पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंह देव ने जंगलों की अवैध कटाई पर जताई नाराजगी, भूमाफियाओं पर कार्रवाई न होने पर भूख हड़ताल की दी चेतावनी
अंबिकापुर-  अंबिकापुर शहर के ग्राम बधियाचुआ में जंगलों की अवैध कटाई और भूमाफियाओं के कब्जे को लेकर विवाद गरमा गया है। इस मुद्दे पर जिला प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज होकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने भूख हड़ताल पर बैठने की धमकी दी है।


बता दें कि बधियाचुआ ग्राम पंचायत में 100 एकड़ से अधिक जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से जंगलों की कटाई कर कब्जा कर लिया गया है। इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत के उप सरपंच ने कई बार जिला प्रशासन और वन विभाग को लिखित में शिकायत दी है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्राम पंचायत के लोगों ने जब इस बारे में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव को शिकायत की, तो उन्होंने खुद बधियाचुआ जाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पाया कि 100 एकड़ से अधिक जमीन पर अवैध कब्जा हो चुका है।

पूर्व डिप्टी सीएम ने भूख हड़ताल की दी चेतावनी

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने कहा, “अगर न्याय संगत बातों को नहीं सुना जाता है, तो आने वाले दिनों में मैं भूख हड़ताल पर भी ग्रामीणों के साथ बैठूंगा। यह नियम और कानून के विपरीत हो रहा है तो कार्रवाई कीजिए। आखिर में प्रजातंत्र का क्या होता है जनमत का संग्रह। तो ऐसी नौबत क्यों आने दी जाए?”

गौरतलब है कि ग्राम पंचायत के उप सरपंच के आरोपों के बावजूद वन विभाग ने ग्रामीणों की शिकायतों को झूठा बताया है और किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की है। इस निष्क्रियता ने ग्रामीणों को और भी अधिक निराश कर दिया है, जिससे उनकी उम्मीदें अब पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव पर टिकी हैं। पूर्व डिप्टी सीएम के भूख हड़ताल पर बैठने की धमकी से यह मामला और भी तूल पकड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है और कैसे इस विवाद का समाधान करता है।
छत्तीसगढ़ के 15 जिलों में माओवादियों की धमक, लोकसभा में गृह राज्यमंत्री राय ने दी जानकारी…
नई दिल्ली- देश में भले ही नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घट रही हो, लेकिन छत्तीसगढ़ में प्रभावित जिलों की संख्या कम होने की बजाए बढ़ रही है. प्रदेश के एक-दो नहीं बल्कि 15 जिले नक्सल प्रभावित हैं.


लोकसभा में अनिल यशवंत देसाई के देश में नक्सलियों की सक्रियता को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि देश बीते कई दशकों से वामपंथी उग्रवाद का सामना कर रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2015 में ‘राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ को अनुमोदित किया था. नीति में एक बहुआयामी कार्यनीति की परिकल्पना की गई है, जिसमें सुरक्षा संबंधी उपाय, विकासपरक पहलें, स्थानीय समुदायों के अधिकारों एवं हकदारियों को सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं.

गृह राज्यमंत्री ने बताया कि वामपंथ उग्रवाद (नक्सली) वर्ष 2013 में 10 राज्यों में 126 जिलों से घटकर वर्ष 2024 में 9 राज्यों में केवल 38 जिलों तक रह गए हैं. इनमें आंध्र प्रदेश का एक, छत्तीसगढ़ के 15, झारखण्ड, केरल दो, मध्य प्रदेश के तीन, महाराष्ट्र के दो, ओडिशा के सात, तेलंगाना के दो और पश्चिम बंगाल का एक जिला शामिल है. छत्तीसगढ़ के प्रभावित जिलों में बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमंद, नारायणपुर, राजनांदगांव, मोहल्ला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़- छुईखदान-गंडई, सुकमा, कबीरधाम, मुंगेली शामिल हैं.

नित्यानंद राय ने बताया कि वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2023 में नक्सली घटनाओं में 73% की कमी आई है. इसी अवधि के दौरान नक्सली हिंसा से होने वाली मौतों (सिविलियन सुरक्षा बल) में भी 86% की कमी आई है. वहीं वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की रिपोर्ट करने वाले पुलिस स्टेशनों की संख्या वर्ष 2010 में 465 पुलिस स्टेशनों से घटकर वर्ष 2023 में 171 पुलिस स्टेशनों तक रह गई है. वर्ष 2024 (जून तक) में 89 पुलिस स्टेशनों द्वारा वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा की सूचना दी गई है.

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इसके साथ बताया कि वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा में पिछले पांच वर्षों (01 जनवरी 2019 से 15 जुलाई 2024 तक) के दौरान 647 वामपंथी उग्रवादी कैडरों को मार गिराया गया, वहीं 207 सुरक्षा बल कार्मिकों ने शहादत प्राप्त की.
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी की पहल से रायगढ़ में 23 करोड़ रूपए से 6 सड़कों का होगा कायाकल्प

रायपुर-     वित्त मंत्री व रायगढ़ विधायक ओ.पी. चौधरी की पहल से रायगढ़ शहर की 6 सड़कों का कायाकल्प होने जा रहा है। इसके लिए 23 करोड़ 26 लाख रुपए की स्वीकृति नगरीय प्रशासन मंत्री अरूण साव द्वारा मिली है।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी के निर्देश पर शहर के भीतर प्रमुख सड़कों को सुगम और आकर्षक बनाने के लिए डामरीकृत सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता में रखा गया है। जिन सड़कों के लिए राशि स्वीकृति की गई है उनके निर्माण को लेकर रायगढ़ में जनप्रतिनिधियों और शहरवासियों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही थी। सड़कों के निर्माण की मंजूरी के पश्चात् स्वीकृति शर्तों के अनुरूप निविदा की प्रक्रिया पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे बारिश के तत्काल बाद काम शुरू किया जा सके और इन सड़कों और सुविधाओं का लाभ शहरवासियों को शीघ्र मिल सके।

वित्त मंत्री ओ.पी चौधरी की पहल से जिन 6 सड़कों के निर्माण को मंजूरी मिली है वे रायगढ़ की प्रमुख सड़कों में से हैं। यहां बड़े पैमाने पर लोगों की आवाजाही होती है। स्वीकृति के पश्चात इन सड़कों को डामरीकरण के साथ बनाया जाएगा। डामरीकृत सड़कें चलने में ज्यादा सुविधाजनक और आरामदेह होने के साथ आकर्षक भी दिखती हैं। वित्त मंत्री श्री चौधरी के मार्गदर्शन में शहर की सड़कों को संवारने की दिशा में काम किया जा रहा है। बीते दिनों शहर में 3.14 करोड़ से अन्य सड़कों के डामरीकृत निर्माण को भी मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही शहर की आवश्यकताओं के अनुरूप अधोसंरचना विकास को गति देने के लिए लगातार निर्माण कार्यों को मंजूरी दी जा रही है। बुनियादी सुविधाओं के साथ शिक्षा और खेल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर भी काम हो रहा है।

23 करोड़ 26 लाख से 6 डामरीकृत सड़कों का होगा निर्माण

अंधोसंरचना मद अंतर्गत शहर में 6 डामरीकृत सड़कों के निर्माण हेतु 23 करोड़ 26 लाख 47 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। इनमें 2 करोड़ 15 लाख 66 हजार रूपये की लागत से वार्ड क्रमांक 7 एवं 8 जोगीडीपा से वाटर वर्ल्ड रामपुर मेन रोड तक बीटी रोड निर्माण कार्य शामिल है। इसी तरह 6 करोड़ 50 लाख 86 हजार रुपये की लागत से वार्ड क्रमांक 16, 39 एवं 40 सत्तीगुड़ी चौक से कोतरा रोड थाना तक बीटी रोड निर्माण कार्य, 3 करोड़ 45 लाख 54 हजार रुपये की लागत से वार्ड क्रमांक 19, 22 एवं 23 जिला चिकित्सालय से सदाबहार होटल (चक्रधर नगर चौक) तक बीटी रोड निर्माण कार्य, 4 करोड़ 17 लाख 99 हजार रुपये की लागत से वार्ड क्रमांक 30, 31, 35 एवं 36 नगर निगम ऑफिस से छातामुड़ा चौक तक बीटी रोड निर्माण कार्य, 2 करोड़ 78 लाख 95 हजार रुपये की लागत से वार्ड क्रमांक 31, 36 एवं 37 गोगा राईस मिल से मिट्ठुमुड़ा चौक से ट्रांसपोर्ट नगर तक बीटी रोड निर्माण कार्य एवं 4 करोड़ 17 लाख 47 हजार रुपये की लागत से शालिनी स्कूल से एश्वर्यम अपार्टमेंट होते हुए गोवर्धनपुर पुल तक बीटी रोड निर्माण कार्य शामिल है।

छत्तीसगढ़ में BSNL 5G सेवा शुरू करने को लेकर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में उठाया सवाल

