1.02 करोड़ रूपए का गोलमाल: पंजीयन कार्यालयों में दस्तावेजों की जांच में पायी गई गड़बड़ी

रायपुर-     छत्तीसगढ़ शासन के पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपित्तयों के क्रय-विक्रय पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इन संपत्तियों के पंजीयन के दौरान दस्तावेज़ों के गलत मूल्यांकन को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये हैं। विभाग के सर्तकता प्रकोष्ठ द्वारा 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रुपये की राजस्व हानि की पहचान की और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। सर्तकता प्रकोष्ठ द्वारा संबंधित जिलों के जिला पंजीयक शुल्क की वसूली के लिए प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। साथ ही संबंधित उप पंजीयक एवं जिला पंजीयकों को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया गया है।

गौरतलब है कि राज्य में स्थित 102 पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध होने वाले दस्तावेजों में कर अवपंचन की रोकथाम और सतत् निगरानी के लिए महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक मुख्यालय में विभागीय सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेजों का पंजीयन से वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग ने लगभग 2505.98 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है।

महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक से मिली जानकारी के अनुसार सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और बेमेतरा जिले के अधिनस्थ पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध दस्तावेजों की रेण्डम जांच की गई। जिनमें 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रूपए की राजस्व हानि पायी गई है। इन प्रकरणों में कम बाजार मूल्य का निर्धारण, इसके अलावा मुख्य मार्ग से लगी हुई एक ही खसरे की भूमि को दो दस्तावेजों के माध्यम से मुख्य मार्ग एवं अन्य मार्ग के दर अनुसार अलग-अगल उप पंजीयकों से पंजीयन कराया जाना पाया गया है। साथ ही गाइडलाईन के उपबंधों के अनुसार मूल्याकंन नहीं किया गया है। स्टाम्प शुल्क की छूट का प्रमाण पत्र जिस व्यक्ति के नाम से था उसके नाम से दस्तावेज का पंजीयन न किया जाकर अन्य व्यक्ति के नाम से दस्तावेज का पंजीयन किया गया है तथा औद्योगिक संपत्ति का 25 प्रतिशत अधिक मूल्यांकन नहीं किया गया है। स्टाम्प शुल्क छूट का प्रमाण पत्र बैंक के लोन पर प्रभार्य मुद्रांक शुल्क से छूट का था परंतु उस प्रमाण का लाभ भूमि क्रय करने हेतु लिया गया है। स्टाम्प शुल्क छूट निजी भूमि के क्रय पर दिया गया है परंतु औद्योगिक इकाई द्वारा स्टाम्प शुल्क छूट का लाभ भवन, शेड, मशीनरी हेतु लिया गया है।

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार चयन पर फिर विवाद : नियमों को ताक पर रखकर तृतीय वर्ग कर्मचारी को रजिस्ट्रार बनाने का आरोप

रायपुर- छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार का चयन फिर विवादों में घिर गया है. इसके पूर्व कंपाउंडर देव राम साहू को रजिस्ट्रार बना दिया गया था. भारी विवाद होने पर नियुक्ति को रद्द कर नई नियुक्ति की गई है. कंपाउंडर देव राम साहू की जगह फार्मासिस्ट अश्वनी गुर्देकर को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है. इसका आदेश 14 मार्च 2024 को जारी हुआ है. इस नियुक्ति पर भी विवाद होने लगा है. नियमों को ताक पर रखकर रजिस्ट्रार की नियुक्ति करने का आरोप लगाते हुए इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य सचिव से की है. उनका कहना है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारी को स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया गया है, जबकि जबकि रजिस्ट्रार का पद द्वितीय श्रेणी पद है.

दरअसल रजिस्ट्रार की नियुक्ति मध्यप्रदेश फ़ार्मेसी रूल 1978 और फ़ार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के 1997 में दिये स्थाई आदेश के आधार पर किया जाना है. फ़ार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने किसी भी स्टेट फ़ार्मेसी कौंसिल में रजिस्ट्रार के लिए डिप्लोमा इन फ़ार्मेसी शैक्षणिक योग्यता को न्यूनतम अहर्ता घोषित किया है, लेकिन बैचलर ऑफ फ़ार्मेसी डिग्रीधारी उपलब्ध होने पर डिग्रीधारी को रजिस्ट्रार पद पर नियुक्त किया जाएगा. काउंसिल में वर्तमान में पदस्थ रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर की नियुक्ति रद्द करने की मांग करते हुए स्वास्थ्य सचिव से शिकायत की गई है.

इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने शिकायत में कहा है कि अश्वनी गुर्देकर ने रजिस्ट्रार के लिए अपने आवेदन में बी फार्म प्रैक्टिस कोर्स कर लेने का दावा किया है, जबकि अभी तक उस कोर्स का मार्कशीट प्रस्तुत नहीं किया है. उल्टा अपने आवेदन में विभाग को गुमराह करते हुए टीआर शिट को प्रस्तुत किया. वैध मार्कशीट के अभाव में डिग्री योग्यता को न ही सेवा पुस्तिका में एंट्री की जा सकती है और न ही स्टेट फ़ार्मेसी कौंसिल के रजिस्टर में योग्यता जुड़ता है. शासकीय कर्मचारियों का बिना सेवा से अवकाश लिए फुल टाइम कोर्स करना भी अपने आप में बहुत बड़ा घपला है. अंबेडकर अस्पताल के नौ शासकीय फ़र्मसिस्टों के साथ प्रदेशभर के 40 शासकीय फार्मासिस्ट बग़ैर सेवा से छुट्टी लिए एक निजी फ़ार्मेसी कॉलेज से बी फार्म प्रैक्टिस दो वर्षीय कोर्स कर लिए हैं, जिसकी शिकायत छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलपति से की गई है.

तृतीय वर्ग कर्मचारी को बनाया रजिस्ट्रार

बता दें कि अश्वनी गुर्देकर डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में स्टोर कीपर के पद पर पदस्थ हैं, जो तृतीय श्रेणी का पद है, जबकि रजिस्ट्रार का पद द्वितीय श्रेणी पद है. IPA का आरोप है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को गुमराह करते हुए रजिस्ट्रार पद के लिए वरिष्ठ फार्मासिस्ट की सूची पूरे प्रदेश से और सभी विभागों से न भेजकर केवल अस्पतालों में कार्यरत फार्मासिस्ट की सूची भेजी गई, जबकि फार्मासिस्ट खाद्य एवं औषधि प्रशासन, खाद्य एवम औषधि प्रयोगशाला , छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज़ कार्पोरेशन लिमिटेड , शासकीय फ़ार्मेसी कॉलेज , जेल विभाग के अस्पताल , पुलिस विभाग के अस्पताल , सीएसईबी अस्पताल , नगरीय निकायों के अस्पताल में भी राज्य सरकार के शासकीय फार्मासिस्ट कार्य करते हैं. दूसरी ओर मध्यप्रदेश फ़ार्मेसी रूल 1978 में वरिष्ठता के आधार पर रजिस्ट्रार की नियुक्ति का कोई प्रावधान ही नहीं है.

अश्वनी गुर्देकर ने स्वास्थ्य संचालनालय के अनापत्ति आदेश का भी उल्लंघन किया है, जिसमे बी फार्म प्रैक्टिस कोर्स करने वाले शासकीय फार्मासिस्टों को इस शर्त के साथ अनुमति प्रदान की गई है कि इस अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता का उपयोग पदोन्नति या अन्य विभागीय नियुक्तियों में नहीं की जाएगी यह केवल कार्य में दक्षता में वृद्धि के लिए है. बता दें कि स्वाथ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी कौंसिल के रजिस्ट्रार पद के लिए आधा दर्जन आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें फ़ार्मेसी विषय में पीएचडी एवं मास्टर इन फ़ार्मेसी डिग्रीधारी भी आवेदक थे, जो शासकीय सेवा में भी हैं, लेकिन सारे नियमों क़ानूनों को दरकिनार करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने डिप्लोमा धारी को रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया.

