वाणिज्यिक कर विभाग में तबादले, कई अधिकारी हुए इधर से उधर
रायपुर- वाणिज्यिक कर विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले किए गए है. इसमें अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है. महानदी भवन मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार इसमें पीएस विध्यराज, राज्य कर आयुक्त (अपील) बिलासपुर को संभाग एक कार्यालय बिलासपुर में ट्रांसफर किया गया है.
दिल्ली से लौटे सीएम साय, कहा – विकसित छत्तीसगढ़ के लिए बना रहे डॉक्यूमेंट

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के बाद रायपुर लौट आए हैं. उन्होंने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक थी, जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. बैठक में सार्थक चर्चा हुई. विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ बनाना है. इसके लिए डॉक्यूमेंट तैयार कर रहे हैं. इसे छग स्थापना दिवस के दिन जनता को समर्पित करेंगे.

दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की. इस पर सीएम साय ने कहा, केंद्रीय मंत्री से अलग-अलग विषयों में चर्चा हुई है. नक्सलियों के पुनर्वास और पीएम आवास के संबंध में चर्चा हुई.

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन में हलुआ कहा. इस पर सीएम साय ने कहा, राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए. मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव में शामिल होने पर साय ने कहा, दो दिनों तक सीएम कॉन्क्लेव की बैठक हुई, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शामिल हुए. बैठक में अलग-अलग विषयों पर चर्चा की गई.

SSP संतोष सिंह को मिली डॉक्टरेट की उपाधि, संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों से जुड़े विषय पर किए शोध कार्य
रायपुर-     छत्तीसगढ़ कॉडर के वरिष्ठ आईपीएस अफसर व एसएसपी रायपुर संतोष कुमार सिंह ने एक बड़ी शैक्षणिक उपलब्धि हासिल की है. उन्हें दुर्ग जिले के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने उनके संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों से जुड़े विषय पर किए गए शोध कार्य पूर्ण करने पर आज डॉक्टर की उपाधि प्रदान की है. उन्होंने अपना शोध कार्य निर्देशक डॉ. सुनीता मिश्रा, विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान शासकीय नवीन महाविद्यालय भिलाई एवं सहायक-निर्देशक डॉ. प्रमोद यादव विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान, सेठ आरसीएस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय दुर्ग के निर्देशन में पूरा किया है.


बता दें, SSP संतोष कुमार सिंह के शोध का विषय था “United Nations Peacebuilding Commission: Assessing its Role and Functions” (संयुक्त राष्ट्र के शांति-निर्माण प्रयासों की भूमिका व कार्यों की समालोचना). उन्होंने पाया है कि शीत युद्ध के बाद दुनिया में हिंसाग्रस्त राष्ट्रों में शांति को चिरस्थाई बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शांति-रक्षा (पीस कीपिंग) और शांति-स्थापना (पीस मेकिंग) प्रयासों से आगे बढ़कर शांति-निर्माण या सुदृढ़ीकरण (पीस बिल्डिंग) कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है. इस सदी में संयुक्त राष्ट्र के यूएन पीसबिल्डिंग कमीशन के पर्यवेक्षण में किए जा रहे पीस-बिल्डिंग मिशनों ने दुनिया में शांति प्रयासों को बहुत मजबूत किया है.

विश्वविद्यालय के टैगोर हॉल में शोध प्रस्तुतिकरण के दौरान कुलपति डॉ अरुणा पल्टा, कुलसचिव भूपेंद्र कुलदीप, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से आए बाह्य परीक्षक डॉ गोपाल कृष्ण शर्मा, डॉ अंजनी शुक्ला, डॉ सुनीता मिश्रा, डॉ प्रमोद यादव, डॉ राजमणि पटेल, डॉ सपना शर्मा सहित प्राध्यापकगण व शोधार्थी उपस्थित रहे.

SSP सिंह की यह थीसिस संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों विशेषकर शांति-निर्माण (पीस-बिल्डिंग) जो शांति प्रयासों में नया क्षेत्र है, उसकी समझ बढ़ाने में मदद करेगा. उल्लेखनीय है कि भारत अंतर्राष्‍ट्रीय शांति व सुरक्षा बनाए रखने में संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की सहायता करने में दृढ़ता के साथ प्रतिबद्ध है और विभिन्न देशों में कार्यरत शांतिसेनाओं में दुनिया में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से तीसरे नंबर पर है. 1950 से अब तक हमने 49 शांति मिशनों में भाग लिया है तथा लगभग 2 लाख शांतिसैनिकों का योगदान किया है. वरिष्ठ भारतीय पुलिस और सैन्य अधिकारी शांति मिशनों में भाग लेते हैं. SSP  सिंह का यह शोध-प्रबंध विदेशनीति के नीति-निर्धाताओं, प्रैक्टीसनर्स व छात्रों के लिए विशेष उपयोगी सिद्ध होगा. देश के अंदर के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में भी स्थाई शांति स्थापित करने के लिए आवश्यक तत्वों की समझ बढ़ाने में मदद करेगा.

उल्लेखनीय है कि SSP  सिंह ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) वाराणसी से राजनीतिशास्त्र में एमए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) नई दिल्ली से अंतर्राष्ट्रीय संबंध विषय में एमफिल किया. एम.फिल दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विकासशील देशों की भागीदारी पर उन्होंने शोध-प्रबन्ध लिखा था. विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय शोध जर्नल में उनके अनेकों शोध-पत्र प्रकाशित हुए हैं.
छत्तीसगढ़ विजन @2047 तैयार करने संभाग स्तरीय संवाद में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-    उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ संभावनाओं का प्रदेश है। देश के किसी और राज्य में इतने संसाधन और क्षमता नहीं है। यदि सुव्यवस्थित योजना बनाकर काम करें, तो छत्तीसगढ़ देश का सिरमौर राज्य बन सकता है। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने आज बिलासपुर के स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में ‘छत्तीसगढ़ तैयार करने राज्य नीति आयोग द्वारा आयोजित संभाग स्तरीय कार्यक्रम में ये बातें कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग ने की। कार्यशाला में बिलासपुर संभाग के युवाओं, किसानों, महिलाओं और प्रबुद्धजनों ने ‘छत्तीसगढ़ के बारे में अपने विचार साझा किए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के इतिहास में पहली बार योजना बनाने में आम लोगों से राय ली जा रही है। समाज के हर व्यक्ति को समाहित करते हुए हम योजना बनाएंगे। देश में पहली बार आपकी आकांक्षाओं और इच्छाओं का बिलासपुर और छत्तीसगढ़ बनाएंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के पास असीम संभावनाएं है। सभी को ध्यान में रखकर जब हम योजना बनाएंगे तो एक समन्वित और समावेशी विकास हो पाएगा। बिलासपुर को विश्व स्तरीय शहर बनाने की दिशा में हमारी सरकार ने काम करना शुरू किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में ‘अमृतकाल : छत्तीसगढ़ डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए राज्य के एक-एक व्यक्ति से सुझाव लिया जा रहा है।

बिल्हा के विधायक धरमलाल कौशिक ने कार्यक्रम में कहा कि हमारा भारत कैसा हो, छत्तीसगढ़ कैसा होना चाहिए, इसके लिए सभी से सुझाव लिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार आया है। 2014 के पहले हम विश्व में 11वें पायदान पर थे। आज हम पांचवे पायदान पर हैं। सभी के सुझावों से तैयार किया गया विजन डॉक्यूमेंट गौरवशाली होगा। बेलतरा के विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस वर्षो में भारत ने अभूतपूर्व तरक्की की है। छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन, वन संपदा और मानव संसाधन है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में ‘छत्तीसगढ़ डॉक्युमेंट तैयार किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्राप्त सुझावों का नीति आयोग द्वारा संकलन किया जाएगा। प्रदेश में पर्यटन, कृषि और सर्विस सेक्टर में असीम संभावनाएं है।

कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि संभाग स्तरीय इस कार्यशाला में आए विविध सुझावों को शामिल करते हुए प्रभावी विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। बिलासपुर संभाग के सभी जिलों से आए युवाओं, किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों और प्रबुद्धजनों ने परिचर्चा में शामिल होकर विकसित छत्तीसगढ़ को लेकर अपने सुझाव दिए। कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, जिला पंचायत के अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान, अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति ए.डी.एन. बाजपेयी, कलेक्टर अवनीश शरण, नगर निगम के कमिश्नर अमित कुमार और राज्य नीति आयोग के सदस्य-सचिव अनूप श्रीवास्तव भी कार्यक्रम में मौजूद थे। संवाद कार्यक्रम में ड्रोन दीदी प्रतिमा वस्त्रकार, सीमा वर्मा, स्वसहायता समूह की शांति महंत, सामाजिक कार्यकर्ता सुदीपा जायसवाल तथा अंकिता पाण्डेय सहित विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए।

विष्णु के सुशासन से कोरबा ने पकड़ी विकास की रफ्तार

रायपुर- विष्णु देव सरकार में विकास कार्यों की रफ्तार अब गति पकड़ चुकी है। चुनाव में जिन वार्डों में लोगों ने वॉर्ड की समस्या से अवगत कराया था, अब उन कार्यों को स्वीकृति प्रदान कर जल्द प्रारंभ किया जा रहा है। लोगों को अब किसी भी विकास कार्यों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उक्त बातें वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कोरबा नगर निगम के वॉर्ड क्रमांक 31 में विभिन्न विकास कार्यों के भूमिपूजन के दौरान कही।

मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि दादरखुर्द वार्ड के कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां विकास कार्य आज तक नहीं हुए। 10 साल से वॉर्ड की सड़क, नाली और स्ट्रीट लाइट नहीं लग सकी थी।विधानसभा चुनाव के दौरान वॉर्ड वासियों ने इन कार्यों की मांग की थी। चुनाव के बाद कोरबा निगम क्षेत्र के सभी वार्डाे के ऐसे कार्यों के लिए विष्णुदेव सरकार ने तत्काल राशि मंजूर की। जिला खनिज मद 2024-25 से कुल 146.69 लाख की लागत से दादर मेन रोड से प्रधानमंत्री आवास परिसर तक सीसी रोड, नाली, और स्ट्रीट लाइट के कार्य कराए जाएंगे।मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने जिला खनिज मद की राशि का अधिकार हमें दिया है। अब विष्णु देव साय की सरकार में जनता के विकास कार्यों के लिए राशि स्वीकृत की जा रही है। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, वॉर्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेंद्र देवांगन, वॉर्ड क्रमांक 31 के पार्षद सुकुंदी यादव, पार्षद धनश्री साहू, पार्षद रितु चौरसिया, ईश्वर साहू, चन्दन साहू जी समेत अन्य उपस्थित रहे।

निर्माणधीन दादरखुर्द पीएम आवास कॉलोनी का मंत्री श्री देवांगन ने लिया जायजा

दादरखुर्द के प्रवास के दौरान मंत्री लखन लाल देवांगन ने निर्माणधीन पीएम आवास कॉलोनी का जायजा लिया। इस अवसर पर निगम के अधिकारियों ने बताया कि कुल 2784 मकान बनाए जा रहे हैं, पहले चरण में हितग्रहियों को आवंटित किए जा चुके हैं। अगले महीने एक हजार मकानों के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। मंत्री श्री देवांगन ने निगम के अधिकारियों को कॉलोनी के शेष सुविधाओं और मकानों को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।

विष्णु के सुशासन में जनता की समस्याओं का त्वरित निराकरण होने से खुशी की लहर

रायपुर-     जनसेवा ही हमारा परम् धर्म है और हम आमजन के जीवन में खुशियां लाने के प्रतिबद्ध हैं। ये वकतव्य अपने शासकीय निवास में जनदर्शन के दौरान महिला एवं बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कही। आज उन्होंने अपने रायपुर स्थित शासकीय आवास कार्यालय में जनदर्शन कार्यक्रम में प्रदेश से आए हुए आम जनों की समस्याओं को सुना और निराकरण हेतु अधिकारियों को निर्देश दिया।

जनदर्शन में ग्राम बदनाचुआ, विकासखंड पंडरिया जिला कबीरधाम से आए हुए आदिवासी भाई बहनों की समस्या सुनी और त्वरित निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि हमारी सरकार का ध्येय है कि प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे। उन्हें सभी योजनाओं का लाभ मिले। सभी के समस्याओं का त्वरित निराकरण हो। विष्णु के सुशासन में सशक्त नारी सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण करना है और देश को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देना है।

मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि विष्णु के सुशासन में प्रदेश के किसी भी वर्ग के लोगों को समस्या ना हो इसकी जिम्मेदारी हम सभी जनप्रतिनिधियों की है। त्वरित निराकरण के निर्देश देने से खुश ग्रामीणों ने मंत्री श्रीमती राजवाड़े का आभार व्यक्त किया।

कांग्रेस का बिजली बिल जलाओ आंदोलन : बिजली के दाम बढ़ाने पर प्रदेशभर में कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन
रायपुर- छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस ने आज सभी विधानसभा में “बिजली बिल जलाओ आंदोलन” चलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. राजधानी रायपुर में प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा के नेतृत्व में बूढ़ा तालाब स्थित बिजली ऑफिस में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने महंगी बिजली बिल और स्मार्ट मीटर के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बिजली बिल में बढ़ोतरी कम करो के नारे लगाए.


बिजली बिल का दर बढ़ाने और स्मार्ट मीटर के विरोध में कार्यकर्ताओं ने बीजेपी और विष्णु देव साय मुर्दाबाद के नारे लगाए. बिजली ऑफिस के सामने बिजली बिल को जलाया और उसके बाद बिजली ऑफिस के अधिकारियों को उसका राख भेंट किया. साथ ही राख को लिफाफा में बंद कर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को देने की बात कही.

