युवा मंच ने शुरू किया रोजगार अभियान भाऊराव देवरस राजकीय पीजी कॉलेज में किया जनसंपर्क

विकास कुमार अग्रहरी,सोनभद्र : दुद्धी, कॉरपोरेट और उच्च अमीरों की संपत्ति पर समुचित कर लगाया जाए, सभी नागरिकों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार की गारंटी की जाए, सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरा जाए और हर व्यक्ति के सम्मानजनक ज़िंदगी की संवैधानिक मूल्यों के आधार पर गारंटी के सवालों को लेकर युवा मंच की टीम ने सोमवार को दुद्धी में भाऊराव देवरस डिग्री कॉलेज में छात्रों से बड़े पैमाने पर जनसंपर्क किया और उनके बीच में पर्चा वितरण किया। युवा मंच की टीम ने अधिवक्ताओं से भी मुलाकात की और रोजगार अभियान में उनका समर्थन मांगा।

युवा मंच की टीम ने कहा कि देश में रोजगार दिया जा सकता है बशर्ते की कारपोरेट्स और सुपर रिच की संपत्ति के ऊपर टैक्स लगाकर संसाधन जुटाए जाएं। देश के हर नागरिक के शिक्षा और स्वास्थ्य की भी गारंटी इसके माध्यम से की जा सकती है। उन्होंने मांग की कि सरकार को तत्काल रिक्त पड़े जितने भी सरकारी पद है उन पर भर्ती करनी चाहिए और पेपर लीक की घटनाओं पर कड़ाई से रोक लगाई जानी चाहिए। युवा मंच के नेताओं ने देखा कि बेरोजगारी का गंभीर संकट दुद्धी क्षेत्रों में मौजूद है। यहां बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है और रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में छात्र और युवा जाने के लिए मजबूर है। लड़कियों की शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज का निर्माण नहीं है और पोखरा में जो सरकारी डिग्री कॉलेज बना है उसे भी आज तक चालू नहीं किया गया। इस सवाल पर लोगों से सलाह मांगी गई है कि कैसे दुध्दी में एक बड़े रोजगार आंदोलन को खड़ा किया जाए।

अभियान में युवा मंच संयोजक सविता गोंड, जिलाध्यक्ष रूबी गोंड, राजकुमारी गोंड, सुगवंती गोंड,मैक्सवेल विलियम, सुमन सोनी, सत्य मौर्य, रितेश मौर्या,विवेकानंद, अरविंद मौर्य, विश्वनाथ, देवंती मौर्य, गीता, संजय कुमार व अन्य लोग रहे।

सोनभद्र: खामियां देख भड़के भाजपा विधायक, ग्रामीणों की शिकायत पर सदर विधायक ने संपर्क मार्ग का किया निरीक्षण

विकास कुमार अग्रहरि,सोनभद्र। सदर भाजपा विधायक भूपेश चौबे ने सिरपालपुर-करारी संपर्क मार्ग का औचक निरीक्षण किया। ग्रामीण लंबे समय से मानकों की अनदेखी का आरोप लगा रहे थे। सदर विधायक सोनभद्र ने जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर निर्मित सिरपालपुर करारी संपर्क मार्ग का अचानक निरीक्षण करने पहुंच गए।

लगभग ढाई सौ मीटर माइनर की पटरी पर आरसीसी सड़क बनाई गई है सड़क के दोनों तरफ की पटरिया इतनी लापरवाही पूर्ण तरीके से निर्मित है वह दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। उसके आगे एक करोड रुपए से अधिक लागत की बनाई गई सड़क भी पूरी तरह गुणवत्ता विहीन बताई गई।

गुणवत्ता में मिली खामियां संबंधितो को लगाई कड़ी फटकार

मौके पर सड़क जगह-जगह धंसी और फटी हुई पाई गई। सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हुए अभी 1 वर्ष भी नहीं हुआ है, ऐसे में सड़क की दयनीय स्थिति देख विधायक का पारा सातवें आसमान पहुंच गया। सदर विधायक ने कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड 2 के अधिशाषी अभियंता को कड़ी फटकार मोबाइल फोन के जरिये लगाई, साथ ही साथ जे ई को भी खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि जनता के हितों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। जिसकी भी कमी जांच के बाद पाई जाएगी उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

