नगरीय निकायों में जनसमस्या निवारण पखवाड़ा शुरू

रायपुर-    राज्य के सभी नगरीय निकायों में आज से जनसमस्या निवारण पखवाड़ा प्रारंभ हो गया है। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने सभी नगर निगमों के आयुक्तों और विभाग के पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों के संयुक्त संचालकों से फोन पर बात कर गंभीरता से नागरिकों की समस्याएं निराकृत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के दौरान वार्डवार आयोजित शिविरों में आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुज्ञप्तियां, नल कलेक्शन, राष्ट्रीय परिवार सहायता, वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने तथा नामांतरण व स्वरोजगार के प्रकरणों का निपटारा करने भी कहा है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने नगर निगम आयुक्तों और संयुक्त संचालकों को वार्डवार आयोजित शिविरों के सतत निरीक्षण और इनके सुचारू संचालन के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व मामलों के निराकरण के साथ ही संपत्ति कर और अन्य करों की वसूली की भी व्यवस्था बनाने को कहा है।

10 अगस्त तक चलेगा जनसमस्या निवारण पखवाड़ा

प्रदेश के सभी 184 नगरीय निकायों में आज से शुरू जनसमस्या निवारण पखवाड़ा 10 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में वार्डवार शिविरों का आयोजन कर लोगों की समस्याओं का निदान किया जाएगा। इन शिविरों के आयोजन से स्थानीय प्रशासन में लंबित शिकायतों का त्वरित निदान होगा और नागरिकों को जरूरी सुविधाएं मिलेंगी। नगरीय प्रशासन विभाग ने नगरीय निकायों के सभी विभागों के अधिकारियों को शिविर में मौजूद रहकर समस्याओं का निराकरण यथासंभव मौके पर ही करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

राशन वितरण में गड़बड़ी, उचित मूल्य दुकान संचालक निलंबित

सक्ती-  जिले के विकासखण्ड जैजैपुर के ग्राम चोरभट्टी में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालक के द्वारा राशन वितरण में अनियमितता किए जाने के कारण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सक्ती ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है.

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सक्ती से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम चोरभट्टी में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान के राशन कार्डधारी हितग्राहियों को आगामी आदेश तक सेवा सहकारी संस्था मुक्ता द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकान से राशन वितरण किया जाएगा.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर नगरीय निकायों में जनसमस्या निवारण पखवाड़ा का आयोजन

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर नगरीय निकायों में जनसमस्या निवारण का आयोजन प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में आज 27 जुलाई से 10 अगस्त तक किया जाएगा। इस दौरान नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में वार्डवार शिविरों का आयोजन कर समस्याओं का त्वरित निदान किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा में नागरिकों की समस्याओं को हल करने विभागीय अधिकारियों, नगर निगमों के आयुक्तों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को समुचित इंतजाम के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वार्डों में आयोजित शिविरों में महापौरों, अध्यक्षों, पार्षदों और अन्य जन प्रतिनिधियों से उपस्थित रहने की अपील की है, ताकि इनमें आमजन की ज्यादा से ज्यादा सहभागिता हो सके।

राज्य शासन द्वारा जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के आयोजन के लिए नगरीय निकायों को परिपत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि स्थानीय रहवासियों को नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना निकाय का मुख्य दायित्व है। नल कलेक्शन, राशन कार्ड, राष्ट्रीय परिवार सहायता, वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुज्ञप्तियां, अनापत्ति प्रमाण पत्र, नामांतरण, स्वरोजगार के प्रकरण तथा कई विविध छोटे-छोटे कार्य होते हैं, जिनका निराकरण शीघ्र अपेक्षित होता है। इनके साथ ही जलापूर्ति में लीकेज, नलों में पानी न आना, नालियों व गलियों की सफाई, सार्वजनिक नलों के प्लेटफार्म से पानी बहना, कचरे की सफाई व परिवहन, टूटी-फूटी नालियों की मरम्मत, सड़कों के गड्ढे पाटना, स्ट्रीट लाइट्स का बंद रहना जैसी समस्याएं भी होती हैं। वार्डवार जनसमस्या निवारण शिविरों का उद्देश्य इन समस्याओं के निराकरण के साथ ही नागरिकों को जरूरी जनसुविधाएं उपलब्ध कराना भी है।

