Jharkhand

Jun 15 2024, 11:38

भीषण हिटवेव से झारखंड तबाह,डालटनगंज ने तोड़ा रिकार्ड,तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पार...?

झारखंड डेस्क

हीटवेव का कहर से झारखंड के कई जिला तबाह है। चार जिले गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज और सिमडेगा को छोड़ बाकी जिलों में हीटवेव को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। यह पहली बार है कि जब पूरे राज्य का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही रह रहा है।

7 जिले हिट वेव से तबाह

मौसम विज्ञान केंद्र रांची द्वारा जारी पूर्वानुमान की बात करें तो रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद और गिरिडीह में हीटवेव का असर देखा जा रहा है। सरायकेला खरसावां, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा और पलामू में सर्वाधिक हीटवेव का असर रहा।

डाल्टनगंज में तापमान ने तोड़ा सारे रिकॉर्ड

इससे आमजनों से लेकर पशु-पक्षियों तक का हाल बेहाल है। लोग बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं और मानसून का इंतजार कर रहे हैं। सर्वाधिक तापमान 45.2 डिग्री सेल्सियस डाल्टनगंज का रिकार्ड किया गया है। मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि 15 से 17 जून तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज गर्मी का असर रहेगा।

राज्य में कहीं कहीं वज्रपात होने की भी संभावना है इसे लेकर यलो और आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं राजधानी रांची में 15 से 20 जून के मध्य सामान्य रूप से बादल छाए रहने और एक या दो बार हल्की वर्षा होने की संभावना बनी है। लेकिन गर्मी का प्रकोप कुछ ऐसा है कि बादल संघनित नहीं हो पा रहा है।

जानिए किस जिला में कितना रहा तापमान का असर...?

रांची - अधिकतम 40 डिग्री सेल्सियस

डाल्टनगंज - 45.2 डिग्री सेल्सियस

जमशेदपुर - 43.4 डिग्री सेल्सियस

बोकारो - 43.5 डिग्री सेल्सियस

चतरा - 42.4 डिग्री सेल्सियस

देवघर - 42.4 डिग्री सेल्सियस

धनबाद - 42.2 डिग्री सेल्सियस

गढ़वा - 44.7 डिग्री सेल्सियस

गिरिडीह - 43.2 डिग्री सेल्सियस

गोड्डा - 39 डिग्री सेल्सियस

गुमला - 41.5 डिग्री सेल्सियस

पाकुड़ - 36 डिग्री सेल्सियस

साहिबगंज - 35.3 डिग्री सेल्सियस

हजारीबाग - 42.9 डिग्री सेल्सियस

जामताड़ा - 40 डिग्री सेल्सियस

खूंटी - 41.2 डिग्री सेल्सियस

लातेहार - 41.4 डिग्री सेल्सियस

पलामू - 44.9 डिग्री सेल्सियस

रामगढ़ - 43.4 डिग्री सेल्सियस

सरायकेला खरसावां - 44.2 डिग्री सेल्सियस

सिमडेगा - 39.5 डिग्री सेल्सियस

पश्चिमी सिंहभूम - 41.4 डिग्री सेल्सियस

पिछले 24 घंटे में ऐसा रहा मौसम

 

पिछले 24 घंटे के मौसम की बात करें तो राज्य में कहीं कहीं आंधी के साथ हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा हुई। सबसे अधिक वर्षा 21 मिमी सिमडेगा के बांसजोर में हुई। राज्य के गढ़वा, पलामू, डाल्टनगंज में भीषण हीटवेव का असर देखने को मिला।

सबसे अधिक अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस डाल्टनगंज का रिकार्ड किया गया। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस चाईबासा का रिकार्ड किया गया। राजधानी रांची की बात करें तो अधिकतम तापमान 40 डिग्री जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

