बलौदाबाजार हिंसा पर सियासत : डिप्टी सीएम के आरोप पर पूर्व मंत्री का पलटवार, कहा- अपना दोष दूसरों पर न थोपे बीजेपी, प्रदेश में कानून व्यवस्था की

रायपुर-   बलौदाबाजार में हुई हिंसक घटना को लेकर प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है. पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. वहीं उपमुख्यमंत्री अरूण साव के बयान पर पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने बलौदाबाजार घटनाक्रम पर कांग्रेस की संलिप्तता का जो आरोप लगाया है. भाजपा अपना दोष दूसरों पर थोपने का काम ना करे. आरोप लगाना बेहद शर्मनाक है. सरकारी मशीनरी और सरकार पूरी तरीके से फेल है. प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो चुकी है.

डहरिया ने आगे कहा कि धरना प्रदर्शन में बीजेपी के कई लोग शामिल थे. उनका नाम क्यों नहीं लिया जा रहा है. आरोपों को समाज बर्दाश्त नहीं करेगा. कांग्रेस पार्टी सभी समाज को लेकर चलने वाली पार्टी है. बीजेपी ने ध्यान ही नहीं दिया इसलिए ऐसा हुआ. भाजपा के जनप्रतिनिधि, सरकारी मशीनरी और इंटेलिजेंस कहां थे. सरकार के सभी मंत्री कहां थे, शर्म आनी चाहिए. औरंगजेब के समय में ऐसा नहीं हुआ लेकिन बीजेपी काल में ऐसा हो रहा है.

शिवकुमार डहरिया ने कहा कि मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार कर धारा लगाई गई है उसकी जानकारी होनी चाहिए. समाज के लोगों को अगर गिरफ्तार करके रखा गया है तो यह अन्याय है. जांच के बाद गिरफ्तारी करें, फिर कार्रवाई करें. निर्दोष लोगों को अगर गिरफ्तार किया जाएगा तो कांग्रेस पार्टी आंदोलन करेगी.

जांच समिति निष्पक्षता से करेगी जांच – शिवकुमार डहरिया

बलौदाबाजार हिंसा पर कांग्रेस ने जांच समिति का गठन किया है. जांच दल को लेकर पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया ने कहा कि कमेटी के सभी सदस्यों से चर्चा की गई है. घटनास्थल पर जाएंगे चर्चा करेंगे. मामले की निष्पक्षता के साथ जांच करेंगे. मामले की जांच कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

सरकार में अनुभवी लोगों को पूछा नहीं जा रहा – शिवकुमार डहरिया

मुख्यमंत्री विभागों की समीक्षा करेंगे, इस पर शिवकुमार डहरिया ने कहा कि मंत्री समीक्षा लगातार कर रहे हैं, लेकिन रिजल्ट नहीं आ रहा है. मुख्यमंत्री अगर समीक्षा करें रिजल्ट आए तो देखते हैं. बिना रिजल्ट के समीक्षा कर रहे हैं. अनुभवी लोगों को पूछा नहीं जा रहा है. अनुभवहीन लोग सरकार चला रहे हैं. अनुभवी नेताओं को दरकिनार किया गया है. सुधरने का समय दिया गया था, 6 महीने सरकार के हो चुके हैं. इतनी समझ आ जानी चाहिए कि सरकार कैसे चलाई जाती है.

भाजपा अपना आज ठीक करें, भविष्य की चिंता न करे- डहरिया

विजन 2047 को लेकर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि बीजेपी भविष्य बाद में तय करें पहले वर्तमान में रहकर बात करे, 2047 किसने देखा है. भाजपा अपना आज ठीक करें, भविष्य की चिंता न करे. तोखन साहू केंद्रीय राज्य मंत्री बन गए हैं. उम्मीद है अब हालत ठीक होगी, ऐसा उम्मीद करते हैं. समय आने दीजिए तब पता चलेगा क्या-क्या होता है.

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023 की तिथि में संशोधन की मांग, अभ्यर्थियों ने सीएम साय को लिखा पत्र

रायपुर- सीजीपीएससी के अभ्यर्थियों ने सीएम विष्णुदेव साय काे पत्र लिखकर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023 की तिथि में संशोधन की मांग की है. पत्र में बताया गया है कि JOINT CSIR UGC NET परीक्षा 2024, 25,26,27 जून 2024 को आयोजित की जा रही है. MPPSC की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2024, वन सेवा परीक्षा 2024 की तिथि 23 जून 2024 निर्धारित की गई है. CGPSC ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023 का आयोजन 24 जून से 27 जून तक आयोजित की है. इन परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों को समय प्रबंधन में बहुत परेशानी हो रही है, क्योंकि परीक्षाओं की तिथियां समान है.