इस मौके पर ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण के समय ही शिकायत की गई परंतु अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। ज्ञात हो कि उक्त संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए लंबे अरसे से मांग की जा रही थी और लखनऊ में विधानसभा में भी इस सड़क का मुद्दा सदर विधायक ने उठाया और मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला आने के बाद सड़क के लिए बजट जारी हुआ था। इसी संपर्क मार्ग पर बेलन नदी में एक करोड की लागत से पुल का भी निर्माण कराया गया है, जिससे चंदौली जनपद के लगभग दो दर्जन गांव का आवागमन इसी संपर्क मार्ग से हो रहा है।

चंदौली से सोनभद्र की दूरी लगभग 15 किलोमीटर कम हो गई है, लेकिन गुणवत्ता विहीन संपर्क मार्ग बनने से सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। इस दौरान सदर विधायक के साथ में भाजपा जिला मिडिया प्रभारी अनूप तिवारी, मण्डल अध्यक्ष महेन्द्र पाण्डेय, अनिल पाण्डेय, सन्तोष केशरी, विकास मिश्रा, सहित तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।

सोनभद्र: कनहर सिंचाई परियोजना से जुड़े नहर निकासी को लेकर 3 किमी लंबी सुरंग की खुदाई जोरों पर


विकास कुमार अग्रहरि,सोनभद्र। जिले के दुद्धी ब्लॉक क्षेत्र के विन्ढमगंज थाना अंर्तगत ग्राम पंचायत हरनाकछार से सटे जंगल के लांबी पहाड़ी के समीप नहर निकासी को लेकर 3 किलोमीटर तक की लंबी सुरंग की खुदाई इन दिनों जोरों पर है। बताया जा रहा है कि लांबी पहाड़ी से 3 किलोमीटर आगे की ओर से ग्राम पंचायत कुंड़वा तरफ से लगभग डेढ़ किलोमीटर उत्तर से दक्षिण की ओर की सुरंग खुदाई हो चुकी है और जो डेढ़ किलोमीटर की सुरंग खुदाई शेष है वह लांबी पहाड़ी से दक्षिण से उत्तर की ओर खुदाई शुरू कर दिया गया है जिसकी इस वक्त लगभग 75 मीटर तक खुदाई हो चुकी है और इसके आगे की सुरंग खुदाई कार्य प्रगति पर है।

सुरंग खोदने में लगे हुए लोगों द्वारा बताया गया कि 75 मीटर की लंबी सुरंग खुदाई करने में लगभग दो माह का समय लगा है। वहीं सुरंग को पूरा करने में लगभग डेढ़ वर्ष से दो वर्ष का समय लग सकता है। बताते चलें कि कनहर बांध परियोजना सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजनाओं है जो उत्तर प्रदेश और झारखंड से जुड़ी हुई है।

सोनभद्र: जर्जर सड़क के पुनः निर्माण को लेकर राजपा का धरना- प्रदर्शन, उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

विकास कुमार अग्रहरि,सोनभद्र। राज्य को सर्वाधिक राजस्व देने वाले जनपदों को समस्याओं से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। सड़क बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से महरूम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के लोग धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य हो रहें हैं। बावजूद इसके ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।

राष्ट्रीय जनता पार्टी (महाकाल सेना) के तत्वावधान में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र जायसवाल के नेतृत्व में तेलगुड़वा से कोन, कचनरवा, विंढमगंज तक की सड़क का पुनः निर्माण कार्य कराए जाने की मांग को लेकर तेलगुड़वा चौराहा पर धरना-प्रदर्शन किया। तत्पश्चात जिलाधिकारी सोनभद्र को नामित ज्ञापन उप जिलाधिकारी ओबरा को सौंपा गया। इस दौरान राष्ट्रीय जनता पार्टी (महाकाल सेना) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र जायसवाल ने बताया कि बीते कई वर्षों से तेलगुड़वा से कोन, कचनरवा, विंढमगंज तक की सड़क की हालत बेहद खराब है और आए दिन लोग इस खराब सड़क की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं और वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।

परंतु अब तक उक्त सड़क का पुनः निर्माण नहीं करवाया गया है, जिससे तेलगुड़वा से कोन, कचनरवा, विंढमगंज तक की जनता बेहद कष्टदायक जीवन जीने को विवश है। कहा इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अपनी रोज़मर्रा की भागदौड़ में हर रोज़ इस जर्जर सड़क से होकर जाना पड़ता है जिससे उन्हें हर वक्त किसी अप्रिय घटना के घट जाने का भय लगा रहता है। जब कभी भी उक्त क्षेत्र से किसी गर्भवती महिला या किसी मरीज़ को उत्तम चिकित्सीय सुविधा हेतु जिला मुख्यालय या अन्यत्र स्थान ले जाना होता है तो उन्हें तेलगुड़वा तक लाने में ही गड्ढे भरी सड़क के झटकों से मरीज की हालत खराब हो जाती है।

प्रदर्शन के अंत में उप-जिलाधिकारी ओबरा विवेक कुमार द्वारा मौके पर पहुंचकर प्रभारी निरीक्षक चोपन विजय कुमार चौरसिया की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों का मांगपत्र, ज्ञापन स्वीकार किया गया। धरना प्रदर्शन का संचालन मुरारी नाथ कुशवाहा द्वारा किया गया। इस दौरान दिनेश कुमार जायसवाल, शुभम जायसवाल, संतेश्वर कुशवाहा, श्रीराम जयसवाल, दीपक कुमार, अविनाश, बृजेश कुमार, मोनू वर्मा, सोनू भारती, निर्भय जायसवाल, लोकेश प्रजापति, दीपू शर्मा, विकास साहनी आदि लोग मौजूद रहे।

सोनभद्र: 'दीपक तलें अंधेरा' की कहावत को चरितार्थ कर ओबरा नगर में उपभोक्ताओं को रूला रहा है बिजली का मनमाना रोस्टर
विकास कुमार अग्रहरि ,सोनभद्र। इसे विडंबना कह ले या दुर्भाग्य कि जहां से उत्पन्न होने वाली बिजली से कई राज्य जगमग हो रहें हैं वहीं खुद वहीं नगर बिजली की मनमानी कटौती का दंश झेलने को विवश हैं। यों कह ले कि चिराग तले अंधेरा की कहावत यहां चरितार्थ होती हुई दिखाई दे रही है। जिस पर न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कोई जोर है और नाही समाजसेवा का दंभ भरने वाले लोगों का ऐसी सूरत में उपभोक्ताओं को बिजली विभाग के कोप का शिकार होकर इस उमश भरी गर्मी में उबलना पड़ रहा है।

खुद के बजाए उपभोक्ताओं पर ही जड़ दिया तोहमतों का भंडार

विगत कई दिनों से ओबरा क्षेत्र में बिजली की गंभीर हो चली समस्या को लेकर स्थानीय लोगों सहित व्यापार मंडल ने 18 जुलाई की रात में चक्का जाम कर भी दिया था। मौके पर एसडीओ ओबरा सहित क्षेत्राधिकारी ने लोगों को किसी प्रकार से समझा-बुझाकर आमजन की समस्या को समाप्त करने का न केवल आश्वासन दिया था बल्कि इसके लिए शनिवार 20 जुलाई को ओबरा तहसील में व्यापार मंडल व नगर की जनता को संयुक्त रूप से आमंत्रित भी किया था ताकि मिल-बैठकर समस्या का समाधान हो सके। इसी क्रम में बिजली विभाग को लेकर बढ़ रही नाराजगी और इन समस्याओं से जनता को कैसे निजाज दिलाया जा सकता है को लेकर गहमागहमी के बीच चर्चा भी हुई है।

