रचित कृतियों से हमेशा लोगों की स्मृति में रहेंगे गोस्वामी तुलसीदास- डॉ. ब्रजेंद्र नारायण

गोरखपुर। गोस्वामी तुलसीदास से बाल्य काल से ही प्रभु श्री राम के भक्त रहे। प्रभु श्री राम के जीवन को रचित श्री रामचरितमानस के माध्यम से सरल भाषा में  घरों को पहुंचायां। तुलसीदास के रचित कृतियों से उन्हें लोगों हमेशा उनको स्मृति में बनाएं रहेंगे।

उक्त बातें स्वर भारती मानस संघ का 47वां वार्षिकोत्सव एवं गोस्वामी तुलसीदास की 527वीं जयंती महोत्सव रविवार को बेनीगजं शीशमहल स्थित राम जानकी मंदिर में कार्यक्रमके मुख्य अतिथि दूरदर्शन केंद्र के पूर्व कार्यक्रम प्रमुख डॉ. ब्रजेंद्र नारायण ने कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्था संरक्षक एवं महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि संस्था के 47वें वार्षिकत्सव पर गोस्वामी तुलसीदास की जयंती बहुत ही सुखद आयोजन है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित पवित्र ग्रंथ श्री रामचरितमानस लोगों के लिए हमेशा रहेगी पूजनीय एवं प्रेरणा स्रोत रहेगी। विशिष्ट अतिथि उ.प्र. व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने कहा कि तुलसीदास ने तमाम कृतियां लिखी, जिसमें आज भी भजन और गीतों के माध्यम से देश के हर घरों में सुनाई देती है।

कार्यक्रम पूर्वाह्न 10 बजे से चित्रांकन, भजन एवं देशभक्ति गीत, शंख ध्वनि, श्री राम बाल रूप सजाद प्रतियोगिता सायं 7 तक संचालित रहा। निर्णायक मंडल संतोष श्रीवास्तव, डॉक्टर शशि मौलि त्रिपाठी, संतोष कुमार गौड़, रविन्द्र के अनुसार सभी प्रतियोगिता में  विजेताओं को अतिथियों द्वारा प्रस्तुत किया गया।

सभी अतिथियों का स्वागत संस्थान के पदाधिकारी द्वारा किया गया। आए हुए अतिथियों एवं आगंतुकों स्वागत एवं आभार संस्था के संस्थापक अध्यक्ष राजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान सह संस्थापक अशोक कुमार  कशौधन, अनूप कुमार अग्रवाल, उपाध्यक्ष प्रेमचंद पांडेय, मंत्री श्याम मोहन श्रीवास्तव, शिव लगन पांडेय, धर्मेश चंद्र श्रीवास्तव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, अभिनंदन त्रिपाठी, अशोक देव नीलू दादा, अनिल कुमार श्रीवास्तव, बेचन गौड, दिवाकर श्रीवास्तव, अवधेश त्रिपाठी, संजय श्रीवास्तव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
12 व 13 अगस्त को रात्रि में आकाश में दिखेंगे टूटते तारे शूंटिंग स्टार्स, जाने क्यों होती है यह खगोलीय घटना


गोरखपुर। अगर आप अंतरिक्ष में रुचि रखते हैं तो इस बार 12/13 अगस्त को होने वाला शूटिंग स्टार्स का समागम बेहद ख़ास नज़ारा आपके लिए भी होने वाला है कुछ और भी ख़ास, आख़िर ऐसा क्या होने वाला है उस रात, आईए हम आपको विस्तार से जानकारी देते हैं ।

क्या होते हैं टूटते हुए तारे _ वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला ( तारामण्डल) गोरखपुर के खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि पुराने समय में लोगों की मान्यताएं थीं कि इस आकाश में प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक तारा है जब उन्हें कोई "टूटता हुआ तारा" ( शूटिंग स्टार) दिखाई देता था तो उन्हें लगता था कि कोई व्यक्ति जरूर ही इस लोक से उस लोक की अनन्त कालीन महा यात्रा पर निकला है, लेकिन धीरे धीरे कुछ हद तक अंध विश्वास दूर होता गया और आज़ हम लोग जानते हैं कि वह टूटते हुए तारे बस्ताबिक तारे नहीं होते हैं, बल्कि वह वास्तव में उल्काएं होती हैं , जो रात्रि में कुछ देर के लिए चमक उठती हैं और अति सुंदर भी नज़र आती हैं।


खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि _
पृथ्वी  अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है और पृथ्वी अपने अक्ष पर सतत  घूमते हुए सूर्य का चक्कर भी लगाती है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने के  कारण ही हमें दिन और रात का अनुभव होता है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने को घूर्णन ( रोटेशन) कहा जाता है, और पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने को परिभ्रमण ( रिवोल्यूशन) कहा जाता है, पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाले समय को हम बर्ष कहते हैं, जब पृथ्वी अपने वार्षिक परिभ्रमणीय यात्रा के दौरान सूर्य का चक्कर लगाते हुए  किसी धूमकेतु द्वारा जोकि लंबी दीर्घब्रत्ताकर कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं उनसे निकले हुए कण उनकी कक्षाओं में चक्कर लगाते रहते हैं उनके द्वारा छोड़े गए मलबे से गुजरती है तो उसी दौरान छोटे, बड़े आकार के ये टुकड़े जो कि कंकड़ पत्थर, जलवाष्प, गैसों ,धूल कणों आदि के बने हुए होते हैं , ये अंतरिक्षीय मलबे के टुकड़े जब पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होने पर गुरूत्वाकर्षण बल और वायुमंडलीय घर्षण के कारण क्षण भर के लिए चमक लिए जल उठते हैं और रात्रि के आकाश में चमकते हुए दिखाई देते हैं और फिर कुछ समय में ही गायब हो जाते हैं , उसे ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्का और सामान्य भाषा में टूटता हुआ तारा ( शूटिंग स्टार) कहा जाता है।


जिनकी गति लगभग 70 किलोमीटर प्रति सेकंड से भी अधिक हो सकती है, इसी वजह से अधिकांश उल्काएं 130 से 180 किलोमीटर की ऊंचाई पर जलकर राख हो जाती हैं, यही आकाश में टूटते हुए तारों का आभास कराते हैं, जिन्हें ही आम बोलचाल की भाषा में टूटते हुए तारे भी कहा जाता है, जबकि बास्तब में ये टूटते हुए तारे नहीं होते हैं, इन्हें ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्काएं कहा जाता है, जो कि वैसे तो छिटपुट तौर से तो वर्षभर होता रहता है लेकिन ये कुछ  ख़ास महीनों में ज्यादा नज़र आती हैं।

कब दिखाई देंगी उल्काएं _ खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो लगभग रात्रि आठ बजे के बाद से ही यह नज़ारा दिखना शुरू हो जाएगा लेकिन 12 तारीख की मध्य रात्रि से 13 तारीख की भोर तक यह उल्का ब्रष्टि का नज़ारा बेहद ही खूबसूरत नज़र आएगा, अगस्त माह में होने बाली उल्का ब्रष्टि को परसीड्स उल्का ब्रष्टि कहा जाता है, क्योंकि यह उल्काएं पर्सियस तारामंडल से आती हुई दिखाई देती हैं, उल्काएं जिस तारामंडल के बिंदु की तरफ़ से आती हुई दिखाई देती हैं उसे खगोल विज्ञान की भाषा में मीटियर रेडिएंट प्वाइंट ( उल्का बिकीर्णक बिंदु) कहा जाता है , मगर यह ध्यान में रखना ज़रूरी है कि किसी तारामंडल के एक बिंदु से उल्काओँ के बिकीर्णन का यह नज़ारा सिर्फ़ एक दृष्टि भ्रम है, वास्तव में तारे हमसे बहुत दूर हैं, लेकिन उल्काएं करीब 100 से 120 किलोमीटर ऊपर ही बायुमंडल में पहुंचने पर उद्दीप्त हो जाती हैं, उल्का ब्रष्टि किसी न किसी धूमकेतु से ही संबन्धित होती हैं, अगस्त माह की पर्सिड्स उल्का ब्रष्टि का सम्बंध भी धूमकेतु स्विफ्ट टटल या 109पी/स्विफ्ट टटल नामक धूमकेतू से है।

कितनी उल्काएं दिखेंगी इस बार_ अमर पाल सिंह ने बताया कि इस बार अगस्त 12/13 की रात्रि को आप एक घण्टे में कम से कम लगभग 60 से लेकर 100 उल्काएं तक देख सकते हैं, जबकि इनका दिखना मौसमी घटनाओं पर भी निर्भर करता है,