अभ्यर्थियों ने कहा है कि CGPSC की ओर से आयोजित मुख्य परीक्षा 2023 की तिथि में संशोधन (लगभग 7 दिवस पश्चात की तिथि) किया जाना चाहिए. तिथि संशोधन से अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में सम्मिलित होने में आसानी होगी. वहीं छत्तीसगढ़ पीएससी का कहना है कि एमपीपीएससी ने सीजीपीएससी के बाद अधिसूचना प्रकाशित की है, जो गलत है, क्योंकि एमपीपीएससी की अधिसूचना प्रशासन की तिथि 20 मार्च 2024 है, जबकि छत्तीसगढ़ पीएससी की प्रकाशन की तिथि 21 (22 मार्च )2024 थी.

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 - शासन-प्रशासन के कार्यों को और अधिक पारदर्शी बनाने सहित कुशल क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण संपन्न

रायपुर-  छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव तथा अवर सचिव की निजी स्थापना में पदस्थ स्टेनो संवर्ग, स्टाफ ऑफिसर, निज सचिव, निज सहायक, शीघ्रलेखक, स्टेनो टायपिस्ट सहित अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

प्रशिक्षण के शुभारंभ अवसर पर सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 विषय पर प्रशिक्षण की आवश्यकता एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज सूचना क्रांति के दौर में नित नई-नई सूचनाएं हमें मिलती रहती है। उन्होंने कहा कि शासन के नियमों और अधिनियमों की जानकारी सभी शासकीय सेवकों को मिलनी चाहिए। निजी स्टाफ को शासन-प्रशासन की महत्वपूर्ण जानकारी के रूप में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 से परिचित होना जरूरी है। उन्हें जन सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारी के नाम व विभाग में किस पद पर कार्यरत है, उसकी जानकारी होना चाहिए ताकि वह सीधे संबंधित अधिकारी से पत्राचार कर सके। निजी स्टाफ जितना जानकार होगा, शासन-प्रशासन के कार्यों में और अधिक पारदर्शी व तेजी से कार्य का संचालन संभव होगा। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 शासन-प्रशासन की पारदर्शिता एवं जवाबदेही हेतु मुख्यालय से लेकर हर स्तर पर शासकीय कार्यालय में लागू किया गया है, जिसे जानना हर एक शासकीय सेवक का दायित्व एवं कर्तव्य है।

छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग से प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित डॉ. गीता दीवान, अतुल वर्मा, जे. अग्रवाल व लोकेश के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत् प्राप्त होने वाले पत्रों की जानकारी, उस पर कार्यवाही तथा जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के दायित्वों व कर्तव्यों से संबंधित विषय पर विभिन्न विभागों के उदाहरण के साथ विस्तार से जानकारी दी गयी। सामान्य प्रशासन विभाग की अवर सचिव अंशिका ऋषि पाण्डेय के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की विभिन्न धाराओं की जानकारी के बारे में प्रशिक्षणाथियों से सवाल-जवाब किया गया। साथ ही प्रशिक्षण के बारे में फीडबैक भी प्रदान करने कहा गया ताकि आने वाले समय में और अधिक प्रभावी रूप से अधिकारियों-कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।

प्रशिक्षण सत्र के अंत में देवलाल भारती, अवर सचिव इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा राज्य सूचना आयोग के प्रशिक्षकों के साथ ही सभी उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण में भाग लेने तथा सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा अधिक सजग एवं जागरूक करने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 विषय पर प्रशिक्षण कार्यकम आयोजन करने के लिए आभार व्यक्त किया गया। साथ ही ऐसे प्रशिक्षण हर एक स्तर पर शासकीय सेवकों को दिए जाने के लिए कहा गया।

शम्मी आबिदी ने नियद नेल्लानार के तहत किए जा रहे विभागीय कार्यों की समीक्षा की

रायपुर-  महिला बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी ने आज इंद्रावती भवन में नियद नेल्लानार योजना के क्रियान्वयन वाले जिलों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर धरातल पर हो रही प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को मिशन मोड पर कार्य करके क्षेत्र को कुपोषण मुक्त बनाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि माताओं बहनों को शासन की सभी योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ मिले यह सुनिश्चित करें।

श्रीमती आबिदी ने नियद नेल्लानार योजना के क्रियान्वयन के बारे में कहा कि निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार बस्तर संभाग के कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिलों में शासन की कल्याणकारी योजनाओं से क्षेत्र के लोगों को योजनाबद्ध तरीके से लाभ पहुंचाया जाना है। सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला बाल विकास विभाग की महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना,रेडी टू ईट, नोनी सुरक्षा योजना का लाभ सभी हितग्राहियों को मिले। गर्भवती, शिशुवती माताओं, बच्चों, किशोरी बालिकाओं का समय पर स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण करने और वजन लेने कहा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा बस्तर अंचल के सुदूर वनांचल विशेषकर नक्सल प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और वनवासियों को सरकार की योजनाओं का बिना किसी व्यवधान के लाभ पहुंचाने के प्रयास सफल होने लगे हैं। शासन की नियद नेल्लानार से सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित गांवों में अब यह सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी है। बैठक में महिला बाल विकास विभाग की संचालक तुलिका प्रजापति और महिला बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने की बलौदा बाजार हिंसा की निंदा, कहा- ‘दोषी कोई भी हो बख़्शा नहीं जाएगा, उपद्रवियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई’

