प्रदेश में एक साथ हो सकते हैं नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, डिप्टी सीएम साव ने कही ये बात…
रायपुर-  प्रदेश में आगामी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एक साथ हो सकते हैं. इसे लेकर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि सरकार चुनाव को लेकर आम जनता से राय ले रही है. देश में वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा हो रही है, सरकार भी इस दिशा में सोच रही है. इसलिए सरकार ने एक समिति का गठन किया है. लोग अपनी राय रखेंगे, दोनों तरह की निकाय चुनाव के लिए अलग-अलग नियम बने हुए हैं. समिति कानूनी प्रावधानों का अवलोकन करके रिपोर्ट सौंपेगी, उसके हिसाब से सरकार आगे बढ़ेगी.

वहीं आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर डिप्टी सीएम साव ने प्रदेश के सभी आदिवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सबसे पुराने समाज यानि आदिवासी समाज के लोगो को बधाई देता हूं. हमारी सरकार आदिवासी समाज के हित में लगातार बड़े कदम उठा रही है. आज प्रदेश में कई जगहों पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए है. हम सभी को बधाई देते हैं.

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कांग्रेस की संविधान यात्रा

भाजपा के विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के दिन 14 अगस्त को कांग्रेस संविधान यात्रा निकालेगी. इसे लेकर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि भ्रम पैदा करना ही कांग्रेस की राजनीतिक आधार है.

डिप्टी सीएम साव ने आगे कहा- विभाजन हम सबके जहन में है कि कैसे लोगों ने कष्ट झेले हैं, कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोगों के कतले आम हुए हैं, लोगों को धर्म संपत्ति परिवार की रक्षा के लिए क्या-क्या करना पड़ा है, यह हम सब ने देखा है. उसी विभीषिका को याद करना आज की पीढ़ी के लिए आवश्यक है. इसलिए भाजपा ने देशभर में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है.

उपमुख्यमंत्री साव ने संविधान यात्रा निकालने को लेकर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की देशभक्ति जग जाहिर हो चुकी है. ये एक परिवार के हित के संरक्षण के लिए काम करती है. भाजपा देश के हित में काम करने वाली पार्टी है. हर घर तिरंगा अभियान और तिरंगा यात्रा का आयोजन भाजपा करती रही है. कांग्रेस नकल करने की कोशिश कर रहे हैं. देश में कांग्रेस की प्रासंगिकता बची नहीं है.

कांग्रेस हर मुद्दे पर भ्रम पैदा कर राजनीति करती है: डिप्टी सीएम साव

वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन को लेकर उपमुख्यमंत्री साव ने कहा कि देश की एक पार्टी ने संविधान का उल्लंघन किया है, आपातकाल लगाकर संविधान को तोड़ा मरोड़ा है. कई बार कांग्रेस पार्टी ने संविधान का उल्लंघन किया. वक्फ अधिनियम में संशोधन का विषय आज के समय की आवश्यकता है. कांग्रेस पार्टी हर मामले में राजनीति करती है. कांग्रेस हर मुद्दे पर भ्रम पैदा कर राजनीति करती है.

भाजपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज प्रकरण होंगे वापिस

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज राजनीतिक प्रकरणों के मामले में बताया कि पिछले 5 सालों में कांग्रेस ने झूठे मुकदमे दर्ज कर जनता की आवाज को दबाने की कोशिश की है. भाजपा कार्यकर्ताओं को टारगेट कर मुकदमे बनाए गए. डिप्टी सीएम साव ने बताया कि उन मुकदमों की समीक्षा हो रही है. इसके लिए मंत्री उप समिति बनाई गई है. समिति विचार करके रिपोर्ट सौंपेगी और उसके आधार पर सरकार निर्णय करेगी.

अपने गुंडों को बचाने का प्रयास कर रही बीजेपी : PPC चीफ

वहीं पीसीसी चीफ दीपक बैज ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव के इस बयान का पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि BJP नेताओं के खिलाफ दर्ज केस वापस करने के बहाने अपने गुंडों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. कांग्रेस सरकार में अपराधियों पर केस दर्ज हुए हैं, कांग्रेस सरकार ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया. आज भाजपा सरकार बदले की भावना से काम कर रही है, जिसका उदाहरण हमारे विधानसभा घेराव में सभी ने देखा है. हमारे नेताओं के खिलाफ चुन-चुनकर फर्जी प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
कैदी को होटल में परिवार के साथ मौज-मस्ती कराना जेल प्रहरी को पड़ा भारी, एफआईआर दर्ज किया गया…

रायपुर-  बीमारी के बहाने जेल से निकले कैदी को उपचार के लिए अस्पताल न ले जाकर होटल में परिवार के साथ मौज-मस्ती कराने वाले जेल प्रहरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. धारा 188, जेल मैन्यूल का उल्लंघन समेत कई अन्य धाराओं में जेल प्रहरी लखनलाल जायसवाल के खिलाफ गंज थाना एफआईआर दर्ज किया गया है. 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर को पुलिस ने इलाज के बहाने सेंट्रल जेल से बाहर निकाला और 5 घंटे तक वेनिंगटन होटल में रहने दिया. इस दौरान जेल प्रहरी लखन जायसवाल उसके बच्चों को बाहर घुमाता रहा. यह मामला 2 अगस्त का था, जिसका वीडियो वायरल होते ही हड़कंप मच गया था.

मामला सामने आने के बाद डायरेक्टर जनरल जेल राजेश मिश्रा ने जेल अधिकारियों को फटकार लगाई है. उन्होंने आरोपी जेल प्रहरी को सस्पेंड करने के साथ प्रदेश के सभी जेल अधीक्षक को आदेश जारी कर ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

कौन है रोशन चंद्राकर

छत्तीसगढ़ के कस्टम राइस मिलिंग घोटाले में आरोपी रोशन चंद्राकर राइस मिलर्स एसोसिएशन का पूर्व कोषाध्यक्ष है. उस आरोप है कि पद पर रहते रोशन लेवी वसूलता और अफसरों को जानकारी देता था. जिन मिलर्स से कमीशन नहीं मिलता था, उनका भुगतान रोक दिया जाता था. ईडी ने करीब 3 माह पहले रोशन चंद्राकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था.

नियद नेल्लानार योजना से छात्र बन रहे आत्मनिर्भर, हथकरघा में हुनरमंद हो रही महिलाएं और बालिकाएं, विभिन्न ट्रेड में ले रही प्रशिक्षण

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में बस्तर संभाग के माओवादी आतंक से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक तरफ सुरक्षा कैंपों की सख्या बढ़ायी जा रही है। वहीं सुरक्षा कैंपों के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए नियद् नेल्लानार जैसी नवाचारी योजनाओं की शुरूआत की गई है। इस योजना के बेहतर और सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। लोगों का विश्वास फिर से शासन-प्रशासन के प्रति लौटने लगा है।

नियद नेल्लानार योजना से युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। युवा पढ़ाई के साथ साथ अपनी पसंद के ट्रेडस में प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। बेहतर शिक्षा के साथ उनका कौशल उन्नयन किया जा रहा है। दंतेवाड़ा जिले में शासन की महत्वकांक्षी योजना ‘‘नियद नेल्लानार योजना‘‘ के तहत बासनपुर कैंप के अंतर्गत आने वाले ग्राम गामावाड़ा की 21 महिलाओं को आजीविका के नये संसाधनों से जोड़ने के लिए हथकरघा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत लाइवलीहुड कॉलेज में 12 छात्र भी एसोसिएट, डेस्कटॉप, असिस्टेंट, हैंड एंब्रॉयडरी, टू व्हीलर सर्विस असिस्टेंट ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे हैं। ज्ञात हो कि ’’नियद नेल्लानार योजना‘‘ एवं प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना के तहत जिले के बेरोजगार युवक-युवतियों को हुनरमंद बनाने के तहत विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण सत्र चलाये जा रहे हैं। यह एक ऐसा अवसर है जिसमें बेरोजगार युवक-युवतियां किसी भी ट्रेड में प्रशिक्षण लेकर स्वावलंबी बन सकते है।

पहाड़गांव और कुमेली जलप्रपात पर्यटन क्षेत्र होगा विकसित

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। सूरजपुर जिले में पर्यटन विकास की दृष्टि से रामानुजनगर जनपद अंतर्गत कुमेली जलप्रपात और सूरजपुर जनपद अंतर्गत पहाड़गांव क्षेत्रों में हुए पूर्व के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।

गौरतलब है कि पहाड़गांव सूरजपुर जनपद में अंबिकापुर रोड, सिलफिली के समीप स्थित क्षेत्र है जहां खोखनिया बांध निर्माण से झील का निर्माण हुआ है। पहाड़ों के बीच स्थित झील शांत वातावरण में मनोरम एवं आकर्षक दृश्य निर्मित करता है। स्थल में पर्यटन विकास की संभावना को देखते हुए प्रशासन के द्वारा यहां पहुंच मार्ग के विकास के साथ अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

क्षेत्र के विकास को लेकर पर्यटकों के सुरक्षा, खाद्य पदार्थों और पेयजल की उपलब्धता, हट पैगोडा निर्माण, अपशिष्ट प्रबंधन, शौचालय सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा झील में बोटिंग की सुविधा शुरू करने के संबंध में भी कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है। जिला प्रशासन द्वारा कुमेली जलप्रपात क्षेत्र के विकास के लिए भी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है।

जिला प्रशासन द्वारा यहां अपशिष्ट प्रबंधन, चेतावनी बोर्ड सहित सुरक्षा के इंतजाम, पेयजल की सुविधा, हट पैगोडा निर्माण के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने यहां लगे सोलर लाइट एवं निर्मित शौचालय के मरम्मत के लिए भी निर्देशित किया। कुमेली जलप्रपात सूरजपुर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। सूरजपुर जिला मुख्यालय से यहां केतका रोड एवं राजापुर रोड होते हुए पहुंचा जा सकता है। कुमेली जलप्रपात घने वन के मध्य स्थित है जो लगभग 50 फीट ऊंचा जलप्रपात है जो वर्षा काल में और भी ज्यादा आकर्षक एवं मनमोहक दृश्य का निर्माण करता है।

जर्जर हो चुके 59 शाला भवन एवं शौचालयों को डिस्मेंटल करने की मिली अनुमति, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 152 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज

रायपुर-    गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरम्मत योग्य नहीं जर्जर हो चुके शाला भवनों को डिस्मेंटल कराने के लिए राज्य शासन द्वारा निर्देश दिए गए है, ताकि जर्जर हो चुके शाला भवनों से किसी तरह की अप्रिय घटना एवं जानमाल की क्षति होने से बचा जा सके। शाला विकास समितियों के प्रस्ताव पर मरवाही विकासखंड के अंतर्गत अत्यंत जर्जर हो चुके 59 शाला भवनों एवं शौचालयों को डिस्मेंटल करने न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी मरवाही द्वारा अनुमति प्रदान की गई है।

जारी आदेश में कहा गया है कि नवीन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 152 अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर तत्संबंध में अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मरवाही की संयुक्त जांच दल के प्रतिवेदन के अनुसार 28 शाला भवन, 18 शौचालय एवं 06 शालाओं के अतिरिक्त कक्ष भवन डिस्मेंटल योग्य पाया गया है। उपरोक्त भवनों को डिस्मेंटल करने की अनुमति पदान की गई है। डिस्मेंटल उपरांत मलबा एवं अन्य सामग्री का निस्तारण संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाएगा। संबंधित शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के बैंक खातों में नियमानुसार राशि जमा की जाएगी।

डिस्मेंटल योग्य शाला भवनों में माध्यमिक शाला धुम्माटोला, माध्यमिक शाला बरौर, माध्यमिक शाला बगरार, माध्यमिक शाला कटरा, प्राथमिक शाला देवराजपारा, प्राथमिक शाला मौहारटोला, प्राथमिक शाला सिलपहरी, प्राथमिक शाला कांसबहरा, प्राथमिक शाला डोगराटोला, प्राथमिक शाला चिलहनटोला, प्राथमिक शाला माड़ाकोट, प्राथमिक शाला बरैहाटोला, प्राथमिक शाला मडवाही, प्राथमिक शाला दुवारीटोला, प्राथमिक शाला सिलवारी, प्राथमिक शाला मढैयाटोला, प्राथमिक शाला सचराटोला, प्राथमिक शाला ठाड़पथरा, प्राथमिक शाला बलबहराटोला, प्राथमिक शाला कटरा, प्राथमिक शाला करहनिया, प्राथमिक शाला धौराठी, प्राथमिक शाला फाटपानी, प्राथमिक शाला बरटोला, प्राथमिक शाला टिकठी, प्राथमिक शाला भर्रीडांड, प्राथमिक शाला ढपनीपानी एवं प्राथमिक शाला धनुहारीटोला शामिल है।