बैठक की अध्यक्षता उपजिलाधिकारी ओबरा द्वारा की गई। इसमें ओबरा एसडीओ ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है जब लाइट की रोस्टिंग तय की जाती है और पुनः जब लाइट चालू किया जाता है तो लोड बढ़ने लगता है। बताया गया कि उपभोक्ता द्वारा एसी कुलर सहित अन्य संसाधन के बेतहाशा वृद्धि से लोड बढ़ने लगता है। बताया गया कि क्षेत्र की जनता को 21 घंटे बिजली देने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है समय-समय पर होने वाली रोस्टिंग के बाद लगभग 1 घंटे तक हैवी चीजों को ना चालू किया जाए। ऐसी जागरूकता फैलाई जानी चाहिए बाकी विभाग अपने स्तर पर नए ट्रांसफार्मर जगह-जगह लगा रहा है। जल्द ही बिजली की समस्याओं से क्षेत्र की जनता को निजाज मिल जाएगा।

ठेका पद्धति को लेकर जताया विरोध

इस दौरान आलोक भाटिया ने बताया कि समस्या का मूल कारण बिजली विभाग में ठेका पद्धति भी काफी हद तक जिम्मेदार है जो खुद को किसी मंत्री या विधायक का आदमी बताकर कार्यों में अनियमिताएं बनाएं रखते हैं। जिसे विभागीय स्तर पर दूर किए जाने की राय रखी गई। छात्र नेता अभिषेक अग्रहरी ने कहा कि शासन स्तर पर वार्षिक कैलेंडर विभाग के कार्यों के लिए सूचीबद्ध है। जिसमें समय-समय पर वृक्षों की कटाई से लेकर तारों की गुणवत्ता के साथ आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए योजनाबद्ध तैयारी में विभाग कहीं ना कहीं अनियमितताएं बरत रहा है, जिसे ठीक किया जाना चाहिए। इस दौरान मिथिलेश अग्रहरि, वीरेंद्र मित्तल, अंशु माथुर, आनंद कुमा,  नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि श्रवण कुमार, आनंद जायसवाल, सुशील गर्ग के साथ नगर के कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
अमृत विचार : मुश्किल समय में उम्मीद की तलाश
विकास कुमार अग्रहरि,सोनभद्र।जब जीवन हमारी उम्मीद के मुताबिक नहीं होता तो अक्सर निराशा होती है। ऐसा लगता है कि सब कुछ हमारे खिलाफ है और हमें चिंता है कि चीजें कभी नहीं सुधरेंगी। हर नए विचार के साथ हमारा दिमाग नकारात्मकता में डूब सकता है। ऐसे क्षणों में, उन गतिविधियों और दिनचर्या को छोड़ना लुभावना हो जाता है जो हमारी मदद कर सकती हैं और इसके बजाय, हम खालीपन से निपटने और उसे भरने के लिए अस्वस्थ आदतें अपनाते हैं। जीवन की विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए, हम अक्सर कठिनाइयों के आगे झुक जाते हैं और अपना रास्ता खो देते हैं।

हम भविष्य के बारे में चिंता करते हैं, बिना कुछ हल किए समय और ऊर्जा बर्बाद करते हैं। मुख्य बात यह है कि बाहरी घटनाओं को खुद पर अत्यधिक प्रभाव न डालने दें। हमें जीवन की बाधाओं का सामना करते समय सकारात्मक ध्यान बनाए रखने के महत्व को याद रखना चाहिए। निराशा के समय में, हमें लाभकारी आदतों को बनाए रखने के लिए और भी अधिक मेहनत करनी चाहिए। अपनी भावनाओं के विपरीत, ये ऐसे समय होते हैं जब हमें अपनी आंतरिक शक्ति का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। प्रत्येक अनुभव से आध्यात्मिक सबक निकालने का कौशल विकसित करना आवश्यक है। आराम और सामान्यता की भावना पाना महत्वपूर्ण है।

