पीएम ने दी नीरज चोपड़ा को बधाई, बोले- ओलंपिक में रजत पदक जीत देश का गौरव बढ़ाया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले जेवलिन थ्रो (भालाफेंक) स्टार नीरज चोपड़ा को बधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि वह उत्कृष्टता के साकार रूप हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर उन्हें बधाई देते हुए लिखा, 'नीरज चोपड़ा उत्कृष्टता का साकार रूप हैं । बार-बार उन्होंने अपनी श्रेष्ठता की बानगी दिखाई है। देश बेहद खुश है कि उन्होंने एक बार फिर ओलंपिक में सफलता पाई है ।' इसके साथ ही पीएम ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि वह आने वाले असंख्य एथलीटों को अपने सपने पूरे करने और देश को गौरवान्वित करने के लिये प्रेरित करते रहेंगे 

राष्ट्रपति ने भी दी बधाई

नीरज चोपड़ा के सिल्वर मेडल जीतने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बधाई दी है। राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने के लिए नीरज चोपड़ा को हार्दिक बधाई। वह लगातार दो ओलंपिक खेलों में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं। देश को उन पर गर्व है। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। भारत को उम्मीद है कि नीरज चोपड़ा भविष्य में और भी मेडल जीतेंगे।

आपने फिर देश का गौरव बढ़ाया-अमित शाह

वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट करके नीरज चोपड़ा को सिल्वर मेडल की बधाई दी। उन्होंने लिखा कि अभूतपूर्व नीरज चोपड़ा, आपने एक बार फिर देश का गौरव बढ़ाया है। शाबाश चैंपियन! पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने पर बधाई। आपने भारतीय खेलों के इतिहास में एक गौरवशाली प्रसंग लिख कर तिरंगे का सम्मान बढ़ाया है। पूरा देश आपके पराक्रम से खुद गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, सिल्वर मेडल जीतकर भी लगाई रिकॉर्ड्स की झड़ी

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पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता। पाकिस्तान के अरशद नदीम 92.97 मीटर के रिकॉर्ड थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा पेरिस में अपने प्रदर्शन को नहीं दोहरा सके और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। पाकिस्तान के नदीम ने अपने दूसरे प्रयास में 92.97 मीटर का रिकॉर्ड थ्रो कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं, नीरज चोपड़ा ने दूसरे प्रयास में 89.45 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत और ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स 88.54 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

नीरज सिर्फ एक ही सफल प्रयास कर सके और उन्होंने छह में से पांच फाउल किए, जबकि नदीम ने छठे प्रयास में 91.79 मीटर का थ्रो किया। यह इस मैच में दूसरी बार था जब नदीम ने 90 मीटर से अधिक का थ्रो किया। नीरज ने इस सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 89.45 मीटर दूर भाला फेंका।

नीरज ने बनाए बड़े रिकॉर्ड

1. 26 साल के नीरज चोपड़ा ओलंपिक में एथलेटिक्स के 2 मेडल जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बन गए। उन्होंने इससे पहले टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड मेडल जीता था। नीरज से पहले एथलेटिक्स में भारत के लिए किसी ने एक भी मेडल नहीं जीता था।

2. नीरज ने लगातार दूसरे ओलंपिक में मेडल जीत लिया और ऐसा करने वाले वो सिर्फ चौथे भारतीय एथलीट बन गए। नीरज के अलावा सुशील कुमार (2008, 2012), पीवी सिंधु (2016, 2020) और मनु भाकर (दोनों 2024) ने ये कमाल किया था।

3. सिर्फ भारत के ही नहीं, बल्कि नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो में दो ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले एशियन एथलीट भी बन गए हैं। उनसे पहले किसी ने एक बार भी ये कमाल नहीं किया था।

4. नीरज ने इस फाइनल में अपने दूसरे प्रयास में 89.45 मीटर थ्रो किया, जिसने उन्हें सिल्वर मेडल दिलाया। ये ओलंपिक फाइनल में उनका सबसे बड़ा थ्रो था। इससे पहले टोक्यो में नीरज ने 87.58 मीटर के साथ ही गोल्ड जीता था।

5. इतना ही नहीं, नीरज एथलेटिक्स में 2 ओलंपिक और 2 वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल जीतने वाले पहले भारतीय भी बन गए। टोक्यो और पेरिस ओलंपिक के मेडल्स के अलावा नीरज ने 2022 में यूजीन वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर और फिर 2023 में बुडापेस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड अपने नाम किया था।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने जीता ब्रॉन्ज मेडल, स्पेन को 2-1 से हराया
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भारत ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। भारतीय हॉकी टीम ने गुरुवार को स्पेन को 2-1 से हराकर यह मेडल जीता। भारत ने लगातार दूसरे ओलंपिक में मेडल जीता है। भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में भी ब्रॉन्ज मेडल ही जीता था। ओवरऑल यह भारत का ओलंपिक में 13वां मेडल है। इनमें 8 मेडल तो गोल्ड ही हैं।

भारत और स्पेन के बीच पहले क्वार्टर में शानदार टक्कर देखने को मिली. दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों ने लगातार गोल मारने की कोशिश की, लेकिन डिफेंस ने अच्छा खेल दिखाया, जिसके चलते पहले क्वार्टर में कोई गोल देखने को नहीं मिला।

दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही स्पेन की ओर से मैच का पहला गोल देखने को मिला. 18वें मिनट में मार्क मिरालेस पोर्टिलो ने पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल किया। इसके बाद 20वें मिनट में भी स्पेन को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। हालांकि वह इसे गोल में नहीं बदल सके। खेल के 29वें मिनट में भारत को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन यहां भी गोल देखने को नहीं मिला। फिर इस हाफ के आखिरी मिनट में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। इस बार भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने गोल दागा और मुकाबला 1-1 की बराबरी पर ला खड़ा किया।

भारतीय टीम ने दूसरे हाफ में भी अपने दमदार खेल को जारी रखा। तीसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में भी भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला. हरमनप्रीत सिंह ने इस बार भी कोई गलती नहीं की और भारत के लिए मैच का दूसरा गोल दागा, जिसके चलते भारत ने 2-1 की बढ़त बना ली। भारत के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश की ओर से आखिरी क्वार्टर में कमाल का खेल दिखाया. उन्होंने आखिरी मिनट में दो गोल बचाकर भारतीय टीम की जीत तय की।

भारत ने 1980 में मॉस्को ओलंपिक के बाद से इन खेलों में अब तक स्वर्ण नहीं जीता है। भारत ने टोक्यो 2020 में 41 साल का पदक का सूखा समाप्त किया था और मनप्रीत सिंह की अगुआई में कांस्य पदक जीता था। अब तीन साल बाद भारतीय टीम ने पेरिस ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीता है। भारत ने कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन को 2-1 से हरा दिया।
वक्फ बोर्ड क्या होते हैं, कानून में संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी?
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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम करने का प्लान बनाया है। इसको लेकर केन्द्र की मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन का बिल संसद में पेश किया।इस नए बिल में किसी जमीन को अपनी संपत्ति यानी वक्फ की संपत्ति बताने वाली पावर पर रोक लगेगी।सरकार का कहना है कि इस विधेयक के जरिए वक्फ बोर्ड को मिली असीमित शक्तियों पर अंकुश लगाकर बेहतर और पारदर्शी तरीके से प्रबंधन किया जाएगा। सरकार ने इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की सिफारिश की है।

वक्फ और वक्फ की संपत्तियों को लेकर हिंदुस्तान में गाहे ब गाहे चर्चा होती रहती है। हममें से ज़्यादातर लोगों ने वक्फ के बारे में सुना तो है, लेकिन जानते नहीं कि वक्फ होता क्या है।आइये समझते हैं कि वक्फ बोर्ड क्या है, इसे कौन-कौन सी पावर मिली हुई है।

