बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए शिक्षक और अभिभावक दोनों की है अहम भूमिका: मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े

रायपुर- बच्चों के अच्छे रिजल्ट और भविष्य के लिए शिक्षक और अभिभावक दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इस आशय केे विचार महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने मेगा पैरेंट्स टीचर सम्मेलन व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हम अभिभावकों को बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षकों से बीच-बीच में मिलकर उनके बारे में जानकर चर्चा करते रहना चाहिए।

श्रीमती राजवाड़े आज सूरजपुर जिला के ग्राम चांदनी बिहारपुर के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यमिक शाला में आयोजित मेगा पैरेंट्स टीचर सम्मेलन में शामिल हुई। उन्होंने वहां शिक्षकों एवं अभिभावकों से नई शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा की। श्रीमती राजवाड़े अचानक बच्चों की कक्षा में पहुंची और बच्चों से उनकी पढ़ाई से जुड़े सवाल जवाब किए। उन्होंने बच्चों से उनकी समस्याएं भी पूछी और उसके तत्काल निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

फेडरेशन की मुख्यमंत्री से मुलाकात: प्रदेश उपाध्यक्ष टिकेश्वर भोई की अगुवाई में फेडरेशन ने की मुख्यमंत्री से चर्चा, इन मांगों से कराया अवगत

रायपुर- पदोन्नति, लंबित वेतन सहित कई मांगों को लेकर सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष टिकेश्वर भोय ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की। एक दिवसीय दौरे पर जशपुर पहुंचे मुख्यमंत्री से टिकेश्वर भोय ने शिक्षक से जुड़े करीब आधा दर्जन मुद्दों को लेकर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने फेडरेशन को आश्वस्त किया कि शिक्षकों की मांगों कोे प्रति सरकार गंभीर है, जल्द ही इस मुद्दें पर अधिकारियों से बातचीत कर निर्णय लिया जायेगा।

इससे पहले छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक ,समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष टिकेश्वर भोय की अगुवाई में जशपुर जिलाध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता, कुनकुरी ब्लॉक अध्यक्ष भरत यादव, कार्यकारी ब्लॉक अध्यक्ष फरसाबहार गोकुलानंद यादव ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में मुख्यमंत्री से शिक्षकों से लंबी चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर शिक्षकों की मांगों से उन्हें अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की परेशानी को गंभीरता पूर्वक सुना।

इस दौरान जशपुर जिला में प्रधान पाठक को लंबित पदोन्नति , बलरामपुर जिला में प्रधान पाठक का दो वर्ष से पदांकन पोस्टिंग लंबित एवं राजपुर ब्लॉक में हड़ताल अवधि का लंबित वेतन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी। मुख्यमंत्री ने उचित निराकरण का भरोसा दिलाया है। फेडरेशन की तरफ से कहा गया कि शिक्षक बच्चों के प्रति समर्पण भाव दिखाते हुए पढ़ाई करा रहे हैं। लेकिन कु छ समस्याओं की वजह से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। अगर सरकार की तरफ से शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण कर दिया गया, तो शिक्षा व्यवस्था और भी बेहतर हो सकती है। मुख्यमंत्री ने समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिलाया है।

छत्तीसगढ़ में बढ़े डॉग बाइट के मामले: मानव अधिकार आयोग ने जारी किया आंकड़ा

रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग ने प्रदेश में 2023 के दौरान डॉग बाइट (कुत्ते का काटना) के आंकड़े जारी किए हैं. जिसके अनुसार, साल 2023 के 1 जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक प्रदेश में 1 लाख 19 हजार 928 डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए हैं. इनमें तीन लोगों की मौत भी हुई है. राजधानी रायपुर में कुत्तों के काटने का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. रायपुर में 15 हजार 953 कुत्ते काटने के मामले सामने आए, जबकि दुर्ग में 11 हजार 84 और बिलासपुर में 12 हजार 301 मामले सामने आए हैं.

