छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार पर अवैध भत्ता लेने के आरोप, सदस्यों ने की बर्खास्तगी की मांग, स्वास्थ्य मंत्री ने कही यह बात…
रायपुर- आईपीए और छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के सदस्यों समेत पूर्व सदस्यों ने रजिस्ट्रार पर अवैध रूप से भत्ते लेने के आरोप लगाए हैं. सदस्यों का आरोप है कि नियमों को ठेंगा दिखाते हुए वर्तमान रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर लगभग 70 हजार रुपए मानदेय और वाहन भत्ता ले रहे हैं. इसके साथ ही रजिस्ट्रार को पद से बर्खास्त करने की मांग की है.

नियमों के उल्लंघन का आरोप

आईपीए और काउंसिल के वर्तमान और पूर्व सदस्यों ने काउंसिल के रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे काउंसिल को लूट रहे हैं. नियमानुसार भत्ता और मानदेय लेने का प्रावधान नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भी रजिस्ट्रार 20 हजार रुपए मानदेय ले रहे हैं और लगभग 52 हजार रुपए वाहन भत्ता के लिए खर्च किया जा रहा है. इसके साथ ही सदस्यों ने कहा कि तृतीय वर्ग कर्मचारी को नियमों के खिलाफ रजिस्ट्रार बनाया गया है, जो कि DDO पावर के लिए अयोग्य है.

वहीं इस मामले में काउंसिल के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि काउंसिल के नियम कानून बनाना आसान नहीं है, यह सदन में तय होता है. दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहा कि सैलरी और भत्ता का प्रावधान काउंसिल में किया गया है. मध्यप्रदेश संचालित बायलॉज (उपनियम) छत्तीसगढ़ में भी लागू है.

स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया

काउंसिल के मनोनीत सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता ने इस मामले में कहा कि उपनियम (Bylaws) बदलाव में इसके लिए स्वास्थ्य संचालक और स्वास्थ्य सचिव की सहमति नहीं मिली है, सीधा-सीधा इसमें गबन का मामला बनता है. इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्व के रजिस्ट्रार संविदा कर्मचारी थे, उन्होंने भी तमाम फायदे लिए, इसमें भी कार्रवाई होनी चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा- बायलॉज में कोई संशोधन नहीं हुआ

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस मामले में कहा कि बायलॉज (Bylaws) में कोई संशोधन नहीं हुआ है और न ही राज्य सरकार की ओर से कोई राजपत्र में संसोधन जारी हुआ है.

स्वास्थ्य सचिव मनोज पिंगवा ने बताया कि यह मामला संज्ञान में आया है. मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. ना कोई राजपत्र में संशोधन हुआ है ना ही कोई नया नियम बनाया गया है.

काउंसिल के फैसले से मिल रहा फायदा

वहीं इस पूरे मामले को लेकर रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर ने कहा मैंने मांग नहीं की है. भत्ता और मानदेय का फायदा मुझे मिल रहा है, यह काउंसिल का फैसला है.

देखें भत्ते को लेकर क्या कहते हैं नियम:
जिलों के प्रभार में फेरबदल : दोनों डिप्टी सीएम के अलावा टंकराम वर्मा और लखनलाल देवांगन को मिले अतिरिक्त जिले
रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार ने मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में मामूली संशोधन किया है। उल्लेखनीय है कि, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उनके प्रभार वालों जिले को दूसरे मंत्रियों को सौंपने के साथ कुछ अन्य संशोधन भी किया गया है। दोनो डिप्टी सीएम के साथ टंकराम वर्मा और लखनलाल देवांगन को अतिरिक्त जिले दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय बेमेतरा में तुषार साहू के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुए, शोक संतप्त परिवारजनों को बंधाया ढांढस

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बेमेतरा नयापारा में तुषार साहू के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने तुषार साहू को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों से मिलकर ढाढ़स बंधाते हुए कहा कि हम सब दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े हैं, इस कठिन समय में हम सब को धैर्य बनाए रखना है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तुषार साहू एक होनहार युवा थे। समाज सेवा के कार्यों में सक्रिय रूप से उनकी भागीदारी रहती थी। किसी भी कार्य को वह हमेशा समर्पण और सेवा भाव से करते थे। उनकी कमी हम सब को खलेगी। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने भी श्रद्धांजलि दी और परिवारजनों से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में स्थानीय नेताओं, गणमान्य नागरिकों और तुषार साहू के करीबी सहयोगियों ने भी दिवंगत आत्मा के प्रति सम्मान प्रकट किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। गौरतलब है कि तुषार साहू, उप मुख्यमंत्री अरूण साव के भांजे थे। विगत 4 अगस्त को उनकी कवर्धा ज़िले के बोडला स्थित रानीदहरा जलप्रपात में नहाने के दौरान डूबने से मृत्यु हो गयी थी।

SECL की ओपन कास्ट माइन से हो रहे हादसों पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने जताई चिंता, लोकसभा में शून्यकाल में लोकमहत्व के मुद्दे पर किया ध्यान आकर्षित
रायपुर-     छत्तीसगढ़ में NMDC, SECL की लापरवाही के कारण होने जनता को होने वाली परेशानियों को देखते सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में शून्यकाल में लोक महत्व का मुद्दा उठाया। बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, छत्तीसगढ़ की SECL ओपन कास्ट कोयला परियोजनाओं, खादानों में कोयले के खनन करने के बाद नियमानुसार उसे वापिस भरकर पुरानी स्थिति में लाना एवं उसके ऊपर वृक्षारोपण करने की बाध्यता है। लेकिन SECL ने 50 से अधिक खदानों से कोयला तो निकाल लिया। रिक्लेमिनेषन के नाम पर अरबों रूपये खर्च भी किए जा चुके है। लेकिन उन्हें पुरानी स्थिति में नहीं लाया गया, न ही उनके ऊपर वृक्ष लगाए गए। जिसके कारण खदानों में पानी भरने एवं खुले रहने के कारण वहां लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जिसमे बड़ी संख्या में ग्रामीणों और पशुओं की मौत भी हो रही है। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। जिस कारण क्षेत्रीय लोगों में नाराजगी, गुस्सा एवं भय का वातावरण बना हुआ है। बृजमोहन अग्रवाल ने कोयला मंत्रालय से दोषी अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कारवाई और खुली खदानों के जल्द पुनर्वास की मांग की है।
हर-घर तिरंगा अभियान में सभी उत्साह से भाग लें: राज्यपाल रमेन डेका

रायपुर-   राज्यपाल रमेन डेका ने सभी नागरिकों से हर घर तिरंगा अभियान में उत्साह से भाग लेने की अपील की है। उन्होंने देश व प्रदेश के नागरिकों से आग्रह किया है कि अपने घरों में तिरंगा फहराएं और स्वतंत्रता दिवस को सम्मान व गर्व के साथ मनाएं।

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हर घर तिरंगा अभियान‘ में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनके आव्हान पर यह अभियान आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के तहत शुरू किया गया था। राज्यपाल ने कहा कि यह अभियान, देश भक्ति और एकता की भावना को मजबूत करेगा और राष्ट्रीय पर्व की गरिमा बढ़ाएगा। इस महाअभियान से न केवल तिरंगे के प्रति हमारा व्यक्तिगत जुड़ाव मजबूत होगा बल्कि राष्ट्र निर्माण की भावना भी सुदृढ़ होगी।

