आइए जानते है 370 साल पुराना चांदनी चौक का इतिहास आखिर शाहजहा ने क्यों रखा ये नाम
दिल्ली का चांदनी चौक, देश के सबसे पुरानी और प्रसिद्ध बाजारों में से एक है। इसकी स्थापना 1650 में मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा की गई थी। इसके नाम की उत्पत्ति और इसके इतिहास से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं।
चांदनी चौक की स्थापना
शाहजहाँ ने अपने शासनकाल में कई भव्य इमारतों और संरचनाओं का निर्माण किया। चांदनी चौक को उन्होंने अपनी बेटी जहाँआरा बेगम के निर्देश पर बनवाया था। इस बाजार की डिज़ाइन और निर्माण का प्रमुख उद्देश्य था एक ऐसा केंद्र स्थापित करना जहाँ शहर के लोग खरीदारी कर सकें और सामाजिक गतिविधियों में भाग ले सकें।
नामकरण का रहस्य
चांदनी चौक का नाम एक विशेष तालाब से प्रेरित था जो बाजार के बीचों-बीच स्थित था। इस तालाब में चांद की रोशनी प्रतिबिंबित होती थी, जिससे रात में यह जगह और भी आकर्षक दिखती थी। इसी वजह से इस बाजार का नाम "चांदनी चौक" रखा गया। "चांदनी" का मतलब चांदनी रात की रोशनी और "चौक" का मतलब चौक या बाजार होता है। यह तालाब आज तो नहीं है, लेकिन इसका नाम चांदनी चौक में आज भी जिंदा है।
व्यापार और संस्कृति का केंद्र
चांदनी चौक सिर्फ एक बाजार नहीं था, बल्कि यह व्यापार और संस्कृति का प्रमुख केंद्र था। यहां विभिन्न प्रकार के व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियां होती थीं। कपड़ा, गहने, मसाले, और भोजन यहां के प्रमुख व्यापारिक उत्पाद थे। यहाँ की गलियों में विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के लोग बसते थे, जिससे यह जगह एक सांस्कृतिक संगम बन गई थी।
ऐतिहासिक धरोहर
आज, चांदनी चौक अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के कारण एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां की गलियों में आज भी वही पुरानी रौनक है, और बाजार के अंदर स्थित पुरानी हवेलियाँ, मंदिर, और मस्जिदें यहाँ की ऐतिहासिक महत्ता को जीवंत रखती हैं।
वर्तमान में चांदनी चौक
आज भी चांदनी चौक दिल्ली के दिल में बसा हुआ है। यहां के बाजारों में आज भी वैसा ही उत्साह और रौनक है जैसे 370 साल पहले हुआ करती थी। चांदनी चौक का हर कोना, हर गली अपने आप में एक कहानी कहती है और यह दिल्ली के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है।
निष्कर्ष
चांदनी चौक सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर है जो शाहजहाँ के शासनकाल की शानदार वास्तुकला और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। इस बाजार का नाम और इसका इतिहास हमेशा दिल्ली और भारत के दिल में बसा रहेगा।
Jul 28 2024, 15:23