी दी गई है।18 अगस्त को झारखंड के दक्षिणी भाग वाले जिले में   अत्यधिक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

वहीं 19 अगस्त को राज्य के उत्तरी और उससे सटे मध्य भाग और दक्षिणी-उत्तर पूर्वी भाग में कुछ इलाके में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती हैं। इस दौरान राज्य के कई इलाकों में गर्जन और वज्रपात की संभावना बताते हुए अलर्ट रहने की सलाह दी गयी है।
हिन्दू जनजागृति समिति ने रांची डीसी को दिया ज्ञापन, बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर छात्रों से उठा आंदोलन हिंसक रूप लेने के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपना इस्तीफा देना पड़ा। आरक्षण के मुद्दे पर शुरू हुआ आन्दोलन धीरे-धीरे अब हिंदुओं के खिलाफ हो गया है। 

हिन्दू जनजागृति समिति के सदस्यों ने कहा बंगलादेश में प्रदर्शनकारी हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं और जानबूझकर हत्याएं की जा रही हैं। हिंदू घरों पर हमले, दुकानों की लूट, तोड़फोड़, मंदिरों में आगजनी और बलात्कार लगातार हो रहे हैं। इससे अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय में भय का माहौल पैदा हो गया है। भले ही बांग्लादेश की सेना ने हिंदुओं की रक्षा करने का वादा किया है, लेकिन भारत सरकार को इस पर भरोसा नहीं करना चाहिए और वहां के हिंदू समुदाय और मंदिरों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उपायुक्त रांची के माध्यम से ज्ञापन देकर किया गया। 

ज्ञापन देने के लिए राष्ट्र सेवा फाउंडेशन के उपाध्यक्ष सुनील सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सोनी सिंह, उपन्यासकार रेणुका तिवारी, सहित हिन्दू जन जागृति समिति की पूजा चौहान उपस्थित थे।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांगे की है कि सबसे पहले बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले, घरों की लूट, मंदिरों पर हमले, मूर्तियों की तोड़फोड़, महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए वहां की सेना को कठोर निर्देश दिए जाएं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों को देखते हुए वहां के हिंदुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए। साथ ही भारत सरकार को यह विषय तुरंत ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ में उठाकर बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधिमंडल को भेजने की मांग करनी चाहिए।

दांगी सांस्कृतिक विकास संघ रांची की महिलाओं ने सावन महोत्सव में मचाया धूम


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : सावन के पावन महीना में दांगी सांस्कृतिक विकास संघ की महिलाओ ने रांची के निजी होटल में सावन मिलन समारोह आयोजित किया गया। इस पावन महीने में भगवान शिव की भक्ति हो या सावन महोत्सव, महिलाओं में उमंग देखने को मिलता है। सावन में महिलाएं न केवल भगवान शिव की पूजा करती है, बल्कि इस दौरान सावन महोत्सव का आयोजन भी होता है।

दांगी सांस्कृतिक विकास संघ के इस कार्यक्रम की शुरूआत महामंत्री डाॅ धनंजय कुमार सिंह के द्वारा दीप जलाकर किया गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए बच्चों के लिए रंगारंग कार्यक्रम और प्रतियोगिता रखा गया। उसके बाद महिलाओं महिलाओं ने रैम्प वॉक कर अपना जलवा बिखरा। सोलो और ग्रुप डांस शानदार रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। वही कार्यक्रम में आए महिलाओं के साथ-साथ कपल्स के लिए भी प्रतियोगिता रखी गई। विभिन्न प्रकार के गेम से सावन इस माहौल को साकार किया गया। 

इस सावन महोत्सव में प्रतिभागियों के विजय की बात करें तो सावन queen का खिताब की प्रथम विजेता अर्चना मीनू द्वितीय राखी कुमारी, और तीसरा स्थान कंचना को दिया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 100 लोगों ने हिस्सा लिया । 

यह कार्यक्रम अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, महामंत्री डाॅ धनंजय कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष पवन कुमार, सहायक महामंत्री नरेंद्र कुमार, संतोष कुमार, उपाध्यक्ष संजय कुमार, महिला मोर्चा अध्यक्ष मीनू, नीता, मनीषा, संगीता, राखी, कंचन, आभा सुधांशु, अर्चना मीनू आदि के प्रयास से सम्पादित हो सका।

बीजेपी मंडल अध्यक्षों की बैठक, चुनाव की तैयारी में जुटी, हिमंता बिस्वा सरमा हुए शामिल


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की 16 अगस्त को रांची में सभी मंडल अध्यक्षों की बैठक की। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए असम के मुख्यमंत्री और झारखंड बीजेपी सह चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा रांची पहुंचें। इस बैठक में चुनाव की तैयारियों को लेकर मंथन किया गया। हिमंता बिस्वा सरमा मंडल अध्यक्षों को संबोधित करते हुए जमीनी तैयारियों को पुख्ता करने को कहा साथ ही चुनाव जीतने का मंत्र भी दिया।

