विद्युत दरों बढ़ोतरी से लगा झटका, मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन ने मांगी सब्सिडी के साथ विद्युत शुल्क में कटौती…
रायपुर- वर्तमान में अचानक हुई विद्युत दरों के वृद्धि से प्रदेश के स्टील उद्योगों को तगड़ा झटका लगा है. इससे छत्तीसगढ़ में लौह बनाने की कीमत काफी बढ़ गई है. स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोएिशन ने राज्य सरकार से पांच सालों के लिए 1.40 रुपए की अनुदान के साथ 15 सालों के लिए 8 प्रतिशत विद्युत शुल्क (Electricity Duty) को 0 करने की मांग की है.


छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के महासचिव मनीष धुप्पड़ ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 600 स्टील उद्योग है, जो लगभग 40 प्रतिशत खपत के साथ छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं. उद्योग प्रतिवर्ष लगभग 1100 करोड़ यूनिट खपत करता है, जिससे छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल को प्रतिवर्ष लगभग 7700 करोड़ रुपए का सबसे अधिक राजस्व मिलता है.

उन्होंने बताया कि केवल विद्युत खपत के लिहाज से ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का लौह उद्योग जीएसटी टैक्स के माध्यम से राज्य शासन एवं भारत सरकार प्रति वर्ष लगभग 9 हजार करोड़ से अधिक राजस्व प्रदान करता है. इसके साथ यह उद्योग लगभग ढाई से तीन लाख परिवारों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है. छत्तीसगढ़ के मिनी स्टील प्लांट उद्योग 105 स्पंज आयरन एवं 220 रोलिंग मिलों की बीच की कड़ी है.

छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के महासचिव मनीष धुप्पड़ ने भारत के प्रमुख स्टील उत्पादक राज्यों की बिजली दरें का बिल प्रदर्शित करते हुए बताया कि ओडिशा में जहां 5.13 रुपए चार्ज किया जा रहा है, तो वहीं जिंदल पार्क रायगढ़ द्वारा 5.00 रुपए, पंजाब 5.44 रुपए और दामोदर वेल्ली पश्चिम बंगाल द्वारा 5.99 रुपए प्रति यूनिट चार्ज किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि हमारा तैयार माल एवं अन्य राज्यों का तैयार माल एक रूपण है, लेकिन विद्युत दरों में बढ़ोतरी से अन्य राज्यों की तुलना में हमारे माल की लागत काफी बढ़ गई है, और अन्य राज्यों के माल सस्ती दरों पर दूसरे राज्यों में विक्रय किया जा रहा है. भारी नुकसान और आर्थिक तंगी के बीच छत्तीसगढ़ के लौह उद्योग के ऊपर गहरा संकट आ गया है.

छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन ने छत्तीसगढ़ शासन से मांग की है कि जल्द से जल्द छत्तीसगढ़ के लौह उद्योगों को पूर्व की भांति 1.40 रुपए का अनुदान और 8 प्रतिशत विद्युत शुल्क में छूट दी जाए, जिससे छत्तीसगढ़ लौह उद्योग पुनः राज्य की अग्रणी विकास में अपनी महती भूमिका निभा सके. इसके साथ ही राज्य के बजट में जीएसटी लगभग 9000 करोड़ और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी को 7700 करोड़ के अपना योगदान पूर्व की भांति प्रदान करता रहे.
मंत्री सुनेंगे कार्यकर्ताओं और नागरिकों की समस्या… 2 अगस्त से फिर शुरू होगा भाजपा का सहयोग केंद्र

रायपुर- छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश भाजपा ने बोरियाकला स्थित भाजपा मुख्यालय (कुशाभाऊ ठाकरे परिसर) में भाजपा कार्यकर्ताओं और नागरिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए सहयोग केंद्र की स्थापना की थी. यह सहयोग केंद्र शुरुआत में 15 दिनों तक संचालित हुआ, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते दो महीने बंद रहा.

लोकसभा चुनाव के बाद पुनः सहयोग केंद्र जुलाई में प्रारंभ हुआ, जो गत 9 जुलाई से बंद था. भाजपा का सहयोग केंद्र अब 2 अगस्त से फिर शुरू होने जा रहा है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने बताया कि 2 अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल मौजूद रहेंगे. जो भाजपा कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की समस्याओं के निदान व केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से अधिकतम लोगों को लाभांवित करेंगे.

हाईकोर्ट से सिम्स के कर्मचारियों को राहत, एकतरफा कार्यमुक्ति पर लगाई रोक, काम करने की दी छूट
बिलासपुर- सिम्स (सिम्स) की नर्सों और अन्य कर्मचारियों को एकतरफा कार्यमुक्त किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें सिम्स में ही कार्यरत रहने और उपस्थिति देने के साथ ही शासन को नोटिस जारी कर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, सिम्स की कर्मचारी गीता हालदार, दमयंती कश्यप, शारदा यादव, और वी लक्ष्मी राव वर्ष 2001 से भी पूर्व से यहां अपनी सेवाएं दे रही हैं। वर्ष 2001 में सिम्स की स्थापना के समय उन्हें गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर माना गया, जबकि उनकी मंशा नहीं पूछी गई। वर्ष 2006 में सिम्स को पुनः शासन ने अधिग्रहित कर लिया और याचिकाकर्ताओं की सेवाएं संचालक, चिकित्सा शिक्षा में पुनः प्रतिनियुक्ति पर दे दी गईं। तब से याचिकाकर्ता सिम्स में ही निरंतर सेवाएं दे रही हैं।

बता दें कि 28 जून 2024 को सिम्स प्रशासन ने अचानक याचिकाकर्ताओं को कार्यमुक्त कर दिया और उन्हें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में कार्यभार लेने का आदेश दिया। दूसरी ओर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इन कर्मचारियों को ज्वाइनिंग देने से इस आधार पर मना कर दिया कि उन्हें ऐसा कोई आदेश शासन से प्राप्त नहीं हुआ है।

इस आदेश से क्षुब्ध होकर कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि सिम्स प्रशासन ने सर्विस लॉ का पालन नहीं किया है और उनकी मंशा जाने बिना उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया, जो कि फंडामेंटल रूल्स के विपरीत है और कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सिम्स में ही कार्यरत रहने और उपस्थिति देने का निर्देश देते हुए शासन को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।

छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों में भी होगी पेरेंट-टीचर मीटिंग, स्‍कूल शिक्षा सचिव ने सभी कलेक्टरों को जारी किए निर्देश
रायपुर- छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब प्राइवेट स्कूलों की तरह नियमित रूप से पैरेंट-टीचर मीटिंग (PTM) आयोजित की जाएगी। राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव, सिद्धार्थ कोमल परेदशी ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए एक पत्र जारी किया है। जिसके मुताबिक, शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान मेगा पैरेंट-टीचर मीटिंग का आयोजन 6 अगस्त 2024 को संकुल (Cluster) स्तर पर किया जाएगा।


स्कूल शिक्षा सचिव, सिद्धार्थ कोमल परेदशी द्वारा सभी कलेक्टरों को जारी किये गए पत्र के अनुसार, प्रत्येक संकुल में बैठक के पूर्व तैयारियों को सुनिश्चित करने और जिला स्तरीय टीम द्वारा भौतिक निरीक्षण कराने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक के दौरान, 12 निर्धारित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और शिक्षकों का चिन्हांकन कर उनका उन्मुखीकरण कराया जाएगा, ताकि वे पालकों को सही जानकारी प्रदान कर सकें।

