स्वास्थ्य सेवा संचालनालय के सहायक अधीक्षक निलंबित, रिश्वत लेते रंगे हाथों हुआ था गिरफ्तार

रायपुर- रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार सूरज कुमार नाग सहायक अधीक्षक संचालनालय स्वास्थ्य सेवा को निलंबित कर दिया गया है. इसका आदेश संचालनालय स्वास्थ्य ने बुधवार को जारी किया. निलंबन अवधि में नाग को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय रायपुर कार्यालय में सेवा देंगे.

बता दें कि हाल ही में एंटी करप्शन ब्यूरो ने सहायक अधीक्षक सूरज कुमार नाग को 20,000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इसे अब निलंबित कर दिया गया है. निलंबन अवधि में उन्हें मूलभूत जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी.

क्लीनिक और मेडिकल स्टोर पर पड़ा छापा, बिना अनुमति के संचालन पर किया गया सील

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-   प्रदेश भर में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इसी बीच तहसील मरवाही के निमधा में बिना अनुमति के संचालन करने पर वर्षा जायसवाल क्लीनिक और वर्षा मेडिकल स्टोर्स निमधा को नर्सिंग होम एक्ट के तहत तत्काल सील कर दिया गया है. अनुविभागीय दण्डाधिकारी मरवाही, तहसीलदार, खण्ड चिकित्सा अधिकारी और थाना प्रभारी मरवाही मरवाही की संयुक्त टीम ने छापेमारी कार्रवाई कर वर्षा जायसवाल के (डिग्री इन योगा एण्ड हेल्थ) क्लीनिक और वर्षा मेडिकल स्टोर को सील किया है.

SDM मरवाही दिलेराम डाहिरे ने बताया कि जांच दल को वर्षा जायसवाल के द्वारा प्रस्तुत क्लीनिक एवं मेडिकल स्टोर से संबंधित दस्तावेज और सामग्री की जांच की गई. जांच में पाया गया कि बिना अनुमति के क्लीनिक संचालन की जा रही थी. बिना अनुमति के डॉ. रूपेन्द्र मिश्रा क्लीनिक में उपचार कर रहे थे. इसी प्रकार वर्षा मेडिकल स्टोर्स, रोहित जायसवाल के नाम से संचालित है. जिसका संचालक वर्षा जायसवाल है. मेडिकल स्टोर में देवेंद्र सिंह नामक व्यक्ति द्वारा दवाइयां बेची जा रही थीं, जो दवाइयां बेचने के लिए अधिकृत नहीं है, न ही इनके पास कोई वैध डिग्री है, जो पूर्णतः मेडिकल संचालन के विरूद्ध पाया गया. मेडिकल स्टोर में रोहित जायसवाल बैठता नहीं है. संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए वर्षा जायसवाल क्लीनिक और वर्षा मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है.

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के सदस्य कलादास डहरिया के घर NIA का छापा, फंडिंग से जुड़ा है मामला

दुर्ग-   छत्तीसगढ़ में एक बार फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छापेमारी की है. इस बार एनआईए ने भिलाई में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा सांस्कृतिक मंच के सदस्य कलादास डहरिया के लेबर कैम्प जामुल स्थित निवास पर छापा मारा और उनके घर की तलाशी ली. टीम ने लैपटॉप, पेन ड्राइव सहित अन्य सामग्री को जब्त कर लिया है. इस दौरान एनआईए की टीम डहरिया से कई सवाल पूछे हैं इसके बाद टीम रवाना हो गई. बता दें कि कालादास रेला NGO के संचालक हैं. यह संस्था 1990 से चल रही है. रेला किसान आदिवासी और मजदूरों के संगठन का काम करती है. इसके लिए NGO को देश भर से फंडिंग हो रही है. कलादास छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा सक्रिय सदस्य भी हैं.

मिली जानकारी के अनुसार कलादास डहरिया पर देश और सरकार विरोधी गतिविधीयों पर शामिल होने के संदेह पर आज तड़के 5 बजे से सुबह 9 बजे तक NIA की टीम ने उनके जामुल स्थित निवास में छापा मार कार्रवाई की. हालांकि NIA की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है. NIA की टीम कलादास की बेटी का खराब लैपटॉप, पेन ड्राइव और मोबाइल फोन जब्त करके ले गई है. कलादास डहरिया रेला नाम का जनवादी सांस्कृतिक संगठन (NGO) चलाते हैं. जो देश भर में सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करती है. ये NGO किसान, आदिवासी और मजदूरों के संगठन के लिए काम करता है. इसके लिए इसे देश भर से फंडिंग होती है.

कलादास डहरिया

कलादास के पड़ोसियों ने बताया कि सुबह 6 बजे अन्य राज्य से बाहर की 4 गाड़ियों में भरकर कुछ आए लोगों ने छापेमारी की. इस दौरान आसपास के घरों से भी लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई. वहीं कार्रवाई समाप्त कर वे सभी चले गए. इस दौरान कलादास से कुछ पेपर में साइन भी लिया गया.

इस छापेमारी को लेकर कलादास डहरिया ने बताया कि मजदूरों के न्यूनतम वेतन को लेकर कुछ दिन पहले हमने राष्ट्रपति और सरकार को चिट्ठी लिखा था. राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने के बाद ये सारे प्रक्रियाएं सामने आई है. कलादास के अनुसार एनआईए की टीम ने उनसे नक्सलियों से संपर्क होने जैसे सवाल भी पूछे. जबकि वह एक कलाकार हैं और इसलिए उनके पास कई लोगों के नंबर हैं. कलादास का आरोप है कि वे अपने संस्कृतिक मंच के माध्यम से सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते हैं जिसे सरकार बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. मैंने पूछा था कि क्या औद्योगिक क्षेत्र में जांच कर पाएंगे कि मजदूरों का जीवन कैसे चल रहा है.

डहरिया ने बताया कि 1 अगस्त को उन्हें एनआईए ने रांची बुलाया है. उन्होंने आशंका जताई है कि सरकार मेरा एनकाउंटर भी करवा सकती है. रेल संस्था को लेकर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि रेला हमारा सांस्कृतिक काम है.

दवा और उपकरण खरीदी में अनियमितता का मामला सदन में गूंजा, भाजपा विधायक ने लगाया बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को दवा और उपकरण खरीदी में अनियमितता का मामला गूंजा. भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण के जरिए मामला उठाते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. क्या इसकी जांच कराई जाएगी? स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि तीन आईएएस अधिकारियों की समिति जांच कर रही है. तीन महीने के भीतर जांच कराई जाएगी. 

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि सीजीएमएससी ने दवा और मेडिकल उपकरण की खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. एजी ने भी अपनी रिपोर्ट में इस पर आपत्ति जताई थी. नियमों के विरुद्ध बाजार दर से अधिक कीमत पर खरीदी की गई. बिना मांग सरकारी अस्पतालों में जांच किट भेजी गई. तीस से अधिक जिलों में बग़ैर डिमांड के रिएजेंट भेज दिया गया. इसकी ख़रीदी कई गुना अधिक दर पर की गई. लगातार शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि खुली निविदा जारी कर सीजीएमएससी ने दवा और उपकरण की ख़रीदी की है. एजी रिपोर्ट आने के बाद तथ्य देकर विभाग उसका निराकरण करता है. अन्य राज्यों के कारपोरेशन की दरों की तुलना कर खरीदी का दर तय किया जाता है. पिछले तीन सालों में बगैर डिमांड के खरीदी नहीं की गई है.

उन्होंने कहा कि हमर लैब में लगने वाले एनालाइजर और रिएजेंट की खरीदी डिमांड आने के बाद ही की गई है. रिएजेंट कालातीत नहीं हुए है. राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिएजेंट के खराब होने का आरोप सत्य नहीं है. ऑटो एनालाइजर मशीन की खरीदी कई गुना दर पर खरीदी का आरोप भी सही नहीं है. खुली निविदा कर एल वन प्राप्त होने के बाद ही खरीदी की गई है.

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये अरबों रुपए के घोटाले का मामला है. 12- 13 दिसंबर 1022 को एजी रिपोर्ट के आधार पर शिकायत किसने की थी? किन-किन लोगों के खिलाफ शिकायत हुई थी. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सीएजी की ऑडिट सतत् चलने वाली प्रक्रिया है. अब तक कुल 25 शिकायत प्राप्त हुई हैं, इनमें से 15 शिकायतों का निराकरण हो गया है. दस शिकायते प्रक्रियाधीन हैं.

धरमलाल कौशिक ने कहा कि मीनाक्षी गौतम सीजीएमएससी में महाप्रबंधक वित्त के पद पर थी. क्या इनके विरुद्ध शिकायत हुई थी? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभाग को मीनाक्षी गौतम के विरुद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं है.

कौशिक ने पूछा कि ट्यूब की खरीदी किस दर पर की गई थी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सौ ट्यूब के एक बंडल 2352 रुपए में खरीदी बताई गई थी. अन्य संस्थानों में 8 रुपये 50 पैसे की दर थी. मोक्षित कॉपोरेशन से 100 रुपए की दर पर खरीदी की गई. धरमलाल कौशिक ने कहा कि सिविल सर्जन रायगढ़ ने 2.15 पैसे में ख़रीदा था. सरगुजा में लगभग इसी दर पर ख़रीदी की थी.

कौशिक ने पूछा- डी डाइमर 2022 में किस दर पर ख़रीदी गई थी? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सीजीएमएससी द्वारा सैकड़ों प्रकार के आइटम की खरीदी होती है. स्पेसिफ़िक बता पाना मुश्किल है. इस पर भाजपा विधायक ने कहा कि सीजीएमएससी ने 10 लाख 95 हज़ार में ख़रीदा है. आज की कीमत ऑनलाइन पांच लाख रुपए है. यानी डबल दर पर खरीदी की गई.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जैसे मोबाइल है एपल. इसके कई वेरियेंट होते हैं. वेरियेंट के हिसाब से उसकी दर तय होती है. इसी तरह अलग-अलग वेरियेंट की ख़रीदी उसके स्पेसिफ़िकेशन के आधार पर ख़रीदी होती है. जेम पोर्टल पर दिखाए जाने वाले स्पेसिफ़िकेशन और क्वालिटी में अंतर होता है. गुण-दोष का अंतर है. कौशिक ने कहा कि गुण-दोष का अंतर नहीं है. यहाँ कमीशन का मसला है.

इसके साथ उन्होंने सवाल किया इस मामले की जांच के लिये एक कमेटी बनाई गई थी. क्या जांच रिपोर्ट आ गई? श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पिछली सरकार में दवा खरीदी और उपकरण खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. साय सरकार आने के बाद इन मामलों की जांच के लिये एक कमेटी बनाई गई है. जांच व्यापक है. इसलिए समय लगेगा. धरमलाल कौशिक ने पूछा कि इस मामले की क्या उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी?

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तीन महीने के भीतर इसकी जांच कराई जाएगी. भाजपा विधायक अमर अग्रवाल ने पूछा कि दवा खरीदी और उपकरण खरीदी की डिमांड कैसे आती है और इसकी खरीदी कैसे होती है? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर, एनएचएम द्वारा डिमांड भेजा जाता है. इस डिमांड के आधार पर खरीदी होती है.

विधायक अमर अग्रवाल ने कहा कि जहां ज़रूरत भी नहीं थी. उन जगहों के लिए भी डिमांड भेजी गई. सप्लायर डिमांड क्रियेट कराते हैं. उसके बाद डिमांड भेजी जाती है. ऐसे प्रकरणों की क्या ईओडब्ल्यू से जांच कराई जाएगी? स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि तीन आईएएस अधिकारियों की टीम इस प्रकरण की जांच कर रही है.

डेंगू, मलेरिया और डायरिया के बढ़ते मामलों को विपक्ष ने सदन में उठाया, स्पीकर ने दी चर्चा की अनुमति…

रायपुर-   डेंगू, मलेरिया और डायरिया के बढ़ते मामले पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए सदन में चर्चा की मांग की. स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने शुक्रवार को इस विषय पर चर्चा की अनुमति दी. 

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि प्रदेश भर की हालत बेहद ख़राब है. अस्पतालों में दवा नहीं है. सरकारी अस्पतालों में जांच की व्यवस्था नहीं है. गरीब परिवार के लोग मलेरिया और डायरिया से ज्यादा पीड़ित हैं. गरीबों को कहा जा रहा है कि प्राइवेट लैब से जांच करा ले. कई मरीज़ों की मृत्यु हो गई है.

कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे ज़िले में ही पांच सौ से ज्यादा लोग डायरिया से पीड़ित हैं. चार लोगों की मौत हो गई है. मलेरिया और डेंगू से दो लोगों की मौत हो गई है. अस्पतालों में बेड नहीं होने की बात कहकर मरीजों को वापस भेज दिया जा रहा है. स्थिति बेहद भयावह है.

कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने कहा कि कबीरधाम ज़िले के बोडला ब्लॉक में बैगा जाति के पांच लोगों की डायरिया से मौत हो गई है. भाजपा विधायक जनक ध्रुव ने कहा कि मैनपुर में भी मलेरिया से मौत हुई है. कमार भुइयाँ जनजाति के लोग इस इलाक़े में रहते हैं. ये इलाक़ा हीरा खदान वाला है. अमीर धरती के ग़रीब लोग इस क्षेत्र में रहते हैं. इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों से इन्हें रिफ़र किया जा रहा है.

कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने कहा पूरे प्रदेश भर से डेंगू, मलेरिया और डायरिया से पीड़ित लोगों के मामले सामने आ रहा है. इससे मौतें हो रही है. आसंदी ने कहा कि इस विषय पर कल सदन में चर्चा कराई जाएगी.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सीआईआई द्वारा आयोजित ग्रीन स्टील समिट 2024 में हुए शामिल

रायपुर-    क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने के लिए पूरी दुनिया ग्रीन स्टील की ओर रुख कर रही है। स्टील के उत्पादन में अग्रणी राज्यों में से एक होने के नाते ग्रीन स्टील छत्तीसगढ़ के लिए भी बड़ी संभावनाएं लेकर आया है। इससे न केवल कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में हमें मदद मिलेगी, अपितु इस क्षेत्र में नवीन पहल कर हम बड़ी आर्थिक उपलब्धियों की संभावनाओं का द्वार खोल सकते हैं। यह बात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर अटल नगर स्थित मेफेयर लेक रिसार्ट में आयोजित ग्रीन स्टील समिट 2024 में शामिल होने के अवसर पर कही। इस समिट का आयोजन भारतीय इस्पात उद्योग को कार्बन रहित बनाने के उद्देश्य से किया गया है। समिट में देश भर के प्रमुख उद्योगपति, व्यापारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में सीआईआई को आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भारत का सबसे प्रमुख स्टील निर्माता है। हमारे यहां सार्वजनिक क्षेत्र के भिलाई स्टील प्लांट और नगरनार स्टील प्लांट जैसी बड़ी इकाईयां तो संचालित है ही, इसके साथ-साथ निजी क्षेत्र के अनेक छोटे-बड़े इस्पात संयंत्र संचालित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है और छत्तीसगढ़ में लोहे के विशाल भंडार हैं, जिनमें बैलाडीला, रावघाट और दल्लीराजहरा प्रमुख हैं। छत्तीसगढ़ का देश में कुल उत्पादित स्टील में लगभग 20 प्रतिशत तक का योगदान है और राज्य की अर्थव्यवस्था में उद्योगों की भागीदारी 53.50 प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री ने इस्पात उद्योग से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के वैश्विक चिंताओं पर भी प्रकाश डाला और कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने का दृष्टिकोण सामने रखा है। उन्होंने केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की सराहना की और राज्य में सौर ऊर्जा और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों का उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीआईआई का यह समिट भारतीय इस्पात उद्योग को कार्बन रहित बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण प्रयास है। आज हम इस समिट में ग्रीन स्टील जैसे रोचक विषय पर बात कर रहे हैं। इस शब्द में खूबसूरती तो है ही, साथ ही साथ जिम्मेदारी भी है।