उन्होंने कहा कि इस अवसर पर देश के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद करते हुए उनसे प्रेरणा लें और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा कबीरधाम जिले के ग्राम तरेगांव जंगल और रेंगाखार में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर-   उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा आज कबीरधाम जिले के आदिवासी एवं बैगा बहुल बोड़ला विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम तरेगाव जंगल के एकलव्य आर्दश आवसीय विद्यालय परिसर और ग्राम रेंगाखर में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी, वीर शहीद गुंडाधुर, शहीद वीर नारायण सिंह और धरती आबा बिरसा मुंडा के तैल्यचित्र पर पुष्प अर्पित और दीप प्रज्जवलित कर किया गया। ग्राम तरेगांव जंगल में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में पहुंचने पर उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा का आदिवासी परंपरा की विशेष पहचान फेटा (पगड़ी), कलगी, छिट और तिलक लगाकर स्वागत अभिनंदन किया गया। उपमुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर और उनके योगदान को सराहा। उन्होंने आदिवासी अधिकारों और उनके विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और आदिवासी संस्कृति की रक्षा और संवर्धन के लिए जोर दिया।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज हम सब इस समाज के लोग विश्व आदिवासी दिवस पर एक साथ उपस्थित हुए है यह हमारे आदिवासी समाज के एकता का प्रतीक है। इसी तरह हम 15 नवंबर को धरती आबा बिरसा मुंडा के जयंती पर एक साथ मिलकर स्मरण करेंगे। उन्होंने इस क्षेत्र में समाज के प्रमुखों की प्रशंसा करते हुए बताया कि अपने समाज को एक जुट रख कर अपने समाज, अपनी परंपरा को बचाएं रखने का प्रयास करना बहुत ही सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में संचालित सभी आश्रम छात्रावास में जनभागीदारी समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में आश्रम छात्रावास में पढ़ने वाले बच्चों के पालक, जनप्रतिनिधि और बच्चों के माताएं शामिल होंगे। समिति के लिए सदस्यों का चयन प्रारंभ हो गया है। जनभागीदारी समिति आश्रम छात्रावास के व्यवस्थाओं देख रेख करेंगे। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हो। इसके लिए समाज को एक होकर कार्य करना है।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि विशेष पिछड़ी बैगा जन जातियों के युवक और युवतियों के लिए एएनएम, बीएससी नर्सिंग का कोर्स कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैगा समाज के प्रमुख व्यक्ति अपने आसपास युवक और युवतियों को प्रेरित करें और बताए की जो युवक, युवतिया एएनएम, बीएससी नर्सिंग का कोर्स करना चाहते है उसकी पूरी व्यवस्था कराई जाएगी। इस दौरान ग्राम वासियों ने उप मुख्यमंत्री को विभिन्न मांगों, शिकायत के संबंध में आवेदन किया। उप मुख्यमंत्री ने सभी आवेदनों का अवलोकन कर पूरा करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में संतोष पटेल, विदेशी राम धुर्वे, बरसती वर्मा, राम किनकर वर्मा, बलदाऊ चंद्रवंशी, झुम्मन चंद्रवंशी, नरेश चंद्रवंशी, संतराम, सुंदर लाल बैगा, एसडीएम बोड़ला गीता रायस्त सहित जनप्रतिनिधि और समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे। मंच का संचालन लालमनी सोनवानी ने किया।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में हिंसा प्रभावित संकटग्रस्त महिलाओं की लोकसभा में उठाई आवाज

रायपुर/नई दिल्ली-    रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल लोकहित के मुद्दों को पूरी गंभीरता के साथ लोकसभा में उठा रहे है।
श्री अग्रवाल ने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री से छत्तीसगढ़ में हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही छत के नीचे एकीकृत सहायता और सहयोग प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत वन स्टॉप सेंटर योजना की जानकारी मांगी।

जिसपर महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि, छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में से प्रत्येक में एक और रायपुर में एक अतिरिक्त कुल 34 ओएससी स्वीकृत हैं जिसमे से वर्तमान में 27 ओएससी कार्यशील हैं। उन्होंने यह भी बताया कि, पिछले तीन सालों में करीब 17 हजार महिलों को सहायता प्रदान की गई है। वन स्टॉप सेंटर योजना का सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ पूरे देश में 1 अप्रैल, 2015 से क्रियान्वयन किया जा रहा है। देश भर में वर्तमान में 816 में से 786 वन स्टॉप सेंटर कार्यशील हैं।

ओएससी का उद्देश्य हिंसा से प्रभावित संकटग्रस्त महिलाओं को एक ही स्थान पर एकीकृत सहायता प्रदान करना है। यह जरूरतमंद महिलाओं को चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता और सलाह, अस्थायी आश्रय, पुलिस सहायता, मनोवैज्ञानिक सामाजिक परामर्श सहित विभिन्न सेवाएं प्रदान करती है।

भ्रमण तो बहाना है, असल में निगम के पैसों से पिकनिक मनाना है…, महापौर-पार्षदों के भ्रमण पर उठ रहे सवाल…

रायपुर- शहर की व्यवस्था को दुरुस्त करने और स्वच्छता रैंकिंग में अव्वल आने का हवाला देकर थोक में नगर निगम पार्षद – अधिकारी दूसरे प्रदेशों का दौरा करते हैं. लेकिन इन दौरों का कोई फायदा होता अभी तक नजर नहीं आया है, उल्टे राजधानी की जनता की पैसों की बर्बादी के साथ निगम की रैंकिंग में गिरावट ही देखने को मिली है. 

