कल पेश होगा बजट, हो सकते है कई बड़े ऐलान, समझिए किस करवट बैठेगा शेयर बाजार? देखें बीते 10 सालों का हाल

देश का आम बजट आने वाला है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल 23 जुलाई 2024 को संसद में इसे पेश करेंगी. बजट पेश होने से पहले शेयर बाजार में हमेशा की तरह खासी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. ऐसे में बजट वाले दिन Stock Market कैसा कैसा परफॉर्मेंस करेगा, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी. लेकिन बजट वाले दिन शेयर मार्केट के इतिहास पर नजर करें, तो बीते 10 साल में ये 6 बार चढ़ा है, जबकि चार बार धराशायी हुआ है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट कल संसद के पटल पर रखा जाएगा. निर्मला सीतारमण का ये लगातार सातवां बजट होगा और इसे पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लगातार छह बार बजट पेश किया था. पिछले एक दशक में Budget Day पर शेयर मार्केट की चाल बदली बदली रही है. छह बार सेंसेक्स ने जोरदार छलांग लगाई है, तो वहीं चार बार ये भरभराकर टूटा है. इस बीच बता दें कि साल 2021 में शेयर बाजार सबसे ज्यादा 2021 में 5 फीसदी चढ़ा था, जबकि इससे पहले 2020 में ये 2.43 फीसदी गिरा था, जो इसकी बजट वाले दिन सबसे बड़ी गिरावट थी.

बीते साल 2023 में Budget को लेकर शेयर बाजार के उत्साह पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) का असर दिखा था. भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी ग्रुप को लेकर जारी की गई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर बजट वाले दिन शेयर बाजार पर दिखा था. हालांकि, 1 फरवरी 2023 को BSE Sensex 1223 अंक की उछाल के साथ 60,773 के स्तर तक पहुंचा था, लेकिन अंत में ये शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए 158 अंक की बढ़त के साथ 59,708 पर बंद हुआ था. जबकि NSE Nifty 46 अंक फिसलकर 17,616.30 पर क्लोज हुआ था. 

इससे पहले साल 2022 में शेयर बाजार ने बजट वाले दिन जोरदार उड़ान भरी थी और BSE Sensex कारोबार के दौरान 1000 अंक से ज्यादा उछल गया था, हालांकि मार्केट क्लोज होने पर ये 848 अंक चढ़कर 58,862 के लेवल पर बंद हुआ था. वहीं NSE Nifty 237 अंक की तेजी लेकर 17,577 के स्तर पर क्लोज हुआ था. बात 2021 की करें, तो ये साल बजट-डे पर शेयर बाजार के लिए बेहतरीन साबित हुआ था. सेंसेक्स 2300 अंक या 5 फीसदी की ताबड़तोड़ तेजी के साथ 48,600 पर, जबकि निफ्टी 647 अंक उछलकर 14,281 पर बंद हुआ था. 

2015-2020 तक बजट के दिन ऐसी रही चाल

साल सेंसेक्स निफ्टी

2020 988 अंक टूटा 300 अंक फिसला

2019 212 अंक चढ़ा 62.7 अंक उछला

2018 839 अंक टूटा 256 अंक फिसला

2017 486 अंक चढ़ा 155 अंक उछला

2016 152 अंक टूटा 42.7 अंक फिसला

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा साल 2015 में देश का आम बजट पेश किया गया था और बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स Budget वाले दिन 0.48% बढ़कर 29,361 अंक पर बंद हुआ था. वहीं निफ्टी भी तेजी के साथ क्लोज हुआ था. इससे पहले साल 2014 में बजट पेश होने पर शेयर बाजार में कारोबार के दौरान BSE Sensex 800 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ था. ताजा हालात की बात करें तो 23 जुलाई 2024 को पेश होने वाले बजट से पहले शेयर बाजार में खासी-उथल पुथल देखने को मिल रही है. शुक्रवार को सेंसेक्स जोरदार 738.81 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. वहीं 269 अंक फिसलकर क्लोज हुआ.