डिस्मेंटल शौचालयों में माध्यमिक शाला धुम्माटोला, माध्यमिक शाला सिलपहरी, प्राथमिक शाला मौहारटोला, प्राथमिक शाला कांसबहरा, प्राथमिक शाला डोगराटोला-बेलझिरिया, प्राथमिक शाला पतेराटोला, प्राथमिक शाला डोगराटोला, प्राथमिक शाला ललमटियाटोला, प्राथमिक शाला भर्रीडांड, प्राथमिक शाला खलोटिहाटोला, प्राथमिक शाला चितवाहीटोला, प्राथमिक शाला कोरकोरटोला, प्राथमिक शाला मसूरीखार, प्राथमिक शाला अरमानटोला, प्राथमिक शाला पीपरडांड, प्राथमिक शाला मासुलडांड, प्राथमिक शाला भर्रीडांड एवं प्राथमिक शाला टिकठी शामिल है।

इसी तरह अतिरिक्त कक्षों में प्राथमिक शाला देवराजपारा, प्राथमिक शाला भिरहीनार, प्राथमिक शाला खरकाटोला, प्राथमिक शाला देवरीडांड, माध्यमिक शाला अण्डी एवं बालक माध्यमिक शाला उषाढ शामिल है।

1.02 करोड़ रूपए का गोलमाल: पंजीयन कार्यालयों में दस्तावेजों की जांच में पायी गई गड़बड़ी

रायपुर-     छत्तीसगढ़ शासन के पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपित्तयों के क्रय-विक्रय पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इन संपत्तियों के पंजीयन के दौरान दस्तावेज़ों के गलत मूल्यांकन को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये हैं। विभाग के सर्तकता प्रकोष्ठ द्वारा 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रुपये की राजस्व हानि की पहचान की और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। सर्तकता प्रकोष्ठ द्वारा संबंधित जिलों के जिला पंजीयक शुल्क की वसूली के लिए प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। साथ ही संबंधित उप पंजीयक एवं जिला पंजीयकों को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया गया है।

गौरतलब है कि राज्य में स्थित 102 पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध होने वाले दस्तावेजों में कर अवपंचन की रोकथाम और सतत् निगरानी के लिए महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक मुख्यालय में विभागीय सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेजों का पंजीयन से वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग ने लगभग 2505.98 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है।

महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक से मिली जानकारी के अनुसार सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और बेमेतरा जिले के अधिनस्थ पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध दस्तावेजों की रेण्डम जांच की गई। जिनमें 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रूपए की राजस्व हानि पायी गई है। इन प्रकरणों में कम बाजार मूल्य का निर्धारण, इसके अलावा मुख्य मार्ग से लगी हुई एक ही खसरे की भूमि को दो दस्तावेजों के माध्यम से मुख्य मार्ग एवं अन्य मार्ग के दर अनुसार अलग-अगल उप पंजीयकों से पंजीयन कराया जाना पाया गया है। साथ ही गाइडलाईन के उपबंधों के अनुसार मूल्याकंन नहीं किया गया है। स्टाम्प शुल्क की छूट का प्रमाण पत्र जिस व्यक्ति के नाम से था उसके नाम से दस्तावेज का पंजीयन न किया जाकर अन्य व्यक्ति के नाम से दस्तावेज का पंजीयन किया गया है तथा औद्योगिक संपत्ति का 25 प्रतिशत अधिक मूल्यांकन नहीं किया गया है। स्टाम्प शुल्क छूट का प्रमाण पत्र बैंक के लोन पर प्रभार्य मुद्रांक शुल्क से छूट का था परंतु उस प्रमाण का लाभ भूमि क्रय करने हेतु लिया गया है। स्टाम्प शुल्क छूट निजी भूमि के क्रय पर दिया गया है परंतु औद्योगिक इकाई द्वारा स्टाम्प शुल्क छूट का लाभ भवन, शेड, मशीनरी हेतु लिया गया है।

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार चयन पर फिर विवाद : नियमों को ताक पर रखकर तृतीय वर्ग कर्मचारी को रजिस्ट्रार बनाने का आरोप

रायपुर- छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार का चयन फिर विवादों में घिर गया है. इसके पूर्व कंपाउंडर देव राम साहू को रजिस्ट्रार बना दिया गया था. भारी विवाद होने पर नियुक्ति को रद्द कर नई नियुक्ति की गई है. कंपाउंडर देव राम साहू की जगह फार्मासिस्ट अश्वनी गुर्देकर को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है. इसका आदेश 14 मार्च 2024 को जारी हुआ है. इस नियुक्ति पर भी विवाद होने लगा है. नियमों को ताक पर रखकर रजिस्ट्रार की नियुक्ति करने का आरोप लगाते हुए इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य सचिव से की है. उनका कहना है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारी को स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया गया है, जबकि जबकि रजिस्ट्रार का पद द्वितीय श्रेणी पद है.

दरअसल रजिस्ट्रार की नियुक्ति मध्यप्रदेश फ़ार्मेसी रूल 1978 और फ़ार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के 1997 में दिये स्थाई आदेश के आधार पर किया जाना है. फ़ार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने किसी भी स्टेट फ़ार्मेसी कौंसिल में रजिस्ट्रार के लिए डिप्लोमा इन फ़ार्मेसी शैक्षणिक योग्यता को न्यूनतम अहर्ता घोषित किया है, लेकिन बैचलर ऑफ फ़ार्मेसी डिग्रीधारी उपलब्ध होने पर डिग्रीधारी को रजिस्ट्रार पद पर नियुक्त किया जाएगा. काउंसिल में वर्तमान में पदस्थ रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर की नियुक्ति रद्द करने की मांग करते हुए स्वास्थ्य सचिव से शिकायत की गई है.

इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने शिकायत में कहा है कि अश्वनी गुर्देकर ने रजिस्ट्रार के लिए अपने आवेदन में बी फार्म प्रैक्टिस कोर्स कर लेने का दावा किया है, जबकि अभी तक उस कोर्स का मार्कशीट प्रस्तुत नहीं किया है. उल्टा अपने आवेदन में विभाग को गुमराह करते हुए टीआर शिट को प्रस्तुत किया. वैध मार्कशीट के अभाव में डिग्री योग्यता को न ही सेवा पुस्तिका में एंट्री की जा सकती है और न ही स्टेट फ़ार्मेसी कौंसिल के रजिस्टर में योग्यता जुड़ता है. शासकीय कर्मचारियों का बिना सेवा से अवकाश लिए फुल टाइम कोर्स करना भी अपने आप में बहुत बड़ा घपला है. अंबेडकर अस्पताल के नौ शासकीय फ़र्मसिस्टों के साथ प्रदेशभर के 40 शासकीय फार्मासिस्ट बग़ैर सेवा से छुट्टी लिए एक निजी फ़ार्मेसी कॉलेज से बी फार्म प्रैक्टिस दो वर्षीय कोर्स कर लिए हैं, जिसकी शिकायत छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलपति से की गई है.

तृतीय वर्ग कर्मचारी को बनाया रजिस्ट्रार

बता दें कि अश्वनी गुर्देकर डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में स्टोर कीपर के पद पर पदस्थ हैं, जो तृतीय श्रेणी का पद है, जबकि रजिस्ट्रार का पद द्वितीय श्रेणी पद है. IPA का आरोप है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को गुमराह करते हुए रजिस्ट्रार पद के लिए वरिष्ठ फार्मासिस्ट की सूची पूरे प्रदेश से और सभी विभागों से न भेजकर केवल अस्पतालों में कार्यरत फार्मासिस्ट की सूची भेजी गई, जबकि फार्मासिस्ट खाद्य एवं औषधि प्रशासन, खाद्य एवम औषधि प्रयोगशाला , छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज़ कार्पोरेशन लिमिटेड , शासकीय फ़ार्मेसी कॉलेज , जेल विभाग के अस्पताल , पुलिस विभाग के अस्पताल , सीएसईबी अस्पताल , नगरीय निकायों के अस्पताल में भी राज्य सरकार के शासकीय फार्मासिस्ट कार्य करते हैं. दूसरी ओर मध्यप्रदेश फ़ार्मेसी रूल 1978 में वरिष्ठता के आधार पर रजिस्ट्रार की नियुक्ति का कोई प्रावधान ही नहीं है.

अश्वनी गुर्देकर ने स्वास्थ्य संचालनालय के अनापत्ति आदेश का भी उल्लंघन किया है, जिसमे बी फार्म प्रैक्टिस कोर्स करने वाले शासकीय फार्मासिस्टों को इस शर्त के साथ अनुमति प्रदान की गई है कि इस अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता का उपयोग पदोन्नति या अन्य विभागीय नियुक्तियों में नहीं की जाएगी यह केवल कार्य में दक्षता में वृद्धि के लिए है. बता दें कि स्वाथ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी कौंसिल के रजिस्ट्रार पद के लिए आधा दर्जन आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें फ़ार्मेसी विषय में पीएचडी एवं मास्टर इन फ़ार्मेसी डिग्रीधारी भी आवेदक थे, जो शासकीय सेवा में भी हैं, लेकिन सारे नियमों क़ानूनों को दरकिनार करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने डिप्लोमा धारी को रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया.

रजिस्ट्रार ने कहा – नियमानुसार हुई है नियुक्ति

इस मामले में छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नियमानुसार मेरी नियुक्ति की गई है. जो योग्यता रजिस्ट्रार पद के लिए है वो मेरे पास है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा – शिकायत सही पाने पर होगी कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, मामले की जांच की जाएगी. शिकायत सही पाए जाने पर पद से हटाया जाएगा. साथ ही कानूनी कार्रवाई भी होगी.

छत्तीसगढ़: शराब घोटाला और महादेव सट्टा एप मामले में आरोपियों को विशेष कोर्ट ने रिमांड पर भेजा, ED और EOW करेगी पूछताछ

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला और ऑनलाइन महादेव सट्टा एप मामले में विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों मामलों में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने शराब घोटाले के आरोपी कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को छह दिनों की ईडी की रिमांड पर भेजा है. वहीं महादेव सट्टा एप के जिम संचालक विश्वजीत राय समेत तीन आरोपियों को छह दिनों की रिमांड पर EOW को सौंपा गया है.

शराब घोटाला मामला

2 हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले के आरोपी कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को लेकर ED उत्तरप्रदेश से रायपुर पहुंची. नकली होलोग्राम प्रकरण में दोनों मेरठ जेल में थे. अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को गुरुवार को विशेष कोर्ट में पेश किया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को छह दिनों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रिमांड पर भेजा है. ईडी इनसे शराब घोटाले से जुड़े अहम सवालों पर पूछताछ करेगी. दोनों आरोपियों को 13 अगस्त को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा.

महादेव सट्टा एप मामला

छत्तीसगढ़ के ऑनलाइन महादेव सट्टा एप मामले में भिलाई से गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों जिम संचालक विश्वजीत राय, अतुल कुमार परिहार और भारत कुमार को भी विशेष कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को छह दिनों की ईओडब्ल्यू की रिमांड पर सौंपा है. ईओडब्ल्यू ने भिलाई से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ईओडब्ल्यू इन आरोपियों से सट्टा एप के माध्यम से हो रहे अवैध गतिविधियों पर विस्तृत पूछताछ करेगी. इन्हें भी 13 अगस्त को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

कैदियों का मानदेय बढ़ाने का मामला: राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में पेश किया शपथपत्र, याचिका निराकृत

बिलासपुर-    हाईकोर्ट में जेल के कैदियों का मानदेय बढ़ाने के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य शासन ने हाईकोर्ट में शपथपत्र पेश किया. जिसमें बताया गया कि कैदियों की कुशल और अकुशल दोनों श्रेणियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है. याचिका में की गई मांग पूरी होने के आधार पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने याचिका निराकृत कर दी.

बता दें, कि प्रदेश की जेलों में बंदियों को समुचित पारिश्रमिक दिये जाने की मांग को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी. याचिका में बताया गया था, कि कैदियों को प्रतिदिन के हिसाब से 60 से 75 रुपये तक पारिश्रमिक दिया जाता है. वर्षों से बंदियों को यही पारिश्रमिक दिया जा रहा है, जो आज के समय में पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है. इन्हें कलेक्टर दर की तरह ही मेहनताना दिया जाना चाहिए, जो बाद में इनके जीवन में काम आ सके. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. गुरुवार को शपथपत्र प्रस्तुत कर राज्य शासन की ओर से बताया गया कि प्रदेश की जेल में बंद कैदियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है. अकुशल कैदियों को 60 की जगह 80 और कुशल श्रेणी में 75 से बढ़ाकर 100 रुपए प्रतिदिन मानदेय किया जाएगा. कोर्ट ने राज्य शासन के जवाब से संतुष्ट होकर याचिका निराकृत कर दी.

मुख्यमंत्री श्री साय ने सिल्वर मेडल जीतने पर नीरज चोपड़ा को दी बधाई
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पेरिस ओलंपिक की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर भारत के नीरज चोपड़ा को बधाई और शुभकामनाएं दीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने अपना शानदार प्रदर्शन कर देशवासियों का दिल जीत लिया। लगातार दूसरे ओलंपिक में उन्होंने मेडल जीतने का करिश्मा कर दिखाया। इसके पहले टोकियो ओलंपिक में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।