नगरीय प्रशासन विभाग ने नगरीय निकायों के सभी विभागों के अधिकारियों को शिविर में मौजूद रहकर समस्याओं का निराकरण यथासंभव मौके पर ही करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। शिविरों में करदाताओं को करों के भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग ने वार्डवार शिविरों के आयोजन के संबंध में वार्ड एवं नगर में व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आम नागरिक शिविर का पूरा लाभ प्राप्त कर सके।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने राज्य की सभी 184 नगरीय निकायों में लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए वार्डवार शिविर आयोजित कर उनका मौके पर ही निराकरण के निर्देश नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को दिए हैं। उन्होंने कहा कि वार्डवार शिविरों के आयोजन से स्थानीय प्रशासन में लंबित शिकायतों का त्वरित निदान होगा और नागरिकों को जरूरी सुविधाएं मिलेंगी। समस्याओं का निराकरण मौके पर ही शीघ्रता से होने से शहरी सरकार के प्रति लोगों में सद्भाव भी बढ़ेगा।

राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर का तबादला
रायपुर- राज्य सरकार ने संयुक्त कलेक्टर दीपक कुमार निकुंज का तबादला किया है। उन्हें मंत्रालय वापस बुला लिया गया है। 2016 बैच के अफसर दीपक कुमार को GAD में पदस्थ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक भारतरत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को उनकी पुण्यतिथि 27 जुलाई पर नमन किया है। राष्ट्र के लिए उनके योगदान को याद करते हुए श्री साय ने कहा कि उनके नेतृत्व में भारत ने कई वैज्ञानिक उपलब्धियां हासिल की। उन्होंने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाईल कार्यक्रम को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया। पूरा विश्व आज उन्हें मिसाइलमैन के रूप में जानता है। बचपन में कठिन परिस्थितियों के बावजूद डॉ. कलाम ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की और भारत के सर्वाेच्च पद तक पहुंचे। उन्होंने अपने फौलादी इरादों और सहज स्वभाव से लोगों के दिलों में अपनी अमिट जगह बनाई। डॉ. कलाम जैसे व्यक्तित्व बिरले होते हैं। उनके द्वारा दी गई शिक्षा और उनका मार्गदर्शन हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
महापौर एजाज ढेबर के खिलाफ FIR, विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस के साथ बदसलूकी का आरोप

रायपुर- महापौर एजाज ढेबर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उन पर शासकीय कार्य में बाधा डालने, मारपीट और बलवा के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. विधानसभा घेराव के दौरान महापौर का वीडियो भाजपा ने सोशल मीडिया में जारी किया था और महापौर पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया था. इस मामले में सिविल लाइन थाने में धारा 121(1)-BNS, 132-BNS, 191(2)-BNS, 221-BNS, 296-BNS के तहत एजाज ढेबर पर मामला दर्ज किया गया है.

बता दें कि 24 जुलाई को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शासन के विरुद्ध विभिन्न मुद्दों को लेकर बिना अनुमति के विधानसभा घेराव के करने के लिए साहू फर्निंचर बैरिकेडिंग नंबर 2 विधानसभा के पास रास्ता बाधित किया था. महापौर एजाज ढेबर, आशीष द्विवेदी एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने ड्यूटी पर उपस्थित पुलिस बल के साथ गाली गलौज, झूमा झटकी कर मारपीट की थी. शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने की रिपोर्ट पर थाना सिविल लाइन में मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया है.

मुख्यमंत्री ने सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर वीर जवानों को किया सलाम
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने देश के सबसे बड़े केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल ’केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल’ (सीआरपीएफ) के 27 जुलाई को स्थापना दिवस पर सभी वीर जवानों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। सीआरपीएफ के जाबांजों के साहस, पराक्रम और बलिदान को सलाम करते हुए श्री साय ने कहा है कि उनकी देश सेवा, समर्पण और निष्ठा के हम सब भारतवासी ऋणी हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की समाप्ति पर सभी को धन्यवाद किया

रायपुर-    छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदन की समाप्ति पर सभी सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों से सदन की कार्यवाही सफलतापूर्वक संपन्न हुई है।

डॉ. सिंह ने विशेष रूप से उन सदस्यों की सराहना की जिन्होंने अपनी महत्वपूर्ण बातें रखी और विधायकों के बीच स्वस्थ चर्चा और विचार-विमर्श को प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी कहा कि सदन के सभी कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन किया और सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस सत्र के दौरान पारित किए गए महत्वपूर्ण विधेयकों और प्रस्तावों का भी उल्लेख किया और कहा कि ये विधेयक राज्य के विकास और जनहित में महत्वपूर्ण साबित होंगे।

अंत में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सभी को शुभकामनाएँ देते हुए सदन की समाप्ति की घोषणा की और कहा कि वह भविष्य में भी सभी के सहयोग की अपेक्षा करते हैं।

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पहुंचे रायपुर, बीजेपी के बजट संवाद कार्यक्रम में होंगे शामिल

रायपुर- केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया राजधानी रायपुर पहुंचे. वे बीजेपी के बजट संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया के रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचते ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, मंत्री रामविचार नेताम, लखनलाल देवांगन और विधायक गण समेत अन्य नेताओं ने भव्य स्वागत किया.

इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए बजट पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में तीसरी बार जनता का आशीर्वाद मिला है. तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आया है. गरीबों को सहायता देने, MSME को बढ़ावा देने वाला और देश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने वाला यह बजट रहा.

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया भाजपा प्रदेश कार्यालय, कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में 11:30 बजे प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे. इसके बाद 2:30 बजे बजट संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे. कार्यकम के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से मुलाकात कर सकते हैं.

बता दें कि बजट संवाद कार्यक्रम का मोर्चा रायपुर में केंद्रीय मंत्री मांडविया संभालेंगे. उनके के अलावा तीन केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, सावित्री ठाकुर और जाधव प्रताप राव अलग-अलग जिलों में केंद्रीय बजट पर संवाद कर इसकी खूबियां बताएंगे.

छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 सर्वसम्मति से पारित

रायपुर-    वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 विधानसभा में प्रस्तुत किया। सदन में विस्तृत चर्चा के पश्चात् संशोधन विधेयक 2024 सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पंजीकृत व्यवसायियों की संख्या में 50 लाख से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। जीएसटी में विभिन्न करों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 19 जुलाई 2024 को आयोजित केबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 का अनुमोदन किया गया था।

जीएसटी परिषद की अनुशंसा के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक संशोधन किया जा चुका है। जिसके अनुसरण में राज्य शासन द्वारा भी संशोधन किया गया है, जिसके अंतर्गत हेड ऑफिस द्वारा इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का वितरण अपने ब्रांच ऑफिस को किया जाएगा तथा तंबाकू उत्पादन निर्माताओं द्वारा मशीन का पंजीयन नहीं कराने पर 1 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

श्री चौधरी ने बताया कि समय-समय पर आवश्यकता अनुसार जीएसटी परिषद् द्वारा जीएसटी अधिनियम में संशोधनों का निर्णय लिया जाता है। ताकि व्यापार सुगम हो एवं कर राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।

इसी तारतम्य में जीएसटी काउंसिल द्वारा इनपुट सर्विस ड्रिस्टीब्यूटर के संबंध में आगत कर प्रत्यय लिये जाने के प्रावधान को युक्तियुक्त बनाने एवं पान मसाला, गुटखा इत्यादि के विनिर्माण में लगने वाले मशीनों के रजिस्ट्रीकरण के लिए, अधिनियम में कतिपय संशोधन का निर्णय लिया गया था। जीएसटी काउंसिल द्वारा लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय माल और सेवा कर (संशोधन) अधिनियम, 2024 दिनांक 15 फरवरी, 2024 से अधिसूचित हैै। अतः छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में भी तद्नुसार संशोधन किया जाना आवश्यक है।

उक्त संशोधन में अन्य बातों के साथ निम्नानुसार संशोधन किया गया है:-

पूरे देश में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट के वितरण हेतु अपनाई जा रही प्रक्रिया में समरूपता लाने के प्रयोजन से परिभाषा खंड में संशोधन किया जा रहा है। साथ ही रिवर्स चार्ज लेव्ही को भी इसके अंतर्गत शामिल किया जा रहा है। उक्तानुसार प्रकरणों में इनपुट टैक्स वितरण की रीति विहित करने के लिए सुसंगत धारा में आवश्यक संशोधन किया गया है।

श्री चौधरी ने बताया कि जीएसटी परिषद् की सिफारिशों पर तंबाकू उत्पाद निर्माण क्षेत्र में सर्वाधिक राजस्व लिकेज होने के कारण उनके लिए अनुपालन भार में बढ़ोतरी की गई है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक मशीन का पंजीयन अनिवार्य किया गया है। ऐसे निर्माताओं द्वारा मशीन का पंजीयन नहीं कराये जाने पर प्रत्येक मशीन के लिए राशि एक लाख रूपये जुर्माना अधिरोपित किये जाने का प्रावधान है।