बैठक के दौरान शिक्षक, शासन द्वारा संचालित विद्यार्थी हितग्राही योजनाओं की जानकारी देंगे, ताकि पालक और विद्यार्थियों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। इसके साथ ही, शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन हेतु राज्य में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी भी प्रदान की जाएगी। बैठक में केवल शिक्षक और पालक ही शामिल होंगे। विद्यालयों में अध्यापन कार्य सुचारू रूप से चलता रहेगा और आधे शिक्षक बैठक में तथा आधे शिक्षक शैक्षणिक कार्य में व्यस्त रहेंगे। शाला विकास समिति के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही, काउंसलर और शिक्षाविदों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाएगा ताकि पालकों को श्रेष्ठ पालकत्व की ओर अग्रसर होने में सहायता मिल सके। बैठक की निगरानी जिला स्तर पर एक दल द्वारा अनिवार्य रूप से की जाएगी।

देखें आदेश –
मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय बालगंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर किया नमन
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं समाज सुधारक बालगंगाधर तिलक की 01 अगस्त को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि तिलक जी ने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है‘ के प्रेरणादायक उद्घोष के साथ सबसे पहले पूर्ण स्वराज की मांग उठाई। इससे आम जनता में देश की स्वतंत्रता के लिए जागरूकता का संचार हुआ। जनता को देश प्रेम एवं अन्याय के विरूद्ध संगठित करने के लिए उन्होंने सार्वजनिक गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव की शुरूआत की। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।
बजट में 6922 करोड़ मिलने पर सांसद संतोष पांडेय ने रेल मंत्री का जताया आभार, कहा –

रायपुर-   लोकसभा के बजट सत्र में राजनांदगांव लोकसभा सांसद संतोष पाण्डेय ने रेल के क्षेत्र में विकास के लिए छत्तीसगढ़ को प्राप्त 6922 करोड़ के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. सांसद पाण्डेय ने कहा कि साल 2009 में छत्तीसगढ़ राज्य को दक्षिण पूर्व मध्य रेल के माध्यम केन्द्रीय बजट में मात्र 311 करोड़ की राशि प्राप्त हुई, जबकि साल 2024 में 6922 करोड़ प्राप्त हुए हैं. बजट में 22 गुना वृद्धि कर रेल के क्षेत्र में विकास को गति प्रदान करने में केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से प्रतिबद्ध रही है.

उन्होंने आगे बताया कि राज्य के 32 रेलवे स्टेशन को अमृत स्टेशन योजना में शामिल कर नवीनीकरण व उन्नयन का कार्य जारी है. साथ ही 37018 करोड़ की लागत से 25 नयी रेल परियोजनाओ पर कार्य जारी है. छत्तीसगढ़ में 141 ओवरब्रिज व अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया है, जिसमें से 14 राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से हैं.

डोंगरगढ़-कटघोरा नई रेल लाइन को गति देने की मांग

डोंगरगढ़ से कटघोरा नवीन रेल लाइन को गति प्रदान करने के विषय को सदन में रखते हुए सांसद संतोष पांडेय ने बताया कि इस नवीन रेल लाइन का जल्द निर्माण कार्य चालू होना आवश्यक है, जिससे मुंबई हावड़ा मेन लाइन पर रेल ट्रैफिक का दबाव थोड़ा कम होगा. मालगाड़ियों का परिवहन नवीन रेल लाइन से करने पर वर्तमान में ट्रेनों के समय से चलाये जाने में सहयोग प्राप्त होगा. उन्होंने कहा, नवीन रेल लाइन के निर्माण में डबल इंजन की सरकार का प्रभाव भी देखने मिला है, जिसमें रेल मंत्रालय ने 500 करोड़ और छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार ने 300 करोड़ का बजट प्रावधान किया है. सांसद पाण्डेय ने राजनांदगांव और डोंगरगढ़ स्टेशन में पूरी-गांधीधाम, पूरी-अजमेर, भगत की कोठी, डोंगरगढ़-रायपुर लोकल मेमू सहित अन्य ट्रेनों के ठहराव की मांग भी सदन के माध्यम से रखी है.