रजिस्ट्रार ने कहा – नियमानुसार हुई है नियुक्ति

इस मामले में छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नियमानुसार मेरी नियुक्ति की गई है. जो योग्यता रजिस्ट्रार पद के लिए है वो मेरे पास है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा – शिकायत सही पाने पर होगी कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, मामले की जांच की जाएगी. शिकायत सही पाए जाने पर पद से हटाया जाएगा. साथ ही कानूनी कार्रवाई भी होगी.

छत्तीसगढ़: शराब घोटाला और महादेव सट्टा एप मामले में आरोपियों को विशेष कोर्ट ने रिमांड पर भेजा, ED और EOW करेगी पूछताछ

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला और ऑनलाइन महादेव सट्टा एप मामले में विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों मामलों में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने शराब घोटाले के आरोपी कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को छह दिनों की ईडी की रिमांड पर भेजा है. वहीं महादेव सट्टा एप के जिम संचालक विश्वजीत राय समेत तीन आरोपियों को छह दिनों की रिमांड पर EOW को सौंपा गया है.

शराब घोटाला मामला

2 हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले के आरोपी कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को लेकर ED उत्तरप्रदेश से रायपुर पहुंची. नकली होलोग्राम प्रकरण में दोनों मेरठ जेल में थे. अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को गुरुवार को विशेष कोर्ट में पेश किया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को छह दिनों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रिमांड पर भेजा है. ईडी इनसे शराब घोटाले से जुड़े अहम सवालों पर पूछताछ करेगी. दोनों आरोपियों को 13 अगस्त को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा.

महादेव सट्टा एप मामला

छत्तीसगढ़ के ऑनलाइन महादेव सट्टा एप मामले में भिलाई से गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों जिम संचालक विश्वजीत राय, अतुल कुमार परिहार और भारत कुमार को भी विशेष कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को छह दिनों की ईओडब्ल्यू की रिमांड पर सौंपा है. ईओडब्ल्यू ने भिलाई से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ईओडब्ल्यू इन आरोपियों से सट्टा एप के माध्यम से हो रहे अवैध गतिविधियों पर विस्तृत पूछताछ करेगी. इन्हें भी 13 अगस्त को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

कैदियों का मानदेय बढ़ाने का मामला: राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में पेश किया शपथपत्र, याचिका निराकृत

बिलासपुर-    हाईकोर्ट में जेल के कैदियों का मानदेय बढ़ाने के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य शासन ने हाईकोर्ट में शपथपत्र पेश किया. जिसमें बताया गया कि कैदियों की कुशल और अकुशल दोनों श्रेणियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है. याचिका में की गई मांग पूरी होने के आधार पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने याचिका निराकृत कर दी.

बता दें, कि प्रदेश की जेलों में बंदियों को समुचित पारिश्रमिक दिये जाने की मांग को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी. याचिका में बताया गया था, कि कैदियों को प्रतिदिन के हिसाब से 60 से 75 रुपये तक पारिश्रमिक दिया जाता है. वर्षों से बंदियों को यही पारिश्रमिक दिया जा रहा है, जो आज के समय में पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है. इन्हें कलेक्टर दर की तरह ही मेहनताना दिया जाना चाहिए, जो बाद में इनके जीवन में काम आ सके. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. गुरुवार को शपथपत्र प्रस्तुत कर राज्य शासन की ओर से बताया गया कि प्रदेश की जेल में बंद कैदियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है. अकुशल कैदियों को 60 की जगह 80 और कुशल श्रेणी में 75 से बढ़ाकर 100 रुपए प्रतिदिन मानदेय किया जाएगा. कोर्ट ने राज्य शासन के जवाब से संतुष्ट होकर याचिका निराकृत कर दी.

मुख्यमंत्री श्री साय ने सिल्वर मेडल जीतने पर नीरज चोपड़ा को दी बधाई
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पेरिस ओलंपिक की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर भारत के नीरज चोपड़ा को बधाई और शुभकामनाएं दीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने अपना शानदार प्रदर्शन कर देशवासियों का दिल जीत लिया। लगातार दूसरे ओलंपिक में उन्होंने मेडल जीतने का करिश्मा कर दिखाया। इसके पहले टोकियो ओलंपिक में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।
छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में अध्यक्ष समेत 7 सदस्यों की नियुक्ति

रायपुर- छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अधिसूचना दिनांक 16 जुलाई 2024 के अनुसार आयोग में नई नियुक्तियाँ की गई हैं। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग मंत्रालय ने इसका आदेश और नवनियुक्त अध्यक्ष और सदस्यों नामों की सूची जारी की है।

शासन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक सेवानिवृत्त IAS आर.एस विश्वकर्मा को आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा 6 सदस्यों की नियुक्ति की गई है। सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक नीलांबर नायक को बलौदाबाजार-भाठापारा, सेवानिवृत्त सहायक प्राध्यापक और पूर्व सचिव राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग बलदाऊराम साहू को दुर्ग, हरिशंकर यादव को टिकलीपारा फरसाबहार और सेवानिवृत्त प्राचार्य यशवंत वर्मा को जशपुर से सदस्य नियुक्त किया गया है। शैलेन्द्री परगनिया, अधिवक्ता को सड्डू रायपुर से सदस्य और कृष्णा गुप्ता को बलरामपुर से सदस्य नियुक्त किया गया है।

बता दें कि नियुक्त अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में पद ग्रहण की तिथि से अधिनियम की कंडिका 4 के अनुसार 3 माह का होगा। वेतन, मानदेय और भत्ता आदि के संबंध में प्रशासकीय विभाग द्वारा पृथक से निर्देश जारी किए जाएंगे।

स्कूलों में स्वतंत्रता सप्ताह के दौरान ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम का होगा आयोजन

रायपुर-   छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारियों को ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह कार्यक्रम 09 अगस्त से 15 अगस्त 2024 तक स्वतंत्रता सप्ताह के दौरान आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय ध्वज ‘तिरंगा’ के प्रति गौरव की भावना को बढ़ावा देना और आम जनता में देश प्रेम की भावना को विकसित करना है। कार्यक्रम के अंतर्गत सभी कार्यक्रम के अंतर्गत सभी स्कूलों में शिक्षक, विद्यार्थी, एनसीसी, एनएसएस के कैडेट, अभिभावक, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने घरों पर तिरंगा फहराएं।

स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन करने का निर्देश दिया है, जिसमें स्कूल स्तर पर तिरंगा रैलियों का आयोजन, तिरंगा दौड़ और मैराथन का आयोजन, तिरंगा सम्मान का आयोजन, विद्यार्थियों द्वारा प्रभात फेरी, विद्यालयों में ध्वजारोहण उपरांत मिष्ठान वितरण का आयोजन और तिरंगा सम्मान से संबंधित निबंध व चित्रकला प्रतियोगिताएं शामिल हैं। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे कार्यक्रम के सुचारू संचालन की निगरानी सुनिश्चित करें।

छत्तीसगढ़ की अनूठी सुंदरता से मंत्रमुग्ध हुए पर्यटन प्रचारक, भारत के विभिन्न राज्यों से आये पर्यटन प्रचारकों ने किया जंगल सफारी का भ्रमण

रायपुर-     छत्तीसगढ़ में 5 से 8 अगस्त तक “छत्तीसगढ़ कनेक्ट 2024” कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड, टूरिज़्म इंडिया अलायन्स और छत्तीसगढ़ टूरिज़्म ट्रेड एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया है। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों से 40 से अधिक पर्यटन प्रचारकों को आमंत्रित कर छत्तीसगढ़ की अनूठी सुंदरता विशेषकर बस्तर का विशेष अनुभव कराया गया। कार्यक्रम के तहत देशभर से आये पर्यटन प्रचारक छत्तीसगढ़ की नैसर्गिक सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गए।

इसी तारतम्य में आज 8 अगस्त 2024 को पर्यटन प्रचारक नवा रायपुर स्थित जंगली सफारी का भ्रमण करने पहुंचे, जहां प्रबंधन द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। जंगल सफारी भ्रमण की शुरुआत "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के अन्तर्गत पौधारोपण से हुई, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