रायपुर/नई दिल्ली-  रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में मोबाइल उपभोक्ताओं को नेटवर्क और महंगे रिचार्ज से हो रही परेशानी के मुद्दे को लोकसभा में उठाया। बृजमोहन अग्रवाल ने संचार मंत्री से छत्तीसगढ़ में BSNL की 5G सेवा की स्थिति पर जानकारी मांगी तथा राज्य में बीएसएनएल के उपभोक्ता और टावर्स की संख्या और राज्य में 5G तकनीकि की वर्तमान स्थिति पर सवाल पूछा।

जिसपर संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने बताया कि, BSNL जल्द ही छत्तीसगढ़ में भी 5G सेवा शुरू करने का योजना बना रहा है इसके लिए एनआईटी, रायपुर और आईआईटी, मिलाई में 5जी यूज केस लैब स्थापित किया गया है।आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप बीएसएनएल ने अखिल भारतीय स्तर पर तैनाती के लिए एक लाख स्वदेशी रूप से विकसित 4जी साइ‌टों की खरीदी की है जिनको 5जी में अपग्रेड किया जा सकता है। सितंबर, 2023 से 4जी उपकरणों की आपूर्ति भी शुरु हो गई है।संचार राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि, उत्तीसगढ़ में बीएसएनएल के लगभग 19.85 लाख मोवाइल उपभोक्ता और छत्तीसगढ़ में BSNL के 2,383 मोबाइल टावर हैं, जबकि उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 19.85 लाख है।

राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दुर्ग के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए

रायपुर-  दुर्ग के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह आज राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की गरिमामय मौजूदगी में संपन्न हुआ। बीआईटी दुर्ग के सभागार में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में 68 विद्यार्थियों को शोध उपाधि एवं 48 विद्यार्थियों को विभिन्न कक्षाओं में प्रवीण्य सूची में प्रथम आने पर स्वर्ण मंडित पदक प्रदान किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग छत्तीसगढ़ के दूसरे दीक्षांत समारोह का हिस्सा बनने के लिए आप सभी के बीच आना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। पीएचडी प्राप्त करने वाले सभी शोधार्थियों और अपनी-अपनी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देता हूं। मैं उन शिक्षकों, माता-पिता और अभिभावकों को भी बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने पढ़ाई के दौरान अपने बच्चों का समर्थन किया। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर रही है। एनईपी 2020 शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर देता है। इसका उद्देश्य छात्रों को उद्यमिता के लिए तैयार करना है, और उन्हें ’नौकरी चाहने वाले’ बनने के बजाय ’नौकरी निर्माता’ बनाना है। अब आप सभी अपने जीवन के नये क्षेत्र में कदम रख रहे हैं। भविष्य में भारी चुनौतियाँ और अवसर आपका इंतज़ार कर रहे हैं। यह जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने का क्षण है। यह उत्सव का दिन है, एक ऐसा दिन जब आप उन कई चुनौतियों को याद करते हैं, जिन्हें आपने पार किया है और आगे आने वाली चुनौतियों का इंतजार करते हैं, यह जानते हुए कि आपके पास उनका सामना करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान है। आपके द्वारा चुने हुए पेशे या कैरियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि आप लगातार अधिक ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करें और साथ ही अपने सॉफ्ट स्किल्स को विकसित करने और एक अच्छा इंसान बनने के अलावा क्षेत्र में नवीनतम ज्ञान से खुद को अपडेट और लैस करें।

राज्यपाल श्री डेका ने डॉ. नेल्सन मंडेला के कथन को उद्यत करते हुए कहा कि “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं“ अब इसे साबित करना आपके ऊपर है। राज्यपाल ने कहा कि आप सभी को सलाह देता हूं कि बड़े पैमाने पर समाज के लिए काम करने का प्रयास करें और नवाचार, उद्यमिता और स्टार्ट-अप में योगदान दें जो समय की मांग है। इस क्षण को एक संरक्षित वातावरण से ऐसे वातावरण में जाने के रूप में देखें, जहां आपको दुनिया से लगातार सीखना है।

राज्यपाल ने कहा कि दुनिया ऊपर से नीचे तक बदल सकती है, लेकिन कुछ मूल मूल्य कभी नहीं बदलते। वे हैं ईमानदारी, सच्चाई, स्वयं और दूसरों का सम्मान, कड़ी मेहनत, व्यक्तिगत ईमानदारी। आज आपका कर्तव्य है कि ये मूल मूल्य पराजित न हों। सामाजिक समता के बिना विकास को कायम नहीं रखा जा सकता। इस विश्वविद्यालय ने 2015 में अपनी स्थापना के बाद से एक अनुकरणीय प्रतिबद्धता दिखाई है। इस समय में जहां नवाचार, सामाजिक परिवर्तन के चालक बन रहे हैं, आप जैसे युवा विद्यार्थियों से उम्मीद की जाती है। हमेशा इतना अतिरिक्त प्रयास करें कि आपने समाज से जो हासिल किया है, उससे अधिक समाज को वापस लौटा सकें। सामाजिक समता के बिना विकास को कायम नहीं रखा जा सकता। यह विश्वविद्यालय, दुर्ग रिसर्च, एनएसएस, एनसीसी, यूथ रेडक्रॉस, खेल-कूद, सांस्कृतिक एवं पाठ्येतर गतिविधियों जैसे हर क्षेत्र में मजबूती से प्रगति कर रहा है। हाल ही में इस विश्वविद्यालय के छात्रों ने वर्ष 2023-24 में विभिन्न एनएसएस कार्यक्रमों, युवा महोत्सवों और खेलों में पुरस्कार जीते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ किये गये पांच एमओयू वास्तव में उल्लेखनीय हैं।

राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि इस विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों ने एनएएसी मान्यता प्रक्रिया के दौरान भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। राज्यपाल ने कहा कि अपनी शिक्षा का उपयोग समाज में बेजुबानों को आवाज देने के लिए, उत्पीड़ितों और कम भाग्यशाली लोगों के उत्थान के लिए काम करना चाहिए। राज्यपाल ने आज सम्मानित होने वाले सभी विद्यार्थियों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समारोह को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति की मांग पर विश्वविद्यालय में यूटीडी और निर्माणाधीन भवन में ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा कीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इससे हमारे विद्यार्थियों को न केवल अपनी रूचि के अनुसार विषय चुनने का अवसर मिलेगा बल्कि वे अपनी दक्षता के अनुसार अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकेंगे अथवा स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य में छत्तीसगढ़ अपनी भागीदारी बढ़-चढ़कर निभाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। विकसित भारत के निर्माण में हम सभी को अपनी दक्षता के अनुसार सहयोग देना है। छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु प्रयासरत् है। पीएमश्री स्कूलों की स्थापना इसका बेहतरीन उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पीएमश्री योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में पहले चरण में 193 प्राथमिक स्तर के स्कूल और 18 उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूल को विकसित किया जा रहा है। पीएमश्री योजना के तहत तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ के 52 स्कूल स्वीकृत हुए है। मुख्यमंत्री श्री साय ने भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार के आपसी सामंजस्य से हमारी सरकार छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की कतार में खड़ा कर देगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्थापना के 09 वर्ष की अवधि में ही हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग ने अनेक सफलताएं प्राप्त की है। पीएम-उषा योजना के माध्यम से प्रदान की गई 15 करोड़ रूपये की राशि से दुर्ग स्थित पोटियाकला में विश्वविद्यालय के नये भवन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। जल्द ही विश्वविद्यालय अपने नये भवन में संचालित होने लगेगा। प्रदेश सरकार छात्र-छात्राओं के हित में अनेक कदम उठा रही है। हाल ही में 21 जुलाई को पांच वर्ष के लंबे अंतराल के बाद हमने छत्तीसगढ़ राज्य पात्रता परीक्षा 2024 सफलतापूर्वक आयोजित की है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के माध्यम से शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त सहायक प्राध्यापकों के पद भरे जाएंगे। प्रदेश में व्यापम द्वारा प्रत्येक रविवार को कोई न कोई प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्ग के साइंस कॉलेज परिसर में ऑडिटोरियम निर्माण कार्य अधूरा है, इस संबंध में संबंधितों को इसे पूरा कराने निर्देशित किया गया है। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 158 महाविद्यालयों में से एक दुर्ग साइंस कॉलेज को नैक बंगलुरू द्वारा ’ए प्लस’ ग्रेड मिला है वहीं 04 अन्य निजी महाविद्यालयों को ’ए’ ग्रेड मिला है। इस विश्वविद्यालय के अधीन 09 महाविद्यालयों को ’बी डबल प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ है। यह गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दिया। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में लगभग एक हजार से अधिक पीएचडी हेतु शोधार्थी पंजीकृत है, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। यहां के छात्र-छात्राओं ने शोधकार्यों एवं शैक्षणिक गतिविधियों में राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य के शिक्षित युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए शासकीय सेवा के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा 05 वर्ष की छूट की अवधि को पांच वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है। युवाओं को इसका लाभ वर्ष 2028 तक मिलेगा। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मेरा मानना है कि इस प्रकार के दीक्षांत समारोहों की सार्थकता तभी है, जब उच्च शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात युवा एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपना उत्कृष्ट योगदान दे सके। मुख्यमंत्री श्री साय ने दीक्षांत समारोह में सम्मिलित समस्त स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की उपाधि धारकों तथा स्वर्ण पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावक तथा शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वविद्यालय के कुलपति की मांग पर विश्वविद्यालय में यूटीडी और निर्माणाधीन भवन में ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा किया।

समारोह में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दिल्ली के सचिव शिक्षाविद डॉ. अतुल कोठारी ने दीक्षांत भाषण दिया। कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने स्वागत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और विद्यार्थियों को दीक्षा शपथ दिलाई। इस अवसर पर विधायक ललित चन्द्राकर, गजेन्द्र यादव एवं रिकेश सेन, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दिल्ली के सचिव शिक्षाविद डॉ. अतुल कोठारी, विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा, कुलसचित भूपेन्द्र कुलदीप, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, अभिभावकगण, विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थी।

’’अमृत काल: छत्तीसगढ़ विजन@2047’’ विजन डाक्युमेंट तैयार करने स्टियरिंग कमेटी की बैठक सम्पन्न

रायपुर-    छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग द्वारा ’’अमृत कालः छत्तीसगढ़ के तहत स्टियरिंग कमेटी की बैठक आज यहां मंत्रालय महानदी भवन अटल नगर नवा रायपुर में आयोजित की गई। बैठक वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी की अध्यक्षता एवं मुख्य सचिव अमिताभ जैन की सह-अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक का उद्देश्य 2047 तक छत्तीसगढ़ को एक विकसित राज्य बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं और नीतियों पर चर्चा करना था। बैठक में राज्य नीति आयोग के सदस्य, सलाहकार, विभिन्न विभागों के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, बुनियादी ढांचा, उद्योग और पर्यावरण संरक्षण, कृषि, टेक्नोलॉजी, कला और संस्कृति की पहचान सहित अन्य विषयों पर राज्य को विकसित राज्य बनाने की संकल्पना पर आधारित विषयों को प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया गया।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने अधिकारियों को विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने विधानसभा बजट सत्र में घोषणा की थी कि राज्य स्थापना दिवस, 1 नवंबर 2024 को ’’अमृत काल: छत्तीसगढ़ दस्तावेज़ जारी किया जाएगा। इस विजन डॉक्यूमेंट में अगले 23 वर्षों में छत्तीसगढ़ के विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिसमें राज्य के सभी सेक्टर्स के त्वरित विकास को सुनिश्चित किया जाएगा। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि सभी वर्गों के कल्याण के लिए केन्द्रीय बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन बजट प्रावधानों को भी ध्यान में रखते हुए हमारा विजन तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विजन दस्तावेज में सभी विभागों के विजन को शामिल करने के लिए अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित की गई है। इसके लिए सभी संभागों में युवा, महिला, कृषक और प्रबुद्धजनों के साथ जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन कर उनके विचारों को शामिल किया जा रहा है। साथ ही मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़ पोर्टल के माध्यम से लोगों के सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।

मंत्री ओ.पी. चौधरी ने सर्विस सेक्टर को और ज्यादा बढ़ावा देने, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने, भविष्य में जल की जरूरतों को पूरा करने, राज्य के युवाओं के लिए उद्यमशिलता को बढ़ावा देने, राज्य में पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए उस पर फोकस करना है। वित्तीय स्रोतों को बढ़ाने के उपायों, ग्रीन एनर्जी की डिमांड, केन्द्रीय सरकार के भविष्य की नीति, पर्यटन के क्षेत्र में ब्रांड विकसित करने, जिसमें रोजगार और राजस्व का सृजन, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों को दस्तावेज में शामिल कर सरल और सुशासित छत्तीसगढ़ बनाने तथा राज्य के नागरिक खुशहाल जीवन जी सके जैसे बातों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों द्वारा संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए बनायी जा रही नीतियों की भी जानकारी होनी चाहिए। स्वस्थ और खुशहाल छत्तीसगढ़ के लिए उन्होंने स्वास्थ्य और सुपोषण पर जोर देते हुए, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं तथा सभी को सस्ता और सुलभ ईलाज की उचित व्यवस्था को भी दस्तावेज में शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने राज्यों के कुछ शहरों को मेडीसिटी के रूप में विकसित करने, जनसंख्या आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन कार्यक्रम बनाने तथा सुपोषण के लिए अभियान चलाने की भी बात कही।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने छत्तीसगढ़ को कृषि और संबंधित सुपर फूड के पॉवर हब के रूप में विकसित करने, लाजिस्टिक सेवाओं के विस्तार, वायु और सड़क मार्ग की कनेक्टिविटी विकसित करने, हर्बल राज्य के रूप में विकास करने पर जोर दिया। बीपीओ और केपीओ सर्विस की बढ़ोत्तरी, वाईब्रेंड स्टार्टअप विकसित करने, एआई और आईटी सर्विस को बढ़ाने जैसे विषयों को विजन दस्तावेज में प्रमुखता से शामिल करने की बात कही। विजन डाक्युमेंट तैयार करने के संबंध में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, नीति आयोग के सदस्य एस. सुब्रमण्यम, सदस्य सचिव अनुप श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग के सचिव अंकित आनंद, सचिव सुशासन और अभिसरण राहुल भगत ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव बैठक में दिए।

बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव पी.दयानंद, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव सामान्य प्रशासन अन्बलगन पी., सचिव कृषि शहला निगार, सचिव तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार डॉ. एस. भारतीदासन, सचिव श्रम अलरमेल मंगई डी., सचिव वित्त मुकेश कुमार, सचिव आवास एवं पर्यावरण आर. संगीता, सचिव परिवहन एस. प्रकाश, सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण बसवराजु एस., सचिव समाज कल्याण भूवनेश यादव, सचिव उच्च शिक्षा प्रसन्ना आर., सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग शम्मी आबिदी, सचिव सहकारिता सी.आर. प्रसन्ना, सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास नरेन्द्र कुमार दुग्गा, विशेष सचिव स्वास्थ्य चंदन कुमार सहित अन्य विभागों के भारसाधक सचिव शामिल हुए।

बेवरेज कार्पोरेशन को विदेशी मदिरा के लिए 70 कंपनियों ने दिया रेट ऑफर,विदेशी मदिरा स्प्रिट के 303 ब्राण्ड एवं बीयर के 69 ब्राण्ड शामिल

रायपुर-    छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेज कार्पाेरेशन द्वारा विदेशी मदिरा की खरीदी के लिए जारी रेट आफर में 70 कंपनियों ने रेट ऑफर प्रस्तुत किया है, जिनमें छत्तीसगढ़ के मदिरा विनिर्माताओं के साथ-साथ अन्य राज्यों में निर्मित की जाने वाली मदिरा और विदेश में निर्मित मदिरा आपूर्ति करने वाली कंपनियां (बीआईओएस) भी शामिल हैं। इन कंपनियों ने विदेशी मदिरा स्प्रिट के 303 ब्राण्ड एवं बीयर के 69 ब्राण्ड के रेट दिए हैं। यह जानकारी आज आबकारी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दी गई।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बीते 19 जून को हुई कैबिनेट की बैठक में विदेशी मदिरा के थोक विक्रय एवं भंडारण हेतु वर्तमान में प्रचलित एफएल 10 ए बी अनुज्ञप्प्ति की व्यवस्था को समाप्त करते हुए सीधे विनिर्माता इकाईयों से विदेशी मदिरा का थोक क्रय किए जाने का निर्णय लिया गया था। विदेशी ब्रांड की मदिरा की सीधी खरीदी की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन को दी गई थी। कैबिनेट की इस निर्णय के परिपालन में बेवरेज कार्पोरेशन द्वारा विदेशी मदिरा खरीदी की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसी सिलसिले में कंपनियों को रेट ऑफर भी जारी किया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य में विदेशी मदिरा का क्रय इससे पहले लायसेंसियों द्वारा किया जाता था। सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।

बैठक में सचिव सह आबकारी आयुक्त आर संगीता ने विदेशी मदिरा की खरीदी से लेकर उपभोक्ताओं को इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में विभागीय अधिकारियों द्वारा की जा रही तैयारियों की गहन समीक्षा की और प्रस्तावित व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के संबंध में अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कंपनियों के रेट ऑफर एवं फुटकर विक्रय के लिए अनुमोदित होने वाली दर को ब्राण्ड एवं लेबलों के अनुसार वेबसाईट पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिये।

छत्तीसगढ़ में उपभोक्ताओं को विदेशी मदिरा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित व्यवस्था के लागू होने से यूरोप के बड़े देशों में बिकने वाले लोकप्रिय बाण्ड की मदिरा भी दुकानों में मांग अनुरूप उपलब्ध रहेगी। बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए कि मदिरा दुकानों में निर्धारित दर से अधिक दर पर मदिरा का विक्रय न हो एवं मदिरा में किसी भी प्रकार की मिलावट न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मदिरा के निर्धारित रेट एवं क्वालिटी की निगरानी एवं किसी भी तरह की गड़बड़ी के मामले में प्रभावी कार्यवाही के लिये मदिरा दुकानों में लगाए गए सीसीटीव्ही कैमरों को आबकारी मुख्यालय के सेन्ट्रलाईज्ड वीडियो मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा।

बैठक में यह भी जानकारी दी कि मुख्यमंत्री श्री साय की मंशा के अनुसार शासकीय कार्य में पारदर्शिता के उद्देश्य से आबकारी विभाग द्वारा मोबाइल बेस्ड एप्लीकेशन तैयार किया जा रहा है। इस मोबाइल बेस्ड एप्लीकेशन के जरिए राज्य के मदिरा दुकानों में विभिन्न ब्रांड की मदिरा की उपलब्धता की जानकारी आम लोगों को मिल सकेगी।

बैठक में सचिव सह आबकारी आयुक्त ने अधिकारियों को स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्ययोजना तैयार करने तथा अवैध मदिरा एवं अन्य मादक पदार्थों के निर्माण, संग्रहण, परिवहन एवं विक्रय पर कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन लिमिटेड के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मदिरा की बिक्री से प्राप्त राशि निर्धारित समयावधि में विनिर्दिष्ट बैंक खाते में जमा कराएं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही पाये जाने पर संबंधित कैश कलेक्शन, बैंक एजेंसी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करें। मदिरा की गुणवत्ता की जांच हेतु हाइड्रोमीटर-थर्मामीटर की खरीदी प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए। निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर सर्वसबंधितों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

बैठक में छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेज कार्पाेरेशन एवं छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन लिमिटेड के प्रबंध संचालक श्याम धावडे, विशेष सचिव (आबकारी) देवेन्द्र सिंह भारद्वाज तथा मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

श्रीरामलला दर्शन योजना में 850 श्रद्धालु अयोध्या धाम के लिए रवाना, काशी विश्वनाथ का भी करेंगे दर्शन

रायपुर-   श्रीरामलला दर्शन योजना के तहत 850 श्रद्धालुओं को लेकर मंगलवार को भारत गौरव स्पेशल ट्रेन बिलासपुर से रवाना हुई। ये श्रद्धालु अयोध्या में श्रीरामलला के साथ ही काशी में बाबा विश्वनाथ का भी दर्शन करेंगे। बिलासपुर जिला पंचायत के अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर श्रद्धालुओं को रवाना किया। राज्य शासन के श्रीरामलला दर्शन योजना के अंतर्गत बिलासपुर संभाग के 850 श्रद्धालु अयोध्या और काशी जा रहे हैं। यात्रा और दर्शन को लेकर श्रद्धालु काफी उत्साहित दिखे। स्टेशन पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। जय श्रीराम के जयकारे से पूरा स्टेशन राममय हो गया। पारंपरिक नृत्यों और बाजे-गाजों के बीच उन्हें अयोध्या के लिए रवाना किया गया। यात्रा के दौरान खान-पान सहित सभी सुविधाएं राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी।

भारत गौरव स्पेशल ट्रेन से श्रीरामलला और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए जा रहे लोगों ने श्रीरामलला दर्शन योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आभार जताया। बिलासपुर की जोरापारा, सरकण्डा की रमा तिवारी ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें यह अवसर प्राप्त हो रहा है। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। हम श्रीरामलला के दर्शन को लेकर बेहद उत्साहित हैं। कोरबा के प्रताप सिंह ने कहा कि यह योजना राज्य के लोगों की आस्था का सम्मान है। इससे प्रदेशवासियों को श्रीरामलला के दर्शन का सुअवसर मिल रहा है। रायगढ़ की राजकुमारी पटेल ने कहा कि हमें अयोध्या दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। इसके लिए हम सरकार के आभारी हैं।

आदिवासी अंचलों में पहुंच रही हैं तेजी से विकास योजनाएं

रायपुर-    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत जनजातीय समुदाय की आबादी को देखते हुए राज्य की बागडोर विष्णु देव साय के हाथों में सौंपी है। राज्य गठन के 23 वर्षों बाद वे ऐसे पहले आदिवासी नेता है जिन्हें राज्य के मुखिया के तौर पर कमान सौंपी गई है। राज्य में नई सरकार की गठन के साथ ही उन्होंने किसानों, महिलाओं और वंचित समूहों को आगे बढ़ाने के लिए योजनाओं की शुरूआत की। वे सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के ध्येय वाक्य को लेकर सभी वर्गों की उन्नति और बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी संस्कृति की देश-विदेश में अलग पहचान रही है। राज्य के आदिवासी अंचल एक ओर वनों से आच्छादित है। वहीं इन क्षेत्रों में बहुमूल्य खनिज सम्पदा भी है। मनोरम पहाड़ियां, झरनें, इठलाती नदियां बरबस लोगों को आकर्षित करती हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गठित नई सरकार बनने के बाद राज्य के आदिवासी अंचलों में जन जीवन में तेजी से बदलाव लाने और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिए अनेक नवाचारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।

आदिवासी समुदाय को सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संचालित की जा रही महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जनमन योजना में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में सड़क, बिजली, आवास, पेयजल जैसी महत्वपूर्ण मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है।

आदिवासी क्षेत्रों के तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार की पहल पर जगदलपुर के नगरनार में लगभग 23 हजार 800 करोड़ रूपए की लागत से वृहद स्टील प्लांट लगाया गया हैं, इससे आने वाले वर्षों में बस्तर अंचल की पूरी तस्वीर बदलेगी। लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा साथ ही रोजगार के नए अवसरों का निर्माण होगा।

इस साल के केन्द्रीय बजट में जनजाति उन्नत ग्राम अभियान योजना शामिल की गई है। इस योजना से राज्य के लगभग 85 विकासखंडों में शामिल गांवों को विभिन्न मूलभूत सुविधाएं मिलेगी। इसके अलावा जैविक खेती को बढ़ावा देने जैसी प्राथमिकताएं भी जनजाति क्षेत्रों की दशा और दिशा बदलेंगी।

जनजाति क्षेत्रों के तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है 464 किलोमीटर लंबा और छह लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे होगा। यह छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे मार्ग छत्तीसगढ़ में 124 किलोमीटर, ओडिशा में 240 किलोमीटर और आंध्र प्रदेश में 100 किलोमीटर बनेगी। उड़ीसा से आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम तक बनाए जा रहे इस नए कॉरिडोर से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। वहीं नए उद्योगों की स्थापना से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

बस्तर के माओवादी आतंक से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक तरफ सुरक्षा कैंपों की सख्या बढ़ायी जा रही है। वहीं सुरक्षा कैंपों के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए नियद् नेल्लानार जैसी नवाचारी योजनाओं की शुरूआत की गई है। इस योजना के बेहतर और सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। लोगों का विश्वास फिर से शासन-प्रशासन के प्रति लौटने लगा है।

आदिवासियों की आय में वृद्धि और उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। प्रदेश सरकार ने लगातार ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे वनों के साथ आदिवासियों का रिश्ता फिर से मजबूत हुआ है। वनांचल क्षेत्रों में लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ-साथ तेन्दूपत्ता का खरीदी कार्य भी पहले से अधिक व्यवस्थित रूप से किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा 36 कॉलेजों के भवन-छात्रावास निर्माण के लिए 131 करोड़ 52 लाख रूपए मंजूर किए गए है। इससे प्रदेश के 36 कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ होंगे तथा शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। वहीं युवाओं को उच्च स्तर की शैक्षणिक सुविधाएं प्राप्त होगी और वे बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकेंगे।

राज्य सरकार ने तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक दर प्रतिमानक बोरा 4000 से बढ़ाकर 5500 रूपए कर दिया है। इससे लगभग 13 लाख जनजाति परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में लघु वनोपज संग्रहण भी महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से हो रहा है। लघु वनोपज के प्रसंस्करण के लिए वनधन केन्द्रों की स्थापना की गई है।

प्रदेश में जनजातिय समुदाय के बच्चों के लिए बेेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा माओवादी प्रभावित क्षेत्र के बच्चों के लिए 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में मेधावी विद्यार्थियों को अखिल भारतीय मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जा रही हैं। नई दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के लिए संचालित यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी गई है।

राज्य में बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों के कामकाज को व्यवस्थित और प्रभावित बनाने के लिए इनका पुनर्गठन किए जाने का निर्णय लिया गया है। इन प्राधिकरणों की कमान अब मुख्यमंत्री के हाथों में होगी। क्षेत्रीय विधायक इन प्राधिकरणों के सदस्य होंगे तथा मुख्यमंत्री के सचिव अथवा सचिव इन प्राधिकरणों के सदस्य सचिव होंगे।

आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए बस्तर अंचल के देवगुड़ियां और घोटुलों तथा अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के आसपास एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वृक्षारोपण किया जा रहा है। इससे लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, साथ ही ऐसे स्थानों में प्राकृतिक सुन्दरता भी बढ़ेगी।

रायपुर दक्षिण उपचुनाव के लिए भाजपा प्रभारियों की नियुक्ति
रायपुर-   भाजपा ने रायपुर दक्षिण उप चुनाव के लिए बीजेपी प्रभारियों की घोषणा कर दी है. कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल और प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा को प्रभारी बनाए गए हैं. बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद रायपुर दक्षिण विधानसभा की सीट खाली हो गई है.