विधानसभा सत्र को लेकर कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस
रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र, रायपुर में हुए विधानसभा के घेराव आंदोलन जैसे मामलों को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रायपुर के राजीव भवन कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत शामिल थे। महंत और बघेल ने प्रदेश में फर्जी नक्सल एनकाउंटर मामले को लेकर एक बड़ा बयान दिया।
चरणदास महंत ने कहा कि- प्रदेश में आम लोगों की हत्या के बाद उनके शवों के पास पुलिस भरमार बंदूक रख रही है। उन्हें नक्सली बता रही है। यह बात महंत ने 24 जुलाई को विधानसभा में भी उठाई थी। विधानसभा में हुई चर्चा को लेकर महंत ने प्रेस कॉन्फेंस में बताते हुए कहा- सदन में मैंने असलियत को रखने की कोशिश की। बस्तर के थानों में पहले से जमा भरमार बंदूक हैं। उन भरमार बंदूकों को ले जाते हैं और जहां आम आदमी की हत्या हो जाती है या इनके गोली से जो आम आदमी मर जाता है, उस शव के सामने पुरानी भरमार बंदूक को रख देते हैं। फिर उसको नक्सली घोषित कर देते हैं या करने की कोशिश करते हैं।
महंत ने आगे कहा- आप सोचिए कब से भरमार बंदूक का चलन हमारे देश में बंद हो चुका है। नक्सली जो बड़े-बड़े आधुनिक मशीन गन रखते हैं, जिनके पास लांचर है वह क्या भरमार बंदूक का उपयोग करते होंगे। मैंने सरकार से सदन में पूछा कि क्या कभी आपने भरमार बंदूकों की जांच कराई है ? उसकी संख्या कितनी है ? सिर्फ हमारे आम नागरिकों को नक्सली बताने में भरमार बंदूक का उपयोग हो रहा है। सदन में हमनें सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाई है।
भरमार बंदूक वाली बात पर आगे भूपेश बघेल ने कहा- हमारी सरकार की बैठक थी। तब यूनिफाइड कमांड की बैठक हुई थी। मैंने कहा था की भरमार बंदूक कि जब्ती दिखाएंगे तो मैं मालखाने में जाकर भरमार बंदूक की गिनती करूंगा। उसके बाद से 5 साल तक आप देखेंगे की भरमार बंदूक जब्ती में बड़ी गिरावट आई थी, और अब फिर से जब से भाजपा की सरकार आई है तब से भरमार बंदूक को दिखाया जा रहा है।
बघेल ने आगे कहा- इसका कारण यह है कि दबाव है कि आपको गिरफ्तारियां करनी हैं। आपको एनकाउंटर करके बताना है तो दबाव पूर्वक यदि पुलिस से कार्रवाई करवाएंगे तो गलती ही करेंगे। उनको तो उपलब्धि बताना है, इसलिए किसी को भी गिरफ्तार कर रहे हैं किसी का भी एनकाउंटर कर रहे हैं ।
गृह मंत्री ने क्या कहा था, इस मामले में
24 जुलाई को विधानसभा की कार्रवाई के दौरान जब चरणदास महंत ने भरमार बंदूक को शवों के पास रखने की बात की तो जवाब गृह मंत्री विजय शर्मा ने दिया था। शर्मा ने कहा था- इस तरीके से विषय का प्रस्तुतीकरण करना कि कोई खत्म (निधन) हो गया, और उसके पास में जाकर बंदूक रखकर फोटो खींच दिए, यह विषय स्वीकार्य नहीं है। ऐसा कहना भी बिल्कुल उचित नहीं है।
गृहमंत्री ने सदन में जानकारी देते हुए कहा था- वैसे एक और जानकारी आई है वह मैं आपके सामने रख देता हूं अभी तक भरमार बंदूक का मामला नहीं है, प्रदेश में नक्सली मुठभेड़ में 1 दिसंबर से लेकर 30 जून 2024 के बीच पांच एक-47 बरामद हुई है। 1 एसएलआर एलएमजी, 1 इंसास एलएमजी, 2 राइफल, 9 छोटे बड़े बीजीएल लॉन्चर नक्सलियों से मिले हैं। विधानसभा में कांग्रेसी नेताओं को लेकर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आप जवानों की शहादत और सुरक्षा बलो को लेकर इस तरह की बात नहीं कर सकते। आपको माफी मांगनी होगी, जवानों की शहादत पर यह बात करना गलत है। किसी निर्दोष को जवानों ने नहीं मारा है और आप नक्सलियों का साथ देना बंद करें।
Jul 27 2024, 20:34