केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पहुंचे रायपुर, बीजेपी के बजट संवाद कार्यक्रम में होंगे शामिल

रायपुर- केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया राजधानी रायपुर पहुंचे. वे बीजेपी के बजट संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया के रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचते ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, मंत्री रामविचार नेताम, लखनलाल देवांगन और विधायक गण समेत अन्य नेताओं ने भव्य स्वागत किया.

इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए बजट पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में तीसरी बार जनता का आशीर्वाद मिला है. तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आया है. गरीबों को सहायता देने, MSME को बढ़ावा देने वाला और देश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने वाला यह बजट रहा.

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया भाजपा प्रदेश कार्यालय, कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में 11:30 बजे प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे. इसके बाद 2:30 बजे बजट संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे. कार्यकम के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से मुलाकात कर सकते हैं.

बता दें कि बजट संवाद कार्यक्रम का मोर्चा रायपुर में केंद्रीय मंत्री मांडविया संभालेंगे. उनके के अलावा तीन केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, सावित्री ठाकुर और जाधव प्रताप राव अलग-अलग जिलों में केंद्रीय बजट पर संवाद कर इसकी खूबियां बताएंगे.

छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 सर्वसम्मति से पारित

रायपुर-    वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 विधानसभा में प्रस्तुत किया। सदन में विस्तृत चर्चा के पश्चात् संशोधन विधेयक 2024 सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पंजीकृत व्यवसायियों की संख्या में 50 लाख से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। जीएसटी में विभिन्न करों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 19 जुलाई 2024 को आयोजित केबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 का अनुमोदन किया गया था।

जीएसटी परिषद की अनुशंसा के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक संशोधन किया जा चुका है। जिसके अनुसरण में राज्य शासन द्वारा भी संशोधन किया गया है, जिसके अंतर्गत हेड ऑफिस द्वारा इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का वितरण अपने ब्रांच ऑफिस को किया जाएगा तथा तंबाकू उत्पादन निर्माताओं द्वारा मशीन का पंजीयन नहीं कराने पर 1 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

श्री चौधरी ने बताया कि समय-समय पर आवश्यकता अनुसार जीएसटी परिषद् द्वारा जीएसटी अधिनियम में संशोधनों का निर्णय लिया जाता है। ताकि व्यापार सुगम हो एवं कर राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।

इसी तारतम्य में जीएसटी काउंसिल द्वारा इनपुट सर्विस ड्रिस्टीब्यूटर के संबंध में आगत कर प्रत्यय लिये जाने के प्रावधान को युक्तियुक्त बनाने एवं पान मसाला, गुटखा इत्यादि के विनिर्माण में लगने वाले मशीनों के रजिस्ट्रीकरण के लिए, अधिनियम में कतिपय संशोधन का निर्णय लिया गया था। जीएसटी काउंसिल द्वारा लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय माल और सेवा कर (संशोधन) अधिनियम, 2024 दिनांक 15 फरवरी, 2024 से अधिसूचित हैै। अतः छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में भी तद्नुसार संशोधन किया जाना आवश्यक है।

उक्त संशोधन में अन्य बातों के साथ निम्नानुसार संशोधन किया गया है:-

पूरे देश में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट के वितरण हेतु अपनाई जा रही प्रक्रिया में समरूपता लाने के प्रयोजन से परिभाषा खंड में संशोधन किया जा रहा है। साथ ही रिवर्स चार्ज लेव्ही को भी इसके अंतर्गत शामिल किया जा रहा है। उक्तानुसार प्रकरणों में इनपुट टैक्स वितरण की रीति विहित करने के लिए सुसंगत धारा में आवश्यक संशोधन किया गया है।

श्री चौधरी ने बताया कि जीएसटी परिषद् की सिफारिशों पर तंबाकू उत्पाद निर्माण क्षेत्र में सर्वाधिक राजस्व लिकेज होने के कारण उनके लिए अनुपालन भार में बढ़ोतरी की गई है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक मशीन का पंजीयन अनिवार्य किया गया है। ऐसे निर्माताओं द्वारा मशीन का पंजीयन नहीं कराये जाने पर प्रत्येक मशीन के लिए राशि एक लाख रूपये जुर्माना अधिरोपित किये जाने का प्रावधान है।

वाणिज्यकर मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी स्वतंत्रता के पश्चात् के सर्वाधिक महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व आर्थिक सुधारों में से एक है, जिसमें केंद्र और राज्यों में लागू अप्रत्यक्ष कर समाहित है। इन करों में केन्द्रीय उत्पाद कर, सर्विस टैक्स, केन्द्रीय अधिभार एवं उपकर, वैट, प्रवेशकर, केन्द्रीय विक्रय कर, विलासिता कर, मनोरंजन कर आदि 17 प्रकार के करों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं कर्तृत्व का ही परिणाम है कि उनकी दूरदर्शिता के कारण ही जीएसटी लागू किया जाकर एक राष्ट्र, एक कर एवं एक बाजार की संकल्पना को साकार किया जा सका है।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाए जाने वाला एक समग्र अप्रत्यक्ष कर है। इसे 1 जुलाई 2017 को कई करों को बदलकर और एकल एकीकृत कर प्रणाली बनाने के लिए पेश किया गया था। जीएसटी ने देश में सहकारी संघवाद की नई परिपाटी बनाई है, जिसका सर्वोत्तम उदाहरण जीएसटी परिषद है। जीएसटी परिषद में केन्द्रीय वित्त मंत्री अध्यक्ष और सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य होते हैं। जीएसटी परिषद में केन्द्र व राज्य आपसी सहमति से सामूहिक निर्णय लेते हैं। जीएसटी लागू होने से कर प्रणाली सरल और प्रबंधनीय हो गई है। जीएसटी लागू होने के पूर्व उत्पादों पर केन्द्रीय उत्पाद कर लगता था एवं इस कर पर राज्य में वेट लगता था। इस प्रकार कर के ऊपर कर लगता था एवं केन्द्रीय करों का क्रेडिट भी राज्य के व्यापारियों को नहीं मिलता था। इस प्रकार अंततः माल की लागत में बढ़ोतरी होती थी। जीएसटी लागू होने के उपरांत ऐसा Cascading प्रभाव समाप्त हो गया है एवं सप्लाई चेन में इनपुट टैक्स क्रेडिट का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित हुआ है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं पर समग्र कर भार कम हुआ है। सामग्री एवं सेवा की लागत में कमी आई है और खपत को प्रोत्साहन मिला है और आर्थिक वृद्धि में सुधार हुआ है एवं उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है।

श्री चौधरी ने जीएसटी पंजीकरण, रिटर्न दाखिल करने और भुगतान के लिए ऑनलाइन प्रणाली होने से अनुपालन सरल हुआ है और पारदर्शिता आई है। अब छोटे व्यापारी स्वयं ही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। जीएसटी प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न राज्यों के अंतर्राज्यीय चेकपोस्ट को समाप्त किया गया है, जिससे लॉजिस्टिक्स और वितरण क्षेत्र सुव्यवस्थित हो गया है, परिणामस्वरूप वस्तुओं की आवाजाही की लागत और समय कम हो गया है। जीएसटी ने कई अनौपचारिक व्यवसायों को कर दायरे में लाकर कर आधार को बढ़ाया है और सरकार के लिए अधिक राजस्व सुनिश्चित हुआ है। साथ ही अब राज्यों को भी सेवाओं पर करारोपण का अधिकार प्राप्त है।

वाणिज्यिक कर मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी के अंतर्गत सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कंपोजिशन की सुविधा प्रदान की गई है, जिसके अंतर्गत 1.5 करोड़ रू. तक के टर्नओव्हर वाले व्यवसाईयों को अपने टर्नओव्हर का बहुत ही अल्प भाग जैसे- 2 प्रतिशत कर के रूप में जमा करना होता है एवं उनके लिए अनुपालन भार जैसे रिटर्न प्रस्तुत करने एवं कर भुगतान की प्रणाली को सरल व सुगम बनाया गया है। साथ ही उन्हें विभिन्न प्रकार के लेखाओं के संधारण की अनिवार्यता नहीं है।

जीएसटी लागू होने से पंजीकृत व्यवसाईयों की संख्या लगभग 1.28 लाख थी जो वर्तमान में बढ़कर लगभग 1.80 लाख हो गयी है। पड़ोसी राज्य जैसेे झारखंड एवं उड़ीसा में पंजीकृत व्यवसाईयों की संख्या क्रमशः 2.05 लाख एवं 3.38 लाख है। आज विभाग में रजिस्ट्रेशन को लेकर होने वाली अधिकांश समस्याओं को दूर कर लिया गया है। जहां वर्ष 2024 की शुरूआत में रजिस्ट्रेशन के आवेदन की प्रक्रिया में औसतन 15 दिन का समय लगता था वह आज केवल 07 दिनों में पूर्ण किया जा रहा है।

जीएसटी लागू होने बाद राजस्व संग्रहण में उत्तरोत्तर वृद्धि दर्ज की गई है। यद्यपि वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कोविड-19 महामारी के कारण अपेक्षित वृद्धि प्राप्त नहीं हुआ है।

जीएसटी लागू होने के कारण विभिन्न राज्यों के राजस्व वृद्धि में संभावित कमी की क्षतिपूर्ति हेतु केन्द्र की सरकार ने अपने वादे के अनुरूप सभी राज्यों को कानून बनाकर क्षतिपूर्ति किया जाना सुनिश्चित किया है। छत्तीसगढ़ राज्य को अप्रैल 2018 से जून 2022 तक कुल 21 हजार 679 करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान की गई है।

श्री चौधरी ने सदन को बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों में कमी से कंपनसेशन फंड में राशि नहीं होने पर वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में राज्यों को क्षतिपूर्ति देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 2.59 लाख करोड़ रूपये का ऋण लिया गया, जो कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को क्षतिपूर्ति देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। छत्तीसगढ को बैक टू बैक लोन के रूप में कुल राशि रूपये 8 हजार 074 करोड़ प्राप्त हुआ है।

जीएसटी की राशि राज्य को सीधे ही प्राप्त हो जाती है एवं केन्द्रीय जीएसटी की राशि का 42 प्रतिशत केन्द्रांश राज्यों को Devolution के रूप में प्राप्त होता है। इस प्रकार जीएसटी में वृद्धि से राज्यों को प्रत्यक्षतः लाभ तो मिलता ही है साथ ही केन्द्रांश के रूप में राज्यों को राशि प्राप्त होती है। छत्तीसगढ़ में राज्य को वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक प्राप्त राजस्व एवं इसी अवधि में Devolution से प्र्राप्त राजस्व रू. 1.41 लाख करोड़ है।

व्यवसाईयों की सुविधा के लिए वाणिज्यिक कर विभाग में एक समर्पित EODB (Ease of Doing Business) कक्ष का गठन किया गया है, जिसके द्वारा व्यवसाईयों की समस्याओं का निराकरण, जी.एस.टी. के हितधारकों (करदाता व्यावसायिक संगठन, बार एसोसिएसन, चार्टर्ड एकाउंटेंट एसोसिएसन) के साथ बेहतर समन्वय के लिए आउटरीच प्रोग्राम के माध्यम से कर अनुपालन में वृद्धि हेतु प्रोत्साहन दिया जा सके। उक्त कक्ष का प्रभारी संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी को बनाया गया है। कक्ष द्वारा प्रतिमाह सभी हितधारकों के साथ नियमित बैठक आयोजित कर उनकी समस्याओं व सुझावों के संबंध में निर्णय लिया जाता है। व्यवसाईयों की समस्याओं को दूर करने के लिए टोल फ्री हेल्पलाईन नंबर भी शुरू किया गया है। विभाग अंतर्गत बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट (B.I.U.) का गठन किया गया है। जिसके द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग तकनीकों का प्रयोग कर डाटा आधारित कर अपवंचन के तरीकों को पता लगाकर कार्यवाही की जा रही है।

श्री चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य कर (जीएसटी) विभाग द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नई पहल करते हुए 11 जून 2024 को “ई-संवीक्षा” पोर्टल लाँच किया गया है। इससे न केवल विभागीय अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की मानिटरिंग की जा सकेगी, बल्कि एनालीटिक्स में इससे प्राप्त होने वाले आँकड़ों का राजस्व हित में उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के व्यापारियों को होने वाली व्यवहारिक परेशानियों जैसे एक ही अवधि के लिये एक से अधिक अधिकारियों द्वारा नोटिस दिया जाना आदि का निराकरण करने में भी “ई-संवीक्षा” माड्यूल कारगर साबित होगा। इन सभी प्रयासों से छोटे व्यापारियों को एवं उपभोक्ताओं को लाभ प्राप्त हुआ है।

जीएसटी संशोधन विधेयक 2024 के संबंध में विधायक उमेश पटेल, राघवेन्द्र सिंह ने चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा पश्चात विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

छत्तीसगढ़ में गैर सरकारी संगठन/न्यास/निजी/सरकारी स्कूलों की साझेदारी से खोले जा सकेंगे सैनिक स्कूल

रायपुर-    रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में रक्षा मंत्रालय से छत्तीसगढ़ राज्य और विशेष रूप से रायपुर संसदीय क्षेत्र में बालिका सैनिक विद्यालय खोलने की योजना पर सवाल किया है।
जिस पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने जानकारी दी है कि, रक्षा मंत्रालय ने देश में गैर सरकारी संगठन/न्यास/निजी/सरकारी स्कूलों के साथ साझेदारी रीति में नए सैनिक स्कूल खोल रहा है। जिसकी शुरुवात उत्तरप्रदेश से ही चुकी है। जहां मथुरा में संविद गुरुकुलम उच्च माध्यमिक स्कूल को पूर्णरुपेण-बालिका सैनिक स्कूल के रूप में मंजूरी दी गई है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में भी यह प्रयोग हो सकता है। साझेदारी रीति के तहत स्थापित किए जाने वाले नए सैनिक स्कूल की स्थापना का खर्च संबंधित इकाई/एजेंसी ‌द्वारा वहन किया जाएगा।

जल्द ही छत्तीसगढ़ समेत देशभर में शुरू होगी ई-पासपोर्ट सेवा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर विदेश राज्य मंत्री ने दी जानकारी

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भविष्य की प्रौद्योगिकी और उन्नत सुरक्षा विशेषताओं वाले ई-पासपोर्ट शुरू करने के लिए विदेश मंत्रालय से उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी। जिसपर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि, केंद्र सरकार एम्बेडेड चिप के साथ ई-पासपोर्ट शुरू करने के लिए कदम उठाए हैं। वर्तमान में, भुवनेश्वर और नागपुर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों में ई-पासपोर्ट की परियोजना का परीक्षण चल रहा है। इसके सफलतापूर्वक आरंभ होने और अपेक्षित प्रमाणीकरण के बाद, इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे भारत में शेष क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों में शुरू किया जाएगा। ई-पासपोर्ट एक संयुक्त कागज और इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट है, जिसमें एक एम्बेडेड रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) चिप और इनले के रूप में एम्बेडेड एंटीना है। पासपोर्ट की महत्वपूर्ण जानकारी इसके डेटा पेज पर प्रिंट की जाएगी और साथ ही चिप में संग्रहीत की जाएगी, जिससे इसमें जालसाजी करने की संभावनाएं कम हो जाएगी। दस्तावेज़ और चिप की विशेषताएं अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) दस्तावेज़ 9303 के अनुसार हैं।

नर्सिंग कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र ने छत्तीसगढ़ में 5 नर्सिंग कॉलेजों को दी मंजूरी

रायपुर-     देश में नर्सिंग कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए, केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य में 5 नर्सिंग कॉलेजों सहित देश में 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की घोषणा की है। यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शुक्रवार को लोकसभा में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल के जवाब में दी।

बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में देश में प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकों की प्रयाप्त संख्या हेतु कोई मानदंड निर्धारण और छत्तीसगढ़ समेत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं, चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की योजना की जानकारी मांगी थी। जिस पर अनुप्रिया पटेल ने बताया कि, देश में राज्य आयुर्विज्ञान परिषदों और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) में 13,86,136 एलोपेथिक चिकित्सक पंजीकृत और 5.65 लाख आयुष चिकित्सकों की 80% उपलब्धता मानते हुए देश में चिकित्सक जनसंख्या अनुपात 1:836 है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के 1:1000 के मानक में बेहतर है। इसके अतिरिक्त, भारतीय उपचय परिषद के अनुसार देन में लगभग 38.49 नाख पंजीकृत नर्सिंग कार्मिक है। देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 से पहले की तुलना में 88% की वृद्धि से 731 हो गई है। इसके अलावा, एमबीबीएम सीटों में 118% की वृद्धि के साथ 1,12,112 और मेडिकल पीजी सीट्स 2014 से 31,185 की तुलना में वर्तमान में 72,627 हो गई हैं।

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएमएसवाई) के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाकों के निर्माण द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के अंतर्गत कुल 75 परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं जिनमें में 66 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। नए एम्स की स्थापना के लिए केन्द्रीय क्षेत्र योजना के तहत 22 एम्स अनुमोदित किए गए हैं। इनमें में 19 में तक पाठ्यक्रम शुरु हो चुके हैं। मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति हेतु डीएनवी अर्हता को मान्यता दी गई है।

मंत्री ने बताया कि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) के माध्यम से उप स्वास्थ्य केन्द्रों (एमएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचमी) को सुदृढ़ करके व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाती है। वर्तमान में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 1,73,410 आयुष्मान आरोग्य मंदिर कार्यशील हैं।