रायपुर- बलौदाबाजार में प्रदर्शनकारियों ने एसपी और कलेक्ट्रेट कार्यालय को आग के हवाले कर दिया और जमकर बवाल मचाया. इस उपद्रव और हिंसा मामले में सीएम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है. वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने घटना की निंदा करते हुए दोषियों को पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. उन्होंने सभी से शांति और सद्भावना बनाए रखने की अपील की है.

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस मामले पर कहा कि छत्तीसगढ़ शांति और सद्भावना का गढ़ रहा है. यहां इस प्रकार की घटना का इतिहास नहीं रहा है. ये परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी की धरती है. समाज को बदनाम करने वाले असामाजिक तत्वों ने यह षड्यंत्र किया है, इस घटना में जिन लोगों का हाथ है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री साव ने कहा कि, सरकार ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया है, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उच्चस्तरीय बैठक ली और मामले की विस्तृत समीक्षा की है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन मुस्तैदी से जांच कर रहा है. सीएम ने समाज प्रमुखों से भी बातचीत की है. उन्होंने सभी से सौहाद्र और सद्भावना बनाए रखने की अपील की है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, गृहमंत्री विजय शर्मा और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने सभी उच्च अधिकारियों के साथ देर रात तक बलौदाबाजार में घटना स्थल का मुआयना किया है. उन्होंने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना तो ओडिशा में सुभद्रा योजना का मिला बीजेपी को लाभ, सीएम साय बोले- भाजपा जो कहती है, उसे पूरा करती है

रायपुर- ओडिशा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 78 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल कर सत्ता में आई है. जिस तरह छत्तीसगढ़ विधानसभा 2023 में बीजेपी को महतारी वंदन योजना का लाभ मिला, उसी तरह ओडिशा में भी बीजेपी को सुभद्रा योजना का लाभ मिला है. ओडिशा में बीजेपी की इस बड़ी जीत पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बीजेपी जो कहती है, उसे पूरा करती है.

दरअसल, ओडिशा के नए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रवाना हुए. रवानगी से पहले सीएम साय ने रायपुर एयरपोर्ट में पत्रकारों से चर्चा की. इस दौरान सीएम साय ने बताया कि मेरे साथ सांसद बृजमोहन अग्रवाल, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विधायक पुरंदर मिश्रा भी ओडिशा जा रहें है. छत्तीसगढ़ के नेताओं और मंत्रियों का सहयोग ओडिशा के चुनाव में रहा है. ओडिशा की जनता ने हमारे प्रधानमंत्री पर और मोदी की गारंटी पर विश्वास किया है. पहली बार ओडिशा में भाजपा की स्पष्ट बहुमत में सरकार बनी है.

छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना की तरह ओडिशा में भी पार्टी को सुभद्रा योजना का लाभ चुनाव में मिला, इस सवाल पर सीएम साय ने कहा कि बिल्कुल ओडिशा में भी जो वहां का चुनावी घोषणा पत्र है. वह छत्तीसगढ़ की भाती है. हमने 100 दिन में छत्तीसगढ़ में जो काम किया, उसका असर ओडिशा पर भी दिखा है. भाजपा जो कहती है, उसे पूरा करती है.

रायपुर एवं अटल नगर नवा रायपुर के लिए 12 नवम्बर को स्थानीय अवकाश घोषित

रायपुर-  सामान्य प्रशासन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, मंत्रालय महानदी भवन द्वारा रायपुर एवं नवा रायपुर अटल नगर के लिए स्थानीय अवकाश 09 अगस्त 2024 के स्थान पर 12 नवंबर 2024 को घोषित की गई है। इस आशय का संशोधन आदेश 10 जून 2024 को जारी कर दिया गया है। कलैण्डर वर्ष में 03 स्थानीय अवकाश की घोषणा सामान्य पुस्तक परिपत्र के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के तहत् जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा की जाती है। किन्तु नवा रायपुर अटल नगर तथा रायपुर शहर के संबंध में यह घोषणा सामान्य प्रशासन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, मंत्रालय महानदी भवन द्वारा की जाती है।

सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 09 अगस्त 2024 को प्रदेश में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पूर्व से ही सामान्य अवकाश घोषित है। उल्लेखनीय है कि दिनांक 09 अगस्त 2024 को पूरे प्रदेश में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अवकाश रहेगा।

बलौदाबाजार हिंसा मामले में अब तक अलग-अलग 7 FIR दर्ज, हिरासत में 200 से ज्यादा लोग, प्रभारी सचिव और कमिश्नर ने स्थिति का लिया जायजा

बलौदाबाजार-  जिला मुख्यालय में सोमवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद बलौदा बाजार में धारा 144 लागू कर दी गई है जो 16 जून तक जारी रहेगी. पूरे इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. सतनामी समाज के प्रदर्शन के बाद यहां के कलेक्‍टर और एसपी आफिस में तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी. इस मामले में सीएम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है. इसी कड़ी में स्कूल शिक्षा एवं बलौदा बाजार जिले के प्रभारी सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और संभाग आयुक्त डॉ संजय अलंग ने जिला कलेक्टर और एसपी समेत उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायदा लिया. इस दौरान कलेक्टर और एसपी ने सोमवार को हुए उत्पात को लेकर पूरी जानकारी दी.

कलेक्टर केएल चौहान ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में व्यवस्था बहाल करने के लिए निर्देश दिए हैं. वहीं एसपी सदानंद कुमार ने बताया कि निरीक्षण करने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अब तक 7 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है और 200 उपद्रवी हिरासत में लिए गए है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, आरोपियों की पहचान की जा रही है.

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें, 15 और 16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे. इस बीच सोमवार को गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा की. वहीं जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास एकत्र हुए और जमकर हंगामा किया. जहां प्रदर्शन हिंसक हो गया. जिसके बाद उपद्रवियों ने तांडव मचाते हुए कलेक्टर और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया. इस घटना में वहां मौजूद 20-30 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं, जिनमें से गंभीर घायल पुलिस कर्मियों को रायपुर रेफर किया गया है. फिलहाल, शहर में स्थिति सामान्य है.

खराब सड़कों को लेकर हाईकोर्ट में जवाब नहीं दे पाई राज्य सरकार, मांगा समय, अब इस दिन होगी सुनवाई

बिलासपुर-   प्रदेश की खराब सड़कों को लेकर हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान राज्य सरकार मंगलवार को फिर से जवाब प्रस्तुत नहीं कर सकी और इसके लिए समय मांगा। चीफ जस्टिस की डीबी ने इस पर सख्ती बरतते हुए रायपुर में नेशनल हाइवे में धनेली के पास से एयरपोर्ट मार्ग और बिलासपुर में सेंदरी चौक के पास जमीन अधिग्रहण में की गई त्रुटियों को ठीक करने के लिए अंतिम अवसर दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब 2 जुलाई को होगी।

बता दें कि हाईकोर्ट ने प्रदेश की खराब सड़कों पर स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है। मामले में 3 अप्रैल 2024 को सुनवाई में न्याय मित्रों ने न्यायालय के समक्ष रायपुर एयरपोर्ट जाने के लिए नेशनल हाइवे में धनेली के पास से एयरपोर्ट मार्ग के खराब होने की रिपोर्ट पेश की थी। हाईकोर्ट ने तत्काल स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था, जिस पर राज्य सरकार ने लगभग 22.5 करोड़ रुपए की लागत से सड़क निर्माण की जानकारी दी थी लेकिन चुनाव के कारण टेंडर जारी नहीं होने की बात भी कही गई थी। इस पर न्यायामित्रों ने जनहित में जारी न्यायालायीन आदेश पर आचार संहिता लागू नहीं होने की बात कही थी। साथ ही जनहित की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने चुनाव के दौरान टेंडर जारी करने का आदेश दिया था, जिससे नागरिकों को जल्द राहत प्रदान की जा सके।

कोर्ट ने मुख्य सचिव को भी मामले को देखने के निर्देश दिए थे। 11 जून को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से निर्देश के लिए समय मांगे जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। साथ ही 3 अप्रैल 2024 के आदेश का तथा सेंदरी चौक के पास जमीन अधिग्रहण में की गई त्रुटियों के लिए 19 फरवरी को दिए गए आदेश पालन करने का मुख्य सचिव को अंतिम अवसर दिया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डीबी में हुई। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमित्र राजीव श्रीवास्तव, प्रतीक शर्मा, आशुतोष सिंह कछवाहा मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री से नवनिर्वाचित सांसद महेश कश्यप ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहाँ उनके निवास कार्यालय में बस्तर लोकसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद महेश कश्यप ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को उपहार स्वरूप काष्ठ शिल्प से निर्मित भगवान श्री राम की मूर्ति भेंट की। मुख्यमंत्री ने श्री कश्यप को लोकसभा सांसद निर्वाचित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।