कब से कब तक होता है यह अनोखा नज़ारा _ प्रत्येक वर्ष लगभग 17 जुलाई से शुरू होकर 24 अगस्त तक चलती  है पर्सिडस मीटियोर शॉवर, लेकिन इस बर्ष अगस्त माह में 12/13 तारीख की रात्रि के दौरान यह  उल्का ब्रष्टि अपने चरम सीमा पर दिखाई देंगी, जिस से इन उल्काओं की ब्रष्टि को और भी अच्छे से देखा जा सकता है।

आकाश में किस तरफ़ से आती हुई दिखाई देंगी उल्काएं _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो आकाश में किसी भी दिशा से आती हुई दिख सकती हैं, लेकिन अगस्त माह में होने वाली उल्का ब्रष्टि को देखने के लिए आपको रात्रि के आकाश में पूर्वोत्तर दिशा की ओर से आती हुई दिखाई देंगी , और इनकी दृश्यता भी उच्च कोटि की होगी।

कैसे देखें _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि आप रात्रि के आकाश का अनुसरण करें और इन्हें देखने के लिए बिना किसी ख़ास दूरबीन या बायनोक्यूलर्स या अन्य सहायक उपकरणों के भी यह नज़ारा भव्य दिखाई देगा, इसके लिए किसी भी प्रकार के खास उपकरणों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी,आप सीधे तौर पर अपने घरों से ही किसी भी साफ़ स्वच्छ अंधेरे वाली जगह से सावधानी पूर्वक ही अपनी साधारण आंखों से ही इस नजारे का लुत्फ उठा सकते हैं, शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रकाश प्रदूषण होने के कारण कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले लोगों को यह नज़ारा और भी मनोहारी दृश्य जैसा दिखाई देगा।


नोट _ध्यान रहे यदि अचानक से बादल, आंधी, बरसात , तूफ़ान आदि की स्थिति उत्पन्न होती हैं तो यह खूबसूरत नज़ारा दिखाई देना कठिन भी हो सकता है,
लोकनायक एवं युगद्रष्टा हैं गोस्वामी तुलसीदास : पवन कुमार

गोरखपुर, संस्कृति विभाग ,उत्तर प्रदेश के अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, के तत्वावधान में  विजय चौक स्थित एस एस एकेडमी के प्रांगण मे गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी एवं "तुलसी के राम" का कार्यक्रम सकुशल संपन्न हुआ,
कार्यक्रम का शुभारंभ  मुख्य अतिथि मानस मर्मज्ञ पवन कुमार मिश्र, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे , विशिष्ट अतिथि आचार्य बृजेश मणि मिश्रा एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही भारत विकास परिषद प्रांतीय पदाधिकारी श्रीमती सुधा मोदी सहित श्री हरि शाखा के अध्यक्ष कनक हरि अग्रवाल सचिव राजर्षि बंसल महिला संयोजिका डॉ प्रियंका वर्मा एवं विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ निशि अग्रवाल ने गोस्वामी तुलसीदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।


तत्पश्चात हृदय त्रिपाठी द्वारा गणेश वंदना की गई. इसी क्रम में विष्णु शंकर श्रीवास्तव ने रामचरितमानस की चौपाई सुनाई, अंजना लाल ने राम जी पर भजन प्रस्तुत किया कनिष्क श्री अग्रवाल ने रामचरित्र मानस की चौपाई सुनाई, वनवासी छात्रावास से आए बच्चों ने राम जी पर अत्यधिक सुंदर भजन की प्रस्तुति इन्हीं सबके बीच बैठे सबसे छोटे 6  वर्षीय कनिष्क हरि अग्रवाल ने की जन्म लिए चारों भैया की प्रस्तुति पर बैठे सभी मंचासीन अतिथिगण अत्यधिक प्रसन्न हुए एवं नन्हे से बच्चे को खूब  साधुवाद दिए ।


अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि पवन कुमार मिश्रा ने कहा कि लोकनायक एवं युगद्रष्टा हैं तुलसीदास
आज पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास जी के कृतियों एवं साहित्य की सर्वाधिक आवश्यकता है। उनकी अप्रतिम रचना श्री राम चरित मानस को बालकों को युवाओं को सर्वाधिक पढ़ना एवं आत्मसात करना चाहिए। यदि समाज में परिवार में संस्कार के बीज बोने हैं तो हमे तुलसी साहित्य को पढ़ना ही होगा ।


श्री राम के कथा एवं चरित्र को लोकभाषा में रचकर जन जन तक पहुंचाने का कार्य तुलसीदास जी ने किया । आज यह ग्रंथ विश्व के अनेक भाषाओं में अनूदित है । उनका स्वयं कहना था कि इसमें सभी पुराण निगम आगम एवं इसके अलावा भी बहुत कुछ है
इस आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए तुलसीदास जी के जीवन के बारे में विस्तृत चर्चा की ।

विशिष्ट अतिथि आचार्य बृजेश मणि मिश्र ने कहा कि व्यक्ति अगर अपने जीवन में रामचरितमानस को अपना ले तो निश्चित ही किसी भी विषम से विषम परिस्थिति में वह विफल नहीं हो सकता व्यक्ति किसी भी वर्ग में काम कर रहा हो चाहे वह राजनीतिक हो व्यावसायिक हो कर्मचारी हो मालिक हो रामचरित्र मानस का पाठ करने वाले को जीवन में आ रही समस्याओं का बहुत ही सुलभता से समाधान मिल जाता है ।

ने कहा मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे तुलसीदास जी की जयंती की अध्यक्षता करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ कार्यक्रम का सुंदर संचालन शिवेंद्र पांडे द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम के विराम पर से स विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉक्टर निशि अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया एवं राम सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के समन्वयक डॉ राकेश श्रीवास्तव थे ।
*मां ने की नाबालिग बेटी के अपहरण की शिकायत, केस दर्ज*

गोरखपुर- थाने से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गांव की निवासी महिला ने अपनी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी को बहका कर घर से भगा ले जाने की शिकायत की है। अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। थाने में दिए गए प्रार्थनापत्र में महिला ने बताया है कि बीते 6 अगस्त 2024 को दिन में 11 बजे एक लड़का उनके घर आया और दिन में लगभग 12 बजे 16 वर्षीय किशोरी को अपने साथ लेकर चला गया। उक्त लड़के के दो मोबाइल नंबर देकर महिला ने बताया कि इसी नंबर पर मेरी लड़की बात किया करती थी। महिला ने बताया कि उस नंबर पर फोन करने पर उक्त लड़के ने महिला की पूरी बात सुनी लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।

महिला की तहरीर पर खजनी पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 322/2024 में बीएनएस की धाराओं 137(2) और 87 में बहला-फुसलाकर अपहरण और इच्छा के विरुद्ध शादी और शारीरिक संबंध बनाने की संभावना के आरोप में केस दर्ज कर लिया और वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

*सामाधान दिवस में पहुंचे 4 फरियादी, एक मामला मौके पर निस्तारित*

गोरखपुर- थाने में आयोजित अगस्त महीने के पहले समाधान दिवस में कुल 4 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर अधिकारियों के समक्ष पहुंचे जिनमें एक मामले का मौके पर समाधान करा दिया गया।

समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे नायब तहसीलदार रामसूरज प्रसाद दिवस प्रभारी थानाध्यक्ष शैलेन्द्र शुक्ला ने सभी फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना।

इस दौरान मऊंधरमंगल गांव के निवासी ओमप्रकाश यादव उनवल नगर पंचायत के टेकवार के निवासी अयोध्या प्रसाद कटघर गांव की निवासी बासमती देवी ने तथा ढढ़ौना गांव के अश्वनी सिंह ने अपने पुराने भूमि विवाद से जुड़ी समस्याएं पेश की।

मौके पर राजस्व निरीक्षक देवनरायण मिश्रा लेखपाल और थाने के पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

*सोमवार से घर घर जाएंगी टीम, फाइलेरिया से बचने के लिए दी जाएगी दवा*

गोरखपुर- शहर के महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव ने जिला अस्पताल परिसर में बने बूथ पर फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कर शनिवार को सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान का शुभारंभ किया । यह अभियान दो सितम्बर तक चलेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने महापौर को दवा का सेवन कराया । उन्होंने बताया कि सोमवार से सप्ताह में चार दिन बचाव की दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम घर घर जाएंगी। विभाग की टीम के सामने ही दवा का सेवन करना है। इस मौके पर सभी लोगों ने फाइलेरिया उन्मूलन की शपथ ली और जनजागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया।