मैं देशवासियों को गारंटी देता...प्रधानमंत्री मोदी ने 24 घंटे पहले ही बता दिया, कैसा होगा कल पेश होने वाला बजट





प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मोदी 3.0 का पहला बजट  2024 कल 23 जुलाई को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे संसद में इसे पेश करेंगी. इससे पहले सोमवार को संसद का बजट सत्र भी शुरू हो गया और इस मौके पर पीएम मोदी ने 24 घंटे पहले ही बता दिया, कैसा होगा कल पेश होने वाला आम बजट, जानिए कहां रहेगा फोकस. उन्होंने कहा कि हम कल मजबूत बजट पेश करने वाले हैं, जो साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में पेश करने पर केंद्रित होगा. उन्होंने कहा कि आने पांच वर्ष हमारे लिए बेहद खास हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये बजट सत्र है और मैं देशवासियों को जो गारंटी देता रहा हूं, उन गारंटियों को पूरा करने के लक्ष्य पर हमें आगे बढ़ना है. अमृतकाल का ये महत्वपूर्ण बजट है, जो हमारे पांच साल के कार्य की दिशा तय करेगा. PM Modi ने आगे कहा कि आजादी के 100 साल होने पर 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने का जो लक्ष्य हमने रखा है, कल पेश किया जाने वाला बजट उस पर क्रेंदित होगा.


Pm Modi ने कहा कि हम कल मजबूत बजट पेश करने आएंगे और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम पूरी ताकत लगाएंगे.  उन्होंने देश की इकोनॉमी पर बात करते हुए कहा कि भारत लगातार दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश बना हुआ है और लगातार तीन बार से 8 फीसदी ग्रोथ के साथ हम विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं. पॉजिटिव आउटलुक और लगातार बढ़ रहा इन्वेस्टमेंट इस बात का सबूत है.

कल 23 जुलाई को देश का आम बजट पेश किया जाएगा, इससे पहले चुनावी साल होने के चलते बीते 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया था. देश में लगातार तीसरी बार PM Modi के नेतृत्व में बनी नई सरकार का ये पहला बजट होगा. इस बार BJP को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है और देश में NDA गठबंधन की सरकार है और इस सरकार से बजट में लोगों को इस बार खासी उम्मीदें हैं. देश की पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण अपने कार्यकाल का ये लगातार सालवां बजट करते हुए इतिहास रचने जा रही हैं.


निर्मला सीतारमण द्वारा कल पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2024 से वेतनभोगी वर्ग को बड़ी उम्‍मीदें हैं. माना जा रहा है कि सरकार टैक्‍स छूट से लेकर टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव पर फोकस कर सकती है. कर्मचारियों को उम्‍मीद है कि सरकार इस बार के बजट में बड़ा ऐलान करते हुए आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर ऐलान कर सकती है. वित्त वर्ष 2014-15 से 1.5 लाख रुपये पर स्थिर बनी हुई ये कटौती इस बार के बजट 2 लाख रुपये तक हो सकती है. इससे मिडिल क्‍लास को बड़ी राहत मिलेगी.
सावन की पहली सोमवारी पर डेढ़ घंटा पहले जागे 'बाबा महाकाल', दर्शन को उमड़ा को भक्तों का सैलाब

आज सोमवार से श्रावण मास की शुरुआत हो चुकी है, तथा इस अवसर पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल ने भक्तों को विशेष दर्शन दिए। मंदिर में वीरभद्र जी की आज्ञा लेकर चांदी के दरवाजे खोले गए, तथा इसके बाद बाबा महाकाल की विशेष पूजा और भस्म आरती की गई। पंडित आशीष, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी, ने बताया कि श्रावण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा और सोमवार के महासंयोग पर आज प्रातः 2.30 बजे भस्म आरती का आयोजन हुआ। इस के चलते मंदिर के पट खुलते ही पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवताओं की पूजा की।


जलाभिषेक और विशेष श्रृंगार


भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया गया। तत्पश्चात, प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम को जल अर्पित किया गया। पुजारियों ने बाबा महाकाल को विशेष श्रृंगार कर कपूर आरती की एवं नवीन मुकुट व मुंडमाला पहनाई। इसके बाद, महानिर्वाणी अखाड़े की तरफ से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस के चलते हजारों भक्तों ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया, जिससे मंदिर परिसर जय श्री महाकाल के उद्घोष से गूंज उठा।

सावन महीने के पहले सोमवार पर विशेष पूजा

सावन के पहले सोमवार पर बाबा महाकाल की विशेष पूजा अर्चना की गई। भस्म आरती के साथ-साथ विशेष महाआरती कर राष्ट्र की सुख-समृद्धि की कामना की गई। पंडित आशीष ने बताया कि आज एक दुर्लभ संयोग बना है, जिसमें सोमवार से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है।


सावन महीने के चलते, देश-विदेश से आने वाले भक्तों को बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन मिल सकें, इसीलिए मंदिर में चलित भस्म आरती का इंतजाम किया गया। आज प्रातः नंदी हॉल और गणेश मंडपम में श्रद्धालुओं के बैठकर भस्म आरती देखने का इंतजाम किया गया, साथ ही कार्तिक मंडपम से चलित भस्म आरती के दर्शन की सुविधा भी प्रदान की गई। श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति द्वारा की गई इस खास व्यवस्था का लाभ हजारों भक्तों ने उठाया। भस्म आरती के दर्शन के पश्चात् भक्तों ने खुद को धन्य महसूस किया और जय श्री महाकाल का उद्घोष किया।


चलित भस्म आरती देखने के लिए श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे तथा लंबी कतारों में लगकर अपनी बारी का इंतजार किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन कर अपने आप को विशेष अनुभव से नवाज़ा।
'केजरीवाल को मारने की रची जा रही साजिश', संजय सिंह के बयान पर BJP ने दिया ये जवाब



आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अधिकारियों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है, जो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिंह ने दावा किया कि केजरीवाल के स्वास्थ्य को जानबूझकर खतरे में डाला जा रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस  में संजय सिंह ने कहा, 'केजरीवाल की मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि उन्हें कभी भी कुछ भी हो सकता है. 'बीजेपी केजरीवाल के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. आरम्भ में वे कह रहे थे कि वह मिठाई खा रहे हैं तथा अपना शुगर बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, मगर अब वे कह रहे हैं कि उन्होंने अपना खाना कम कर दिया है, कोई ऐसा क्यों करेगा जिसके उसके जीवन को खतरा पैदा हो जाए. उन्होंने कहा, 'यह केजरीवाल को मारने का षड्यंत्र है,'


वहीं दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष ने फिर आरोपों को दोहराते हुए कहा है कि केजरीवाल जानबूझकर अपना वजन कम कर रहे हैं. भाजपा ने कहा कि अदालत के आदेश पर घर से बना हुआ खाना अरविंद केजरीवाल को मिल रहा है किन्तु वो जानबूझकर कोताही कर डाइट को कम कर रहे हैं जिससे वजन कम हो तथा कोर्ट को दिखा सकें कि देखो तिहाड़ में मेरे साथ क्या हो रहा है? 

भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ये साजिश बहुत दिनों तक नहीं चल सकती. आप मास्टरमाइंड अपराधी  हैं, आपका पूरा इकोसिस्टम इसके लिए शोर मचाता है. सीएम ही सबके सूत्रधार हैं. उन्होंने दिल्ली को कहीं का नहीं छोड़ा है. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हवा में जो जहर फैला है उसके लिए आप जिम्मेदार हैं. दिल्ली की पानी में जो जहर है उसके लिए आप जिम्मेदार हैं तथा आप गवर्नेंस की बात करते हैं. आपकी गवर्नेंस पूरी तरह से प्रेस कांफ्रेंस के जरिए चल रही है. आपकी सरकार ने दिल्ली को केवल लूटने का काम किया है.
अर्थव्यवस्था तो सरपट दौड़ेगी, लेकिन कुछ चुनौतियां भी रहेंगी..! सरकार ने संसद में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण

23 जुलाई को बजट 2024-25 पेश किए जाने से पहले, पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 जारी किया है। दोपहर 12:10 बजे लोकसभा में पेश किए गए इस सर्वेक्षण में निजी क्षेत्र और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) पर खास ध्यान दिया गया है। इसमें अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 25 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहेगी, जो कि एक अच्छी विकास दर है। बता दें कि, कई अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भी भारत की वृद्धि दर 7 फीसद से ऊपर रहने का अनुमान जताया है, जो दुनिया में सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था रहेगी। बाकी चीन-अमेरिका, भारत से काफी पीछे रहेंगे। 

आर्थिक सर्वेक्षण में GDP वृद्धि का सकारात्मक अनुमान दिया गया है, लेकिन इसमें महत्वपूर्ण चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला गया है। सरकार वैश्विक चुनौतियों के कारण निर्यात में संभावित गिरावट को स्वीकार करती है, इस बात पर जोर देते हुए कि वैश्विक अनिश्चितता पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर सकती है और वैश्विक व्यापार में कठिनाइयाँ पेश कर सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण में रोज़गार के डेटा शामिल हैं, जो कोविड-19 महामारी के बाद से देश की वार्षिक बेरोज़गारी दर में मामूली गिरावट को दर्शाता है, यानी कोरोना के बाद रोज़गार फिर से पटरी पर आया है और बेरोज़गारी घटी है। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए शहरी बेरोज़गारी दर पिछले वर्ष के 6.8% से घटकर मार्च 2024 में 6.7% हो गई है। इसके अतिरिक्त, भारत के लगभग 57 प्रतिशत कार्यबल स्वरोजगार कर रहा हैं, और युवा बेरोज़गारी दर 2017-18 में 17.8% से घटकर 2022-23 में 10% हो गई है। ये एक अच्छी गिरावट दिखाई दे रही है।


सर्वेक्षण में पूंजीगत व्यय और बढ़ते निजी निवेश पर सरकार के ध्यान के कारण सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF) में मजबूत वृद्धि की रिपोर्ट की गई है। वर्ष 2023-24 के लिए GFCF में 9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 देश की आर्थिक सेहत का अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें विकास की संभावनाओं और चुनौतियों दोनों पर प्रकाश डाला गया है। जबकि सरकार जीडीपी वृद्धि और रोजगार में सुधार के बारे में आशावादी है, यह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बारे में सतर्क है जो निर्यात और पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर सकती हैं।
'शंकराचार्य तो छोड़िए, संत भी नहीं हैं अविमुक्तेश्वरानंद..' कोर्ट के आदेश दिखाकर ज्योतिर्मठ ट्रस्ट के स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने किए बड़े खुलासे

आदिशंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में से एक ज्योतिर्मठ ट्रस्ट के स्वामी श्री गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने रविवार (21 जुलाई) को स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद को लेकर हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। स्वामी श्री गोविंदानंद सरस्वती ने अविमुक्तेश्वरानंद जी खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें ‘फर्जी बाबा’ करार दिया। दावा किया है कि उन्हें कांग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त है। गोविंदानंद ने कहा कि, "अविमुक्तेश्वरानंद नाम का एक फर्जी बाबा, प्रधानमंत्री उनके पैर छू रहे हैं, अंबानी जैसे उद्योगपति अपने घर पर उनका स्वागत कर रहे हैं, अविमुक्तेश्वरानंद फर्जी नंबर 1 है। शंकराचार्य तो छोड़िए, उनके नाम में 'साधु', 'संत' या 'सन्यासी' जोड़ना भी गलत है।"


स्वामी श्री गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने एक प्रेस वार्ता में दस्तावेज़ दिखाते हुए कहा कि, "यह वाराणसी कोर्ट का आदेश है। अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था और उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। लंबे समय तक, वह वाराणसी नहीं आए और मध्य प्रदेश में छिपे रहे, जिस पर हमने उन्हें डांटा, जिसके बाद उन्होंने हमारे खिलाफ कानूनी मामले दर्ज किए। हम यह पूरी बातें सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहते हैं, लेकिन अदालत हर बार अगली तारीख देती रहती हैं। हमें न्याय चाहिए।"

दरअसल, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में पहचाने जाने वाले अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हाल ही में दावा किया था कि केदारनाथ से 228 किलो सोना चोरी हो गया है। स्वामी गोविंदानंद ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि, “अविमुक्तेश्वरानंद लोगों की हत्या और अपहरण कर रहे हैं, भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं, वे संन्यासी होने का दिखावा करके शादियों में जा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि केदारनाथ में 228 किलो सोना गायब है, क्या उन्हें सोने और पीतल में अंतर भी पता है, शायद नहीं, क्योंकि वे खुद एक डुप्लिकेट हैं। अगर हम उनकी कहानियाँ सुनाते रहेंगे, तो इससे समस्या पैदा हो सकती है, लेकिन हम शायद ऐसा करेंगे और वे हमसे कुछ नहीं छीन पाएंगे, क्योंकि हम संत हैं जो 'धर्म' के लिए लड़ते हैं।” उल्लेखनीय है कि, केदारनाथ मंदिर समिति ने भी अविमुक्तेश्वरानंद के इस आरोप पर कहा था कि, अगर उन्हें लगता है कि, सोना चोरी हुआ है, तो हम उन्हें चुनौती देते हैं कि सुप्रीम कोर्ट जाइए, हम वहीं उन्हें जवाब देंगे।    


गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कांग्रेस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए कहा कि, "जब हमारे गुरुजी ब्रह्मलीन हो गए, तो इन लोगों ने कांग्रेस से पत्र मांगा। कांग्रेस ने पत्र जारी किया और अविमुक्तेश्वरानंद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। प्रियंका गांधी वाड्रा ने 13 सितंबर 2022 को उन्हें श्रद्धेय शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी के नाम से संबोधित करते हुए पत्र लिखा। जब सुप्रीम कोर्ट ने अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य ना मानते हुए स्टे जारी कर दिया था, तब प्रियंका गांधी वाड्रा ने अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य बताते हुए पत्र कैसे लिखा? क्या कांग्रेस तय करेगी कि शंकराचार्य कौन हैं?"

उन्होंने एक पत्र दिखाते हुए कहा कि, "वह प्रधानमंत्री के खिलाफ खड़े हैं और उनका समर्थन कौन कर रहा है? प्रियंका गांधी वाड्रा। जब राहुल गांधी हिंदू हिंसक जैसी हिन्दू विरोधी टिप्पणी करते हैं, तो अविमुक्तेश्वरानंद उनका समर्थन करते हैं। क्यों? इसका कारण यह पत्र है। कांग्रेस एक खेल खेल रही है और अविमुक्तेश्वरानंद मात्र एक खिलौना हैं। मैं प्रियंका गांधी वाड्रा से पूछना चाहता हूं कि या तो उन्हें यह पत्र लिखने के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए या फिर हम उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला दर्ज करेंगे।"

इसके साथ ही स्वामी श्री गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने यह भी आरोप लगाया कि अविमुक्तेश्वरानंद का आपराधिक इतिहास काफी पुराना है। उन्होंने कहा कि, 'जब वाराणसी कोर्ट ने अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था, तो उन्होंने जमानत लेने के लिए वकीलों के साथ बैठक की। 51 सदस्यों के समूह में से सभी लोगों को जमानत मिल गई, सिवाय अविमुक्तेश्वरानंद के। वह बिना संन्यासी वेश के चुपके से अदालत गए, शायद मीडिया से बचने के लिए। उन्होंने जज के सामने सरेंडर किया, वह भी चालाकी से और झूठ बोलते हुए।   अविमुक्तेश्वरानंद ने अदालत से कहा कि मैं शंकराचार्य हूं और पूरे देश के भक्त दुखी हैं, रो रहे हैं, हमें उन्हें धार्मिक मार्गदर्शन देना है और मेरी गिरफ्तारी से 'धर्म' को हानि हो सकती है। उन्होंने गलत तथ्य पेश करके कोर्ट से झूठ बोला। क्या वह जेम्स बॉन्ड हैं या कोई अवतारपुरुष? जमानत के लिए वह कोर्ट गए।' बता दें कि, अविमुक्तेश्वरानंद पर फर्जी तरीके से खुद को शंकराचार्य घोषित करने के आरोप लगे हैं। सितम्बर 2022 में अविमुक्तेश्वरानंद के गुरू स्वरूपानंद सरस्वती का हार्ट अटैक से निधन हो गया था, जिसके बाद अविमुक्तेश्वरानंद ने खुद को गुरु का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और शंकराचार्य बनने की तैयारी करने लगे। लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और अदालत ने उनके अभिषेक पर रोक लगा दी।


स्वामी श्री गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने न्यायालय के आदेश की प्रति दिखाते कहा कि, "न्यायालय के आदेश में लिखा है कि उन्होंने न्यायालय को 50,000 रुपए का जुर्माना देकर अग्रिम जमानत प्राप्त की है। एक अन्य न्यायालय का आदेश है, जिसके अनुसार उन्हें जमानत के लिए 20,000 रुपए देने थे। उनका आपराधिक इतिहास काफी पुराना है।" इससे पहले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री का दौरा किया था और  उद्धव को विश्वासघात से पीड़ित बताया था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि, उद्धव के साथ विश्वासघात हुआ है और जब तक वे वापस मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, तब तक लोगों का दर्द कम नहीं होगा। वहीं, अविमुक्तेश्वरानंद ने राहुल गांधी के हिन्दू हिंसक वाले बयान पर कहा था कि, कांग्रेस नेता ने हिन्दू धर्म के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। इसके अलावा पूरे लाव लश्कर के साथ अंबानी की शादी में जाने वाले अविमुक्तेश्वरानंद ने अयोध्या राम मंदिर का निमंत्रण ठुकरा दिया था, जिसके बाद से उन पर सवाल उठने लगे थे।
कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेम प्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, यूपी-उत्तराखंड सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक
#supreme_court_interim_stay_on_yogi_adityanath_govt_name_plate_order
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रूट पर नेमप्लेट लगाने के आदेश को लेकर पूरे देश में बहस जारी है। इस बीच इस मामले में मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया है और शुक्रवार तक जवाब देने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने नेमप्लेट लिखने के निर्देश पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा से जुड़े एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। यूपी सरकार के आदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने को कहा गया है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को अपना नाम बताने की जरूरत नहीं है। वे सिर्फ यह बताएं कि उनके पास कौन-से और किस प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं। कांवड़ियों को वेज खाना मिले और साफ सफाई रहे। खाना शाकाहारी है या मांसाहारी ये बताना जरूरी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही यूपी, उत्तराखंड और एमपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार तक जवाब देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक पुलिस के निर्देशों पर रोक लगा दी। इसके साथ ही कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई तक किसी को जबरन नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।

जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अपने दलीलों कहा कि यह एक चिंताजनक स्थिति है। पुलिस अधिकारी विभाजन पैदा कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों की पहचान कर उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है। याचिकाकर्ता के वकील सी यू सिंह ने दलील दी कि शासन का आदेश समाज को बांटने जैसा है। यह एक तरह से अल्पसंख्यक दुकानदारों को पहचानकर उनके आर्थिक बहिष्कार जैसा है।इनमें यूपी और उत्तराखंड ऐसा कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- यह एक प्रेस वक्तव्य था या एक आदेश? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पहले एक प्रेस बयान आया था। फिर सार्वजनिक आक्रोश हुआ। राज्य सरकार कहती है “स्वेच्छा से”, लेकिन वे इसे सख्ती से लागू कर रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं किया गया। इसका कोई वैधानिक समर्थन नहीं है। कोई भी कानून पुलिस कमिश्नर को ऐसा करने का अधिकार नहीं देता।
सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण किया पेश, देश की जीडीपी 6.5-7% रहने का अनुमान*
#economic_survey_budget_2024
आज से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हुई है। इस दौरान विपक्ष, सरकार को घेरने की पूरी कोशिश कर रहा है। सदन में पेपर लीक के मामले ने तूल पकड़ा हुआ है। इन सबके बीच लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्ती य वर्ष 2023-24 का आर्थिक सर्वे सोमवार को सदन में पेश किया। इस आर्थिक सर्वे में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान देश की वास्तविक जीडीपी या वृद्धि दर 6.5-7% रहने का अनुमान जताया है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि पूंजीगत व्यय पर सरकार के जोर और निजी निवेश में निरंतर गति से पूंजी निर्माण वृद्धि को बढ़ावा मिला है। सकल स्थायी पूंजी निर्माण में 2023-24 में वास्तविक रूप से 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार देश का राजकोषीय घाटा (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में 1.6 प्रतिशत अंक बढ़ा। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने कहा है कि सेवा क्षेत्र एक प्रमुख रोजगार प्रदाता बना हुआ है वहीं निर्माण क्षेत्र भी हाल ही में प्रमुखता से बढ़ रहा है, जो बुनियादी ढांचे के लिए सरकार की ओर की गई पहल नतीजा है। सर्वे के अनुसार खराब ऋणों की विरासत के कारण पिछले एक दशक में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन कम हुआ पर 2021-22 की तुलना में इसमें सुधार हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को बहुप्रतीक्षित केंद्रीय बजट 2024-25 के अनावरण से ठीक पहले सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। बता दें कि आम चुनाव 2024 से पहले इसी साल 1 फरवरी को पेश किया गया आम बजट अंतरिम बजट था, इसलिए उस वक्त आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत नहीं किया गया था। इसले इसे भी पेश किया गया है।मंगलवार को पेश किए जाने वाले केंद्रीय पूर्ण बजट 2024 से पहले सोमवार को ही आर्थिक सर्वेक्षण को दोपहर 2 बजे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। *क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?* हर साल केंद्र सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है, जिसे वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा तैयार किया जाता है। इसे देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है। सर्वे के तैयार हो जाने के बाद वित्त सचिव इसकी जांच करते हैं, तथा उसके बाद वित्तमंत्री से अंतिम स्वीकृति ली जाती है। केंद्र सरकार द्वारा बजट से पहले पेश किया जाने वाला आर्थिक सर्वेक्षण अहम दस्तावेज होता है। आर्थिक सर्वे को पिछले वित्तीय वर्ष हुई आमदनी और खर्चे की समीक्षा के आधार पर तैयार किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए सरकार देश की अर्थव्यवस्था वित्तीय स्थिति की बारे में जानकारी देती है। आर्थिक सर्वे से हमें पता चलता है कि किसी खास वित्तीय वर्ष के दौरान देश में विकास का रुख कैसा रहा। किस क्षेत्र से कमाई हुई और सरकार की योजनाएं किस तरह लागू की गईं
संसद के मानसून सत्र का हंगामेदार आगाज, नीट पेपर लीक मामले पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने

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संसद का मानसून सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा है। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नीट यूजी परीक्षा के कथित पेपरलीक के मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नीट मुद्दे पर बयान दे रहे थे, जिस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नीट पेपर लीक को लेकर सरकार पर निशाना साधा। विपक्ष का आरोप है कि नीट विवाद की वजह से कई छात्रों की मौत हुई। 

पेपर लीक के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पिछले 7 साल में एक भी पेपर लीक का सबूत नहीं हैं। हां कुछ जगहों पर गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में कुछ नहीं छिपा रही।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नीट मुद्दे पर अपनी बात रखी और कहा कि नीट विवाद से लाखों छात्र प्रभावित हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि परीक्षा व्यवस्था में बड़ी खामियां हैं और पैसे के बल पर सौदा संभव है। राहुल गांधी ने कहा, ये देश के लिए जानना जरूरी है कि हमारी परीक्षा सिस्टम में दिक्कत है नीट ही नहीं सबक जगह ये समस्या है। मुझे नहीं लगता कि शिक्षा मंत्री कुछ समझ पा रहे हैं। अभी जो रहा है उससे देश चिंतित है, भारतीय परीक्षा सिस्टम फ्रॉड है। लाखों लोगों का मानना है कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है तो आप इंडियन एग्जामिनेशन सिस्टम को खरीद सकते हैं। आप क्या कर रहे हैं, सिस्टेमिक लेवल पर क्या कर रहे हैं।

राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरी परीक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाना गलत है। मुझे जनता ने चुनकर सदन में भेजा है और मुझे किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।देश के प्रजातंत्र में मेरे नेता मोदी को पीएम की भूमिका दी है, उनके निर्णय से यहां सदन से उत्तर दे रहा हूं। चिल्लाने से सच झूठ नहीं हो सकता है, देश का पूरा परीक्षा सिस्टम खराब है,रबीश है... इससे दुर्भाग्यजनक बयान देश के नेता प्रतिपक्ष का कुछ नहीं हो सकता है, मैं इसकी निंदा करता हूं। जिन्होंने रिमोट से सरकारें चलाई हैं, शिक्षा सुधार के लिए कपिल सिब्बल ने तीन बिल लाए थे।'

*संसद सत्र से पहले विपक्ष पर बरसे पीएम मोदी, कहा-जितनी लड़ाई लड़नी थी, लड़ ली; अब सिर्फ देश के लिए काम करें

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संसद का बजट सत्र आज (22 जुलाई) से शुरू हो रहा है। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज सावन का पहला सोमवार है। इस पावन दिन पर एक महत्वपूर्ण सत्र की शुरुआत हो चुकी है। इस सत्र पर देश की नजर रहेगी। तीसरी पारी का पहला बजट रखने का सौभाग्य प्राप्त हो, ये भारत के लोकतंत्र की गौरवयात्रा की अत्यंत गरिमापूर्ण यात्रा के रूप में देश इसे देख रहा है।देश बहुत बरीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नीव रखने वाला हो।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये बजट सत्र है, मैं देशवासियों को जो गारंटी देता रहा हूं उन गारंटियों को जमीन पर उतारना इस लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। ये अमृतकाल का मह्तवपूर्ण बजट है। ये अगले 5 साल का दिशा भी तय करेगा और 2047 के सपने को पूरा करने के लिए मजबूत नींव लेकर हम कल देश के सामने आएंगे।

सभी सांसदों से की खास अपील

मैं देश के सभी सांसदों से आग्रह पूर्वक करना चाहता हूं कि हम गत जनवरी से लेकर हमारे पास जितना सामर्थ्य था जिनती लड़ाई लड़नी थी लड़ ली, जनता को सबकुछ बताया। किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया, किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया, वो दौर अब समाप्त हो गया, देशवासियों ने अपना निर्णय दे दिया, अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि हमने दल के लिए जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली अब आने वाले 5 साल के लिए हमें देश के लिए लड़ना है, देश के लिए जीना है। एक और नेक बनकर जूझना है। मैं सभी राजनीतिक दलों से भी कहूंगा कि आइए हम आने वाले चार साढ़े 4 साल दल से ऊपर उठकर सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद के इस गरिमापूर्ण मंच का हम उपयोग करें। जनवरी 2029 जब चुनाव का वर्ष होगा आप इसके बाद जाइए मैदान में सदन का उपयोग करना है कर लीजिए 6 महीने जो खेल खेलना है खेल लीजिए लेकिन तबतक देश और देश के गरीब और किसान, युवा, महिलाएं उनके सामर्थ्य के लिए ताकत देने के लिए जनभागीदारी का एक जन आंदोलन खड़ा करना होगा

हमें यहां देश के लिए हैं, दल के लिए नहीं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं भेजा है। ये सदन दल के लिए नहीं, देश के लिए है। मुझे विश्वास है कि हमारे सभी सांसद पूरी तैयारी के साथ चर्चा को समृद्ध करें, कितने ही विरुद्ध विचार होंगे। देश को नकारात्मकता की जरूरत नहीं है बल्कि देश को प्रगति की विचारधारा से आगे बढ़ाना है। हम लोकतंत्र के इस मंदिर से भारत की सामान्य मानविकी की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।

सभी को विचारों को प्रकट करने का मौका मिले-पीएम मोदी

आज दुख के साथ कहना चाहता हूं कि 2014 के बाद कुछ सांसद एक साल के लिए आए कुछ को दो मौका मिला बहुत सारे सांसद ऐसे थे जिसे अपनी बात कहने का मौका नहीं मिला, दलों की नकारात्मक राजनीतिक ने एक एक सांसद के महत्वपूर्ण समय को राजनीतिक विफलताओं को ढंकने के लिए किया। मैं सभी दलों से आग्रह करता हूं कि जो कम से कम पहली बार सदन में आए हैं सभी दल में ऐसे सांसद हैं उनको अवसर दीजिए चर्चा में उनके विचारों को प्रकट करने का मौका दीजिए, ज्यादा से ज्यादा लोगों को आने का मौका दीजिए।