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Jun 14 2024, 23:44

15 जून को मनाया जाएगा मजदूरों के मसीहा स्व. सूर्यदेव सिंह की पुण्यतिथि

धनबाद। मजदूरों के मसीहा स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह की 33 वीं पुण्यतिथि शनिवार 15 जून को मनाई जाएगी।जिसको लेकर झरिया के कतरास मोड़ में तैयारी पूरी कर ली गई। कतरास मोड़ स्थित स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी जायेगी साथ ही कतरास मोड़ कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा।

वही भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सह जनता श्रमिक संघ की महामंत्री रागिनी सिंह ने कहा की मेरे ससुर सूर्यदेव सिंह मजदूरों के मसीहा थे।वह आज भी कोयलांचल वासियों और मजदूरों के दिल में हैं। कार्यक्रम में कई राजनीतिक दल से जुड़े जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवी, विभिन्न श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि, मजदूर भाई – बहन, आम जनता उपस्थित होकर स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह जी को श्रद्धांजलि देंगे। 

बता दे की सूर्यदेव सिंह धनबाद कोयलांचल के लिए बड़ा नाम था उस समय इन्हे (बिहार) राज्य ही नही पूरे देश के लोग जानते थे। पुर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सिंह से इनकी अच्छी दोस्ती थी। कई बार चंद्रशेखर सिंह धनबाद भी आए थे। सूर्यदेव सिंह 1977 से 1991 तक आजीवन झरिया के विधायक रहे। आज भी विधायक जी के नाम से प्रचलित है। बताया जाता है की वर्ष 1961 में उतर प्रदेश के बलिया से झरिया आए, यहां पहलवान के नाम से लोग जानने लगे फिर कोयला मजदूरों से जुड़े और उनकी हक की बाते करने लगे धीरे धीरे मजदूरों से जुड़े और मजदूर मसीहा बन गए। 1977 में पहली बार जनता पार्टी के टिकट से विधायक का चुनाव लडे और जीत गए फिर आजीवन 14 वर्ष तक विधायक रहे। 1991 में लोकसभा चुनाव के दौरान आरा गए थे जहां दिल का दौरा पड़ने से इनका निधन हो गया।

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Jun 14 2024, 16:19

मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग द्वारा तैयार “पेसा-एक परिचय एवं रोड मैप” की समीक्षा की,

उन्होंने कहा राज्य में पेशा कानून लागू करना है प्राथमिकता

झा. डेस्क 

 मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन की अध्यक्षता में पेसा (PESA) नियमावली लागू किये जाने की कवायद तेज हो चुकी है। मुख्यमंत्री के समक्ष झारखंड मंत्रालय में गुरुवार को पंचायती राज विभाग के अधिकारियों द्वारा “पेसा-एक परिचय एवं रोड मैप” विषय पर पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण दिया गया। 

मुख्यमंत्री ने “पेसा-एक परिचय एवं रोड मैप” की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिये। समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों के बीच राज्य में शीघ्र पेसा (PESA) कानून लागू की जा सके, इस निमित्त कई अहम बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी।

 मौके पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि झारखंड में एक बेहतर पेसा नियमावली बने, यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।

इस मौके पर मंत्री दीपक बिरुवा, मुख्य सचिव एल. खियांग्ते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा, निदेशक पंचायती राज निशा उरांव सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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Jun 14 2024, 15:25

सहयोगी नगर सेक्टर तीन स्थित सरकारी ओल्ड एज होम में तीन बृद्ध की दो घंटे के अंतराल में हुई थी मौत,


मौत का कारण लू लगना बताया जा रहा है,परन्तु जाँच के बाद अधिकारी ने बताया इसे सामान्य मौत

धनबाद। दिल को झकझोर देने वाली खबर झारखंड के धनबाद जिले से आई है, जहां साबलपुर सहयोगी नगर सेक्टर तीन स्थित सरकारी ओल्ड एज होम में रह रहे तीन बुजुर्गों की दो घंटे के अंतराल में मंगलवार को मौत हो गयी।

मौत का कारण लू लगना बताया गया। दूसरी तरफ, मीडिया में खबर आने के बाद गुरुवार को दो सदस्यीय प्रशासनिक टीम ने मामले की जांच की। जांच टीम के समक्ष सभी ने कहा कि, चारों बुजुर्गों की मौत सामान्य थी।

उप विकास आयुक्त सादात अनवर ने गुरुवार को बताया कि जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को ओल्ड एज होम भेजा गया था। वहां बुजुर्गों से बातचीत की। साथ ही संचालकों से भी बातचीत कर बयान लिया गया। बुजुर्गों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है।

गुरुवार को कई सामाजिक संगठन आगे आये और वृद्धाआश्रम में अपनी ओर से दो कूलर, इंवर्टर व बैट्री लगवाये। उन लोगों ने बताया कि, खबर पढ़कर वे मर्माहत हुए और एक नागरिक के कर्तव्य का पालन करते हुए अपने खर्च से वहां कूलर, इंवर्टर व बैट्री की व्यवस्था की।

उनकी कोशिश है कि बुजुर्गों को राहत मिले। यही नहीं सरकारी डॉक्टर भी पहुंचे और एक-एक बुजुर्ग की मेडिकल जांच की। हालांकि आज भी ओल्ड एज होम में तीन बुजुर्गों की हालत नाजुक है। प्रशासनिक स्तर पर भी ओल्ड एज होम में और सुविधाएं बहाल करने की आवश्यकता है।

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Jun 14 2024, 15:20

पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई,ईडी ने जमानत का किया विरोध,जज ने फैसला रखा सुरक्षित

झा. डेस्क 

रांची। झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई हुई। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय के कोर्ट में सुनवाई के दौरान गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं। ईडी के वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

बड़गाईं अंचल में कथित जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन के वकील ने जस्टिस मुखोपाध्याय की अदालत में अपने मुवक्किल को नियमित जमानत देने की मांग की। दूसरी तरफ, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील एसवी राजू ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को जमानत दिए जाने का विरोध किया।

हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने एक दिन पहले अपनी दलील रखी थी। उन्होंने बार-बार कहा कि यह पूरी तरह से जमीन विवाद का मामला है। यहां तक कि यह आपराधिक कृत्य भी नहीं है।

हेमंत सोरेन को जबरन इस मामले में फंसाया गया है। उनकी गिरफ्तारी भी गलत है। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय जबरन यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि जमीन पर हेमंत सोरेन का कब्जा है।

कपिल सिब्बल की इन दलीलों का आज ईडी के वकील ने जोरदार विरोध किया। कहा कि, यह जमीन हेमंत सोरेन के नाम पर ही है। जमीन के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करके वह इस जमीन के मालिक बन बैठे। इसलिए उनको जमानत नहीं मिलनी चाहिए।

एसवी राजू ने यह भी दलील दी कि झारखंड में आरोपी ने याचिका दाखिल कर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। लेकिन, कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को सही माना था।

हाईकोर्ट की ओर से हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को वैध ठहराये जाने के आधार पर उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए। बताते चलें कि, हेमंत सोरेन ने इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जहां उनके वकील कपिल सिब्बल को जज ने तथ्य छिपाने के लिए कड़ी फटकार लगाई थी।

साथ ही कहा था कि वह उनकी याचिका रद्द करने जा रहे हैं। इसके बाद कपिल सिब्बल ने अपनी याचिका वापस ले ली थी। सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

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Jun 14 2024, 14:34

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने अनुसूचित जनजातियों के विभिन्न संवैधानिक सरक्षणों की समीक्षा की

झारखण्ड डेस्क 

रांची। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने गुरुवार को होटल बीएनआर चाणक्य में सीसीएल में अनुसूचित जनजातियों के विभिन्न संवैधानिक सरक्षणों की समीक्षा की। इसमें आयोग की टीम और सीसीएल के अधिकारी उपस्थित थे। समीक्षा बैठक के दौरान 21 बिंदुओं पर चर्चा की गई।