सांसद संतोष पांडेय ने प्रधानमंत्री मोदी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार रेल के साथ ही सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास की ओर सदैव अग्रसर है. सौर उर्जा से लेकर रेल, एवं नवीन सड़कों व औद्योगिक विकास तक सभी क्षेत्रो में डबल इंजन की सरकार का जादू दिखेगा.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी से कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात, 4% डीए देने पर बनी सहमति
रायपुर-   छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को छत्तीसगढ़ शासन के वित्त मंत्री ओपी चौधरी से लंबित 4% डीए और चुनावी घोषणापत्र में दिए गए “मोदी की गारंटी” के संदर्भ में विभिन्न मांगो को लेकर मुलाकात की। इस मुलाकात में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि, जल्द ही देय तिथि से लंबित 4% महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी किया जाएगा।

मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री को पूर्ववर्ती सरकार के दौरान बकाया डीए के एरियर्स, एलबी संवर्ग सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के संदर्भ में भाजपा के घोषणा पत्र में किए गए वायदे को पूरा करने की मांग करते हुए राज्य के कर्मचारियों की सरकार से की जा रही अपेक्षाओं से अवगत कराया। जिस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि चुनाव में दिए गए मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए सरकार को कुछ समय दीजिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो भी वायदा किया है, उसे पूरा करेंगे।

16 जुलाई को इंद्रावती भवन में हुई थी बैठक

गौरतलब है कि 16 जुलाई को इंद्रावती भवन नया रायपुर में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में प्रदेश भर से दो दर्जन से अधिक कर्मचारी अधिकारी संगठन एवं शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि के अलावा सत्ता पक्ष के गैर राजनीतिक अनुषांगिक संगठन से जुड़े कर्मचारी नेता भी शामिल हुए थे।

इस बैठक में मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री से मिलकर कर्मचारियों की मांग रखने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद 30 जुलाई को भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय से कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रतिनिधि मंडल ने संगठन महामंत्री पवन साय को अवगत कराया कि कर्मचारियों से किए गए वायदे पूरे नहीं होने से कर्मचारियों में निराशा का माहौल है, जबकि सत्ता परिवर्तन में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। संगठन महामंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की बातों को सुनने के बाद हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया और महती भूमिका निभाते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी तक कर्मचारियों की मांग को पहुंचाया। इसके बाद 31 जुलाई बुधवार को वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल को मिलने का समय दिया। वित्त मंत्री से मुलाकात में प्रतिनिधि मंडल ने बकाया 4% डीए, डीए के एरियर्स सहित पूर्ववर्ती सरकार के समय पिछले 5 वर्षों से लम्बित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की मांग से अवगत कराया। प्रतिनिधि मंडल ने आंदोलनरत नगरीय निकाय के कर्मचारियों की मांग के संबंध में चर्चा करते हुए प्रत्येक माह की एक तारीख को उन्हें वेतन देने की व्यवस्था बनाने का अनुरोध भी किया।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी एवं भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय से मुलाकात करने वाले छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत, संरक्षक तीरथ लाल सेन, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा, लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह, प्रांतीय प्रवक्ता देवाशीष दास, राज्य शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर शामिल थे।
CM साय के नाम पर ठगी की कोशिश: बदमाश ने पहले बनाई फेक ID, फिर लोगों को भेजे मैसेज, अधिकारियों को जारी किया आदेश, पुलिस ने एक को दबोचा
रायपुर- सोशल मीडिया में फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों से साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं. ताजा मामला राजधानी रायपुर से सामने आया है. यहां साइबर ठग ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर ठगी करने की कोशिश की. आरोपी ने इस आईडी से कई लोगों को मैसेज भेजे थे. इतना ही नहीं पुलिस के मुताबिक ठग ने फर्जी आईडी से अधिकारियों को कई आदेश भी भेजे थे. मामले में सायबर रेंज थाना ने आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को हिरासत में लिया है और मामले की जांच में जुट गई है.

ऐसे करते हैं ठगी :

गौरतलब है कि ऐसे साइबर ठग लोगों से पैसे ठगने पहले बड़े अफसरों, कारोबारियों या सेलिब्रिटी जैसे लोगों की फोटो का इस्तेमाल करते हुए फेक आइडी बनाते हैं. इसके बाद वे इसी आइडी से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और फिर जब संबंधित व्यक्ति फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेता है तो कुछ दिनों बाद अचानक ही पैसों की जरूरत बताते हुए पैसे मांगते हैं और एक विशेष नंबर देकर वे उस नंबर पर आनलाइन ट्रांजेक्शन करने की मांग करते हैं.

ऐसे करे सोशल मीडिया अकाउंट की सुरक्षा

अपने सोशल मीडिया अकाउंट की सुरक्षा के लिए सबसे पहले तो आपको एक मजबूत पासवर्ड बनाने की जरूरत है. पासवर्ड में कैपिटल लेटर्स, स्माल लेटर्स, स्पेशल लेटर्स और न्यूमेरिक लेटर्स को मिलाकर तैयार होना चाहिए. इतना ही नहीं आपको अपने फोन नंबर, जन्मतिथि, किसी प्रियजन के नाम से जुड़े पासवर्ड रखने से बचना चाहिए. इसके अलावा अपने अकाउंट की सुरक्षा के लिए आप टू फैक्टर आथेंटिकेशन का विकल्प भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तरीके में अकाउंट लागिन करने के लिए पासवर्ड डालने के बाद आपको फोन या ई-मेल पर एक कोड भेजा जाता है, जिसे डालने के बाद ही आप लागिन कर सकते हैं. साथ ही अतिरिक्त सुरक्षा के लिए आपको हर छह महीने में अपना पासवर्ड चेंज कर देना चाहिए.
CBSE के छात्र शिक्षा विभाग की खेल प्रतियोगिताओं में ले सकेंगे भाग, लोक शिक्षण संचालनालय ने वापस लिया निर्णय…आदेश जारी
रायपुर- स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) ने सीबीएसई (CBSE) को एक स्वतंत्र इकाई के रूप में मान्यता प्रदान की है. इसके चलते, सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के छात्रों को सत्र 2024-2025 से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित विकासखंड, जिला, संभाग, और राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से अलग कर दिया गया था. हालांकि, छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसियेशन के अनुरोध के बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने इस निर्णय को वापस ले लिया है.


एसोसियेशन ने लोक शिक्षण संचालनालय को अवगत कराया कि सीबीएसई ने SGFI से मान्यता प्राप्त कर ली है, लेकिन सेटअप तैयार नहीं हो पाने के कारण इस सत्र में प्रतियोगिताएं आयोजित करना संभव नहीं है. जिसके बाद छात्र हित को ध्यान में रखते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने सीबीएसई से संबद्ध विद्यार्थियों को सत्र 2024-2025 में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित विकासखंड, जिला, संभाग, और राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति दी है. यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा.

देखें आदेश –
लोकसभा में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने और आयात कम करने पर उठाए सवाल

रायपुर-    देश में कोयले का घरेलू उत्पाद बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कोयला मंत्रालय लगातार कार्य कर रहा है। लोकसभा में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को यह जानकारी दी है। जिसके मुताबिक कोयला आयात को प्रतिस्थापित करने के लिए सरकार द्वारा कई उपाय किए गए हैं।

2020 में शुरू की गई गैर-विनियमित क्षेत्र (एनआरएस) लिंकेज नीलामी नीति में संशोधन के साथ, एनआरएस लिंकेज नीलामी में कोकिंग कोल लिंकेज की अवधि को 30 साल तक की अवधि के लिए संशोधित किया गया है। शक्ति नीति के संशोधित प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत संयंत्रों को अल्पावधि के लिए पेशकश की गई कोयले तथा एनआरएस लिंकेज नीलामी में 30 वर्ष तक की अवधि के लिए कोकिंग कोल लिंकेज की अवधि में वृद्धि से कोयला आयात प्रतिस्थापन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

सरकार ने वर्ष 2022 में निर्णय लिया है कि कोयला कंपनियों द्वारा विद्युत क्षेत्र के सभी मौजूदा लिंकेज धारकों की पूर्ण पीपीए आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोयला उपलब्ध कराया जाएगा। विद्युत क्षेत्र के लिंकेज धारकों की पूर्ण पीपीए आवश्यकता को पूरा करने के सरकार के निर्णय से आयात पर निर्भरता कम होगी। कोयला आयात प्रतिस्थापन के उद्देश्य से कोयला मंत्रालय में एक अंतर- मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का गठन किया गया है। जिसमे विद्युत मंत्रालय, रेल मंत्रालय, नौवहन, वाणिज्य , इस्पात, खान मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, कोयला कंपनियों और बंदरगाही के प्रतिनिधि इस आईएममी के सदस्य है। आईएमसी के निर्देशों पर कोयला मंत्रालय द्वारा एक आयात डाटा प्रणाली विकसित की गई है ताकि मंत्रालय कोयले के आयात का पता लगा सके। कोयले की और अधिक घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाते हैं। साथ ही खनिज रियायत नियम , 1960 को संशोधित किया गया है जिससे कैप्टिव खान के प‌ट्टेदार द्वारा अतिरिक्त राशि के भुगतान पर कोयला या लिग्नाइट की बिक्री की अनुमति दी जा सके, जो खान से जुड़े अल्य उपयोग संयंत्र की आवश्यकता को पूरा करने के बाद एक वित्तीय वर्ष में उत्पादित कुल कोयाले या लिग्नाइट के 50 प्रतिशत तक हो। कोयला अथवा लिग्नाइट की निधर्धारित मात्रा की विक्री की अनुमति से कैप्टिव पट्टेदार कैप्टिय खानी से उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे। इसके अलावा कोयला ब्लॉकों के विकास में तेजी लाने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा नियमित समीक्षा की जायेगी। कोयला कंपनियों ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। जिनमे कोल इंडिया लि ने कोयला उत्पादन में वृद्धि करने के लिए भूमिगत (यूजी) खानों में जहां कही व्यचहार्य हो, मुख्यतः सतत खनिकों के साथ व्यापक उत्पादन प्रौद्योगिकियां अपना रही है। सीआईएल ने परित्यक्त/बंद खान की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए हाईवाल खानों की भी योजना बनाई है। सीआईएल जहां कहीं संभव हो, बड़ी क्षमता वाली भूमिगत खानों की भी योजना बना रही है। सीआईएल की अपनी ओपनकास्ट खानों में पहले से ही उच्च क्षमता वाले एक्सकेवेटरों, डम्परों और सतही खनिकों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी है।

सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि. द्वारा नई परियोजनाओं को आधार प्रदान करने और मौजूदा परियोजनाओं के प्रचालन के लिए नियमित संपर्क किया जा रहा है। एससीसीएल ने कोयले की निकासी के लिए सीएचपी, क्रशर, मोबाइल क्रशर, प्री-वे-बिन आदि जैसी अवसंरचना विकसित करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। कोल मंत्रालय ने एनुअल कॉन्ट्रैक्ट क्वांटिटी को कुछ मामलों में नियामक आवश्यकता के 100% तक बढ़ा दिया गया है। जहां पहले एसीक्यू या तो नियामक आवश्यकता (गैर-तटीय) के 90% तक कम कर दिया गया था या जहां एसीक्यू को नियामक आवश्यकता (तटीय विद्युत संयंत्र) के 70% तक कम कर दिया गया था। एसीक्यू में वृद्धि के परिणामस्वरूप अधिक घरेलू कोयले की आपूर्ति होगी जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी।