फेसर थाना क्षेत्र के मखदुमपुर गांव में सोमवार की दोपहर बेहोश हालत में एक अजीबोगरीब पक्षी गिर पड़ा मिला। जिसे देख ग्रामीण अचंभित है। पक्षी को देख लोगों की भीड़ जुट गई और सभी ने पक्षी की पहचान करने में जुट गए। किसी ने गिद्ध तो किसी ने चील बताया। लेकिन कुछ बुजुर्गों ने बताया कि यह अलग प्रजाति की पक्षी है। बेहोश हालत में छटपटाते देख पक्षी को स्थानीय लोगों ने इलाज भी किया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से वन विभाग तक पहुंचाने का प्रयास किया, ताकि उसे रेस्क्यू कर जान बचाई जा सके। ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीणों ने बताया कि सावन का पवित्र मन है। इस माह में किसी भी जीव का जान खतरे में होना हमारा धर्म बनता है कि उसे बचाया जा सके। उन्होंने संबंधित विभाग के पदाधिकारी से जिसकी हालात देखने की मांग की है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय
*औरंगाबाद न्यायालय ने पहली पत्नी का हत्यारा को दिया दोषी करार*,
आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे तीन सुनील कुमार सिंह ने सिमरा थाना कांड संख्या -47/19 ,एस टी आर 62/24 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए काराधीन एक मात्र अभियुक्त अरबिंद प्रजापति को भादंवि धारा -302/201/120 बी में दोषी ठहराया हुए सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई के तिथि 08/08/24 निर्धारित किया है अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक उमेश कुमार सिंह पुलिस अवर निरीक्षक सिमरा ने 23/11/19 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें कहा कि सूचना मिली थी कि शिवपुर के पश्चिमी नहर के किनारे एक अज्ञात महिला का शव धान के खेत में पड़ा है वरीय अधिकारियों को सूचना देकर सत्यापन हेतु घटना स्थल पहुंचे तो स्थानीय सरपंच और लोगों ने शव की पहचान पूजा देवी पति अरबिंद प्रजापति चोरहा सिमरा के रूप में की, अभियुक्त ने पहले से शादीशुदा पूजा देवी से प्रेम विवाह किया था उसके साथ दिल्ली में रह कर प्राइवेट नौकरी करता था उसके दो बच्चे थे,फिर उसने अपने को कुंवारा बताते हुए भुसोली तेंन्दुआ नबीनगर में एक युवती से दुसरी शादी कर ली, उसके बाद पहली पत्नी को ठिकाने लगाने के लिए 21/11/19 को नबीनगर पहली ससुराल ले जाने के क्रम में मिर्जापुर रिसियप मंदिर में रात में पहली पत्नी और बच्चों के साथ रूका, और मध्य रात्रि दोनों बच्चों को मंदिर में छोड़कर पूजा देवी को घटना स्थल ले जाकर गमछा से गर्दन कसकर,चापकर हत्या कर दी और भाग गया,जब दोनों बच्चे माता पिता को न देखकर मंदिर में रोने लगे तो थाना के माध्यम से बाल संरक्षण ईकाई औरंगाबाद भेजा गया, बच्चों ने भी घटना के बाद अपने मां के लाश की पहचान की थी, अभियोजन पक्ष ने मजबूती से घटना के समर्थन में गवाही सम्पन्न कराया था,
औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय
Aug 07 2024, 08:07