मुख्यमंत्री ने कारगिल विजय दिवस पर शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई पर भारतीय जवानों की वीरता को नमन करते हुए कारगिल युद्ध के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कारगिल विजय दिवस के दिन हम देश के उन वीर जवानों की बहादुरी को याद करते है, जिन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी प्राणों की परवाह न करते हुए कारगिल को मुक्त कराया। उनकी बहादुरी और शौर्य की गाथा हमें सदैव प्रेरणा देती रहेगी। यह देश के वीर सपूतों, कारगिल योद्धाओं की बहादुरी का स्मरण करने, उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रगट करने का दिन है।

कारगिल दिवस के 25 साल पूरे होने पर भाजयुमो ने निकाली मशाल रैली, रिटायर्ड फौजी हुए शामिल, वीर जवानों को किया नमन

रायपुर- कारगिल दिवस के 25 साल पूरे होने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा ने मशाल रैली निकाली। रैली विवेकानंद आश्रम से अनुपम गार्डन स्थित आर्मी टैंक तक निकाली गई। रैली में रिटायर्ड फौजी समेत संगठन के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। मोर्चा के कार्यकर्ता ने वीर जवानों को नमन किया।

भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष गोविंदा गुप्ता ने बताया कि कारगिल विजय दिवस बहुत ऐतिहासिक दिवस है। इस दिन पूरे विश्व ने भारत की एकता और ताकत को देखा था। इसका पूरा श्रेय हमारे भारत के वीर जवानों को जाता है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के लिए सुखद पल देश के रिटायर्ड फौजी हमारे साथ कार्यक्रम में सम्मलित हुए है।

भाजपा वरिष्ठ प्रवक्ता केदार गुप्ता ने बताया कि बड़ी कुर्बानी हमारे देश के सैनिकों ने दी थी. कारगिल अति दुर्गम क्षेत्र था, लेकिन हमारे सैनिकों ने भारत माता की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी थी. हमारे वीर सैनिक अमर रहे, हम उनकी याद में मशाल रैली निकालकर नमन करते हैं।

12 पुलिसकर्मियों को अवार्ड, एक कांस्टेबल सस्पेंड: 12 पुलिसकर्मी बने कॉप ऑफ द मंथ

रायपुर- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर संतोष सिंह द्वारा पुलिसिंग के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे अधिकारी कर्मचारी को प्रोत्साहित करने हेतु प्रति माह ‘‘कॉप ऑफ द मंथ’’ पुरस्कार देने की शुरुआत की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर द्वारा कॉप ऑफ द मंथ सम्मान से रायपुर ए.सी.सी.यू. के प्रभारी निरीक्षक परेश कुमार पाण्डेय को तेलीबांधा अंतर्गत फायरिंग में 07 आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तार करने में योगदान के लिए, निरीक्षक भुनेश्वर साहू को शराब सेवन कर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने हेतु, उपनिरी. सोमन लाल सिन्हा थाना अभनपुर को गांजा परिवहन करते आरोपी को गिरफ्तार करने हेतु, सउनि. नागेन्द्र सिंह थाना सिविल लाईन को चिटफण्ड के 11 वर्षो से फरार एवं करोड़ो रूपये कीमत की भूमि की धोखाधड़ी के आरोपियों को गिरफ्तार करने हेतु, सउनि. सुरेश मिश्रा थाना आमानाका को एम्स अस्पताल में लोगों पर चाकू से हमला कर रहे विक्षिप्त व्यक्ति को काबू करने हेतु, प्र.आर. टीकेमणी कुमार थाना सिविल लाईन को चिटफण्ड के 11 वर्षो से फरार एवं करोड़ो रूपये कीमत की भूमि की धोखाधड़ी के आरोपियों को गिरफ्तार करने हेतु, म.प्र.आर. बसंती मौर्य ए.सी.सी.यू. को चैन स्नेचिंग के आरोपियों को गिरफ्तार करने में योगदान हेतु, प्र.आर. मोह. सुल्तान ए.सी.सी.यू. को फर्जी कॉल सेंटर के आरोपियों को गिरफ्तार करने हेतु, आर. विजय पटेल ए.सी.सी.यू. को निजात अभियान के तहत प्रतिबंधित नशीली टेबलेट जप्त कर आरोपियों को गिरफ्तार करने हेतु, आर. देवचंद सिन्हा थाना टिकरापारा को सौंपे गए कार्यों का उत्कृष्ट तरीके से निर्वहन करने हेतु, आर. भारतेन्दु साहू थाना आमानाका को एम्स अस्पताल में लोगों पर चाकू से हमला कर रहे विक्षिप्त व्यक्ति को काबू करने हेतु तथा आर. छोटू राम देवांगन थाना विधानसभा को डकैती की तैयारी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने के सराहनीय कार्य के लिए एसपी कार्यालय में प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अन्य कार्यालयीन अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

चुने गए अधिकारियों/कर्मचारियों को नगद ईनाम एवं गुड सर्विस एंट्री व प्रशंसा-पत्र के साथ ही उनका फोटो समस्त पुलिस कार्यालयों और जिले के सभी थाना व चौकी के नोटिस बोर्ड पर पूरे माह के लिए लगा रहेगा। इससे दूसरे पुलिसकर्मी भी अच्छा कार्य करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जनता से अच्छा व्यवहार जिम्मेदारी एवं निष्ठापूर्वक कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को हमेशा सम्मानित किया जाएगा, वहीं अवैध काम में लिप्त व अनुशासनहीनता व पदीय कर्तव्य निर्वहन में लापरवाहीपूर्ण आचरण करने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।इसके साथ ही अनुशासनहीनता बरतने और अशोभनीय आचरण पर आरक्षक रामचरण ध्रुव को सस्पेंड कर लाईन अटैच किया गया।

विधानसभा मानसून सत्र : कोरोना काल के समय इस्तेमाल होने वाले मद में भ्रष्टाचार का आरोप, विधायक अनुज शर्मा ने उठाया मुद्दा

रायपुर- भाजपा विधायक अनुज शर्मा ने सदन में कोरोना काल के समय इस्तेमाल होने वाले मद में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना काल में जिलों को जो मद भेजा जाता था, वह कोरोना खत्म होने के बाद भी जारी है. यह बहुत बड़े स्केल में भ्रष्टाचार का प्रमाण है. सिर्फ कोटेशन के आधार पर करोड़ों की खरीदी की जा रही है.

विधायक अनुज शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा, राज्य में कोविड महामारी के समय में राज्य शासन द्वारा संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से राज्य के प्रत्येक जिलों में आवश्यकतानुसार बजट का आबंटन औषधि-25007, कच्चा भार व्यावसायिक मद 10-009, मशीन उपकरण-28003, अनुरक्षण-24002 आदि मदों में किया गया था. उक्त बजट में से कुछ विशेष मदों का उपयोग कोविड महामारी में मांग/आश्यकतानुसार करने के लिए दिया गया था. इसके लिए कुछ विशिष्ट निर्धारित मदों के अंतर्गत बजट का आबंटन कर आवश्कतानुसार सामाग्री क्रय किया जाना था, किंतु संचालनालय के बजट आबंटन शाखा में पदस्थ कुछ अधिकारी/कर्मचारी ने नियमों को अनदेखा करते हुए जिलों में अपने चहेते फर्मों को लाभ दिलाने के उद्देश्य से अपनी मर्जी से उसे बजट का आवंटन करते थे, जो वर्तमान समय तक विद्यमान है.

विधायक शर्मा ने कहा, वर्तमान में भी इन्ही मदों द्वारा फर्म विशेष को लाभ दिलाने के लिए बजट का आबंटन किया जा रहा है. यह भी ज्ञात हुआ है कि बजट का लाभ पाने वाले उक्त विशेष फर्मों में संचालनालय के कर्मचारी/अधिकारियों के करीबी रिश्तेदारों एवं जिले में पदस्थ फार्मासिस्ट के करीबियों की हिस्सेदारी है. इस मामले में समय-समय पर लगभग सभी विधायकों ने सवाल उठाए थे पर भी इस प्रकरण पर कठोर कार्रवाई नहीं होने से आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों में रोष व्याप्त है.

बिलासपुर और जगदलपुर स्वदेश दर्शन 2.0 में शामिल, जशपुर के मयाली बगीचा का भी होगा विकास

रायपुर-     छत्तीसगढ़ की नैसर्गिक खूबसूरती और गौरवशाली आदिम संस्कृति को देखते हुए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने अहम फैसला लिया है. बिलासपुर और जगदलपुर को स्वदेश दर्शन 2.0 में एवं जशपुर के अप्रतिम प्राकृतिक स्थल ‘मयाली बगीचा’ के विकास के लिए इसे उप-योजना ‘चुनौती आधारित गंतव्य विकास’ में शामिल किया गया है. इसके अलावा सूरजपुर जिले के धार्मिक स्थल कुदरगढ़ मंदिर के कायाकल्प के लिए इसे “प्रसाद” योजना में शामिल किया गया है.

सीएम विष्णुदेव साय ने ट्वीट कर कहा, हमारा छत्तीसगढ़ पर्यटन संपन्न बन रहा है. छत्तीसगढ़ के धार्मिक और पर्यटन स्थल की भव्यता एवं उसके कायाकल्प के लिए पर्यटन मंत्रालय ने इन जगहों का चयन किया है. यह निश्चित ही प्रदेशवासियों के लिए खुशी का विषय है. मैं प्रदेश के 3 करोड़ जनता की ओर से यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त करता हूं.

सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ती मौतों पर सदन में चर्चा : भाजपा विधायक अजय चंद्राकर बोले – विभागों में तालमेल की कमी दुर्घटनाओं की एक बड़ी वजह

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ती मौतों पर सदन में चर्चा हुई. नियम 139 के तहत अविलंबनीय लोक महत्व के विषय पर चर्चा करते हुए सदस्याें ने बढ़ती दुर्घटनाओं पर चिंता जताई और हेलमेट को अनिवार्य करने की बात कही. इस मामले को भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में उठाया. उन्होंने कहा, परिवहन विभाग, स्थानीय शासन विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग और स्वास्थ्य विभाग जैसे विभागों में तालमेल की कमी भी सड़क हादसों में वृद्धि का महत्वपूर्ण कारण है.

अजय चंद्राकर ने कहा, 2023 की तुलना में 2024 की प्रथम तिमाही में 6323 सड़क दुर्घटना हुई है. आंकड़े बताते हैं कि करीब 20 लोगों की मृत्यु इस तरह की घटनाओं में रोजाना होती है. इस प्रदेश में 73.43 लाख वाहन पंजीकृत हैं. 18 लाख भारी वाहन हैं. पीएमजीएसवाई के तहत ग्रामीण सड़क कितनी भार क्षमता के बनते हैं. सबसे ज़्यादा घटना की डेंसिटी यदि कोरबा, रायगढ़, रायपुर जैसे शहरों में है तो क्या यहां संचालित होने वाले उद्योगों पर उपकर लगाया जा सकता है? जनधन की क्षति कैसे रोकी जा सकती है. इस पर सदन एकमत हो सके.

अजय चंद्राकर ने कहा, हिट एंड रन का मामला महाराष्ट्र में गरमाया हुआ है. खराब सड़क, ओवर स्पीडिंग इस तरह की कार्रवाई को टालने राजनीतिक दबाव बनाया जाता है. दुर्घटना के बाद की स्थिति क्या है? घायलों को सही समय पर इलाज नहीं मिलना चाहिए. पहला पांच मिनट घायलों के लिए सबसे जरूरी होती है. सरकारी मदद का कोई स्पष्ट सिस्टम नहीं होना. चार-पांच विभागों के मंत्रियों ने क्या बैठकर इस पर चर्चा की है. एक महत्वपूर्ण कारण है कि विभागों में आपस में तालमेल ना होना.

चंद्राकर ने आगे कहा, पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के हिसाब से छत्तीसगढ़ में यातायात का सेटअप है? जब कोई वीआईपी मूवमेंट है तो देखा जाएगा, लेकिन जनसामान्य सड़क पर चल रहे हैं तब कौन देखेगा. ओवरलोडिंग चेकिंग त्यौहार है. शराब पीकर सड़क चलाना त्यौहार है. मैं भी तीन महीने के लिए गृहमंत्री था. हेलमेट अनिवार्य कर दिया था. हर रोज शाम को मेरे पास रिपोर्ट आती थी. मेरे साथ रेत खदान चलिए एक भी ओवरलोडिंग पर कार्रवाई नहीं होती. एक भी सरकारी ड्राइविंग स्कूल छत्तीसगढ़ में नहीं है. छत्तीसगढ़ में आज भी हार्वेस्टर चलाने के लिए पंजाब से ड्राइवर लाया जाता है. प्रदेशभर में ब्लैक स्पॉट है. इन ब्लैक स्पॉट को ख़त्म करने के लिए क्या इच्छाशक्ति है. क्या सीएसआर या डीएमएफ़ से ट्रामा यूनिट खोला जा सकता है?

उन्होंने कहा, नया रायपुर के लिए एकीकृत ट्रैफ़िक कमांड बना सकते हैं, जहां ट्रैफ़िक नहीं है, लेकिन क्या रायगढ़ में ट्रैफ़िक कमांड सेण्टर बना सकते हैं? अजय चंद्राकर ने कहा, लाइसेंस करप्शन का ज़रिया ना बने. परिवहन विभाग, स्थानीय शासन विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग और स्वास्थ्य विभाग जैसे विभाग आपस में बैठकर क्या इसका हल ढूढ़ सकते हैं?

कांग्रेस विधायक कुंवर निषाद ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं चिंता की बात है. इन बढ़ते आंकड़ों पर विचार करना पड़ेगा. इसके लिए कड़े नियम बनाए जाने की जरूरत है. नियम बनते हैं कुछ दिन बाद स्थिति वापस अपने ढर्रे पर आ जाती है. नशा कर गाड़ी चलाए जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जानी चाहिए.

भाजपा विधायक भावना बोहरा ने कहा, शराब पीकर गाड़ी चलाए जाने पर सख़्त नियम बनाना चाहिए. लोगों के हाथ में शराब को बॉटल मिल जाएगी, लेकिन सिर पर हेलमेट नहीं मिलेगा. 99 फ़ीसदी मामलों पर पुलिस सीट बेल्ट नहीं देखती.

भाजपा विधायक किरण देव ने कहा, ये विषय किसी एक राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है. ये सभी वर्ग और सभी क्षेत्र की समस्या है. बढ़ती जनसंख्या के साथ वाहनों की संख्या बढ़ती जाएगी. इसमें कमी नहीं आएगी, लेकिन यह ज़रूरी है कि एक्सीडेंट की घटनाओं को कैसे रोका जा सके. विदेशों में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. मैं जब महापौर था तब मलेशिया गया था. मलेशिया के एक ट्रैफ़िक सिग्नल पर जब रेड साइन हुआ तब बस रुक गई. ठीक बाजू में एक कार आकर रुक गई. प्रधानमंत्री के आवास जाने पर पता चला कि यह उनकी गाड़ी थी. वहां इस तरह का नियम है. दुर्घटना का सीधा सा अर्थ यही है कि यह किसी के साथ भी किसी भी समय हो सकता ही. ब्लैक स्पॉट चिन्हाकित किया जाए. ऐसे स्पॉट को व्यवस्थित किए जाने की जरूरत है.

भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि बिलासपुर से आते वक़्त मुझे एक ट्रक चिंगारी फेकता हुआ चल रहा था. ट्रक को रोककर देखा गया तो उसके पास सारे वैध दस्तावेज थे. फर्जी तरीक़े से वैध दस्तावेज़ बनाए जा रहे हैं. ओवरलोडिंग की समस्या भी बड़ी है. इस गंभीर विषय पर सरकार अपनी निष्पक्षता की छाप छोड़ें.

नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा, लोक महत्व के विषय पर सदन में कैसे चर्चा की जाती है. इसे अजय चंद्राकर ने आज सदन को बताया है. नए सदस्य इससे काफ़ी कुछ सीखेंगे. कोरबा में क़रीब 336 मौतें एक साल में होती है. पांच महीने में ही राज्य में दो हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं. 25 हजार हाइवा कोरबा में चलती हैं. इसमें से कितने हाइवा में सिर्फ़ ड्राइवर होता है. हेल्पर नहीं होता. हाइवा वालों के कागजात पुलिस वालों के पास होती है. इन्हें बंद कौन कराएगा? आज सभी भ्रष्ट हो रहे हैं. इसे रोकेगा कौन? अजय चंद्राकर ने केंद्रीय गृह मंत्री के अधिकार क्षेत्र में अनावश्यक प्रवेश करने की कोशिश की है. केंद्रीय गृहमंत्री ने नियम लाया था कि एक्सीडेंट करने पर ड्राइवर को दस साल तक की सजा हो सकती है. इस तरह के नियम से कम से कम ड्राइवर सचेत रहेंगे.

महंत ने कहा, आज सीमेंट का रोड बन रहा है या डामर का रोड बन रहा है, छह महीने में गड्ढा होना तय है. नियम विरुद्ध चलने वाली गाड़ियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. एक्साइज विभाग भी जवाबदार है. स्टेट हाइवे के किनारे शराब की दुकान खुल रही है. बैठने की जगह बन गई है. पीकर निकल रहे हैं. इससे भी एक्सीडेंट की घटनाएं बढ़ रही है. हेलमेट लगाने के नियम को शुरू कराए जाने की ज़रूरत है. इसे कठोरता से लागू किया जाना चाहिए. पांच सौ रुपये का हेलमेट जान ही बचाएगा.

स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने कहा, ज़्यादातर ड्राइवर का आई साइट ठीक नहीं होता है. जांच हुई तो 20 फीसदी ड्राइवर मिलेंगे. मेरा एक ड्राइवर था जिसकी आई साइट ठीक नहीं थी. पंद्रह दिन बाद मुझे इसकी जानकारी हुई थी. आई साइट ठीक हुई तो कई घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी.

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, नियम 139 के अधीन सारगर्भित चर्चा हुई है. सबकी यह चिंता जायज है. पापुलेशन डेंसिटी में भारत का नंबर 20वें, 25 वें में आता है. विदेशों में व्यवस्थाएं इसलिए दुरुस्त है, क्योंकि वहां क़ानून का कड़ाई से पालन होता है. 108 एंबुलेंस का रिस्पॉस टाइम तीस मिनट का है. इसमें एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी है. डायल 112 की सेवा 16 ज़िलों में है. आने वाले दिनों में इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा.

गृहमंत्री शर्मा ने कहा, सड़कों में पशुओं की वजह से भी दुर्घटनाएं होती है. पशुओं को हटाने के लिए भी दो लोगों की कुछ किलोमीटर में तैनाती है. पशुओं के गले में रेडियम होना चाहिए. सब कुछ शासन प्रशासन के भरोसे नहीं हो सकता है. जनजागरण भी ज़रूरी है. सदन के सदस्य भी यदि सड़कों से गुजर रहे हैं तो वहां रुककर पशुओं को हटाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें. ड्राइविंग लाइसेंस के 373 संस्थान काम कर रहे हैं. इनमें से एक शासन का है और अन्य प्राइवेट संस्थान हैं, जिन्हें मान्यता दी गई है. हेलमेट लगाने और सीट बेल्ट लगाने भर से ही 40 फ़ीसदी घटनाओं को रोका जा सकता है. ज़िला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित है. जनवरी के बाद से अब तक 55 बैठके हुई है. राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होती है. ब्लैक स्पॉट को सुधार करने में जल्द काम करेंगे. सभी ड्राइवरों का आई साइट चेक किया जाएगा. ड्राइवर को ज़रूरत पड़ने पर उन्हें चश्मा दिया जाएगा.

अजय चंद्राकर ने कहा कि डॉक्टर रमन सिंह की जब सरकार थी तब सामाजिक मुद्दों पर इसी सदन में क़ानून बनाया गया था. देश में बाद में इस पर क़ानून लाया गया. देश ने अपनाया है.

