योगी कैबिनेट में 44 प्रस्ताव हुए पास, तीन बड़े शहरों के सीमा विस्तार को मंजूरी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में 44 प्रस्ताव पास हुए। बैठक में तीन बड़े शहरों- वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज के सीमा विस्तार पर कैबिनेट की मुहर लगी है।साथ ही यूपी में सिपाही भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा में हुए पेपर लीक को देखते हुए योगी सरकार उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लेकर आएगी। इसके तहत पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास तक और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

कैबिनेट बैठक में पर्यटन विभाग के सात प्रस्ताव पास हुए

वाराणसी विकास प्राधिकरण में कई गांव शामिल होंगे। इसी प्रकार गोरखपुर विकास प्राधिकरण में कई गांव शामिल होंगे। इसके अलावा प्रयागराज विकास प्राधिकरण में भी कई गांव जुड़ेंगे। इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में पर्यटन विभाग के सात प्रस्ताव पास हुए। शाकुंभरी देवी मंदिर के पास निःशुल्क भूमि पर्यटन विभाग को आवंटित किए जाने का प्रस्ताव पास हुआ। अमेठी, बुलंदशहर, बाराबंकी, सीतापुर में राही पर्यटन गृह लीज पर दिए जाने का प्रस्ताव पास हुआ है।बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबीरानी मौर्य, नगर विकास मंत्री एके शर्मा और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल समेत सभी कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहे।

इन प्रस्तावों को बैठक में मिली मंजूरी

प्रदेश में एक निश्चित धनराशि के ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र की सेल्फ प्रिटिंग संबंधी प्रावधान समाहित करने के लिए उत्तर प्रदेश ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है।बरेली विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में 35 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित किए जाने की मंजूरी दी गई है।वाराणसी विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में 215 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित किए जाने के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

प्राचीन धरोहर भवनों को हेरिटेज पर्यटन के रुप में किया जाएगा विकसित

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में 71 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित करने पर सहमति दी गई है।यूपी में फार्मास्यूटिकल रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन संस्था प्रोमोट फार्मा प्रारम्भ किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।लखनऊ, प्रयागराज और कपिलवस्तु में पर्यटन विकास के दृष्टिगत हेलीकॉप्टर सेवा संचालन के लिए हेलीपैड को पीपीपी मोड पर निजी निवेशकों के माध्यम से विकसित एवं संचालित किए जाने पर मंजूरी दे दी गई। प्राचीन धरोहर भवनों को एडॉप्टिव रि-यूज के अंतर्गत सार्वजनिक निजी सहभागिता मॉडल पर हेरिटेज पर्यटन इकाईयों के रूप में विकसित किए जाने पर मंजूरी दी गई।
कांग्रेस के चेहरे तो बदले लेकिन चरित्र 1975 वाला ही है : सीएम योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपातकाल की को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का के चेहरे भले बदल गए हों लेकिन उसका मूल चरित्र 1975 वाला ही है। वह आज भी भारत के संविधान को, भारतीय लोकतंत्र को कोशते हैं और उन्हें देश से और देश की जनता से कोई सरोकार नहीं है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आज से ठीक 50 वर्ष पूर्व, आज ही के दिन देर रात में एक काला अध्याय लिखा गया था, जब कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने भारत के संविधान का गला घोटते हुए लोकतंत्र को पूरी तरह समाप्त करने की साजिश रची थी।

25 जून 1975 को रात के अंधेरे में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने कैसे भारत के लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया था, उस समय के सभी विपक्षी दलों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। उसमें अटल बिहारी वाजपेई, मोरारजी देसाई, जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी समेत विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में डालकर लोकतंत्र का गला घुटने का प्रयास किया था।


आज जब 50 वर्ष के उपरांत हम आपातकाल को याद करते हैं तो स्वाभाविक रूप से कांग्रेस में चेहरे बदले होंगे लेकिन उसका चरित्र वही है। 1975 में कांग्रेस का जो बर्बर चेहरा देखने को मिला था वह आज भी है। संविधान की आत्मा को नष्ट करने का काम किया था। देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया था। न्यायालय के अधिकारों को बंधक बनाकर रखा था। आज भी कांग्रेस पार्टी में भले ही नेतृत्व बदला हो लेकिन उसका चरित्र वही है। यह (कांग्रेस) लोकतंत्र की दुहाई देते हैं लेकिन भारत के बाहर जाकर भारत के लोकतंत्र को कटघरे में खड़ा करते हैं। भारत के चुनाव प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं। देश से बाहर जाकर भारत को और उसके लोकतंत्र को कोसते हैं। भारत के अंदर हर चुनाव की प्रक्रिया में बाधा पैदा करके एवं पर अपने अकर्मण्यता का दोष थोपने का प्रयास करते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संविधान अंगीकार करने के 2 वर्ष बाद ही कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 लागू करके देश की अखंडता को चुनौती देने का प्रयास किया था। यही नहीं उन्होंने कभी मीडिया पर प्रतिबंध लगाए तो कभी नेताओं पर व अन्य तरीके से लोकतंत्र के सभी स्तंभों को कमजोर करने का प्रयास किया था। आज वह लोकतंत्र की दुहाई देते हैं। जिन लोगों ने कांग्रेस के उसे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, जेल गए और तमाम यातनाएं झेली, आज उन्हीं के लोग कांग्रेस की गोद में बैठ गए हैं। कांग्रेस आज भी उसी प्रकार से कार्य कर रही है।

जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार चल रही है या फिर उनके सहयोगी बंगाल में टीएमसी की सरकार हो, केरल और तमिलनाडु में सहयोगी दलों की सरकारें चल रही हैं, उनकी कार्यपद्धति को देखकर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस का अब भी वही बर्बर चेहरा सामने है। आज भी यह लोग जनता को गुमराह कर रहे हैं। संविधान के नाम पर संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं। वे लोग कभी अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि क्या वे सही मायने में संविधान का पालन किए थे। देश की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में मिले हुए हैं, वो संविधान बचाने का सिर्फ कर रहे नाटक: मायावती
लखनऊ । बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में मिले हुए हैं। वो संविधान बचाने का नाटक कर रहे हैं। दोनों ही पक्षों में ज्यादातर लोग जातिवादी मानसिकता के हैं। मायावती ने कहा कि ये लोग आरक्षण को खत्म कर देना चाहते हैं। उन्होंने सपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि सपा सरकार ने यूपी में प्रमोशन में आरक्षण को खत्म किया था। ये लोग जाति जनगणना नहीं कराना चाहते हैं।

मायावती ने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये दोनों (सत्ता पक्ष और विपक्ष) ही भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ये कतई उचित नहीं है। इन दोनों ने अंदर-अंदर मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिए है कि अब ये समतामूलक, धर्म निरपेक्ष नहीं बल्कि पूंजीवादी, जातीवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया। ये दोनों ही आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और एससी, एसटी, आदिवासी को संविधान का लाभ नहीं देना चाहते हैं।
आपातकाल को चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकताः राजनाथ सिंह

लखनऊ। रक्षामंत्री और स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह ने आपातकाल लगाए जाने वाली तिथि 25 जून 1975 को याद करते हुए एक्स पर जारी पोस्ट में कहा कि आज से ठीक 49 साल पहले भारत में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लगाया गया था। आपातकाल हमारे देश के लोकतंत्र के इतिहास का वह काला अध्याय है, जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता।


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सत्ता के दुरुपयोग और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है।उन्होंने कहा कि यदि आज इस देश में लोकतंत्र जीवित है तो उसका श्रेय उन लोगो को जाता है जिन्होंने लोकतंत्र की बहाली के संघर्ष किया, जेल गए और न जाने कितनी शारीरिक और मानसिक यातना से उन्हें गुजरना पड़ा। भारत की आने वाली पीढ़ियां उनके संघर्ष और लोकतंत्र की रक्षा में उनके योगदान को याद रखेंगी।
12 साल फरार चल रहे हत्यारोपी को यूपी एसटीएफ की मदद से मुंबई पुलिस ने पकड़ा


लखनऊ। 2013 में मुंबई में पैसे के लेनदेन को अपने साथियों के साथ हत्या करने वाले सहसवान कोतवाली के कटरा शाहबाजपुर के रहने वाले हीरा उर्फ खुर्शीद को सोमवार को मुंबई पुलिस ने 12 साल बाद यूपी एसटीएफ की मदद से सहसवान कोतवाली इलाके से गिरफ्तार कर लिया है।

पैसे के लेनदेन को लेकर मालिक की कर दी थी हत्या

गिरफ्तार हीरा उर्फ़ खुर्शीद ने बताया कि जिस जगह में काम करता था। वहां अपने मालिक महेश कुमार रामचंद्र को उसने अपने साथियों के साथ पैसे के लेनदेन को लेकर फावड़े से काटकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद थाना वालीव मिरा भाईदर-वसई विरार पुलिस आयुक्तालय, ठाणे (महाराष्ट्र) में धारा 302/201/34 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