अग्निवीरों को पुलिस आरक्षक, जेल प्रहरी समेत अन्य पदों पर समावेशित करेगी साय सरकार, सीएम ने की घोषणा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के अग्निवीरों के लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अग्निवीरों को पुलिस आरक्षक, जेल प्रहरी, आदि पदों पर समावेशित करने की सुविधा देने की घोषणा की है.
सीएम साय ने कहा, छत्तीसगढ़ के अग्निवीरों को बताते हुए हर्ष है कि छग सरकार अग्निवीरों को पुलिस आरक्षक, जेल प्रहरी, आदि पदों पर समावेशित करने की सुविधा देगी. विशेष आरक्षण के लिए शीघ्र निर्देश दिए जाएंगे.
सदन में मोदी-मोदी, तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई और शुभकामना का प्रस्ताव हुआ पारित…

रायपुर- विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई और शुभकामना का प्रस्ताव पारित किया गया. सदन ने कहा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अत्यधिक ऊँचाइयाँ प्राप्त की है. उनके कुशल नेतृत्व में हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में अपना स्थान बना पाएगा. उन्हीं के नेतृत्व में हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर होगा.

इससे पहले संकल्प पर अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा पहले भी कई प्रधानमंत्री रहे हैं, जो एक से ज्यादा बार प्रधानमंत्री रहे हैं. तब और अब में बड़ा अंतर है. आज प्रतिपक्ष पहले की तरह नहीं है. ऐसी स्थिति में तीसरी बार प्रधानमंत्री चुना जाना बड़ी बात है. 2014 से 2019 तक मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला था. संसद में पहली बार प्रवेश करते हुए उन्होंने ज़मीन पर झुककर प्रणाम किया था. पहले दिन ही उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ग़रीबों के कल्याण के लिए काम करेगी.

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2014 को लाल क़िले के प्राचीर से नरेंद्र मोदी ने जब स्वच्छता अभियान का ज़िक्र किया था, तब विपक्ष के लोग हंसते थे, और कहते थे कि यह क्या प्रधानमंत्री का काम है. ग्रामीण अंचलों में महिलायें शौचालय जाने के लिए शाम होने का इंतज़ार करती थी. आज देश में करोड़ों शौचालय बने हैं. 14 हज़ार गाँवों में सौभाग्य योजना शुरू कर बिजली पहुँचाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है.

उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास, जनधन खाता खोलने जैसे काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. इसी देश के एक प्रधानमंत्री कहते थे कि एक रुपया भेजने पर नीचे पंद्रह पैसे पहुँचते हैं. आज देश में 45 करोड़ जनधन खाता खोला गया है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पूरा करने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर किया है.

आयोध्या में भगवान राम भव्य मंदिर में विराजे. यह सब बड़े निर्णय प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में लिया है. आर्थिक क्षेत्र में दसवे स्थान से पाँचवे स्थान पर लाकर उन्होंने देश को खड़ा कर दिया है. मोदी की गारंटी को लेकर ही हम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मैदान में गये थे. जनता ने हम पर भरोसा किया और जीत मिली. यह सब प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही संभव हो पाया है. 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने वह आज भी खड़े हैं.

संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि देश की आजादी के बाद विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के पीएम चुने गए हैं. आज कारगिल दिवस भी है. इन जवानों को जिन्होंने अपना सबकुछ न्योछावर किया, उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. नरेंद्र मोदी ने जब शपथ लिया था तो देश को आज किस नजर से देखा जाता है. यह उनके सामर्थ्य को बताता है. ऐसा बिरला नेता जो वैश्विक पटल पर अपनी बात पुरजोर तरीके से रखता है.

उन्होंने कहा कि कश्मीर में से 370 हटा, यह संभव हुआ पीएम मोदी और अमित शाह के कारण संभव हुआ. पहले नारा चलता था एक देश दो विधान दो प्रधान नहीं चलेगा. आज जाकर एक देश एक विधान एक प्रधान का सपना साकार हुआ है. आयुष्मान योजना उन्होंने छत्तीसगढ़ में दौरे के दौरान सौगात दिया था। नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास का नारा दिया. पीवीटीजी ग्रुप के लोगों के लिए पीएम जन मन योजना शुरू की.

केदार कश्यप ने कहा कि मैं जहां से चुनकर आता हूं. उस इलाके में अबूझमाड़ आता है. आज पीएम मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव से के कारण उन क्षेत्रों में भी विकास के द्वार खुले हैं. हमारे समाज की एक बेटी को देश के सर्वोच्च पद पर सुशोभित करने का काम किया है. इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं. पीएम मोदी को रोकने के लिए दुष्प्रचार किया गया है कि तीसरी बार पीएम बनने पर आरक्षण समाप्त हो जाएगा. हार कैसे मान ले वो लाल, जिसकी जीत का इंतजार भारत मां करती है.

भाजपा विधायक किरण देव ने कहा कि देश की सेवा करते हुए एक दिन की भी उन्होंने छुट्टी नहीं ली. यह देश के प्रति उनके समर्पण को बताता है. देश के सभी वर्ग संप्रदाय को लेकर चलने वाली उनकी योजनाएं हैं. कोविड के समय जब ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका जैसे देश भी उससे लड़ने में समर्थ नहीं थे, उस समय उन्होंने सिर्फ देश के लिए बल्कि दूसरे देशों के भी टीकाकरण की व्यवस्था की. यह उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण ही संभव हुआ. डिजिटल पेमेंट की उनकी सोच और यूपीआई सिस्टम को अमेरिका भी लॉन्च करना चाहता है. सफलतम विदेश नीति का अनुपम उदाहरण मोदी ने प्रस्तुत किया है.

भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि पीएम देश का होता है. संघीय ढांचे में जब पीएम को धन्यवाद देने का अवसर है. वैसे में विपक्ष का अनुपस्थित होना उनके संविधान विरोधी चेहरे को उजागर करता है.

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के चप्पे-चप्पे से परिचित हैं, उनके तीसरी बार पीएम बनने पर पूरा छत्तीसगढ़ उनको धन्यवाद देता है. 1962 के बाद पहली बार इस देश में किसी पीएम को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला है. उस समय केवल एक ही बड़ी पार्टी थी. आज की परिस्थितियां भिन्न है, लेकिन उन्होंने अपने काम से लोगों के दिलों में जगह बनाया है. 2014 में पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति थी, आज वहीं देश-दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर दुनिया के सामने मजबूती के साथ खड़ी है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों को लगता है कि इस देश में राज करने का अधिकार केवल एक परिवार के पास है. इन लोगों ने सभी को ठगने का काम किया. भय और भ्रम फैलाकर वोट लेने का काम किया. पिछड़े वर्ग के लोगों को जीने का अधिकार किसी ने दिया तो नरेंद्र मोदी ने दिया.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ और वोट बैंक की चिंता किए बिना कोई आज निर्णय लेने वाला नेता है तो वह पीएम नरेंद्र मोदी हैं. कच्छ में विंड एनर्जी का इतना बड़ा सिंगल प्रोजेक्ट जिसमे एक हजार वानखेड़े स्टेडियम समा जाए.

छत्तीसगढ़ के रायगढ़, कोरबा में लगे पावर प्लांट की कुल ऊर्जा उत्पादन से केवल कच्छ में पैदा होगा. इस पर डेढ़ लाख करोड़ खर्च होगा. हालांकि, इससे उनको डेढ़ हजार वोट भी मिलेगा इसकी गारंटी नहीं है. यह केवल उनके विकसित भारत के सपने के कारण संभव हो पा रहा है.

उन्होंने कहा कि पीएलआई स्कीम फॉर ऑटोमोबाइल, जैसी योजना पीएम मोदी लेकर आए हैं. तीन चार दशक के बाद आने वाली पीढ़ियां साउथ कोरिया के प्रेसिडेंट पार्क की तरह नाम लेगी. पीएम मोदी ने इस देश को प्रो इनकंबेंसी शब्द दिया, इससे पहले इस देश में केवल एंटी इनकंबैंसी शब्द का चलन था.

कैग ने किया स्वास्थ्य विभाग की गड़बड़ियों का बड़ा खुलासा…

रायपुर- 33 करोड़ रुपए से ज्यादा की दवाएँ कालातीत हो गईं. ⁠⁠करीब 50 करोड़ के मेडिकल उपकरण अनुपयोगी पड़े रहे. ⁠24 करोड़ की दवाएं ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से खरीदी गई. ⁠कोविड के दौरान बिना अनुशंसा 23 करोड़ रुपए की दवाएं खरीदी गई. ⁠838 स्वास्थ्य संस्थानों के पास अपना भवन नहीं, ⁠42 सीएचसी में ब्लड बैंक नहीं है. यह बड़ा खुलासा आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कैग रिपोर्ट में किया गया है. 

मार्च 2022 को समाप्त वर्ष तक के लिए तैयार ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया कि जिन कंपनियों ने घटिया दवा की सप्लाई की, उनसे क्वालिटी वाली दवा लेना तो दूर ना तो जुर्माना लगाया और ना ही डैमेज शुल्क लिया गया. कोविड काल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए, लिक्विड टैंक खरीदे गए, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हुआ. यही नहीं दवा और उपकरण खरीदी के लिए CGMSC के सॉफ्टवेयर में इंटीग्रेशन नहीं होने के कारण पेमेंट की ओवरलैपिंग भी हुई.

स्वास्थ्य विभाग में स्वीकृत पदों की तुलना में अधिकारी-कर्मचारियों की भर्ती में बहुत बड़ा अंतर है. रिपोर्ट के मुताबिक, 23 जिला अस्पतालों में 33 प्रतिशत विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी है. पैरामेडिकल स्टाफ 13 प्रतिशत तक कम हैं. सीएचसी की हालत और खराब हैं, यहां 72 प्रतिशत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी हैं. 32 प्रतिशत नर्स और 36 प्रतिशत पैरामेडिकल स्टाफ की कमी हैं.

राज्य के कई सरकारी मेडकिल कॉलेजों में एक भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं हैं, जिसके चलते आठ-आठ साल से वो विभाग भी शुरू नहीं हो पाया है. जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में कैंसर यूनिट नहीं शुरू हो सकी. इसी तरह राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं होने के चलते हृदयरोग विज्ञान, वृक्क और तंत्रिका विज्ञान विभाग का ओपीडी नहीं शुरू हो सका.

सीएजी रिपोर्ट में CGMSC की गंभीर खामियों पर भी सवाल उठाए गए हैं. 2016 से 2022 के बीच, सीजीएमएससी ने 3753 करोड़ रुपये की दवा, उपकरण और अन्य समान खरीदे हैं, लेकिन इसमें भारी अनियमितताएँ की गई हैं. मेडिकल सामानों की सेंट्रल एजेंसी होने के बावजूद, 27 से 56 फीसदी खरीदी लोकल पर्जेच के माध्यम से करनी पड़ी, क्योंकि जरूरत के अनुसार क्रय नियमावली तैयार नहीं की जा सकी. 278 निविदाएं CGMSC की ओर से निकाली गई, लेकिन इनमें से 165 टेंडर दो-दो साल तक फाइनल नहीं किए जा सके. इससे वक्त पर सप्लाई नहीं हुआ, और महंगे दाम पर लोकल पर्चेज करना पड़ा.

अस्पतालों में मशीनों की जरुरत कितनी है, इसे ऑपरेट कैसे किया जाएगा, इसका परीक्षण किए बिना उपकरण खरीदे गए. ऐसे 50 करोड़ के उपकरण बेकार पड़े हैं. हद तो तब हो गई जब सीजीएमएससी ने ब्लैकलिस्टेड कंपनियों से करीब 24 करोड़ की दवाएं खरीद लीं.

रायपुर निगम वार्डों के परिसीमन पर बवाल, कांग्रेस पार्षद दल ने लिया यह बड़ा फैसला…

रायपुर-    नगर निगम के वार्डों के नए परिसीमन पर बवाल जारी है. रायपुर नगर निगम के कांग्रेस पार्षदों ने इस विषय पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. इस संबंध में कांग्रेस पार्षद दल की बैठक में फैसला लिया गया.

रायपुर नगर निगम अध्यक्ष प्रमोद दुबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि परिसीमन प्रायोजित है. किसी बंगले में बैठकर बनाया गया है. कांग्रेस के 36 पार्षदों के वार्डों को टारगेट कर परिसीमन किया गया है. कुछ नेताओं ने स्वार्थवश परिसीमन कराया है. परिसीमन तथ्यात्मक रूप से लोगों के गले नहीं उतर रहा है.

उन्होंने कहा कि तीन बार नगरीय निकाय में कांग्रेस का क़ब्ज़ा रहा है. तीन जगह में स्टे आ गया है. ये परिसीमन सरकार की कमी उजागर करती है. अभी राशन कार्ड नए बने, अब फिर एड्रेस चेंज करने सरकार नए राशन कार्ड बनाएगी. 2025 में नयी जनगणना की रिपोर्ट आएगी, तब क्या नया परिसीमन किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने दो महीने तक नगर निगम को कोई काम नहीं करने दिया

महापौर एजाज़ ढेबर ने कहा कि पूरे वार्डों को तितर-बितर कर दिया गया है. ऐसे वार्ड जिसे कांग्रेस पार्टी जीतते आई, उन्हें विलोपित कर दिया गया. राजनीति से प्रेरित होकर परिसीमन किया गया. जहां कांग्रेस के जीतने की संभावना है, उन वार्डों को तोड़ने का प्रायाम किया गया है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का भी अपमान किया गया है. हम परिसीमन का विरोध करते हैं.

NHM के संविदा कर्मचारियों को दो माह से नहीं मिला वेतन, स्वास्थ्य मंत्री से लगाई गुहार

रायपुर- एक तरफ पूरे प्रदेश में लगातार बारिश के कारण डायरिया, मलेरिया मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर इन बीमारियों के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे प्रदेश के आधे जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है. अल्प वेतन में गुजारा कर रहे प्रदेश के एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बहुत परेशान हैं. वेतन न मिलने में सरगुजा, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार ,कवर्धा आदि जिलों के कर्मचारी शामिल हैं. प्रदेश के एनएचएम कर्मचारी संघ ने स्वास्थ्य मंत्री से जल्द वेतन दिलाने की मांग की है.

प्रदेश के एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि वेतन को लेकर यह समस्या बनी हुई है, जिससे कर्मचारी परेशान हैं. महंगाई में रोजमर्रा के खर्चों से जूझ रहे एनएचएम कर्मचारियों की समस्याओं का जल्द निदान होना चाहिए. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी बहुत ही अल्प वेतन में अपना कार्य करते हैं और कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण परेशान हैं. इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संघ समय-समय उच्च अधिकारी को अवगत भी कराया है. फिर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

डॉ. गिरी ने बताया, नर्स, एनएनएम, ऑपरेटर, आया, हाउस कीपर, सुपरवाइजर सहित सभी कर्मचारी वेतन नहीं मिलने से बहुत परेशान हैं. अल्प वेतन में गुजारा कर रहे कर्मचारियों को स्कूल के बच्चों की फीस, राशन, मकान किराया, बीमार माता-पिता की दवाइयां आदि कई मूलभूत जरूरतों को लेकर असुविधा हो रही है.

डॉ. अमित कुमार मिरी के अनुसार इस बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक को शीघ्र वेतन के लिए पत्र भी दिया गया है. प्रदेश अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. ऐसी व्यवस्था बनाने की मांग की गई है, जिससे सभी को प्रतिमाह एक तारीख को वेतन मिल सके.

सड़क हादसे पर लगाम लगाने प्रशासन की पहल : अब हेलमेट पहनना अनिवार्य, कर्मचारियों के लिए भी जरूरी, नियम का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

बेमेतरा- प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ती मौतों को लेकर प्रशासन ने संज्ञान लिया है. हादसे की रोकथाम के लिए बेमेतरा जिले में कलेक्टर रणबीर शर्मा ने अब हेलमेट को अनिवार्य कर दिया है. सरकारी कर्मचारियों को भी कार्यालय आने-जाने के दौरान दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है. बता दें कि प्रदेश में बढ़ती दुर्घटनाओं का मामला गुरुवार को विधानसभा में उठाया गया था. इस दौरान सदस्यों ने चिंता जताते हुए हादसे की रोकथाम के लिए हेलमेट को अनिवार्य करने की बात कही थी.

जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति बेमेतरा की बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें समीक्षा के दौरान पाया गया कि 1 जनवरी 2024 से 15 जुलाई 2024 की अवधि में घटित सड़क दुर्घटनाओं में घायल एवं मृत व्यक्तियों की संख्या सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन चालकों की रही है. इन दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन चालकों की मृत्यु/गंभीर चोट हेलमेट न लगाने के कारण हुई है. बैठक में कलेक्टर ने बढ़ती दुर्घटनाओं पर चिंता चताते हुए मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 129 के तहत दोपहिया वाहन चालकों को वाहन चलाने के दौरान हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है.

कलेक्टर ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से सभी शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों को अपने कार्यालय आने-जाने के लिए दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा. यह आदेश बैंक कर्मचारियों, सहकारी समिति के कर्मचारियों और सभी शैक्षणिक संस्थाओं के कर्मचारियों पर भी लागू होगा. आदेश का उल्लघंन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम और तत्संबंध में बनाए गए नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा.