रविवार को शोक के माह मोहर्रम का दिखा चांद-आज होगी पहली मोहर्रम
प्रयागराज। गम मनाने को माहे मोहर्रम का चांद आज दिखाई दिया मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में गलियों ,अजाखानों व घरों की छतों पर लाल हरे और काले परचम लहराने लगे।अजाखानों व इमामबाड़ो में अकीदत और ऐहतेराम के साथ अलम नसब कर दिए गए।वहीं ताबूत ताजिÞया और छै माह के हजरत अली असगर की निशानी झूला भी सजा कर इमामबाड़ों में रख दिया गया।
इमामबाड़ों में सज गया अलम ताबूत ताजिÞया और अली असगर का झूला
महिलाओं ने सुहाग की चूड़ियां तोड़ कर काले लिबास पहन लिए वहीं ज्यादातर पुरुष ने भी लाल गुलाबी और पीले वस्त्र को त्याग कर काले या सादे रंगों के कपड़े धारण कर लिए।दो माह और आठ दिनों तक शिया समुदाय के यहां खुशियों पर ग्रहण लग गया।अन्जुमन गुन्चा ए कासिमया बख्शी बाजार के प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार इस ६७ दिवसीय गम के दिनों में न तो कहीं शादी विवाह होगी न ही कोई एक दूसरे को खुशी के मौके पर मुबारकबाद देगा और न ही किसी के जन्मदिन पर बधाई संदेश देगा।अस्करी ने बताया सोमवार 8 जुलाई को पहली मोहर्रम पर प्रात: काल से मजलिस का दौर शुरू हो जाएगा जो देर रात तक जारी रहेगा।
अजाखानों व घरों के छतों पर लहराने लगे हरे लाल और काले परचम
बख्शी बाजार स्थित इमामबाड़ा नजीर हुसैन में सबसे पहली मजलिस होगी उसके बाद हाथा स्व खुरशैद हुसैन में फिर स्व जव्वार हुसैन व स्व अबरार हुसैन के अजाखाना पर वहीं रौशन बाग में इमामबाड़ा मतलूब हुसैन,काजी गंज ताहिरा हाऊस में और फिर चक जीरो रोड पर डिप्यूटी जाहिद हुसैन में दिन में ११ बजे मजलिस होगी वहीं रानीमंडी ,करैली ,करैलाबाग ,शाहगंज दरियाबाद आदि सैकड़ों अजाखानों पर सिलसिलेवार मजलिस होगी जो देर रात तक जारी रहेगी।
बख्शी बाजार के पतंग बनाने वाले अच्छू के यहां ताजिÞया खरीदारों ने एक माह पहले से ताजिÞया कि की बुकिंग
मोहर्रम पर इमामबाड़ों व इमाम चौक पर ताजिया रखने की रवाएत के मुताबिक बख्शी बाजार के ताजिया शिल्पी अच्छू भाई के यहां हर साइज के ताजिÞया खरीदारों की इन दिनों भीड़ उमड़ रही है। ज्यादातर लोगों ने एक माह पहले ही ताजिया बना कर रखने को बुकिंग कर ली थी और ताजिया बनाने वाले अच्छू भाई का कहना है कि सस्ते और आकर्षक ताजिÞये त्यार हैं जो भी अकीदतमंद आता है उसे छोटे बड़े ताजिये के हिसाब से सिर्फ खर्च हुए पैसों में ताजिया दे दिया जाता ।साल भर पतंग से कमाई हो जाती है इस लिए इमाम हुसैन के नाम पर वह सिर्फ लागत हुए सामान का खर्च ही लेते हैं ।
Jul 07 2024, 20:38