वारदात को अंजाम देने के बाद मुंबई से हो गया फरार

हीरा उर्फ़ खुर्शीद हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद मुंबई से फरार होकर कभी दिल्ली तो कभी उड़ीसा में छिपकर रह रहा था। मुंबई पुलिस लगातार हीरा उर्फ खुर्शीद की तलाश में थी। मुंबई पुलिस को सर्विलांस व अन्य माध्यम से जानकारी वही की हीरा सहसवान कोतवाली इलाके में छिपा हुआ है। हीरा की गिरफ्तारी के लिए मुंबई पुलिस ने यूपी एसटीएफ से मदद मांगी थी।

यूपी एसटीएफ की मदद से मुंबई पुलिस ने किया गिरफ्तार

इसी के तहत मुंबई पुलिस व यूपी एसटीएफ टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए अभियुक्त हीरा उर्फ खुर्शीद को जहांगीराबाद जाने वाले कच्चे रास्ते से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त हीरा और खुर्शीद ने बताया कि वह मृतक महेश कुमार रामचंद्र के यहां मुंबई में 2013 में काम करता था। इसी दौरान पैसे के लेनदेन को लेकर महेश से विवाद हो गया इसके बाद हीरा और खुर्शीद ने अपने साथी आमिर अब्बास मोइनुद्दीन शेख और नई बन्ने मियां अंसारी के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था।

पकड़े गए हत्यारोपी को एसटीएफ ने मुंबई पुलिस को सौंपा

महेश की हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद हीरा उर्फ खुर्शीद 12 साल से फरार चल रहा था। जिसे मुंबई पुलिस ने यूपी एसटीएफ के सहयोग से गिरफ्तार किया है। यूपी एसटीएफ ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि एसटीएफ उपाधीक्षक अब्दुल कादिर के पर्यवेक्षण में कार्रवाई की जा रही है। मुंबई पुलिस अभियुक्त हीरा उर्फ़ खुर्शीद को अपने साथ ले जाने के लिए न्यायालय से ट्रांसिट रिमांड की कार्रवाई के लिए लगी हुई है। इंस्पेक्टर क्राइम जितेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी को पकड़कर मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया है।
पत्नी से बदसलूकी के मामले में आईपीएस अंकित मित्तल निलंबित

लखनऊ । महिला मित्र से संबंधों को लेकर विवादों के घेरे में आए वर्ष 2014 बैच के आईपीएस अंकित मित्तल को शासन ने निलंबित कर दिया है। उन्हें बीते वर्ष इस मामले की शिकायत के बाद एसपी गोंडा के पद से हटाकर आरटीसी चुनार भेजा गया था। शासन ने पत्नी के साथ बदसलूकी के आरोप सही पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया है।

बता दें कि पूर्व डीजी गोपाल गुप्ता के दामाद अंकित मित्तल पर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा था। इसकी वजह महिला मित्र के साथ उनके संबंध बताया गया था।उनकी पत्नी ने शासन को भेजी अपनी शिकायत में बदसलूकी करने का आरोप लगाया था।

शासन के निर्देश पर बीते देवीपाटन के मंडलायुक्त ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसके बाद 16 दिसंबर 2023 को शासन ने उनका तबादला चुनार कर दिया गया था। वहीं, शासन ने विभागीय जांच शुरू करते हुए डीजी प्रशिक्षण से पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट मांगी थी।

सूत्रों के मुताबिक डीजी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शासन ने अंकित मित्तल को निलंबित कर दिया है। बता दें कि इससे पहले चित्रकूट का एसपी रहने के दौरान अंकित मित्तल पर इनामी डकैत भालचंद्र यादव के फर्जी एनकाउंटर का मुकदमा भी दर्ज हुआ था।
पहली ही बारिश में राम मंदिर की टपकने लगी छत, इस मामले में ट्रस्ट ने दी यह सफाई
लखनऊ । पहली बारिश में राम मंदिर का छत टपकने लगा है। यह मामला प्रकाश में आने के बाद से ही बहस शुरू हो गई है। लोग सवालियां निशान लगाना शुरू कर दिया है। ऐसे में  श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने राम मंदिर में  जल रिसाव पर कहा कि मैं अयोध्या में हूं। मैंने पहली मंजिल से बारिश का पानी गिरते हुए देखा है लेकिन ऐसा अपेक्षित है, क्योंकि गुरु मंडप दूसरी मंजिल के रूप में आकाश के सामने खुला है और शिखर के पूरा होने से यह उद्घाटन ढक जाएगा। मैंने कुछ रिसाव भी देखा है।


चूंकि पहली मंजिल पर यह काम प्रगति पर है, इसलिए सैंक्टम सेंटोरम में नाली बंद कर दी जाएगी क्योंकि सभी मंडपों में पानी की ढलान मापी गई है और सैंक्टम सेंटोरम में पानी को मैन्युअल रूप से अवशोषित किया जाता है। भक्त भगवान का अभिषेक नहीं कर रहे हैं, इसमें डिज़ाइन या निर्माण का कोई मुद्दा नहीं है। जो मंडप खुले हैं, उनमें बारिश का पानी गिर सकता है, इस पर बहस हुई थी लेकिन नगर वास्तु मानदंडों के अनुसार उन्हें खुला रखने का निर्णय लिया गया था।

पहली प्री-मानसून बारिश में राममंदिर की छत टपकने के सवाल पर राममंदिर के ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि वर्षा से रक्षा करने के लिए मंदिर के सभी सतह पर वाटर प्रूफिंग का काम चल रहा है। वर्षा शुरू होने से पहले वाटर प्रूफिंग का काम पूरा करने का लक्ष्य है। प्रथम तल पर कुछ जगहों पर होल्डिंग रखी है, सामान रखा है, वहां केवल वाटर प्रूफिंग का काम बाकी है। प्रथम तल पर 80 फीसदी वाटर प्रूफिंग का काम हो चुका है। 

भाजपा ने राम मंदिर में भी घोटाला कर दिया है: अजय राय

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने पहली बारिश में अयोध्या के राममंदिर के गर्भगृह में पानी का रिसाव होने पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने राम मंदिर में भी घोटाला कर दिया है। जारी बयान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा शहीदों का ताबूत हो या फिर भगवान का मंदिर हर जगह भ्रष्टाचार कर रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अयोध्या में मिला है। पुजारी सत्येन्द्र दास ने खुद बयान दिया है कि करोड़ों की लागत से बने राम मंदिर के गर्भ गृह में पहली बारिश से पानी का रिसाव हो रहा है। इसी तरह करीब 624 करोड़ की लागत से बने राम पथ में तमाम स्थानों पर सड़क धंस गई है।
गर्मी की छुट्टी के बाद यूपी में आज से खुल रहे हैं परिषदीय विद्यालय, अभी सिर्फ शिक्षक- कर्मचारी आएंगे स्कूल
लखनऊ । प्रदेश के परिषदीय विद्यालय 25 जून से खुल रहे हैं। गर्मी की छुट्टियों के बाद विद्यालय खुल रहे हैं और अभी सिर्फ शिक्षक-कर्मचारी स्कूल आएंगे। शुरू के तीन दिन में वह विद्यालय की साफ-सफाई व अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त कराएंगे। जबकि बच्चे 28 जून से स्कूल आएंगे। उसमें भी 28-29 जून को समर कैंप का आयोजन किया जाएगा। पठन-पाठन एक जुलाई से ही शुरू होगा।

प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में लगभग एक महीने से गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं। इसके बाद विद्यालय 18 जून से खुलने थे। किंतु भीषण गर्मी को देखते हुए छुट्टियां 24 जून तक बढ़ा दी गई थीं। अब 25 जून से विद्यालय खोले जाएंगे। शुरू के तीन दिन शिक्षक-कर्मचारी ही विद्यालय आएंगे। उन्हें परिसर की साफ-सफाई, मिड-डे-मील आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करानी है। साथ ही अन्य कार्यालयी कामकाज भी होंगे। 

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के अनुसार बच्चे 28 जून से विद्यालय आएंगे। पहले जून के महीने में ही समर कैंप का आयोजन होना था। भीषण गर्मी को देखते हुए समर कैंप को आगे बढ़ा दिया गया था। अब 28 और 29 जून को ही समर कैंप का आयोजन होना है। 30 जून को रविवार है। एक जुलाई सोमवार से कक्षाएं नियमित रूप से शुरू हो जाएंगी।
स्मार्ट कार्ड डीएल के लिए सवा लाख आवेदक परेशान, डाटा मिस्मैच के चलते डिलीवरी पर लगी रोक
लखनऊ । यूपी की राजधानी लखनऊ में स्मार्ट कार्ड डीएल के सवा लाख आवेदक दो सप्ताह से परेशान है। इनके डीएल बनकर प्रिंट तो हो गए हैं, लेकिन की मैनेजमेंट सिस्टम (केएमएस) में गड़बड़ी के चलते डाटा मिस्मैच होने के कारण इनकी डिलीवरी पर रोक लगी है। जिसकी वजह से आवेदक विभाग का चक्कर लगाने को मजबूर है। विभाग की तरफ से उन्हें सही जानकारी भी नहीं दी जा रही है। जबकि आवेदकों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते लोगों को आये दिन समस्याओं से दो चार होना पड़ता है।

एनआईसी के सॉफ्टवेयर में केएमएस में बताई जा रही गड़बड़ी

जानकारी के लिए बता दें कि एनआईसी के सॉफ्टवेयर में केएमएस की गड़बड़ी है। इसके लिए परिवहन विभाग के अफसरों का लापरवाह रवैया जिम्मेदार है। विभाग से जुड़े सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के लिए एनआईसी ने बीते दो व तीन जून को कार्य करवाया। इससे आवेदनों पर रोक लगाई गई। इसके बाद अपग्रेडेड सॉफ्टवेयर के जरिए डीएल का केएमएस होता रहा। लंबित पड़े डीएल को जब केएमएस करने का काम शुरू हुआ तो इसमें गड़बड़ी आई, जिसकी वजह से डाटा मिस्मैच होने लगा।

डाक से डीएल की डिलीवरी करने पर लगी रोक

इस पर अधिकारियों ने डाक से डीएल की डिलीवरी पर रोक लगा दी। 23 जून तक एक लाख 35 हजार से अधिक डीएल लंबित हो गए हैं। अपर परिवहन आयुक्त आईटी एके सिंह की माने तो उनका इस मामले में कहना है कि ऐसा नहीं है कि एनआईसी से बात नहीं की जा रही है। एनआईसी के सॉफ्टवेयर में केएमएस में गड़बड़ी आ रही है, जिसे दो से तीन दिन में ठीक करवा लिया जाएगा।

कार्ड पर लगे चिप की वजह से डीएल से जड़ी मिल जाती है सारी जानकारी

परिवहन विभाग के साॅफ्टवेयर में केएमएस रहता है। इस पर डीएल में लगी चिप का ब्यौरा दर्ज होता है। इसके दर्ज होने के बाद परिवहन विभाग का सॉफ्टवेयर वाहन फॉर डीएल से जुड़ी सारी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध कराता है। ई चालान में इससे मदद मिलती है। इसीलिए यह सुविधा शुरू की गई है। ताकि कोई किसी प्रकार का फर्जी वाड़ा न करने पाये लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते इसका खामिजाजा आवेदकों को भुगतना पड़ रहा है।
यूपी पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरा

लखनऊ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की कार्ययोजनाओं के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने शाहजहांपुर के दीर्घकालिक सुनियोजित विकास हेतु शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण के गठन की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विगत वर्षों में शाहजहांपुर व आस-पास के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की अनेक परियोजनाओं से औद्योगिक विकास तेज हुआ है और आबादी में भी बढ़ोत्तरी देखी गई है।

*शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए*

वर्तमान सरकार के पहले कार्यकाल में ही शाहजहांपुर को नगर निगम बनाया गया था। यहां पूर्व से ही विनियमित क्षेत्र है। हाल ही में यहां का मास्टर प्लान-2031 भी तैयार कराया गया है। अब आवश्यकता है कि, शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विकास प्राधिकरण का गठन करते समय यह ध्यान रखा जाए कि प्राधिकरण के अन्तर्गत आ रहे गांवों में आबादी की भूमि को ग्रीन लैण्ड न घोषित किया जाए। आम आदमी को किसी प्रकार की समस्या न हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कतिपय सरकारी भवन या तो उपयोग में नहीं है अथवा निर्माण कार्य अधूरा है। उन्होंने निर्देशित किया कि इन्हें चिन्हित कर ऐसे भवनों का सदुपयोग किया जाए। अधूरे भवनों का निर्माण कार्य पूरा कराया जाए।

*प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के कार्यों में तेजी लाई जाए*

प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के कार्यों में तेजी लाई जाए। मुख्यमंत्री ने होटल इण्डस्ट्री के विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश की पर्यटन सम्भावनाओं को प्रोत्साहित करने के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरा है। देश से सबसे ज्यादा पर्यटक उत्तर प्रदेश में आते हैं। इन सकारात्मक परिस्थितियों ने होटल इण्डस्ट्री के लिए अपार सम्भावनाओं को जन्म दिया है। प्रदेश में बड़ी संख्या में होटलों की आवश्यकता का अनुभव किया जा रहा है। होटल इण्डस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए बिल्डिंग बाइलॉज में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय क्षेत्र में 06 कमरों से 20 कमरों तक के होटल निर्माण के लिए न्यूनतम भूमि और होटल तक पहुंच मार्ग की चैड़ाई की न्यूनतम सीमा में बदलाव किया जाना चाहिए। साथ ही, पार्किंग, सिक्योरिटी और फायर सेफ्टी जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषयों में मानकों का सख्ती से अनुपालन कराया जाए।