विधानसभा चुनाव में चुनाव जीतने के लिए सबसे अहम हो जाता है भूत स्टार की तैयारी इसलिए प्रदेश और जिलों के पदाधिकारियों के साथ साथ राज्य के सभी मंडल अध्यक्षयो की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इस बैठक में मंडल अध्यक्षों से जमीनी हकीकत भी पार्टी के दिग्गजो ने जाना।

आज है पुत्रदा एकादशी, इस कथा के बिना अधूरा है पुत्रदा एकादशी व्रत, संतान की होगी प्राप्ति


नयी दिल्ली : हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है। सावन माह की पुत्रदा एकादशी का व्रत आज 16 अगस्त 2024 को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान प्राप्ति और बच्चे की तरक्की से जुड़ी सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत बिना अधूरा कथा पाठ करने से अधूरा माना जाता है ।

एकादशी तिथि को शुभ माना जाता है।

इस दिन श्रीहरि की पूजा होती है।

सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत किया जाता है। एकादशी तिथि पर विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मत है कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही यश कीर्ति सुख और समृद्धि में भी वृद्धि होती है। अगर आप भी संतान की प्राप्ति चाहते हैं, तो सावन की पुत्रदा एकादशी का व्रत करें और पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करें। इससे साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होगा। आइए पढ़ते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत कथा।

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा

प्राचीन कथा के अनुसार, द्वापर युग के शुरुआत में एक नगरी थी, जिसका नाम महिरूपति था। इस नगरी में महीजित नाम का राजा राज्य करता था। लेकिन उसको पुत्र न होने की वजह से राजा को राज्य सुखदायक नहीं लगता था।

पुत्रदा एकादशी पर राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य

पुत्र की प्राप्ति के लिए राजा ने कई तरह के उपाय किए। लेकिन पुत्र सुख प्राप्त नहीं हुआ। एक बार राजा ने सभी ऋषि-मुनियों, सन्यासियों और विद्वानों को बुलाया और उनसे पुत्र प्राप्ति के उपाय पूछे। सभी ने राजा की समस्या को सुनकर कहा कि हे राजन तुमने पूर्व जन्म में सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन तालाब से एक गाय को जल नहीं पीने दिया था, जिसकी वजह से गाय ने तुम्हे संतान न होने का श्राप दिया था। इसकी वजह से तुम पुत्र की प्राप्ति से वंचित हो।

इसके पश्चात ऋषि-मुनियों ने कहा कि अगर तुम सावन की एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करोगे, तो इस श्राप से मुक्ति पा सकते हो। जिसके बाद तुम्हें संतान की प्राप्ति हो सकती है। इसके बाद राजा न सच्चे मन से सावन की एकादशी का व्रत किया। 

इस व्रत के पुण्य से राजा की पत्नी गर्भवती हुई और पुत्र को जन्म दिया। धार्मिक मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं।

भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि,आइए जानते है उनसे जुड़ी कुछ खास बाते

भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के उन महान नेताओं में से एक थे जिनका योगदान न केवल राजनीति में, बल्कि देश की सामाजिक और सांस्कृतिक धारा में भी महत्वपूर्ण रहा है। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें:

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था। अटल जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर से पूरी की और आगे की पढ़ाई कानपुर के डीएवी कॉलेज से की, जहाँ से उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।

2. राजनीतिक करियर की शुरुआत:

वाजपेयी जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जन संघ से की, जिसे आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी के रूप में पुनर्गठित किया गया। 1957 में वे पहली बार बलरामपुर, उत्तर प्रदेश से सांसद चुने गए। इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री का पद भी शामिल है।

3. प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल:

अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 1996 में, दूसरी बार 1998 में और तीसरी बार 1999 में। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किए, जिसने भारत को विश्व स्तर पर एक मजबूत परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया।

4. भारत रत्न सम्मान:

अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें भारतीय राजनीति और समाज में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया।

5. कवि और लेखक:

अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रख्यात कवि और लेखक भी थे। उनकी कविताओं में देशभक्ति, समाज सुधार और मानवीय संवेदनाओं की झलक मिलती है। "मेरी इक्यावन कविताएँ" उनकी प्रमुख काव्य संग्रह में से एक है।

6. विनम्रता और सर्वसम्मति की राजनीति:

वाजपेयी जी की राजनीति की सबसे बड़ी खासियत उनकी विनम्रता और सभी दलों के साथ मिलकर काम करने की क्षमता थी। उनकी नेतृत्व क्षमता और सर्वसम्मति बनाने की कला ने उन्हें सभी दलों में सम्मान दिलाया।

