फेसर थाना क्षेत्र के मखदुमपुर गांव में सोमवार की दोपहर बेहोश हालत में एक अजीबोगरीब पक्षी गिर पड़ा मिला। जिसे देख ग्रामीण अचंभित है। पक्षी को देख लोगों की भीड़ जुट गई और सभी ने पक्षी की पहचान करने में जुट गए। किसी ने गिद्ध तो किसी ने चील बताया। लेकिन कुछ बुजुर्गों ने बताया कि यह अलग प्रजाति की पक्षी है। बेहोश हालत में छटपटाते देख पक्षी को स्थानीय लोगों ने इलाज भी किया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से वन विभाग तक पहुंचाने का प्रयास किया, ताकि उसे रेस्क्यू कर जान बचाई जा सके। ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीणों ने बताया कि सावन का पवित्र मन है। इस माह में किसी भी जीव का जान खतरे में होना हमारा धर्म बनता है कि उसे बचाया जा सके। उन्होंने संबंधित विभाग के पदाधिकारी से जिसकी हालात देखने की मांग की है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय
*औरंगाबाद सड़क दुर्घटना वाद के पीड़िता को व्यवहार न्यायालय ने दिया मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा*
औरंगाबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष श्री अशोक राज के द्वारा नगर थाना काण्ड संख्या 592 /22 के मृतिक उतम कुमार , पिता – स्व रामचंद्र सिंह - ग्राम- मिसिर करमा , थाना- रिसियप , जिला- औरंगाबाद के मृतक के पत्नी किरण देवी को 10 लाख का मुआवजा प्रदान किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, श्री सुकुल राम द्वारा बताया गया कि दिनांक 13.07.2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर दुर्घटना वाद संख्या 16 /24 को समझौते के आधार पर निस्तारण कराया गया था। उक्त घटना के सम्बन्ध में सचिव ने बताया कि नगर थाना काण्ड संख्या 592 /22 के मृतिक उतम कुमार , पिता – स्व रामचंद्र सिंह, - ग्राम- मिसिर करमा , थाना- रिसियप , जिला- औरंगाबाद को दिनांक 19-09-2022 को ट्रक संख्या आर जे 21 जी बी 6171 द्वारा माँ मुंडेश्वरी टावर के पास एन एच 02 पर उनके मोटर साईकिल संख्या जे एच 10 ए एल 7274 को धक्का मारने से मृत्यु हो गया था| चेक प्रदान करते समय जिला जज के द्वारा पीड़िता को बताया गया कि चेक से सम्बन्धित राशि को परिवार के कल्याण में लगाये और इसका ज्यादा से ज्यादा सद्पयोग करें, जिससे कि परिवार का भविष्य संवारने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। राष्ट्रीय लोक अदालत वादों का निस्तारण सुलह के आधार पर कराने का एक सशक्त माध्यम है जिसमें सम्बन्धित को त्वरित न्याय प्राप्त होता है और बीमा कम्पनी या पक्षकार से समझौते के उपरान्त प्राप्त चेक को पीड़ित को तत्काल प्रदान किया जाता है।
Aug 09 2024, 09:33