क्षमता से अधिक कैदियों को जेल में रखने का मामला : राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में पेश किया जवाब

बिलासपुर-   प्रदेश के जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों और उनके रहने की अमानवीय परिस्थितियों को लेकर लगाई गई जनहित याचिकाओं पर शासन ने हाईकोर्ट में जवाब पेश किया है. जिसमें बताया गया है कि रायपुर और बिलासपुर जिले में विशेष जेलों की स्थापना की जा रही है. साथ ही बेमेतरा में खुली जेल शुरू की जा रही है. मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी.

अधिवक्ता शिवराज सिंह ने केंद्रीय जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है. जिसके कुछ समय बाद कैदियों के लिए जेलों में अमानवीय परिस्थितियों को लेकर भी एक पीआईएल लगाई गई है. वहीं हाईकोर्ट के संज्ञान में भी यह बात आई कि जेलों में कैदियों की स्थिति अच्छी नहीं है. इसे अदालत ने स्वयं एक पत्र याचिका के तौर पर स्वीकार किया है. मामले को लेकर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में एक साथ सुनवाई शुरू की गई, और कोर्ट ने अधिवक्ता रणवीर मरहास को न्यायमित्र नियुक्त किया.

मामले को लेकर सुनवाई के दौरान सरकार के वकील ने कहा था कि रायपुर जिले में विशेष जेल हेतु भूमि मिल चुकी है, और काम शुरू कर दिया गया. बेमेतरा में भी एक खुली जेल की स्थापना की जा रही है, इसमें काम अंतिम चरण पर है. डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शासन का जवाब आया, जिसके बाद अब मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी.

कबीरधाम जिले के नए स्कूलों के निर्माण, जीर्णाेद्धार और उन्नयन कार्यों से 856 स्कूलों की बदल रही तस्वीर

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता और भवनों की स्थिति को बेहतर बनाने विशेष जोर दिया जा रहा है। कबीरधाम जिले के शासकीय स्कूलों का विशेष प्राथमिकता के साथ मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार होने से विद्यार्थियों को शिक्षा का बेहतर वातावरण मिल रहा है। कबीरधाम जिले के स्कूलों के मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार के लिए 42 करोड़ 19 लाख 88 हजार रूपए की स्वीकृति प्राप्त हुए है। वर्तमान शिक्षा सत्र में 653 स्कूलों का आवश्कता अनुसार मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार किया गया है। इसके साथ ही 203 स्कूलों का कार्य प्रगतिरत हैं।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों से कबीरधाम जिले के स्कूलों का उन्नयन कार्य किया जा रहा है। इसके माध्यम से छात्रों को एक सुरक्षित स्वच्छ और प्रेरणादायक शैक्षणिक वातावरण भी मिलता है। कलेक्टर द्वारा इन कार्यों की लगातार समीक्षा की जा रही है और इसकी मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। नवीनीकरण कार्यों के तहत स्कूलों में कई नई सुविधाएं जोड़ी गई है। इनमें स्वच्छ पेयजल की सुविधा, शौचालय, कम्प्यूटर शामिल है। ये सुविधाएं न केवल छात्रों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करती है बल्कि उनकी पढ़ाई में भी सहायता करती है।

कबीरधाम जिले में स्कूल शिक्षा मद, समग्र शिक्षा मद, सीएसआर और पीएश्री मद से 2022-23 एवं 2023-24 के लिए शाला भवन मरम्मत, नवीनीकरण, आहता, शौचालय, पेयजल, वाटर हारर्वेस्टिंग रैम्प हैंडरेल एवं जीर्णाेद्धार कार्य के साथ अतिरिक्त कक्ष निर्माण कराया जा रहा है, जिसके लिए राज्य शासन से इन कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। स्कूल मरम्मत, जीर्णाेद्धार, अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 23 करोड़ 26 लाख 07 हजार रूपए की लागत से 561 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 409 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 22 कार्य प्रगतिरत है। इसी तरह स्कूल शिक्षा मद के तहत अतिरिक्त कक्ष, जीर्णाेद्धार, आहता निर्माण के लिए 01 करोड़ 92 लाख 91 हजार रूपए की लागत से 24 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 23 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 01 कार्य प्रगतिरत है।

समग्र शिक्षा मद के तहत प्राथमिक, माध्यमिक शाला भवन निर्माण, मरम्मत, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, बालक-बालिका शौचालय, पेयजल के लिए 13 करोड़ 23 लाख 34 हजार रूपए की लागत से 366 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 188 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 158 कार्य प्रगतिरत है। समग्र शिक्षा मद के तहत हाई, हायर सेकेंण्डरी स्कूल में अतिरिक्त कक्ष निर्माण, मरम्मत, शौचालय, कम्प्यूटर के लिए 02 करोड़ 06 लाख 78 हजार रूपए की लागत से 28 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 14 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 13 कार्य प्रगतिरत है। सीएसआर मद के तहत शाला भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ 14 लाख 80 हजार रूपए की लागत से 10 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 10 कार्य पूर्ण कर लिए गए है है। पीएमश्री मद के तहत शौचालय, वाटर हारर्वेस्टिंग रैम्प हैंडरेल, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, मरम्मत के लिए 55 लाख 98 हजार रूपए की लागत से 18 कार्य स्वीकृत किए गए है। इसमें 09 कार्य पूर्ण कर लिए गए है और 09 कार्य प्रगतिरत है।

कलेक्टर द्वारा बैठक लेकर योजनाओं के तहत स्वीकृत प्रगतिरत कार्याे की नियमित समीक्षा की जा रही है और कार्याे को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए है। इसकी नियमित मानिटरिंग भी की जा रही है। कलेक्टर ने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य के लिए सतत निगरानी करने निर्देशित किया गया है तथा कार्य एजेंसी विभाग को समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्णता के लिए निर्देश दिए गए है।

उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा मद, समग्र शिक्षा मद, सीएसआर और पीएश्री मद से शाला भवन मरम्मत, नवीनीकरण, आहता, शौचालय, पेयजल, वाटर हारर्वेस्टिंग रैम्प हैंडरेल एवं जीर्णाेद्धार कार्य के साथ अतिरिक्त कक्ष निर्माण कराया जा रहा है। जिससे कि बच्चों को शिक्षा के लिए बेहतर वातावरण मिल सके। गौरतलब है कि स्वीकृत सभी कार्यों को जिला पंचायत, आरईएस, ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कराया जा रहा है जिनमें से बहुत से कार्य पूर्ण होकर स्कूल प्रारंभ किया जा चुका है। शेष बचे कार्य भी लगभग पूर्णता की ओर है। स्कूलों का संचालन नियमित रूप से किया जा रहा है एवं जिन स्थानों में मरम्मत का कार्य प्रगति पर है वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत स्कूल का संचालन निरंतर जारी है।

बी.एड./एम.एड. (विभागीय) प्रशिक्षण सत्र 2024-26 में प्रवेश प्रारंभ

रायपुर-    शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, शंकर नगर, रायपुर ने सत्र 2024-26 के लिए एम.एड. और बी.एड. विभागीय परीक्षार्थियों की प्रवेश हेतु आवेदन प्रक्रिया 01 अगस्त से प्रारंभ होगी। इच्छुक उम्मीदवार 1 अगस्त 2024 से 7 अगस्त 2024 तक एस.सी.ई.आर.टी. की आधिकारिक वेबसाइट http://scert.cg.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी 14 अगस्त 2024 तक संबंधित महाविद्यालय में जमा करानी होगी।

शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य से मिली जानकारी के अनुसार एम.एड. में प्रवेश पूर्व परीक्षा के प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची के अनुसार होगा, जबकि बी.एड. में चयन स्नातक परीक्षा के अंकों की वरीयता के आधार पर किया जाएगा। शासकीय शिक्षण संस्थानों में कार्यरत अध्यापक अपने संस्थान प्रमुख के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया की अंतिम तिथि तक सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र जमा करना अनिवार्य होगा। शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय ने समस्त अभ्यर्थियों को निर्देशित किये हैं कि वे समय पर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करें और विस्तृत जानकारी के लिए महाविद्यालय से संपर्क करें।

छत्तीसगढ़ में महंगी बिजली का विरोध : विद्युत नियामक आयोग ने जारी किया आंकड़ा, कहा- छूट से हुआ था अरबों का गड़बड़झाला
रायपुर-   छत्तीसगढ़ में बढ़े हुए बिजली बिल के खिलाफ स्टील उद्योंगों ने उत्पादन बंद कर दिया है. 29 जुलाई से लगभग 150 मिनी स्‍टील प्‍लांट और 50 अन्‍य स्पंज आयरन प्लांट में ताला लटका हुआ है. वहीं स्टील प्लांट के इस बड़े प्रदर्शन से प्रदेश में सियासत भी गरमा गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इस बीच राज्य विद्युत नियामक आयोग ने पिछले चार साल के खपत आधारित ऊर्जा प्रभार में छूट पर हुई बढ़ोतरी का आंकड़ा जारी किया है.


विद्युत नियामक आयोग के जारी आंकड़े के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के उच्चदाब स्टील उद्योगों को 4 वर्ष पहले अचानक खपत आधारित ऊर्जा प्रभार में दी जाने वाली छूट 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी गई थी, जिससे इन उद्योगों को एकदम से 68 प्रतिशत का लाभ मिलने लगा था. वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अज्ञात कारणों से आश्चर्यजनक रूप से अचानक बढ़ाई गई छूट को ही न्यायोचित रूप से कम किया गया है. इससे उच्चदाब स्टील उद्योगों को मिलने वाला अतिरिक्त फायदा कम हो गया है.

पूर्व में वर्ष 2021-22 में टैरिफ आदेश जारी करते समय लोड फैक्टर छूट अधिकतम 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया था, जबकि पॉवर कंपनी द्वारा इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था. इस तरह विगत माह छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा की गई तार्किक कार्यवाही के बावजूद लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकतम छूट (पॉवर फैक्टर इन्सेन्टिव ) को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत किया गया है.

बता दें कि वर्ष 2021-22 में जो अधिकतम छूट 8 प्रतिशत मिल रही थी उसकी तुलना में भी 2 प्रतिशत अधिक छूट इन उद्योगों को अभी मिल रही है जिससे किसी भी तरह से अनुचित नहीं कहा जा सकता 4 वर्ष पूर्व छूट की दर 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के कारण इन उद्योगों को मिलने वाली औसतन वार्षिक छूट लगभग 300 करोड़ रूपये से बढ़कर लगभग 1100 करोड़ रूपये हो गई थी. इस तरह इन उद्योगों को लगभग 750 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष का अतिरिक्त लाभ दिया गया था.
प्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली पर हाईकोर्ट की सख्ती, परिवहन सचिव से मांगा शपथ-पत्र
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की खराब हालत और सिटी बसों की अनियमितता पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है. हाईकोर्ट ने परिवहन सचिव और कमिश्नर से व्यक्तिगत शपथ पत्र पर जवाब मांगा है कि आम लोगों के लिए इस व्यवस्था में सुधार करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और ई-बसें कब तक चालू होंगी. इस मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.


मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश के 9 शहरों में चल रही 378 बसों में से अब केवल 272 बसें ही रह गई हैं, जिसमें से 106 बसें काम नहीं कर रही हैं और इनमें से सिर्फ 70 से 80 बसें ही सड़क पर चल रही हैं.

शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सिटी बसें केवल नगरीय निकाय क्षेत्र में ही चलती हैं. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल ने शासन से पूछा कि प्रदेश में ट्रांसपोर्ट की हालत कब सुधरेगी. उन्होंने कहा कि गाय सड़कों पर चल रही है, प्रदेश में जो बसें अन्य शहरों के लिए चलती हैं उनकी भी हालत खराब है.

कोर्ट ने शासन से कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्य में बसों की संख्या बहुत कम है. जो बसें चल रही हैं उनमें भी लूटपाट और यात्रियों की सुरक्षा की समस्याएं हैं. कोर्ट ने शासन को न केवल सिटी बस सेवा को सुधारने का निर्देश दिया बल्कि यह भी कहा कि दो शहरों के बीच चलने वाली बस सेवा में भी आवश्यक सुधार लाए जाएं ताकि आम आदमी सुरक्षित और सुविधा से यात्रा कर सके.
भाजपा जिला अध्यक्ष का व्हाट्सएप हैक, इस लिंक को टच करते ही साइबर क्राइम के हुए शिकार

मुंगेली- भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष पाठक का व्हाट्सएप हैक हो गया है। इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये आमजनों से अपील की है कि उनके भेजे गए लिंक को न खोलें। उन्होंने कहा कि रूटीन से हटकर किसी के भी नाम से कोई भी मैसेज आए तो लिंक को न खोलें।

हैकर व्हाट्सएप मैसेज करके भी लोगों को शैलेष पाठक के नाम से फ़ाइल डाउनलोड करने कह रहा है। इसलिए ऐसा बिल्कुल न करें। उन्होंने स्क्रीन शॉट की वो तस्वीर भी शेयर किया है, जो कि हैकर की ओर से उनका व्हाट्सएप हैक करने के बाद शेयर किया जा रहा है। वही बीजेपी जिला अध्यक्ष शैलेष पाठक ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज कराई है।

पुलिस ने की ये अपील

पुलिस का कहना है कि apk File डाउनलोड न करें, वरना मोबाइल हैक हो जाएगा. इसके अलावा +1234567890 95XXXXXXX123 yojna.apk a 2.apk एक्सटेंशन वाली फाइल प्राप्त होने पर तत्काल उसे डिलीट कर दें, चाहे ये फाइल आपके किसी परिचित एवं भरोसेमंद व्यक्ति के मोबाइल नंबर से ही क्यों न प्राप्त हुआ हो बिना क्लिक किए डिलीट कर देंवें।

बचाव के उपाय

95XXXXXXX321 लीस मौसम अपडेट.apk, 95XXXXXXX321 PM Kisan yojna.apk, छत्तीसगढ़ मौसम की जानकारी. apk, app-releas.apk, xyz_yojna.apk, PM_Avas_Yojna.apk, etc। ऐसी फाइल को बिना ओपन किए तत्काल डिलीट करें। अपने फोन का इंटरनेट बंद कर दें तथा उसे 2-3 बार रिस्टार्ट करें। पेमेंट वॉलेट, सोशल मीडिया अकाउंट, व्हाट्सएप इत्यादि का पासवर्ड बदल लें। कोई परिचित इस तरह के मैसेज भेज रहा तो उसे फोनकॉल कर सूचित करें।

ट्रोल फ्री नंबर

मुंगेली पुलिस, आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी इस थीम पर पुलिस कंट्रोल रूम- 9479193044, साइबर सेल 9479193755, 9479193756 ने ये नंबर जारी किया हैं, यदि कोई तरह के हैकर के शिकार हो जाते है तो इस नंबर पर संपर्क कर पुलिस सहायता ले सकता है।

पुलिस ने किया सचेत

WhatsApp पर आजकल apk एक्सटेंशन वाली कुछ फाइल काफी अधिक संख्या में फारवर्ड हो रही हैं। इन फाइल्स की पहचान है इसके आखिर में.apk लिखा होता है। ऐसे फाइल पर क्लिक करते ही आपका फोन हैक हो जाता है और फोन का सारा डाटा, सोशल मीडिया अकाउंट, ई-वॉलेट, नेट बैंकिंग इत्यादि की जानकारी भी हैकर के पास पहुंच जाती है। हैकर की ओर से आपके ही WhatsApp number से आपके परिचित मोबाइल नंबरों पर भी ये फाइल फॉरवर्ड की जा सकती है, जिससे वे भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।

जनपद अध्यक्ष को पद से हटाने कलेक्टर के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद

बिलासपुर- नवागढ़ के जनपद अध्यक्ष को पद से हटाने बेमेतरा कलेक्टर के दिए आदेश पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने 3 सप्ताह बाद अगली सुनवाई निर्धारित की है।

दरअसल, अंजलि मार्कण्डेय बेमेतरा जिले के नवागढ़ जनपद पंचायत की निर्वाचित अध्यक्ष हैं। इनके खिलाफ जनपद उपाध्यक्ष व अन्य ने कुछ आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों के आधार पर जिला प्रशासन ने नोटिस देते हुए याचिकाकर्ता को पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के खिलाफ पहले याचिकाकर्ता ने कमिश्नर दुर्ग को आवेदन दिया। इसमें प्रतिकूल आदेश आने पर इन्होंने हाईकोर्ट में अधिवक्ता शैलेन्द्र बाजपेयी के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि उन्हें नोटिस की प्रति ही नहीं दी गई, जिसमें लगे हुए आरोपों  का उल्लेख किया गया था।

इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच में हुई।

छत्तीसगढ़ में स्टील उद्योगों को छूट की रहस्यमय कहानी: स्टील उत्पादकों ने ऊर्जा प्रभार में बड़ी छूट से बढ़ाया मार्जिन
रायपुर- सरकारें जब किसी उद्योग को जब कोई रियायत, छूट या सब्सिडी देती हैं तो उनका प्रमुख उद्देश्य यह होता है कि उत्पादन बढ़े और इसका अंतिम लाभ आम जनता को वह वस्तु सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सके लेकिन छत्तीसगढ़ में विगत 4 वर्षों में उल्टी गंगा ही बहाई गई। विगत 5 वर्षों के आंकड़ों को देखा जाए तो इस मामले में बड़ी विरोधाभाषी तस्वीर नजर आती है। स्टील उत्पादकों ने उत्पादन तो बढ़ाया लेकिन दाम कम होने की बजाय बढ़ते चले गये। वर्ष 2018-19 में जहां 100 मिलियन टन उत्पादन पूरे देश में हुआ था और दर 33,833 रू. प्रति टन थी जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 53,036 रू. प्रति टन हो गई।


यह दिलचस्प कहानी छत्तीसगढ़ के संदर्भ में विशेष तौर पर मौजूद है क्योकिं इसमें स्टील उद्योगपतियों के खाते में लाभ का मार्जिन बढ़ाने में मुख्य भूमिका तत्कालीन राज्य सरकार ने निभाई है। छत्तीसगढ़ राज्य इस बात के लिए प्रसिद्ध है कि देश के कुल स्टील उत्पादन का 30 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में ही होता है। छत्तीसगढ़ में देश की सर्वाधिक गुणवत्ता वाली लौह अयस्क खदानें है। आम जनता को यह अपेक्षा रहती है कि हमारी खदानों, हवा, पानी और सरकारी मदद का लाभ जनता को सस्ते लोहे के रूप में मिले। लेकिन पूर्व राज्य सरकार का गड़बढ़झाला सामने आते ही लोग हैरान-परेशान हो रहे है। देश में स्टील उत्पादन के आंकड़ों में छत्तीसगढ़ के 30 प्रतिशत का आकलन किया जा सकता है।

गौरतलब है कि भारत में वर्ष 2017-18 में 100 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 33,833 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2019-20 में 104 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 34,198 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2020-21 में 112 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 45,072 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2021-22 में 118 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 51,089 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2022-23 में 125 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 53,036 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2023-24 में 142 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 50,109 रू. प्रति टन थी।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ में अचानक और आश्चर्यजनक ढंग से जो टैरिफ आदेश जारी किया गया था उसमें लोड फैक्टर छूट को अधिकतम 8 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दिया गया था जबकि पॉवर कंपनी द्वारा इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था। इसके कारण स्टील उत्पादकों को प्रति वर्ष लगभग 750 करोड़ रु. का अतिरिक्त लाभ मिला था लेकिन प्रदेश में स्टील की दरों में कमी के बदले डेढ गुना तक वृद्धि की गई थी।
हाईकोर्ट पहुंचा हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स प्रमोशन विवाद, कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के प्रमोशन का विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने इस पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. प्रकरण पर दो हफ्ते के बाद सुनवाई होगी.

भूपेश सरकार ने आईएफएस के जैन को अभ्यावेदन दिया था. इसके अलावा केन्द्रीय वन एवं जलवायु मंत्रालय में भी शिकायत की थी. शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर सुधीर अग्रवाल और अन्य ने कैट में याचिका दायर की थी.

90 बैच के अफसर वी श्रीनिवास राव को हेड ऑफ फारेस्ट फोर्स बना दिया था. जबकि पांच पीसीसीएफ में से राव सबसे जूनियर हैं. उनके प्रमोशन के खिलाफ सबसे सीनियर पीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल, और अन्य पीसीसीएफ ने सीएस अमिताभ पिछले महीने कैट ने आदेश पारित कर श्रीनिवास राव के प्रमोशन को नियमानुसार करार दिया था.

इसके खिलाफ पीसीसीएफ (वाइल्ड लाईफ) सुधीर अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट की जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार अग्रवाल की पीठ में सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है।
रमेन डेका ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद की ली शपथ, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नए राज्यपाल को दी बधाई
रायपुर-    रमेन डेका ने आज राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित गरिमामय समारोह में छत्तीसगढ़ के 10 वें राज्यपाल के रूप में अपने पद की शपथ ली। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने उन्हें शपथ दिलाई। राज्यपाल श्री डेका ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली। इस अवसर पर प्रथम महिला रानी डेका काकोटी उपस्थित रहीं। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने राज्यपाल श्री डेका को पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका अभिवादन किया और शुभकामनाएं दी।
समारोह में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने रमेन डेका को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा जारी वारंट ऑफ अपॉइंटमेंट पढ़ा। शपथ ग्रहण समारोह का शुभारंभ और समापन सेरेमोनियल पुलिस बैंड द्वारा बजाए गए राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर राज्य गीत की धुन भी बजाई गई। शपथ ग्रहण के उपरांत राज्यपाल रमेन डेका को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, वित्तमंत्री ओ.पी. चौधरी, वन एवं जलवायु परिवर्तन केदार कश्यप, वाणिज्य और उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री दयाल दास बघेल, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व, खेलकूद एवं युवक कल्याण, मंत्री टंकराम वर्मा, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री भूूपेश बघेल, सहित अन्य विधायकगण उपस्थित थे।
समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के आयुक्त  एन.के. शुक्ला, आलोक चंद्रवशी, छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, नारायण चंदेल, गौारीशंकर अग्रवाल, पूर्व मंत्री, सांसद, विधायकगण सहित जनप्रतिनिधि, पुलिस महानिदेशक  अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले, सुब्रत साहू, मनोज पिंगुआ, राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल व्ही.पी.वर्मा, राज्यपाल के विधिक सलाहकार भीष्प प्रताप पाण्डेय सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यपाल के परिजन, विश्वविद्यालयों के कुलपति, मीडिया कर्मी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राज्यपाल रमेन डेका का जीवन परिचय इस प्रकार है-
छत्तीसगढ़ के 10 वें राज्यपाल रमेन डेका का जन्म 1 मार्च 1954 को असम के सुआलकुची, कामरूप (असम) में हुआ। उनके पिता का नाम स्वर्गीय सुरेंद्र नाथ डेका और माता का नाम स्वर्गीय चंपाबती डेका है। उनके परिवार में धर्म पत्नी रानी डेका काकोटी एवं दो बच्चे हैं। उन्होंने बीए की डिग्री दर्शनशास्त्र और अर्थशास्त्र विषय में प्राग्ज्योतिष कॉलेज, गुवाहाटी विश्वविद्यालय असम से प्राप्त की।
रमेन डेका एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। वे सन् 1977 से राजनीति में सक्रिय हैं। वे वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। रमेन डेका वर्ष 2006 में असम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। श्री डेका 2021 अगस्त माह से असम राज्य के नवाचार एवं रूपान्तरण आयोग के (कैबिनेट मंत्री का दर्जा) के उपाध्यक्ष पद पर 29 जुलाई 2024 तक रहे है।
वे दो बार सांसद रहे। पहली बार वर्ष 2009 में 15 वी लोकसभा के लिए असम के मंगलदोई सीट से सांसद चुने गये थे। इस दौरान वे गृह मामलों की स्थायी समिति के सदस्य, लोक लेखा के सदस्य, भारत भुटान संसदीय मैत्री समूह सदस्य, अधीनस्थ विधान समिति सदस्य, सदन की बैठको से सदस्यों की अनुपस्थिति पर समिति सदस्य रहे। उसके बाद वर्ष 2014 में वे 16 वीं लोकसभा के लिए दुबारा सांसद निर्वाचित हुए। दूसरे कार्यकाल में वे डेका लोकसभा में अध्यक्षों के पैनल के सदस्य भी रहे।
इस दौरान सदस्य अनुमान समिति, सदस्य सलाहकार समिति, सदस्य विदेश मंत्रालय और प्रवासी भारतीय मामले, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना‘‘ के तहत केंद्रीय सलाहकार समिति सदस्य, भारत-चीन संसदीय मैत्री समूह सदस्य, चाय बोर्ड के सदस्य का दायित्व निर्वहन किया। दूसरे कार्यकाल में ही सदस्य गृह मामलों की स्थायी समिति, सदस्य सामान्य प्रयोजन समिति, सदस्य उप समिति द्वितीय अनुमान समिति, सदस्य विदेश मामलों की स्थायी समिति रहेे और 2021 से अभी तक नवाचार रूपान्तरण आयोग असम के उपाध्यक्ष रहे । श्री डेका ने 31 जुलाई 2024 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद की शपथ ली।