हाईकोर्ट ने प्रदूषण फैलाने वाली भाटिया वाइन फैक्ट्री से 2 सप्ताह में मांगा जवाब, कहा- प्रदूषण रोकने के उपायों की जानकारी करें प्रस्तुत

बिलासपुर- हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करते हुए प्रदूषण फैलाने वाली भाटिया वाइन फैक्ट्री से 2 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा है कि फैक्ट्री संचालक पर्यावरण प्रदूषण रोकने के उपायों की जानकारी प्रस्तुत करें। अब इस जनहित याचिका मामले में अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद तय की गई है।

सोमवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान पर्यावरण प्रदूषण मंडल ने हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस बाबत फैक्ट्री संचालक को अप्रैल में नोटिस जारी किया था,लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।

बता दें कि मुंगेली जिले के मोहभट्टा स्थित शराब फैक्ट्री से प्रदूषण के मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। बीते दिनों सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने मामले में मुख्य सचिव से जवाब तलब किया था। मामले में आबकारी, पर्यावरण के मुख्य सचिव, मुंगेली कलेक्टर, एसपी, आबकारी उपायुक्त समेत 7 लोगों को पक्षकार बनाया गया है।

गौरतलब है कि बिलासपुर-रायपुर रोड पर मोहभट्टा में भाटिया वाइन्स का प्लांट है, जिससे निकलने वाली घटिया क्वॉलिटी की स्पिरिट को शिवनाथ नदी में बहा देने से बीते दिनों लाखों मछलियां मर गई। मामले में खजरी में जमा जहरीले पानी का सैंपल भी लिया गया है।

भाटिया वाइन्स से निकलने वाली जहरीली स्पिरिट के दुर्गंध और प्रदूषण से परेशान स्थानीय ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था, इसमें मोहभट्टा, खजरी, धूमा गांव के ग्रामीण शामिल थे। अधिकारियों ने ग्रामीणों के सामने भाटिया वाइन्स के प्रबंधकों को गंदा पानी बाहर छोड़ने से मना किया था। अफसरों की समझाइश के बाद लोगों ने मतदान किया था।

रायपुर नगर निगम के जोन कमिश्नरों का तबादला, 10 में से 5 जोन के कमिश्नर बदले गए, निगम कमिश्नर ने जारी किया आदेश

रायपुर-  राजधानी में आगामी नगरीय निकाय चुनाव से पहले जोन कमिश्नरों का तबादला हुआ है. रायपुर नगर निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा ने इसका आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक, राजधानी के जोन क्रमांक 3, 4, 7 और 8 में पदस्थ कमिश्नरों को दूसरे जोन में पदस्थापना की गई है. इसके आलावा एक उपयुक्त को जोन 8 में बतौर जोन कमिश्नर पदस्थापना दी गई है.

आदेश के मुताबिक, जोन 7 आयुक्त जसदेव बाबरा को जोन 3, जोन 8 के आयुक्त अरुण ध्रुव को जोन 4, जोन 3 की आयुक्त प्रीति सिंह को जोन 7, जोन 4 के कमिश्नर राकेश शर्मा को जोन 10 में नवीन पदस्थापना दी गई है. वहीं मुख्यालय में पदस्थ A.K हालदार को उपआयुक्त पद से हटाकर जोन आयुक्त के पद में जोन क्रमांक 8 में पदस्थ किया गया है. इसके अलावा निर्वाचन एवं जनगणना का प्रभार कृष्णा खटीक उपायुक्त और जन्म-मृत्यू, विवाह पंजीयन का प्रभार स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर तृप्ति पाणिग्रहण को सौपा गया है.

डॉ तृप्ति पाणिग्रही को मिला एन.यू.एल.एम का अतिरिक्त प्रभार

जोन कमिश्नरों के तबादले के अलावा प्रशासनिक व्यवस्था अंतर्गत अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक डॉ तृप्ति पाणिग्रही स्वास्थ्य अधिकारी को अपने वर्तमान मूल कार्य के साथ-साथ एन.यू.एल.एम का अतिरिक्त प्रभार सौपा है. वहीं उपायुक्त हेमशंकर देशलहरा को एन.यू.एल.एम के कार्य से मुक्त कर दिया गया है। निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने इसका आदेश भी जारी किया है.