मुख्यमंत्री ने समिट में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों से ग्रीन स्टील उत्पादन की नई तकनीक को अपनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का आह्वान किया और कहा कि हमारी एकजुटता से हम स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण का निर्माण करते हुए मिलजुलकर विकास करेंगे।

इस समिट में देश भर के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिन्होंने ग्रीन स्टील उत्पादन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों और नई तकनीकों पर अपने विचार साझा किए।

इस अवसर पर सीआईआई के पदाधिकारी और उद्योगपति आशीष सराफ, सिद्धार्थ अग्रवाल, सुवेन्द्र बेहरा, संजय जैन, पी वी किरण अनंत उपस्थित थे।

सोलर लाइट ख़रीदी में गड़बड़ी का मामला: मंत्री रामविचार नेताम की घोषणा, सदन की समिति से होगी जांच

रायपुर- पूरे प्रदेश के आदर्श ग्राम योजना में सोलर लाइट खरीदी की जांच होगी. विधान सभा की जांच समिति जांच करेगी. भाजपा विधायक लता उसेंडी के सवाल के जवाब में मंत्री राम विचार नेताम ने 2021 से 2024 के बीच हुई खरीदी की जांच कराने की घोषणा की. 

कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी ने प्रश्नकाल में इस मामले को उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत हुई सोलर लाइट की खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. अधिकारियों ने मंत्री को सदन में गलत जानकारी दी है. 12 जून को आरटीआई से मिली जानकारी में बताया गया है कि 3 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई है. मंत्री सदन में गलत जानकारी दे रहे हैं. पिछली सरकार में सोलर लाइट को लेकर गड़बड़ी हुई है. सक्षम अधिकारियों ने गड़बड़ी की है.

इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि सदन की समिति से इस मामले की जांच कराई जाएगी. पूरे प्रदेश के मामले इसमें शामिल किए जाएँगे. इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार ने जवाब दिया है कि राज्य स्तरीय समिति जांच कर रही है. क्या सदन की समिति से राज्य स्तरीय समिति की जांच के बिंदु शामिल किए जाएँगे. मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि सदन की समिति जिन-जिन विषयों को जांच में शामिल करेगी, उन पर जांच की जाएगी.

70 लाख राशन कार्डधारियों ने किया नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन, 15 अगस्त तक नवीनीकरण कार्य किए जाएंगे

रायपुर-     सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अब राशनकार्ड नवीनीकरण का कार्य 15 अगस्त तक किया जा सकता है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार प्रदेश प्रचलित राशनकार्ड के नवीनीकरण एवं राशनकार्डधारियों का ई-केवायसी किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त श्रेणी के राशनकार्ड अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, निशक्तजन और एपीएल योजना के राशनकार्डधारियों का ई-केवायसी एवं राशनकार्डों के नवीनीकरण 15 अगस्त 2024 तक अनिवार्य रूप से कराने के लिए कहा गया है। खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राशनकार्ड नवीनीकरण करने के लिये ई-केवायसी कराना अनिवार्य है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 77 लाख राशनकार्ड हितग्राही है। अब तक कुल 70 लाख 26 हजार 106 राशन कार्डधारकों का नवीनीकरण किया जा चुका है।

नवीनीकरण के कार्य में पहले पायदान पर बीजापुर जिला है, कुल हितग्राही 71,329 हितग्राहियों में से 71,109 हितग्राहियों ने, द्वितीय स्थान पर नारायणपुर जिला 36,136 हितग्राहियों में से 35,790 हितग्राहियों ने, इसी प्रकार तृतीय स्थान पर सुकमा जिला जहां 78,703 हितग्राहियों में से लगभग 78 हजार हितग्राहियों ने अपना राशन कार्ड नवीनीकरण का कार्य करवा लिया है।

विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राशनकार्ड नवीनीकरण के लिए खाद्य विभाग के द्वारा खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोेक्ता संरक्षण विभाग का नया मोबाईल एप्प तैयार किया गया है, इसे प्ले स्टोर में जाकर डाउनलोड किया जा सकता है। हितग्राही द्वारा खाद्य विभाग की वेबसाइट http://khadya.cg.nic.in से डाउनलोड करके नवीनीकरण का कार्य किया जा सकता है। हितग्राही उचित मूल्य दुकान में भी जाकर ऑनलाईन के माध्यम से अपना नवीनीकरण और ई-केवायसी का कार्य करवा सकतें है।

ई-केवायसी के लिए प्रत्येक हितग्राही का बायोमेट्रिक अद्यतन होना चाहिए जिन सदस्यों का बाल आधार बना है उन्हें पहले आधार सेवा केंद्र से अपना बायोमेट्रिक अपडेट कराना होगा। इसके पश्चात् उचित मूल्य दुकान के ई-पॉस मशीन से ई-केवायसी करा सकते है। विदित हो कि राशनकार्ड में ई-केवायसी और नवीनीकरण की सुविधा निःशुल्क है।

छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में NEP एम्बेसडर का होगा नॉमिनेशन, शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश

रायपुर- छत्तीसगढ़ में सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) के कार्यान्वयन के मद्देनज़र विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में NEP एम्बेसडर छात्र-छात्राओं के मनोनयन (Nomination) के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. यह पहल विद्यार्थियों को NEP के प्रावधानों के बारे में जानकारी देने और उत्पन्न शंकाओं का समाधान करने के लिए की जा रही है.

NEP एम्बेसडर के मनोनयन की प्रक्रिया

  1. स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेशित विद्यार्थियों में से सर्वाधिक अंक प्राप्त एक छात्र और एक छात्रा को NEP एम्बेसडर के रूप में मनोनित किया जाएगा.
  2. NEP एम्बेसडर को विनम्र, सक्रिय और संवाद कौशल (हिन्दी/अंग्रेजी) में निपुण होना चाहिए.
  3. विश्वविद्यालय/महाविद्यालय का NEP क्रियान्वयन प्रकोष्ठ NEP एम्बेसडर को NEP के समस्त प्रावधानों के संबंध में प्रशिक्षित करेगा.
  4. महाविद्यालय द्वारा NEP एम्बेसडर के लिए एक परिचय पत्र उपलब्ध कराया जाएगा.
  5. NEP एम्बेसडर के नाम और उनकी भूमिका की सूचना स्नातक प्रथम वर्ष की प्रत्येक कक्षा में दी जाएगी और यह जानकारी महाविद्यालय के सूचना पटल पर भी चस्पा की जाएगी.
  6. NEP एम्बेसडर को 5 अगस्त 2024 को आयोजित किए जाने वाले दीक्षारंभ कार्यक्रम में विद्यार्थियों से परिचित कराते हुए मंच प्रदान किया जाएगा.
  7. प्राचार्य और NEP क्रियान्वयन प्रकोष्ठ द्वारा NEP एम्बेसडर के कार्यों का मासिक मूल्यांकन किया जाएगा. निर्देशानुसार कार्य न करने की स्थिति में अन्य विद्यार्थी का चयन किया जाएगा.

NEP एम्बेसडर के कार्य और भूमिका

  1. NEP एम्बेसडर विश्वविद्यालय/महाविद्यालय के विद्यार्थियों को NEP से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान करेंगे और NEP से संबंधित शंकाओं का समाधान करेंगे.
  2. NEP क्रियान्वयन प्रकोष्ठ के साथ सतत संपर्क में रहेंगे और विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान करने के लिए प्रकोष्ठ से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे.
  3. दीक्षारंभ कार्यक्रम में पूर्ण सक्रियता के साथ भागीदारी सुनिश्चित करेंगे और विद्यार्थियों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेंगे.
  4. प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को जेनरिक इलेक्टिव और वैल्यू एडिशन कोर्स के चयन में सहयोग करेंगे.
  5. सतत आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया में विद्यार्थियों का सहयोग NEP क्रियान्वयन प्रकोष्ठ के मार्गदर्शन में करेंगे.
  6. उच्च शिक्षा विभाग/विश्वविद्यालय द्वारा जारी निर्देशों से विद्यार्थियों को समय-समय पर अवगत कराएंगे.
‘पैराटैक्सोनॉमी एवं बायोडायवर्सिटी संरक्षण’ प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ, प्रशिक्षण से जैव विविधता के संरक्षण, संवर्धन व उचित प्रबंधन में मिलेगी

रायपुर-    जैवविविधता से समृद्ध छत्तीसगढ़ राज्य में ‘‘पैराटैक्सोनॉमी एवं जैवविविधता संरक्षण’’ हेतु 22 जुलाई से राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के कैम्पस में 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। वनमंत्री केदार कश्यप के दिशा-निर्देश पर आयोजित इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रदेश में जैव विविधता के संरक्षण, संवर्धन और उचित प्रबंधन में मदद मिलेगी। यह प्रशिक्षण कार्यकम छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड, राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ठैप्) कोलकाता के सहयोग से आयोजित किया गया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, तथा छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण के प्रथम चरण में 66 युवाओं हेतु प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है, जिसमें से 48 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित हुए हैं। पैराटैक्सॉनामी तकनीकी प्रशिक्षण किसी पौधे की पहचान, उसके गुणों व उपयोग को जानने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।

प्रशिक्षणार्थियों को यह प्रशिक्षण बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों (त्मेवनतबम च्मतेवद) के द्वारा दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में सभी वनमंडलों में गठित जैव विविधता प्रबंधन समिति (बी.एम.सी.) के अंतर्गत आने वाले जीवविज्ञान में स्नातक छात्र-छात्राओं को चयनित कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये प्रशिक्षित छात्र-छात्राएं अपने बी.एम.सी. समिति तथा प्रत्येक ग्राम में जाकर 12 वीं पास विद्यार्थियों तथा व्यक्तियों को प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण का मुख्य बिंदु उनके क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव जंतु एवं पौध, वनस्पति प्रजातियों की पहचान करना, उनके औषधीय उपयोग को जानना, उनके उत्पादन की मात्रा को जानना है तथा उनके क्षेत्रों से कौन-कौन व्यक्ति, संस्था उत्पादन क्रय कर ले जा रहा है। इससे ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं से जैवविविधता अधिनियम के अनुसार ए.बी.एस. की राशि प्राप्त कर बी.एम.सी. के खाते में जमा कर सकेंगे तथा इस प्राप्त राशि से क्षेत्र की जैवविविधता के संरक्षण व संवर्धन पर कार्य कर सकेंगे। इसके माध्यम से प्रत्येक स्थानीय निकाय के सम्पूर्ण क्षेत्र में गठित जैव विविधता प्रबंधन समिति (बी.एम.सी.) के सदस्यों को जानकारी उपलब्ध हो सकेगी कि उनके क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से जैव संसाधन उपलब्ध हैं और उनका क्या उपयोग है, उनका संरक्षण, संवर्धन व उचित प्रबंधन किस प्रकार किया जा सकता है।

प्रशिक्षण के शुभारंभ के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि इस प्रशिक्षण उपरांत 4-5 ग्रामों के बीच एक प्रशिक्षित युवा को रखकर विभागीय कार्यों के साथ समन्वय किया जा सकेगा। राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के डायरेक्टर बी. आनंद बाबू द्वारा इन प्रशिक्षित युवाओं को स्थानीय ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें प्रैक्टिकल प्रशिक्षण प्रदान करने तथा पी.बी.आर. तैयार होने के बाद बी.एम.सी. एक्शन प्लान तैयार करने एवं कार्ययोजना तैयार करने में उपयोगी सुझाव दिए गए। प्रशिक्षण के शुभारंभ के अवसर पर बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर डॉ. ए.ए. मावो, बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक डॉ. एस.एस. दास उपस्थित थे।