वाणिज्यकर मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी स्वतंत्रता के पश्चात् के सर्वाधिक महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व आर्थिक सुधारों में से एक है, जिसमें केंद्र और राज्यों में लागू अप्रत्यक्ष कर समाहित है। इन करों में केन्द्रीय उत्पाद कर, सर्विस टैक्स, केन्द्रीय अधिभार एवं उपकर, वैट, प्रवेशकर, केन्द्रीय विक्रय कर, विलासिता कर, मनोरंजन कर आदि 17 प्रकार के करों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं कर्तृत्व का ही परिणाम है कि उनकी दूरदर्शिता के कारण ही जीएसटी लागू किया जाकर एक राष्ट्र, एक कर एवं एक बाजार की संकल्पना को साकार किया जा सका है।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाए जाने वाला एक समग्र अप्रत्यक्ष कर है। इसे 1 जुलाई 2017 को कई करों को बदलकर और एकल एकीकृत कर प्रणाली बनाने के लिए पेश किया गया था। जीएसटी ने देश में सहकारी संघवाद की नई परिपाटी बनाई है, जिसका सर्वोत्तम उदाहरण जीएसटी परिषद है। जीएसटी परिषद में केन्द्रीय वित्त मंत्री अध्यक्ष और सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य होते हैं। जीएसटी परिषद में केन्द्र व राज्य आपसी सहमति से सामूहिक निर्णय लेते हैं। जीएसटी लागू होने से कर प्रणाली सरल और प्रबंधनीय हो गई है। जीएसटी लागू होने के पूर्व उत्पादों पर केन्द्रीय उत्पाद कर लगता था एवं इस कर पर राज्य में वेट लगता था। इस प्रकार कर के ऊपर कर लगता था एवं केन्द्रीय करों का क्रेडिट भी राज्य के व्यापारियों को नहीं मिलता था। इस प्रकार अंततः माल की लागत में बढ़ोतरी होती थी। जीएसटी लागू होने के उपरांत ऐसा Cascading प्रभाव समाप्त हो गया है एवं सप्लाई चेन में इनपुट टैक्स क्रेडिट का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित हुआ है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं पर समग्र कर भार कम हुआ है। सामग्री एवं सेवा की लागत में कमी आई है और खपत को प्रोत्साहन मिला है और आर्थिक वृद्धि में सुधार हुआ है एवं उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है।

श्री चौधरी ने जीएसटी पंजीकरण, रिटर्न दाखिल करने और भुगतान के लिए ऑनलाइन प्रणाली होने से अनुपालन सरल हुआ है और पारदर्शिता आई है। अब छोटे व्यापारी स्वयं ही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। जीएसटी प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न राज्यों के अंतर्राज्यीय चेकपोस्ट को समाप्त किया गया है, जिससे लॉजिस्टिक्स और वितरण क्षेत्र सुव्यवस्थित हो गया है, परिणामस्वरूप वस्तुओं की आवाजाही की लागत और समय कम हो गया है। जीएसटी ने कई अनौपचारिक व्यवसायों को कर दायरे में लाकर कर आधार को बढ़ाया है और सरकार के लिए अधिक राजस्व सुनिश्चित हुआ है। साथ ही अब राज्यों को भी सेवाओं पर करारोपण का अधिकार प्राप्त है।

वाणिज्यिक कर मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी के अंतर्गत सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कंपोजिशन की सुविधा प्रदान की गई है, जिसके अंतर्गत 1.5 करोड़ रू. तक के टर्नओव्हर वाले व्यवसाईयों को अपने टर्नओव्हर का बहुत ही अल्प भाग जैसे- 2 प्रतिशत कर के रूप में जमा करना होता है एवं उनके लिए अनुपालन भार जैसे रिटर्न प्रस्तुत करने एवं कर भुगतान की प्रणाली को सरल व सुगम बनाया गया है। साथ ही उन्हें विभिन्न प्रकार के लेखाओं के संधारण की अनिवार्यता नहीं है।

जीएसटी लागू होने से पंजीकृत व्यवसाईयों की संख्या लगभग 1.28 लाख थी जो वर्तमान में बढ़कर लगभग 1.80 लाख हो गयी है। पड़ोसी राज्य जैसेे झारखंड एवं उड़ीसा में पंजीकृत व्यवसाईयों की संख्या क्रमशः 2.05 लाख एवं 3.38 लाख है। आज विभाग में रजिस्ट्रेशन को लेकर होने वाली अधिकांश समस्याओं को दूर कर लिया गया है। जहां वर्ष 2024 की शुरूआत में रजिस्ट्रेशन के आवेदन की प्रक्रिया में औसतन 15 दिन का समय लगता था वह आज केवल 07 दिनों में पूर्ण किया जा रहा है।

जीएसटी लागू होने बाद राजस्व संग्रहण में उत्तरोत्तर वृद्धि दर्ज की गई है। यद्यपि वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कोविड-19 महामारी के कारण अपेक्षित वृद्धि प्राप्त नहीं हुआ है।

जीएसटी लागू होने के कारण विभिन्न राज्यों के राजस्व वृद्धि में संभावित कमी की क्षतिपूर्ति हेतु केन्द्र की सरकार ने अपने वादे के अनुरूप सभी राज्यों को कानून बनाकर क्षतिपूर्ति किया जाना सुनिश्चित किया है। छत्तीसगढ़ राज्य को अप्रैल 2018 से जून 2022 तक कुल 21 हजार 679 करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान की गई है।

श्री चौधरी ने सदन को बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों में कमी से कंपनसेशन फंड में राशि नहीं होने पर वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में राज्यों को क्षतिपूर्ति देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 2.59 लाख करोड़ रूपये का ऋण लिया गया, जो कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को क्षतिपूर्ति देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। छत्तीसगढ को बैक टू बैक लोन के रूप में कुल राशि रूपये 8 हजार 074 करोड़ प्राप्त हुआ है।

जीएसटी की राशि राज्य को सीधे ही प्राप्त हो जाती है एवं केन्द्रीय जीएसटी की राशि का 42 प्रतिशत केन्द्रांश राज्यों को Devolution के रूप में प्राप्त होता है। इस प्रकार जीएसटी में वृद्धि से राज्यों को प्रत्यक्षतः लाभ तो मिलता ही है साथ ही केन्द्रांश के रूप में राज्यों को राशि प्राप्त होती है। छत्तीसगढ़ में राज्य को वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक प्राप्त राजस्व एवं इसी अवधि में Devolution से प्र्राप्त राजस्व रू. 1.41 लाख करोड़ है।

व्यवसाईयों की सुविधा के लिए वाणिज्यिक कर विभाग में एक समर्पित EODB (Ease of Doing Business) कक्ष का गठन किया गया है, जिसके द्वारा व्यवसाईयों की समस्याओं का निराकरण, जी.एस.टी. के हितधारकों (करदाता व्यावसायिक संगठन, बार एसोसिएसन, चार्टर्ड एकाउंटेंट एसोसिएसन) के साथ बेहतर समन्वय के लिए आउटरीच प्रोग्राम के माध्यम से कर अनुपालन में वृद्धि हेतु प्रोत्साहन दिया जा सके। उक्त कक्ष का प्रभारी संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी को बनाया गया है। कक्ष द्वारा प्रतिमाह सभी हितधारकों के साथ नियमित बैठक आयोजित कर उनकी समस्याओं व सुझावों के संबंध में निर्णय लिया जाता है। व्यवसाईयों की समस्याओं को दूर करने के लिए टोल फ्री हेल्पलाईन नंबर भी शुरू किया गया है। विभाग अंतर्गत बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट (B.I.U.) का गठन किया गया है। जिसके द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग तकनीकों का प्रयोग कर डाटा आधारित कर अपवंचन के तरीकों को पता लगाकर कार्यवाही की जा रही है।

श्री चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य कर (जीएसटी) विभाग द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नई पहल करते हुए 11 जून 2024 को “ई-संवीक्षा” पोर्टल लाँच किया गया है। इससे न केवल विभागीय अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की मानिटरिंग की जा सकेगी, बल्कि एनालीटिक्स में इससे प्राप्त होने वाले आँकड़ों का राजस्व हित में उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के व्यापारियों को होने वाली व्यवहारिक परेशानियों जैसे एक ही अवधि के लिये एक से अधिक अधिकारियों द्वारा नोटिस दिया जाना आदि का निराकरण करने में भी “ई-संवीक्षा” माड्यूल कारगर साबित होगा। इन सभी प्रयासों से छोटे व्यापारियों को एवं उपभोक्ताओं को लाभ प्राप्त हुआ है।

जीएसटी संशोधन विधेयक 2024 के संबंध में विधायक उमेश पटेल, राघवेन्द्र सिंह ने चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा पश्चात विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया।