आज का इतिहास:आज के ही दिन बांग्लादेश को पाकिस्तान ने स्वतंत्र राष्ट्र स्वीकार किया


नयी दिल्ली : 1973 में पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली ने आज ही के दिन बांग्लादेश को स्वतंत्र देश स्वीकारने वाला प्रस्ताव पदस जुलाई का दिन कहने को तो 24 घंटे का एक सामान्य सा दिन ही है, लेकिन इतिहास के झरोखे में झांकें तो इस तारीख के नाम पर बहुत सी अच्छी बुरी घटनाएं दर्ज हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण घटना हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश के बारे में है. दरअसल भारत के हाथों 1971 में पाकिस्तान को मिली हार के बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हुआ था, लेकिन पाकिस्तान ने इसे एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने में दो साल का वक्त लगा दिया. 1973 में पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली ने आज ही के दिन बांग्लादेश को स्वतंत्र देश स्वीकारने वाला प्रस्ताव पारित किया. दस जुलाई की तारीख पर इतिहास में दर्ज अन्य घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1246 : नसीरुद्दीन मुहम्मद शाह दिल्ली की गद्दी पर आसीन हुआ.

1624 : हॉलैंड और फ्रांस के बीच स्पेन विरोधी संधि पर हस्ताक्षर.

1848 : न्यूयॉर्क और शिकागो के बीच पहला टेलीग्राफ लिंक शुरू.

1907 : फ्रांस और जापान के बीच चीन की स्वतंत्रता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर.

1946 : राजशाही खत्म होने के बाद इटली गणतांत्रिक राष्ट्र बना.

1965 : महिलाओं के लिए पहला एनसीसी कालेज ग्वालियर में खुला.

1966 : वायु सेना के लड़ाकू विमान ‘मिग’ का महाराष्ट्र के नासिक जिले में निर्माण शुरू.

1972 : मुम्बई के मडगांव बंदरगाह से पूर्ण वातानुकूलित पोत हर्षवर्धन का जलावतरण.

1983 : ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर पुन: प्रधानमंत्री बनीं.

1986 : भारत ने इंग्लैंड को 5 विकेट से हराकर लॉर्ड्स में पहली टेस्ट जीत हासिल की.

1999 : जेनेवा में अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन की शुरुआत.

2002 : पाकिस्तान ने विश्व की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के-2 का नाम बदलकर ‘चोगोरी’ अथवा ‘शाहगोरी’ कर दिया.

2005 : भारत और श्रीलंका में शिक्षा एवं सामुदायिक विकास से सम्बद्ध दो समझौतों पर हस्ताक्षर.

2008 : केन्द्र सरकार ने तीनों सेनाओं के लिए ‘एकीकृत स्पेस सेल’ की घोषणा की.

1875 में आज ही के दिन भारत के पहले ‘स्टॉक एक्सचेंज’ बम्बई स्टाॅक एक्सचेंज की हुई थी स्थापना


नयी दिल्ली : 9 जुलाई का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1875 में आज ही के दिन भारत के पहले स्टॉक एक्सचेंज बम्बई स्टाॅक एक्सचेंज की स्थापना हुई थी। 1944 में 9 जुलाई के दिन ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र कराने के लिए आजाद हिंद फौज का नेतृत्व स्वीकार किया था। 1889 में आज ही के दिन अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल का प्रकाशन शुरू हुआ था।

आज का इतिहास

9 जुलाई का इतिहास इस प्रकार है:

2008 में आज ही के दिन ईरान ने लंबी दूरी तक प्रहार क्षमता वाले नौ प्रक्षेपास्त्रों का परीक्षण किया था।

2007 में 9 जुलाई के दिन भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक हिमांशु जैन को ग्लास साइंस के क्षेत्र में ध्यातत्व कार्य हेतु ओट्टो स्कॉट रिसर्च पुरस्कार दिया गया।

2004 में आज ही के दिन एशियाई विकास बैंक ने आतंकवाद से लड़ने के लिए अपने 42 सदस्य देशों के लिए एक कोष बनाया था।