*वक्फ बोर्ड क्या है*
वक्फ अरबी भाषा के वकुफा शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ठहरना। इसी से बना वक्फ। यानी ऐसी जमीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है। वक्फ एक ऐसी संपत्ति होती है, जो जन-कल्याण को समर्पित हो। वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति हो सकती है, जिसे इस्लाम को मानने वाला कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए दान कर सकता है। इस दान की हुई संपत्ति की कोई भी मालिक नहीं होता है। दान की हुई इस संपत्ति का मालिक अल्लाह को माना जाता है। लेकिन, उसे संचालित करने के लिए कुछ संस्थान बनाए गए है। वक्फ की संपत्ति का संचालन करने के लिए वक्फ बोर्ड होते हैं। ये स्थानीय और राज्य स्तर पर बने होते हैं।
वक्फ बोर्ड का एक सर्वेयर होता है। वही तय करता है कि कौन सी संपत्ति वक्फ की है, कौन सी नहीं। इस निर्धारण के तीन आधार होते हैं- अगर किसी ने अपनी संपत्ति वक्फ के नाम कर दी, अगर कोई मुसलमान या मुस्लिम संस्था जमीन की लंबे समय से इस्तेमाल कर रहा है या फिर सर्वे में जमीन का वक्फ की संपत्ति होना साबित हुआ। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था। जिससे इन जमीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने और गैरकानूनी तरीकों से बेचने पर रोक के लिए बनाया गया था।

*भारत में कब बना वक्फ बोर्ड?*
1947 में आज़ादी के बाद पूरे देश में पसरी वक्फ संपत्तियों के लिए एक स्ट्रक्चर बनाने की बात हुई। इसी तरह साल 1954 में संसद ने वक्फ एक्ट 1954 पास किया। इसी के नतीजे में वक्फ बोर्ड बना। ये एक ट्रस्ट था, जिसके तहत सारी वक्फ संपत्तियां आ गईं। 1955 में यानी कानून लागू होने के एक साल बाद, इस कानून में संशोधन कर राज्यों के लेवल पर वक़्फ बोर्ड बनाने का प्रावधान किया गया। इसके बाद साल 1995 में नया वक्फ बोर्ड एक्ट आया और 2013 में इसमें संशोधन किये गए।
फिलहाल जो व्यवस्था है, वो इन्हीं कानूनों और संशोधनों के तहत चल रही है। प्रायः मुस्लिम धर्मस्थल वक्फ बोर्ड एक्ट के तहत ही आते हैं। लेकिन इसके अपवाद भी हैं। जैसे ये कानून अजमेर शरीफ दरगाह पर लागू नहीं होता। इस दरगाह के प्रबंधन के लिए दरगाह ख्वाजा साहिब एक्ट 1955 बना हुआ है।

*कैसे काम करता है वक्फ बोर्ड*
वक्फ बोर्ड देशभर में जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है। इन मजारों और आसपास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता है। चूंकि 1995 का वक्फ एक्ट कहता है कि अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं, बल्कि जमीन के असली मालिक की होती है कि वो बताए कि कैसे उसकी जमीन वक्फ की नहीं है। 1995 का कानून यह जरूर कहता है कि किसी निजी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड अपना दावा नहीं कर सकता, लेकिन यह तय कैसे होगा कि संपत्ति निजी है? अगर वक्फ बोर्ड को सिर्फ लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की है तो उसे कोई दस्तावेज या सबूत पेश नहीं करना है। सारे कागज और सबूत उसे देने हैं जो अब तक दावेदार रहा है। कौन नहीं जानता है कि कई परिवारों के पास जमीन का पुख्ता कागज नहीं होता है। वक्फ बोर्ड इसी का फायदा उठाता है क्योंकि उसे कब्जा जमाने के लिए कोई कागज नहीं देना है।

*क्यों पड़ी संशोधन की जरुरत*
सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन करके केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। इसमें कहा गया है कि किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित नोटिस के साथ राजस्व कानूनों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का कहना है कि संशोधन विधेयक के पीछे का मकशद वक्फ बोर्डों के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है। इन निकायों में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करना है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह संसोधन मुस्लिम समुदाय की मांग पर किया जा रहा है।
वक्फ बिल पर अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि भड़के अमित शाह, बोले-आप इस तरह की गोलमोल बातें नहीं कर सकते

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संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में इस बिल का विरोध करते हुए हंगामा किया। सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस दौरान अमित शाह सपा मुखिया पर भी भड़कते हुए नजर आए।

लोकसभा में पेश वक्फ बिल के विरोध में अखिलेश यादव ने कहा, ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। अखिलेश ने इस बिल को धार्मिक आस्था पर हमला बताते हुए कहा कि साजिश के तहत बिल लाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। इस दौरान अखिलेश ने स्पीकर के अधिकार छीने जाने की बात कही। उन्होंने कहा अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी तक को भुगतना पड़ा। बीजेपी अपनी हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तु्ष्टिकरण के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है। अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर से कहा, महोदय मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं इसलिए हम सब को आपके लिए भी लड़ना पड़ेगा।

अखिलेश ने सदन अध्यक्ष के हक की बीत की जिस पर अमित शाह अपनी सीट से उठकर खड़े हो गए और नाराज होते हुए कहा कि अखिलेश जी गोलमोल बातें ना करें। अखिलेश की बात को सुनते ही अमित शाह ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि स्पीकर महोदय, ये (अखिलेश) आसन का अपमान कर रहे हैं। अखिलेश अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं।

बेहिसाब संपत्ति मामले में तमिलनाडु के दो मंत्रियों के खिलाफ होगी सुनवाई, कोर्ट ने पेश होने का दिया निर्देश




मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के राजस्व मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन और वित्त मंत्री थंगम थेनारासु को आय से अधिक संपत्ति मामलों में बरी किए जाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बुधवार को रद्द कर दिया। रामचंद्रन और थेनारासु को सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय की ओर से दर्ज किए गए मामलों में मुकदमे का सामना करना होगा। हाईकोर्ट ने निचली अदालत को दोनों के खिलाफ आरोप तय करने और कानून के अनुरूप कार्यवाही का निर्देश दिया।


जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने विरिधुनगर जिले की सांसदों और विधायकों के मामलों की विशेष अदालत के 20 जुलाई, 2023 और 12 दिसंबर, 2022 के आदेश के खिलाफ अपनी ओर से दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई की। विशेष अदालत के आदेश में रामचंद्रन और थंगम थेनारासु को आय से अधिक संपत्ति मामलों में बरी किया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, रामचंद्रन ने अपने और अपनी पत्नी पी विसालाक्षी के अलावा अपने मित्र केएसपी षणमुगामूर्ति के नाम पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति तब अर्जित की थी, जब वह द्रमुक सरकार के दौरान 2006 से 2011 के बीच स्वास्थ्य और पिछड़ा वर्ग मंत्री थे। थेनारासु पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने और अपनी पत्नी टी मणिमेगलाई के नाम पर 2006 से 2011 के बीच आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति तब अर्जित की थी, जब वह स्कूल शिक्षा मंत्री थे।
नागासाकी परमाणु स्मारक समारोह में इस्राइल को न बुलाए जाने पर विवाद, अमेरिकी राजदूत भी नहीं होंगे शामिल


जापान के नागासाकी में परमाणु बम विस्फोट की याद में बनाए गए स्मारक पर हर साल होने वाला समारोह इस बार राजनीति का शिकार हो गया है। नागासाकी के मेयर ने पश्चिम एशिया में जारी हिंसा के चलते इस्राइल को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया है। इस बात से अमेरिका नाराज हो गया है और यही वजह है कि जापान में अमेरिका के राजदूत रहम इमैनुएल ने नागासाकी स्मारक सेवा समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।


अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि राजदूत इमैनुएल शुक्रवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। बयान के अनुसार, इस्राइल को आमंत्रित नहीं करने के फैसले से कार्यक्रम का राजनीतिकरण हो गया है। अमेरिका के राजदूत शुक्रवार को नागासाकी जाने के बजाय टोक्यो में ही एक बौद्ध मंदिर में नागासाकी परमाणु बम विस्फोट के पीड़ितों को सम्मानित करेंगे। नागासाकी के मेयर शिरो सुजुकी ने बीते जून में ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि वह नागासाकी परमाणु बम स्मारक सेवा में इस्राइल को आमंत्रित नहीं करेंगे। नागासाकी के मेयर ने पिछले हफ्ते एलान किया कि कार्यक्रम के दौरान विरोध, तोड़फोड़ और हमले जैसी आशंका को देखते हुए इस्राइल को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है। मेयर ने कहा कि वह चाहते हैं कि नागासाकी परमाणु बम पीड़ितों को शांतिपूर्ण और गंभीर माहौल में श्रद्धांजलि दी जाए।