7. स्वास्थ्य और निधन:

अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य उनके जीवन के अंतिम वर्षों में धीरे-धीरे बिगड़ता गया। 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर, हमें उनके महान विचारों और उनकी सेवाओं को याद करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। उनका जीवन हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी मातृभूमि की सेवा में हमेशा समर्पित रहें।

आज का इतिहास:1990 में आज ही के दिन ही चीन ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था,जाने 16 अगस्त से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम

नयी दिल्ली : देश और दुनिया में 16 अगस्त का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं।

16 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 2012 में आज ही के दिन विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को इक्वाडोर ने राजनीतिक शरण दी थी।

2010 में 16 अगस्त को ही नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एआर रहमान के रचे थीम गीत जियो उठो बढ़ो जीतो को स्वीकृति दी गई थी।

2018 में आज ही के दिन भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु हुई थी।

2008 में आज ही के दिन कांगो में तैनात 125 भारतीय पुलिस अधिकारियों को संयुक्त राष्ट्र शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

2006 में आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र परिषद ने हैती में अपने अभियान को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया था।

2004 में 16 अगस्त को ही ओलंपिक नौकायन में ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिकी टीम ने वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाया था।

2000 में आज ही के दिन वेरेंटर्स सागर में रूस की परमाणु पनडुब्बी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।

1990 में 16 अगस्त के दिन ही चीन ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था।

1960 में आज ही के दिन साइप्रस को ब्रिटेन से छुटकारा मिला था और वहां इस दिन को फ्रीडम के रूप में मनाया जाता है।

1943 में 16 अगस्त को ही बुल्गारिया के जार बोरिस तृतीय अडोल्फ़ हिटलर से मिले थे।

1924 में आज ही के दिन नीदरलैंड-तुर्की के बीच शांति समझौते पर साइन हुए थे।

1918 में आज ही के दिन दूसरी लोकसभा के सदस्य टी. गणपति का जन्म हुआ था।

1787 में 16 अगस्त के दिन ही तुर्की ने रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

1777 में आज ही के दिन ही अमेरिका ने ब्रिटेन को बेन्निनगटोन के युद्ध में हराया था।

आइए जानते है कैसे करे राइस वाटर का इस्तेमाल की चेहरे की चमक हमेशा बनी रहें

राइस वाटर, या चावल का पानी, चेहरे की चमक को बनाए रखने के लिए एक प्राचीन और प्राकृतिक उपाय है। इसमें मौजूद विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स आपकी त्वचा को स्वस्थ और निखारने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं कैसे करें राइस वाटर का इस्तेमाल:

1. राइस वाटर कैसे बनाएं:

चावल धोएं: आधा कप चावल लें और इसे पानी में अच्छे से धो लें ताकि धूल और गंदगी निकल जाए।

भिगोना: धोए गए चावल को 2-3 कप पानी में 30 मिनट के लिए भिगो दें।

पानी छानें: भीगे हुए चावल से पानी को छान लें। यही पानी राइस वाटर के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।

2. राइस वाटर का उपयोग कैसे

 करें:

फेस वॉश: आप राइस वाटर को फेस वॉश की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे चेहरा धोने पर त्वचा को नमी और पोषण मिलेगा।

टोनर: राइस वाटर को टोनर के रूप में उपयोग करें। इसे एक स्प्रे बॉटल में भर लें और चेहरे पर हल्के हाथों से स्प्रे करें। कुछ मिनट के बाद चेहरे को साफ पानी से धो लें।

फेस मास्क: राइस वाटर को बेसन, मुल्तानी मिट्टी, या ऐलोवेरा जेल में मिलाकर फेस मास्क बना सकते हैं। इसे 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगाएं और फिर ठंडे पानी से धो लें।

हफ्ते में दो बार: इस प्रक्रिया को हफ्ते में 2-3 बार दोहराएं। इससे त्वचा में निखार आएगा और त्वचा स्वस्थ दिखेगी।

3. राइस वाटर के फायदे:

त्वचा को नमी: राइस वाटर त्वचा को गहराई से मॉइस्चराइज करता है, जिससे आपकी त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है।

एंटी-एजिंग: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने में मदद करते हैं।

पिगमेंटेशन कम करता है: नियमित इस्तेमाल से त्वचा का रंग साफ होता है और काले धब्बे कम होते हैं।

4. सावधानियाँ:

अगर आपको किसी प्रकार की एलर्जी या संवेदनशीलता है, तो पहले पैच टेस्ट जरूर करें।

हमेशा ताजा राइस वाटर का ही इस्तेमाल करें, इसे लंबे समय तक न रखें।

राइस वाटर का नियमित उपयोग आपकी त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाए रख सकता है। 

यह एक प्राकृतिक और सस्ता उपाय है जो आसानी से घर पर तैयार किया जा सकता है।