राज्य मानव अधिकार के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरधारी नायक ने प्रेस वार्ता ली. इस दौरान उन्होंने बताया कि पालतू और आवारा पशुओं के काटने से आमजन के स्वास्थ्य का अधिकार प्रभावित हुआ है. जिसपर संज्ञान में लेते हुए आयोग ने पूरे प्रदेश के जिलों से आकड़े मंगवाए और आकड़े चिंताजनक थे. उन्होंने कहा कि साल 2023 में 1 लाख 19 हजार 928 डॉग बाइट के मामले सामने आये है जो मानव जीवन पर आये भयावह संकट को दर्शाता है. गिरधारी नायक ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 का उल्लेख करते हुए बताया कि धारा 11 की उपधारा 1 के तहत व्यक्ति द्वारा पशुओं के साथ क्रूरता करने पर दंड के प्रावधान हैं. साथ ही उन्होंने उपधारा 11 (ख) के तहत में आवारा कुत्तों के मानव जीवन के लिए खतरा होने की स्थिति में प्राणहार कक्षों या अन्य ढंग से नष्ट करने के प्रावधान की भी जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि नागरिकों का कर्तव्य है कि किसी क्षेत्र में हिंसक या मानव जीवन के लिए खतर बनने वाले कुत्तों की जानकारी तत्काल संबंधित विभागों को दी जाए. साथ ही कुत्तों के काटने पर एंटी रेबीज टीके भी समय पर अनिवार्य रूप से लगाये जाए. उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा ऐसे मामलों में मानव अधिकार आयोग का रुख करने पर आयोग की ओर से आवश्यकता पड़ने पर संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश भी दिये जाते हैं. डॉग बाइट के मामलों पर चिंता जताते हुए कार्यवाहक अध्यक्ष गिरधारी नायक ने कहा कि डॉग बाइट एक गंभीर विषय है जिससे लोगों को शारीरिक, आर्थिक क्षति से बचाने और डॉग बाइट के मामलों में कमी लाने के लिए हर स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है.

बता दें राज्य मानव अधिकार की ओर से जारी किए गए आकड़े केवल शासकीय अस्पतालों के है..ऐसे में निजी अस्पतालों के अकड़ों को मिलाकर सोचा जाए तो ये संख्या कही और बढ़ती नजर आएगी.

रायपुर में डॉग बाइट के मामलों की संख्या सबसे अधिक

आयोग के जारी आंकड़ों के अनुसार, कुत्तों के काटने के सबसे ज्यादा मामले रायपुर में सामने आए हैं. 1 लाख 19 हजार 928 मामलों में 15 हजार 953 मामले प्रदेश की राजधानी से है. शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज टीका लगाने की जिम्मेदारी निगम की होती है. लेकिन ये जानकार हैरानी होगी कि पूरे रायपुर शहर में कुत्तों की नसबंदी के लिए केवल एक ही डॉग सेंटर है. जहां रोजाना केवल 15 से 20 कुत्तों की ही नसबंदी की जाती है और महीने में करीब 450 आवार कुत्तों की नसबंदी होती है. कुत्तों के संख्या की जानकारी जरूर उपलब्ध होती है लेकिन हर साल कुत्तों के ब्रीडिंग से बढ़ती संख्या के आकड़े किसी के पास नहीं है, न ही इसके लिए कोई सर्वे कराया जाता है. ऐसे में हर साल नसबंदी अभियान से सिर्फ लगभग 6 हजार कुत्तों की ही नसबंदी होती है और नसबंदी धीमी होने की वजह से ही कुत्तों के काटने की घटनायें और संख्या भी बढ़ती है.

सोनडोंगरी में तैयार किया जा रहा डॉग शेल्टर

डेढ़ करोड़ की लागत से रायपुर के सोनडोंगरी में कुत्तों के लिए 6500 वर्ग फीट में डॉग शेल्टर तैयार किया जा रहा है. इस शेल्टर में कुत्तों की नसबंदी की जाएगी और एंटी रेबीज टीका लगाया जाएगा. सोमवार को महापौर ढेबर ने एमआईसी की बैठक में अधिकारियों को 1.5 महीने के अंदर इस शेल्टर के तैयार करने निर्देश दिया है. अब देखना होगा निगम राजधानी में डॉग बाइट मामलों पर लगाम लगाने में कितना सफल होगा.

छत्तीसगढ़ कॉलेज में छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हुई मारपीट

रायपुर-  रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज में मंगलवार को ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) और NSUI (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) कार्यकर्ताओं में जमकर बवाल हुआ। कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को गालियां देते हुए जमकर लात-घूंसे और थप्पड़ मारे।

मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनसे धक्का-मुक्की की गई। इस दौरान पुलिस कर्मियों को भी कार्यकर्ताओं ने पीटा। किसी तरह पुलिस ने मामला शांत कराया। बताया जा रहा है कि सारा विवाद पोस्टर फाड़ने को लेकर हुआ है। मारपीट का वीडियो भी सामने आया है।

दरअसल, इस समय कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में छात्र संगठनों ने कार्यकर्ता बनाने के लिए छत्तीसगढ़ कॉलेज परिसर में जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं। नए छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए दोनों संगठन की ओर से तैयारी की गई है।

बताया जा रहा है कि, कॉलेज परिसर में लगे एक छात्र संगठन के पोस्टर को मंगलवार दोपहर किसी ने फाड़कर फेंक दिया गया। इसका वीडियो बनाकर शेयर भी किया गया। वीडियो वायरल होते ही बड़ी संख्या में दोनों छात्र संगठनों के कार्यकर्ता कॉलेज पहुंच गए।

दोनों ओर से ABVP और NSUI कार्यकर्ताओं में पहले तो बहस होती रही। इस दौरान सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन विवाद बढ़ा और कार्यकर्ताओं में मारपीट शुरू हो गई। बीच-बचाव करने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी कार्यकर्ताओं ने लात-घूंसे बरसाए। हालांकि दोनों ही छात्र संगठन में से किसी ने भी इसकी शिकायत नहीं की है।

पहले भी हुआ था विवाद

कुछ दिन पहले ही साइंस कॉलेज में भी पोस्टर फाड़ने को लेकर दोनों छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हुई थी। हालांकि उस वक्त भी दोनों ही तरफ से कोई शिकायत नहीं हुई, जिसके बाद मामला शांत हो गया था। इसके कुछ दिन बाद ही छत्तीसगढ़ कॉलेज में ऐसा ही घटना हुई।

दीक्षा आरम्भ के दिन हंगामा

प्रदेश और  रायपुर के अन्य कॉलेजों के साथ ही छत्तीसगढ़ कॉलेज में भी दीक्षा आरंभ का आयोजन किया गया था। इसमें नए छात्रों के स्वागत के लिए अलग-अलग तैयारियां की गई थी। कॉलेज पहुंचे नव प्रवेशित विद्यार्थियों ने पहले ही दिन छत्तीसगढ़ कॉलेज में दो छात्र गुटों के बीच मारपीट देखा। दीक्षा आरंभ कार्यक्रम एक तरफ हो गया और हंगामा मुख्य विषय हो गया था।

‘एक पेड़ मां के नाम’ पर जेल मुख्यालय नवा रायपुर में किया गया वृक्षारोपण

रायपुर-     ‘एक पेड़ मां के नाम’ महावृक्षारोपण अभियान के तहत आज नवा रायपुर स्थित जेल मुख्यालय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता बढ़ाने और हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाना था। वृक्षारोपण कार्यक्रम में जेल महानिदेशक राजेश मिश्रा, जेल उपमहानिरीक्षक एस एस तिग्गा सहित जेल मुख्यालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए गए, जिनमें जेल महानिदेशक द्वारा कटहल का पौधा, उपमहानिरीक्षक द्वारा आम और अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विभिन्न प्रकार के फलदार एवं छायादार पौधे लगाए गए। इस मौके पर जेल प्रशासन ने पौधों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए ट्री गार्ड एवं फेंसिंग नेट लगाने की व्यवस्था की।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ महावृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत देश में सितम्बर 2024 तक 80 करोड़ एवं मार्च 2025 तक 140 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशन में ‘एक पेड़ मां के नाम’ महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 4 करोड़ पौधारोपण किए जाने का लक्ष्य है।
 
 
तिरंगा यात्रा पर सियासत, कांग्रेस ने बताया राजनीतिक प्रोपोगंडा, भाजपा बोली – टिप्पणी करने में बरतें परहेज
रायपुर-    देश-प्रदेश की सियासत का स्तर कहां तक पहुंच गया है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तिरंगा यात्रा जैसी कवायद पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस ने भाजपा की तिरंगा यात्रा राजनीतिक प्रोपोगंडा करार दिया है. इस पर भाजपा ने कांग्रेस को इस तरह की टिप्पणी से परहेज बरतने को कहा है. 


कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा के तिरंगा यात्रा को लेकर कहा कि बीजेपी ने तीन रंगों को देश के लिए घातक बताया था. राजनीतिक प्रोपोगंडा के लिए बीजेपी तिरंगा यात्रा निकाल जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है. इस आरोप पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा कि देशवासियों में राष्ट्र प्रेम की भावना आ रही है. अगर हर घर में तिरंगा लगे तो क्या खराबी है.

उन्होंने कहा कि हमारे देश का झंडा है. उसको लेकर बीजेपी कार्यक्रम करें, तो इस पर किसी भी कीमत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. राजनीति करने के बहुत सारे विषय हैं. देश के सम्मान से जुड़ा है. बहुत अच्छा संदेश है. इस पर राजनीति या टिप्पणी नहीं करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस इस पर भी टिप्पणी कर रही है.

सुशील आनंद शुक्ला ने तिरंगा यात्रा के अलावा स्पंज उद्योग द्वारा अडानी को खत लिखने पर कहा कि कुल मिलाकर जो सर्कल था वह पूरा होने की स्थिति पर है. सरकार ने अडानी को ही फायदा पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ के उद्योगों के बिजली दामों को बढ़ाया था, अब उद्योगपतियों ने मजबूरी में अडानी को पत्र लिखा है. अडानी और उद्योग के बीच MOU हो जाएगा. मामला खत्म हो जाएगा.

शुक्ला ने कहा कि लोहा उद्योग व्यापार की रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं. पिछली सरकार ने बिजली में सब्सिडी दिया था, इस सरकार ने क्यों बढ़ाया, क्यों उनकी बात नहीं मानी जा रही है, बीच के रास्ता क्यों नहीं निकाला जा रहा है.

विधानसभा के अधिकारियों के नाराजगी को लेकर कांग्रेस संचार प्रमुख ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को सिर्फ नाराज ही नहीं होना था. सरकार में बैठे लोगों को उस पर लपेटना था. विधानसभा सर्वोच्च है. जनता के प्रतिनिधि के रूप में सरकार के कामकाज को सुचारू रूप से चलने में गाइडलाइन देती है. विधानसभा में कोई सवाल का जवाब नहीं दिया जा रहा है, तो आपत्तिजनक है. विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखना पड़ा है, मतलब सरकार का कार्य प्रणाली क्या है.
विधानसभा अध्यक्ष की फटकार पर कलेक्टरों को भेजी चिट्ठी, पूर्व विधायक के निधन से जुड़ा है मामला…

रायपुर- दिवंगत विधायकों की सूचना समय पर नहीं मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह द्वारा लगाई गई शासन को फटकार का असर हुआ है. मंत्रालय से कलेक्टरों को पत्र जारी कर भविष्य में त्रुटि न होने की चेतावनी दी गई है. पत्र के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया है. 

मामला विधानसभा के मानसून सत्र का है, जब सत्र के अंतिम दिन मनेंद्रगढ़ के पूर्व विधायक विजय सिंह के निधन की सूचना मिली थी. इस पर कांग्रेस और भाजपा दोनों पक्षों के विधायकों के कड़े एतराज के बाद स्पीकर डॉ. सिंह ने भी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने यह व्यवस्था सुधारने शासन को निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि यह देखने में आया है कि कई बार इस तरह की सूचना देने में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही दिखाई पड़ती है, इसलिए राज्य शासन इसे गंभीरता से ले।

सर्कुलर में कहा गया है कि वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक, संसद सदस्य लोकसभा व राज्य आदि के बारे में जानकारी मिलते ही तत्काल विधानसभा सचिवालय को अवगत कराया जाए. इसमें छत्तीसगढ़ व अविभाजित मध्यप्रदेश के सदस्यों को भी शामिल किया गया है. दिवंगत विधायक सिंह को लेकर जीएडी ने कहा है कि ऐसा लगता है यह प्रभावी व्यवस्था में खामी का नतीजा है. यह उचित नहीं है.