न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बाजपेयी दूसरी बार पहुंचे बलौदाबाजार, आयोग कार्यालय की अधिसूचना को दिया अंतिम स्वरूप

बलौदाबाजार-  जिले के ग्राम महकोनी स्थित अमर गुफा में जैतखाम तोड़े जाने की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीबी बाजपेयी आज दूसरी बार बलौदाबाजार पहुंचे. उन्होंने आज बैठक कर आयोग कार्यालय के लिए अधिसूचना एवं प्रक्रिया विनियम को अंतिम स्वरूप प्रदान करते हुए शासन को प्रेषित किया है, ताकि आने वाले दिनों में अधिसूचना राजपत्र सहित दैनिक समाचारों में प्रकाशित हो सके।

बाजपेयी ने कार्यालय के बाहर आयोग कार्यालय संबंधित बोर्ड लगाने, कार्यालय में कर्मचारियों की नियुक्ति सहित अन्य महत्वपूर्ण दिशा निर्देश आयोग के सचिव को दिए हैं.

गौरतलब की राज्य शासन ने 15 मई व 16 मई 2024 की मध्यरात्रि को जिला बलौदाबाजार-भाटापारा अंतर्गत ग्राम महकोनी, अमरगुफा में स्थित जैतखाम को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना की जांच के लिए एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय सीबी बाजपेयी को नियुक्त किया गया है. साथ ही आयोग कार्यालय के संचालन के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय में तीन कक्ष आबंटित किया गया है.

कलेक्टोरेट में कॉल सेंटर प्रारम्भ, आम जनता की समस्याओं का होगा त्वरित निराकरण, अब आम नागरिक 24 घंटे ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे

रायपुर-    आम नागरिकों की समस्याओं के अब त्वरित निराकरण होगा। जिला प्रशासन द्वारा लोगों की समस्याएं सुनने और इसे दर्ज करने के लिए कलेक्टोरेट में कॉल सेंटर शुरू किया गया है। कामकाज के सिलसिले में सरकारी दफ्तर में आने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

कलेक्टोरेट में बनाए गए कॉल सेंटर में दूरभाष की चार लाईनों में लोगों की शिकायतें और समस्याएं दर्ज की जाएंगी। इसके लिए 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे। समस्या दर्ज होेने के साथ ही लोगों के पास आएगा एसएमएस। कॉल सेंटर में दर्ज होने वाली समस्याओं के निराकरण की निगरानी के लिए एक विशेष पोर्टल भी बनाया गया है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में पारदर्शी और बेहतर प्रशासन के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं, जिससे लोगों को अपने कामकाज के सिलसिले में सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटना पड़े। इसी सिलसिले में जिला प्रशासन द्वारा यह कॉल सेंटर शुरू किया गया है।

कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पारदर्शी और बेहतर प्रशासन के मद्देनजर कलेक्टोरेट में कॉल सेंटर शुरू किया गया है। आम नागरिक राजस्व व अन्य विभागों के मामलों की जानकारी फोन कॉल के माध्यम से दे सकते हैं। जानकारी प्राप्त होने के तत्पश्चात जल्द से जल्द निराकरण किया जाएगा।

टेलीफोन पर दर्ज होगी समस्याएं

जिला प्रशासन द्वारा कॉल सेंटर में मोबाइल नंबर 9977222564, 9977222574, 9977222584, 9977222594 पर कॉल कर शिकायत दर्ज की जाएगी। दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा दी गई है। इस कॉल सेंटर में दिव्यांग भी अपनी समस्याओं से जिला प्रशासन को अवगत करा सकते है। दिव्यांगों की समस्याएं वीडियो कॉल में सांकेतिक माध्यम से सुने जाएंगे।

ऐसे होगा शिकायतों का निवारण

- हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से आवेदक कॉल कर अपनी समस्या शिकायत दर्ज कराएंगे।
- कॉल सेंटर की टीम शिकायतकर्ता व आवेदक से बात करती है, उनकी समस्या सुनती है और उसे कॉल सेंटर के पोर्टल पर दर्ज किए जाएंगे।
- केस दर्ज करने के बाद व्हाट्सएप के द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारी को मामले की जानकारी भेजी जाएगी।
- प्रकरण का त्वरित निराकरण किया जाएगा
- जब तक शिकायत का निराकरण नहीं होता, तब तक कॉल सेंटर समस्याओं पर संबंधित विभाग एवं अधिकारी से फॉलोअप करेगा।
- समस्या के निराकरण हो जाने पर आवेदक को कॉल करके सूचित किया जाएगा और पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।

मुख्यमंत्री को पोला महोत्सव में शामिल होने का आमंत्रण

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज यहां विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में दुर्ग विधायक ललित चन्द्राकर के नेतृत्व में आये शास्त्री नवयुवक मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को पारम्परिक खुमरी पहना कर उनका अभिवादन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को दुर्ग जिले के मड़ियापार में आगामी 2 सितम्बर को आयोजित होने वाले पोला महोत्सव के 65वें आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने शास्त्री नवयुवक मंडल को आमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया और महोत्सव के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विधायक गजेन्द्र यादव, शास्त्री नवयुवक मंडल से सुनील साहू, मनीष साहू, सुदामा निषाद और हेमलाल साहू सहित मंडल के सदस्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने दी सहमति, सात साल बाद बनेगा अधूरा स्काई वॉक

रायपुर- राजधानी के विवादित प्रोजेक्ट स्काई वॉक का काम करीब सात साल बाद फिर शुरू होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी है। देर रात सीएम हाउस में हुई हाई लेवल की मीटिंग में यह तय किया गया कि स्काई वॉक के अधूरे काम को पूरा कर इसे लोगों के लिए खोला जाएगा। बैठक में शामिल पीडब्ल्यूडी और पुलिस विभाग के अफसरों ने कहा कि लोग आसानी से तहसील, जिला कोर्ट, डीकेएस और अंबेडकर अस्पताल पहुंच सकेंगे।

इससे जीई रोड, अंबेडकर अस्पताल और शास्त्री चौक पर पैदल यात्रियों का प्रेशर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। सात साल पहले हुए सर्वे में यह कहा गया था कि शास्त्री चौक के चारों ओर हर दिन 40 हजार से ज्यादा लोग पैदल सफर करते हैं। इसमें करीब आधे लोग सरकारी दफ्तरों में ही जाते हैं। इस वजह से स्काई वॉक बनना चाहिए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पिछले हफ्ते पीडब्ल्यूडी अफसरों से स्काई वॉक की फाइल मंगवाई थी। इसमें उन्होंने पूछा था कि वर्तमान में स्काईवॉक का निर्माण नए और पुराने ठेकेदार से कराने पर कितना खर्च होगा। सेतु निगम के अफसरों ने प्रोजेक्ट से संबंधित सभी जानकारी सीएम हाउस पहुंचा दी थी। इसके बाद से ही इस निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई थी। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद माना जा रहा है कि पुरानी ठेका एजेंसी से ही इस काम को पूरा कराया जाएगा। अधूरे काम को पूरा करने में करीब करीब डेढ़ साल का समय लगेगा। अफसर कह रहे हैं कि सहमति बनने के बाद जल्द ही नया प्रोजेक्ट तैयार टेंडर भी जारी कर दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बेहतर

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल में स्कूल शिक्षा के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बेहतर है। उन्होंने बताया कि देश में 26 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक हैं जबकि प्रदेश में 21 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक है। शिक्षकों की पदस्थापना में अब तक कुछ अव्यवस्थाएं थी। जिसके कारण शिक्षकों की कमी परिलक्षित हो रही थी। इन कारणों से सर्वप्रथम युक्तियुक्तकरण करना पहली प्राथमिकता होगी। कुछ स्कूलों में जहां विषय संकाय है वहां शिक्षक नहीं है जहां विषय संकाय नहीं है वहां शिक्षक हैं। कुछ स्थानों पर राज्य के अनुपात से भी बहुत कम विद्यार्थियों पर शिक्षक है। कुछ स्थानों पर तो 4-5 विद्यार्थी पर एक शिक्षक है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया हेतु ऐसे स्कूलों का चिन्हांकन किया जा रहा है और शीघ्र ही सभी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी जाएगी। इससे सभी स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे और शिक्षा का स्तर और भी अच्छा हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षकों की व्यवस्था के साथ ही अधोसंरचना विकास पर भी हम काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में शिक्षक और विद्यार्थियों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी होने से सभी स्कूलों में शिक्षक मिल सकेंगे। साय सरकार द्वारा किये जा रहे युक्तियुक्तकरण का सकारात्मक असर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा और ऐसे स्कूलों में भी शिक्षक मिल जाएंगे जहां शिक्षकों की कमी की वजह से शिक्षा प्रभावित हो रही है।

कोमल साहू की संदेहास्पद मृत्यु की जाँच कर परिवार को न्याय दिलाने विधायक भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण में उठाया मुद्दा

कवर्धा- छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू होगा। इस सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान विधानसभा के प्रथम दिन पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने पीएम श्री योजना, राजस्व विभाग एवं वन विभाग से सम्बंधित प्रश्न सदन में उठाए।

इसके साथ ही उन्होंने सदन में ध्यानाकर्षण के दौरान कबीरधाम जिले के बिरकोना में किसान कोमल साहू के संदेहास्पद स्थिति में हुई मृत्यु की जांच के विषय में भी ध्यान आकर्षित किया। विधायक भावना बोहरा ने किसान कोमल साहू की संदेहास्पद स्थिति में हुई मृत्यु को मृतक के परिवारजनों द्वारा हत्या की दृष्टि से इसकी जांच करने की मांग करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा इस हादसे की जांच हेतु एसआईटी का गठन करने के निर्देश दिए था और 7 दिवस के भीतर इसकी रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक एसआईटी द्वारा जांच का प्रतिवेदन नहीं सौंपा गया है। जांच में हुए विलंब के कारण परिवार को न्याय मिलने में भी देरी हो रही है इसलिए उनके परिवार के हित को देखते हुए जल्द से जल्द हत्या के दृष्टिकोण से इसकी जांच की जाए।

इसके साथ ही पुलिस द्वारा जांच में इस हादसे को आत्महत्या बताया जा रहा है, परिवारजनों का अनुरोध है कि यदि यह आत्महत्या है तो इसमें कोमल साहू को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने की दृष्टि से भी जांच की जाए ताकि इस मामले की सच्चाई सामने आए और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

उन्होंने आगे कहा कि पंचनामें के बाद जिस व्यक्ति के हस्ताक्षर पंचनामे में लिए गए उसी व्यक्ति के हस्ताक्षर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उपस्थित हैं परंतु वह व्यक्ति पोस्टमार्टम के पश्चात या पोस्टमार्टम के वक्त उस स्थान पर उपस्थित नहीं था, तो फिर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कैसे उपस्थित हो सकते हैं? यह भी एक जांच का विषय है और कहीं न कहीं इस घटना में व उसकी जांच में संदेह पैदा करता है। गृह मंत्रालय एवं पुलिस प्रशासन द्वारा इस घटना को गंभीरता से लेने की बात कहते हुए भावना बोहरा ने इसकी जांच जल्द करने एवं यदि यह हत्या है और अगर आत्महत्या है तो उसके लिए दुष्प्रेरित करने वाले आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग उनके द्वारा की गई। ध्यानाकर्षण के दौरान भावना बोहरा द्वारा उठाये इस विषय में कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने भी चर्चा करते हुए अपने महत्वपूर्ण सुझाव सदन में रखे।

विधायक भावना बोहरा ने प्रशन करते हुए पूछा कि पीएम श्री योजना के तहत कितने स्कूलों को स्वीकृति दी गई है, वर्तमान में कितने स्कूलों का संचालन किया जा रहा है एवं शेष स्वीकृत स्कूलों का संचालन कब तक शुरू किया जाएगा? उन्होंने जिलेवार स्कूलों की जानकारी देने के साथ ही पंडरिया विधानसभा अंतर्गत कुल कितने पीएम श्री स्कूलों को स्वीकृति दी गई है एवं उनमें से कितने स्कूल संचालित है व अन्य शेष स्कूल कब तक स्वीकृति दी जाएगी इस विषय में सदन के समक्ष प्रश्न रखा। जिसका मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लिखित में उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेश में प्रथम चरण अंतर्गत 211 पीएमश्री शालाएं एवं तृतीय चरण में दिनांक 08.07.2024 अंतर्गत 52 शालाएं भारत सरकार से स्वीकृत हुई है। इस प्रकार से कुल 263 शालाएं स्वीकृत हैं। स्वीकृत स्कूलों में 211 स्कूलों का संचालन पीएम श्री योजना अंतर्गत किया जा रहा है। शेष 52 स्कूलों का पीएम श्री योजना अंतर्गत परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पी.ए.बी.) से बजट स्वीकृति उपरांत शीघ्र संचालित होंगे । प्रत्येक विकासखण्ड/नगरीय निकाय में अधिकतम 02 विद्यालय के स्वीकृति का प्रावधान है। पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 02 पीएमश्री स्कूल स्वीकृत किए गये है। वर्तमान में 01 स्कूल पीएम श्री योजना अंतर्गत संचालित है। शेष 01 स्कूल का पीएम श्री योजना अंतर्गत परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पी.ए.बी.) से बजट स्वीकृति उपरांत शीघ्र संचालन होगा।

भावना बोहरा ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश में राज्य सरकार जिन भूमि को सार्वजनिक प्रयोजन हेतु अधिग्रहित कर रही है, उससे प्राप्त सेवा शुल्क की राशि वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कितनी थी? सेवा शुल्क से प्राप्त राशि के उपयोग का क्या प्रावधान है? राशि का वितरण किन-किन विभागों को किस प्रयोजन के तहत किया जाता है ? एवं उस राशि का उपयोग किन-किन विभागीय कार्यों हेतु किया जाता है? के सन्दर्भ में प्रश्न किया जिसका उत्तर देते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 109915981 रुपए एवं 2023-24 में 79072377 रुपए सेवा शुल्क प्राप्त हुई थी। वहीं स्वामित्व योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाला भूस्वामी अधिकार से संबंधित कितने स्वामित्व कार्ड वितरित किए जा चुके हैं ? कितने कार्ड का वितरण शेष है एवं शेष कार्ड कब तक वितरित किए जाएंगे? स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन के माध्यम से जमीन का सर्वे का काम किन-किन जिलों में पूर्ण हो चुका है? इस विषय में जानकारी देते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि स्वामित्व योजना अंतर्गत राज्य में भू-स्वामी अधिकार से संबंधित स्वामित्व कार्ड का वितरण नहीं किया गया है तथा सभी 33 जिलों के आबादी ग्रामों का ड्रोन फ्लाई का कार्य पूर्ण हो चुका है।

भावना बोहरा ने आज प्रथम दिन चार प्रश्न सदन में उठाए जिसमें वन विभाग से सम्बंधित प्रश्न भी शामिल था, जिसमें उन्होंने सी.ई.आर. (कॉर्पोरेट एनवायरमेंटल रेस्पोंसिबिलीटी) के सन्दर्भ में प्रश्न करते हुए उसके लिए जारी दिशा निर्देश, दुर्ग संभाग में कितनी संस्थाओं,उद्योग व प्रोजेक्ट को सी.ई.आर. में शामिल करना उससे सम्बंधित जानकारी सार्वजानिक डोमेन में उपलब्ध करने व जिन संस्थाओं द्वारा सी.ई.आर. का प्रावधान व्यय नहीं किया गया है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है उस संबंध में प्रश्न किया।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की पबिया, पविया, पवीया जाति को अनुसूचित जनजातियों की सूची में पाव जाति के साथ शामिल करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वर्षों से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्राप्त करने की बाट जोह रही छत्तीसगढ़ की पबिया, पविया, पवीया जाति को अनुसूचित जनजातियों की सूची में पाव जाति के साथ शामिल करने के लिए संवेदनशील पहल की है। मुख्यमंत्री ने इन जातियों का नृजातीय अध्ययन प्रतिवेदन अनुशंसा सहित भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय को आगे की कार्यवाही के लिए भेजा है।

प्रदेश भर से आए पाव, पबिया, पविया, पवीया जाति के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक रामकुमार यादव के नेतृत्व में आज विधानसभा के समिति कक्ष में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर उनकी इस संवेदनशील पहल के लिए आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधि मंडल को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों की लंबे समय से अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल होने की मांग थी। राज्य शासन द्वारा अनुशंसा सहित प्रतिवेदन भारत सरकार को भेजा गया है। उम्मीद है इसका सकारात्मक परिणाम आएगा। उन्होंने बारिश के मौसम में प्रदेश भर से रायपुर आने के लिए प्रतिनिधि मंडल को धन्यवाद दिया।

प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि मध्य प्रदेश के समय उन लोगों के अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बन रहे थे, लेकिन मात्रात्मक त्रुटि के कारण पिछले 22 वर्षों से प्रमाण पत्र बनना बंद हो गया है, इसकी वजह से हमारे बच्चों को अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलने वाले लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। हमारे बच्चे पढ़ाई-लिखाई में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय को अनुशंसा सहित प्रतिवेदन भेजने के लिए धन्यवाद दिया।

प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि पूरे प्रदेश में इन जातियों की जनसंख्या लगभग 22 हजार है। यूं तो ये लोग पूरे प्रदेश में पाए जाते हैं लेकिन प्रमुख रूप से चंद्रपुर, रायगढ़, लैलूंगा, खरसिया, पेंड्रा, मरवाही और जशपुर में रहते हैं।

छत्तीसगढ़ के आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पाव, पबिया, पविया, पवीया जाति का नृजातीय अध्ययन करने के बाद प्रतिवेदन तैयार किया है, जिसमें इन जातियों को लक्षणों के आधार पर अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा की गई है।

विधायक रामकुमार यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। आज उपस्थित जाति के लोग वास्तव में आदिवासी हैं, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है। इनके हित में मुख्यमंत्री जी ने अच्छी पहल की है। उन्होंने समाज के सामाजिक भवन के लिए रायपुर में जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने नजदीक से महसूस किया है जनजातियों का दर्द

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं भी अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। उन्होंने बिरहोर, पहाड़ी कोरवा सहित अनुसूचित जनजातियों के लिए अपने सार्वजनिक जीवन के प्रारंभ से काम किया है, इसलिए वे जनजातियों का दर्द अच्छे से जानते हैं।

बलौदाबाजार हिंसा पर गृह मंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान, कहा- पूरे षड्यंत्र का होगा पर्दाफाश, अभी होंगी और कार्रवाइयां…

रायपुर- बलौदाबाजार हिंसा और आगजनी पर उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मान रहे हैं कि षड्यंत्र हुआ है, इसलिए इसकी जांच चल रही है. जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं. पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश होगा और अभी कार्रवाइयां होंगी. 

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मीडिया से चर्चा में बलौदाबाजार हिंसा को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश में सामाजिक लोगों की एक समिति भी बनाई गई है. समिति ने भी प्रतियुक्त सौंपा है.

कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के संबंध में विजय शर्मा ने कहा कि चर्चा करने का समय ही नहीं है. न्यायिक जांच के चलते स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकती. सदन में जितना बोला गया है, उतना ही विषय है. वहीं बलौदाबाजार हिंसा में दस्तावेजों के नुकसान पर कहा कि फॉर्मेट्स काफी जले है, लेकिन रिकॉर्ड्स जले हैं. कलेक्टर ने इसकी जानकारी दी है.

शिवरीनारायण के बेर पर कही यह बात

शिवरीनारायण के बेर अयोध्या ले जाने पर सदन में हुई बयानबाजी पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि एक बार मार्केट में देख लें कि मिलता है या नहीं. भगवान के दरबार जाना था तो शिवरीनारायण से बेर ले गए थे. अगर कल्पना होगी कि उस वृक्ष से ले गए हैं, तो यह अलग मामला है. शिवरीनारायण के बेर भगवान को समर्पित किए गए. इसलिए किए गए, क्योंकि यह भावना की बात थी. भूख मिटाने की बात है तो छत्तीसगढ़ की मातृत्वशक्ति में है.