रायपुर नगर निगम के 65 जनप्रतिनिधि और अधिकारी एक बार फिर अध्ययन भ्रमण पर हैं. इस बार ये दौरा बैंगलुरु और मैसूर के शहर का है जिसमें रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, एमआईसी सदस्य, पक्ष और विपक्ष के पार्षद और अधिकारी शामिल हैं. महापौर अध्ययन भ्रमण में इस बार यह समझने के लिए निकले हैं कि रायपुर स्वच्छता रैंकिंग में आखिर पीछे क्यों रह जाता है. जानकर ये हैरानी होगी कि साल 2022 में 80 से अधिक पार्षद और अधिकारी इंदौर और चंडीगढ़ इन्हीं व्यवस्थाओं के अध्ययन दौरे पर थे, जिसके परिणामस्वरूप रायपुर की रैंकिंग 6वें से सीधे 11वें स्थान पर आ गिरी थी.

इंदौर और चंडीगढ़ के भ्रमण व्यय की बात करें तो इस पर 40 लाख रुपए फूंक दिए गए थे. चंडीगढ़ के एक माडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़ निगम के भी इस दौरे पर 12 लाख रुपए खर्च हुए थे. इससे साफ है कि निगम पदाधिकारियों का दौरा अन्य राज्यों को भी इसका बोझ उठाना पड़ता है. और इतने खर्चे के बाद राजधानी की तस्वीर में कोई बदलाव नजर नहीं आता. कचरा हर दिन की तरह राजधानी की सड़कों पर नजर आता है. ओपन ड्रेनेज सिस्टम हर साल जनता की परेशानी का सबब बनता है. लोगों के घरों में गंदा पानी घुसता है, बीमारियां फैलती है, एसटीपी फेल हो जाते हैं, हज़ारों मछलियाँ मरती हैं, और अंत में अध्ययन भ्रमण की सच्चाई सबके सामने होती है.

पिछले पांच सालों में रायपुर निगम के जन प्रतिनिधियों का यह दूसरा दौरा है, जिससे नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने तौबा कर लिया है. उनका कहना है कि पिछले दौरे से सीखी और समझी गई चीज़ों पर अमल नहीं किया गया. नेता प्रतिपक्ष के इस बयान से साफ है कि भ्रमण महज निगम के पैसों पर पिकनिक जाने का बहाना है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में न्यायालय ई सेवा केंद्रों का मुद्दा लोकसभा में उठाया

रायपुर/नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अधिक सुलभ और पारदर्शी न्यायिक सेवा दिलाने के लिए रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में न्यायालय ई सेवा केंद्र का मुद्दा उठाया। श्री अग्रवाल ने विधि और न्याय मंत्री से छत्तीसगढ़ समेत देशभर में कार्यशील ई सेवा केंद्र और वहां उपलब्ध सेवाओं की जानकारी मांगी।

जिसपर विधि और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को पायलट परियोजना के अधीन 2 ई-सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए 10.68 लाख रुपये जारी किए गए थे। हालांकि, ई-न्यायालय मिशन मोड परियोजना के तीसरे चरण के अधीन, अतिरिक्त ई-सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 4.44 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में जिला न्यायालयों में 23 और उच्च न्यायालय में 1 ई-सेवा केंद्र काम कर रहे हैं। देशभर में ई-सेवा केंद्रों की संख्या 1,072 है। ई-न्यायालय मिशन मोड परियोजना के भाग के रूप में, ई-सेवा केंद्रों को वन स्टॉप सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है, जो अदालती मामलों/आदेशों/निर्णयों, न्यायालय से संबंधित मामलों की सुविधा और ई-फाइलिंग सेवाओं के बारे में निःशुल्क जानकारी प्रदान करते हैं, विशेष रूप से उन लोगों को लाभान्वित करते हैं, जिनके पास प्रौद्योगिकी तक पहुंच नहीं है या जो दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं।

ई-सेवा केंद्रों का उद्देश्य वाद स्थिति, सुनवाई की अगली तारीख और अन्य विवरणों के बारे में पूछताछ का निपटारा करना। प्रमाणित प्रतियों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान करना। हार्ड कॉपी याचिकाओं की स्कैनिंग, ई-हस्ताक्षर जोड़ने, उन्हें सीआईएस पर अपलोड करना और फाइलिंग नंबर बनाने से लेकर याचिकाओं की ई-फाइलिंग, ई-स्टाम्प पेपर/ई-भुगतान की ऑनलाइन खरीद में सहायता आदि प्रदान करना है।

भ्रष्टाचारियों को बचाने भूपेश ने सारी हदें पार की: राजेश मूणत

रायपुर-   भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम (पीडीएस) घोटाला मामले को लेकर हो रहे खुलासों पर कहा है कि कांग्रेस के डीएनए में भ्रष्टाचार किस कदर रचा-बसा है, इसका जीवंत प्रमाण प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्व्रारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर किए गए उस दावे से मिलता है, जिसमें कहा गया है कि आरोपित रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को 16 अक्टूबर, 2019 में अग्रिम जमानत देने वाले हाई कोर्ट के एक तत्कालीन जज उनके (आरोपितों के) संपर्क में थे। मूणत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को लूटने वाली कांग्रेस की पिछली भूपेश सरकार ने पहले तो जनता का धन लूटा, उनका अनाज लूटा और बाद में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर सबूत से छेड़छाड़ करने का भी प्रयास किया।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता, विधायक व पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि जिस प्रकार जाँच एजेंसियाँ सुप्रीम कोर्ट में तथ्यों को सामने रख रही हैं, वे हैरान करने वाले हैं। पीडीएस घोटाले के आरोपियों को बचाने का प्रयास किया गया और इसके लिए किस हद तक भूपेश बघेल की सरकार गई थी, यह अब ‘आईने’ में साफ नजर आने लगा है। भ्रष्टाचारियों से कांग्रेस और उसकी भूपेश सरकार का बड़ा गहरा नाता रहा है, कई मामलों में तो पूर्व मुख्यमंत्री बघेल भ्रष्टाचार के आरोपितों की खुलकर वकालत तक करते नजर आए थे। चूँकि भ्रष्टाचार के इन मामलों में कांग्रेस नेताओं और भूपेश सरकार की पूरी संलिप्तता रही है इसलिए भ्रष्टाचारियों को पूरी तरह से बचाने का प्रयास किया गया। मूणत ने कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल के इन तमाम घोटालों के सत्य और तथ्य अब सामने आ रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भ्रष्टाचारियों से जुड़े लोग जजों के संपर्क में थे और जज से संपर्क बनाने में उनके नौकरशाह भाई और तत्कालीन एजी ने लाइजनर की भूमिका निभाई थी।

विधायक मूणत ने कहा कि भाजपा शुरू से ही कांग्रेस की भूपेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने की बात कहती रही है और अब ईडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामा में दावा किया गया है कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल की सरकार ने मामले को कमजोर करने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी। मुकदमे को पटरी से उतारने की कोशिश की गई। मूणत ने कहा कि ईडी के हलफनामे से स्पष्ट है कि व्हाट्सएप संदेशों के आदान-प्रदान से पता चला है कि जज की बेटी और दामाद का बायोडाटा तत्कालीन एजी द्वारा अनुकूल कार्रवाई के लिए टुटेजा को भेजा गया था। ईडी की ओर से यह भी कहा गया है कि आरोपित व्यक्ति अनुसूचित अपराध में अन्य मुख्य आरोपियों की भूमिका को कमजोर करने के लिए सह अभियुक्त शिवशंकर भट्ट के मसौदा बयान को साझा करने और संशोधित करने में शामिल थे। मूणत ने कहा कि कोयला, शराब और अब पीडीएस घोटाले की जाँच से भूपेश सरकार के भ्रष्ट कारनामों की लगातार परतें उधड़ रही हैं और इसीलिए कांग्रेस और भूपेश बघेल समेत उनके सहयोगी बौखलाए हुए हैं।