लेकिन हम निराशाजनक समय में सांत्वना कैसे पा सकते हैं? ध्यान के माध्यम से अपने विचारों को नियंत्रित करना, अपने मन को शांत करना और ईश्वर पर ध्यान केंद्रित करना सीखकर, हम एक परिवर्तनशील प्रकाश का अनुभव कर सकते हैं। यह प्रकाश हमें किसी भी बाहरी दर्द से परे आनंद और परमानंद से भर देता है। ध्यान में ईश्वर के प्रत्यक्ष अनुभव हमारे विश्वास को मजबूत करते हैं। हम अपने जीवन में ईश्वरीय उपस्थिति को पहचानते हैं और समझते हैं कि हमें हमेशा समर्थन दिया जाता है। ईश्वरीय प्रेम में निहित, हम बिना किसी डर या चिंता के जीवन का सामना कर सकते हैं। इस दुनिया में हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति हमारा समय है। हालांकि, हम लगातार विचलित करने वाले और प्रलोभनों से घिरे रहते हैं जो इस कीमती संसाधन को खत्म कर देते हैं।

अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, हमें विचलित करने वाले तत्वों को रोकने और अपने आध्यात्मिक उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए फ़िल्टर विकसित करने चाहिए। नियमित ध्यान के माध्यम से, हम आनंद, ज्ञान, प्रेम और शांति के दिव्य स्रोत के साथ अपने संबंध को गहरा कर सकते हैं। यह दिव्य स्रोत हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य को जानता है। जब हम ध्यान के माध्यम से इस शक्ति से जुड़ते हैं, तो हम अपने भीतर के प्रेम और खुशी तक पहुंचते हैं। यह संबंध कठिन समय के दौरान जीवन रेखा के रूप में कार्य करता है। निराशा से दूर जाने के लिए, हमें अपना ध्यान अपनी वर्तमान स्थिति से हटाकर ईश्वरीय प्रेम और आशा के अनंत भंडार पर केंद्रित करना होगा। ध्यान में दिव्य प्रेम का अनुभव करने से हमें यह भरोसा मिलता है कि हमसे प्रेम किया जा रहा है और हमारी रक्षा की जा रही है। हम इसे शांति से बैठकर और दिव्यता तक पहुंचने के लिए समय निकालकर प्राप्त करते हैं।

(लेखक- आशुतोष कुमार,सोनभद्र स्थित एसीसी सीमेंट वर्क्स, सलाईबनवा के प्रोजेक्ट हेड हैं)
सोनभद्र: एफएमजीई क्वालीफाई कर दुद्धी की चार बेटियों ने चिकित्सा जगत में बजाया कामयाबी का डंका


विकास कुमार अग्रहरि, सोनभद्र। जिले के दुद्धी कस्बे में रहने वाली उन लड़कियों का जिन्होंने आल इंडिया स्तर पर होने वाली चिकित्सा जगत की प्रतिष्ठापरक विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) में कामयाबी का डंका बजाया है।

महज 20 फीसदी के इर्द-गिर्द परीक्षा परिणाम रखने वाले, फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एग्जाम को एक दो नहीं, दुद्धी की चार बेटियों ने क्वालीफाई करने में कामयाबी पाई है। यह कामयाबी इस मायने से भी महत्वपूर्ण है कि चारों बेटिया जिस दुद्धी अंचल की रहने वाली हैं, उसे शिक्षा के मामले में यूपी के सबसे पिछड़े क्षेत्र का दर्जा हासिल है। कस्बा निवासी मुहम्मद शमीम अंसारी पत्रकार की बड़ी बेटी डॉ. ऐमन अंसारी ने येरेवन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी अर्मेनिआ, जिला पंचायत सदस्य जुबेर आलम की लाडली डॉ. शबनम परवीन ने यूनान यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रेडिशनल चाईनीज मेडिसिन चाईना, पूर्व चेयरमैन कमल कुमार कानू की पुत्री डॉ. मुस्कान गुप्ता ने यूनिवर्सल कालेज ऑफ मेडिकल साइंस नेपाल व दुद्धी क्षेत्र के बीडर गांव निवासी हिमालय सिंह पटेल की बिटिया स्वरूपा रानी ने वीएन कराजिन खरकीव नेशनल यूनिवर्सिटी यूक्रेन से एमबीबीएस की डिग्री ले रखा है। जानकारी में बता दे कि विदेश में पढ़ाई करने वाले एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एग्जाम (विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा) देना पड़ता है। इसे क्वालीफाई करने के बाद ही उन्हें यहां प्रैक्टिस करने की अनुमति मिलती है। बीते 6 जुलाई को आल इंडिया लेवल पर इस परीक्षा का आयोजन किया गया था। 10 दिन बाद मंगलवार को देर शाम घोषित परिणाम में सभी चारों दुद्धी की बेटियों ने क्वालीफाई कर क्षेत्र का नाम रौशन कर दिया। जनपद के पिछड़े अंचल का दर्जा रखने वाले दुद्धी तहसील मुख्यालय क्षेत्र की चार बेटियों को चिकित्सा जगत की प्रतिष्ठापरक परीक्षा क्वालीफाई करने को लेकर जहां इलाके के लोगों में प्रसन्नता का माहौल है। वहीं, लोग सोशल मीडिया के साथ ही, बेटियों के घर जाकर उन्हें और उनके परिवार वालों को बधाई देने में जुटे हुए हैं।

यह भी बता दें कि इस परीक्षा का आयोजन नीट की परीक्षा कराने वाली संस्था एनबीई (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन) कराती है। एमबीबीएस की डिग्री, एफएमजीई रिजल्ट और इंटर्नशिप सर्टिफिकेट देने के बाद, विदेश से डॉक्टरी करने वाले छात्रों को भारत में पंजीकरण संख्या उपलब्ध कराया जाता है। यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष दो बार आयोजित होती है। परीक्षा में भाग लेने वालों की कोई संख्या निर्धारित नहीं है। इस परीक्षा में महज 19 से 20 फीसद छात्र-छात्राएं ही इसे क्वालीफाई कर पाते हैं। इस बार इस परीक्षा में कुल 35819 अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए थे। 7233 अभ्यर्थियों यानी 20.19 प्रतिशत को ही इसे क्वालीफाई करने में कामयाबी मिली है।

सोनभद्र: चकबंदी पूरी हुई नहीं, बांटने लगे चक परिवर्तन का फॉर्म, ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर चकबंदी प्रक्रिया में धांधली का लगाया आरोप

विकास कुमार अग्रहरि, सोनभद्र। घोरावल ब्लॉक के भैंसवर गांव में चकबंदी प्रक्रिया के विरोध में ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर गांव में चौपाल लगाकर समस्याओं को निस्तारित करने की मांग की। एसडीएम राजेश कुमार सिंह को ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर चकबंदी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया। तहसील परिसर में करीब 200 की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने करीब एक घंटे तक जोरदार तरीके से प्रदर्शन केग। कहा कि गांव में फॉर्म 35 बांटा जा रहा है, जे चक परिवर्तन के लिए होता है। जब गांव में चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई तो फॉर्म 35 बाटने का क्या चित्य है। अभी तक पूरे गांव की नापी नहीं की गई केबल एक भाग को ही नापा गया है।

बावजूद अधिकारी चक परिवर्तन का फॉर्म बांटने लगे। प्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों को 15 जुलाई तक पूरे गांव की नापी करके डीडीसी और एसओसी को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन नापी तो की नहीं गई और अधिकारी आगे की प्रक्रिया में कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की नियत से कार्य करने में लगे हुए हैं। ग्रामीणों ने मांग किया कि गांव की चकबंदी प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को सही ढंग से निस्तारित करने के लिए गांव में स्थित बचनार देव के पास खुले में एसडीएम की निगरानी में प्रक्रिया पूर्ण की जाय।

एसडीएम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चकबंदी प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं होती है।

ग्रामीण मौके पर एसडीएम के चलने पर अड़े रहे। गांव में चौपल लगाकर एसडीएम ने समस्याओं को सुनने का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत कराया। इस अवसर पर शांति प्रकाश, बिरजू पूर्व ग्राम प्रधान संजय यादव, शिवपूजन पाल, ज्ञानेंद्र सिंह, गजेंद्र बहादुर आदि रहे।

सोनभद्र: चकबंदी पूरी हुई नहीं, बांटने लगे चक परिवर्तन का फॉर्म, ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर चकबंदी प्रक्रिया में धांधली का लगाया आरोप

विकास कुमार अग्रहरि, सोनभद्र। घोरावल ब्लॉक के भैंसवर गांव में चकबंदी प्रक्रिया के विरोध में ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर गांव में चौपाल लगाकर समस्याओं को निस्तारित करने की मांग की। एसडीएम राजेश कुमार सिंह को ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर चकबंदी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया। तहसील परिसर में करीब 200 की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने करीब एक घंटे तक जोरदार तरीके से प्रदर्शन केग। कहा कि गांव में फॉर्म 35 बांटा जा रहा है, जे चक परिवर्तन के लिए होता है। जब गांव में चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई तो फॉर्म 35 बाटने का क्या चित्य है। अभी तक पूरे गांव की नापी नहीं की गई केबल एक भाग को ही नापा गया है।

बावजूद अधिकारी चक परिवर्तन का फॉर्म बांटने लगे। प्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों को 15 जुलाई तक पूरे गांव की नापी करके डीडीसी और एसओसी को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन नापी तो की नहीं गई और अधिकारी आगे की प्रक्रिया में कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की नियत से कार्य करने में लगे हुए हैं। ग्रामीणों ने मांग किया कि गांव की चकबंदी प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को सही ढंग से निस्तारित करने के लिए गांव में स्थित बचनार देव के पास खुले में एसडीएम की निगरानी में प्रक्रिया पूर्ण की जाय।

एसडीएम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चकबंदी प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं होती है।

ग्रामीण मौके पर एसडीएम के चलने पर अड़े रहे। गांव में चौपल लगाकर एसडीएम ने समस्याओं को सुनने का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत कराया। इस अवसर पर शांति प्रकाश, बिरजू पूर्व ग्राम प्रधान संजय यादव, शिवपूजन पाल, ज्ञानेंद्र सिंह, गजेंद्र बहादुर आदि रहे।

सोनभद्र: ओबरा इंटर कॉलेज में छात्रों से की जा रही मनमानी वसूली, बढ़ रहा आक्रोश, वायरल हुआ वीडियो

सोनभद्र। जिले के ओबरा कस्बा स्थित ओबरा इंटर कॉलेज में धन वसूली को लेकर छात्रों में आक्रोश गहराने लगा है। जहां प्रवेश से लेकर नाम काटने तक में खेला होने का मामला सामने आया है। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। छात्रों ने ओबरा इंटर कॉलेज को वसूली का गढ़  बताते हुए कई आरोप भी लगाए हैं।

छात्र नेता तथा सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक अग्रहरि ने बताया कि यहां पर छात्रों से नाम कटवाने के नाम पर भी धन उगाही किया जा रहा है साथ ही साथ कालेज में प्रवेश के नाम पर जो फीस ली गई थी नाम कटवाने के बाद वह फीस भी वापस नहीं की जा रही है। ऐसे कई छात्र और उनके अभिभावकों को पिछले दो महीना से कालेज का चक्कर काटने पर विवश होना पड़ा है, लेकिन कॉलेज प्रशासन मौन साधा हुआ है।


बताते चलें कि बड़े स्तर पर ग्रामीण और जनजाति बच्चों के साथ शोषण किया जा रहा है।  जिसकी और ना तो किसी का ध्यान जा रहा है और ना ही कोई इन छात्रों की फरियाद को सुनने वाला है। कॉलेज प्रशासन की मनमानी पर कॉलेज के उच्च अधिकारी भी ध्यान देने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।