इसके उलट हिरोशिमा में मंगलवार को हुए स्मारक समारोह में जापान में इस्राइल के राजदूत को आमंत्रित किया गया था। हिरोशिमा के कार्यक्रम में अमेरिकी राजदूत समेत कई अन्य देशों के राजदूत भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि हिरोशिमा के कार्यक्रम में फलस्तीन के प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया था। नागासाकी के कार्यक्रम में अमेरिका राजदूत के शामिल न होने के साथ ही कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली और ब्रिटेन समेत कई अन्य देश भी अपने निचले स्तर के दूत ही कार्यक्रम में भेज सकते हैं। विभिन्न देशों को राजदूतों ने एक साझा बयान में कहा है कि इस्राइल को कार्यक्रम से बाहर रखने से गलत संदेश जाएगा।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर संयुक्त राज्य अमेरिका परमाणु बम गिराया था, जिससे शहर तबाह गया था। इससे 1,40,000 लोग मारे गए थे। तीन दिन बाद अमेरिका ने नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया, जिसमें 70,000 लोगों की जान चली गई थी। इन हमलों के बाद जापान ने 15 अगस्त, 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया।
उत्तराखंड में मनाया जाएगा आठवां बर्ड फेस्टिवल, पक्षियों की कुल प्रजातियों का 50 प्रतिशत अकेले इसी राज्य में





राज्य में आठवां उत्तराखंड बर्ड फेस्टिवल मानने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस साल मसूरी वन प्रभाग में 18 से 20 अक्टूबर तक उत्तराखंड बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने फेस्टिवल की तारीख का ऐलान किया है. साथ ही इससे संबंधित वेबसाइट को भी लॉन्च किया गया.


उत्तराखंड में पक्षियों की कुल प्रजातियों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं और राज्य के कई क्षेत्रों में चिड़िया की विभिन्न प्रजातियों की भरमार है. उत्तराखंड के कई क्षेत्र बर्ड वाचिंग डेस्टिनेशन के लिहाज से मुफीद माने जाते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड वाचिंग का शौक रखने वाले लोगों की अच्छी खासी संख्या है. ऐसे में उत्तराखंड में बर्ड वाचिंग डेस्टिनेशन के रूप में कई क्षेत्रों को विकसित किया जा सकता है.


वन मंत्री सुबोध उनियाल ने अधिकारियों के साथ इस संबंध में बातचीत की. जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में बर्ड वाचिंग के लिए बेहतर स्थानों को चिन्हित किया जाएगा और इन्हें डेस्टिनेशन के रूप में भी स्थापित किया जाएगा. साथ ही नेचर गाइड की तरह ही बर्ड वाचिंग के लिए गाइड के रूप में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

लोगों को मिलेगा रोजगार

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि बर्ड फेस्टिवल को रेगुलर रूप से आयोजित किया जाना जरूरी है और पिछले सालों में इसे कई बार बड़े स्तर पर आयोजित नहीं किया गया, लेकिन अब भविष्य में इसे अनिवार्य रूप से हर साल आयोजित किया जाए, इसके लिए खाका तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके जरिए लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और वह बेहतर आमदनी से जुड़ पाएंगे
सोने की कीमतों में आई गिरावट, लेकिन चांदी में आया उछाल; जानिए ग्लोबल लेटेस्ट प्राइस


विदेशी बाजारों में कीमती धातुओं में गिरावट के बीच बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने का भाव 350 रुपये गिरकर 71,350 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। वहीं, चांदी 200 रुपये बढ़कर 82,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।


पिछले सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 71,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, लगातार चार दिनों की भारी गिरावट के बाद चांदी की कीमतों में उछाल आया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी 200 रुपये बढ़कर 82,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पिछले कारोबार में 82,000 रुपये प्रति किलोग्राम थी।


इस बीच, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 350 रुपये गिरकर 71,000 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। पिछले बंद भाव में यह 71,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। व्यापारियों ने सोने की कीमतों में गिरावट का श्रेय घरेलू सीमा शुल्क में कमी और वैश्विक प्रभावों को दिया।


वैश्विक मोर्चे पर कॉमेक्स पर सोना 2393 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया, जो पिछले बंद भाव से 16 डॉलर कम है। “डॉलर इंडेक्स के साथ-साथ यूएस ट्रेजरी यील्ड के बढ़ने से कॉमेक्स गोल्ड में गिरावट आई। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में चांदी मामूली रूप से गिरकर 26.90 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) द्वारा सोने की खरीद पर लगातार रोक से बुलियन पर दबाव पड़ा, जबकि यह लगातार तीसरा महीना था जब चीनी केंद्रीय बैंक ने कोई सोना नहीं खरीदा।

कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च की एवीपी कायनात चैनवाला के अनुसार, अमेरिकी डॉलर और यूएस ट्रेजरी यील्ड में सुधार के कारण कॉमेक्स गोल्ड (दिसंबर) वायदा मंगलवार को कम हुआ।
जेपी नड्डा के नाम से BJP विधायक को आया फर्जी कॉल, UP से गिरफ्तार हुआ आरोपी



मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नाम से सवा लाख रुपए की मांग की गई थी। आरोपी ने विधायक से पैसे मांगने के लिए एक फर्जी क्यूआर कोड भेजा था। इस मामले में आरोपी को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया है।

दरअसल, बैतूल जिले की आमला सीट से बीजेपी के MLA डॉक्टर योगेश पंडाग्रे को तीन चार दिन पहले फोन कॉल आया था. कॉल करने वाले ने अपना नाम नीरज सिंह बताया तथा स्वयं को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऑफिस स्टाफ बताया था. नीरज सिंह MLA को बार-बार फोन करके सवा लाख रुपए की मांग रहा था. फोन करने वाला बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम कराने के लिए रुपयों की मांग कर रहा था. उसने MLA से रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए बोला तथा इसके लिए MLA के whatsapp पर क्यूआर कोड भी भेजा. जब MLA डॉक्टर योगेश पंडाग्रे को संदेह हुआ तो इस मामले में गंज पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज की. पुलिस ने साइबर टीम की सहायता से अपराधी को नीरज सिंह राठौर पिता शिवराज सिंह राठौर (39 साल) निवासी ग्राम उमरी जिला जालौन उत्तरप्रदेश को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया.


पूछताछ पर अपराधी ने MLA से फर्जी कॉल करके पैसों की मांग करने का जुर्म स्वीकार किया. अपराधी के कब्जे से एक मोबाइल फोन तथा मोबाइल नंबर 9336218380 की सिम बरामद की गई है. गंज थाना पुलिस ने अपराधी नीरज सिंह के खिलाफ धारा 308(2)BNS 2023, 66(D) IT ACT का मुकदमा दर्ज कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. भाजपा MLA योगेश पंडाग्रे ने बताया, ''किसी व्यक्ति का मेरे पास कॉल आया था जो अपने आपको भाजपा दफ्तर का पदाधिकारी बता रहा था. उसने मुझसे कहा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आपसे बात करना चाहते हैं. फिर मेरे पास दोबारा कॉल आया तो मैंने बात की. मुझसे बोला गया कि 10 तारीख को आप आइए, कुछ आगे का प्लान करना है. मैं आवाज से समझ गया कि ये फेक कॉल है, क्योंकि आज कल इस प्रकार से ये काम किए जा रहे हैं. मैंने दिल्ली फोन करके इस स्थिति से अवगत कराया कि इस प्रकार से फेक कॉल करके विधायकों को प्रलोभन दिए जा रहे हैं. इसे लेकर मैंने FIR दर्ज कराई.

पुलिस ने अपराधी को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया. सवा लाख की डिमांड की गई. मैंने मेरे साथियों से भी बात की तथा उन्हें भी सतर्क किया. मंत्रिमंडल विस्तार के नाम पर सवा लाख की का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की मांग की. इससे पहले भी ये व्यक्ति राजस्थान में इस प्रकार का काम करते हुए पकड़ाया है.'' SDOP शालिनी परस्ते ने बताया कि 4 अगस्त को आमला विधायक योगेश पंडाग्रे ने थाना गंज  में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि नीरज नाम का शख्स उनसे 3-4 दिन से कॉल करके पैसों की मांग कर रहा है. उक्त व्यक्ति ने एक लाख पच्चीस हजार रुपये की मांग की तथा क्यूआर कोड भी भेजा. इस मामले में साइबर सेल की मदद ली गई तथा अपराधी को कानपुर से गिरफ्तार किया गया. अपराधी का नाम नीरज सिंह राठौर है, जो कि जालौन यूपी का रहने वाला है. खुद को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्टाफ बताकर किसी कार्यक्रम के आयोजन करने की बात कर रहा था. इस मामले में अपराधी को गिरफ्तार का न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.