नगरीय निकाय चुनाव से पहले हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, वार्ड परिसीमन पर लगाई रोक, 2011 की जनगणना काे लेकर कही यह बात
बिलासपुर- हाईकोर्ट ने निकायों के वार्ड परिसीमन पर रोक लगा दी है, याचिकाकर्ताओं ने वार्डों के परिसीमन को नियम के विरुद्ध बताया था। कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को झटका लगा है। मामले में अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद तय की गई है। मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। अधिवक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है।

दरअसल, राजनादगांव नगर निगम, कुम्हारी नगर पालिका व बेमेतरा नगर पंचायत में वार्डों के परिसीमन को लेकर चुनौती दी गई थी। तीनों याचिकाओं की प्रकृति समान थी, इसलिए कोर्ट ने तीनों याचिकाओं को एक साथ मर्ज करते हुए सुनवाई शुरू की। मामले में याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में बताया है कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर के निकायों के वार्ड परिसीमन के लिए जो आदेश जारी किया है, उसमें वर्ष 2011 के जनगणना को आधार माना है।

वार्ड परिसीमन के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार अंतिम जनगणना को आधार माना गया है। राज्य सरकार ने अपने सर्कुलर में भी परिसीमन के लिए अंतिम जनगणना को आधार माना है। मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं का तर्क था कि राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है। जब आधार एक ही है तो इस बार क्यों परिसीमन का कार्य किया जा रहा है। अधिवक्ताओं के इस तर्क पर सहमति जताते हुए कोर्ट ने पूछा, कि वर्तमान में वर्ष 2024 में फिर से परिसीमन क्यों किया जा रहा है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानकर वर्ष 2014 व 2019 में वार्डों का परिसीमन किया गया था। जनगणना का डेटा तो आया नहीं है, वर्ष 2011 के बाद जनगणना हुई नहीं है, फिर उसी जनगणना को आधार मानकर तीसरी मर्तबे परिसीमन कराने की जरुरत क्यों पड़ रही है।

प्रदेश के निकायों के परिसीमन के बाद दावा आपत्ति मंगाने का काम किया जा रहा था। इस आदेश के बाद पूरी प्रक्रिया पर रोक लग गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व एजी सतीशचंद्र वर्मा, अमृतो दास, रोशन अग्रवाल और राज्य की ओर से प्रवीण दास उप महाधिवक्ता व विनय पांडेय व नगर पालिका कुम्हारी की तरफ से पूर्व उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने पैरवी की।
पहली बारिश में खुली भ्रष्टाचार की पोल : करोड़ों की लागत से बने CHC भवन में पानी का रिसाव, CGMSC ने ही कराया था निर्माण

आरंग-     किसी भी देश-प्रदेश की प्रगति के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य ही आधार होता है. अगर ये दोनों व्यवस्था बेहतर हो जाए तो देश और प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदल जाएगी, लेकिन छत्तीसगढ़ में ये बातें सिर्फ कहने में ही अच्छे लगते हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि रायपुर जिले के आरंग स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ढाई करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए भवन ने 10 महीने में ही सारी सिस्टम की पोल खोल दी है. पहली ही बारिश में इस भवन में पानी का रिसाव होने लगा है.

सामने से भव्य और सुंदर दिखने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन में पहली बारिश में ही पानी का रिसाव होने लगा है. इस भवन का निर्माण लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सीजीएमएससी लिमिटेड संभाग रायपुर ने किया था. इस भवन में पानी रिसाव से शौचालय की बदबू लैब में आ रही है, जिससे बीमारी से संबंधित टेस्ट कराने वाले मरीजों और वहां के कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी मिली है कि विभाग वाले अपनी नाकामी छिपाने के लिए कुछ जगहों पर वाटर प्रूफ का कार्य करवाए हैं, लेकिन सावन महीने की बारिश ने विभाग के दावों की पोल खोल दी है.

समस्या को जल्द ठीक किया जाएगा : बीएमओ

इस मामले में आरंग विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.विजय लक्ष्मी अनंत ने बताया कि पूर्व में भी पानी रिसाव की शिकायत मिली थी. इसे संबंधित निर्माण कार्य एजेंसी ने सुधारा था, लेकिन अभी अन्य जगहों में भी रिसाव की शिकायत मिल रही है. इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है, जल्द ही इसे ठीक किया जाएगा.

बड़ा सवाल – क्या जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई…?

करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी जनसुविधाओं के लिए बनाए गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरंग के इस भवन में निर्माण कार्य एजेंसी की बड़ी लापरवाही दिख रही है. अगर इस तरह की लापरवाही और गुणवत्ताहीन कार्य कोई दूसरी निर्माण कार्य एजेंसी करती तो लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अभी तक दोषियों पर कार्रवाई कर चुका होता, लेकिन इसमें निर्माण कार्य एजेंसी स्वयं सीजीएमएससी लिमिटेड संभाग रायपुर है. अब देखने वाली बात है कि विभाग इस बड़े भ्रष्टाचार के दोषियों पर कब कार्रवाई करती है. आपको बता दे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरंग में बने इस नए भवन का लोकार्पण तत्कालीन कैबिनेट मंत्री और आरंग विधायक डॉ. शिवकुमार डहरिया ने 26 सितंबर 2023 को किया था.

राजधानी में रैन वाटर हार्वेस्टिंग की नई इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी से किया जा रहा है वर्षा जल संग्रहण, बिल्डरों और एनजीओ का लिया जा रहा सहयोग

रायपुर- राजधानी में अधिक से अधिक मात्रा में रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट बनाकर वर्षा जल संग्रहण का काम किया जा रहा है। नगर निगम की पहल पर राजधानी में रैन वाटर हार्वेस्टिंग की नई इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी से 5 हजार रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट बनाए जा रहे हैं। इसमें बिल्डरों और एनजीओ का सहयोग लिया जा रहा है।

नगर निगम ने इंदिरा स्मृति वन दलदल सिवनी के लगभग 42 एकड़ क्षेत्र में 3 रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट का निर्माण कर अब तक लगभग 50 लाख लीटर वर्षा जल संग्रहण किया जा चुका है। यह काम जियो हाईड्रोलाॅजिस्ट डाॅ. के. पाणीग्रही के निर्देशन में करवाया जा रहा है।

विगत दिनों नगर निगम मुख्यालय में हुई बैठक में नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा की पहल पर क्रेडाई पदाधिकारियों और बिल्डरों ने अपनी-अपनी टाउनशीप क्षेत्र में इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी से 50-50 रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट जियो हाईड्रोलाॅजिस्ट के निर्देशन में शीघ्र बनवाने सहमति व्यक्त की। इसमें प्रत्येक रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट में लगभग 2 लाख लीटर वर्षा जल संग्रहित किया जा सकेगा।

सहमति के आधार पर रहेजा होम्स दलदल सिवनी, रहेजा निर्वाण कचना, वालफोर्ट सिटी, वालफोर्ट हाइट्स के संबंधित बिल्डरों ने अपने-अपने टाउनशीप क्षेत्र में जियो हाइड्रोलाॅजिस्ट के निर्देशन में इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी से 25-25 रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट बनाने का कार्य प्रारंभ करवा दिया है।

छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक सदन में बहुमत से पारित, विपक्ष की मांग पर हुआ मत विभाजन, पक्ष में 47 तो विपक्ष में 27 पड़े मत…

रायपुर-  विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2024 बहुमत से पारित हुआ. विपक्ष ने संशोधन विधेयक पर मत विभाजन की मांग की थी, जिसके बाद हुए मतदान में विधेयक के पक्ष में 47 और विपक्ष में 27 मत पड़े. इसके साथ ही सदन में संशोधन विधेयक पारित हो गया. 

इससे पहले संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंडी फीस के जगह कृषक कल्याण कह दिया. जियो जब शुरू हुआ तो फ्री में दिया गया था. आज पूरे मार्केट में सबसे ज्यादा कब्जा इनका है, और अब सबसे महंगा यही है. हिमाचल में क्या हुआ. वही बड़े लोग रेट खोल रहे हैं. औने-पौने दाम में हिमाचल में सेव बेचने के लिए किसान मजबूर हैं.

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि कुरुद में 20 ई-मंडी संचालित हैं. यह संशोधन इसलिए आया है, ताकि प्रदेश के मंडी के किसान भी राष्ट्रीय कृषि बाजार में व्यापार कर सकें. किसानों का कहीं से अहित नहीं है.

इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में यह जोड़ दीजिए कि समर्थन मूल्य से नीचे कोई नहीं खरीद सकेगा. छत्तीसगढ़ का पशुधन बाहर जाएगा. यहां से ट्रकों में भरकर पशु बाहर जा रहे हैं. बांग्लादेश के अलावा यूरोप जाएगा. बड़े व्यापारी और कॉरपोरेट हाउस पहले बेहतर दाम दे देंगे, बाद में यहां के किसानों की स्थिति बदतर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अगले सत्र में (संशोधन विधेयक) ले आइएगा. जल्दबाजी क्या है.

कांग्रेस विधायक व्यास कश्यप ने कहा कि संशोधन करके बड़े कॉरपोरेट व्यापारी को यहां लाने की क्या जरूरत है. ऐसा न हो कि केंद्र के कृषि कानून की तरह बाद में इसे भी वापस लेना न पड़े. किसानों को आंदोलन न करना पड़े. किसान कुटीर बने, गोदाम, शेड की व्यवस्था हो ताकि किसानों को परेशानी न हो.

भाजपा विधायक भावना बोहरा ने कहा कि कृषक कल्याण शुल्क के संशोधन से इसकी भावना स्पष्ट है. गांव के छोटे किसान को यह अनुमति नहीं है कि वो दूसरे मंडी में अपनी उपज बेच सके. इसमें संशोधन से वो दूसरे मंडी में जा सकेगा. मंडी बोर्ड का जब विषय आता है. उसके फंड से सीसी रोड और नाली बनाने की बात होती है. मंत्री जी सुनिश्चित करें कि मंडी शुल्क का पैसा किसानों के कल्याण पर खर्च होगा.

कांग्रेस विधायक द्वारकाधीश यादव ने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था केंद्र के विधेयक में भी था. पहली बार मोदी सरकार को इसे वापस लेना पड़ा. अंबानी और अदानी आएंगे तीन चार साल रेट देंगे. बाद में छोटे व्यापारी खत्म हो जाएंगे.

भाजपा विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि इससे उपज का सही मूल्य मिलेगा. मंडी शुल्क संशोधन के बाद कृषक कल्याण शुल्क कहलाएगा. यानी किसानों के कल्याण के लिए यह राशि खर्च की जायेगी. आज भी मंडी में छाया और शेड की व्यवस्था नहीं है. धान भीग जाते हैं. निश्चित रूप से कस्टम मिलिंग ठीक से होगी. हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा खुशहाल छत्तीसगढ़ का किसान है.

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि सदस्यों ने कई तरह की चिंताएं व्यक्त की हैं. आप कैसे सोच सकते हैं कि हमारी सरकार किसानों के हित की चिंता नहीं करेगी. भूपेश बघेल तो ऐसा बोलने लगे कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के लोग आ जाएंगे. मंडी अधिनियम में पशुपालन, मछलीपालन शामिल नहीं है. इसके बावजूद यदि कहीं भी यदि इसके परीक्षण की जरूरत होगी तो परीक्षण कराऊंगा. यदि ऐसा कुछ होगा तो इसे संशोधन से बाहर करूंगा.

मंत्री ने कहा कि मार्केट ओपन होना चाहिए ये तो आप चाहते हैं न. प्रदेश के किसानों को गुमराह करने की कोशिश न करें. प्रदेश की जनता आपके बातों में आने वाली नहीं है. ई नाम में कोई भी जुड़कर अपना सामान बेच सकता है. इसे सर्वसम्मति से पारित किया जाए.