दवा सेवन के उपरांत महापौर ने जनपदवासियों से अपील की कि वह फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन अवश्य करें। वह खुद विगत कई वर्षों से दवा का सेवन कर रहे हैं। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। यह दवा खाली पेट नहीं खानी है । उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि महानगर के लोगों की जागरूकता के कारण सोलह शहरी क्षेत्र फाइलेरिया से मुक्ति की ओर अग्रसर हैं। इस बार शहर के सिर्फ सात क्षेत्रों में यह अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि नगर निगम इस अभियान में हरसंभव सहयोग करेगा ताकि पूरे शहर को फाइलेरिया मुक्त किया जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिले में 4133 टीम द्वारा करीब 46 लाख लोगों को घर घर जाकर दवा खिलाई जाएगी। प्रत्येक सोमवार, मंगलवार, गुरूवार और शुक्रवार को टीम घर घर जाएंगी। टीम में आशा कार्यकर्ता के साथ एक पुरुष सदस्य होंगे। टीम के लोग दवा खिलाने के साथ साथ नये फाइलेरिया रोगियों को भी ढूंढेंगे। इस अभियान में स्वयंसेवी संस्था डब्ल्यूएचओ, पाथ, पीसीआई, सीफार और फाइलेरिया रोगी नेटवर्क भी सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

इस मौके पर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके चौधरी, डॉ एनएल कुशवाहा, जिला सर्विलांस अधिकारी व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे, जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह, समस्त मलेरिया और फाइलेरिया निरीक्षक समेत सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधिगण भी मौजूद रहे।

लगातार पांच साल तक खानी है दवा

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया जिसे आमतौर पर हाथीपांव भी कहते हैं, एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी से खुद को, परिवार को और समाज को बचाने के लिए दवा का सेवन बेहद जरूरी है। लगातार पांच साल तक साल में एक बार अगर फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया जाए तो इस बीमारी से पूरे समाज को मुक्ति मिल सकती है। वर्ष में एक बार दवा खा लेने के बाद वर्ष भर के अव्यस्क कृमि मर जाते हैं और लगातार पांच साल तक दवा खाई जाती है तो हर साल इन अव्यस्क कृमि का सफाया तो होता ही है, साथ में वयस्क कृमि भी समाप्त हो जाता है। इस तरह से दवा का सेवन करने वाला व्यक्ति फाइलेरिया से बच जाता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षणों में हाथ, पैर, स्तन व अंडकोष में सूजन हैं। यह लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के पांच से पंद्रह साल बाद प्रकट होते हैं।

मिथक बनती है बाधा

श्री सिंह ने बताया कि कुछ लोग इस मिथक के कारण दवा का सेवन नहीं करते हैं कि दवा खुली हुई है और इसकी सुरक्षा में संशय है। ऐसे लोगों को यह संदेश दिया जा रहा है कि दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार प्रमाणित है। इसे तभी खोला जाता है जब लाभार्थी को सेवन करवाना होता है। दवा का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता है। जिन लोगों के भीतर पहले से माइक्रोफाइलेरी मौजूद होते हैं उन्हें दवा के सेवन के बाद मतली, चक्कर आना, सिरदर्द जैसे लक्षण आते हैं जो कुछ समय बाद स्वतः समाप्त हो जाते हैं। ये पूरी तरह से सामान्य लक्षण हैं और इनसे घबराने की आवश्यकता नहीं है। शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान सभी ने दवा का सेवन किया है और किसी को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई।

*भाजपा नेता को दवा खिलाकर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरुआत*

गोरखपुर- स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा खिलाकर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरुआत की गई। पीएचसी में आज ग्रामप्रधान प्रतिनिधि एवं भाजपा मंडल अध्यक्ष धरणीधर राम त्रिपाठी को दवा खिलाकर एवं उनके द्वारा फीता काट कर इस अभियान का शुभारंभ किया गया।

पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ प्रदीप तिवारी ने बताया कि अभियान 10 अगस्त 2024 से 2 सितंबर 2024 तक कुल 10 दिनों तक चलेगा जिसमें सभी को दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान में गांवों की सभी आशाओं को हर घर तक पहुंच कर सभी को दवा की खुराक अपने सामने खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसमें दवा की डोज उम्र के अनुसार निर्धारित मात्रा में देनी है जो कि 2 से 5 साल के बच्चों को 1 गोली डीईसी, 1 गोली अलबेन्डाज़ाल, 4 साल से 15 साल के बच्चों को 2 गोली डीईसी और 1 गोली अलबेन्डाज़ाल तथा 15 साल से अधिक आयु के सभी को 3 गोली डीईसी और 1 गोली अलबेन्डाज़ाल की खुराक देनी है l दवा भोजन करने के बाद ही खानी है।

इस दौरान पीएचसी के बीसीपीएम खुशमुहम्मद अंसारी आईओ अशोक कुमार सिंह फार्मासिस्ट के.एम. सिंह, एनडी उपाध्याय, भाजपा नेता गजेंद्र राम त्रिपाठी तथा पीएचसी के पैरामेडिकल स्टॉफ के सभी कर्मचारी मौजूद रहे।

“बिना विलंब किए हो पीड़ितों की मदद”, जनता दर्शन में सीएम योगी आदित्यनाथ का अधिकारियों को निर्देश

गोरखपुर- गोरखपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार सुबह जनता दर्शन में लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इस दौरान सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीड़ितों की मदद और पात्रों को शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने में विलंब नहीं होना चाहिए। इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी स्तर पर कोई दिक्कत आ रही है तो उसका पता लगाकर निराकरण कराया जाए और किसी स्तर पर जानबूझकर कर प्रकरण को लंबित रखा गया है तो वहां जिम्मेदारी सुनिश्चित कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित जनता दर्शन के दौरान समस्या लेकर सीएम योगी से मिलने पहुंचे लोगों को भरोसे का आत्मीय संबल मिला। इत्मीनान से सबकी बात सुनते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी को आश्वस्त किया कि किसी को भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। हर समस्या का वह प्रभावी निस्तारण कराएंगे। इसे लेकर उन्होंने प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को मौके पर ही दो टूक समझाया कि जनता की समस्याओं का समयबद्ध, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब 400 लोगों की समस्याएं सुनीं और उनके निस्तारण के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

कुछ लोगों द्वारा जमीन कब्जा करने की शिकायत किए जाने पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जमीन कब्जाने वाले भू माफिया व दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। जमीन कब्जाने की शिकायतों पर विधि सम्मत कठोर कदम उठाएं जाएं। कहा कि प्रशासन का यह मंत्र होना चाहिए कि मनमानी किसी की नहीं चलेगी और न्याय सबको मिलेगा। कुछ प्रकरणों पर मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देशित किया कि यह भी पता लगाएं कि यदि किसी को प्रशासन का सहयोग नहीं मिला है तो ऐसा क्यों और किन कारणों से हुआ। हर पीड़ित की त्वरित मदद की जाए।

हर बार की तरह इस बार भी जनता दर्शन में कई लोग इलाज में आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। इस पर सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि जल्द से जल्द अस्पताल के इस्टीमेट की प्रक्रिया पूर्ण कराकर शासन को उपलब्ध करा दें। इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पर्याप्त मदद की जाएगी।

*मंदिर की गोशाला में सीएम ने की गोसेवा*
शनिवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए मंदिर की गोशाला भी पहुंचे। यहां उन्होंने गोवंश को दुलारा और उनकी सेवा की। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से गोवंश को गुड़ खिलाया और गोवंश की देखभाल के लिए गोशाला के स्वयंसेवकों को जरूरी निर्देश दिए।
दो मृतक आश्रित महिलाओं को सीएम योगी ने दिया आर्थिक संबल


गोरखपुर, 10 अगस्त। मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में दो मृतक आश्रित महिलाओं को क्रमशः पांच और दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि सौंपी और भरोसा दिलाया कि दुख और संकट की हर परिस्थिति में सरकार उनके साथ खड़ी है।

खजनी क्षेत्र के बेलवाडाढ़ी निवासी धर्मात्मा सिंह के निधन के बाद परिवार को आर्थिक संबल की आवश्यकता को देखते हुए सीएम योगी ने उनकी पत्नी श्रीमती कमलेश सिंह को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच लाख रुपये की सहायता राशि का चेक सौंपा। गोरखनाथ मंदिर में चेक देने के साथ मुख्यमंत्री ने परिवार का हाल जाना और आश्वस्त किया कि संकट में मदद करने में उनकी सरकार हमेशा तत्पर है। इस अवसर पर सहजनवा के विधायक प्रदीप शुक्ल भी मौजूद रहे।

शनिवार सुबह सीएम योगी ने महानगर के सूरजकुंड कॉलोनी निवासी श्रीकृष्ण अरुंधती मिश्रा को भी मुख्यमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपये की आर्थिक मदद का चेक प्रदान किया। श्रीमती अरुंधती के पति सिद्धार्थ शंकर मिश्र का निधन हो गया है और उन्हें मुख्यमंत्री की तरफ से यह धनराशि मृतक आश्रित सहायता के रूप में दी गई। सीएम योगी ने उन्हें भी आश्वस्त किया कि दुख की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। इस दौरान गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह भी उपस्थित रहे।

*इलाज के लिए सीएम ने दी डेढ़ लाख रुपये की सहायता*
शनिवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर बीमारी में इलाज के लिए वार्ड नम्बर ग्यारह, पिपराइच निवासी चंदन जायसवाल पुत्र दयानंद जायसवाल को डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता की धनराशि का चेक प्रदान किया। यह धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से उपलब्ध कराई गई है।

प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में विश्व आदिवासी दिवस पर धुरिया, गोंड समाज ने पैदल मार्च कर किया प्रदर्शन

गोरखपुर। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर धुरिया, गोंड समाज के हक व अधिकार के लिए पैदल मार्च करतें हुए, जिला अधिकारी कार्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन किया गया।

जिसमें धरना प्रदर्शन मूलवासी गोंडवाना गणतंत्र संस्था के प्रदेश अध्यक्ष व वरिष्ठ छात्रनेता शिव शंकर गोंड ने नेतृत्व करतें हुए प्रदर्शन को सम्बोधित करतें हुए कहा कि जिला प्रशासन के साथ लगतार बैठक के बावजूद धुरिया, गोंड समाज का जाति प्रमाण पत्र निर्गत नही हो रहा हैं, जबकि मुख्यमंत्री द्वारा विशेष ध्यान देने का वक्तव्य आता हैं, वही उनके ही जिला के जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी गोंड समाज के साथ अन्याय को स्वीकार नही किया जाएगा, अगर जल्द ही जाति प्रमाण पत्र निर्गत नही हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा।

धरना प्रदर्शन का संचालन जिला अध्यक्ष सीताराम गोंड ने किया समाज की समस्यायों को विस्तार रूप से प्रदर्शन करियो को समझाया,

जिसमें प्रदर्शन करियो ने एक बार उपजिला अधिकारी को बिना ज्ञापन दिए तीखी नोखझोक कर वापस लौटा दिए प्रशासन समझने के बाद सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा गया, सिटी मजिस्ट्रेट ने आश्वस्त किया कि जल्द ही प्रमाण पत्र के मामले का निस्तारण कर दिया जाएगा।

धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से ई0 राम अवध गोंड, नरसिंह गोंड, आदित्य गोंड, विक्रांत गोंड, शुभम गोंड, दुर्गेश गोंड, अभिषेक, प्रीतम, अनूप, राज गोंड, पवन कुमार गोंड, रामजश्न, इंद्र गोंड, राकेश गोंड, संदीप, सचिन, आर्यन, गोलू, राहुल, पंडित आयुष पूरी, विकास गोंड, नीतीश गोंड, राममिलन गोंड आकाश, विकास, अरविंदर, सुमित, सूरज, लालबहादुर, खुशीहाल, प्रियांशु राज, बुधिराम, राज, दीपक, अजित, अवनीश, सत्य, राधेश्याम, रामरतन, मोतीलाल, जीत बहाल, हेमन्त, महेंद्र, हरेंद्र, जैनेंद्र, रामायन, राकेश, हरिद्वार, बेचू, रामकरण, ममता देवी, गीता देवी, कुसुम देवी, शिवंशी, प्रतिभा रुकमणी, अंजली, विट्टू, भीम, अजय, अभिषेक गोंड आदि सैकडों लोग उपस्थिति रहें।