6 फर्जी फर्मों के नेटवर्क का पर्दाफाश, GST की टीम ने करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाले मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार
रायपुर- सीजीएसटी मुख्यालय, रायपुर के अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाकर 6 फर्जी फर्मों के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. ये फर्म वस्तुओं और सेवाओं की किसी भी प्रकार की आपूर्ति किए बिना केवल फर्जी चालान बनाने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे. विशेष खुफिया जानकारी और डाटा विश्लेषण के आधार पर पता चला था कि जीएसटी के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट गलत तरीके से लेने एवं आगे पारित करने के लिए कई फर्जी फर्में बनाई गई है. व्यापक निगरानी के बाद उस स्थान की पहचान कर सीजीएसटी की टीम ने कार्रवाई की.

सीजीएसटी रायपुर आयुक्त मो. अबु सामा आईआरएस ने बताया, जांच से पता चला है कि रायपुर निवासी बादल गौर इन फर्जी फर्मों को बनाने और चलाने के मामले में मास्टरमाइंड है. तथ्यों और सबूतों के साथ पूछताछ करने पर मास्टरमाइंड बादल गौर ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने के उद्देश्य से काल्पनिक फर्मों का एक समूह बनाने की बात स्वीकार की. उन्होंने बताया कि उसने अभी तक 29.13 करोड़ रुपए की राशि का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया है. आगे अन्य टैक्सपेयर्स को 34.23 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पास आन किए हैं.

फर्जीवाड़ा करने वाले अब तक 19 लोग गिरफ्तार

केंद्रीय जीएसटी टीम ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत आज बादल गौर को गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया. सीजेएम कोर्ट ने आरोपी की न्यायिक हिरासत मंजूर कर ली है. बता दें कि जीएसटी कानून लागू होने के बाद से फर्जी बिलिंग के संबंध में सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय लगातार कार्रवाई कर रहा. अब तक 19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
वन मंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से की सौजन्य मुलाकात
रायपुर-  वन एवं पर्यावरण मंत्री केदार कश्यप ने आज नई दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने बैठक में छत्तीसगढ़ में वन संरक्षण, पर्यावरण सुधार और वन्यजीवों के सरंक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की।
वनमंत्री श्री कश्यप ने केंद्रीय मंत्री को राज्य के वन प्रबंधन, वृक्षारोपण अभियान और पर्यावरणीय सुधारों की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राज्य द्वारा किए जा रहे प्रयासों और वन भूमि की रक्षा पर ध्यान आकर्षित किया।
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने छत्तीसगढ़ की वन और पर्यावरण नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को हरसंभव केंद्रीय सहायता दिया जाएगा। उन्होंने राज्य के वन प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक सहयोग देने की बात कही। मुलाकात के दौरान वन्य जीवों के संरक्षण, वन क्षेत्रों में विस्तार और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए संयुक्त प्रयासों पर जोर दिया गया। यह बैठक छत्तीसगढ़ के वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित होगी।
वनमंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से की सौजन्य मुलाकात
रायपुर-   वन एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने आज नई दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल से सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने केन्द्रीय मंत्री श्री पाटिल को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में संचालित राज्य की लोक कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
आयुष संचालनालय द्वारा जिला आयुर्वेद अधिकारियों और आयुष ग्राम के चिकित्सकों के लिए कार्यशाला का आयोजन

रायपुर-   राज्य शासन के आयुष संचालनालय द्वारा राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत प्रदेश में आयुष ग्राम विकसित करने आज राजधानी रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में आयोजित कार्यशाला में जिला आयुर्वेद अधिकारियों और सभी विकासखंडों के आयुष ग्राम के चिकित्सकों को आयुष ग्राम में क्रियान्वित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

आयुष विभाग की संचालक इफ्फत आरा ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आयुष जीवन शैली के सिद्धांतों और प्रथाओं को अपनाने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वास्थ्य देखभाल व उपचारों पर आधारित आयुष ग्राम की परिकल्पना को साकार करने छत्तीसगढ़ के 146 विकासखंडों में आयुष ग्राम का चिन्हांकन किया गया है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रदेश में 146 आयुष ग्राम विकसित किए जा रहे हैं। आयुष ग्राम के माध्यम से ग्रामीणों के स्वास्थ्य की रक्षा और आजीवन स्वस्थ रखने आयुर्वेद, योग तथा आयुष पद्धतियों के अनुसार उन्हें शिक्षित किया जाएगा। आयुष ग्रामों में जनभागीदारी के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएगी।

छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जे.ए.सी.एस. राव ने कार्यशाला में आयुष अधिकारियों और चिकित्सकों को सर्वसुलभ औषधीय पौधों के रोपण एवं उपलब्ध बाजार की जानकारी दी। उन्होंने औषधीय गुणों से भरपूर स्टीविया, शतावरी, कालमेघ, लेमन-ग्रास, केऊकंद, अश्वगंधा, सर्पगंधा जैसे 20 पौधों को प्रदर्शित कर इनके रोपण के लिए उपयुक्त मौसम और खेती के बारे में विस्तार से बताया।

आयुष विभाग के सहायक संचालक-सह-राज्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. गजेन्द्र बघेल ने कार्यशाला में आयुष ग्राम की परिकल्पना और वहां संचालित की जाने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयुष ग्राम में लोगों को पेड़-पौधों के औषधीय गुणों के बारे में जागरुक कर इनके पौधरोपण और संरक्षण को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत गांवों का चिन्हांकन कर स्थानीय लोगों को आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुरूप स्वस्थ जीवन शैली, उचित आहार-विहार, सामान्य रोगों के उपचार के लिए आसपास पाए जाने वाले औषधीय पौधों की पहचान एवं उपयोग के लिए प्रेरित करना है।

शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, बिलासपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. विद्याभूषण पाण्डेय ने प्रतिभागी अधिकारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम ‘आयुर्विद्या’ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों को आयुर्वेद के बारे में जागरुक करना है। स्कूलों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करना है। स्थानीय स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन कर लोगों को आयुष की उपयोगिता के बारे में जानकारी प्रदान कर इस क्षेत्र में उनके कौशल का उन्नयन करना है। कार्यशाला में आयुष विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. सुनील कुमार दास और उप संचालक डॉ. ए.सी. किरण सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।

विद्युत उपकेन्द्र निर्माण में लापरवाही, 2 ठेकेदार ब्लैकलिस्टेड, 33 को कड़ी चेतावनी

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनीज के अध्यक्ष पी. दयानंद ने आज विद्युत अधोसंरचना विकास से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। जिन संस्थाओं द्वारा लंबे समय से कार्यों में लापरवाही की जा रही है और जिनके कारण निर्धारित समय सीमा में कार्य नहीं हो पा रहे हैं ऐसी 2 संस्थाओं को तीन वर्षों की लिए ब्लैकलिस्टेड किया गया। एक संस्था के निवेदन पर उसे कार्य पूर्ण करने के लिए 3 माह का समय दिया गया यदि इस समयावधि में उन्होंने कार्य पूरा नहीं किया तो उन्हें भी ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा। इसके अलावा 32 संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। श्री दयानंद ने कड़े तेवर दिखाते हुए चेतावनी दी कि विद्युत विकास कार्यों में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
श्री दयानंद ने आज छत्तीसगढ़ स्टेट ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री राजेश कुमार शुक्ला, छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक भीमसिंह कंवर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.), प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पी.एम. जनमन) तथा मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना की समीक्षा की। उन्हें आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत विकास कार्यों को जल्दी से जल्दी पूरा करने के लिए उन्होंने समस्त संस्थाओं के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पी.एम. सूर्यघर बिजली योजना को लोकप्रिय तथा लोगों की पहुंच में लाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी ली तथा इसके लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्हें बताया गया कि 33/11 के.वी. उपकेंद्रों तथा लाइनों के निर्माण का कार्य संबंधित ठेकेदारों की लापरवाही के कारण पूरा नहीं हो पा रहे हैं।
इसे देखते हुए जशपुर जिले के सोनक्यारी एवं कुडे़केला 33/11 केवी उपकेंद्र के निर्माण कार्य में कोताही के लिए जिम्मेदार संस्था मेसर्स एनकेजेए एंड डेवलपर्स इन्फ्रा रायपुर को तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्टेड किया गया। इनका कार्य 4 मार्च, 2024 तक पूर्ण हो जाना था लेकिन बहुत कम कार्य किया गया है। जशपुर जिले में अंकिरा से गंजियाडीह के बीच लाईन निर्माण के कार्य में लापरवाही करने वाले मेसर्स सुरेंद्र राठौर को भी ब्लैकलिस्टेड करते हुए उनकी अमानत राशि राजसात करने के निर्देश दिये गये। इसी तरह सरगुजा जिले के चंगोरी 33/11 केवी उपकेंद्र का ठेका लेने वाली संस्था मेसर्स धनंजय कुमार तिवारी द्वारा 24 दिसम्बर 2023 को कार्य पूर्ण किया जाना था, उन्होंने मात्र 40 प्रतिशत काम किया है। इन्हें भी ब्लैकलिस्टेड किया जा रहा था लेकिन इन्होंने तीन माह का समय मांगा है। तीन माह में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने पर इन्हें भी ब्लैकलिस्ट किया जायेगा।
श्री दयानंद ने पीएम जनमन योजना के तहत 7 हजार 77 घरों में बिजली कनेक्शन देने का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार की योजनाएं व्यापक जनहित के लिए होती है। यदि उनका लाभ सही समय पर संबंधित क्षेत्र की जनता को नहीं मिल पाये तो यह लापरवाही वे बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुशासन पर जोर देते हुए जनहित के कार्याें को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं जिससे लोगों को जल्दी से जल्दी न्याय मिल सके और उनके विकास के रास्ते आसान हो सके।
शिक्षा स्तर में सुधार होने पर ही बनेगा विकसित भारत: श्रम मंत्री  लखन लाल देवांगन

रायपुर-    देश की शिक्षा बेहतर से बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नई शिक्षा नीति लागू की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की भी सोच यही है कि हमारे प्रदेश के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त करके अच्छे नागरिक बनें और देश की सेवा करें। इसके लिए आज से प्रदेश सहित कोरबा जिले के सभी 248 संकुल स्तर पर मेगा पालक-शिक्षक बैठक आयोजित की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा के स्तर में सुधार होने पर ही हमारा देश विकसित भारत बन पाएगा। उक्त उद्गार वाणिज्य, उद्योग, व्यापार एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने मंगलवार को कोरबा के शासकीय कन्या शाला विद्यालय में आयोजित संकुल स्तरीय मेगा पालक-शिक्षक बैठक में व्यक्त किए।

श्री देवांगन ने कहा कि हर एक बच्चा बड़ा होकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर बनने का सपना देखता है। यदि वह मन लगाकर ईमानदारी से मेहनत करता है और अच्छी शिक्षा प्राप्त करता है तो वह अपनी मंजिल पा लेता है। उन्होंने कहा कि स्कूल की शिक्षा के साथ ही पालक अपने बच्चों को घर पर पढ़ाएं। अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए ज्यादा समय दें। बच्चा जितना शिक्षित होगा, हमारा देश उतना ही आगे बढ़ेगा। प्राइवेट स्कूलों में फीस महंगी होती है, जहां पर सभी बच्चों का पढ़ना संभव नहीं हो पाता। इसलिए छत्तीसगढ़ शासन-प्रशासन के द्वारा मानक स्तर की अच्छी स्कूलों की व्यवस्था की जा रही है। भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सतत् प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूलों में छात्रों को छात्रवृत्ति, पुस्तकें, गणवेश, कम्प्युटर शिक्षा आदि सुविधाएं दी जा रही है, जिसके माध्यम से पिछड़े वर्ग के बच्चे भी आईएएस बन रहे हैं। इन शिक्षा सुविधाओं का लाभ लेने के लिए पालक और शिक्षक अन्य लोगों को भी प्रेरित करें। मंत्री श्री देवांगन ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत विद्यालय परिसर में पौधरोपण किया तथा सभी को पौधरोपण हेतु प्रेरित किया।

इस अवसर पर कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि इस मेगा पालक-शिक्षक बैठक का उद्देश्य अपने बच्चों की पढ़ाई, उनके सर्वांगीण विकास में पालकों की व्यवस्थित तरीके से भागीदारी बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने पालकों से अच्छा मार्गदर्शन मिलना आवश्यक है। इस हेतु पालकों को बच्चों की शिक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा समय देना होगा। आज की दुनिया तेजी से बदल रही है। कलेक्टर ने कहा कि पालकों के द्वारा शिक्षा व्यवस्था के लिए दिए सुझावों को जिला प्रशासन द्वारा अमल में लाने का प्रयास किया जाएगा। कलेक्टर ने सभी पालकों से आव्हान किया कि हर पालक अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय देवें तथा बच्चों का गुणात्मक विकास करें।

कार्यक्रम में पालक माधवलाल साहू ने सुझाव देते हुए कहा कि घर में बच्चों के लिए माता-पिता कम ही समय दे पाते हैं। बच्चों के लिए शिक्षा आज मानसिक बोझ की तरह है, इसमें सुधार की आवश्यकता है। सैद्धांतिक शिक्षा की साथ ही बच्चों को टेक्नीकल, व्यवसायिक, शिक्षा भी दी जाए, जिससे की बच्चे केवल नौकरी पर ही निर्भर न रहें और अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें।

इस अवसर पर मंत्री श्री देवांगन एवं कलेक्टर अजीत वसंत ने विद्यालय के बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभावान मेधावी छात्राओं तस्मया खातुन, धनेश्वरी साहू, नेहा कर्ष, ऊषा नेताम को स्मृति चिन्ह देकर प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी टी. पी. उपाध्याय, बीईओ संजय अग्रवाल, शासकीय साडा कन्या विद्यालय के प्राचार्य श्री सिंह सहित शिक्षक, पालक, छात्राएं उपस्थित थे। जिले के विद्यालयों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में संकुल स्तरीय मेगा पालक शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया एवं पालको को बच्चों के सर्वांगीण विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने हेतु प्रेरित किया गया।

बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए शिक्षक और अभिभावक दोनों की है अहम भूमिका: मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े

रायपुर- बच्चों के अच्छे रिजल्ट और भविष्य के लिए शिक्षक और अभिभावक दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इस आशय केे विचार महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने मेगा पैरेंट्स टीचर सम्मेलन व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हम अभिभावकों को बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षकों से बीच-बीच में मिलकर उनके बारे में जानकर चर्चा करते रहना चाहिए।

श्रीमती राजवाड़े आज सूरजपुर जिला के ग्राम चांदनी बिहारपुर के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यमिक शाला में आयोजित मेगा पैरेंट्स टीचर सम्मेलन में शामिल हुई। उन्होंने वहां शिक्षकों एवं अभिभावकों से नई शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा की। श्रीमती राजवाड़े अचानक बच्चों की कक्षा में पहुंची और बच्चों से उनकी पढ़ाई से जुड़े सवाल जवाब किए। उन्होंने बच्चों से उनकी समस्याएं भी पूछी और उसके तत्काल निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

फेडरेशन की मुख्यमंत्री से मुलाकात: प्रदेश उपाध्यक्ष टिकेश्वर भोई की अगुवाई में फेडरेशन ने की मुख्यमंत्री से चर्चा, इन मांगों से कराया अवगत

रायपुर- पदोन्नति, लंबित वेतन सहित कई मांगों को लेकर सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष टिकेश्वर भोय ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की। एक दिवसीय दौरे पर जशपुर पहुंचे मुख्यमंत्री से टिकेश्वर भोय ने शिक्षक से जुड़े करीब आधा दर्जन मुद्दों को लेकर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने फेडरेशन को आश्वस्त किया कि शिक्षकों की मांगों कोे प्रति सरकार गंभीर है, जल्द ही इस मुद्दें पर अधिकारियों से बातचीत कर निर्णय लिया जायेगा।

इससे पहले छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक ,समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष टिकेश्वर भोय की अगुवाई में जशपुर जिलाध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता, कुनकुरी ब्लॉक अध्यक्ष भरत यादव, कार्यकारी ब्लॉक अध्यक्ष फरसाबहार गोकुलानंद यादव ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में मुख्यमंत्री से शिक्षकों से लंबी चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर शिक्षकों की मांगों से उन्हें अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की परेशानी को गंभीरता पूर्वक सुना।

इस दौरान जशपुर जिला में प्रधान पाठक को लंबित पदोन्नति , बलरामपुर जिला में प्रधान पाठक का दो वर्ष से पदांकन पोस्टिंग लंबित एवं राजपुर ब्लॉक में हड़ताल अवधि का लंबित वेतन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी। मुख्यमंत्री ने उचित निराकरण का भरोसा दिलाया है। फेडरेशन की तरफ से कहा गया कि शिक्षक बच्चों के प्रति समर्पण भाव दिखाते हुए पढ़ाई करा रहे हैं। लेकिन कु छ समस्याओं की वजह से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। अगर सरकार की तरफ से शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण कर दिया गया, तो शिक्षा व्यवस्था और भी बेहतर हो सकती है। मुख्यमंत्री ने समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिलाया है।

छत्तीसगढ़ में बढ़े डॉग बाइट के मामले: मानव अधिकार आयोग ने जारी किया आंकड़ा

रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग ने प्रदेश में 2023 के दौरान डॉग बाइट (कुत्ते का काटना) के आंकड़े जारी किए हैं. जिसके अनुसार, साल 2023 के 1 जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक प्रदेश में 1 लाख 19 हजार 928 डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए हैं. इनमें तीन लोगों की मौत भी हुई है. राजधानी रायपुर में कुत्तों के काटने का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. रायपुर में 15 हजार 953 कुत्ते काटने के मामले सामने आए, जबकि दुर्ग में 11 हजार 84 और बिलासपुर में 12 हजार 301 मामले सामने आए हैं.

राज्य मानव अधिकार के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरधारी नायक ने प्रेस वार्ता ली. इस दौरान उन्होंने बताया कि पालतू और आवारा पशुओं के काटने से आमजन के स्वास्थ्य का अधिकार प्रभावित हुआ है. जिसपर संज्ञान में लेते हुए आयोग ने पूरे प्रदेश के जिलों से आकड़े मंगवाए और आकड़े चिंताजनक थे. उन्होंने कहा कि साल 2023 में 1 लाख 19 हजार 928 डॉग बाइट के मामले सामने आये है जो मानव जीवन पर आये भयावह संकट को दर्शाता है. गिरधारी नायक ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 का उल्लेख करते हुए बताया कि धारा 11 की उपधारा 1 के तहत व्यक्ति द्वारा पशुओं के साथ क्रूरता करने पर दंड के प्रावधान हैं. साथ ही उन्होंने उपधारा 11 (ख) के तहत में आवारा कुत्तों के मानव जीवन के लिए खतरा होने की स्थिति में प्राणहार कक्षों या अन्य ढंग से नष्ट करने के प्रावधान की भी जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि नागरिकों का कर्तव्य है कि किसी क्षेत्र में हिंसक या मानव जीवन के लिए खतर बनने वाले कुत्तों की जानकारी तत्काल संबंधित विभागों को दी जाए. साथ ही कुत्तों के काटने पर एंटी रेबीज टीके भी समय पर अनिवार्य रूप से लगाये जाए. उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा ऐसे मामलों में मानव अधिकार आयोग का रुख करने पर आयोग की ओर से आवश्यकता पड़ने पर संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश भी दिये जाते हैं. डॉग बाइट के मामलों पर चिंता जताते हुए कार्यवाहक अध्यक्ष गिरधारी नायक ने कहा कि डॉग बाइट एक गंभीर विषय है जिससे लोगों को शारीरिक, आर्थिक क्षति से बचाने और डॉग बाइट के मामलों में कमी लाने के लिए हर स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है.

बता दें राज्य मानव अधिकार की ओर से जारी किए गए आकड़े केवल शासकीय अस्पतालों के है..ऐसे में निजी अस्पतालों के अकड़ों को मिलाकर सोचा जाए तो ये संख्या कही और बढ़ती नजर आएगी.

रायपुर में डॉग बाइट के मामलों की संख्या सबसे अधिक

आयोग के जारी आंकड़ों के अनुसार, कुत्तों के काटने के सबसे ज्यादा मामले रायपुर में सामने आए हैं. 1 लाख 19 हजार 928 मामलों में 15 हजार 953 मामले प्रदेश की राजधानी से है. शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज टीका लगाने की जिम्मेदारी निगम की होती है. लेकिन ये जानकार हैरानी होगी कि पूरे रायपुर शहर में कुत्तों की नसबंदी के लिए केवल एक ही डॉग सेंटर है. जहां रोजाना केवल 15 से 20 कुत्तों की ही नसबंदी की जाती है और महीने में करीब 450 आवार कुत्तों की नसबंदी होती है. कुत्तों के संख्या की जानकारी जरूर उपलब्ध होती है लेकिन हर साल कुत्तों के ब्रीडिंग से बढ़ती संख्या के आकड़े किसी के पास नहीं है, न ही इसके लिए कोई सर्वे कराया जाता है. ऐसे में हर साल नसबंदी अभियान से सिर्फ लगभग 6 हजार कुत्तों की ही नसबंदी होती है और नसबंदी धीमी होने की वजह से ही कुत्तों के काटने की घटनायें और संख्या भी बढ़ती है.

सोनडोंगरी में तैयार किया जा रहा डॉग शेल्टर

डेढ़ करोड़ की लागत से रायपुर के सोनडोंगरी में कुत्तों के लिए 6500 वर्ग फीट में डॉग शेल्टर तैयार किया जा रहा है. इस शेल्टर में कुत्तों की नसबंदी की जाएगी और एंटी रेबीज टीका लगाया जाएगा. सोमवार को महापौर ढेबर ने एमआईसी की बैठक में अधिकारियों को 1.5 महीने के अंदर इस शेल्टर के तैयार करने निर्देश दिया है. अब देखना होगा निगम राजधानी में डॉग बाइट मामलों पर लगाम लगाने में कितना सफल होगा.

छत्तीसगढ़ कॉलेज में छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हुई मारपीट

रायपुर-  रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज में मंगलवार को ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) और NSUI (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) कार्यकर्ताओं में जमकर बवाल हुआ। कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को गालियां देते हुए जमकर लात-घूंसे और थप्पड़ मारे।

मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनसे धक्का-मुक्की की गई। इस दौरान पुलिस कर्मियों को भी कार्यकर्ताओं ने पीटा। किसी तरह पुलिस ने मामला शांत कराया। बताया जा रहा है कि सारा विवाद पोस्टर फाड़ने को लेकर हुआ है। मारपीट का वीडियो भी सामने आया है।

दरअसल, इस समय कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में छात्र संगठनों ने कार्यकर्ता बनाने के लिए छत्तीसगढ़ कॉलेज परिसर में जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं। नए छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए दोनों संगठन की ओर से तैयारी की गई है।

बताया जा रहा है कि, कॉलेज परिसर में लगे एक छात्र संगठन के पोस्टर को मंगलवार दोपहर किसी ने फाड़कर फेंक दिया गया। इसका वीडियो बनाकर शेयर भी किया गया। वीडियो वायरल होते ही बड़ी संख्या में दोनों छात्र संगठनों के कार्यकर्ता कॉलेज पहुंच गए।

दोनों ओर से ABVP और NSUI कार्यकर्ताओं में पहले तो बहस होती रही। इस दौरान सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन विवाद बढ़ा और कार्यकर्ताओं में मारपीट शुरू हो गई। बीच-बचाव करने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी कार्यकर्ताओं ने लात-घूंसे बरसाए। हालांकि दोनों ही छात्र संगठन में से किसी ने भी इसकी शिकायत नहीं की है।

पहले भी हुआ था विवाद

कुछ दिन पहले ही साइंस कॉलेज में भी पोस्टर फाड़ने को लेकर दोनों छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हुई थी। हालांकि उस वक्त भी दोनों ही तरफ से कोई शिकायत नहीं हुई, जिसके बाद मामला शांत हो गया था। इसके कुछ दिन बाद ही छत्तीसगढ़ कॉलेज में ऐसा ही घटना हुई।

दीक्षा आरम्भ के दिन हंगामा

प्रदेश और  रायपुर के अन्य कॉलेजों के साथ ही छत्तीसगढ़ कॉलेज में भी दीक्षा आरंभ का आयोजन किया गया था। इसमें नए छात्रों के स्वागत के लिए अलग-अलग तैयारियां की गई थी। कॉलेज पहुंचे नव प्रवेशित विद्यार्थियों ने पहले ही दिन छत्तीसगढ़ कॉलेज में दो छात्र गुटों के बीच मारपीट देखा। दीक्षा आरंभ कार्यक्रम एक तरफ हो गया और हंगामा मुख्य विषय हो गया था।