प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिजली बिल में बढ़ोतरी से छत्तीसगढ़ की आम जनता परेशान है. आज युवा कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सभी विधानसभा में बिजली ऑफिस में बिजली बिल जलाओ आंदोलन चलाया. पिछले कांग्रेस की सरकार में बिजली बिल हाफ हाफ योजना का लाभी मिलता था. आज भाजपा सरकार बिजली बिल में बढ़ोतरी कर आम जनता के जेब में डाका डालने का काम कर रही है. जिसके घर में पहले ₹1000 से 2000 तक की बिजली बिल आती थी आज उनके यहां 4000 से 5000 तक की बिजली बिल आ रहे हैं. इसे लेकर आज आम जनता में बहुत आक्रोश है. आम जनता ने अपना बढ़ा बिजली बिल को हमें दिया है और हम आज 90 विधानसभा में आंदोलन कर रहे हैं.

शर्मा ने कहा, आज हमने बिजली के बिल को बिजली ऑफिस के सामने जलाया और अधिकारियों को जला हुआ राख प्रदान किया. साथ में हमने बिजली बिल के जले हुए राख एक लिफाफा में इकट्ठा किया है और पूरे 90 विधानसभा में जो आज आंदोलन हो रहा है वहां से भी हम जले हुए बिजली बिल को मंगवाएंगे और लिफाफे में भरकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भेंट करेंगे. सीएम से मांग करेंगे कि बिजली बिल की दरों को कम किया जाए. यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. यह शुरुआत है. आने वाले समय में भी हम बिजली बिल को लेकर उग्र प्रदर्शन करेंगे.

प्रदर्शन में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा, पीसीसी महासचिव दीपक मिश्रा, सकलेन मुश्तक, शहर जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे, युवा कांग्रेस महासचिव भावेश शुक्ला, NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा, जिला अध्यक्ष विनोद कश्यप, विधानसभा अध्यक्ष समीर भट्ट, प्रदेश संयोजक तुषार गुहा, प्रदेश सचिव अभिषेक कसर, रुचिर दुबे, आशुतोष मिश्रा, दीपक मिश्रा, लक्षित तिवारी, प्रतीक शर्मा, शुभम दुबे आदि शामिल थे.
स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, कई जिलों के बदले गए CMHO, आदेश जारी …
रायपुर- राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर अधिकारियों का तबादला किया है. जिसमें कई जिलों के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) और और सिविल सर्जनों को इधर से उधर किया गया है. यह ट्रांसफर आदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जारी किया है.

जारी ट्रांसफर लिस्ट के अनुसार कुल स्वास्थ्य विभाग के कुल 17 अधिकारियों को ट्रांसफर किया गया है. इनमें 11 जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सिविल सर्जनों नाम शामिल है. इनके अलावा कुछ चिकित्सा अधिकारी भी शामिल हैं.

देखिये आदेश की कॉपी –
तेंदूपत्ता संग्रहण दर बढ़ने से संग्राहकों को हुआ 18.73 करोड़ अधिक मुनाफा, मुख्यमंत्री साय की पहल पर 5500 रुपये मानक बोरे की दर से दी जा रही राशि

रायपुर-    हरा सोना के नाम से ख्यात तेंदूपत्ता का संग्रहण ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के अतिरिक्त आय का स्त्रोत है। छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर तेंदूपत्ता का संग्रहण लघु वनोपज के रूप में किया जाता है। 12 लाख से अधिक ग्रामीण इस कार्य से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य के तेन्दूपत्ता संग्राहकों को अब 5500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान किया जा रहा है। जिससे संग्राहकों को पहले के 4 हजार प्रति मानक बोरा की तुलना में 15 सौ रुपए अधिक मिल रहे है, इससे संग्राहकों को तेंदूपत्ता संग्रहण से होने वाली आय बढ़ी है।

रायगढ़ जिले में 98 हजार 977 संग्राहकों को 68 करोड़ 68 लाख 11 हजार 180 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। बढ़ी दरों के लिहाज से जिले के संग्राहकों को 18.73 करोड़ रुपए का ज्यादा मुनाफा मिला है। जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ के प्रबंध संचालक ने बताया कि रायगढ़ जिला अंतर्गत दो जिला वनोपज सहकारी यूनियन रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ में वर्ष 2024 तेन्दूपत्ता सीजन में 112 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 94 लॉट निर्धारित है।

जिले में संग्रहण हेतु 747 संग्रहण केन्द्र में संग्रहण कार्य हेतु 1 लाख 40 हजार 600 मानक बोरा का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें तेन्दूपत्ता संग्रहण लक्ष्य के विरूद्ध 1 लाख 24 हजार 874.760 मानक बोरा संग्रहण किया गया है। इस वर्ष संग्रहण की दर 5500 रुपये प्रति मानक बोरा (550 रुपये प्रति सौ गड्डी) निर्धारित है।

गेरवानी समिति फड़ सराईपाली के अमृत लाल अगरिया एवं उनकी पत्नी पुना अगरिया ने बताया कि सीजन में उन्होंने 3640 तेन्दूपत्ता गड्डी तोड़कर उसका विक्रय किया था, जिससे उन्हें 20 हजार 20 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संवेदनशील निर्णय से हम संग्राहकों को पहले से ज्यादा राशि मिल रही है, जो हमारे लिए अतिरिक्त आय का आधार बन रहा है।

इसी तरह गेरवानी समिति फड़ गौरमुड़ी के श्री नथीराम एवं उनकी पत्नी सुखमनी ने बताया कि उन्होंने 3420 तेन्दूपत्ता गड्डी तोड़कर उसका विक्रय किया था, जिससे उन्हें 18 हजार 810 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ था। प्राप्त रूपये से उन्होंने बरसात में होनी वाली परेशानी को देखते हुए खप्पर वाला घर के छत की मरम्मत कराकर उसमें एस्बेस्टस की छत डलवाए हैं और डोली खेत में भी राशि खर्च की है।

प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित 15.18 लाख पात्र परिवारों को जल्द मिलेगा आवास, छत्तीसगढ़ में आवास व सड़कों के लंबित कार्य जल्द होंगे पूरे

नई दिल्ली-    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली के कृषि भवन में कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस दौरान छत्तीसगढ़ के कृषि और ग्रामीण विकास के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन पर विशेष जोर दिया गया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित 15.18 लाख पात्र परिवारों के आवास का मुद्दा भी रखा, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया है। केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी साथ थे।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने केंद्रीय मंत्री को सूचित किया कि छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित 15.18 लाख परिवारों को अभी तक आवास की स्वीकृति नहीं मिली है। इसमें 6.99 लाख परिवार योजना के स्थायी प्रतीक्षा सूची में हैं और 8.19 लाख परिवार आवास प्लस में शामिल हैं। पूर्व में योजना के लिए राज्य का हिस्सा नहीं मिलने के कारण यह समस्या बनी रही। मुख्यमंत्री ने जल्द आवास स्वीकृत करने का अनुरोध किया, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने इस पर तत्काल कार्रवाई किए जाने की बात कही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना-2011 एवं आवास प्लस 2018 की सूची में अनेक पात्र परिवारों का नाम शामिल नहीं हो सका है। उन्होंने 10,500 नए पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल करने का अनुरोध किया और साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पंचायतों को आवास निर्माण की स्वीकृति देने की मांग की।

मुख्यमंत्री ने मनरेगा योजना के तहत आधार आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) में 31 मार्च, 2025 तक छूट देने का आग्रह किया, ताकि दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के श्रमिकों को योजना का लाभ मिल सके। उन्होने कहा दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी और अन्य समस्याएं हैं, जिससे
आधार आधारित भुगतान में कठिनाई आ रही है। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में जब तक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध ना हो तब तक नगद भुगतान की अनुमति देने की मांग की।

साथ ही, मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिवासी क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी सुधार की आवश्यकता जताई, जहां कई बसाहटें बारहमासी सड़कों से जुड़ी नहीं हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में छूटे हुए आदिवासी क्षेत्रों को शामिल करने और पुरानी सड़कों के उन्नयन की मांग की।

मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान के तहत 106 वृहद पुलों की स्वीकृति की प्रक्रिया की जानकारी दी और साथ ही छत्तीसगढ़ के लिए 426 छूटे हुए पुलों के निर्माण की मांग की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इन पुलों का निर्माण महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आदिवासी क्षेत्रों की सड़क कनेक्टिविटी सुधरेगी और नक्सल उन्मूलन अभियान को भी मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी, और रागी जैसी मिलेट फसलों के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाना राज्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये पौष्टिक होती हैं और आदिवासी क्षेत्रों में प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं। साथ ही, उन्नत तकनीक और बीजों की उपलब्धता से किसानों की आय बढ़ेगी। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ में कृषि व ग्रामीण विकास के विभिन्न प्रस्तावों पर जल्द से जल्द सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया है।

बैठक में छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक रजत बंसल एवं केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।