छत्तीसगढ़ में 11 अगस्त से शुरू होगा BJP का हर घर तिरंगा अभियान, प्रदेशभर में बांटे जाएंगे 12 लाख झंडे

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर “हर घर तिरंगा” अभियान के तहत प्रदेश में 12 लाख तिरंगा झंडे बांटने की घोषणा की है। इस अभियान को लेकर भाजपा की एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें बिहार सरकार के मंत्री एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि भाजपा एक संगठनात्मक और वैचारिक आंदोलन है, जो गैर-राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है। कोविड-19 महामारी के समय भी भाजपा ने “सेवा ही संगठन” कार्यक्रम के तहत जन सेवा की थी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 11 से 15 अगस्त तक एक पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा, जिसके दौरान हर घर में तिरंगा फहराने का अभियान चलाया जाएगा। 11, 12 और 13 अगस्त को सर्व व्यापी तिरंगा यात्रा का आयोजन होगा, जो युवा मोर्चा के नेतृत्व में हर विधानसभा में आयोजित होगी। इस दौरान महापुरुषों के माल्यार्पण के साथ स्वच्छता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मौन जुलूस भी निकाला जाएगा। प्रदेश सचिवालय में हर कार्यकर्ता सभी कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने बताया कि इस देशव्यापी कार्यक्रम को लेकर की गई बैठक में संकल्प लिया गया है कि छत्तीसगढ़ इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभाएगा। प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी, टांकराम वर्मा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, विधायक राकेश अग्रवाल और अवधेश चंदेल भी मौजूद थे।

मंत्रालयीन अधिकारियों-कर्मचारियों ने 4% DA बढ़ोतरी समेत 7 सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

रायपुर- रायपुर में अधिकारी और कर्मचारियों ने ‘झन कर इंकार, हमर सुनव सरकार’ के नारे के साथ महँगाई भत्ता और एरियर्स समेत सात सूत्रीय मांग को लेकर मंत्रालय से संचालनालय तक मशाल रैली निकाली। अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारी राजेश चटर्जी और कमल वर्मा ने बताया कि यह रैली अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले चरणबद्ध आंदोलन का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि 20-30 अगस्त तक सभी सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 11 सितंबर से जिला, ब्लॉक, तहसील स्तर पर मशाल रैली निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा, और 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन होगा।

आज मशाल रैली और चरणबद्ध आंदोलन के माध्यम से अधिकारियों और कर्मचारियों ने महँगाई भत्ता, एरियर्स सहित सात सूत्रीय माँगों को जोर-शोर से उठाया और जमकर नारेबाजी की, इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मंत्रालयीन अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।

अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की सात सूत्रीय मांग

1. कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से महँगाई भत्ता में 4% वृद्धि के साथ 50% महँगाई भत्ता दिया जाए।

2. 1 जुलाई 2019 से लंबित महँगाई भत्ता एरियर्स को GPF खाते में जमा किया जाए।

3. कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान स्वीकृत किया जाए।

4. कर्मचारियों को केंद्र के समान गृह भाड़ा दिया जाए।

5. अर्जित अवकाश नकदीकरण की सीमा 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन की जाए।

6. प्रदेश के लिपिकों के वेतनमान में सुधार किया जाए।

7. संचालनालयीन कर्मचारियों को संचालनालयीन भत्ता और मंत्रालय में प्रवेश के लिए पत्र दिया जाए।

फेडरेशन के पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि अगर उनकी माँगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।

साय कैबिनेट की अहम बैठक कल
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक 7 अगस्त बुधवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में होगी। बैठक प्रातः 11 बजे से आयोजित होगी।