2002 में 9 जुलाई के दिन ही आर्गेनाइजेशन ऑफ अफ्रीकन यूनिटी का नाम बदलकर अफ्रीकन यूनियन किया गया था।

2001 में आज ही के दिन भारत द्वारा पाक सीमा पर दो चौकियां स्थापित करने की घोषणा की गई थी।

 

1991 में 9 जुलाई के दिन ही दक्षिण अफ्रीका को ओलंपिक खेलों में दोबारा भाग लेने की अनुमति मिली थी।

1972 में आज ही के दिन सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया था।

1969 में 9 जुलाई के दिन ही वन्यजीव बोर्ड की ओर से शेर को देश का राष्ट्रीय पशु चुना गया था।

1951 में आज ही के दिन भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56) की शुरुआत हुई थी।

1944 में 9 जुलाई के दिन ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र कराने के लिए आजाद हिंद फौज का नेतृत्व स्वीकार किया था।

1889 में आज ही के दिन अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल का प्रकाशन शुरू हुआ था।

1877 में 9 जुलाई के दिन ही पहली विंबल्डन टेनिस प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था।

1875 में आज ही के दिन भारत के पहला स्टॉक एक्सचेंज बम्बई स्टाॅक एक्सचेंज की स्थापना हुई थी।

9 जुलाई को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1925 में 9 जुलाई के दिन ही प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक हिंदी फ़िल्मों में गुरु दत्त के नाम से प्रसिद्ध वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण का जन्‍म हुआ था।

1930 में आज ही के दिन फिल्म निर्माता निर्देशक और पटकथा लेखक के. बालाचंदर का जन्‍म हुआ था।

1923 में आज ही के दिन दूसरी लोकसभा के सदस्य मानकभाई अग्रवाल का जन्‍म हुआ था।

1900 में 9 जुलाई के दिन ही मध्य प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल सत्य नारायण सिन्हा का जन्‍म हुआ था।

1819 में आज ही के दिन सिलाई मशीन के आविष्‍कारक एलायस हाउ का जन्‍म हुआ था।

9 जुलाई को हुए निधन

1991 में आज ही के दिन सुप्रसिद्ध शायर शेरी भोपाली का निधन हुआ था।

बेंगलुरु में बस ड्राइवर ने दिखाई हिम्मत, 30 लोगों को जिंदा जलने से बचाया


बेंगलुरु : बेंगलुरु के एमजी रोड पर एक बस में आग लग गई है. जानकारी के अनुसार सभी 30 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

फोटो में साफ दिख रहा है बेंगलुरु की एक व्यस्त सड़क पर जैसे ही ड्राइवर ने इंजन चालू किया, एक सार्वजनिक बस आग की लपटों में घिर गई. बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) के सूत्रों ने बताया कि सतर्क ड्राइवर ने तुरंत कार्रवाई की और बस को खाली कर दिया, जिससे यह सुनिश्चित हो गया कि आग में कोई घायल नहीं हुआ।

बीएमटीसी सूत्रों ने बताया कि एमजी रोड पर जब ड्राइवर ने इंजन का इग्निशन चालू किया तो इंजन में आग लग गई. उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इंजन ज़्यादा गरम हो गया था।

सूत्रों ने बताया कि आग लगने के समय बस में 30 यात्री थे, लेकिन सतर्क चालक ने समय रहते उन्हें बाहर निकाल लिया और अग्निशमन कर्मियों को सूचित किया।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंतराष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण गिरोह का किया भंडाफोड़,इस गिरोह का तार बंगलादेश से जुड़ा हुआ है


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंतराष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण गिरोह को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने 50 साल के एक डॉक्टर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।

 क्राइम ब्रांच के अनुसार इस रैकेट में शामिल लोगों के तार बांग्लादेश से जुड़ा हुआ हैं,जिसमे 3 बंगला देशी नागरिक बताए जाते हैं।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के अनुसार मानव अंग प्रत्यारोपण रैकेट में शामिल लोग हर प्रत्यारोपण के लिए 25 से 30 लाख रुपये तक लेते थे। डोनर और रिसीवर दोनों ही बांग्लादेश से थे। रैकेट में शामिल लोग साल 2019 से मानव अंगों की तस्करी के यह रैकेट चला रहे थे।क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया है कि

गिरफ्तार डॉक्टर ने दो अस्पतालों से प्रैक्टिस और ऑपरेशन किया... सभी कोणों से जांच की जाएगी।" और आरोपियों को सजा दी जाएगी..।

एक मीडिया हाउस के मुताबिक दिल्ली पुलिस का दावा है कि बांग्लादेश से संचालित किडनी रैकेट के सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है।रैकेट में शामिल लोगों ने अब तक उत्तर प्रदेश के नोएडा के एक अस्पताल में करीब 16 मरीजों का ऑपरेशन किया है। 

यह रैकेट बांग्लादेश से राजस्थान तक चलाया जा रहा था। पुलिस के मुताबिक इन डोनर्स को बांग्लादेश से उपचार या फिर जॉब दिलाने के नाम पर यहां लाया जाता था, किडनी निकाल लिया जाता था।

पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमित गोयल ने के मुताबिक गिरफ्तार डॉक्टर जिसकी पहचान की गई है . वह दिल्ली के सरिता विहार के एक अस्पताल में कार्यरत थी। हालांकि, उसने नोएडा के एक अस्पताल में करीब 16 में ऑर्गन ट्रांसप्लांट में मदद की थी। पुलिस की जांच में पता चला था कि डॉक्टर दिल्ली के अस्पताल में पेरोल पर थी। जबकि उक्त अस्पताल ने पे रोल पर होने से इनकार किया है।

अब क्राइम ब्रांच इस पूरे मामले की जांच गंभीरता से कर रही है,और तफ्तीश में इस गिरोह से जुड़े लोगों के पूरा इतिहास खंगाल रही है।

इतिहास के पन्नों में 8 जुलाई : चंद्रशेखर एक दिन में तीन बार अपने विचार नहीं बदलता


नयी दिल्ली : देश के आठवें प्रधानमंत्री रहे चंद्रशेखर का 8 जुलाई 2007 को नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 3 माह 24 दिन ही प्रधानमंत्री के पद पर रहे। राजीव गांधी की जासूसी का आरोप लगा कर कांग्रेस ने चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया। अल्पमत में आने के बाद चंद्रशेखर ने 6 मार्च 1991 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इतने कम समय के बावजूद प्रधानमंत्री के रूप में और एक राष्ट्रीय नेता के रूप में चंद्रशेखर का व्यापक सार्वजनिक जीवन भारतीय राजनीति के लिए उदाहरण बना।

प्रधानमंत्री का पद छोड़ने की घड़ी में भी चंद्रशेखर अपने फैसले पर डंवाडोल नहीं हुए। दरअसल, जब कांग्रेस की तरफ से राजीव गांधी की जासूसी का आरोप लगा कर चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस लेने की बात चल रही थी तो चंद्रशेखर के पास राजीव गांधी का संदेश लेकर शरद पवार पहुंचे। 

शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में इस घटना का उल्लेख करते हुए लिखा कि उन्होंने चंद्रशेखर से कहा कि `कुछ गलतफहमी हुई है और कांग्रेस नहीं चाहती कि आपकी सरकार गिरे…आप इस्तीफा वापस ले लें, हम चाहते हैं कि आप अपने पद पर बने रहें।’

शरद पवार की इस पेशकश पर चंद्रशेखर ने तल्ख भरे लहजे में कहा, `आप प्रधानमंत्री पद का कैसे इस तरह उपहास कर सकते हैं। क्या कांग्रेस वास्तव में यह मानती है कि मैं राजीव की जासूसी के लिए सिपाही भेजूंगा। जाओ उनसे कह दो कि चंद्रशेखर एक दिन में तीन बार अपने विचार नहीं बदलता।’

अन्य अहम घटनाएंः

1497- 170 सदस्यीय दल के साथ समुद्र के रास्ते भारत पहुंचने के लिए वास्को डी गामा यूरोप से रवाना हुए थे।

1776- अमेरिका में कर्नल जॉन निक्सन ने स्वतंत्रता की घोषणा को पहली बार सार्वजनिक रूप से पढ़ा।

1836- महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन शोध करने सेंट हेलेना पर पहुंचे।

1858 – ग्वालियर के किले के पतन के बाद लॉर्ड केनिंग ने सांति की घोषणा की थी।

1889- अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल का प्रकाशन शुरू हुआ।

1918 – भारतीय संविधान में सुधार के लिए मांटेग्यु चेम्सफोर्ड रपट प्रकाशित की गई।

1948- अमेरिकी वायुसेना में महिलाओं की भर्ती शुरू हुई।

1954- प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने विश्व की सबसे बड़ी नहर पंजाब की भाखड़ा-नंगल पर जलविद्युत परियोजना की शुरुआत की।

1975 – म्यांमार में आए भूकंप में हजारों मंदिर ध्वस्त तथा जानमाल की भारी क्षति हुई।

1981- फ्रांस के प्रधानमंत्री मॉरिस ने बैंकों और कुछ बड़े उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया।

1994 – शिमाकी मुकाई जापान की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री बनी।

1999 – पापुआ न्यु गिनी (प्रशान्त महासागरीय देश) प्रधानमंत्री बिल स्कोट का इस्तीफ़ा।

2002 – दक्षिण अफ़्रीका में अश्वेत क्रिकेटरों के लिए कोटा प्रणाली समाप्त।

2003 – सूडान में हुए विमान हादसे में 115 लोग मारे गये।

2005 – जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर समूह-8 के देशों में सहमति बनी।

2008 – पेरिस की सरकार ने बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन को मानद नागरिकता देने का प्रस्ताव किया।

2012- असम में भयावह बाढ़ ने विश्व प्रसिद्ध काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के 13 गैंडों समेत 500 से अधिक वन्य प्राणियों को लील लिया।

जन्म

1991 – अनीता कुंडू – भारत की प्रसिद्ध पर्वतारोही हैं।

1980 – चेतन आनंद – भारत के प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाडी हैं।

1972 – सौरव गांगुली – भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान।

1958 – नीतू सिंह – फिल्म अभिनेत्री।

1949 – गेगोंग अपांग – अरुणाचल प्रदेश से भारतीय राजनीतिज्ञ हैं।

1949 – वाई. एस. राजशेखर रेड्डी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे, जो आंध्र प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री रहे।

1946 – गिरिजा व्यास – राष्ट्रीय महिला आयोग की दो कार्यकाल तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रही हैं।

1939 – गंगा प्रसाद – भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं।

1937 – गिरिराज किशोर – हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार, सशक्त कथाकार, नाटककार और आलोचक।

1914 – ज्योति बसु – भारतीय मार्क्सवादी राजनितिज्ञ, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री।

1912 – बनारसी दास – भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।

1909 – विष्णु डे – ज्ञानपीठ पुरस्कार (1971) से सम्मानित बांग्ला साहित्यकार थे।

1898 – पी. एस. कुमारस्वामी राजा – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे।

निधन

2021 – वीरभद्र सिंह – हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं।

2020 – जगदीप – भारतीय सिनेमा के मशहूर हास्य अभिनेता थे।

2018 – एम. एम. जेकब – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे।

2007 – चन्द्रशेखर – भारत के 9वें प्रधानमंत्री।

2003 – सुभाष मुखोपाध्याय – भारत के बांग्ला कवि और साहित्यकारों में से एक थे।

26 दिन बाद चीन से आया नेवी अफसर का पार्थिव शरीर , बेसुध पत्नी बोली- आपको सही सलामत भेजा था, बुजुर्ग मां और बच्चों का रो रोकर बुरा हाल


आगरा:- 26 दिन के लंबे इंतजार के बाद चीन से मर्चेंट नेवी अफसर अनिल कुमार का पार्थिव शरीर आगरा स्थित घर पहुंची. एंबुलेंस से जैसे ही डेड बॉडी को घर लाया गया परिजनों में कोहराम मच गया. पत्नी और बुजुर्ग मां और दोनों बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है. बेसुध पत्नी सिर्फ यही बोले जा रही है कि, आपको सही सलामत भेजा था. अब आप इस तरह आए हैं.

परिवार ने मर्चेंट नेवी अफसर की मौत के बाद पार्थिव देह जल्द से जल्द भारत लाने के लिए पीएम मोदी से गुहार लगाई थी. इसके बाद आगरा सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत की. जिसके बाद अब मर्चेंट नेवी अफसर की पार्थिव देह रविवार सुबह भारत लाया जा सका.

बता दें कि, शहर के शाहगंज थाना इलाके के चाणक्य पुरी में साईं धाम रेजीडेंसी में रहने वाले 49 साल के अनिल कुमार श्रीवास्तव मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर थे. अनिल कुमार एमवीजीएच नाइटिंगेल में मुख्य अभियंता थे. जहाज ड्राइंग डॉकिंग के लिए चीन के झेजियांग प्रांत के झोउशान शहर में था.

बीते 11 जून की देर रात अनिल की तबीयत बिगड़ी. जिसके बाद उन्हें झोउशान अस्पताल में भर्ती कराया गया. रातभर इलाज के बाद सुबह अनिल कुमार को अस्पताल से छुटटी मिल गई. लेकिन उसी दिन दोपहर में अनिल के सीने में तकलीफ के बाद दोबारा अस्पताल भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

मर्चेंट नेवी अफसर अनिल कुमार के परिवार में पत्नी अंजुलता, बुजुर्ग मां रामकिशोरी श्रीवास्तव और दो बच्चे हैं. उनके मौत की खबर मिलन के बाद से ही परिवार में कोहराम मचा हुआ है.

पत्नी अंजुलता ने पति की कंपनी, भारतीय दूतावास और अन्य अधिकारियों से लगातार संपर्क कर उनसे पति का शव भारत जल्द से जल्द लाने की अपील करती रही. जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क किया. पीएम मोदी से गुहार लगाई थी. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने जब विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की उसके बाद उम्मीद जगी.

अनिल कुमार श्रीवास्तव का शव घर आने पर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय भी परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे. उन्होंने परिजन से बात की. इस दौरान अनिल कुमार श्रीवास्तव की पत्नी अंजुलता ने चीन सरकार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. कहा कि, चीन सरकार की वजह से ही परिवार 25 दिन से पति की पार्थिव देह आने का इंतजार कर रहा था।

दिल्ली से अपहरण कर छात्र को लाए बागपत, फिर पीट-पीट कर उतार दिया मौत के घाट

बागपत:- दिल्ली के करतारपुर गांव में रहने वाले छात्र हिमांशु शर्मा की बागपत के पाबला गांव में शनिवार को पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी. हत्या का आरोप दोस्तों पर लगा है. पुलिस दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

बताया जा रहा है कि बागपत के पाबला गांव में दिल्ली के करतारपुर में रहने वाले हिमांशु शर्मा (22 वर्ष) को दोस्तों ने फोन करके बुलाया. इसके बाद उन्होंने हत्या की वारदात को अंजाम दिया. 

हिमांशु का ताऊ सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि हिमांशु को पहले दोस्तों ने बेरहमी से पीटा. पिटाई के बाद घायल को बागपत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान हिमांशु शर्मा की मौत हो गई.

पुलिस के मुताबिक, ग्रामीणों ने बताया कि करतारपुर गांव में रहने वाले पाबला गांव के युवकों की भांजी और हिमांशु शर्मा में दोस्ती थी. इससे पाबला गांव के कुछ युवक हिमांशु से नाराज थे. उन्होंने हिमांशु का दिल्ली से अपहरण किया. इसके बाद उसे लेकर बागपत पहुंचे और उसे मौत के घाट उतार दिया. पुलिस सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है.

पुलिस ने हिमांशु के परिजनों के भी बयान लिये हैं. इसके अलावा हिरासत में लिये गये दोनों लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है. आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों ने थाने में हंगामा भी किया. हिमांशु शर्मा बीएस सेकंड ईयर में पढ़ रहा था.

आज का इतिहास:1999 में आज ही के दिन ही भारतीय सैनिक विक्रम बत्रा का हुआ था निधन आइए जानते है 7 जुलाई की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में


नयी दिल्ली : 7 जुलाई का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1981 में आज ही के दिन क्रिकेट के सफलतम खिलाड़ी और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का जन्म हुआ था। 1985 में 7 जुलाई को ही 17 साल में बोरिस बेकर ने विंबलडन जीता था।

1999 में फ्रांसीसी वैज्ञानिकों की ओर से पेचिस के नए टीके की खोज की थी। 2003 में आज ही के दिन यूनाइटेड कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ अर्मेनिया का गठन हुआ था। 

7 जुलाई का इतिहास इस प्रकार है :

2013 में 7 जुलाई को ही विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में नोवाक जोकोविच को हराकर एंडी मरे इस खिताब पर कब्जा जमाने वाले इंग्लैंड के पहले प्लेयर बने थे।

2012 में आज ही के दिन रूस में भयंकर बाढ़ आने से 140 लोगों की मौत हो गई थी।

2008 में आज ही के दिन काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले में 41 लोगों की मृत्यु हो गई थी।

2003 में 7 जुलाई को ही नासा के ऑपर्च्युनिटी अंतरिक्ष यान ने मंगल ग्रह के लिए उड़ान भरी थी।

2003 में आज ही के दिन यूनाइटेड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ अर्मेनिया का गठन हुआ था।

1999 में 7 जुलाई को ही फ्रांसीसी साइंटिस्ट द्वारा पेचिस के नए टीके की खोज की गई थी।

1985 में 7 जुलाई को ही बोरिस बेकर ने विंबलड़न जीता था।

1978 में आज ही के दिन सोलोमन द्वीप ने यूनाइटेड किंगडम से अपनी आजादी का ऐलान किया था।

1948 में 7 जुलाई को ही स्वतंत्र भारत की पहली बहुउद्देशीय परियोजना हुई थी

1948 में आज ही के दिन दामोदर घाटी निगम की स्थापना हुई थी।

1930 में आज ही के दिन ब्रिटिश लेखक आर्थर कॉनन डॉयल का निधन हुआ था।

1799 में 7 जुलाई को ही महाराजा रणजीत सिंह ने लाहौर पर कब्जा किया था।

7 जुलाई को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1981 में आज ही के दिन क्रिकेट के सफलतम खिलाड़ियों में शुमार और कैप्टन कूल के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी का जन्म हुआ था।

1959 में आज ही के दिन भारतीय एवं विदेशी शोध-पत्रिकाओं में प्रकाशित अशोक कुमार सिंह का जन्म हुआ था।

1914 में 7 जुलाई को ही प्रसिद्ध संगीतकार अनिल बिस्वास का जन्म हुआ था।

1883 में 7 जुलाई के दिन ही प्रसिद्ध साहित्यकार चन्द्रधर शर्मा गुलेरी का जन्म हुआ था।

7 जुलाई को हुए निधन

2014 में आज ही के दिन हिंदी और रूसी साहित्‍य के आधुनिक सेतु निर्माताओं में से एक मदन लाल मधु का निधन हुआ था।

2011 में 7 जुलाई को ही उर्दू भाषा के प्रसिद्ध लेखक व शायर अब्दुल क़ावी देसनावी का निधन हुआ था।

1999 में 7 जुलाई के दिन ही भारतीय सैनिक विक्रम बत्रा का निधन हुआ था।

1758 में आज ही के दिन आधुनिक त्रावणकोर के निर्माता राजा मार्तंड वर्मा का निधन हुआ था।

आज 61वें जन्मदिन पर विशेष : कभी वैक्यूम क्लीनर बेचते थे राकेश ओमप्रकाश मेहरा, ऐसे बने नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म मेकर


नयी दिल्ली : राकेश ओम प्रकाश मेहरा एक भारतीय फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक हैं। वह हिंदी सिनेमा में फिल्म रंग दे बसंती और भाग मिल्खा भाग फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। 

पृष्ठभूमि

राकेश ओम प्रकाश का जन्म पंजाबी परिवार में 7 जुलाई 1963 को नई दिल्ली में हुआ था। ऊके पिता दिल्ली के एक होटल में कार्यरत थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल से पूरी की है।  

शादी

वर्ष 1992 में राकेश ओम प्रकाश की शादी पी.एस भारती से हुई। उनके एक बेटा और बेटी है। उनके बेटे का नाम वेदांत मेहरा है।  

करियर

राकेश ओमप्रकश ने अपने करियर की शुरआत साल 1986 में एक एडवरटाइजिंग वेंचर से की। इस एडवरटाइजिंग कंपनी के तहत उन्होंने कई एड बनाये जिनमे कोक,पेप्सी ,टोयटा अमेरिकन एक्सप्रेस,और बीपीएल हैं। उस दौरान उन्होंने मेगास्टार अमिताभ बच्चन अभिनति वीडियो अबे बेबी भी निर्देशित किया था।  

साल 2001 में उन्होंने फिल्म मेगास्टार अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म अक्स का निर्देशन किया। फिल्म ने बॉक्सऑफिस पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया। इस फिल्म में आलोचकों ने अमिताभ के अभिनय की बेहद सरहाना की।  

इसके बाद राकेश ने आमिर खान स्टारर फिल्म रंग दे बसंती निर्देशित की। इस फिल्म ने बॉक्सऑफिस के साथ-साथ वर्डवाइड बेहद अच्छी कमाई की। साथ ही इस फिल्म को फिल्मफेयर और राष्ट्रिय पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा इस फिल्म को बेस्ट फॉरिन लैंग्वेज अवार्ड से भी नवाजा गया। और इस फिल्म की स्क्रीनिंग भी ऑस्कर में हुई थी।  

उसके बाद साल 2006 में उन्होंने दिल्ली 6 निर्देशित की यह उनकी अब तक की ऐसी फिल्म थी जिसने बॉक्स-ऑफिस पर खास नहीं की की और साथ ही फ्लॉप साबित हुई। साल 2013 में मेहरा ने भाग मिल्खा भाग निर्देशित की। यह एक बायोपिक थी, इस फिल्म में फरहान अख्तर और सोनम कपूर मुख्य भूमिका में नजर आये थे। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की, साथ ही कई अवार्ड्स भी अपने नाम किये थे। फ़िलहाल मेहरा मार्जिया फिल्म की शूटिंग और पटकथा लेखन में व्यस्त हैं। इस फिल्म से अभिनेता अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन कपूर हिंदी सिनेमा में एंट्री करेंगें। 

प्रसिद्ध फ़िल्में

अक्स, भाग मिल्खा भाग, दिल्ली 6, रंग दे बसंती

जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरू, इस दिन गुंडीचा मंदिर पहुंचेंगे भगवान, देखें 10 दिन का पूरा शेड्यूल


नयी दिल्ली : भगवान जगन्नाथ आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से दशमी तक जन सामान्य के बीच रहते हैं. इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजकर गुंडीचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं. इस तरह जगन्नाथ रथ यात्रा का यह भव्य आयोजन 10 दिन तक चलता है. यह भव्य आयोजउड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज से शुरू हो रही है. इस रथ यात्रा का आयोजन हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से होता है. भगवान जगन्नाथ आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से दशमी तिथि तक जन सामान्य के बीच रहते हैं. इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजकर गुंडीचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। कहते हैं कि रथ यात्रा के दर्शन मात्र से 1000 यज्ञों का पुण्य फल मिल जाता है. आइए आपको घर में भगवान जगन्नाथ की पूजा, महाप्रसाद के साथ-साथ रथ यात्रा का पूरा शेड्यूल बताते हैं.

रथ यात्रा में सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम जी चलते हैं. बलराम जी के पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा और सुदर्शन चक्र होते हैं. अंत में गरुण ध्वज पर श्री जगन्नाथ जी सबसे पीछे चलते हैं. स्कंद पुराण में स्पष्ट कहा गया है कि रथ यात्रा में जो व्यक्ति श्री जगन्नाथ जी के नाम का कीर्तन करता हुआ गुंडीचा नगर तक जाता है, वह पुनर्जन्म चक्र से मुक्त हो जाता है. जो व्यक्ति भगवान के नाम का कीर्तन करता हुआ रथ यात्रा में सम्मिलित होता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

भगवान जगन्नाथ का महाप्रसाद

भगवान जगन्नाथ जी छह बार महाप्रसाद चढ़ाया जाता है. भोजन में सात विभिन्न प्रकार के चावल, चार प्रकार की दाल, नौ प्रकार की सब्जियां और अनेक प्रकार की मिठाइयां परोसी जाती हैं. मीठे व्यंजन तैयार करने के लिए यहां शक्कर की बजाए अच्छे किस्म का गुड़ प्रयोग में लाया जाता है. आलू टमाटर और फूलगोभी का उपयोग मंदिर में नहीं होता है.

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घर में कैसे करें भगवान जगन्नाथ की पूजा?

जिन लोगों के लिए पुरी की रथ यात्रा में जाना संभव नहीं है, वो घर पर ही भगवान जगन्नाथ की उपासना कर सकते हैं. भगवान जगन्नाथ को भोग लगाएं और उनके मंत्रों का जाप करें. घर के पूजा स्थान पर श्री जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा की प्रतिकृति स्थापित करें. उन्हें सात्विक भोग लगाएं. भोग में तुलसी दल जरूर डालें. इसके बाद श्री जगन्नाथ जी की स्तुति करें. या हरि नाम या महामंत्र का संकीर्तन करें. इस दिन घर में पूरी तरह सात्विकता बनाए रखें.

जगन्नाथ रथ यात्रा का संभावित कार्यक्रम

रविवार, 7 जुलाई 2024

भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा को रथों में विराजमान कराया जाएगा और वे सिंहद्वार से निकलकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में देश की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी इस यात्रा में शामिल होकर भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेंगी.

रथ यात्रा के पहले दिन दोपहर के समय तीनों देवी-देवताओं को एक-एक कर मंदिर से बाहर लाया जाएगा. फिर पुरी के शंकराचार्य रथ की पूजा करेंगे. इसके बाद जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध रस्म 'छेरा पहरा' की जाएगी. इसमें उड़ीसा के महाराज गजपति देवी-देवताओं और रथों के चारों ओर सोने की झाड़ू से सफाई करेंगे. इस झाड़ू से रथ का मंडप साफ किया जाएगा. फिर उसी झाड़ू से रथ के लिए रास्ता भी साफ होगा. शाम के समय श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के रथ को खींचना शुरू करेंगे.

सोमवार, 8 जुलाई 2024

8 जुलाई की सुबह फिर से रथ को आगे बढ़ाया जाएगा. पुरी मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि रथ सोमवार को गुंडीचा मंदिर पहुंचेंगे. यदि किसी कारणवश इसमें देरी होती है तो रथ मंगलवार को मंदिर पहुंचेंगे.

8-15 जुलाई 2024

भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के रथ गुंडिचा मंदिर में रहेंगे. यहां उनके लिए कई प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी इसका पूरी तरह से पालन किया जाता है.

16 जुलाई 2024

इस दिन रथ यात्रा का समापन हो जाएग और तीनों देवी-देवता वापस जगन्नाथ मंदिर लौट जाएंगे.