जंगल सफारी के संचालक धम्मशील गणवीर ने सफारी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पर्यटन प्रचारकों को क्षेत्र के विविध वन्यजीवों और प्राकृतिक परिदृश्यों के बारे में बताया। उन्होंने बस्तर क्षेत्र में अपने पूर्व अनुभवों को भी साझा किया, जिसमें स्थानीय जनजातीय समुदायों और उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ प्रकृति से गहरे संबंधों का उल्लेख किया।

इस दौरान अतिथियों को जंगल सफारी पर आधारित डाक्यूमेंट्री फ़िल्म भी दिखाई गई। जंगल सफारी के संचालक धम्मशील गणवीर ने युवान वोलंटियर्स प्रोग्राम के माध्यम से युवाओं को वन्यजीव संरक्षण में जोड़ने के लिए जंगल सफारी प्रबंधन द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में भी बताया साथ ही छत्तीसगढ़ में जंगल सफारी को पर्यटन का प्रमुख आकर्षन बनाने में टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स की भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने सभी पर्यटन ऑपरेटरों और प्रचारकों से छत्तीसगढ़ में ईको पर्यटन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने की अपील की।

बच्चों के लिए मोबाइल बन रहा साइबर बुलिंग का बड़ा कारण, शिक्षकों को इस संबंध में जागरूक करने कार्यशाला आयोजित

रायपुर-  आधुनिक तकनीक और मोबाइल के अत्यधिक उपयोग ने बच्चों को साइबर बुलिंग के जोखिम में डाल दिया है। साइबर बुलिंग से बच्चों को बचाने और उन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यशाला में रायपुर और आसपास के क्षेत्रों के सभी स्कूलों के प्राचार्यों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि सोनल गुप्ता, सदस्य बाल संरक्षण आयोग, ने साइबर बुलिंग के बढ़ते खतरे पर गहन चर्चा की और शिक्षकों से इस दिशा में सतर्क रहने का आग्रह किया। साइबर बुलिंग के अंतर्गत बच्चों के साथ हो रही छेड़छाड़, अपमानजनक टिप्पणियाँ, हतोत्साहित करने वाले संदेश और अन्य मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न शामिल हैं। शिक्षकों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे न केवल बच्चों को शिक्षित करें बल्कि उन्हें इन खतरों से भी बचाएँ।

कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर डॉ. विजय कुमार खण्डेलवाल ने बताया कि साइबर बुलिंग आज के समाज के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। बच्चों के बीच यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, जिससे उनके मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि स्कूलों, खेल के मैदानों, कोचिंग संस्थानों और स्कूल के बाहर बच्चों के साइबर बुलिंग के शिकार होने की संभावना अधिक होती है। इस दौरान कुछ सामान्य संकेतों को पहचाना जा सकता है, जैसे कि बच्चों का असामान्य व्यवहार, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक संकेत, अत्यधिक मौखिक और शारीरिक झगड़े, छेड़खानी करने वाली टोली में शामिल होना, आक्रामक व्यवहार, नए छात्रों का उत्पीड़न, लगातार प्राचार्य कक्ष में जाना। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साइबर बुलिंग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और शिक्षकों को इसके रोकथाम के उपाय सुझाए। इस कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना था।

राज्य जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन एजेंसी की शासी परिषद की बैठक सम्पन्न

रायपुर-   मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन एजेंसी की शासी परिषद की सातवी बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रमों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन के संबंध में भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाईडलाइन के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए है। इसी तरह से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत पौधा रोपण सहित अमृत सरोवर, स्टापडेम, चेकडेम, ड्रिप सिस्टम सहित अन्य जलसंग्रहण क्षेत्र की गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।

बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि राज्य में करीब 4850 जलग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इससे करीब 8530 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई रकबा की वृद्धि हुई है। इससे राज्य के किसानों को लाभ हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि जलग्रहण परियोजनाओं के अंतर्गत 125 हेक्टेयर क्षेत्र में कैक्टस खेती का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक सहित वन विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन, नाबार्ड, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड सहित शासी परिषद के अन्य सदस्य शामिल हुए।