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तमिलनाडु की पटाखा फैक्टरी में विस्फोट, 4 लोगों की हुई मौत, CM ने मुआवजे का किया ऐलान*
डेस्क: जिले में शनिवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा देखने को मिला। दरअसल, यहां एक पटाखा बनाने वाली फैक्टरी में अचानक विस्फोट हो गई। इस हादसे में चार मजदूरों के मौत होने की भी जानकारी मिली है। वहीं एक अन्य व्यक्ति के घायल होने की सूचना है। पुलिस ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। घटना आज सुबह की बताई जा रही है। घटना के बाद सीएम एम. के. स्टालिन ने दुख व्यक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजा राशि की भी घोषणा की है। चार मजदूरों की हुई मौत जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पटाखा बनाने वाली फैक्टरी में शनिवार की सुबह विस्फोट होने की जानकारी मिली। इस विस्फोट के बाद चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पटाखा बनाने वाली फैक्टरी में विस्फोट और आग लगने का कारण पटाखा बनाने के लिए लगने वाले रासायनिक पदार्थों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाना बताया जा रहा है। आगे उन्होंने बताया कि पटाखा बनाने वाली फैक्टरी के पास मौजूद एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया है। वहीं आस-पास की इमारतों और अन्य कमरों को भी नुकसान पहुंचा है। सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान इस इस दर्दनाक घटना के बाद सीएम एम. के. स्टालिन ने भी दुख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की है। सीएम एम. के. स्टालिन ने घटना पर दुख जताते हुए चारों मृत मजदूरों के परिवार को मुआवजे के रूप में तीन-तीन लाख रुपये देने की घोषणा की है। बताया जा रहा है कि विस्फोट 29 जून की सुबह विरुधुनगर जिले के सत्तूर तालुक के पंथुवरपट्टी गांव स्थित एक पटाखा बनाने वाली फैक्टरी में हुआ था। मृतकों की पहचान अचनकुलम गांव के 45 वर्षीय राजकुमार, नाडुसुरनकुडी के मारिसमी (40), वेम्बकोट्टई के सेल्वाकुमार (35) और मोहन (30) के रूप में हुई है।
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कोर्ट ने NEET मामले में गिरफ्तार गोधरा के 4 आरोपियों को CBI कस्टडी में भेजा, खुलेंगे कई बड़े राज!
डेस्क: गुजरात के गोधरा में 5 मई को NEET-UG परीक्षा में अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में कोर्ट ने शनिवार को आरोपियों को 4 दिनों की CBI हिरासत में भेज दिया। बता दें कि सीबीआई ने पंचमहल जिले के गोधरा में हुई अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार 5 लोगों में से 4 लोगों की रिमांड की अपील की थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। माना जा रहा है कि आरोपियों तुषार भट्ट, विभोर आनंद, आरिफ वोरा और पुरूषोत्तम शर्मा से पूछताछ में बड़े खुलासे हो सकते हैं।
CBI ने मांगी थी 5 में से 4 आरोपियों की रिमांड
इससे पहले CBI के वकील ध्रुव मलिक ने जिला अदालत को सूचित किया था कि गुजरात पुलिस ने पहले जांच की है, लेकिन एजेंसी को इन आरोपियों को हिरासत में लेने की जरूरत है क्योंकि वह नये सिरे से जांच कर रही है। गुजरात पुलिस ने 8 मई और उसके बाद वाले सप्ताह में जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें से स्कूल शिक्षक तुषार भट्ट, जय जालाराम स्कूल के प्राचार्य पुरुषोत्तम शर्मा तथा बिचौलियों विभोर आनंद और आरिफ वोहरा की रिमांड की CBI मांग कर रही थी। CBI ने शिक्षा सलाहकार परशुराम रॉय की रिमांड की मांग नहीं की। सभी पांचों लोग गोधरा उपजेल में बंद थे।
जज ने रिमांड आवेदन पर जताई थी आशंका
बता दें कि पंचमहल के प्रधान जिला न्यायाधीश सीके चौहान ने CBI की रिमांड आवेदन पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा था कि पुलिस या जांच एजेंसियां गिरफ्तारी के बाद शुरुआती 15 दिनों से अधिक किसी आरोपी की हिरासत की मांग नहीं कर सकतीं। उन्होंने CBI बनाम अनुपम कुलकर्णी मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1992 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि गिरफ्तारी के 15 दिन बीत जाने के बाद नई रिमांड तभी दी जा सकती है, जब आरोपी उस अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती था या उसने शुरुआती रिमांड के दौरान सहयोग नहीं किया।
CBI के वकील ने दी थी जोरदार दलील
हालांकि CBI के वकील मलिक ने दलील दी थी कि यदि जज को उचित लगे तो गिरफ्तारी के पहले 15 दिन से अधिक रिमांड दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत दी जा सकती है। मलिक ने अदालत को सूचित किया था कि सीबीआई गुजरात, राजस्थान, बिहार, दिल्ली तथा झारखंड में बड़ी साजिश की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि अब रिमांड मिलने के बाद सीबीआई की पूछताछ में इस मामले की कई परतें खुल सकती हैं।
ममता बनर्जी के खिलाफ गवर्नर बोस ने दाखिल किया मानहानि का मुकदमा, बंगाल में सियासी हलचल तेज
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शुक्रवार (28 जून) को कलकत्ता उच्च न्यायालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि महिलाओं ने उनसे शिकायत की थी कि राजभवन में होने वाली गतिविधियों के कारण उन्हें वहां जाने में डर लगता है। गवर्नर बोस ने इससे पहले दिन में बनर्जी की टिप्पणी की आलोचना की थी और कहा था कि जनप्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे “गलत और निंदनीय धारणा” न बनाएं।
सूत्र ने बताया कि बंगाल के गवर्नर ने भी इसी तरह की टिप्पणी करने के लिए कुछ टीएमसी नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। राज्य सचिवालय में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान बनर्जी ने गुरुवार को दावा किया कि "महिलाओं ने उन्हें बताया है कि वे राजभवन में हाल ही में हुई घटनाओं के कारण वहां जाने से डर रही हैं।" सूत्र ने मीडिया को बताया कि, "राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए मानहानि का मुकदमा दायर किया।" 2 मई को राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी थी।
संपर्क करने पर सत्ताधारी TMC की राज्यसभा सांसद डोला सेन ने कहा कि वह पार्टी नेतृत्व से चर्चा किए बिना इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर पाएंगी। सेन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "वास्तव में क्या हुआ, यह जानने के लिए मुझे अपनी पार्टी के नेतृत्व से बात करनी होगी। यह काफी संवेदनशील मामला है।" वरिष्ठ भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि बोस ने सही निर्णय लिया। सिन्हा ने कहा कि, "मुझे लगता है कि राज्यपाल बोस ने सही निर्णय लिया है। उन्हें यह निर्णय बहुत पहले ले लेना चाहिए था। मैं इसके लिए उनका पूरा समर्थन करता हूं।"
वरिष्ठ CPIM नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि बोस और बनर्जी के बीच झगड़े से राज्य को कोई फायदा नहीं हो रहा है। चक्रवर्ती ने कहा कि, "यह वास्तव में हमें नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसा लगता है कि वे अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को भूल गए हैं। उनके कृत्य राष्ट्रीय स्तर पर पश्चिम बंगाल की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।"
UGC-NET, CSIR और NCET एग्जाम की नई तारीखें हुईं घोषित, जानिए कब है एग्जाम
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने UGC-NET जून 2024 परीक्षा, संयुक्त CSIR UGC NET परीक्षा और NCET (नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) 2024 परीक्षाओं की नई तारीखों का ऐलान कर दिया है। जारी नोटिस के अनुसार, UGC NET जून 2024 परीक्षा 21 अगस्त से 4 सितंबर के बीच आयोजित की जाएगी, संयुक्त CSIR UGC NET 25 जुलाई से 27 जुलाई तक आयोजित की जाएगी और NCET परीक्षा 10 जुलाई को आयोजित की जाएगी।
ये परीक्षाएं कंप्यूटर आधारित होंगी, जिसमें UGC-NET की परीक्षा भी शामिल है, क्योंकि इससे पहले यूजीसी नेट जून 2024 चक्र की परीक्षा पेन और पेपर (ऑफलाइन) मोड में आयोजित की जाती थी। हालांकि, अब यह कंप्यूटर-आधारित टेस्ट (CBT) मोड में आयोजित की जाएगी। अखिल भारतीय आयुष स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (AIAPGET) 2024 निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, यानी 6 जुलाई, 2024 को आयोजित की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए संबंधित उम्मीदवारों को NTA की आधिकारिक वेबसाइट (www.nta.ac.in) देखने की सलाह दी जाती है।
NTA परीक्षाओं के संबंध में अधिक स्पष्टीकरण के लिए, उम्मीदवार 011-40759000 पर संपर्क कर सकते हैं या संबंधित ई-मेल और पर ई-मेल कर सकते हैं। जारी नोटिस के अनुसार, ये परीक्षाएं कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण रद्द या स्थगित कर दी गई हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने 19 जून को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा 18 जून को देश के विभिन्न शहरों में दो पालियों में आयोजित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC-NET) परीक्षा रद्द कर दी। शिक्षा मंत्रालय द्वारा परीक्षा रद्द करने का कारण बताया गया था – “परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और पवित्रता के उच्चतम स्तर को सुनिश्चित करने के लिए, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी जाए।”
नोट - विशेष जानकारी के लिए अधिकृत वेबसाइट भी देखें।
NEET को लेकर राज्यसभा में भी हंगामा, उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले- सरकार मामले की गहन जांच कर रही, टीएमसी सांसद को फटकारा
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने TMC सांसद सागरिका घोष, साकेत गोखले और डेरेन ओ ब्रायन को NEET परीक्षा व अन्य अनियमितताओं से जुड़े पेपर लीक के मुद्दे पर संसद में हंगामा करने के लिए फटकार लगाई। राज्यसभा में TMC का प्रतिनिधित्व करने वाले तीनों सांसद संसद में उस समय हंगामा कर रहे थे, जब उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी उच्च सदन को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने TMC सांसद सागरिका घोष पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या वह सदन में अव्यवस्था फैलाने आई हैं। उन्होंने सांसद साकेत गोखले पर भी निशाना साधते हुए उन्हें उपद्रवी बताया। सदन की कार्यवाही स्थगित करने से ठीक पहले धनखड़ ने कहा कि, "सागरिका घोष, क्या आपको इस उद्देश्य से सदन में आना पड़ा? साकेत, आप वास्तव में खुद के लिए उपद्रवी बन रहे हैं। और श्री डेरेक ओ ब्रायन, आप इस सब के निर्देशक बन रहे हैं।"
धनखड़ ने पहले कहा था कि उन्हें NEET परीक्षा और इसमें शामिल अनियमितताओं पर चर्चा की मांग करते हुए 22 नोटिस प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि, "सरकार मामले की गहन जांच करेगी और दोषियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करेगी। सरकार परीक्षा से संबंधित निकायों में बड़े सुधार स्थापित करने और उनके कामकाज को बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है, NTA का चीफ भी बदल दिया गया है, और उसमे सुधार के लिए समिति बनाई गई है, अब तक 26 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।" दोनों सदनों में विपक्ष का प्रदर्शन जारी रहा और प्रदर्शनकारी दलों ने नीट परीक्षा और पेपर लीक मामले पर चर्चा की मांग की। विपक्षी नेताओं ने संसद के ऊपरी सदन में नारेबाजी की, जिससे सभापति को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
बता दें कि, राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (स्नातक), या NEET-UG, 5 मई को NTA द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने नामांकन कराया था। परिणाम 4 जून को घोषित किए गए, लेकिन उन्हें बिहार जैसे क्षेत्रों में प्रश्नपत्र लीक होने के संदेह के साथ-साथ अन्य अनियमितताओं का सामना करना पड़ा। शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC-NET) और NEET (स्नातकोत्तर) परीक्षाओं को भी रद्द कर दिया, क्योंकि उन्हें रिपोर्ट मिली थी कि उनकी "अखंडता से समझौता किया गया हो सकता है।"
'प्रधानमंत्री ऐसे काम कर रहे हैं जैसे..', 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के एक सप्ताह बाद पीएम मोदी पर सोनिया गांधी ने किया तीखा हमला
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के एक सप्ताह बाद, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार (28 जून) को कहा कि “इस बात का जरा सा भी सबूत नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनादेश को समझा और लाखों मतदाताओं द्वारा उन्हें भेजे संदेश पर विचार किया है।” एक मीडिया संस्थान के लिए लेख लिखते हुए सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री ऐसे काम कर रहे हैं जैसे कुछ बदला ही नहीं है। वे आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं, लेकिन टकराव को महत्व देना जारी रखते हैं।" संसद के संचालन के तरीके को लेकर उन्होंने कहा कि "दुखद रूप से 18वीं लोकसभा के पहले कुछ दिन उत्साहवर्धक नहीं रहे। आपसी सम्मान और सामंजस्य की नई भावना, सौहार्द की बात तो दूर, विकसित होने की कोई भी उम्मीद झूठी साबित हुई है।"
दरअसल, विपक्ष ने शुक्रवार को संसद में दोनों सदनों में NEET को लेकर हंगामा किया, जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला से नीट पर चर्चा की मांग की थी, इस पर अध्यक्ष ने कहा था कि, आप राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में किसी भी विषय पर बोल सकते हैं, आपको अनुमति है। हालाँकि, इसके बाद भी हंगामा जारी रहा। राहुल गांधी ने स्पीकर से दो मिनट मांगे, जिस पर स्पीकर ने कहा कि, आप अपनी पार्टी का पूरा टाइम ले सकते हैं, आप संसदीय मर्यादाओं का पालन करते हुए पूरे डिटेल में बोलिए। दरअसल, परंपरा और संसदीय प्रक्रियाओं के मुताबिक, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ सत्र शुरू होता है, जिसके बाद, लोकसभा और राज्यसभा राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए अलग-अलग धन्यवाद प्रस्ताव पारित करती हैं और फिर बाकी कार्यवाही आगे बढ़ती है। ओम बिरला यही कह रहे थे कि, धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान आप किसी भी मुद्दे पर बोल सकते हैं, लेकिन विपक्ष NEET को लेकर नारेबाजी करता रहा और आखिरकार सदन स्थगित हो गया।
इसी तरह की एक घटना के कारण संसद में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। दरअसल, गत वर्ष मानसून सत्र से ठीक पहले मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न करके पीटे जाने का वीभत्स वीडियो सामने आया था, हालाँकि वो वीडियो कुछ महीने पुराना था, किन्तु उस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने संसद में जमकर हंगामा किया था और कई दिनों तक सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी, राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेता जेट बुक करके वहां गए भी थे। हालाँकि, परसों ही बंगाल में ठीक इसी तरह की घटना घटी है। बंगाल में एक मुस्लिम महिला रोशनआरा खातून को नग्न करके एक घंटे तक पीटा गया, बीच सड़क पर काफी दूर तक घसीटा गया, क्योंकि महिला ने भाजपा का समर्थन किया था। हालाँकि, इस मुद्दे पर किसी सांसद की नज़र नहीं गई। ये संसद में निष्पक्ष रूप से उठाए जाने वाले मुद्दों पर सवाल खड़े करता है? क्या सदन केवल हंगामा करके सरकार को घेरने के लिए है ? या लोगों की समस्या का चर्चा करके सार्थक समाधान निकालने के लिए ? बहरहाल, सोनिया गांधी ने अपने आर्टिकल में दावा किया है कि, INDIA ब्लॉक की पार्टियां टकराव वाला रवैया नहीं अपनाना चाहती हैं।
उन्होंने लिखा कि, 'INDIA ब्लॉक की पार्टियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे टकराव वाला रवैया नहीं अपनाना चाहते हैं। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सहयोग की पेशकश की है। गठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे संसद में उत्पादक होने और इसकी कार्यवाही के संचालन में निष्पक्षता चाहते हैं।' सोनिया गांधी ने आगे कहा कि, "हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी। शुरुआती सबूत अच्छे नहीं हैं, मगर हम विपक्ष में संसद में संतुलन और उत्पादकता बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन लाखों लोगों की आवाज़ सुनी जाए जिन्होंने हमें अपने प्रतिनिधियों के रूप में वहां भेजा है और उनकी चिंताओं को उठाया और संबोधित किया जाए। हम उम्मीद करते हैं कि सत्ता पक्ष आगे आएगा ताकि हम अपने लोकतांत्रिक कर्तव्यों को पूरा कर सकें।"
अल्पसंख्यकों पर भी बोलीं
उन्होंने कहा कि, "भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और धमकी का अभियान एक बार फिर तेज हो गया है। भाजपा शासित राज्यों में, बुलडोजर फिर से महज आरोपों के आधार पर अल्पसंख्यकों (मुस्लिमों) के घरों को ध्वस्त कर रहे हैं, उचित प्रक्रिया का उल्लंघन कर रहे हैं और सामूहिक दंड दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों पर सांप्रदायिक गाली-गलौज और सरासर झूठ बोला, जिसे देखते हुए यह सब आश्चर्यजनक नहीं है। उन्होंने इस डर से भड़काऊ बयानबाजी की थी कि चुनाव उनके हाथ से निकल रहा है, जिससे उनके पद की गरिमा और मर्यादा का अनादर हुआ।"
NEET पेपर लीक में CBI का बड़ा एक्शन, प्रिंसिपल एहसानुल, VC इम्तियाज़ और पत्रकार जलालुद्दीन गिरफ्तार
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हज़ारीबाग के ओएसिस (Oasis) स्कूल के प्रिंसिपल डॉ एहसानुल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज़ आलम के साथ 5 अन्य को NEET पेपर लीक मामले में औपचारिक रूप से गिरफ़्तार किया है। तीन दिन की लंबी पूछताछ के बाद ये गिरफ्तारियां की गईं हैं। इसके अलावा, जांच के तहत एक स्थानीय दैनिक के वरिष्ठ पत्रकार जलालुद्दीन से भी पूछताछ की गई, जिन्हे बाद में अरेस्ट कर लिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकार जलालुद्दीन पर प्रिंसिपल डॉ एहसानुल हक की मदद करने का आरोप है। प्रिंसिपल एहसानुल हक को गत वर्ष CBSE का कोरडीनशर भी बनाया गया था, माना जा रहा है कि, गिरफ्तार किए गए प्रिंसिपल ने CBSE एग्जाम में भी धांधली की हो सकती है।
हक से बुधवार को Oasis स्कूल में कई घंटों तक पूछताछ की गई। इसके बाद उसे आगे की पूछताछ के लिए हजारीबाग के एक गेस्ट हाउस में ले जाया गया। शुक्रवार की सुबह उसे दो घंटे के लिए उसके स्कूल के दफ़्तर में लाया गया। इसके बाद उसे 50 घंटे से ज़्यादा समय तक सीबीआई की हिरासत में रखने के बाद 7 अन्य लोगों के साथ गिरफ़्तार कर लिया गया। ये गिरफ्तारियां केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा NEET-UG परीक्षा पेपर लीक मामले में पटना से दो व्यक्तियों को हिरासत में लेने के एक दिन बाद हुईं, जो इस मामले में एजेंसी द्वारा की गई पहली गिरफ्तारी थी।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार के रूप में हुई है। अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर परीक्षा से पहले उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराए, जहाँ लीक हुए पेपर और उत्तर कुंजियाँ वितरित की गईं। CBI ने नीट पेपर लीक मामले में छह FIR दर्ज की हैं। परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की मंत्रालय की घोषणा के बाद रविवार को पहली FIR दर्ज की गई। यह फैसला प्रदर्शनकारी छात्रों के एक समूह द्वारा CBI जांच की मांग के बाद आया है। CBI ने सोमवार को मामले को अपने हाथ में लेकर कथित परीक्षा अनियमितताओं की जांच शुरू करने के लिए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के कार्यालय पहुंची।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित NEET-UG, भारत भर के सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक प्रवेश परीक्षा है। इस साल की परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर हुई, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे, जिसमें 23 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल हुए।
Jun 29 2024, 21:09