क्या बीजेपी और आरएसएस के बीच बढ़ गई हैं दूरियां? भागवत के बाद इस नेता के बयान से बढ़ा सियासी पारा

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लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद आरएसएस की ओर से लगातार बीजेपी पर लगातार निशाने साधे जा रहे हैं।सबसे पहले संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी को आईना दिखाया। अब राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने तीसरी बार केन्द्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी पर 'अहंकार' होने का आरोप लगाया है।इन्द्रेश कुमार ने बिना नाम लिए कहा कि चुनाव में इस पार्टी की कम सीटें इसलिए आई क्योंकि वे अहंकार में थे।

इंद्रेश कुमार ने कहा, “राम सभी के साथ न्याय करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या हुआ? जिन लोगों ने राम की भक्ति की थी लेकिन उनमें अहंकार आ गया। इसलिए उन लोगों सबसे बड़ी पार्टी बनना था, उनको पूरा हक मिलना चाहिए था जो शक्ति मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिली। भगवान राम ने उनके अहंकार के कारण उनको पूर्ण बहुमत नहीं आने दिया।”

आरएसएस नेता ने सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन दोनों पर निशाना साधा। हालांकि, उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया। कुमार ने कहा, 'लोकतंत्र में रामराज्य का ‘विधान’ देखिए, जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, वह पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन जो वोट और सत्ता (अकेले पूर्ण बहुमत) मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान ने अहंकार के कारण रोक दिया।’

उन्होंने कहा कि भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई, उसे 241 पर ही भगवान ने रोक दिया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया और जिनकी राम में आस्था नहीं थी, उन सबको मिलकर भगवान ने 234 पर रोक दिया।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) अकेले दम पर बहुमत के आंकड़े को नहीं पा सकी। 240 सीट लाकर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी तो बनी लेकिन पीएम मोदी का ‘अबकी बार 400 पार’ का दावा धरा का धरा रह गया। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के कुछ दिन बाद आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने बिना नाम लिए कहा था कि सेवक को अहंकारी कभी नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी के चेहरे की चमक धमक के आगे बीजेपी के नेता जमीन पर काम करना भूल गए हैं। भागवत के इस बयान के बाद उन कयासों को बल मिलना शुरू हो गया जिसमें कहा जा रहा था कि आरएसएस और बीजेपी के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। अब संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने बीजेपी पर हमला बोला है। जिसने दोनों संगठनों के बीच के रिश्ते को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

जी7 शिखर सम्मेलन में दिखी भारतीय संस्कृति की झलक, इटली की पीएम मेलोनी ने 'नमस्ते' से किया अतिथियों का स्वागत

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इटली के पुगलिया में दक्षिणी इतालवी तटीय रिसॉर्ट बोर्गो एग्नाजिया में जी7 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।इस बैठक की मेजबानी खुद इटली कर रहा है। बैठक में शामिल होने के लिए विश्व के सबसे ताकतवर देशों के राष्ट्राध्यक्ष पहुंच चुके हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे चुके हैं। समिट में हिस्सा लेने पहुंचे अलग-अलग देशों के नेताओं का स्वागत करने के लिए खुद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी खड़ी थीं।इटली में आयोजित हो रहे जी7 शिखर सम्मेलन में जियार्जियो मेलोनी नमस्ते करके अतिथियों का स्वागत कर रही हैं। इटली के पीएम द्वारा इस तरह से स्वागत करने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी जी-7 शिखर सम्मेलन में पहुंचे नेताओं का हाथ जोड़कर अभिवादन करती हुई नजर आ रही हैं। सोशल मीडिया के एक पोस्ट में वह जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज को नमस्ते करते हुए दिख रही हैं। इसके अलावा एक वीडियो में इटली पीएम यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन का स्वागत भारतीय परंपरा के अनुसार करते हुए नजर आईं। वीडियो में उर्सुला हैंडशेक करने के लिए हाथ बढ़ाती हैं लेकिन मेलोनी हैंडशेक की जगह उन्हें नमस्ते कर उनका अभिवादन कर रही हैं।

बता दें कि यूरोपीय चुनावों में मेलोनी उनकी पार्टी के शानदार प्रदर्शन ने उनकी धमक पूरी दुनिया में दिखा दी है। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के नेताओं के बीच केवल एक ही नाम गूंज रहा है और है मेलोनी-मेलोनी। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है, इसमें प्रधानमंत्री मेलोनी सभी अतिथियों का अभिवादन कर रही हैं। 

वीडियो के वायरल होते ही लोग इस पर गर्वान्वित होकर कमेंट भी करने लगे। कुछ लोगों का कहना है कि भारतीय संस्कृति का दुनिया में डंका बज रहा है। वहीं, कुछ लोगों ने इसे जी-7 समिट में हिंदुस्तान की छाप बता रहे हैं। जबकि कई लोग इसे पूरी दुनिया में मोदी जी का असर बता रहे हैं।

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा समेत कई बड़े नेता शामिल हो रहे हैं. भारत से पीएम मोदी भी इटली पहुंच चुके हैं।

नीट-यूजी 2024 रिजल्ट: नीट 'पेपर लीक' की जांच के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और NTA को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नीट-यूजी 2024 परीक्षा के आयोजन को चुनौती देने वाली सात याचिकाओं पर नोटिस जारी किए और लंबित याचिकाओं के साथ इस पर 8 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की। एक याचिका में कथित पेपर लीक की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की गई है। कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 में अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी या एनटीए को नोटिस जारी किए।

सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमेबाजी की बहुलता से बचने के लिए नीट-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की याचिका पर निजी पक्षों को भी नोटिस जारी किए। न्यायालय ने इस मामले को भी 8 जुलाई को सुनवाई के लिए रखने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश बेंच ने एनटीए के वकील की इस दलील पर गौर किया कि प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों के आधार पर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक, 2024 को रद्द करने की मांग वाली कई याचिकाएं कई उच्च न्यायालयों में लंबित हैं। 

बेंच ने कहा, "नोटिस जारी करें।" उन्होंने कहा कि इन पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। इस बीच, एनटीए ने कहा कि वह तीन अन्य याचिकाओं को वापस लेना चाहता है, जिनमें उच्च न्यायालयों से मामलों को शीर्ष न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी, क्योंकि वे 5 मई को परीक्षा के दौरान समय की हानि के कारण 1,563 उम्मीदवारों को अनुग्रह अंक दिए जाने से संबंधित थे। एनटीए के वकील ने कहा कि मामला सुलझ गया है और वह 1,536 उम्मीदवारों को दिए गए प्रतिपूरक अंक रद्द करने के फैसले और शीर्ष न्यायालय के 13 जून के परिणामी आदेश के बारे में उच्च न्यायालय को सूचित करेंगे।

NEET-UG परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बीच, केंद्र और NTA ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने MBBS और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं। केंद्र ने कहा था कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए उन्हें दिए गए प्रतिपूरक अंकों को छोड़ने का विकल्प होगा।

यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले पूरा हो जाने के कारण 4 जून को घोषित किए गए। आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और सात उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में मामले दायर किए गए। कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर 10 जून को दिल्ली में बड़ी संख्या में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।

NTA के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए। हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्रों के नाम इस सूची में शामिल थे, जिससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हो गया। आरोप है कि ग्रेस मार्क्स की वजह से 67 छात्रों को शीर्ष रैंक मिली है। एनटीए देशभर में सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी परीक्षा आयोजित करता है।

कुवैत अग्निकांड: 45 भारतीयों के शवों के साथ भारतीय वायुसेना का 130J विमान कोच्चि पहुंचा; अगला पड़ाव दिल्ली | जानिए इससे जुड़े 10 अपडेट

कुवैत के मंगफ में आग की घटना में 45 भारतीयों के शवों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विशेष विमान C-130J शुक्रवार को कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। भारतीय दूतावास ने पहले बताया कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी विमान में सवार थे, जो शुक्रवार सुबह कुवैत पहुंचे थे और उन्होंने शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए कुवैती अधिकारियों के साथ समन्वय किया था।

कोच्चि रेंज के डीआईजी पुट्टा विमलादित्य ने कहा, "हमने शवों को यहां लाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली हैं। प्रत्येक पीड़ित के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है और उसके बाद एंबुलेंस को गंतव्य तक ले जाने के लिए एक पायलट (वाहन) की व्यवस्था की जाएगी। हमें अन्य राज्यों से भी शव आने की उम्मीद है और तदनुसार हम आवश्यक उपाय कर रहे हैं। परिवार के सदस्य यहां आएंगे, हम उनके साथ भी समन्वय कर रहे हैं।" कुवैती अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने दक्षिणी कुवैत में विदेशी श्रमिकों के आवास वाली एक इमारत में लगी भीषण आग में मारे गए 45 भारतीयों और तीन फिलिपिनो नागरिकों के शवों की पहचान कर ली है। आग में कम से कम 49 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए।

इससे पहले, गैर-निवासी केरलवासियों के मामलों के विभाग (NORKA) के एक अधिकारी ने अनौपचारिक रूप से कहा कि कुवैत में उसके हेल्प डेस्क द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आग में 24 मलयाली मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 22 की पहचान कर ली गई है। इससे पहले, विदेश स्थित तमिल संघों द्वारा दी गई जानकारी का हवाला देते हुए, तमिलनाडु के अल्पसंख्यक कल्याण और गैर-निवासी तमिल कल्याण मंत्री गिंगी केएस मस्तान ने संवाददाताओं को बताया था कि राज्य के पांच लोग मारे गए हैं।

कुवैत अग्नि त्रासदी: शीर्ष 10 अपडेट

1. इससे पहले, नई दिल्ली में अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायुसेना का C-130J परिवहन विमान शुक्रवार को शवों को वापस लाएगा, और यह सबसे पहले कोच्चि में उतरेगा क्योंकि अधिकांश मृतक भारतीय केरल के हैं। उन्होंने बताया कि विमान के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है, क्योंकि मारे गए कुछ भारतीय उत्तर भारतीय राज्यों से हैं।

2. कुवैती अधिकारियों ने पहचान प्रक्रिया के तहत शवों पर डीएनए परीक्षण पहले ही करवा लिए हैं। कुवैती अग्निशमन बल ने कहा कि आग "विद्युत सर्किट" के कारण लगी थी।

3. कीर्ति वर्धन सिंह ने खाड़ी देश के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या, अल-सबाह और स्वास्थ्य मंत्री अहमद अब्देलवहाब अहमद अल-अवदी से अलग-अलग मुलाकात की। कीर्ति वर्धन सिंह ने मुबारक अल कबीर अस्पताल और जाबेर अस्पताल का भी दौरा किया, जहां कई घायल भारतीयों को भर्ती कराया गया था।

4. आग की घटना के बाद सुरक्षा और बचाव उपायों में लापरवाही के कारण हत्या और चोट पहुंचाने के आरोप में एक कुवैती नागरिक और कई विदेशियों को गिरफ्तार किया गया। शेख फहाद गुरुवार को कुवैत के कई इलाकों में अवैध संपत्तियों पर एक समग्र निरीक्षण अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।

5. शेख फहाद ने कहा कि कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह ने मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता के वितरण के लिए निर्देश जारी किए हैं, लेकिन मुआवजे की राशि का उल्लेख नहीं किया।

6. प्रमुख एनआरआई व्यवसायी और यूएई स्थित लुलु ग्रुप के चेयरमैन एमए यूसुफ अली ने कुवैत अग्नि त्रासदी में मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये देने की घोषणा की। अबू धाबी में समूह द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस राहत कोष के हिस्से के रूप में प्रत्येक मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा। 

7. बुधवार रात को प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा सहित अन्य के साथ बैठक में स्थिति की समीक्षा की। बैठक के बाद, प्रधान मंत्री मोदी ने मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों को पीएम राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और निर्देश दिया कि सरकार हर संभव सहायता प्रदान करे। 

8. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि कुवैत अग्नि घटना में मरने वालों में सात तमिल शामिल हैं। मृतकों की पहचान थूथुकुडी के वीरासामी मरियप्पन, तिरुचिरापल्ली के ई राजू, कुड्डालोर के कृष्णमूर्ति चिन्नादुरई, रॉयपुरम, चेन्नई के शिवशंकरन गोविंदन, तंजावुर के पी रिचर्ड, रामनाथपुरम के करुप्पन्नन रामू और विल्लुपुरम के मोहम्मद शरीफ के रूप में हुई है। 

9. आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा कि कुवैत में हाल ही में हुई आग की घटना में राज्य के तीन प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई। मृतकों में श्रीकाकुलम जिले के टी लोकानंदम, पश्चिम गोदावरी जिले के एम सत्यनारायण और एम ईश्वरुडु की पहचान की गई है। 

10. इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि त्रासदी में मारे गए 45 भारतीयों में से तीन की पहचान राज्य के निवासियों के रूप में हुई है। गुरुवार रात राज्य के राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुवैत की घटना में मरने वालों में उत्तर प्रदेश के वाराणसी के प्रवीण माधव सिंह, गोरखपुर के जयराम गुप्ता और अंगद गुप्ता शामिल हैं।

तेलंगाना पुलिस ने तालाब में तैरते ‘शव’ को देखकर रह गयी हैरान, जनिए क्या थी वजह
हाल ही में तेलंगाना के वारंगल जिले में एक तालाब में तैरते हुए एक गतिहीन शव ने तब हड़कंप मचा दिया, जब स्थानीय लोगों ने मान लिया कि वह व्यक्ति डूब गया है और मर गया है। पुलिस को बताया गया कि शव करीब पांच घंटे से पानी में तैर रहा था। जब पुलिस ‘शव’ को बाहर निकालने के लिए मौके पर पहुंची, तो उन्होंने पाया कि वह व्यक्ति पूरी तरह से जीवित था और चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए पानी में झपकी ले रहा था। तेलंगाना में घटनाओं की विचित्र श्रृंखला सामने आई। पुलिस द्वारा घसीटे जाने पर व्यक्ति के जागने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा। एक्स यूजर सुधाकर उडुमुला ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा: “हनुमाकोंडा के रेड्डीपुरम कोवेलाकुंटा के निवासी आज हैरान रह गए, जब उन्होंने देखा कि स्थानीय तालाब में एक शव तैर रहा है जिसे बाद में नेल्लोर जिले के कावली के खदान मजदूर के रूप में पहचान हुई। वह व्यक्ति को सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक पानी में गतिहीन अवस्था में पाया गया।” इस वीडियो को X पर 4 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वह व्यक्ति खदान में काम करने वाला था, जो ठंडक पाने के लिए तालाब में तैर रहा था। जब स्थानीय लोगों ने सोचा कि यह एक लाश है और उन्होंने काकतीय विश्वविद्यालय पुलिस को इसकी सूचना दी, तो पुलिस उसे बाहर निकालने के लिए मौके पर पहुँची। हालाँकि, उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ, जब वह व्यक्ति जाग गया और खुद ही तालाब से बाहर निकल आया। पूछताछ करने पर, उसने कथित तौर पर बताया कि वह ग्रेनाइट खदान में लगातार 10 दिनों से काम कर रहा था। 12 घंटे की अपनी शिफ्ट के बाद थके हुए व्यक्ति ने तालाब में डुबकी लगाने का फैसला किया, लेकिन जल्द ही सो गया। हालाँकि, उसकी उपस्थिति ने क्षेत्र के निवासियों में दहशत पैदा कर दी, जिन्होंने देखा कि वह पाँच घंटे से ज़्यादा समय से बिना हिले-डुले तैर रहा था।

हाल ही में तेलंगाना के वारंगल जिले में एक तालाब में तैरते हुए एक गतिहीन शव ने तब हड़कंप मचा दिया, जब स्थानीय लोगों ने मान लिया कि वह व्यक्ति डूब गया है और मर गया है। पुलिस को बताया गया कि शव करीब पांच

#bjp_va_tmc टीएमसी की गुंडागर्दी से दहशत में बीजेपी कार्यकर्ताओं का परिवार, अपनों को सुरक्षा देनें में क्यों असमर्थ है पार्टी?
2021 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद जिस तरह से पूरे राज्य भर में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों को निशाना बनाया गया वह जगजाहिर है। बंगाल में जिस तरह से राजनीतिक हिंसा की लगातार घटनाएं और सत्तारूढ़ दल का आतंक है उसमें जमीन पर पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए काम करना उतना आसान भी नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता चुनावी हिंसा का शिकार हुए हैं। भाजपा के प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेता इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस को लगातार घेरते रहे। पार्टी लगातार यह भी कहती रही कि बंगाल में भाजपा के सत्ता में आने पर इसका बदला लिया जाएगा। बावजूद इसके समर्थकों को हिंसा का डर सताता रहा। हालात ये हैं कि करीब 10 हजार पार्टी कार्यकर्ता घर-द्राव छोड़कर पार्टी ऑफिम में शरण लेकर रह रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल में बाजेपी के पोलिंग एजेंट की पत्नी का एक वीडो में वायरल हो रहा है, जिसमें वो टीएमसी की गुंडागर्दी से तंगआकर ममता बनर्जी से जगह देनें की अपील कर रही हैं। वीडियो में महिला कहती दिख रहा है कि “मेरे पति बीजेपी के पोलिंग एजेंट थे। उन्होंने हमारे लोगों को इतनी बुरी तरह पीटा कि वे जीवन भर के लिए अपंग हो गए। हम बुनियादी ज़रूरतों से दूर हो गए हैं, हमारे बच्चे भूख से मर रहे हैं। हमारे गांव में टीएमसी के लोग बीजेपी कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं। हम ममता बनर्जी से विनती करते हैं कि कृपया हमें जहर दे दें। बता दें कि पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है जहां राजनीतिक हिंसा की संस्कृति अन्य भारतीय राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है। यहां राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास है, जो कई दशकों से चला आ रहा है और जिस ने राज्य की राजनीति पर जटिल और गहरा प्रभाव डाला है। हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी हिंसक घटनाएं हावी रहीं। इसलिए कई भाजपाइयों ने अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों में शरण ली है। कई लोग वोट डालने के बाद घर छोड़ कहीं और चले गए। इसे लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल को पत्र लिखा है।राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को लिखे पत्र में कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 10,000 भाजपा कार्यकर्ता और उनके परिवार असुरक्षित हैं, जिनमें से कई लोग पार्टी कार्यालय में रुके हैं।

2021 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद जिस तरह से पूरे राज्य भर में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों को निशाना बनाया गया वह जगजाहिर है। बंगाल में जिस तर

जल संकट पर बीजेपी ने आप को घेरा, सांसद बांसुरी स्वराज ने 73,000 करोड़ के घाटे पर मांगा जवाब*
#bjp_demands_answer_from_govt_loss_of_rs_73000_crore
दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। इस बीच प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया कि जो दिल्ली जल बोर्ड कभी 600 करोड़ का मुनाफा देता था, वो आज 73,000 करोड़ के घाटे में कैसे चला गया। इसका जवाब दिल्ली सरकार को देना होगा। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली में जल संकट नहीं है। असल में दिल्ली में एक ओर जल वितरण के लिए समर एक्शन प्लान का अभाव है और दूसरी ओर सरकार वॉटर लीकेज से होने वाली बर्बादी को रोकने में असमर्थ रही है। स्वराज ने कहा डीजेबी का पूरा बुनियादी ढांचा, पाइपलाइन, जल भंडारण प्रणाली जर्जर है। आईएमडी ने मार्च महीने में ही भविष्यवाणी कर दी है कि दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ेगी। मंत्री आतिशी और आप सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए थे। एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए थी, डीजेबी के बुनियादी ढांचे में सुधार होना चाहिए था लेकिन कुछ नहीं किया गया। बांसुरी स्वराज ने आगे कहा की भाजपा लगातार कहती रही है कि दिल्ली को सभी स्रोतों से एग्रीमेंट के अनुसार पूरा पानी मिल रहा है। यदि किसी भी कारण से सरकार को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी चाहिए तो उसे या आपसी बातचीत से पड़ोसी राज्यों से लेना होगा या फिर यमुना नदी बोर्ड से मांगना होगा। बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली की जल चोरी एवं बर्बादी रोकने में असफल केजरीवाल सरकार ने खुद की गलतियों का ठीकरा पड़ोसी राज्यों पर फोड़ने का प्रयास किया और मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी ले गई। की जल मंत्री आतिशी एक ओर लगातार कहती रहीं की हिमाचल प्रदेश हमें अतिरिक्त जल देना चाहता है और दूसरी ओर हरियाणा पर पूरा जल नहीं देने का आरोप लगाती रहीं। सांसद बांसुरी स्वराज ने बताया कि आज केजरीवाल सरकार और उसकी मंत्री आतिशी की पोल पूरी तरह खुल गई जब सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा हमारे पास कोई अतिरिक्त जल नहीं है। हरियाणा ने भी कोर्ट को संतुष्ट किया कि वह पूरा जल दिल्ली को दे रहा है। हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों के तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई की आखिर क्यों वह 2019 से हर गर्मी में सुप्रीम कोर्ट आती है। दिल्ली में पानी की किल्लत से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया था कि लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं ऐसे में आपने टैंकर माफिया के खिलाफ क्या एक्शन लिया है।सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि पानी की बर्बादी को रोकने और टैंकर माफिया के खिलाफ आपने क्या कदम उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि अगर आपने टैंकर माफिया के खिलाफ एक्शन नहीं लिया तो हम दिल्ली पुलिस से कहेंगे वह टैंकर माफिया के खिलाफ एक्शन ले। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली पुलिस को अपने अपने बॉर्डर पर टैंकर माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
Terrorists are openly roaming in my Jammu city with AK-47s.
This lady is an eyewitness who encountered a terrorist near Wave Mall, where he asked her for cigarettes and if she was a local. What the hell is going on in my Jammu?

Why BJP loses in #WestBengal
Why BJP loses in #WestBengal

जयपुर में हिंदू परिवार पलायन करने को क्यों हुए मजबूर, घरों के बाहर लगे पोस्टर, जानें क्या लिखा

#migration_of_hindu_families_in_jaipur

राजस्थान की राजधानी जयपुर की शिवाजी कॉलोनी में रहे रहे हिंदू परिवार अपना मकान बेच कर धीरे-धीरे पलायन कर रहे हैं।हिंदूओं ने मुस्लिमों पर परेशान करने का आरोप लगाया है। उनका है कि वे मुस्लिम समुदाय की ज्यादतियों से परेशान हो रहे हैं। वे हिन्दुओं को अलग अलग तरीके से घर बेचने पर मजबूर कर रहे हैं। वहीं, हिंदू परिवारों का पलायन रोकने के लिए घरों और दुकानों के बाहर पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं। हिंदू परिवारों के पलायन के रोकने के लिए कुछ परिवारों ने पोस्टर लगाए हैं और कहा है कि वह अपना घर अगर बेच रहे हैं तो केवल हिंदू परिवार को ही बेचें।बता दें कि इससे पहले राजधानी जयपुर के किशनपोल और ब्रह्मपुरी में भी हिंदुओं के पलायन की घटनाएं हुई है।

ताजा मामला है जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में स्थित शिवाजी कॉलोनी का। शिवाजी कॉलोनी में रह रहे हिंदू परिवारों ने बताया कि वो काफी सालों से यहां रह रहे हैं, लेकिन अब ये कॉलोनी सुरक्षित नहीं रह गई है। यहां कभी पत्थरबाजी होती है तो कभी उनकी बच्चियों से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। अब उन लोगों की पलायन जैसी नौबत आ गई है।अपनी शिकायत लेकर स्थानीय थाने पहुंचे स्थानीय वाशिंदों का आरोप था कि उनकी बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। समुदाय विशेष के लोग जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और करा रहे हैं।

जहां एक तरफ लोग अपने घरों को बेचने पर मजबूर हैं, वहीं दूसरे हिंदू परिवारों ने अपने घरों के बाहर पलायन को रोकने वाले पोस्टर्स लगाए हैं। इन पोस्टर्स पर लिखा है कि,सनातनियों से अपील है कि पलायन को रोकें, सभी सनातन भाई-बहनों से निवेदन है कि अपने घर गैर हिंदुओं को न बेचें।हिंदू परिवार के लोगों ने सरकार से मांग की है कि यहां गैर हिंदुओं को घर खरीदने से रोका जाए, जिससे हिंदुओं को पलायन के लिए विवश न होना पड़े।