समीक्षा के दौरान सीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे जमीन अधिग्रहण पॉलिसी में नियमानुसार संशोधन करने का उपाय खोजें, ताकि वैसे जमीन दाता जिनके पास दो एकड़ से कम जमीन हो, उन्हें भी कॉम्पेनसेटरी एम्प्लॉयमेंट दिया जा सके। सीसीएल की जमीन अधिग्रहण पालिसी के तहत उन जमीनदाताओं को ही नौकरी दी जाती है, जिनके पास दो एकड़ जमीन है।

सीसीएल के अधिकारियों को उन्होंने एससी/एसटी सेल बनाने का निर्देश दिया, ताकि कमेटी के माध्यम से एससी/एसटी से संबंधित छोटे-छोटे मामले निष्पादित किए जा सकें। कहा गया कि सीसीएल में ग्रुप ए, बी, सी व डी में एससी/एसटी के लिए कोई वेकैंसी नहीं है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द वेकैंसी निकालकर एससी/एसटी के रिक्त पदों को भरा जाए। ग्रुप सी व डी में एससी/एसटी के लिए 26 प्रतिशत पद आरक्षित हैं।

डॉ लकड़ा ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि नए लोगों के लिए नई योजनाओं की प्लानिंग करें। सीएसआर के तहत एसटी वर्ग के युवाओं के लिए यूपीएससी/जेपीएससी की तैयारी के लिए सुविधा उपलब्ध कराएं, ताकि संबंधित छात्रों को इसका लाभ मिल सके। वे भी यूपीएससी/जेपीएससी की तैयारी कर अधिकारी बन सकें। सीसीएल को भी संबंधित युवाओं का लाभ मिल सके।

डॉ लकड़ा ने यह भी कहा कि ग्‍लोबलाइजेशन से पर्यावरण खत्म हो रहा है। इसलिए योजनाओं से संबंधित क्षेत्रों में पांच साल तक पौधे लगाए। अनुसूचित जनजाति बहुल गावों को गोद लें। जहां जलसंकट की स्थिति हो, वैसे गावों में भी पौधे लगाएं। ऐसा करने से गांव का पानी गांव में ही और खेत का पानी खेत में ही रहेगा। विशेष कैंप लगाकर एसटी से संबंधित समस्याओं का समाधान करें। साथ ही न्यू स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करें।

बैठक में एनसीएसटी की सचिव श्रीमती अलका तिवारी, निदेशक सूरत सिंह, निदेशक एसएसडब्ल्यू श्रीमती मिरांडा इंदुगम, सदस्य के निजी सचिव कुशेश्वर साहू, आरओ (एसएसडब्ल्यू-आरएमडीसी) आरएस मिश्रा, वरिष्ठ अन्वेषक आकाश त्रिपाठी, जेएलआरसी नीलमणी ठाकुर मौजूद थे।

सीसीएल की ओर से बैठक में निदेशक (तकनीकी) हरीश दुहान एचओडी (पीएंडआईआर) नवनीत कुमार, जनसंपर्क प्रमुख आलोक गुप्ता, जीएम (ईई) एसके ठाकुर, जीएम (वेलफेयर) श्रीमती रेखा पांडेय, श्रीमती कविता, मुख्य प्रबंधक संजय एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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Jun 14 2024, 10:27

विश्लेषण:झारखंड में इंडी गठबंधन का पांच साल,जानिए आगामी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए कितना सही है रिपोर्ट कार्ड..?(भाग -2)

 ;(विनोद आनंद )

वैसे झारखंड में झामुमो के नेतृत्व बाली मौजूदा सरकार दूसरी सरकार है जिसे पूर्ण जनादेश जनता ने दी और पांच साल का समय पूरा करने जा रही है।इसके पूर्व भाजपा की रघुवर दास के नेतृत्व में पांच साल सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया। अगर सरकार के कार्यों और उसके नीतियों के आधार पर उसके पांच साल के कार्यकाल का विश्लेषण करें और उसके आधार पर जनता इस सरकार के बारे में क्या धरना रखती है इसे समझने के लिए सरकार की सफलता और विफलता का आकलन जरूरी है।

पिछले अंक में हमने सरकार के सफल नीति और कार्यक्रमो का चर्चा किया था जिसके आधार पर जनता ने पूरी तरह सरकार को स्वीकार नही किया तो अस्वीकार भी नही किया।जिसका इफेक्ट लोकसभा चुनाव में देखने को मिला।अब विधानसभा चुनाव में सरकार के पास क्या चुनोती है और कितने क्षेत्र में सरकार विफल रही इसका चर्चा कर रहे हैं

सरकार की विफलता


झारखंड सरकार कई क्षेत्रों में सफल रही तो कई मामलों में सरकार को विफलता भी हाथ लगी जिसके कारण सरकार पर विपक्ष द्वारा अगुंली उठाये जाते रहे हैं।आज विपक्ष झारखण्ड़ सरकार की इन्ही कमियों को लेकर घेरने का प्रयास कर रही है।कुछ दिनों में राज्य में मौजूदा सरकार कई ऐसे विवादों से घिरी जिसके कारण सरकार की बदनामी हुई है।जिससे उबड़ने में सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

भष्ट्राचार के आरोप और ईडी की कार्रवाई।


झारखंड के हेमन्त सोरेन सरकार के लिए यह सबसे दुखद और संकट पूर्ण पल रहा जब ईडी ने कई कार्रवाई कर भ्रष्ट्राचार के मामले उजागर किये।इस घटना से पूरा देश सकते में आ गया।संतालपरगना में 1000 करोड़ का खनन घोटाला,में कई अधिकारी, खनन माफिया के साथ ही मुख्यमंत्री के करीबी उनके विधायक प्रतिनिधि की गिरफ्तारी से सरकार और खासकर हेमन्त सोरेन पर भी अंगुली उठने लगी। 

उसके बाद मनरेगा घोटाला में आईएएस पूजा सिंघल की गिरफ्तारी हुई उनके करीबी के पास से 19 करोड़ से अधिक नगद बरामद हुआ। इसके बाद इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुई। फिर राज्य के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी और उसके 100 करोड़ से अधिक सम्पति का अटैचमेंट,आईएएस छविरंजन की जमीन घोटाले में गिरफ्तारी कथित तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की भी इस मामले में संलिप्ता को लेकर हुई गिरफ्तारी,और अब राज्य के एक मंत्री आलमगीर के करीबी के यहां से लगभग 35 करोड़ की कैश बरामद के बाद टेंडर घोटाला का उजागर होना इसमें मंत्री सहित कई अधिकारियों की गिरफ्तारी होना। यह सब ऐसे मामले सामने आए जिससे सरकार की छवि देश भर में खराब हुई।

जनता का सोच भी बदला


स्वभाविक तौर पर इसका असर आने वाले विंधानसभा चुनाव पर पड़ेगा। भाजपा भी जनता के बीच इसी मुद्दे को लेकर जाएगी। ठीक है लोकसभा चुनाव में इन सारे परिस्थितियों के वाबजूद भी इंडी गटबंधन ने पिछले चुनाव से इस बार थोड़ा बेहतर किया। लेकिन आगामी विंधानसभा चुनाव में भी यही स्थिति होगी यह नही कहा जा सकता है। इस लिए के काम काज और राज्य में हुए कई मामले के उजागर होने से सरकार की छवि पर असर पड़ा है जिससे भाजपा को गठबंधन सरकार के बिरुद्ध एक बड़ा एजेंडा मिल गया है.

योजनाएं तो बनी धरातल पर नहीं उतरी


झारखण्ड सरकार की कई योजनाए जनता के हित में बनी लेकिन अधिकारीयों की इक्षाशक्ति का अभाव और नौकरशाह से लेकर कर्मचारियों को भ्रस्ट आचरण ने सरकार की अच्छी योजनाओं को विफल कर दिया.

आज राज्य में सरकार जनता का द्वारा एक अच्छा पहल था लेकिन इस योजनाओं से आम जनता का जीवन स्तर नहीं सुधर पाया इसी तरह अबुआ आवास योजना , बृद्धा पेंशन, सोचालय योजना समेत कई योजनाएँ है जो अधिकारीयों और कर्मचारियों के लापरवाही के कारण विफल है.

सरकार नहीं दे सकी युवाओं को रोजगार


जिस समय झामुमो ने सत्ता ग्रहण किया उस समय युवाओं से वादा किया था की युवांओं को रोजगार दिया जायेगा लेकिन सत्ता मे आने के बाद सरकार इस मोर्चा पर भी विफल रही. आज राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 3 लाख स्वीकृत पद रिक्त है सरकार उस पद पर भी बहाल नहीं कर पायी. नोटिफिक्शन कुछ पदों के लिए निकला तो उस में विवाद हो गया.परीक्षाएं स्थगित हुई और बहाली रुक गयी.

सरकार यहाँ कोई ऐसी नीति भी नहीं बना पायी ताकि किसी बडी कंपनी को यहाँ निवेश के लिए प्रोत्साहित कर सके. सरकार ने एक नीति बनायीं की यहहाँ के उद्योग में स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, लेकिन इसके लिए युवाओं में कौशल डेवलोपमेन्ट के दिशा में ठोस नीति नहीं बना पायी

दूसरी तरफ स्थानीय नीति का पेंच और उसमें उलझ कर ठोस नीति में भी विफलता हाथ लगी जबकि रघुबर दास की सरकार ने उतरखण्ड और छत्तीसगढ के नीति का अनुसरण कर 1985.से यहाँ निवास कर रहे लोगों को आधार बनाकर जो नीति बनायीं सरकार अपने राजनीती एजेंडा के तहत उसे भी पलटने का प्रयास किया इन सब कारणों से यहाँ सरकारी न्युक्तियाँ टलती रही.

गठबंधन सरकार के कार्यकाल में लोहा, कोयला बालू तस्करी बढ़ा


मौजुदा सरकार के कार्यकाल में राज्य में बालू तस्करी कोयला तस्करी और अन्य खनीज संपादओं का दोहन होता रहा.इसको लेकर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी हमलावार रहे.यहाँ तक इन सब में सत्ताधारी दल के लोगों पर अंगुली उठती रही. प्रशासन भी सवालों के घेरे में रहे लेकिन पुरे प्रकारण में सरकार चुप रही. कठोर कदम उठाये जाने के बजाय सरकार की चुपी ने इस मामले में सरकार पर अंगुली उठाने का अवसर अपने विरोधी को दिया. इनसब का असर भी सरकार के छवि पर पड़ा.

 इन सब के बीच अगले विधान सभा चुनाव में इन सब परिस्थियों से कितना असर पड़ेगा यह तो उसने वाला समय बताएगा फिलहाल अगले विधान सभा में महागठबंधन या इंडिया गठबंधन को कई चुनौतियों  का सामना करना पड़ेगा.

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Jun 13 2024, 20:00

जानिए लोकसभा चुनाव में संताल से राज्य सरकार में 4 मंत्री में से इंडी गठबंधन को वोट दिलाने में कौन रहा सफल कौन हुआ विफल..?

झारखंड डेस्क

लोकसभा चुनाव में झारखंड झारखंड के संथाल परगना में इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। इंडी गठबंधन के घटक दल इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में इसे सकारात्मक पक्ष मान रहे हैं।

संथाल क्षेत्र एनडीए और इंडिया दोनों ही गठबंधन के लिए बहुत ही मायने रखता है। लेकिन लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने बाजी मार ली। तीन लोकसभा सीटों में से ये मुकाबला 2-1 का रहा। चुनाव में इंडिया गठबंधन को जीत दिलाने का दारोमदार झारखंड सरकार के मंत्रियों पर अधिक था। इसमें कौन मंत्री सफल रहे और कौन विफल आइए इसका आकलन करते हैं।

झारखंड में संथाल परगना का बहुत महत्व है।झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रोमो से लेकर अभी हेमन्त सोरेन तक संताल से चुनकर आते रहे ।अभी राज्य में कुल 11 मंत्री में तीन संताल से ही है। इससे पहले भी जब हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री थे, तब भी सीएम समेत तीन मंत्री इसी क्षेत्र से थे। जबकि राज्य में कुल पांच प्रमंडल हैं।

गौरतलब हो कि लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड सरकार में संथाल से चार मंत्री थे। इनमें पाकुड़ के विधायक आलमगीर आलम, दुमका के विधायक बसंत सोरेन, जरमुंडी के विधायक बादल पत्रलेख और मधुपुर के विधायक हफीजुल हसन शामिल हैं। लेकिन अब चुंकि आलमगीर आलम ने इस्तीफा दे दिया है। इसलिए यह आंकड़ा अब तीन हो गया है।

आम तौर पर मंत्रियों का काम पूरे राज्य में विकास और काम करना होता है। लेकिन चुनाव के दौरान यह उम्मीद की जाती है कि उनकी अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ हो और उनके दल या गठबंधन के उम्मीदवार चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करें। ऐसे में उनके क्षेत्र से उनके प्रत्याशी को कितने वोट मिलते हैं, इससे क्षेत्र में उनके प्रभाव का भी पता चलता है। संथाल की तीन सीटों पर मत्रियों का प्रदर्शनराजमहल लोकसभा सीटराजमहल सीट से जेएमएम प्रत्याशी विजय हांसदा चुनाव मैदान में थे। 

उन्होंने इस चुनाव में 1,53,000 वोटों से जीत दर्ज की. पाकुड़ विधानसभा राजमहल लोकसभा सीट में आता है, यहां से आलमगीर आलम विधायक है, जो चुनाव के समय सरकार में मंत्री भी थे। पाकुड़ से विजय हांसदा को करीब 79,000 वोटों की बढ़त मिली।इस तरह आलमगीर आलम का भी प्रदर्शन सराहनीय माना जा रहा है.दुमका लोकसभा सीट पर।

दुमका लोकसभा सीट से एनडीए की ओर से जहां सीता सोरेन चुनाव मैदान में थी। वहीं झामुमो की ओर से नलिन सोरेन चुनाव लड़ रहे थे, इसमें नलिन सोरेन ने बाजी मारते हुए 27 हजार वोटों से जीत दर्ज की। दुमका विधानसभा से हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन विधायक हैं और झारखंड सरकार में मंत्री भी हैं। लेकिन अपने क्षेत्र से वे नलिन सोरेन को बढ़त नहीं दिला पाए. दुमका विधानसभा से सीता सोरेन करीब 10433 वोटों से आगे रहीं.गोड्डा लोकसभा सीटगोड्डा लोकसभा सीट से भाजपा के निशिकांत दुबे का मुकाबला कांग्रेस के प्रदीप यादव से था। इस क्षेत्र से झारखंड सरकार के दो मंत्री आते हैं। बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन. बावजूद इसके निशिकांत दुबे को करीब एक लाख वोटों से जीत मिली। बादल पत्रलेख के इलाके जरमुंडी में निशिकांत दुबे का ज्यादा फायदा मिला. यहां से वे करीब 45 हजार वोटों से आगे रहे। हालांकि हफीजुल हसन के क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त जरूर मिली. यहां से प्रदीप यादव करीब 9000 वोटों से बढ़त बनाने में कामयाब रहे।

इस तरह अगर लोकसभा चुनाव में संथाल के मंत्रियों के प्रदर्शन की बात करें तो आलमगीर आलम और हफीजुल हसन का प्रदर्शन अच्छा रहा। वे अपने प्रत्याशी को वोट दिलाने में कामयाब रहे। लेकिन बादल पत्रलेख और बसंत सोरेन का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। दोनों के क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी आगे रहे। वहीं उनके प्रत्याशी पिछड़ गए। अल्पसंख्यक मंत्री आलमगीर के जेल में रहने के बावजूद एक विधानसभा में 79 हजार की बढ़त सराहनीय है, हफीजुल ने भी अपनी इज्जत बचा ली, लेकिन बादल पत्रलेख के क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को 45 हजार की बढ़त उनके खुद के भविष्य पर सवाल खड़ा करती है। बसंत हाल ही में मंत्री बने हैं, ऐसे में उनके क्षेत्र दुमका में झामुमो का पिछड़ना चिंता का विषय है।

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Jun 13 2024, 17:09

बरमसिया स्थित बिचाली गोदाम में शॉर्ट सर्किट से आग लगी, लाखों के नुकसान का अंदेशा

धनबाद ;धनबाद के धनसार थाना क्षेत्र के बरमसिया स्थित बिचाली गोदाम में गुरुवार सुबह तीन बजे के करीब बिजली ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग आग लग गयी। इस हादसे में लाखों रुपये की क्षति की आशंका जतायी जा रही है। अगलगी की इस घटना में पूरी गोदाम जलकर राख हो गई।

गोदाम मे खड़े बिचाली लोड एक पिकअप वैन को भी अपने चपेट मे लें लिया, समय रहते लोगों ने पिकअप वैन मे लदे बिचाली को खाली कर दिया, जिसे मौके पर पहुंची धनसार पुलिस ने अपने कब्जे मे लें लिया।

अगलगी की इस घटना ने अगल बगल की छोटी छोटी कई दुकान जलकर राख़ हो गयी। घटना धनसार थाना क्षेत्र के बरमसिया एफसीआई गोदाम के पीछे यदु यादव के गोदाम में हुई है। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। पीड़ित नुकसान का आकलन करने में लगा है। पीड़ित ने बताया कि घटना के समय गोदाम में कोई आदमी नहीं था।

गोदाम से धुआं निकलते देखकर पड़ोसियों ने फोन से सूचना दी साथ ही धनसार थाना और अग्नि शमन विभाग को भी फोन पर सूचना दी गयी। स्थानीय लोग आग बुझाने का प्रयास करने लगे कुछ देर बाद अग्निशमन विभाग की टीम भी पहुंच गयी अग्नि-शमन विभाग और स्थानीय लोगों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

Jharkhand

Jun 13 2024, 16:18

कांग्रेस झारखंड विधानसभा की 33 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में!

झारखंड डेस्क:
रांची :झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. सभी तैयारी में जुट गए हैं. कांग्रेस का दावा है कि वह झारखंड विधानसभा की 33 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. 2019 में 31 सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को मांडर से  जीत मिली और पड़ैयाहाट से झारखंड विकास मोर्चा के विधायक प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गए.

ऐसे में कांग्रेस पार्टी इन सभी 33 सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू करने का निर्देश प्रदेश समिति को दिया गया है .बुधवार को झारखंड प्रदेश कार्य समिति की बैठक में प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने पार्टी के पदाधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं.

2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 43 और राजद ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जा रही है. यह कमेटी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर बूथ एजेंट के काम की समीक्षा करेगी.

कमेटी को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी है. इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि पार्टी किन कारणों से पांच सीटों पर जीत हासिल नहीं कर सकी. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कांग्रेस की इस बैठक में लोकसभा चुनाव के हर सीट की समीक्षा की जानी है. मीर ने कहा कि जनता ने हमें इतना मजबूत कर दिया है कि केंद्र में अब तानाशाही सरकार नहीं कर सकती. जब तक हम पूरी समीक्षा नहीं कर लेते, अगला कदम मजबूती से नहीं उठा सकते हैं .हम जीती और हारी दोनों सीटों की हर स्तर पर समीक्षा करेंगे. कमजोर कड़ी को ढूंढना है और उसे मजबूत करना है.
कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में कल 7 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिनमें दो पर  विजय रही.

इधर, झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन के लिए पार्टी आलाकमान  को अधिकृत कर दिया गया है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बुधवार की देर शाम यह निर्णय लिया गया. आलमगीर आलम के मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद और विधायक दल के नेता से त्यागपत्र दिए जाने के बाद दोनों पद खाली हुए हैं .

इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा का कहना है कि हम तो कुल 81 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि पार्टी बहुत मजबूती से हर सीट पर लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हर सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा संगठन की मजबूती का ही परिणाम है कि इस लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को 5 सीटों पर जीत हाझारखंड में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. पिछली बार 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 30 पर जीत मिली थी.